यह कहानी एक सीरीज़ का हिस्सा है:
अब आगे:
कुछ देर के बाद मैं चुपके से मानसी के रूम में आकर उसके बेड के नीचे आकर घुस गया. उसके रूम में अंधेरा था इसलिए उसको कुछ भी पता नहीं चल पाया. फिर मुझे सुनाई दिया कि वो मेरे फोन में पॉर्न वीडियो देख रही है. कुछ देर तक पॉर्न वीडियो देखने के बाद वो बेड से उठी और उसने अपने ड्राअर से एक डिल्डो निकाला. वो उसको नंगी होकर चूत में डालने लगी.
मैं उसको देख कर हैरान हो गया था क्योंकि वो मेरे सामने ऐसे नाटक कर रही थी जैसे उसको सेक्स करना बिल्कुल अच्छा नहीं लगता है. ये तो साली बहुत ही चुदक्कड़ है. ये तो मेरे से भी ज्यादा सेक्स की प्यासी है. मैं उसके बारे में ऐसा सोचने लगा.
फिर मैं चुपके से उसके कमरे से निकल गया. बाहर जाकर मैं दो मिनट कमरे के बाहर ही खड़ा रहा. मैं उसको रंगे हाथ पकड़ना चाहता था. फिर मैं धीरे से उसके कमरे में आया और एकदम से उसके रूम की लाइट जला दी.
वो पूरी की पूरी नंगी होकर अपनी चूत में वो नकली का लंड डाल रही थी. मुझे देखते ही वो घबरा गई और अपने बदन को ढकने लगी. मैं उसको देख कर हंसने लगा और वो गुस्से से बोली- तू यहां क्या कर रहा है मेरे रूम में?
मैंने कहा- तुझे भी यह सब पसंद है ना … फिर तू मुझसे मना क्यों कर रही थी?
उसके हाथ में मैंने डिल्डो की तरफ देखते हुए कहा- और ये सब क्या हो रहा था?
मेरे सवालों का उसके पास कोई जवाब नहीं था. मैंने कहा- क्या हुआ तेरी बोलती क्यों बंद हो गई?
फिर मैंने मानसी के गाल पर किस किया और उसके माथे पर हाथ फिराने लगा. मैंने प्यार से उससे कहा- देख, अब सच को छिपाने से कोई फायदा नहीं है. मैं जानता हूं कि तेरा मन भी कर रहा है यह सब करने का.
वो समझ गई कि अब उसका झूठ पकड़ा गया है. फिर वो खुद ही कहने लगी कि उसको ये डिल्डो उसकी एक ऑफिस की सहेली ने दिया था. मैंने पूछा तो उसने बताया कि रात को वो कई बार उसको यूज करती है. फिर मैंने पूछा कि तुम किसके बारे में सोचती हो इसको अपनी चूत में लेते हुए?
मानसी बोली- मैंने एक बार रितेश जीजू का लंड देखा था. वो हेतल दीदी की चूत को चोद रहे थे.
उसकी बात सुनकर हम दोनों ही हंसने लगे.
मैंने कहा- तू तो बड़ी चुदक्कड़ है मानू!
फिर मैंने बोला- एक बार मुझसे चुदवा कर देख, मैं तुझे सच में जन्नत का मजा दे दूंगा.
इससे पहले वो कुछ सोच पाती मैंने उसके होंठों को चूसना शुरू कर दिया. वो जल्दी ही गर्म होकर मेरा साथ देने लगी. मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया. उसके बाद मैंने उसके मुंह में अपना लौड़ा डाल दिया. वो उसको जोर से चूसने लगी.
मेरे मुंह से कामुक सिसकारियां निकलने लगी उम्म्ह… अहह… हय… याह…
“मानसी जब मैंने पहली बार तेरी चूत को चाटा था तो मुझे उसकी खुशबू ने पागल कर दिया था. मैं तेरी चूत को चोदना चाहता हूं मेरी बहन.”
अपने मुंह से मेरे लंड को निकाल कर बोली- मुझे तेरा लंड चूसने में बहुत मजा आ रहा है. लेकिन इससे पेशाब की स्मैल आ रही है जो मुझे गंदा लगता है.
मैंने कहा- कोई बात नहीं. जल्दी ही तुझे इसकी आदत हो जायेगी.
फिर वो बिस्तर पर लेट गई. अपने दोनों पैरों को फैलाते हुए उसने कहा- अब शुरू हो जा मेरे हरामी भाई … अपने लंड से अपनी दीदी की प्यास को बुझा दे. ये नकली का लंड लेकर मैं बोर रही थी. लेकिन आज तेरा असली लंड लेकर मैं भी अपनी चूत की प्यास बुझाना चाहती हूं. ठीक वैसे ही जैसे हेतल दीदी अपने रितेश जीजू से अपनी चूत की प्यास बुझवाती है. मुझे आज तक असली का लंड नहीं मिला था. मुझे क्या पता था कि घर में ही इतना मस्त लंड मिल जायेगा मुझे!
मानसी की टांगों को अपने हाथों से फैला कर मैंने उसकी चूत को चोदना शुरू कर दिया. कुछ देर तक उसकी चूत की चुदाई करने के बाद मैंने उससे कहा- मुझे तेरी गांड बहुत पसंद है मानसी. मैं तेरी गांड को चोदना चाहता हूं.
वो बोली- मैंने गांड में कभी भी डिल्डो नहीं लिया है. मेरी गांड में ज्यादा दर्द तो नहीं होगा न?
मैंने कहा- नहीं, मैं अपने असली लंड से जब तुझे चोदूंगा तो तुझे गांड चुदवाने में भी मजा आयेगा.
इतना कहकर मैंने मानसी को घोड़ी बना दिया और उसकी गांड को चाटने लगा. मुझे उसकी गांड बहुत पसंद थी. मैंने उसकी गांड के छेद को चूसा और फिर अपना लंड अपनी बहन की गांड पर लगाकर धीरे से अंदर धकेलने लगा. वो उचक कर चिल्लाने लगी लेकिन मैंने उसको पकड़ लिया और उसके चूचों को दबाने लगा.
कुछ देर तक मैंने उसके चूचों को दबाने के साथ ही अपने लंड को उसकी गांड में अंदर धकेलना जारी रखा. पूरा लंड जब गांड में घुस गया तो उसका दर्द कुछ कम हुआ. फिर मैंने उसकी गांड को चोदना शुरू किया.
काफी देर तक उसकी गांड को चोदने के बाद मैंने उसकी गांड में अपना माल गिरा दिया और फिर हम दोनों भाई-बहन सो गये. वो मेरे साथ ही चिपक कर सो रही थी.
उस दिन के बाद से हम दोनों के बीच में रोज ही चुदाई होने लगी. सुबह मैंने उससे पूछा- अब बता तुझे डिल़्डो में मजा आता है या मेरे लंड से चुदने में?
मानसी बोली- मुझे लंड से चुदने में मजा आता है.
फिर एक दिन की बात है कि हम भाई-बहन आपस में फोन पर बात कर रहे थे. तीनों ही लाइन पर थे. बड़ी दीदी हेतल भी लाइन पर थी. मानसी ने हेतल को नहीं बताया था कि मैं भी लाइन पर हूं क्योंकि हम उसको सरप्राइज देना चाहते थे. बातों ही बातों में मानसी ने हेतल से पूछ लिया- दीदी, तुम्हारे और राज भैया के बीच में क्या चल रहा है?
अब मेरी गांड फट गई क्योंकि मैंने मानसी उस रात को झूठ ही कहा था हेतल के बारे में. इधर मानसी मेरी पोल खोलने पर तुली हुई थी. अगर हेतल मना कर देती तो मानसी को पता चल जाता कि मैंने हेतल के बारे में झूठा बहाना बनाया था और यह सब मैंने मानसी की चूत चोदने के लिए किया है.
हेतल बोली- हमारे बीच में तो कुछ भी नहीं चल रहा है. लेकिन तू ऐसा क्यूं पूछ रही है?
मानसी बोली- झूठ मत बोल चुदक्कड़, तू राज से ही चुदवाने के बाद तो ससुराल गयी है.
हेतल बोली- क्या बकवास कर रही है. तुझे ये सब किसने बताया.
मानसी ने कहा- मुझे सब पता है.
हेतल ने कहा- तो फिर तेरा क्या जाता है इसमें … अगर मैंने राज से चुदवा भी लिया तो वो हम दोनों के बीच की बात है.
मैं सच में हैरान था कि हेतल ये क्या बोल रही है. मैंने तो झूठ ही कहा था कि उसने राज से चुदवाई है अपनी चूत लेकिन वो सच में ही चुदवा चुकी थी. यानि कि मेरा तुक्का सही जगह पर लगा. हेतल भी काफी चुदक्कड़ है.
फिर हेतल ने मानसी से कहा- मैं तुझे एक राज की बात बताती हूं आज. मेरे ऑफिस में मेरी सहेलियां सब एक साथ एक ग्रुप में मजे लेती हैं. उन्होंने एक दिन मुझे भी अपने ग्रुप में शामिल कर लिया. हम सब लोग पार्टी कर रहे थे और उस दिन उन्होंने एक मेल एस्कोर्ट को भी बुलाया हुआ था. फिर हम सब ने उसको अपने हाथों से नंगा किया और बारी-बारी से उससे अपनी चूत चुदवाई. उसके बाद से मुझे चूत चुदवाने का चस्का लग गया था. रितेश का लंड भी बहुत मोटा है लेकिन मुझे अलग-अलग मर्दों के लंड लेने का मन करता रहता है इसलिए मैंने राज को फंसा लिया.
मानसी ने पूछ लिया- लेकिन दीदी तुमने राज के साथ शुरूआत कैसे की, बताओ तो, मैं तो सुनने के लिए बहुत उत्साहित हो रही हूं. कैसा लंड है राज का। तुमने उसको तुम्हारी चूत चुदाई के लिए उकसाया कैसे?
हेतल ने मानसी को राज की कहानी सुनानी शुरू की:
राज पर मेरी नजर बहुत पहले से थी. ये बात शादी से पहले की है. तुम लोग उस समय पर इतने समझदार नहीं हुए थे. वो हमारे घर पर आया हुआ था. उस टाइम पर उसकी उम्र 20 साल के करीब थी और मैं 21 की हो रही थी. मेरे ऑफिस में मेरी सहेलियों ने मेल एस्कोर्ट को बुला कर मुझे अलग-अलग मर्दों से चूत चुदवाने का चस्का लगा दिया था.
जब राज हमारे घर पर आया हुआ था तो उस दिन माँ और पापा कहीं काम से बाहर गये हुए थे. तुम लोग छोटे थे और घर में हम चारों के अलावा कोई नहीं था. नीता भी मां और पापा के साथ गई हुई थी. चूंकि मैं सबसे बड़ी थी इसलिए घर की देखभाल की जिम्मेदारी मेरे ऊपर थी. मगर तुम लोग काफी छोटे थे इसलिए मां ने राज को घर पर बुला लिया था.
फिर एक दिन की बात है जब तू और हिरेन कॉलेज गये हुए थे. घर पर मैं और राज ही थे. सुबह का नाश्ता करने के बाद राज नहाने के लिए बाथरूम में गया हुआ था. मैं किचन में कुछ काम कर रही थी. जब वो नहाकर बाहर आया तो मैंने उसे बाथरूम से निकलते हुए देख लिया था. उसने उस वक्त तक तौलिया नहीं लपेटा हुआ था. वह केवल अंडरवियर में ही था. उसकी फ्रेंची में उसके लंड के साइज देखकर मेरी चूत में खुजली होने लगी. उसका उभार बहुत ही बड़ा लग रहा था.
चूंकि मैं अलग-अलग मर्दों के साथ चूत चुदवाने की आदी हो चुकी थी इसलिए मेरी नीयत राज पर फिसल गयी. मैंने सोचा कि इसका लंड अगर मेरी चूत में चला जाये तो मजा आ जाये. मैं उसका लंड लेने का प्लान करने लगी. फिर जब वो दोपहर के वक्त टीवी देख रहा था तो मैं अपने कमरे में थी. मैं चुपचाप कमरे में लेटी हुई थी. मैं जानती थी कि वो ठरकी किस्म का लड़का है इसलिए मैं सही मौके इंतजार कर रही थी.
जब राज को लगा कि मैं शायद सो चुकी हूं तो उसने टीवी पर कुछ गर्म फिल्में खोजना शुरू कर दिया. पहले तो उसको कोई फिल्म नहीं मिली. फिर उसने अंग्रेजी चैनल पर एक फिल्म लगा ली और उसको देखने लगा. मैं भी अपने कमरे से बार-बार उसकी हरकतों पर नजर रख रही थी.
हॉलीवुड फिल्मों में तो कोई न कोई सीन चुदाई का होता ही है. इसलिए वो शायद उसी सीन का इंतजार कर रहा था. फिर फिल्म में एक सीन आया जिसमें हीरो और हिरोइन के बीच में रोमांस चल रहा था. राज ने उस सीन को देख कर तुरंत अपने लंड को सहलाना शुरू कर दिया. देखते ही देखते उसका लंड तन गया और फिर उसने एकदम से अपने लंड को पैंट के बाहर निकाल कर उसकी मुट्ठ मारते हुए हिलाने लगा.
उस वक्त उसके लौड़े का साइज देख कर मेरी हालत बुरी हो रही थी. मेरा मन कर रहा था कि मैं अभी उसके लौड़े पर जाकर बैठ जाऊँ. फिर मैंने सोचा कि दो-तीन मिनट में ही सीन खत्म हो जायेगा. अभी ये गर्म हो चुका है. इसलिए मैं अचानक से हॉल में पहुंच गई और उसका लंड उसके हाथ में देख लिया मैंने.
इससे पहले कि वो कुछ कहता या सफाई देता मैंने उसके लंड को पकड़ कर सहलाना शुरू कर दिया. वो उत्तेजित तो पहले से ही था. मेरे हाथों में लंड जाते ही वह समझ गया कि मैं भी उसका लंड लेना चाहती हूं. फिर मैंने उसके लंड को एकदम से अपने मुंह में भर लिया और उसको जोर से चूसना शुरू कर दिया. एक मिनट में ही मैंने राज को मेरी चूत चोदने के लिए पागल कर दिया.
बस फिर क्या था, हम दोनों एक दूसरे चूमने और चूसने लगे. उस दिन पहली बार मैंने राज का लंड अपनी चूत में लिया था. उसका लंड बहुत ही मोटा और दमदार था. पहली बार जब राज के लंड से चुदी थी तो उसने मेरी चूत को जबरदस्त तरीके से चोदा था. फिर तेरे जीजू रितेश के साथ मेरी शादी तय हो गई. मैं रितेश से फोन पर शादी से पहले ही बात किया करती थी. हम दोनों ने शादी से पहले ही चुदाई कर ली थी लेकिन किसी को भी इस बारे में अभी तक पता नहीं है. रितेश के मोटे लंड के साथ भी मैं चुदाई के बहुत मजे लेती हूं.
मैं अपनी दोनों बहनों की बातें मैं चुपचाप सुन रहा था. हेतल को नहीं पता था कि मैं भी लाइन पर हूं. ये सब बातें मानसी और हेतल के बीच में हो रही थी. उस दिन मुझे पता चला कि मेरी दोनों बहनें कितनी चुदक्कड़ हैं.
हेतल ने मानसी को सलाह देते हुए कहा- तू चाहे तो तू भी अपने ऑफिस में चुदवा सकती है. बहुत मजा आता है मर्दों के लंड अपनी चूत में लेने में.
मेरी बड़ी भगिनी हेतल नहीं जानती थी कि मानसी की चूत चुदाई की शुरूआत मेरे लंड से हो चुकी है. मगर फिर मानसी ने खुद ही बता दिया कि वह मेरे लंड से अपनी चूत को चुदवा रही है. हेतल को जब यह पता चला तो उसको जरा भी आश्चर्य नहीं हुआ क्योंकि वह जानती थी मैं भी बहुत चोदू किस्म का लड़का हूँ.
कहानी जारी रहेगी.