यह कहानी एक सीरीज़ का हिस्सा है:
हेलो दोस्तो, आपके दोस्त जीशान की कहानी अब अपने अंतिम पड़ाव की ओर बढ़ रही है. उम्मीद है आप सब मस्ती से इस कहानी को पढ़ रहे होंगे.
अभी तक आपने पढ़ा था कि मैंने परवीन आंटी की मदद से हिना आंटी को भी चोद लिया था.
अभी मैं उनकी चुदाई से फारिग ही हुआ था कि इतने में दरवाजे की घंटी बजी. मैंने आंटी से जल्दी से कपड़े पहनने को कहा.
हिना- दीदी ही होगी … टेंशन मत ले. मैं जाती हूँ.
वो ऐसे ही नंगी दरवाजा खोलने चली गईं. खोलने के पहले वो की-होल में से देखने लगीं. बाहर परवीन आंटी को देख कर कन्फर्म करके दरवाजा खोलने लगीं. जैसे परवीन आंटी अन्दर आईं, हिना आंटी ने दरवाजा बंद कर दिया.
परवीन- हिना … ये क्या कर रही थी तू?
मैं- ड्रामा की कोई ज़रूरत नहीं, उनको सब पता है.
परवीन- मैं सब वहां विंडो से देख रही थी. हिना तेरे अन्दर ऐसी नई नई हसरतें कब से शुरू हो गईं?
हिना- और भी बहुत सारी हसरतें हैं दीदी. कभी मेरे घर आओ, सब बताती हूँ.
मैं- कोई नहीं आएगा … सिर्फ मैं आऊंगा. मुझे सब सिखाना.कुछ देर बाद हिना आंटी ने मुझे दूसरे दिन घर आने को कहा.
अब आगे:
हिना आंटी के इस बर्ताव से मेरे होश उड़ गए थे. पता नहीं और क्या क्या है उनके दिल में … दिखने में बड़ी मासूम सी दिखती थीं. ऐसा तो कोई सोच भी नहीं सकता था कि हिना आंटी इतनी अधिक कामुक निकलेंगी.
परवीन आंटी के घर इतना सब होने के बाद मैं दूसरे राउंड के लिए तैयार नहीं था. मैं थक गया था. इस नए एक्सपीरियंस से मेरे होश उड़ गए थे.
हिना- मुझे माफ कर देना जीशान. ये तो सिर्फ एक बार होता है. पहली बार ही सबसे अच्छा होता है. सब प्लान करके करने से ये उतना अच्छा नहीं होता है. ये अपने आप होना चाहिए. इसलिए हम इतने मज़े कर पाए.
मैं- और क्या क्या है मन में. मेरा तो गला सूख गया था यहां. आप चाहती हो, तो यहीं हम दूसरी बार भी कर सकते हैं.
हिना- नहीं … अभी तो बहुत कुछ बाकी है.
हम दोनों मिलकर नहा लिये. हिना आंटी परवीन आंटी के कपड़े पहनकर वहां से निकल गईं. मैं भी निकल गया.
मैं देर रात को घर पहुंचा और यूँ ही सोचने लगा कि औरत की भी बहुत हसरतें होती हैं … जिसका हमें ख्याल रखना पड़ता है. जितना मर्द की हसरतें होती हैं, उतनी औरत की भी रहती हैं. सिर्फ लंड चूत में डाल कर हिलाने से उन्हें खुशी नहीं मिलती है. हमें उनकी हसरतों को जानना होगा और उन्हें खुश करना होगा. खुश करने के लिए किसी लंबे मोटे लंड की ज़रूरत नहीं होती है …
सामान्य 6 इंच का लंड भी खुशी दे सकता है. मैं हमेशा चाहता था कि मेरा लंड 10 इंच जितना बड़ा हो जाए. लेकिन अब मैं जानने लगा कि मेरा 7 इंच का लंड भी औरतों को खुश कर सकता है. आज मैं अपने लंड पे घमंड महसूस कर रहा था. इन तीन बहनों ने मेरी सेक्स लाइफ को कहीं और ला दी थी.
यह कहानी 5 साल पुरानी थी. मतलब जब मैं 18 साल का था, तब की थी. अब मैं 23 साल का हो गया हूँ. चार साल इंजीनियरिंग लाइफ की तमाम कहानियां आप सबसे शेयर करने का मन कर रहा है. अब तक जितनी भी औरतों और लड़कियों को मैंने चोदा है, उन सबमें से ये तीनों बहनों ने मुझसे सबसे ज़्यादा सुख दिया है.
अभी मैं ये सब सोच ही रहा था कि तभी चाची का फोन आया- हैलो जीशान, आई मिस यू बेटा … कैसा है तू?
मैं- मेरी तो गांड फटी पड़ी है.
चाची ने हंसते हुए पूछा- क्यों क्या हुआ?
मैं- हिना ने..
चाची- हिना..? मतलब तू दीदी से मिला?
मैं- हां … परवीन आंटी ने घर बुलाया था.
चाची- अरे वाह तूने मुझे कुछ नहीं बताया … एक हफ्ते से तेरा कोई कॉल नहीं मैसेज नहीं, हो क्या रहा है? बता अब मुझे क्या हुआ है?
मैं- हिना आंटी की हसरत सेक्स से बढ़कर कुछ और ही है.
चाची- मतलब?
मैं- मैंने उनकी चुदाई कर दी. उन्होंने चुदाई के वक्त मुझे बहुत मारा भी … मगर खुश भी बहुत हुईं उनके साथ बहुत कुछ हुआ है. आप शुरुआत तो ऐसी मान लो … जैसे *** हुआ था.
चाची- याल्लाह!!! तूने ऐसा क्यों किया … अब मैं क्या करूँ?
मैं- तुम कुछ मत करो … उन्होंने ये सब अपने आप मुझे इसके लिए प्रेरित करके किया था … और वही उनको अच्छा लगता है.
चाची- ऐसे अजीब अजीब ख्वाहिश? अच्छा तू ये बता कि घर कब आने वाला है?
मैं- अब घर आने के लिए अभी टाइम नहीं है. इस संडे के दिन सब मिलकर फार्म हाउस जा रहे हैं. आप तैयार रहना. जो जो सामान मैंने पहले बोला था, वो सब ले लेना … और इसके अलावा आपको और जो भी चाहिए हो, ले लेना.
चाची- वाह … मतलब चारों एक साथ … अब तो मज़ा आ जाएगा … मैं सब तैयार करूँगी. सबके लिए लंच भी रेडी करूँगी … बाय.
चाची ने फ़ोन काट दिया. मुझे कब नींद आ गयी, इसका पता ही नहीं चला. मैं खूब घोड़े बेचकर सो रहा था. इतनी गहरी नींद आई थी कि मैं सुबह एक्सरसाइज के लिए भी नहीं उठा.
मैं 8 बजे उठा और फ्रेशअप होकर नाश्ता करने लगा.
तभी हिना आंटी का फ़ोन आया- हैलो मेरे हीरो.
मैं- बोलिए हेरोइन?
हिना- कुछ नये एक्सपीरियंस के लिए तैयार हो?
मैं- हां … बिल्कुल तैयार हूँ.
हिना- सोच लेना?
मुझे थोड़ा डर भी लगने लगा. फिर भी आंटी की सेक्सी बॉडी की चाह में मैंने हां कह दिया- सोच लिया … मैं तैयार हूँ.
हिना- ठीक 10 बजे घर के पास आ जाना. लेट नहीं करने का.
मैं- ठीक है … बाय!
मैंने नाश्ता खत्म किया. मैं अपने आपको हिम्मत दे रहा था, नए एक्सपीरियंस के लिए.
मैं 9:00 बजे घर से निकला और ठीक 9:45 पर आंटी के घर के पास आ गया. कोई 15 मिनट बाद यानि ठीक 10 बजे मैंने उन्हें कॉल लगाया.
मैं- आ जाऊं अन्दर?
हिना- हां दरवाजा खुला है, आ जा.
मैं सीधा अन्दर चला गया और दरवाजा बंद करने लगा. आंटी तो मेरे लिए बेडरूम में इन्तजार कर रही थीं. उन्होंने बेडरूम सजाया हुआ था. नया चादर, कूलर आदि सब लगाया हुआ था. आंटी को देखा, तो वो मस्त सेक्सी शॉर्ट्स और टी-शर्ट पहने हुए थीं. मैंने अभी तक हिना आंटी को साड़ी के अलावा किसी और ड्रेस में नहीं देखा था.
मैं- आप टी-शर्ट शॉर्ट्स भी पहनती हो?
हिना- ये मेरे नहीं, आलिया के हैं. तुझे कुछ नया एक्सपीरियंस देने के लिए पहने हैं.
आंटी ने मेरा हाथ पकड़ कर बेड पे खींच लिया. मैं बेड पर बैठ गया. बगल में टेबल के ऊपर एक ट्रे रखी थी, उसको एक कपड़े के अन्दर छिपाया हुआ था. मेरी नज़र उसपे जाने लगी. आंटी ने भी मेरी नज़र देख ली.
हिना- वो सब तेरे लिए ही है.
इतना कह कर आंटी ट्रे उठाने लगीं और उन्होंने उसके ऊपर से कपड़ा हटा दिया. उसमें जो सामान थे, उन्हें देखकर मैं चौंक गया. क्या क्या बताऊं यार. उसमें एक 10 इंच का डिल्डो था, वाइब्रेटर था, एक हंटर था. हैंडकैप्स थे, जो हाथों में बेड़ियां जैसे लगते हैं. साथ ही आंखें बंद करने वाला ब्लाइंड फोल्ड भी था.
मैं ये सब देख कर परेशान हो गया.
मैं- आंटी आपको ये सब सामान कहां से मिला?
हिना- ऑनलाइन से मंगवाया है … मैं किसी न किसी दिन इन सबको इस्तेमाल करने का मौका ढूंढ रही थी.
मैं- अब क्या करने वाली हो?
हिना- स्लेव सेक्स.
मैं- वो क्या होता है?
मैंने वैसे दो पोर्न वीडियोज में देखा था कि ये स्लेव सेक्स क्या होता है. फिर भी मैं उनसे पूछ लिया.
हिना- देख मैं जानती हूँ, दोनों को मौका मिलना चाहिए. मैं ये सिक्का उछालूँगी … चित आया तो पहले मैं, पट आया तो तुम.
मेरे कुछ बोलने से पहले ही आंटी ने सिक्का उछाल दिया. चित आया था, मतलब आंटी पहले करेंगी … लेकिन होगा क्या, ये मुझे पता नहीं था.
हिना- ये देख मैं कुछ भी करूँगी, तुझे सहना होगा. फिर तुझे मौका आएगा, तू जो करना है वो कर लेना.
मेरी गांड फटने लगी. पता नहीं ये रंडी अब क्या क्या करेगी.
आंटी ने मेरे हाथों में बेड़ियां डाल दीं. मैं अब एक कैदी सा बन गया था. मेरे दोनों हाथों को हिना आंटी ने बेड के कोनों से बाँध दिया था.
आंटी धीरे धीरे मेरे ऊपर आने लगीं. मुझे चूमने लगीं. मेरे होंठ काटने लगीं. आंटी ने इतने ज़ोर काट दिया कि मेरे होंठ पे खून आने लगा. मैं ऊपर उठने की कोशिश कर रहा था. लेकिन मुझे बाँध देने के कारण मैं कुछ नहीं कर पा रहा था.
हिना- बस इतने से डर गए … और बहुत कुछ होने वाला है.
मुझे डर होने लग था. आंटी ने अपनी टी-शर्ट को निकाल दिया और उनके रसीले बूब्स मेरे सामने थे, उन्हें ब्रा में कैद करके रखा हुआ था.
आंटी अब मेरे भी कपड़े निकालने लगीं. मैं भी सहयोग करने लगा. मैं अब सिर्फ अंडरवियर में था और आंटी ब्रा और पैंटी में थीं. वो मेरे ऊपर चढ़ गईं.
हिना- मेरे चूचे चाहिए तुझे … आ ले ले … इनको पी जा भोसड़ी के.
मैं जैसे थोड़ा ऊपर उठने लगता, वो पीछे हो जाती थीं. आंटी को मुझे ऐसे तड़पाना अच्छा लगता था. फिर आंटी ने अपने आप ब्रा खोल दी. मेरा लंड खड़ा हो रहा था. हिना आंटी मेरे लंड को हाथ में पकड़ कर ज़ोर से खींचने लगीं.
मुझे दर्द होने लगा- छोड़ दो उसको … मुझे दर्द हो रहा है.
हिना- जितना ज्यादा दर्द, उतना ज्यादा मजा.
फिर मुझे बहुत तड़पाने के बाद, आंटी ने अपने चुचे मेरे मुँह के पास रख दिए. मैं खूब चूसने लगा. अब मुझे ये खेल अच्छा लगने लगा. फिर आंटी ने अपनी पैंटी निकाल दी और सीधे मेरे मुँह पे बैठ गईं.
मैंने कुछ नहीं कहा, मैं उनकी चुत चाटने लगा था. वो मेरे सर को और अन्दर घुसा रही थीं. वे कामुक सिसकारियां लेने लगीं- आआआह उउहह. … बड़ा मस्त चूसता है मादरचोद … मेरी दो बहनों की गांड मारी है तूने, चुत भी चोदी है. अब यहां मुझे चोदने आया है.
मैं चुपचाप आंटी की चूत चाट रहा था. कोई 5 मिनट चूत खूब चाटने के बाद, वो झड़ने वाली हो उठी थीं. उन्होंने मेरे सर को ज़ोर से पकड़ लिया और अपनी चूत पर दाबते हुए जोरदार चीख मारकर झड़ गईं- आआह … ऊऊऊउफ मज़ा आ गया.
मैं पीछे की ओर खिसकने लगा … लेकिन आंटी मेरा सर और अन्दर ले रही थीं.
मैं- अब हो गया ना … निकालो मुझे, यहां सांस ले नहीं पा रहा हूँ.
हिना- उस रस को पी जा.
मैं- नहीं … मैंने अभी तक नहीं पिया है, नहीं होगा मुझसे.
हिना ने मुझे एक थप्पड़ मारा और चुपचाप चुत साफ करने को बोलीं. मैं कुछ नहीं कर पा रहा था. मैंने बिना चाहते हुए उनकी चूत का पानी पी लिया. मुझे बिल्कुल पसंद नहीं आया.
आंटी- साले तुम मर्द लोग तो अपना माल हमारे मुँह में छोड़ते हो और तुम हमारा माल नहीं लोगे. अब पी जा मादरचोद … पूरी चुत साफ कर.
हिना आंटी जैसे जैसे बोलीं, मैं वैसे करने लगा.
मैं अपनी बारी का इंतज़ार करने लगा. मुझे लगा कि अब उनका हो गया और मैं आज़ाद हो जाऊंगा. लेकिन ऐसा नहीं था.
रंडी आंटी अभी भी कुछ कर रही थी. एक हाथ में चाबुक ले लिया … मतलब वही जो जानवर को मारने के लिए इस्तेमाल करते हैं.
हिना- मादरचोद … इतना जल्दी तेरा लंड ढीला हो गया.
यह कहते हुए एक ज़ोर चाबुक मारते हुए मुझे गाली बकने लगीं. मुझे अब बहुत दर्द हो रहा था. मुझे आज तक मेरे पापा ने भी नहीं मारा था, लेकिन ये रंडी मार रही थी.
मैं चीखने लगा- आआआह. ये कैसी चुदाई है … मुझे नहीं चाहिए, मुझे छोड़ दे रंडी.
हिना- इतने में क्या हुआ मादरचोद … अभी तो और भी बहुत कुछ बाकी है.
वो ज़ोर से मुझे मारने लगीं. मैं रो रहा था. उन्हें इतना भी रहम नहीं आया. मैं अपनी बारी का इंतज़ार करने लगा. फिर वाइब्रेटर लेकर आंटी मेरे लंड पे रखने लगीं. मैं मचल उठा.
मैं- उम्म्ह… अहह… हय… याह…
हिना- मादरचोद मज़े कर रहा है?
वो मुझे ज़ोर से थप्पड़ मारने लगीं. मेरी चीख बाहर निकलने से पहले वो मुझे चूमने लगीं और हर जगह मुझे काटने लगीं. मैं बड़ी बेसब्री से मौके का इंतज़ार करने लगा. मैंने दिल में सोच लिया कि इसके बाद आंटी का वो हाल करूंगा कि आगे से ये स्लेव सेक्स का नाम नहीं लेंगी. तभी आंटी ने मेरा लंड अपने हाथ में लेकर अपनी चुत के अन्दर डाल दिया और ऊपर नीचे बैठने लगीं. वो खुद को चुदवाते हुए कामुक सिसकारियां लेने लगीं.
मैं चुपचाप पड़ा था.
आंटी ने तभी मुझे एक और ज़ोर से थप्पड़ मारा और बोलने लगीं- मादरचोद चीख … जब तू चोदता है तो मैं चीखती हूँ न … अब तू चीख मादरचोद.
मैं- आआआह ऊऊम्म्म … और ज़ोर से करो.
हिना- ये ले मादरचोद.. … ये ले. … और ये ले.
वो बहुत ज़ोर ज़ोर से लंड के ऊपर नीचे बैठने लगीं. वो बहुत ही ज्यादा उत्तेजित हो गयी थीं. मुझे भी इतना सब होने के बाद मज़ा आने लगा था. वो मुझे अब ज़ोर से पकड़ कर मेरे सीने पर काटने लगीं और ज़ोर से चीख कर झड़ने लगीं.
हिना- बहुत मस्त था … जीशान … अब तेरी बारी … तुझे जो करना है कर ले, अब मैं तेरी हूँ.
आंटी मेरी हथकड़ियां खोलने लगीं. जैसे ही उन्होंने खोला … मैंने अपनी पूरी ताकत से एक चांटा दे मारा. मेरे झापड़ से आंटी नीचे गिर गईं. मैंने उन्हें ऊपर उठाया और एक और ज़ोर से चांटा दे मारा.
मैं- साली रंडी, अब तुझे देखता हूँ.
अब मैंने हिना आंटी को हथकड़ियां पहना कर लॉक कर दिया. मैं बहुत थक गया था, इसकी वजह से पहले मैं फ्रिज के पास पानी पीने गया. वहां जूस पिया और एक बोतल पानी आंटी के लिए ले गया.
मैं- हिना डार्लिंग … पानी चाहिए?
हिना- हां जान … दे दे.
मैंने कैसे हिना आंटी को अपने लंड का गुलाम बनाया, ये सब आप अगले भाग में पढ़ना भूलिए.
आपके कमेंट्स और सजेशन ईमेल और इंस्टाग्राम पे बताईये [email protected]
Instagram: @handsome_hunk2307
चुदाई की कहानी जारी रहेगी.