मेरा नाम हिना है मैं 21 साल की एक मस्त मौला किस्म की खूबसूरत लड़की हूँ.
मेरे चेहरे पर गज़ब की सेक्स अपील है यह मैं नहीं कहती लोग कहते हैं.
मैं पूरी तरह जवान तो हूँ ही, मगर मैं एक पढ़ी लिखी बोल्ड लड़की भी हूँ.
मेरे घर में मेरी अम्मी जान और मेरी भाभी जान रहती हैं.
मेरे अब्बू जान और मेरा भाई जान दोनों ही दुबई में काम करते हैं.
मैं अभी एक स्टूडेंट हूँ और मेरी अम्मी जान एक कंपनी के काम करती हैं.
मेरी भाभी जान घर संभालती हैं.
हमारे मोहल्ले में जब भी कोई मनिहार यानि चूड़ियां बेचने वाला आता है तो मोहल्ले की सारी औरतें सारी बहू बेटियां सब एक साथ जुट जातीं हैं चूड़ियां खरीदने के लिए या फिर चूड़ियां तुरंत वहीं पहनने के लिए.
मनिहार भी बैठ कर बड़े प्रेम से चूड़ियां पहनाता है.
अच्छी खासी भीड़ इकठ्ठा हो जाती है और इसी बहाने चूड़ी वाले की अच्छी बिक्री भी हो जाती है.
मनिहार अक्सर एक अधेड़ उम्र का ही आदमी होता है. वह अधिकतर मनिहार लुंगी पहने हुए होता है.
मैंने तो हमेशा एक ही अधेड़ उम्र का मनिहार देखा है, वहीं जब कब आता रहता है.
एक दिन इत्तिफाक से मनिहार तो आया पर वह अधेड़ उम्र का आदमी नहीं था कोई और था.
इसीलिए शायद उसे देखकर किसी ने ध्यान नहीं दिया.
लेकिन मेरी नज़र उस पर पड़ी तो मेरा मन नई नई चूड़ियां पहनने का हो गया.
वह अधेड़ उम्र का आदमी नहीं था, एक मस्त जवान लड़का था.
मेरे ख्याल से उसकी उम्र लगभग 22 / 23 साल की होगी.
लड़का मुझे एक ही नज़र में भा गया तो मैंने उसे इशारे से अपने कमरे में बुला लिया और दरवाजा अंदर से बंद कर दिया.
अब किसी और की आने की कोई उम्मीद ही नहीं थी.
मैं चूड़ियां देखने में जुट गयी.
मैं कॉलेज में दो चीजों के बहुत मशहूर हूँ.
एक तो अपनी पढ़ाई के लिए क्योंकि मैं हमेशा अव्वल आती हूँ और दूसरे अपनी शरारतों के लिए क्योंकि मैं शरारतें बहुत करती हूँ.
मैं बोलती खूब हूँ गालियां भी देती हूँ, सबकी माँ बहन चोद देती हूँ और गंदी गन्दी बातें भी मस्ती से करती हूँ.
घर में भी हमारा यही हाल रहता है.
मैं जब 18 + की हुई थी अम्मी ने मुझे बोल्ड बना दिया था. एक गर्म लण्ड मेरे हाथ में रख दिया था और कहा था- आज से मैं तेरी दोस्त हूँ और तू मेरी दोस्त है. आज से तू मेरी बेटी नहीं, भोसड़ी वाली हिना है. और मैं तेरी अम्मी नहीं तेरी बुरचोदी अम्मी जान हूँ!
बस मैं उसी दिन से लण्ड की जबरदस्त शौक़ीन हो गयी.
मुझे लण्ड बहुत अच्छे लगने लगे.
मैं लण्ड से मोहब्बत करने लगी.
अपने कुनबे के लड़कों के लण्ड पकड़ने लगी और कॉलेज के कुछ लड़कों को पटा लिया और उनके भी लण्ड का मज़ा लेने लगी.
मेरी अम्मी ने कहा- देख हिना, पता नहीं तेरी शादी के बाद कब हमारे तुम्हारे बीच चुदाई के रिश्ते और गहरे बन जाएँ! पता नहीं कब तू मेरी बहू बन जाए, मेरी देवरानी बन जाए, मेरी भाभी जान बन जाए, मैं तेरी ननद बन जाऊं, तेरी सास बन जाऊँ, तेरी जेठानी बन जाऊं जैसा कि आम तौर से हमारे समाज में होता है.
मेरी अम्मी जान बहुत ही सेक्सी और हॉट लेडी हैं. खूब जम कर सेक्स करतीं हैं और मुझे भी सेक्स करने देतीं हैं.
जितने लण्ड वे पकड़ती हैं वो सब मुझे पकड़ा देती हैं.
जितने लण्ड मैं पकड़ती हूँ वो सब लण्ड मैं भी अम्मी को पकड़ा देती हूँ.
वह भी खूब अय्याशी करतीं हैं और मैं भी मादरचोद खूब अय्याशी करती हूँ.
चलिए दोस्तो, मैं आपको बता रही थी कि मैं उसकी चूड़ियां देखने में जुट गयी.
मैंने पूछा- तेरा नाम क्या है?
वह बोला- मैं साकिर हूँ.
मैंने फिर कहा- आज मैं पहली बार तुझे देख रही हूँ. ऐसा क्यों?
वह बोला- वास्तव में मैं यह काम नहीं करता. जो मनिहार यहाँ आता है वे मेरे अब्बू जान हैं. वे एक हफ्ते के लिए बाहर गये हैं तो मुझे यह काम करना पड़ रहा है. वैसे मैं पढ़ाई करता हूँ. मैं एक स्टूडेंट हूँ.
वह बड़ा स्मार्ट था और हैंडसम भी था.
मैं तो उस पर फ़िदा हो गई.
मुझे हरे रंग की चूड़ियां अच्छी लग रहीं थी तो मैंने कहा- ये चूड़ियां मुझे पहना दो साकिर!
मैंने अपना हाथ उसके आगे बढ़ा दिया.
वह हाथ पकड़ कर चूड़ियां नाप नाप कर पहनाने लगा.
बीच बीच में हाथ मसलने भी लगता था.
वह जब चूड़ियां बड़े प्यार से पहना रहा था तभी मेरी नज़र उसकी लुंगी पर पड़ी.
लुंगी के अंदर से कुछ उछलता हुआ नज़र आया मुझे!
मुझे यह समझने में देर नहीं लगी कि यह उसका लण्ड है जो उछल रहा है.
इसका मतलब इसने लुंगी के अंदर कुछ नेकर चड्डी वगैरह नहीं पहना है. लुंगी खुलेगी तो यह भोसड़ी का बिल्कुल नंगा हो जायेगा.
बस यह ख्याल आते ही मेरी चूत गीली हो गई और मैं गर्म होने लगी.
मेरी इच्छा लण्ड पकड़ कर देखने की होने लगी. मेरी नज़रें वहां से हट ही नहीं रहीं थीं.
मैं अपना हाथ धीरे धीरे उसके लण्ड की तरफ बढ़ाने लगी.
मेरी नीयत ख़राब हो गयी थी उस पर!
लड़का गोरा चिट्टा था, हट्टा कट्टा था.
मैंने सोचा कि इसका लण्ड भी मोटा तगड़ा होगा.
मेरा ध्यान चूड़ी पहनने में कम था, लण्ड पकड़ने में ज्यादा था.
मैं सोच रही थी कि मैं कैसे जल्दी से पकड़ कर देख लूँ इसका लण्ड!
फिर क्या … मेरा हाथ उसके लण्ड से टकरा गया.
तो मैं बोली- हाय दईया … ये क्या है साकिर?
मैंने उसका लण्ड ऊपर से ही पकड़ लिया और मजाक करती हुई बोली- अरे ये तो कोई चूहा लग रहा है यार?
वह मुस्कराकर बोला- नहीं मेम, ये चूहा नहीं है. ये मेरा ‘वो’ है!
मैंने कहा- तो फिर ये अंदर क्या कर रहा है इसे बाहर निकालो न?
मैंने लण्ड मुठ्ठी में पकड़ लिया और कहा- बाप रे बाप, ये तो बहुत बड़ा लग रहा है यार!
वह थोड़ा झिझका तो मैंने कहा- यार शर्माओ नहीं, यहाँ मेरे अलावा कोई और नहीं है. मैं इसे देखना चाहती हूँ.
मैंने उसकी लुंगी के अंदर हाथ घुसेड़ दिया और कहा- साकिर, मैं जब तक इसे देख नहीं लूंगी, तक तक चूड़ी नहीं पहनूँगी. पहले मुझे इसे दिखाओ फिर चूड़ी पहनाओ! मुझे लगता है कि ये तेरा ‘लण्ड’ है.
मेरे मुंह से ‘लण्ड’ सुनकर उसका लण्ड और फनफनाने लगा.
मैं उठी और सोफा पर बैठ गयी और उसको मेरे सामने आने के लिए कहा.
वह सामने आया तो मैं बोली- अपना कुर्ता उतारो.
उसने जैसे ही कुर्ता उतारा, वैसे ही मैंने उसकी लुंगी खोल दी.
अब वह पूरी नंगा हो गया मेरे आगे.
मेरी आँखों के सामने उसका टनटनाता हुआ लण्ड खड़ा हो गया.
मैंने लण्ड पकड़ा और कहा- क्या मस्त लौड़ा है तेरा बहनचोद साकिर! इसे इतनी देर से इसे छिपा कर क्यों बैठा था तू?
तब तक मैं भी अपने बूब्स खोल चुकी थी.
मेरे बड़े बड़े बूब्स देख कर उसका लण्ड और सख्त होकर अपना सर हिलाने लगा.
लण्ड वाकई बड़ा खूबसूरत था.
उससे ज्यादा खूबसूरत था लण्ड का सुपारा.
मैंने मन में कहा ‘चूड़ियां गयी माँ चुदाने!’ अब तो मैं बिना इससे चुदवाये इसे जाने नहीं दूँगी. आज इसका ये मस्ताना लण्ड मेरी चूत में घुसेगा जरूर!
मैं लण्ड बड़े प्यार से हिला हिला कर चूमने लगी.
इत्तिफाक से उसकी झांटें नहीं थी.
पेल्हड़ भी चिकने थे.
मैं लण्ड घुमा घुमा कर देखने लगी, उसकी मोटाई का अंदाजा लगाने लगी.
मुझे लगा कि ये साला 5″ मोटा और 8″ लम्बा है.
लण्ड का साइज तो मस्त था.
मैंने उसे अपने पूरे चेहरे पर बड़े प्यार से घुमाया, अपने होंठ पर रख कर लण्ड की कई चुम्मियाँ लीं.
मैं मजे से चाटने लगी लण्ड … पेल्हड़ से सुपारे तक और सुपारे से पेल्हड़ तक.
फिर गपाक से घुसा लिया लण्ड अपने मुंह में!
मैं उसे गले तक ले गयी.
आधे से अधिक लण्ड घुस गया मेरे मुंह में!
फिर मैंने उसे थोड़ा बाहर खींचा और अंदर ही अंदर सुपारे के चारों ओर घुमाने लगी अपनी जबान!
वह सिसियाने लगा और मुझे मज़ा आने लगा.
मैं लण्ड खूब चूसती हूँ.
मैंने सोफ़ा को खोल कर बना दिया बेड और मैं अपनी टांगें फैलाकर नंगी नंगी चित लेट गयी.
तब मैंने कहा- साकिर, लो अब तुम मेरी बुर चाटो. मैं बेशरम तो थी ही … लण्ड का मज़ा लेने के लिए मैं किसी भी हद तक बेशरम हो सकती हूँ.
मैंने कहा- अपनी जबान से मेरी बुर चाटो और अपने दोनों हाथों से मेरी दोनों चूचियाँ मसलो. दोनों काम एक साथ करो, नहीं तो मैं तेरी मारूंगी गांड!
वह वैसा ही करने लगा जैसा मैं कह रही थी.
उसने अपनी पूरी जबान मेरी चूत में अंदर तक घुसेड़ दी.
मैंने कहा- वॉवो … बड़ा अच्छा लग रहा है. साकिर मियां ऐसे ही अपनी जबान से मेरी बुर चोदते रहो. तुमने कभी अपनी जबान से किसी की बुर चोदी है?
वह बोला- हां, खाला की बुर चोदी है, फूफी की भी चोदी है. आजकल उसकी बेटी की बुर चोद रहा हूँ जबान घुसा घुसा कर भी और लण्ड घुसा घुसा कर भी. बड़ी मस्ती से चुदवाती है मेरी फूफी जान की बेटी.
मैं समझ गयी कि साकिर चूत का खिलाड़ी है.
फिर उसने अपना लण्ड गप्प से पेल दिया मेरी चूत में!
मैं चिल्ला पड़ी- उई माँ … मर गई मैं! बड़ा मोटा है तेरा लण्ड यार साकिर! तू भोसड़ी का बेचता है चूड़ियां … और पेलता है लण्ड? बड़ा हरामजादा है तू!
वह बोला- अरे मेम साहिबा, मैं चूड़ियां बेच बेच कर कई लड़कियों की बुर चोद चुका हूँ. कई लड़कियों की माँ का भोसड़ा भी चोद चुका हूँ. मैंने जब तुम्हें देखा था, तभी मेरा लण्ड खड़ा हो गया था. और जानती हो मेम साहिबा, मैं इसीलिए लुंगी के नीचे कोई नेकर या चड्डी नहीं पहनता. क्योंकि मुझे लड़कियों को लुंगी के अंदर से खड़ा हुआ लण्ड दिखाने में मज़ा आता है. लड़कियां चूड़ियां पहनते पहनते किसी न किसी बहाने मेरा लण्ड छू लेती हैं, फिर पकड़ भी लेती हैं जैसे आपने पकड़ लिया मेरा लण्ड … फिर मुझे उन्हें चोदने में आसानी होती है. मैंने तो कई लड़कियों को लण्ड इसी तरह पकड़ाया भी है और अपनी लुंगी उठा कर चोदा भी है उनकी बुर! सबसे अच्छी बात है कि ये लड़कियां अपनी माँ के सामने खुल्लम खुल्ला चुदवा लेतीं हैं और माँ अपने सामने अपनी बेटियां चुदवा लेती है. ये सब दिन में ही होता है जब घर में कोई और मर्द नहीं होता. घर में सिर्फ लड़कियां होतीं हैं और लड़कियों की अम्मी जान!
उसकी बातों ने चुदा रस घोल दिया.
मैं और मस्ती से चुदवाने लगी. मैं जान गयी की मेरी तरह और भी लड़कियां इससे चुदवाती हैं. लड़कियों की माँ भी चुदवाती हैं.
मेरा हौसला बढ़ गया कि मैं कुछ गलत नहीं कर रही … और भी लड़कियां करती हैं.
अपनी चूत की गर्मी मिटाने के लिए मैं इसके लण्ड का सहारा ले रही हूँ जो एक जवान लड़की की जरूरत है. इसमें कोई गुनाह नहीं है. लण्ड तो लण्ड है वह किसी का भी हो!
फिर उसने मुझे घोड़ी बना दिया और लण्ड पीछे से पेल कर चोदने लगा.
मैं घोड़ी बनी हुई बड़े मजे से चुदवाने लगी क्योंकि उसका लण्ड भी बहनचोद घोड़े के लण्ड की तरह था.
तब मैं गांड आगे पीछे हिला हिला कर मस्ती से चुदवा रही थी बिल्कुल उसी तरह जैसे पोर्न में लड़कियां चुदवाती हैं.
मैंने पोर्न से बहुत कुछ सीखा है.
साकिर बोला- मेम, आप तो चुदवाने में बड़ी मस्त हो. इतनी मस्ती से चुदवाते हुए मैंने अभी तक कोई लड़की नहीं देखी. मुझे भी उसी लड़की को चोदने में मज़ा आता है जो मेरा लण्ड पूरा अंदर पेलवा पेलवा कर चुदवाये. तुम बिल्कुल उसी तरह चुदवा रही हो. मेरे कुनबे में बस एक ही लड़की है जो मुझसे इस तरह चुदवाती है और वह है मेरी भाभीजान की बहन! मैं उसे चोद चोद कर मज़ा लेता हूँ. मेम साहेब, आपकी चूत बहुत टाइट है और टाइट चूत को चोदने का मज़ा ही और है!
वह बोल भी रहा था और चोदने की रफ़्तार भी बढ़ाता जा रहा था.
मैं मन ही मन सोंचने लगी कि चोदने वाला हो तो साकिर के जैसा!
आज मैं चुदाई का पूरा मज़ा लूट रही हूँ.
आखिर में जब मैंने उसका झड़ता हुआ लण्ड चाटा तो सच में बड़ा मज़ा आया.
मैंने एक बार फिर लण्ड की तारीफ की.
जब वह जाने लगा तो मैंने कहा- मैं तुमसे एक सवाल पूछना चाहती हूँ.
वह बोला- हां पूछो.
मैंने कहा- वैसे तो तेरा लण्ड माशाल्ला बड़ा लंबा चौड़ा है पर क्या तुम किसी ऐसे लड़के को जानते हो जिसका लण्ड तेरे लण्ड से बड़ा भी हो और मोटा भी ज्यादा हो?
“हां, ऐसे लड़के को जानता हूँ. वह मेरा दोस्त है अनवर!”
“तो क्या तुमने उसका लण्ड देखा है?”
“हां बिल्कुल देखा है. तभी तो कह रहा हूँ कि उसका लण्ड मेरे लण्ड से बड़ा भी है और मोटा भी!”
“तो कहाँ और कब देखा तूने उसका लण्ड?”
“अरे मेम साहेब, वह अपनी बीवी मेरे सामने चोदता है और मैं भी उसकी बीवी उसके सामने चोदता हूँ.”
“हायल्ला ऐसा है क्या? उसको बुरा नहीं लगता?”
“मैंने उससे वादा किया है कि जब मेरी शादी हो जाएगी तो वह भी मेरी बीवी मेरे सामने चोदेगा. मैं अपनी बीवी उससे अपने सामने चुदवाऊंगा.”
“तो तेरी बीवी मान जाएगी ऐसा तुझे यकीन है?”
“मैं चुदी हुई लड़की से शादी करूंगा. आजकल चुदी हुई लड़कियां सबसे चुदवा लेती हैं.”
“अच्छा तो तुम कल अपने दोस्त अनवर को अपने साथ ले कर आ जाना, मैं इंतज़ार करूंगी.”
“जी अच्छा, आ जाऊंगा.”
शाम को मेरी समीरा भाभीजान आ गईं.
वे बहुत खुश नज़र आ रही थीं.
मैंने पूछा- अरे भाभीजान, तू बड़ी चमक रही है, क्या बात है?
वह बोली- अरी मेरी ननद रानी, मैं अभी अभी अपनी सहेली तराना के हसबैंड से चुदवा कर आ रही हूँ. बड़ा मस्त लौड़ा था उसका यार … मोटा भी था और लंबा भी. खूब कस कस के ठुकाई की उसने मेरी चूत की. अपनी बीवी के सामने ही मेरी चूत का बाजा खूब बजाया उस मादरचोद ने! तराना ने तो खुद अपने मियां का लण्ड पकड़ कर मेरी चूत में पेल दिया था. हाय रे … बड़ा मज़ा आया था यार! मैं तो जल्दी ही दुबारा जाऊँगी उससे चुदवाने. इस बार मैं अपने मियां को साथ ले जाऊंगी और उसका लण्ड तराना की बुर में पेलूँगी. फिर एक दूसरे के मियां से खूब झमाझम चुदवाऊंगी.
मैंने कहा- अच्छा, अब तू मेरी सुन मेरी बुरचोदी समीरा भाभी जान! जब तू वहां किसी ग़ैर मरद से चुदवा रही थी तो मैं भी यहाँ किसी अनजान लड़के से चुदवा रही थी.
फिर मैंने भाभीजान को चूड़ी वाले से अपनी चुदाई का पूरा किस्सा सुनाया.
मेरा किस्सा सुनकर वह बोली- हायल्ला … तेरी चुदाई की कहानी सुनकर तो मेरी चूत गीली हो गयी है, मैं चुदासी हो गई हूँ. अब तू ही किसी लण्ड का इंतज़ाम कर और पेल उसे मेरी चूत में!
मैंने कहा- अरी मेरी चुदक्कड़ भाभीजान, तेरे लिए मैंने पहले ही लण्ड का इंतज़ाम कर लिया है, बस आता ही होगा. तू अपनी झांटें वगैरह साफ़ कर तैयार हो जा. आज मैं पेलूँगी लण्ड तेरी चूत में!
वह बोली- हाय दईया …तब तो मज़ा ही आ जायेगा.
बस थोड़ी देर में मनिहार ने आवाज़ लगाई तो मैं दौड़ी दौड़ी गयी दरवाजा खोला तो देखा कि वही लड़का अपने दोस्त के साथ खड़ा है.
उन दोनों को मैंने अंदर बुला लिया और फिर दरवाजा बंद कर दिया.
मैंने उन दोनों को भाभी जान से मिलवाया.
भाभी तो मिलकर मस्त हो गई और वो दोनों लड़के भी हमसे मिलकर बहुत खुश हुए.
मेरी नज़र अनवर पर टिकी हुई थी.
मैं सोचने लगी कि अगर इसका लण्ड वैसा ही है जैसा साकिर ने बताया है तो आज की चुदाई में ज़न्नत का मज़ा आएगा.
मैंने बड़े प्यार से पहले तो कुछ नाश्ता कराया दोनों को, फिर पूछा- अनवर, सुना है तेरी शादी हो गयी है?
वह बोला- हां हो तो गयी है.
भाभी ने पूछा- तो फिर तेरी बीवी कैसी है? मज़ा देती है तुम्हें?
वह मुस्कराकर बोला- हां, मज़ा खूब देती है लेकिन मुझसे ज्यादा मज़ा मेरे दोस्तों को देती है.
मैंने कहा- अच्छा, तो इसका मतलब तेरी बीवी का मज़ा और भी लोग लेते हैं? तो फिर साकिर भी लेता होगा?
वह बोला- हां साकिर लेता है!
मैंने कहा- ऐसे में तुझे बुरा नहीं लगता?
वह बोला- बुरा क्यों लगेगा? इसने मुझसे वादा किया है जब इसकी शादी होगी तो मैं भी इसकी बीवी का मज़ा लूंगा.
भाभी जान ने मजाक करते हुए पूछा- अनवर मज़ा लेने का मतलब जानते हो?
वह बिंदास बोला- हां, मज़ा लेने का मतलब है किसी की बीवी चोदना! मज़ा तो दूसरे की बीवी चोदने में ही आता है मेम साहेब!
भाभी बोली- मैं भी तो किसी दूसरे की बीवी हूँ तुम मुझे भी चोदकर मज़ा लोगे?
उसने कहा- हां बिल्कुल लूंगा अगर तुम मुझे मज़ा लेने दोगी तो! वैसे आप तो बहुत हसीन लग रही हैं. मज़ा लेने से कौन रुक सकता है!
इन सब बातों से माहौल गर्म हो गया.
उन दोनों को मालूम था कि वे किसलिए आये हैं और इधर हम दोनों को भी मालूम था कि हमने इनको किसलिए बुलाया है.
इसलिए अब कहीं कोई शक की गुंजाइश ही नहीं रही … सब कुछ खुल्लम खुल्ला होना था.
मैंने अनवर के लण्ड पर हाथ रखकर कहा- सुना है तेरा हथियार बड़ा मोटा तगड़ा है?
वह मुस्कराने लगा.
तब तक भाभी जान ने साकिर का लण्ड ऊपर से दबा कर कहा- तेरा भी लण्ड … सुना है बड़ा जबरदस्त है. अब मैं इसे खोल कर देखूंगी कि बात सही है या नहीं!
मैंने अनवर का पजामा खोला और उसका लौड़ा पकड़ कर हिलाने लगी.
लण्ड साला बढ़ने लगा.
बढ़ते बढ़ते वह सच में साकिर के लौड़े से बड़ा लगने लगा.
तब तक भाभी जान भी साकिर का लण्ड बाहर निकाल चुकी थी.
वह लण्ड पकड़ कर बोली- वाह, क्या मस्त लौड़ा है तेरा साकिर! मज़ा आ गया. मैं ऐसा ही लौड़ा पसंद करती हूँ.
मैंने फिर एक हाथ से अनवर का लण्ड पकड़ा और दूसरे हाथ से साकिर का लण्ड भाभी से लेकर पकड़ लिया.
मैं दोनों लण्ड अपनी हथेली पर रख कर तौलने लगी.
दोनों लण्ड मेरे एक एक हाथ में थे.
मैंने कहा- हां यार साकिर, तू सही कह रहा था कि अनवर का लण्ड मेरे लण्ड से बड़ा भी है और मोटा भी!
तभी मैंने साकिर का लण्ड फिर से भाभी को पकड़ा दिया और अनवर के लण्ड से खेलने लगी.
तब तक नंगी मैं भी हो चुकी थी और नंगी भाभी जान भी!
हम चारों ज़मीन पर लगे हुए बिस्तर पर लेट गए.
मैं लेटे लेटे अनवर का लण्ड चाटने लगी तो साकिर मेरी चूत चाटने लगा.
उधर भाभी साकिर का लण्ड चाटने लगी तो अनवर उसकी चूत चाटने लगा.
यानि सबको डबल मज़ा मिलने लगा.
ग्रुप सेक्स में इसी का तो मज़ा है.
बुर किसी और लड़के से चटवाओ, लण्ड किसी और लड़के का चाटो!
चूत किसी और लड़की की चाटो, लण्ड किसी और लड़की से चटवाओ.
लण्ड और बुर चाटने का यह खेल बड़ी देर तक यूँ ही चलता रहा.
तब तक मैं बुरी तरह चुदासी हो चुकी थी.
मैंने अपनी चूत फैला रखी थी क्योंकि उसे साकिर बड़े प्यार से चाट रहा था.
उधर अनवर से और रुका नहीं गया.
उसने लण्ड मेरी चूत में पेल दिया.
लण्ड सरसराता हुआ पूरा अंदर घुस गया.
मेरे मुंह से निकला- उफ़ हाय रे … मैं तो मर गयी यार! बड़ा मोटा है तेरा लण्ड मादरचोद … फट गई मेरी बुर!
फिर जब लण्ड 10 / 12 बार अंदर बाहर हुआ तो मैं रंडी की तरह चुदवाने लगी.
मेरे सामने साकिर भी मेरी भाभी की चूत चोदने लगा.
उसकी ख़ुशी उसके चेहरे पर साफ झलक रही थी.
वह बोला- हिना मेम साहेब, मुझे तेरी भाभी की चूत बड़ा मज़ा दे रही है. कितनी मस्तानी चूत है इसकी एकदम मेरी फूफी की बेटी की चूत की तरह. वह भी भोसड़ी वाली अपनी गांड उठा उठा के इसी तरह चुदवाती है. तेरी भाभी जान तो उससे ज्यादा अच्छी तरह से चुदवा रही है.
मैंने कहा- यार साकिर, तेरा दोस्त अनवर तो मेरी चूत फाड़ रहा है. इसका लौड़ा बड़ा मोटा है बहनचोद! आज अगर मेरी माँ यहाँ होती तो मैं ये लण्ड उसके भोसड़ा में पेल देती.
भाभीजान भी मस्ती में बोली- हाय दईया, तेरी माँ की बहू की चूत ननद रानी!
मैं भी मस्ती में थी, मैंने कहा- तेरी ननद की माँ का भोसड़ा भाभी जान … तेरी चूत चोदी सास की बिटिया की चूत!
जब चुदाई में मज़ा अपनी चरम सीमा पर पहुँचने लगता है तो फिर मुंह से बड़ी प्यारी प्यारी गालियां अपने आप निकलने लगती हैं.
हम दोनों एक दूसरे को गाली दे दे कर धकाधक चुदवाने में लगी थीं.
मेरे मुंह से निकला- हाय अनवर मियाँ, तुम मुझे बहनचोद अपनी बीवी समझ कर चोदो. मुझे साकिर की बीवी समझ कर चोदो. मुझे पराई बीवी समझ कर चोदो. मैं अब रंडी बन चुकी हूँ, मुझे खूब धकाधक चोदो. यार तेरा लण्ड मुझे बहुत पसंद है. चूत में साला पूरा घुस कर चोद रहा है. मुझे तो ऐसा ही मर्द चाहिए जो घुस कर मेरी चूत चोदे. मेरी माँ का भोसड़ा चोदे. मेरी बहन की चूत में पेले लण्ड! आज तो मुझे चुदाई का असली मज़ा आ रहा है.
मैं अपनी गांड उठा उठा के चुदवाने में जी जान से जुटी हुई थी.
उधर मेरी भाभी जान भी बोल रही थी- हाय मेरे साकिर राजा, तूने मेरी नन्द की चूत चोदी है अब मेरी चूत चोद के दिखा. फाड़ डाल मेरी बुर … चीर डाल मेरी चूतचोदी फुद्दी! ये फुद्दी चुदने के लिए ही है. तू मेरी गांड भी मार ले भोसड़ी के साकिर … मेरी माँ चोद ले. मैं तेरे लण्ड की गुलाम हो गयी हूँ यार! मुझे रंडी की तरह चोदो.
कुछ देर में मेरी भी चूत ढीली हो गयी और भाभी की भी चूत. फिर हम दोनों ने बड़ी मस्ती से झड़ते हुए लण्ड चाटे.
हमने उन दोनों को जाने नहीं दिया, दोनों को दिन भर के लिए रोक लिया और फिर हमने लण्ड अदल बदल खूब हचक हचक के चुदवाया और कई कई बार चुदवाया.
हम दोनों ने उन दोनों चूड़ियां पहनाने वाले लड़कों के लण्ड का मज़ा पूरा पूरा लिया.