चुदाई के नशे में झूमती लड़की-1

अन्तर्वासना के सभी पाठक पाठिकाओं को मेरा नमस्कार. आज मैं अपनी जिंदगी का एक खूबसूरत पल आपके साथ बांटने जा रहा हूँ. अगर आपको मेरी सेक्स कहानी अच्छी लगे, तो कृपया ईमेल द्वारा अपनी राय जरूर दीजिएगा.

मैं राकेश, 26 साल का एक जवान लड़का हूँ. मैं हरियाणा का रहने वाला हूँ.

ये बात आज से 5 साल पहले की है, जब मुझे पढ़ाई के लिए पंजाब भेज दिया गया. वहां पापा ने मेरे लिए एक कमरा किराए पर ले दिया था. उस मकान में मेरे मकान मालिक और उनकी पत्नी और दो बेटियां भी थीं, जिनमें से एक की शादी हो गयी थी और वो चंडीगढ़ में जॉब करती थी. छोटी वाली बेटी का नाम पम्मी था. वो एक स्कूल में पढ़ती थी. वो देखने में काली सी थी और इतनी सुंदर नहीं थी. लेकिन उसके शरीर की बनावट अद्भुत थी. पम्मी के मोटे होंठ, नुकीले स्तन, उभरी हुई गांड अपने आप में कयामत थी.

मैं रोज कालेज जाता और कमरे में आ कर पढ़ाई करता. मेरा ध्यान अब तक कभी भी ऐसी चीजों पर नहीं गया था जिससे मेरे मन में काम वासना जैसी कोई बात आए. मैं बस अपनी पढ़ाई में ही ध्यान देता था.

यूं ही मेरे ढाई साल निकल गए. एक दिन मैं कालेज से आया. मुझे मालूम नहीं था कि अंकल और आंटी अपनी बड़ी लड़की से मिलने चंडीगढ़ गए थे और उनको 4-5 दिन बाद आना था. इस कारण उन्होंने अपने एक बुजुर्ग रिश्तेदार को कह दिया था … जोकि बाजू में ही रहते थे.

मैं रूम पर पहुंचा, तो जाते ही अपने कमरे के बिस्तर पर लेट गया. थोड़ी देर बाद मेरा फोन बजा, तो देखा कि अंकल का था. अंकल ने यह बताने के लिए फोन किया था कि हम लोग चंडीगढ़ पहुंच गए हैं. उन्होंने मुझे इसलिए फोन किया था क्योंकि अंकल की बेटी का फोन स्विच ऑफ आ रहा था.

उन्होंने मुझे फोन किया और बोला कि बेटा उनको बता देना कि हम पहुंच गए हैं.

जब मैं उनको बताने गया, तो मेरी जिंदगी का सबसे हसीन लम्हा वही था. मैं गया. मैंने देखा कि दरवाजा बिना कुंडी के यूं ही उड़का हुआ था. मैंने सीधे ही दरवाजा खोल दिया, तो सामने अंकल की बेटी अपने कपड़े बदल रही थी. वो पूरी नंगी थी. मैंने उसको देखा. उसके बदन का काला रंग उसके ऊपर एक अलग सी चमक छोड़ रहा था. उसकी उभरी हुई गांड बहुत ही अच्छी लग रही थी. मदमस्त कमर और उसकी पीठ मुझे अपनी ओर खींचे जा रही थी.

उसने जैसे ही मुझे देखा, तो वो जोर से चिल्ला दी. वो बोली- तुम यहां क्या कर रहे हो?
मैं उसकी तेज आवाज से एकदम से घबरा गया और अपना सिर नीचे करके भागते हुए अपने कमरे में आ गया.

मेरा दिल बहुत जोर जोर से धड़क रहा था. करीब एक घंटे बाद में फिर से उन्हें बताने गया कि अंकल जी का फोन आया है और वह कुशल मंगल चंडीगढ़ पहुंच गए हैं. उसी समय मैंने अपने किए पर उससे माफी मांगी और वापस आ गया.

वो कुछ नहीं बोली.

शाम के समय वह मेरे पास चाय देने आई और मेरे कमरे में आकर बैठ गई.
उसने भी मुझ से माफी मांगी और कहा कि गलती मेरी थी, दरवाजा मुझे ही बन्द रखना चाहिए था.
उसके बाद हमारी थोड़ी बात हुई और वह चली गई.

शाम को उसने मुझे खाना खाने के लिए बुलाया. मैं खाना खाने गया और वापिस अपने कमरे में आ गया, लेकिन मेरे दिमाग में वही दिन वाली तस्वीर बार-बार सामने आ रही थी. जिंदगी में पहली बार मैंने किसी लड़की को इतना करीब से और बिना कपड़ों के देखा था. मेरी हालत बहुत खराब हुई जा रही थी. मुझे समझ ही नहीं आ रहा था कि मेरे साथ क्या और क्यों हो रहा है.

यह सब सोचकर मेरा लौड़ा खड़ा हो गया था और मेरी हालत बहुत खराब हो रही थी. मैं लंड सहलाने लगा. मुझे अपना लंड सहलाने में बड़ा अच्छा लग रहा था.

तभी अचानक अंकल की बेटी मेरे कमरे के पास आई और बाहर से आवाज देकर बोली- क्या मैं अन्दर आ सकती हूं?
मैंने भी आवाज देते हुए कहा- हां आ जाइए.
वह कमरे के अन्दर आई और मेरे बेड पर बैठ कर मेरे साथ बातें करने लगी.

एक बार फिर मैंने उससे दिन वाली बात के लिए माफी मांगी और उसने मुझे माफ़ भी कर दिया. हम दोनों आपस में बातें करने लगे.

बातें करते करते मैंने उससे पूछा कि आपकी अब तक शादी क्यों नहीं हुई है?
मेरी इस बात पर वो थोड़ा उदास हो गई और कहने लगी कि बहुत लंबी कहानी है, कभी समय आने पर बताऊंगी.
मैंने अचानक से बोल दिया कि आज समय भी है … और आप फुर्सत भी हो … प्लीज़ बताइए न!
तो वह थोड़ा खुलकर बोलने लगी. वह मुझे अपनी शादी न होने का कारण बताने लगी.

वो बोली- मैं अपनी बहन की तरह दिखने में इतनी सुंदर नहीं हूँ. मम्मी पापा ने रिश्ते तो बहुत खोजे हैं, लेकिन सबने मेरे लिए इंकार कर दिया. इस कारण मुझे अपने आप से नफरत सी हो गई है और अब मेरा शादी करने का मन नहीं करता है.
मैंने उससे कहा कि आपको किसने कहा कि आप सुंदर नहीं हो … मुझे तो आप बड़ी सुंदर लगती हो.
वह मुझे बोली- क्या तुम मेरा मजाक उड़ा रहे हो? अगर ऐसा होता, तो आज तक मेरी शादी न हो गई होती?
मैंने कहा कि शायद देखने वालों की आंखों में कुछ कमी रही होगी.

ये सुनकर वो जोर जोर से हंसने लगी.

फिर उसने मुझसे पूछा- आप तो इतने सुंदर हो, तो आपकी क्या कोई गर्लफ्रेंड नहीं है?
मैंने कहा- मुझे लड़कियों के बारे में इतनी जानकारी नहीं है.
वो हंसने लगी और बोली- आपको लड़कियों के बारे में क्या जानकारी नहीं है … और आप उनके बारे में क्या जानना चाहते हो?

मुझे उसकी हंसी में एक अजीब सी कशिश दिखाई दी. मैंने उसकी आंखों में देखा, तो वो भी मुझे देखने लगी. मैं उसे देख जरूर रहा था, मगर मुझे अजीब सी शर्म आने लगी थी.

तभी मेरे मुँह से निकल गया कि मुझसे ऐसी बातें ना कीजिए, मुझे शर्म आ रही है.
वो फिर से हंसने लगी और बोली- अब बता भी दो यार कि आपकी गर्लफ्रेंड है या नहीं है.
मैंने कहा- नहीं है.

वो फिर से हंसने लगी. हंसते समय उसकी चूचियां जोर जोर से हिल रही थीं. इससे मेरा ध्यान उसकी बड़ी बड़ी चुचियों पर चला गया और मेरा लौड़ा खड़ा हो गया. इस चीज को उसने भी महसूस किया और उसने अपना सर नीचे झुका लिया.

तभी वो अचानक उठी और बोली- अब सो जाओ … रात बहुत हो गई है.

वो यह सब बोल कर बाहर चली गई. उसके जाने के बाद मेरी आंखों के सामने उसकी बड़ी सी गांड, बड़ी बड़ी चूचियां और उसकी लचकती कमर … बस यही नजर आ रहा था. मुझसे रहा नहीं गया मैंने अपनी चड्डी को उतार कर लौड़े को हाथ में ले लिया. मैं आंख बंद करके लंड हिलाने लगा. मुझे होश ही नहीं रहा कि दरवाजा खुला था. तभी वह एकदम से वापस आ गई. जैसे ही उसने दरवाजा खोला और मुझे लंड हिलाते देख लिया.

मुझे अभी भी उसके आने का अहसास नहीं हुआ था. मैं बस अपनी मस्ती में लंड हिला रहा था. वो मेरे खड़े लंड को देखने लगी.

तभी मेरी आंख खुली, तो मैंने उसे अपने सामने खड़ा पाया. मैं घबरा गया और मैंने एकदम से अपने हाथों से अपने लौड़े को छुपा लिया.

मैंने घबराहट में उससे पूछा- अ..आप वापस क्यों आ गईं?
वह सिर नीचे किए हुए बोली कि मेरा फोन यहां रह गया है.

मैं चुपचाप अपना लंड छिपाए पड़ा था.
उसने मुझसे कहा- तुम यह सब क्या कर रहे हो?
मैंने कुछ नहीं कहा और अपने कपड़े पहनने लगा.

उसने वापस से पूछा- तुम ये क्या कर रहे थे … बताओ नहीं, तो मैं यहां पर सब को बता दूंगी.
मैंने कुछ नहीं कहा और हाथ जोड़कर उससे माफी मांगने लगा.

वह हंसने लगी और पूछने लगी- सच में आपको मैं अच्छी लगती हूं?
मैंने कहा- हां मुझे आप अच्छी लगती हो.
वो मुस्कान बिखेरने लगी.

मैंने कहा- मेरे साथ दोस्ती करोगी?
उसने कहा- हां मुझे आपकी दोस्ती मंजूर है.

उसने मेरा फोन नंबर मांगा, तो मैंने उसको अपना नंबर दे दिया. वो वहां से चली गई और कुछ देर बाद मैं सो गया.

रात करीब 1:00 बजे मेरा फोन बजा. मैंने फोन उठाया और अनजान नम्बर देख कर पूछा- कौन?
उसने कहा- मैं पम्मी.
मैं एकदम से उठ गया और उससे पूछा- हां बोलो क्या हुआ … आप सोई नहीं?
वह बहुत ही मीठी आवाज में बोली- मुझे नींद नहीं आ रही है … क्या मैं आपके पास अभी आ सकती हूं?
मैंने कहा- हां आ जाओ.

दो मिनट बाद वह मेरे कमरे में आ गई. मैंने पूछा- क्या हुआ?
वह बोली- मुझे नींद नहीं आ रही है … अजीब सी बेचैनी हो रही है.
मैंने कहा- कैसी बेचैनी … खुल कर बताओ क्या हुआ है?

वो मेरे करीब आकर बैठ गई और कहने लगी- बस आपकी याद आ गई, तो फोन कर दिया. आपसे बात करने का मन कर रहा था.
मैं उसकी तरफ देखने लगा.

वो मुझसे बोली- अभी तक आप सोए क्यों नहीं?
मैंने कहा- मुझे भी आपकी याद आ रही थी.
वह बोली- मेरी याद क्यूं?
तो मैंने कहा- पम्मी आई लव यू … मुझे आप अच्छी लगती हो.

मैं उसके पास को हो गया, तो वह भी मेरे पास हो गई. हम दोनों की सांसें आपस में टकरा रही थीं.

पम्मी मुझसे पूछने लगी- आपको मुझमें क्या अच्छा लगता है?
मैंने कहा- जिंदगी में मैंने पहली बार किसी लड़की को बिना कपड़ों के देखा है … और जब से मैंने आपको देखा है, आपका हर एक अंग मेरी आंखों के सामने घूम रहा है.

इतना कहने पर ही उसने मुझे पहला किस किया और अपनी बांहों में जकड़ लिया. मैं भी उसका पूरा साथ देने लगा. हम दोनों एक दूसरे को चूमने और चूसने लगे. पहली बार किसी लड़की को मैंने अपनी बांहों में लिया था. मैं उसकी पीठ और उसकी गांड को बाहर से सहलाने लगा. वह भी मेरा भरपूर साथ देने लगी.

मैंने उसे अपनी बांहों में पकड़ कर अपने नीचे लेटा दिया. उसके होंठ मेरे होंठों से टकराने लगे और मेरी जीभ उसकी जीभ के साथ टकराने लगी. मैंने अपने दोनों हाथ उसकी कमीज में डाल दिए और अपने हाथों से उसकी पीठ को सहलाने लगा.

उसने भी मुझे अपनी बांहों में लिया और धीरे-धीरे मेरी टी-शर्ट और निक्कर को अपने हाथों से उतारने लगी. उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए, मैं सिर्फ अपने अंडरवियर में ही था. मैं भी उसके कपड़े उतारने लगा. मैंने उसकी कमीज और सलवार दोनों उतारी. वह सिर्फ अपनी लाल ब्रा और लाल कच्छी में थी.

ना मुझे कोई होश था … ना उसे कोई होश था. हम दोनों के नंगे बदन एक दूसरे से लिपटे हुए थे और एक दूसरे को खाने के लिए बेताब हो जा रहे थे.

इतने में उसने मुझसे पूछा- राकेश क्या सच में मैं तुम्हें अच्छी लगती हूं?
मेरे मुँह से कुछ ना निकला. मैंने सिर्फ इतना कहा कि यस आई लव यू सो मच.

दोस्तों इस सेक्स कहानी के अगले भाग में मैं आपको पम्मी की चुदाई की कहानी का पूरा मजा लिखूँगा. पम्मी की चुदाई के बाद भी बहुत कुछ हुआ, जिसे पढ़ कर आप सब अपने लंड चुत को ठंडा किये बिना नहीं रह पाएंगे.

आपके ईमेल मुझे सेक्स कहानी लिखने के लिए साहस देंगे. मुझे आपके ईमेल का इन्तजार रहेगा.
धन्यवाद.