नमस्ते दोस्तों, मैं एक लम्बे टाइम से अन्तर्वासना की कहानियों को पढ़ रहा हूँ. ज्यादातर इन कहानियों को पढ़कर ही मैं मस्ती करता हूँ. इन कहानियों को कई दिनों तक पढ़ने के बाद मैंने सोचा कि क्यों न मैं भी अपनी कहानी आप सबको बता दूँ.
पहले यहां सब आंटियों और भाभियों को मेरे लंड की तरफ से भरपूर प्रणाम.
मेरा नाम ज़ीशान (नाम बदला हुआ) है. मैं अभी बैंगलोर में रहता हूं. मेरा गांव बैंगलोर के करीब ही है. मैं अपने बारे में बता देता हूं, मेरा कद 5 फुट 8 इंच है. मैं देखने में बहुत हैंडसम दिखता हूँ, ऐसा सब लोग बोलते हैं. मैं अपने लंड के बारे में बताऊं, तो ये करीब 7 इंच का है … लेकिन काफी मोटा है … मतलब 3 इंच तक की गोलाई का होगा.
ये कहानी मेरी और मेरी चाची और उनकी दो बहनों के बीच गुज़री हुई एक सच्ची घटना है. ये घटना 5 साल पहले की है. अभी मेरी उम्र 23 साल है.
मेरी चाची का नाम रेशमा (नाम बदला हुआ) है. जब चाचा की शादी हुई थी, तब मैं एक छोटा था. चाची जब पहली बार अपने घर आईं, तो उनको देख कर मैं बहुत खुश था. चाची मुझे रोज़ खाना अपने हाथों से खिलाती थीं. कोई 3 साल बाद चाचा और चाची पास वाले टाउन में रहने चले गए थे. मैं उनके चले जाने से बहुत दुखी था. क्योंकि मेरी प्यारी चाची मुझसे दूर जा रही थीं.
फिर कुछ दिनों के बाद मुझे भी पढ़ाई के कारण पास वाले टाउन में रहने जाना पड़ा. मेरी हायर स्कूलिंग की पढ़ाई थी. मैं पढ़ाई के चलते कभी कभी ही चाची के घर जा पाता था. मेरी 12वीं क्लास की पढ़ाई शुरू होने वाली थी.
पढ़ाई के चलते मैं एक्स्ट्रा ट्यूशन के लिए जाना हुआ. एक्स्ट्रा ट्यूशन की स्पेशल क्लासेज की वजह से रोज शहर तक आना जाना मुश्किल था. इसलिए मैंने पापा से वहीं चाची के घर रहने की पूछा.
पापा बोले- ठीक है, तुम चाचा के घर में रह कर पढ़ाई कर लेना.
मैं वहां शिफ्ट हो गया. मुझे देख कर मेरी चाची भी बहुत खुश थीं. चाची के अब एक बेटा और एक बेटी हो गई थी. वो दोनों भी मुझसे बहुत प्यार करते थे. मैं पढ़ाई में टॉपर था, तो सब लोग मुझे पसंद करते थे. मेरी चाची तो मुझे बहुत ही ज़्यादा पसंद करती थीं. अभी तक मेरे मन में चाची के लिए कोई बुरे ख्याल नहीं थे.
एक दिन सुबह जब मैं हॉल में सोफे पे बैठ कर पढ़ाई कर रहा था. तब चाची पौंछा लगाने आईं. उस वक्त चाची नाइटी में थीं. जब चाची पौंछा लगाने के लिए मेरे सामने झुकीं, तो मेरी नजर उनके मम्मों पर चली गई. क्या मस्त नजारा था दोस्तो … चाची के भरे हुए मम्मे देख कर मेरे तो होश ही उड़ गए थे. मैंने पहली बार चाची के मम्मे देखे थे. उनके बड़े बड़े स्तन उनकी गहरे गले वाली नाइटी से बाहर झांक रहे थे. मैं चाची के दूधिया आमों को हिलते हुए देखने लगा.
अचानक चाची ने मुझे अपने दूध ताड़ते हुए देख लिया. इस पर उन्होंने पास रखी एक ओढ़नी को ऊपर से ओढ़ लिया.
मुझे जैसे ही यह बात समझ आई कि चाची ने मेरी इस हरकत को समझ लिया है, मुझे बहुत लज्जा आई. मैं पश्चाताप करने लगा. अब मैं चाची से आंखें मिला नहीं पा रहा था. लेकिन चाची ने ये सब नजरअंदाज करते हुए मुझसे ठीक से बात की … तो मेरी टेंशन थोड़ी कम हुई.
चाची के दूध देखते हुए पकड़े जाने के बाद मुझे खुद पर कोफ़्त तो हो रही थी लेकिन अभी भी वो मदमस्त नजारा मेरी आंखों के सामने चल रहा था. उनके वो बड़े बड़े स्तन मुझे बार बार उत्तेजित कर रहे थे.
दोस्तो, अब मैं आपको अपनी चाची के बारे में बता देता हूं. मेरी चाची का रंग एकदम गोरा है. उनकी कद थोड़ा कम है … शायद 5 फुट 2 इंच ही होगा. चाची की उम्र मुझसे 10-11 साल बड़ी है. उनके बड़े बड़े स्तन 34 इंच के हैं, कमर 28 इंच की और गांड का उठाव 36 इंच का है.
चाची इतनी कामुक और चिकनी दिखती हैं कि जो भी उनको पहली बार देखेगा, उसका लंड खड़ा हो जाएगा. मेरी चाची बहुत ही सेक्सी माल हैं. लेकिन वो स्वभाव में बहुत अच्छी हैं.
उस दिन से मेरे दिल में चाची के लिए वासना जागने लगी थी. जब भी वो पानी लेने या नहाने जाती थीं, मैं छुप कर देखने की कोशिश करता रहता था.
चाची के नहाकर आने के बाद, मैं बाथरूम में जाकर उनकी ब्रा और पैंटी सूंघता था. उनकी पेंटी और ब्रा को हाथ में पकड़ कर मैं मुठ मारता था. हालांकि ये सब चाची को पता नहीं था.
ऐसे ही दिन गुज़र रहे थे. मेरी बारहवीं की पढ़ाई खत्म हो गई. मैं 95 परसेंटेज नम्बर लेकर अपने स्कूल में फर्स्ट आया था. मेरी इस सफलता से सब बहुत खुश थे. मैं स्कूल में सबको मिठाई खिला रहा था.
बाद में मैं घर भी मिठाई का डिब्बा लेकर पहुंचा. चाची मेरी इस सफलता से सबसे ज़्यादा खुश लग रही थीं. वे मुझे देखते ही झट से मेरे गले से लग गईं.
चाची खुश होते हुए बोली- बधाई.
पहली बार चाची ने मुझे गले से लगाया था. बल्कि यूं कहूँ कि आज पहली बार किसी औरत ने मुझे गले से लगाया था.
चाची- मैं तुम्हारी कामयाबी से बहुत खुश हूं … मेरे घर में रहकर इतने अच्छे अंक लाए हो. बताओ मेरी मिठाई कहां है … मेरे लिए लाया भी या नहीं?
मैं- चाची आपको मिठाई कैसे न दूँ. आपके लिए तो पूरा डिब्बा लेकर आया हूँ.
मैंने मिठाई का डिब्बा खोल कर चाची को अपने हाथों से मिठाई खिलाई.
चाची ने भी मुझे मिठाई खिलाई और मेरे गाल पर किस कर लिया. मैं चाची के इस किस से एकदम चौंक गया. लेकिन मैं कुछ कर नहीं पाया, क्योंकि मैं अभी उन्हें किस का जबाव देने लायक स्थिति में नहीं था.
चाची- आगे क्या प्लान बनाया है?
मैं- अब तो आगे की पढ़ाई के लिए बैंगलोर जाने का सोचा है.
चाची- यदि तुम वहां चले जाओगे, तो तुम्हारी चाची तो बोर हो जाएगी.
मैं- लेकिन अब उधर तो जाना ही पड़ेगा, यहां अच्छे कॉलेज नहीं है.
चाची- ठीक है, अच्छे से पढ़ लेना … लेकिन कभी कभी यहां भी आ जाया करो.
मैंने उनसे हामी भर दी. मुझे चाची के घर से जाना बहुत कठिन लग रहा था, मेरा मन काफी उदास था.
फिर मेरा बैंगलोर जाने का हुआ, वो पल मेरे लिए बहुत कठिन था. मैं चाची का साथ छोड़ कर बैंगलोर जा रहा था.
खैर … मैं बैंगलोर चला गया. उधर 2 साल मैंने बहुत एन्जॉय किया, लेकिन अभी भी मुझे चाची की बहुत याद आती थी. कुछ दिनों बाद मैं छुट्टियों में अपने घर आ रहा था. मैं घर गया और सबसे मिल कर खूब बात की. इसके बाद मैं पास वाले टाउन में चाची के घर के लिए निकल गया.
उनसे मिले बिना मुझसे रहा नहीं जा रहा था. मैं चाची के घर पहुंचा और दरवाजे की घंटी बजाई.
चाची की आवाज आई- कौन है?
मैं समझ गया कि ये आवाज बाथरूम से आ रही थी.
मैं- मैं जीशान हूँ चाची.
चाची- अरे जीशान बेटा कब आए … रुको आ रही हूँ.
चाची नहाने के बीच में से ही उठ कर दरवाजा खोलने आईं, वे पेटीकोट को अपने स्तनों तक चढ़ा कर आई थीं. उन्होंने थोड़ा सा दरवाजा खोला और मुझे जल्दी से अन्दर आने को कहा.
मैं- अरे चाची आप नहा रही थीं. मैं बोल देतीं. मैं इन्तजार कर लेता, इतनी भी जल्दी नहीं थी.
चाची- अरे कोई बात नहीं … तुम बैठो, मैं अभी नहा कर आती हूँ.
चाची ये बोल कर बाथरूम में चली गईं और जाते वक्त जल्दबाज़ी में या पता नहीं जानबूझ कर उन्होंने बाथरूम के दरवाजे को बंद नहीं किया. चाची को इस तरह एक पेटीकोट में देख कर वैसे ही मेरा मन खराब हो गया था. मैं जानबूझ कर बाथरूम के सामने ही बैठ गया. और चाची से बात करने लगा.
मैं- और चाची … बच्चे कहां हैं और चाचा कहाँ हैं?
चाची- छुट्टियां हैं ना, बच्चे अपने मामा के घर गए हैं … और तुम्हारे चाचा अपने काम से निकले हुए हैं.
मैं- आपसे बात किए हुए करीब एक साल हो गया चाची … मुझे आपकी बहुत याद आती रही. आई मिस यू चाची.
चाची- क्या बात है … तू तो चाची को मिस करने लगा. कोई गर्लफ्रेंड नहीं मिली बैंगलोर में?
मैं- गर्लफ्रेंड की अपनी जगह … चाची की जगह कोई नहीं ले सकता.
चाची- अरे वाह … तू तो शायर भी बन गया … पूरा जवान हो गया है तू.
अचानक चाची चिल्ला दीं. बाथरूम का दरवाजा बंद नहीं था, तो मैं अन्दर घुस गया.
मैंने पूछा- क्या हुआ?
चाची कॉकरोच की तरफ अपनी उंगली को दिखाने लगीं.
मैं- अरे चाची इतनी सी छोटी चीज़ के लिए इतना घबरा गईं.
मैंने उस कॉकरोच को मार दिया और वहीं खिड़की से बाहर फेंक दिया. तभी मेरी नज़र चाची पर गयी. चाची सिर्फ ब्रा और पैंटी में थीं. आह … क्या बताऊं, चाची बिल्कुल बदल गयी थीं … उनके मम्मे और बड़े हो गए थे. चाची और बड़ी मस्त माल बन गई थीं. उनके मम्मे 36 इंच के हो गए थे, कमर 32 और गांड 38 इंच की हो गयी थी. मुझसे रहा नहीं गया … मैं बस उनकी जवानी को देखते ही रह गया.
चाची ने मेरी वासना भरी आँखों को पढ़ लिया था. जब उन्होंने कुछ नहीं कहा, तो मैंने आगे बढ़ कर चाची को हग कर लिया. चाची के मम्मों को मैं उनकी ब्रा के ऊपर से छू रहा था.
चाची मुझ पर गुस्सा करने लगीं- अरे ये क्या कर रहे हो जीशान? छोड़ो मुझे.
मैं- आप बहुत खूबसूरत हो चाची, मैं आपको बहुत पसंद करता हूँ.
ये बोलते बोलते मैं उनको किस करने लगा और एक हाथ से उनके मम्मे दबाने लगा.
चाची- ये सब गलत है बेटा … छोड़ दो मुझे. अपनी चाची के साथ कोई भला ऐसे करता है. प्लीज मुझे छोड़ दो न.
मैं- प्यार और सेक्स के बीच कोई रिश्ते नहीं होते हैं चाची … आई लव यू.
मैंने ये कहते हुए धीरे से चाची की ब्रा को खोल कर निकाल दिया.
चाची एक नाकाम कोशिश के बाद चुप हो गईं.
कुछ देर बाद चाची- अरे कोई देख लेगा … किसी को पता चल गया, तो क्या होगा.
मैं उनके मम्मे सहलाने लगा और चूसने लगा.
अब चाची भी थोड़ा सहयोग करने लगी.
मैं- कोई नहीं देखेगा. … किसको पता नहीं चलेगा … आई प्रॉमिस.
चाची ने मादक सिसकारियां लेना शुरू कर दी थीं.
चाची- धीरे धीरे … आआह … ऊऊह … ये सब गलत है जीशान … अपनी चाची के साथ ऐसे नहीं करते.
मैं- चाची कुछ गलत नहीं. मैं आपको बहुत चाहता हूँ.
चाची- चाचा आ जाएंगे … प्लीज छोड़ दो.
मैं- चाचा को आने में बहुत समय लगेगा … आप चिंता ना करो.
कुछ पलों बाद चाची को भी मज़ा आने लगा था. मैं ज़ोर ज़ोर से उनके मम्मे चूस रहा था. दीवानों की तरह चुचे चूम रहा था. मैंने दोनों बांहों से चाची को दबा लिया था. मैं कभी उनके गाल चूमता, तो कभी उनके होंठ. चाची गर्म होने लगीं. हम दोनों अभी तक बाथरूम में ही ये सब कर रहे थे.
मैं धीरे धीरे चाची के नीचे आने लगा. अपने हाथ ऊपर किए हुए मैं चाची के स्तन दबा रहा था और चूम रहा था. मैं उनके पेट पर आ गया और उनकी गहरी नाभि को चूमने लगा.
चाची कुछ नहीं बोल रही थीं. मैंने उन्हें घुमा दिया और उनकी पीठ पर किस करने लगा. चाची अब तक बहुत गर्म हो गयी थीं. मेरी चाची अब बिल्कुल मेरे काबू में थीं.
आज मेरा पहला सेक्स होने वाला था. आखिर मेरी चाची मुझे मिलने वाली थीं. मैं पूरी तरह मज़े लेना चाहता था. मैं एक कुत्ते की तरह चाची का जिस्म पूरा चाट रहा था. चाची मज़ा भी कर रही थीं और थोड़ा नानुकुर भी कर रही थीं.
चुम्बनों की आवाज से बाथरूम गूंज रहा था. ब्रा उतर जाने के बाद चाची के जिस्म पर सिर्फ पैंटी रह गई थी. मैं अभी पैंटी को छूना नहीं चाहता था. मैं उनकी जांघों को चूमने लगा. चाची का जिस्म एकदम बेदाग़, दूध के जैसे गोरा चमक रहा था. उनके मम्मों के ऊपर पिंक निप्पल और भी मज़ेदार थे.
चाची की शादी को 10 साल हो चुके थे. लेकिन अभी भी चाची एकदम सेक्सी माल थीं. उनके मम्मे अभी भी एकदम खड़े थे. उनके 36 इंच चूचे बड़े मस्त लग रहे थे. उनके मम्मे मेरे दोनों हाथों में समा ही नहीं पा रहे थे.
मैं चाची के जिस्म के मज़े लेने लगा. चाची का जिस्म भारी था. उनका कद थोड़ा कम था. इसकी वजह से मुझे और भी मज़ा आने लगा.
चाची की नीले रंग की पैंटी की अन्दर क्या है, ये देखने का समय आ गया था. मैंने उनकी नीले रंग की पैंटी के ऊपर हाथ डाला और धीरे धीरे पैंटी के ऊपर से चूत को सहलाने लगा. चाची वासना से लाल होने लगीं. मैं उनकी पैंटी के अन्दर हाथ डालने लग
चाची भी मुझसे सहयोग करने लगीं. मैं पूरी मदहोशी से चाची को चूम रहा था. वो भी जोश में मेरे बाल ज़ोर से पकड़ रही थीं.
मुझे मजा आने लगा. मैंने उनके होंठों को अपने होंठों से दबाते हुए ज़ोर से काट लिया … वो चिल्लाने लगीं. उनकी सीत्कार भरी आवाज निकल गई- आआहह … कमीने अब चाची को रुलाएगा क्या?
मैं- अरे सॉरी चाची गलती से हो गया.
चाची- तू मुझे प्रॉमिस कर, ये बात हमारे बीच ही रहेगी.
मैं- आई प्रॉमिस यू चाची … ये बात हमारे बीच में ही रहेगी
चाची- अच्छा … चल बेडरूम में चल.
मैं चाची की बात सुनकर खुश हो गया और उनको एक ज़ोर से किस कर दिया.
चाची- जो भी करना है … जल्दी से कर ले … फिर कोई आ जाएगा.
मैं- ठीक है चाची.
मैंने तुरंत कमर से पकड़ कर ऊपर उठा लिया. चाची चौंक गईं.
चाची- जीशान … ये क्या कर रहे हो. मुझे नीचे उतारो.
मैं- आपको बेडरूम में लेकर जा रहा हूँ.
चाची ने ये सुनते ही अपने पैरों से मुझे पकड़ लिया और मेरी गोद में लटक गईं. मैं उन्हें किस करने लगा और उनकी गांड को सहलाने लगा. मैं उन्हें चूमता हुआ बेडरूम में ले आया और उन्हें बेड पे गिरा दिया
चाची- बदमाश … मुझे कहीं चोट लग जाती तो?
मैं- मैं लगने नहीं दूंगा.
मैं बेड के ऊपर आ गया और चाची के ऊपर चढ़ कर उन पर आक्रमण करने लगा. चाची की मादक सिसकारियां मुझे और उत्तेजित कर रही थीं. मुझे उनके चूचे बहुत पसंद थे. मैं उन्हें ज़ोर ज़ोर से दबा रहा था.
चाची- आआह … आम्म्म … आआह धीरे करो न.
मैं और ज़ोर से दबा रहा था … और ज़ोर से चूसने लगा था. मेरे होंठों से चाची के मम्मे चुस कर लाल हो गए थे. मैं यूं ही उन्हें चूमता हुआ नीचे नाभि पर पहुंच गया. लाल रंग और गोल आकार में चाची की नाभि बड़ी मस्त दिख रही थी. मैंने अपनी जीभ को चाची की नाभि पे रख दिया और चाटने लगा. मेरी जीभ के स्पर्श से चाची मचल उठीं. उन्होंने मेरे सर के बालों में अपने नाखून गड़ा दिए.
चाची- उम्म्ह… अहह… हय… याह… और कितना तड़पाएगा, डाल दे रे जीशान, अब रहा नहीं जा रहा है.
यह बात सुनते ही मैं और नीचे पैंटी पे आ गया. नीले रंग वाली पैंटी को अपने हाथों से निकाल दिया. अब चाची भी मुझे सहयोग करने लगीं.
क्या मस्त और हसीन नजारा था दोस्तो. चाची की चूत पर काले घने बाल थे. उन काले घने बालों के बीच में चाची की लाल चूत साफ दिख रही थी. उनकी चूत में से पानी निकल रहा था. मैंने देर न करते हुए अपने कपड़े निकाल दिए. चाची भी मेरी शर्ट के बटन्स खोल रही थीं. मैंने जल्दी से अपने कपड़े निकाल दिए. अब मैं अंडरवियर में था.
चाची- क्या मस्त बॉडी बना ली है जीशान … जिम जाता है क्या?
मैं- हां चाची!
चाची अब मुझे अपने नीचे करके चूमने लगीं. वे मेरा पूरा जिस्म पागलों की तरह चाट रही थीं. चाची ने मेरा लंड अंडरवियर के ऊपर से ही हाथ में पकड़ लिया और बोलने लगीं- ये क्या है … मेरा बेटा इतना बड़ा और जवान पट्ठा हो गया है.
चाची की चुदाई की कहानी का पूरा मजा लेने के लिए मेरे साथ बने रहिए. बाकी कहानी के अगले भाग में पढ़िए.
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चुदाई की कहानी जारी रहेगी.