नमस्कार मित्रों! क्या कर रहे हैं हैं आप लंड हाथ में लेकर.… सभी अपना लंड हाथ में लेने को तैयार हो जाओ.
हां जी, मेरा नाम है सेंडी और मैं पंजाब का रहने वाला हूँ. मैं स्लिम हूँ और मेरा रंग साफ़ है स्मार्ट भी हूँ. मेरा लंड का साइज़ साढ़े पांच इंच का है ये किसी मोटी मूली जितना मोटा है. मेरे में खास बात सिर्फ़ एक ही है कि मैं सेक्स जब करता हूँ तो खुल के करता हूँ, हर एंगल से सेक्स करता हूँ. मुझसे चुदवाते वक्त लड़की की चीखें निकल जाती हैं और सबसे बड़ी बात है कि मेरी टाइमिंग पे भाभियां और लड़कियां मरती हैं. हालांकि मुझे बड़ी उम्र की भाभियां या आंटियां चुदाई में सबसे ज्यादा पसंद हैं. मैं उनको चोदने के पहले बहुत प्यार करता हूँ, क्योंकि वो सेक्स खुल कर करती हैं.
मेरी सेक्स टाइमिंग ऐसी है कि अगर मैं नाइट में 9 बजे में सेक्स शुरू करूँ तो मॉर्निंग में 8 बजे तक मेरा सिर्फ़ कंटिन्यू 3 बार माल निकलता है. मुझे अपनी टाइमिंग पे पूरा भरोसा है. मैं शुरू से ऐसा ही हूँ. डॉक्टर बोलता है कि मेरी बॉडी में गर्मी बहुत ज्यादा है, जिसको कम नहीं किया जा सकता.
ये बात दो साल पहले की है. दिल्ली में मेरा एक फ्रेंड है, उसका नाम विजय है. उसका दिल्ली में अपना बिजनेस है. विजय की शादी हो चुकी है, उसकी बीवी दिल्ली की ही है. मेरे फ्रेंड विजय को भी मेरी तरह चुत मारने का बड़ा शौक है. लेकिन वो साला रिश्तों में ही चुदाई करना पसंद करता है. ये कहानी भी रिश्तों में चुदाई से ही है.
विजय की एक साली है, जो उसकी बीवी की बड़ी बहन है. साली का भी अपना बिजनेस है. मैं उसके बारे में और अधिक नहीं बता सकता. वो भी दिखने में सेक्सी है, लेकिन उसकी जो बेटी है, उसका नाम है माला. माला की उम्र 18-19 के करीब है. वो भी एकदम स्लिम है और सुन्दर व हॉट है. उसकी कमर 22 की है और उसकी जो तनी हुई चूचियां हैं, वो 34 साइज़ की हैं. माला के मम्मे उसकी काया के हिसाब से बहुत बड़े मम्मे लगते हैं. जब माला अपनी गांड मटका कर चलती है, तो उसके बूब बहुत उछलते हैं. उसकी गांड भी बहुत उठी हुई है. दरअसल कुछ तो गांड उठी हुई है, कुछ हाई हील के सैंडिल पहन कर चूचों और गांड को हाहाकारी रूप देने में काम कर देते हैं.
माला को कोई पहले से ही चोद रहा है, ये बात विजय को काफ़ी देर बाद पता लगा. तो विजय ने माला के ऊपर नज़र रखनी शुरू कर दी. माला की फुद्दी बहुत सुंदर है, ये बात माला जब नंगी हुई, तब पता चली.
विजय ने कुछ टाइम बाद पता कराया कि माला अपनी एक फ्रेंड के घर रोज जाती थी. उसकी सहेली का एक भाई है, वो तो तो मादरचोद किस्म का था ही साथ ही उसकी फ्रेंड का बाप भी ठरकी किस्म का है. दोनों ने मिलकर माला पर हाथ साफ कर दिया था और अब भी कर रहे थे.
उसकी इतनी सी उम्र में इतनी चुदाई हो चुकी थी कि उसकी चुत का भोसड़ा बन चुका था. लोग उसकी तरफ़ देख देख कर लंड पर हाथ फिराते रहते थे.
विजय को जब सारी बात का पता चला कि माला इस तरह से चूसी जा रही है, तो विजय की नियत में भी बदलाव आना शुरू हो गया. वो भी माला को वासना की नज़रों से देखने लगा.
जब भी विजय माला के घर जाता, तो वो यही सोचता रहता कि उसका टाइम कब लगेगा, जब इस पटाखे पर हाथ फेरने का मौका मिलेगा.
बात ये थी कि माला उसको घास तक नहीं डालती थी क्योंकि माला को तो पहले से ही दो दो लंड मिल रहे थे. ये अलग बात थी कि उसको महीने में एक दो बार ही लंड का मजा मिल पाता था. उसको विजय का इस तरह की सेक्सी नजरों का पता नहीं था, पर विजय के दिलो दिमाग़ पे माला की चुत का पागलपन इस कदर चढ़ा हुआ था कि अब उससे सहा नहीं जा रहा था.
एक दिन की बात है. माला के घर के सभी लोग किसी रिश्तेदारी में गए हुए थे. माला अपनी स्टडी के कारण नहीं जा सकी थी, तो उसके घर वाले विजय के घर बोल गए कि आप माला के पास एक दिन के लिए रह जाना.
ये सुनकर विजय की तो मानो लॉटरी लग गयी थी. वो तो रात का इंतज़ार कर रहा था.
उसकी घर वाली ने खाना दिया और बोला- ये आप माला का खाना ले जाओ … और आप उधर ही रात को सो लेना, लड़की अकेली है और आप रहेंगे तो घर का भी ख्याल रख जाएगा.
विजय ने माला के लिए खाना लिया. रास्ते में उसने कंडोम का पैकेट ले लिया था. जब घर पहुंच गया, तो उसने माला को खाना खिलाया और उसको पढ़ाई करने को बोल दिया.
थोड़ी देर बाद रात में विजय ने माला को आवाज़ लगाई. जब माला आई तो विजय ने उसको अपने पास प्यार से बिठाया और उसको कहा कि मैं तुमसे कोई बात करना चाहता हूँ.
तब माला ने कहा- हां बोलिए.
तो विजय ने पूछा कि माला तुम्हारा कोई ब्वॉयफ्रेंड है या नहीं?
इस पर माला एकदम से हिल गयी कि ये कौन सा सवाल पूछ लिया.
विजय को ना में बोलने के बाद वो चुप हो गई. विजय को उसकी बेरुखी पर गुस्सा आ गया कि ये मेरे से झूठ बोल रही है.
तो विजय ने उससे कहा कि माला मुझे तेरे बारे में सब पता है कि तुम्हारा जो जिस्म है, ये कैसे फल फूल रहा है. तुम अपनी फ्रेंड के घर जाती हो और उसके पापा और भाई से चुत मरवाती हो.
ये सब सुनकर माला के पैरों के नीचे से ज़मीन खिसक गयी. उसको इसका अंदाजा भी नहीं था. माला विजय के पैरों में गिड़गिड़ाने लगी- मौसा जी, मुझे माफ कर दो, मैं आगे से ऐसा कभी भी नहीं करूँगी प्लीज़ मेरे घर वालों को ये सब मत बताना. आप जो बोलोगे, मैं वो करूँगी.
इस पर विजय ने उसको उठाया और उसको मम्मे से पकड़ कर अपनी गोद में बिठा लिया. फिर विजय बोला- उनके पास जाकर चुदने की क्या पड़ी थी तेरे को … मैं जब से तेरे को चोदना चाहता था और इधर ये बात भी सोच कि घर की बात घर में रहेगी, मैं तुझे हर वक़्त चोद सकता हूँ. उधर तेरे को लंड के लिए तरसना पड़ता है.
माला को पिछले एक महीने से लंड की खुराख नहीं मिली थी, तो वो वैसे ही चुदवाने को मचल रही थी.
अब माला और विजय दोनों एक दूसरे के करीब आ गए. दोनों ने लिप लॉक कर लिया. कई मिनट तक वो अधरों की चुसाई करते रहे. इसी बीच माला ने विजय का सरिया जैसा लंड हाथ में पकड़ लिया. विजय की आग भड़क उठी. विजय ने पैन्ट की ज़िप खोल दी. इतने में माला ने उसके अंडरवियर में हाथ डाल कर लंड को पकड़ लिया.
विजय झट से नंगा हो गया और अपना लंड उसने माला की तरफ कर दिया. माला ने लंड चूसना शुरू कर दिया. माला लंड चूसते हुए बोल रही थी- ओ गॉड … अगर मेरे को पता होता कि मेरे ही घर में मुझे इतना बढ़िया चोदने वाला मौसा है, तो मैं कब की आपसे चुदवा चुकी होती.
कुछ ही देर बाद विजय ने माला के सारे कपड़े उतार दिए और उसको दीवार के सहारे खड़ा कर दिया. माला की आंख बंद थीं, तो विजय ने उसकी टाँग उठाकर उसकी तड़फती चुत में अपना लंबा लंड पेल दिया.
जब लंड जड़ तक घुस गया तो माला की आंख दर्द से पूरी तरह से खुल गईं और वो चीखने लगी- बस करो बस करो … बहुत अन्दर तक पेल दिया.
विजय का लंड उसकी बच्चेदानी तक जा रहा था, तो माला से ये दर्द नहीं सहा जा रहा था.
विजय पागलों की तरह उसके दूध मुँह में लेकर चूसता हुआ उसको पेलता रहा.
कुछ देर बाद जब विजय शांत हुआ, तो माला ने विजय को लंड से पकड़ कर बेडरूम में बेड के ऊपर धक्का दे दिया और माला उसके ऊपर आ गई. माला बोली- अब मैं दिखाती हूँ चुदाई कैसी होनी चाहिए.
दरअसल में माला एक हॉर्नी लड़की थी, वो कुछ ज्यादा ही चुदासी रहती थी इसलिए वो जवानी की उम्र से ही इतना बड़ा लंड लेने को तैयार रहती थी.
अब माला ने पहले अपने मौसा के लंड को चूसा. उसमें हनी लगा कर खूब चाटा. विजय तो अपनी लंड चुसाई के मजे से सातवें आसमान पे था. उसकी तो लाइफ बन गई थी. इतनी कम उम्र की मस्त लड़की को जो वो पेल रहा था. वो भी सग़ी साली की लड़की की चूत चुदाई का मजा मिल रहा था.
फिर माला ने विजय के लंड को पकड़ कर अपनी चुत पर लगाया और धच से लंड के ऊपर बैठ गई. माला की इस अदा से विजय की तो गांड फट गयी. माला ज़ोर ज़ोर से विजय के लंड पर कूद रही थी, साथ ही बोल रही थी- बहन के लौड़े मौसे … अब बोल … दिखा दे अपनी ताकत मादरचोद … मेरी चुत का आज भोसड़ा बना दे कुत्ते … सब सारी रात है तेरे पास … मैं तेरी घरवाली बनकर रहूँगी, बस मुझे रोज चोदना … विजय मेरे पतिदेव सेक्स में मेरे ऊपर कोई रहम मत करना … बस मुझे कभी छोड़ना मत … ऐसा ना हो कि मुझे तड़फ़ता हुआ छोड़ दे.
विजय ने बोला- मैं तेरे को दिन रात चोदने के लिए तैयार हूँ, पर तू किसी और के पास नहीं जाएगी, तू मेरी पर्सनल रखैल बन कर रहेगी. तेरी चुत में दो दो लंड भी मैं डलवाऊंगा.
इतने में माला ने जोश के मारे जोर से कूदना शुरू कर दिया. विजय का माल निकलने वाला था कि माला ने उसके लंड से कंडोम हटा कर लंड अन्दर कर लिया और कहने लगी कि आज मेरी चूत आपके माल का नज़ारा लेना चाहती है.
इतने में दोनों निढाल हो गए. माला की पूरी चुत माल से भर गयी. कुछ देर बाद माला ने विजय का लौड़ा चाट कर साफ किया और लंड को दुबारा शॉट लगाने को खड़ा कर दिया.
दूसरे राउंड में क्या क्या हुआ, वो सब आगे की स्टोरी में बताऊंगा. साथ ही ये भी लिखूंगा कि कैसे विजय और मैंने, हम दोनों ने माला को हिमाचल ले जाकर कैसे कैसे चोदा.
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