आज मैं आपको एक सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हूँ. मैं गुजरात के एक गाँव में डॉक्टर हूँ, यह कहानी मेरे सरकारी अस्पताल की है.
सबसे पहले मैं अपने बारे में बता दूँ, मैं दिखने में हैण्डसम और गोरा ऊँचे कद वाला लड़का हूँ. मेरे लिंग की लंबाई 16 सेंटीमीटर है, वो काफ़ी मोटा है. मेरी कद काठी के कारण मुझ पत बहुत सी लड़कियाँ मरती हैं.
यह घटना कुछ ऐसे हुई कि वो रविवार का दिन था और मैं अपने ऑफिस में बैठा था. क्योंकि यह छुट्टी का दिन था इसलिए लोग कम थे.
तभी 18-19 साल की एक लड़की आई, उसने पूछा- मैं अंदर आ सकती हूँ क्या?
मैंने उसको अंदर बुला कर बिठाया.
फिर उसने बताया कि वो किसी सरकारी अस्पताल में आशा वर्कर है और उसने कुछ दिनों की छुट्टी ली थी. उसको उसके लिए सरटिफिकेट चाहिए था.
वो लड़की दिखने में बिल्कुल किसी पिक्चर की हीरोइन जैसे लगती थी, उसके मम्मे काफ़ी बड़े और सुडौल थे, उसकी फिगर बिल्कुल 34 30 34 थी. मैं तो बस उसको देखता ही रह गया. फिर उसने कोई कागज दिखाया और कहा- मैं यहाँ अस्पताल में अड्मिट थी और मुझे उसका सर्टिफिकेट चाहिए.
मैंने उस तारीख का रेकॉर्ड चेक किया जबकि अगले और पिछले महीने में भी ऐसा कुछ था नहीं.
वो समझ गई कि ऐसे दाल गलने वाली नहीं है, उसने सीधी बात शुरू की, उसने कहा- प्लीज़ सर, मुझे सर्टिफिकेट दे दीजिए, मैं बहुत प्राब्लम में फंस चुकी हूँ.
यह बोलते बोलते वो मेरे काफ़ी नज़दीक आ गई और मैं कुछ समझ पाऊँ… उससे पहले उसने अपना हाथ मेरी जाँघों पर रख दिया और कहने लगी- प्लीज़ सर्टिफिकेट दे दो, आप जो बोलेंगे, वो मैं करूँगी.
बस फिर क्या… मैं समझ गया कि मुर्गी कटने को तैयार है, मैंने उसको ऑफिस का दरवाजा बंद करने को कहा.
दरवाजा बन्द करके वो सीधा मेरी गोद में आकर बैठ गई. मेरा लंड उसकी गांड को छूकर काफ़ी उत्तेज़ित हो गया था, मुझे लग रहा था कि वो अभी पैन्ट फाड़ कर बाहर निकल जाएगा.
वो मेरे पेशेंट एग्ज़ॅमिनेशन टेबल पर जाकर लेट गई.
मैंने उसके कपड़े उतारना शुरू किया, क्या बताऊँ मैं आपको… बला की खूबसूरत लग रही थी वो… मैं उसके सफेद मम्मों को देखता ही रह गया, वो भी शायद बहुत गर्म हो चुकी थी.
मैंने उसके मम्मों को चूसना शुरू कर दिया, फिर उसने मेरे लंड को मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया. मुझसे अब रहा नहीं गया, मैंने उसकी पेंटी उतार दी, उसकी चूत देख कर मैं बिल्कुल पागल हो गया… क्या चूत थी वो… एकदम सफेद और उस पर एक भी बाल नहीं था.
मैंने तुरंत उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया.
उसने कहा- बस अब और मत तड़पाओ मुझे…
मैंने अपना लंबा लंड उसकी चूत में घुसा दिया, वो चीख पड़ी- ऊओ माआ, फाड़ दी मेरी चूत…
थोड़े दर्द के बाद वो भी साथ देने लगी… वो अपनी गांड हिला हिला कर मेरा साथ दे रही थी.
थोड़ी देर बाद उसने मुझे नीचे लेटा दिया और मेरे ऊपर चढ़ गई. वो उछल उछल कर मेरे लंड को अपनी चूत के अंदर लेने लगी.
क्या बताऊँ दोस्तो, क्या मज़ा आ रहा था.
थोड़ी देर बाद मैं छूटने लगा तो उसने पूरा वीर्य अपने मुंह में ले लिया.
हम दोनों ने अपने कपड़े पहने और फिर मैंने उसे सर्टिफिकेट दे दिया.
वो जाते हुए मुझे किस करके गई.
हम दोनों खुश थे. उसके बाद वो मुझे कभी नही मिली. बस आज भी मैं उसका इंतज़ार कर रहा हूँ… काश वो फिर से सर्टिफिकेट लेने आ जाए…
प्रिय पाठको, आप मुझे ज़रूर बतायें कि आपको मेरी यह सच्ची सेक्स कहानी कैसे लगी!
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