मेरी सेक्स कहानी के पहले भाग
चुदाई की अधूरी प्यास-1
में पढ़ा कि कैसे राजन ने ममता को सेक्स का सम्पूर्ण आनन्द देकर सन्तुष्ट किया.
अब आगे:
राजन ने एक सिगरेट सुलगा ली और एक कश लेकर ममता को दी. ममता ने भी एक दो कश लगा कर राजन से कहा- तुमने अंदर निकाल दिया. अब क्या होगा?
राजन बोला- डरो मत … कल में मेडिसिन ला दूंगा, ले लेना, कुछ नहीं होगा.
रात का 1 बज गया था. बारिश भी बंद थी. राजन ने कपड़े पहने और अंदर के गेट से ममता को उसके रूम तक छोड़ आया.
ममता ने एक चादर लपेट ली थी.
रूम में आकर राजन को पता नहीं कैसे ख्याल आया, वो ममता के गीले कपड़े और कॉफ़ी के कप और ट्रे भी उसे दे आया.
ममता बोली भी कि मैं सुबह ले लेती, राजन मुस्कुरा दिया और अपने कमरे में वापिस आ गया.
जो होता है अच्छे के लिए होता है!
राजन की यह समझदारी उन दोनों को बचा गयी.
सुबह 4 बजे गेट की घंटी बजी. ममता की आँख खुली, उसने गेट खोला तो सामने प्रकाश खड़ा था.
वो मुस्कुरा के बोला- मैं मेरठ से शाम को ही चला था कि रात तक आ जाऊँगा और तुम्हें चौंका दूंगा. पर बारिश के कारण जाम में बस फंस गयी और मैं गलती से अपना मोबाईल मेरठ ही भूल आया. तुम्हारा नंबर याद नहीं था.
ममता की तो जान ही निकल गयी, अगर ये रात को आ जाता तो?
खैर वो प्रकाश को लेकर अंदर आने लगी और जान बूझकर गेट बंद नहीं किया.
अपने रूम में पहुंचकर उसने अचानक प्रकाश से कहा- मेन गेट खुला रह गया है, प्लीज बंद कर आओ.
प्रकाश बाहर गया तो ममता ने दौड़कर वाश रूम से अपने कल के कपड़े और राजन की लुंगी और चादर हटाई. वो टॉयलेट सीट पर बैठ गयी और फिर बहाने से अपनी चूत धो ली और अंदर उंगली कर क राजन की निशानी को साफ़ किया.
उसे मालूम था कि अब प्रकाश फिर सेक्स की एक असफल कोशिश करेगा.
एक चीज जो वो भूल गयी … वो थे कॉफ़ी के दो कप! जिस पर आते ही प्रकाश की नजर पड़ी.
तो ममता ने बात संभाल ली कि रात को बारिश काफी तेज थी तो मैंने मेनेजर साहब को कॉफ़ी बना कर दी थी.
बात ज्यादा ना बढ़े … इसका अब ममता के पास एक ही इलाज था कि प्रकाश को सेक्स के लिए कहा जाए.
ममता ने प्रकाश से कहा- चलो चेंज कर लो, थोड़ी देर सोते हैं, कल तो छुट्टी है.
प्रकाश बोला- हाँ नींद भी आ रही है और मुझे कल शाम को ही जाना है.
प्रकाश ने कपड़े चेंज किये तो ममता ने भी एक फ्रॉक सी डाल ली. आज वो प्रकाश को सेक्स के मजे देना चाह रही थी ताकि प्रकाश ज्यादा कुछ न पूछे. इतने सालों के बाद आज प्रकाश को सेक्स परोस कर मिल रहा था, बाकी टाइम तो उसे बलात्कार सा करना पड़ता था.
हालांकि होता उससे पहले भी कुछ नहीं था, आज भी कुछ नहीं हुआ. पर आज ममता ने अपने हाथों से उसका निकाल दिया तो वो शांत होकर सो गया.
सुबह 6 बजे ममता धीरे से उठी, प्रकाश खराटे मार रहा था. ममता अहिस्ता से राजन के कमरे में पहुंची. राजन उठ गया था, उसे प्रकाश के आने का मालूम पड़ गया था. ममता ने उसके होंठों पर गुड मोर्निंग किस जड़ा और बाहर आ गयी.
राजन की मुलाकात प्रकाश से दोपहर को हुई. प्रकाश ने उससे कहा भी कि आज दोपहर लंच वो उसके साथ ही कर ले. पर राजन ने मुस्कुरा के कहा कि मेरा टिफ़िन आएगा, वो बेकार जाएगा.
राजन ने आज ममता से दूरी ही बनायी.
वो दोपहर बाजार गया और ‘अनवांटेड 72’ की गोली लाकर चुपके से ममता को दे दी.
शाम को 5 बजे के लगभग प्रकाश वापिस मेरठ चला गया. राजन उस समय सो रहा था तो उससे मुलाकात नहीं हो पायी.
उसके जाने के बाद ममता ने चाय बनायी और प्रकाश के लिए मठरी और समोसे बनाए थे, वो एक प्लेट में लगाकर राजन के रूम में गयी.
राजन उठ गया था. ममता ने ट्रे टेबल पर रखी और राजन की गोदी में जा बैठी और उसके होंठों को अपने होंठों से जकड़ दिया.
रजन ने हँसते हुए कहा- आज तो केशियर साहब छिड़काव कर गए होंगे.
ममता मुस्कुरा के बोली- अब इसे छिड़काव की नहीं … पूरी धुलाई की जरूरत है.
राजन ने ममता की साड़ी के अंदर हाथ डाला तो ममता ने रोक दिया, बोली- अभी नहीं.
ममता ने राजन से कहा- मैं खाना बना रही हूँ तुम्हारे टिफ़िन वाले को फोन कर दिया है वो आज टिफ़िन नहीं लाएगा.
राजन बोला- चलो मुझे भी कुछ मार्किट का काम है, मैं अभी एक घंटे में आता हूँ.
वो बाजार गया और ममता के लिए एक सुंदर सी ड्रेस और कुछ लायेंजरी खरीद कर लाया.
रात को आठ बजे ममता ने कहा- डिनर तैयार है.
दोनों ने एक साथ डिनर लिया.
9 बजे तक सारा काम निबट गया था. राजन अपने रूम में आया और ममता को आवाज दी.
ममता आई तो उसने ममता को गिफ्ट दिए. ममता बहुत खुश हुई.
राजन ममता से बोला- आज फिर कॉफ़ी पीने का मन है. तुम चेंज कर लो, मैं भी नहा कर फ्रेश हो लेता हूँ.
ममता बोली- तुम मेन गेट बंद कर लो, मैं अभी आती हूँ.
ममता अपने रूम में गयी और अपना तौलिया और एक फ्रॉक लेकर आ गयी. राजन गेट बंद कर के आ गया था. उसने सवालिया निगाहों से ममता को देखा तो ममता बोली- साथ नहायेंगे.
राजन मुस्कुरा दिया.
राजन का वाशरूम हालांकि छोटा था पर दो जिस्म जब चिपट कर नहायें तो बात रूम छोटा हो या बड़ा … चारों ओर आग लग जाती है. सुलगते जिस्म … ऊपर से पानी की बौछार … आग और भड़क जाती है.
नहाते समय राजन ने ममता की चूत में अपनी उंगली कर दी थी. ममता भी बार बार नीचे बैठ कर उसका लंड चूसती.
आज राजन दोपहर को हेयर रिमूवर ले आया था. उसने अपने लंड के बालों की सफाई कर ली थी. तो ममता ज्यादा मजा लेकर लंड चूस रही थी.
दस पंद्रह मिनट शावर लेने के बाद दोनों तौलिया लपेट कर नंगे ही बेड पर आ गए.
राजन मुस्कुरा कर बोला- अगर प्रकाश फिर आ गया तो?
तो ममता बोली कि अब सारा इंतजाम करके आई हूँ. अंदर से रास्ता खुला है और मेरे बेड पर नाईट सूट रखा है. खाने के बर्तन धो दिए हैं और फिर जब प्यार किया तो डरना क्या!
राजन ने ममता का तौलिया खींच दिया. ममता नंगी होते ही चीखी- बदमाशी मैं भी जानती हूँ.
उसने भी राजन का तौलिया खींच कर उसे भी नंगा कर दिया.
चिकना लंड देख ममता ने सबसे पहले उसे ही मुंह में लिया. राजन को लगा कि ममता आज तो लंड खा ही जायेगी. वो छूटने की कोशिश कर रहा था पर ममता थी कि वो उसे छोड़ने को तैयार नहीं थी.
राजन बोला- मैं आने वाला हूँ!
तो माता बोली- आ जाओ, तुम्हारा माल सारा पी जाऊँगी.
राजन ने एक झटके में अपना सारा माल ममता के मुंह में छोड़ दिया और ममता ने जिन्दगी में पहली बार वीर्यपान किया. उसने एक भी बूँद नीचे नहीं गिरने दी बल्कि राजन के लंड को चाट कर साफ़ कर दिया.
ममता उठी और वाशरूम में जाकर कुल्ला कर के आई और फ्रॉक पहन कर बोली- मैं कॉफ़ी बना कर लाती हूं.
राजन निढाल सा पड़ा था, वो उठा और एक बार फिर शावर के नीचे खड़ा होकर फ्रेश होकर आया.
उसका लंड पहले भी शोभा ने कई बार चूस कर निकाला था, पर जो भुक्खड़पना और पागलपन ममता ने दिखाया आज … वो राजन के लिए भी पहला अनुभव था.
राजन ने शॉर्ट्स टी शर्ट डाल ली.
ममता कॉफ़ी बना लायी. राजन ने सिगरेट जला ली और अब उसे भी मालूम था कि एक दो कश लगाकर उसे ये सिगरेट ममता को देनी है.
कॉफ़ी पीते पीते ममता बोली- चलो ड्राइव पर चलते हैं.
राजन ने कहा- ठीक है … पर ऐसे ही फ्रॉक में चलना होगा.
ममता बोली- चलो, मुझे क्या फर्क पड़ता है. गाड़ी अंदर कड़ी है, मैं अंदर से ही बैठूंगी और अंदर ही उतरूंगी.
राजन ने पर्स रखा और गाड़ी निकाल कर दोनों राजपुर रोड से होते हुए सिकंदरा की ओर निकल गए.
सुनसान रास्ते पर ममता ने अपनी फ्रॉक उतार दी. गाड़ी के शीशे काले थे. पर इतनी हिम्मत का काम वो भी बिना कहे, राजन तो दंग रह गया. उसने झुककर ममता के मम्मे चूसे और चूत में गाड़ी चलाते समय ही उंगली करी.
ममता का मन चलती गाड़ी में चुदने का था. उसने राजन की शॉर्ट्स नीचे कर उसका लंड खूब चूसा और फिर वो स्टीयरिंग की ओर पीठ कर के उसके लंड पर बैठ गयी और लंड अपनी चूत में कर लिया.
ये पहला अनुभव था राजन के लिए इस तरह का … मस्ती भी हो रही थी, डर भी लग रहा था. राजन ने ममता को समझा कर हटाया और कहा- घर चलते हैं, बाकी कसर वहीं पूरी करेंगे.
राजन के लाख कहने पर भी ममता ने फ्रॉक नहीं पहनी बस ऊपर से डाल ली, जिससे सामने वाली गाड़ी की लाईट मेन वो नंगी न दिखे.
घर पहुँच कर राजन ने अपनी शॉर्ट्स पहनी और गेट खोल कर गाड़ी अंदर करी. अब ममता ने फ्रॉक डाल ली. कहीं से कोई देख सकता था.
पहले राजन ने सारी लाईट बंद करीं, तब ममता गाड़ी से निकली और सीधे राजन के कमरे में गयी.
राजन गाड़ी खड़ी करके, गेट लॉक करके अपने रूम में आया तो देखा कमरे में घुप्प अँधेरा है. उसने ममता को आवाज दी तो ममता बोली, मैं सो रही हूँ, आवाज मत करो.
राजन असमंजस में था, बोला- सोना है तो अपने रूम में जाओ, मैं कहाँ सोऊंगा.
ममता बोली- तुम मेरे अंदर आ कर सो जाओ.
राजन समझ गया कि आज तो सेक्स जम कर होगा. उसने एक ही झटके में ममता के ऊपर की चादर खींची तो मद्धम रोशनी में ममता निपट नंगी लेटी थी और मुस्कुरा रही थी. राजन सीधा उसकी चूत पर पहुंचा और अपनी जीभ घुसा दी उसकी चूत में. राजन का हमला इतना जबरदस्त था कि ममता भी जल्दी नही कसमसा उठी.
अब उसने राजन के लंड को चूसना शुरू किया. दोनों 69 की पोजीशन में आ गए.
जब आग पूरी भड़क गयी और बर्दाश्त से बात बहर होने लगी तो ममता उठी और राजन के ऊपर बैठ गयी और अपने हाथों से उसका लंड अपनी चूत में कर लिया और लगी जोर जोर से उछलने. ऐसा लग रहा था जैसे वो जीत कि ख़ुशी मन रही हो.
नीचे से राजन ने दोनों हाथों से उसके मम्मे कब्जाए हुए थे. ये तो तय था कि आज के बाद ममता के मम्मे दो तीन दिन दर्द तो बहुत करेंगे. पर इससे क्या, अभी तो मस्ती चरम सीमा पर थी.
राजन ने एक झटके में ममता को नीचे किया और उसकी चूत पर चढ़ कर चुदाई करने लगा. अब ममता भी सीत्कारों के साथ बकवास भी कर रही थी- फाड़ दो मेनेजर साहब … आज निकाल दो सारी कसर … ऐसा माल लखनऊ में नहीं मिलेगा. कुंवारी चूत मिली है … चौड़ा दो इसे.
राजन ने धक्कमपेल के बाद आज फिर ममता की चूत अपने माल से भर दी. अब ममता को भी डर नहीं था. अनवांटेड 72 का सहारा जो था उसके पास.
तो यह थी कहानी अधूरी प्यास के मिलन की, जिसमें पत्निभक्त राजन भी परनारी के वश सम्भोग के लिए विवश हो गया.
आप मुझे लिखियेगा कि कैसी लगी मेरी कहानी?
मेरे मेल आईडी [email protected] पर.