हेलो दोस्तों, मैं राज हूँ सबसे पहले चूत के प्यासे लंडों और लंड के लिए मचलती गर्म चूत वाली भाभियों को मेरे लंड का प्रणाम। कहानी शुरू करने से पहले मैं आपको अपना परिचय देना चाहता हूँ. कहानी का पूरा मजा लेने के लिए नये पाठकों को यह सब जानना जरूरी हो जाता है.
मेरी उम्र 24 साल है और बॉडी स्लिम है. कद 5.8 फीट है और मेरे औजार यानि कि मेरे लंड की लम्बाई 6 इंच और खड़ा होने के बाद लंड की मोटाई 2.5 इंच हो जाती है. चोदन क्रिया में मैं सामान्य मर्दों से थोड़ा ज्यादा स्टेमिना रखता हूं इसलिए आप मुझे लम्बी रेस का घोड़ा समझ सकते हैं.
मैं देहरादून के पास रहता हूं. मगर भाभी या आंटी जो कोई भी लंड की प्यासी होती है मैं उसकी प्यास बुझाने उस तक पहुंच जाता हूं चाहे वह दुनिया के किसी कोने में रहती हो. चूत की खुशबू मुझे हर जगह तक खींच ले जाती है. अपने लंड को लेकर मैं चूत की चुदाई करने पहुंच जाता हूं.
अब आज की कहानी की बात करते हैं जो मर्दों के लौड़े की प्यासी एक सेक्सी भाभी की गर्म चूत की स्टोरी है. मैं आशा करता हूं कि आपको मेरी यह कहानी पसंद आयेगी और आप को भी चूत के चुदाई के लिए तड़पा कर रख देगी क्योंकि यह कहानी जिसकी है वो किसी रंडी से कम नहीं है.
उसका नाम है शिखा. एक नम्बर की स्लट है साली. हर वक्त मेरे साथ सेक्स का ज्ञान बांटती रहती है. इस कहानी में मैं आपको बताऊंगा कि वो मुझे कहां पर मिली और कैसे मैंने उसकी चूत की प्यास को पहचाना और फिर उसकी चूत को चोद कर उसे अपने लंड का सुख दिया.
तो दोस्तो, यह घटना 26 जनवरी की है. उस दिन छुट्टी का दिन था और मैं ऐेसे ही टाइम पास करने के लिए बाहर घूम रहा था. घूमते हुए मुझे एक ऐसी माल भाभी दिख गई कि क्या बताऊं. नीले रंग की साड़ी में उसका गोरा बदन और उसके उठे हुए पहाड़ देख कर मेरे लंड का वहीं पर तंबू बन गया.
मन में ठान लिया कि इसकी चूत को तो चोद कर ही रहूंगा. इसलिए उसके पीछे हो लिया. वो आगे चलती रही और मैं उसके पीछे. उसने एक बार मुड़ कर भी देखा लेकिन मैंने नजर घुमा ली. शायद उसको भी शक सा हो गया था कि मैं उसी का पीछा कर रहा हूं.
वो एक कैफे में घुस गई और मैं भी उसके पीछे ही घुस गया. जिस टेबल पर वो बैठी थी मैं भी उसी के ठीक सामने जाकर बैठ गया. मुझे देख कर वो मुस्कराई और कहने लगी- इतनी देर से पीछा कर रहे हो, क्या बात है?
इससे पहले कि मैं उसको कुछ जवाब देता हमारे पास वेटर आकर खड़ा हो गया. हमने हल्का फुल्का खाने का आर्डर दिया. फिर दोनों ही बातें करने लगे. एक दूसरे के बारे में सवाल जवाब होने लगे. उससे बात करने के बाद पता लगा कि ये तो शादीशुदा है.
फिर उसने बताया कि जब वो अकेली होती है तो इस तरह से पूरी तैयार होकर बाहर घूमने के लिए निकलती है. चूंकि उसका पति तीन दिन के लिए बाहर जाने वाला था तो वो भी अपना कोई शिकार तलाश रही थी. मेरे रूप में उसको शिकार मिल गया था.
अब तो कुछ भी छिपा न रह गया था. मैंने अपना नम्बर उसे देते हुए उसका नम्बर मांग लिया लेकिन उसने अपना नम्बर देने से मना कर दिया. फिर हमने स्नैक्स खाकर बाहर का रास्ता पकड़ लिया. मैं उसके पीछे चलने लगा तो उसने मना कर दिया.
आगे-आगे चलते हुए बोली कि अब की बार पीछे मत आना वरना सब कुछ भूल जाओ कि मैं कभी तुम्हारे हाथ आऊंगी. उसके मुंह से ये शब्द सुन कर मैं समझ गया था कि उसकी चेतावनी में गम्भीरता थी. इसलिए वो अपने रास्ते हो ली और मैं अपने रास्ते. मगर दिल में एक कसक सी छोड़ कर चली गई.
गनीमत ये रही कि मैंने उसको अपना नम्बर दे दिया था. अब एक उम्मीद थी कि उसका कॉल आयेगा.
मैं उसी की कॉल के इंतजार में था. मन और लंड दोनों ही उसके बारे में सोच कर बेचैन रहे लेकिन दो दिन तक उसका कॉल नहीं आया. मेरी आस टूटने लगी थी कि एक गर्म माल हाथ से निकल गया.
तीसरे दिन शाम के 7 बजे मेरे फोन की रिंग बजी. नम्बर अन्जान था तो दिल में लहर सी दौड़ गई. उम्मीद थी कि उसका कॉल होगा. फोन उठाया तो पता चला कि लाइन पर वही थी. उससे बात करते हुए ही मेरा लंड फुफकारने लगा. झटके दे देकर पानी छोड़ने लगा.
मगर सावधानी के साथ बात आगे बढ़ा रहा था कि कहीं हाथ में आई चिड़िया फुर्र से उड़ न जाये. बात करते हुए मिलने का टाइम भी फिक्स हो गया. उसने मिलने की जगह बताते हुए कहा कि तीस मिनट के अंदर बताई जगह पर पहुंच जाना.
मेरे पैरों में तो जैसे पहिया लग गये थे. फटाक से उसकी बताई जगह पर जा पहुंचा. इलाका थोड़ा भीड़ वाला था. तभी पास एक कार आकर रुकी. गाड़ी का स्टेयरिंग ड्राइवर के हाथ में था. तभी पीछे की खिड़की खुली और अंदर से एक हाथ ने मुझे भी अंदर आने का इशारा किया.
अंदर घुस कर देखा तो पीछे शिखा बैठी हुई थी. जैसे ही मैं बैठा उसका हाथ मेरी जांघ पर आ गया. मैंने इशारे से ड्राइवर के बारे में ध्यान दिलाया लेकिन उसने गर्दन हिलाते हुए मना कर दिया कि उसकी चिन्ता मत करो. बस जैसा मैं कह रही हूं वैसा करते रहो.
बड़ी ही चालू किस्म की औरत थी. कुछ ही देर में कार शहर के बाहर एक फार्म हाउस पर पहुंच गई. वहां जाकर ड्राइवर नीचे उतर गया और अपने रास्ते हो लिया. अब ड्राइविंग सीट पर शिखा थी. उसने गाड़ी अंदर फार्म हाउस में घुसा दी.
क्या ग़ज़ब कोठी थी, दोनों अंदर गये। वहां पर एक नौकरानी पहले से ही मौजूद थी. जैसे ही हम अंदर घुसे तो वो भी शिखा की परमिशन लेकर वहां से खिसक ली. सब कुछ पहले से प्लान किया हुआ लग रहा था. मैंने कभी नहीं सोचा था कि ये औरत इतनी चालाक निकलेगी.
सर्दी का लिहाज़ करके उसने फुल लेंथ कोट पहना हुआ था. घुटने तक वेल बूट. देखने में एकदम शिकारी शेरनी के जैसी लग रही थी. पूरी कोठी में हीटर थे तो अंदर का माहौल गर्म था. सर्दी का अहसास नहीं हो रहा था. अंदर से दरवाजा बंद करके सबसे पहले उसने कोट उतारा तो मेरी आंखें फैल गईं. वो अंदर से केवल ब्रा में थी.
मैं तो ये सोच कर हैरान था कि ये साली पूरे शहर में केवल ब्रा में घूम रही है! पेट के नीचे कसी हुई जीन्स और उसके नीचे जूते. गले में मफलर था. मेरा लंड तो उसको देखते ही टनटना उठा. क्या गजब की पीस थी यार!
उसने दो ग्लास निकाले और टेबल पर रखे दारू के ख़ज़ाने में से भर दिए. एक मुझे दिया और दूसरा अपने लिए.
मैं जाकर सोफे पर बैठ गया. वो सामने टेबल पर खड़ी हो गई. मेरे सीने पर पैर रखा और मुझे पीछे धक्का दे दिया.
शिखा का एक पैर मेरे सीने पर था और दूसरा टेबल पर. वो ऐसे ही खड़ी होकर दारू पीने लगी. मैं समझ गया था कि ये जितनी मस्त दिख रही है उससे कहीं ज्यादा अंदर से भूखी है. बिल्कुल जंगली बिल्ली की तरह बर्ताव कर रही थी वो सेक्सी औरत.
मैंने अपने गिलास से दारू पीनी शुरू की तो उसने मेरे चेहरे पर शराब गिरानी शुरू कर दी. फिर मेरे चेहरे के करीब आकर एक थप्पड़ मारा मुझे. उसके बाद मेरे चेहरे को चाटने लगी. मेरे पूरे बदन में जैसे आग लग गई.
बोली- आज मेरी भूख शांत कर सकता है क्या?
मैंने उसका मफलर पकड़ लिया और उसको सोफे पर गिरा लिया. उसकी ब्रा के ऊपर से ही उसके उठे हुए चूचों की दरार को चूमने लगा. उसकी गर्दन को काटने लगा. उसकी क्लिवेज में मैंने अपना मुंह अंदर तक घुसा दिया. साली क्या मस्त माल थी. उसकी खुशबू लेकर तो मैं पागल सा हो गया.
उसकी लाल ब्रा को खींच कर पकड़ते हुए बोला- आज मैं तेरी प्यास अच्छी तरह बुझा दूंगा मेरी रानी. तू कई सालों तक मुझे याद रखेगी.
इतना कह कर मैंने उसके चूचों को जोर से भींच दिया और उनको अपने दांतों से काटने लगा. उसके हाथ मेरे सिर पर आ गये.
वो मेरे सिर को सहला रही थी और मैं उसके चूचों को चूम रहा था. उसके बाद उसने मेरी बेल्ट को पकड़ कर खींचना शुरू कर दिया. नीचे ही नीचे वो मेरी बेल्ट को खोलने लगी. उसने मेरी बेल्ट को खोलने के बाद मेरी जीन्स को उतार दिया. मेरे अंडरवियर के ऊपर से ही मेरे लौड़े को सहलाने लगी.
मदहोश कर देने वाली अदा थी उस चुदक्कड़ औरत की. मैंने बहुत सी चूत मारी थी लेकिन इतनी गर्म चूत पहली बार हाथ लगी थी. मैंने अपनी शर्ट को उतार दिया और फिर जीन्स को भी उतार दिया. अंडरवियर में तने हुए अपने लंड को उसके मुंह पर रगड़ने लगा.
वो उसकी खुशबू लेने लगी. उसको चाटने लगी. साली ने चूत के दर्शन करवाने से पहले ही पागल कर दिया मुझे. मैंने उसके गालों को अपने हाथों में पकड़ा और उसके होंठों को जोर से चूसने लगा. इतनी जोर से चूसा कि उनको काटने ही वाला था. वो मेरी पीठ पर हाथ मारते हुए छटपटाने लगी.
बुरी तरह से उसके होंठों को चूस डाला मैंने. उसने मेरी चड्डी को उतार लिया और मेरे लंड को अपने हाथ में लेकर उसको नापने लगी. बार-बार उसके टोपे पर हाथ फिराने लगी. मैं बेकाबू सा होने लगा. फिर उसने मेरे लंड के टोपे को खोल कर पीछे खींच दिया और अपने मुंह में भर कर चूसने लगी. उम्म्ह… अहह… हय… याह… इतना मजा … स्स्स … मेरी तो सिसकारियां निकलने लगीं.
दो मिनट के बाद उसने जब लंड को बाहर निकाला तो उसकी लार से पूरा लौड़ा चमक उठा था. फिर उसने मेरे लंड पर दारू गिराई और उसको फिर से चूसने लगी. पांच मिनट तक मेरे लंड को चूसती ही रही साली. ऐसे चूस रही थी जैसे उसने कभी लंड देखा ही न हो.
मेरे लंड से जो चिपचिपा पानी निकल रहा था उसको अंदर ही पी रही थी. फिर बाहर निकाल लिया मेरे लंड को. उस पर जो पानी लगा था उसको अपने चूचों पर मसलने लगी. उसके चूचे ऐसे तन गये थे जैसे अभी ब्रा को फाड़ कर बाहर आ जायेंगे.
अब मैंने उसकी जीन्स को खोलना शुरू किया. उसकी जीन्स की चेन खोली और उसकी नीली जालीदार पैंटी में मुंह दे दिया. चूत एकदम क्लीन थी. क्या खुशबू थी उसकी चूत की … मजा आ गया. ऐसी मनमोहक चूत अगर मिल जाये तो मैं उसका गुलाम बन कर रहूं जिन्दगी भर।
वो ऊपर से अपने स्तनों पर दारू को गिराने लगी जो नीचे बह कर उसकी चूत तक आ रही थी. मैं उसकी चूत के नशे में बहकने लगा. धीरे-धीरे उसकी पैंटी को नीचे खींच दिया. उसकी चूत को देख कर मन हवा में उड़ने लगा. मैंने आंखें बंद करके उसकी चूत पर अपने होंठ रख दिये और उसकी चूत को चाटने लगा. उसकी एक-एक बूंद को पीने लगा.
मेरी जीभ उसकी चूत में जाने लगी तो उसके मुंह से सिसकारियां निकलने लगीं. मेरा सात इंची लंड नीचे ही नीचे फनफनाने लगा. मैं उठा और उसको सोफे पर पटक कर उसकी चिकनी चूत पर लंड को रगड़ने लगा. गुलाबी चूत के होंठों पर मेरे लंड का चिकना सुपाड़ा लगते ही उसकी भी सिसकारी निकल गई.
मैंने उसकी टांगों को कंधे पर रखा और धक्का दे दिया. मेरा औजार उसकी प्यासी गर्म चूत में उतर गया. तेजी के साथ धक्के देते हुए उसकी चुदाई करने लगा. वो भी आंखें बंद करके मेरे लंड का मजा लेने लगी.
मेरे हाथ उसके बूब्स पर जाकर कस गये. पूरे कमरे में पच-पच की आवाज होने लगी. उसके अंदर की रंडी अब पूरी तरह जाग गई थी जो लंड की इतनी प्यासी थी कि अगर उसको लंड खाने में परोस दिया जाये तो वो लंड को खा ही जाये.
इतने से भी उसका मन नहीं भरा तो उसने मुझे पीछे धकेलते हुए मुझे नीचे पटक लिया. खुद मेरे ऊपर आ गयी और अपनी चूत को मेरे लंड में धकेलने लगी. फिर लंड पर बैठ कर उछलने लगी. उसके धक्के इतने तेज थे कि मेरा लंड टूट ही जाता उस दिन.
फिर अचानक से उसके फोन की रिंग बजने लगी. उसने लंड को चूत में लिये हुए ही फोन उठाया तो पता चला कि उसके पति का फोन था. उसकी ट्रिप कैंसिल हो गई थी. वो साला भड़वा एक घंटे में वापस घर आ रहा था.
ये सुन कर शिखा का मुंह उतर गया. अपने गांडू पति का सारा गुस्सा मुझ पर निकालने लगी. मेरे चेहरे को चूस-चूस कर लाल कर दिया साली ने. फिर दोबारा से लंड पर उछलने लगी. उछल-उछल कर मेरे मोटे लंड को अंदर लेने लगी. उसको अब घर जाने की जल्दी मची थी. मगर लंड की चुदाई भी अधूरी नहीं छोड़ना चाह रही थी.
लंड पर उछलते हुए ही उसने अपना फोन उठाया और ड्राइवर का नम्बर मिला दिया. फिर अगले पल ही उसका मुंह मेरे लंड पर था. लंड को लॉलीपोप की तरह चूसते हुए बोली- म्मम् … आआ … 15 मिनट में गेट पर पहुंच जा. ड्राइवर को इतना बताने के बाद फोन एक तरफ फेंक दिया उसने.
साली फोन पर भी मेरे लंड को चूसते हुए बात कर रही थी. उसकी आवाज सुन कर तो ड्राइवर का लंड भी टनटना गया होगा. फिर जोर से उसने मेरे लंड पर मुंह को चलाना शुरू कर दिया. इतनी तेज चुसाई करने लगी कि ऐसे लगा जैसे मेरे अंदर से कुछ खींच कर बाहर निकाल रही हो.
दो मिनट में ही मेरे लंड ने उसके मुंह में माल छोड़ना शुरू कर दिया. वो मेरे माल को सारा का सारा पी गई. मैंने भी बूंद बूंद अमृत उसके मुंह में झाड़ दिया. मेरी धड़कनें तेज तेज चल रही थीं.
पूरा लंड साफ करने के बाद उठते हुए बोली- साले, आज तो बच गया है तू. अगली बार तुझे खा जाऊंगी.
मैं उसकी तरफ देख कर मुस्करा दिया. मेरी तो हालत पतली हो गई थी. इतनी गर्म औरत थी कि साली ने गांड में पसीना निकाल दिया.
उसके बाद हम दोनों उठ कर बाथरूम में गये और शावर के नीचे गर्म पानी में नहाने लगे. नहाते हुए भी उसके हाथ मेरे लंड को सहला रहे थे. वो मेरे लंड से खेलते हुए उसको मसल रही थी. लंड में हल्का सा तनाव आते ही वो फिर से नीचे बैठ गई और मेरे लंड को मुंह में भर कर चूसने लगी. ऊपर से शावर का गर्म पानी गिर रहा था और नीचे वो चुदक्कड़ मेरे लंड का पानी फिर से निचोड़ने के लिए चुसाई चालू कर चुकी थी.
पांच मिनट तक जोर से चुसाई करते हुए उसने फिर से मेरे लंड का माल पी लिया. मेरी सारी ताकत खींच डाली इतनी ही देर में. नहाने के बाद फिर हम बाहर आ गये. एक दूसरे के बदन को कपड़े से पोंछ दिया और फिर कपड़े पहने और कार में बैठ गये. बाहर जाकर वो उतरी और पीछे आकर बैठ गई.
मैं भी पीछे वाली सीट पर चला गया. ड्राइवर ने गाड़ी स्टार्ट की और शिखा ने फिर से मेरी जीन्स की चेन खोल ली. मेरे लंड को बाहर निकाल लिया और मेरे लंड को तब तक सहलाती रही जब तक कि मेरा स्टॉप नहीं आ गया.
मेरे नीचे उतरने से पहले उसने मेरे लंड को किस किया और हल्के से उस पर अपने दांतों से काट लिया.
फिर बोली- अगली बार मिल, इसको पूरा खा जाऊंगी.
मैं नीचे उतर गया और उसने गाड़ी की खिड़की बंद कर ली और मैं अपने रास्ते हो लिया.
अब मैं शिखा की कॉल के इंतजार में हूं.
तो मेरे चोदू भाइ लोग, आपको मेरी और शिखा की यह वाइल्ड चुदाई कैसी लगी? मुझे बताना जरूर. आपका प्यार मिलता है तो मैं फिर से अपना एक्सपीरियंस लिखने के लिए मजबूर हो जाता हूं. आपके मेल के इंतजार में … आपका अपना चोदू राज।
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