मेरा नाम कमल है मैं बिहार का रहने वाला हूं, मेरी उम्र 30 वर्ष है. मैं काफी समय तक बिहार में ही काम कर रहा था लेकिन मुझे लगा कि अब मुझे कहीं और जाना चाहिए क्योंकि मैं ज्यादा पैसे नहीं कमा पा रहा था और मेरी शादी भी हो चुकी है इसीलिए मेरे खर्चे ज्यादा होने लगे थे. घर में सिर्फ मैं ही काम करने वाला था.
मेरे पिताजी का भी देहांत काफी समय पहले हो चुका है इसलिए मैंने सोचा कि क्यों ना मैं कहीं बाहर काम करने के लिए चला जाऊं. मैं काम करने के लिए रायपुर चला गया, जब मैं रायपुर गया तो काफी दिनों तक तो मुझे कुछ काम नहीं मिला, फिर मैंने एक दुकान में नौकरी कर ली. उस दुकान में ही काफी समय तक मैं काम करता रहा.
जिस दुकान में मैं काम कर रहा था उसका मालिक बहुत ही ज्यादा सख्त किस्म का था. दुकान में किसी से भी गलती हो जाए तो वह बहुत ही ज्यादा डांट देता था इसीलिए मैं भी दुकान में बहुत ही ध्यान से काम करता था और सोचता था कि कभी मुझसे कोई गलती हो गई तो कही वह मुझे दुकान से ना निकाल दें.
मैं दुकान में काफी समय से काम कर रहा था, मेरे काम में कोई भी शिकायत नहीं थी. उसके बावजूद भी मैं अपने काम से ज्यादा खुश नहीं था और मैंने सोचा कि मैं कहीं कुछ और काम खोल लेता हूं. मुझे रायपुर में भी थोड़ा बहुत समय हो चुका था और मेरी जान पहचान भी हो गई थी.
उस दुकान पर ही एक व्यक्ति काम करने आता था, उसका नाम प्रसाद है. वह पेंटिंग का काम करता है, मैंने उसे कहा कि मैं कुछ काम करना चाहता हूं तो वो कहने लगा कि मैं जिस कॉलोनी में काम कर रहा हूं यदि तुम वहां पर इस्त्री का काम कर लो तो तुम्हारा काम बहुत अच्छा चलेगा क्योंकि वहां पर अभी ज्यादा लोग नहीं हैं, तुम वहां पर काम खोल दो.
मैंने उसे कहा कि क्या तुम मेरे लिए और कॉलोनी में बात कर लोगे, वह कहने लगा कि ठीक है तुम मेरे साथ आ जाना मैं दूसरी कॉलोनी में तुम्हारे लिए बात कर लूंगा. तुम पास में ही अपनी छोटी सी दुकान लगा लेना. मैंने एक दिन दुकान से छुट्टी ले ली और मैं प्रसाद के साथ चला गया.
मैं जब उसके साथ गया तो उसने मुझे बिल्डर से मिलवाया, जो वहां पर काम करवा रहे थे, प्रसाद ने मेरी उनसे बात कर ली तो उन्हें मेरे काम करने से कोई भी आपत्ति नहीं थी और वह कहने लगे कि तुम गेट के पास ही थोड़ी सी जगह पर अपना काम शुरू कर लो, मुझे इसमें कोई भी आपत्ति नहीं है.
मैंने भी सोचा कि क्यों ना मैं अब काम शुरू कर लू. मैंने प्रसाद से पूछा कि यहां का काम कब तक खत्म हो जाएगा, वह कहने लगा कि कुछ दिनों बाद यहां काम खत्म हो जाएगा. यदि तुम्हें काम शुरू करना है तो जल्दी काम शुरू कर दो.
मैंने प्रसाद से कहा ठीक है मैं एक दो दिन में यहां काम शुरू कर लेता हूं क्योंकि मुझे तब तक दुकान से पैसे भी मिल जाएंगे और मैं उसके बाद दुकान में काम छोड़ दूंगा. जब यह बात मैंने प्रसाद से कहीं तो प्रसाद कहने लगा ठीक है तुम जब काम शुरू करोगे तो मुझे बता देना, मैं तुम्हारी उसने मदद कर दूंगा.
मैं दुकान में ही काम कर रहा था लेकिन जब मेरे मालिक ने मुझे तनख्वाह दी तो उसके बाद मैंने वहां से काम छोड़ दिया. वह मुझे कई बार फोन करते रहे लेकिन मैंने उनका फोन एक बार भी नहीं उठाया, मुझे लगा कि यदि मैं उनका फोन उठा लूंगा तो कहीं वह मुझ पर गुस्सा ना हो जाए इसलिए मैंने उनका फोन एक बार भी नहीं उठाया.
मैंने जब प्रसाद को फोन किया तो प्रसाद कहने लगा कि तुम उसी कॉलोनी आ जाओ, मैं वहीं पर ही हूं. मैं जब प्रसाद से मिलने गया तो उस ने गेट के पास की थोड़ी सी जगह पर सफाई कर दी, मैंने उसके साथ मदद की. हम दोनों ने मिलकर ही वहां पर साफ सफाई कर दी क्योंकि वहां पर बहुत झाड़ियां हो रही थी.
उसके बाद मैंने वहां छोटी सी लकड़ी की एक दुकान बना ली, उसके बाद मैंने वहां पर काम शुरू कर दिया. शुरुआत में तो वहां पर कम लोग ही आते थे लेकिन जैसे जैसे लोगों को पता चलने लगा तो उसके बाद मेरे पास काफी लोग आने लगे थे और मेरा काम भी अच्छा चलने लगा.
मैं अपने काम से बहुत खुश हुआ. प्रसाद भी मेरे पास कई बार आ जाता था लेकिन उसके पास काम बहुत ज्यादा होता था इसलिए वह कम ही मेरे पास आता था. मैं उसे हमेशा ही फोन करता रहता क्योंकि उसकी वजह से ही मुझे यह जगह मिली थी और मेरा काम भी अच्छा चल रहा था इसलिए मैं उसे हमेशा ही फोन करता था.
कॉलोनी में कई लोगों के पास मेरा नंबर भी था. जब उनके पास ज्यादा कपड़े होते थे तो वह मुझे फोन कर लेते थे और मैं उनके घर पर कपड़े लेने चला जाता था. मैं काम भी अच्छे से कर रहा था. उस कॉलोनी में काफी लोग मुझे पहचानने लगे थे इसीलिए ज्यादा वह लोग मुझे फोन कर देते थे.
मैंने जब अपनी पत्नी को एक दिन फोन किया तो वह कहने लगी तुम्हारा काम कैसा चल रहा है, मैंने उसे कहा कि मेरा काम अच्छा चल रहा है और कुछ समय बाद ही मैं तुम्हें अपने पास बुला लूंगा. मैं उसे हमेशा ही फोन करता था और अपनी मां के बारे में पूछ लिया करता था.
एक दिन मैं अपने दुकान पर प्रेस कर रहा था और एक महिला मेरे पास आई वह कॉलोनी में नई आई थी. उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या तुम मेरे घर से कपड़े ले आओगे. मैंने उन्हें कहा कि हां मैं आपके घर से कपड़े ले आऊंगा मैंने उनसे पूछा कि क्या आप इस कॉलोनी में नई आई है. वह कहने लगी कि मै इस कॉलोनी में नई आई हू.
जब उन्होंने मुझे कहा कि चलो तुम मेरे साथ मेरे घर पर चलो वह मुझे अपने घर ले गई. उनके घर पर कोई भी नहीं था मैंने उनसे पूछा कि आपके घर पर कोई भी नहीं है वह कहने लगी कि मेरे पति अब मेरे साथ नहीं रहते. मुझे उनकी बातों से बड़ा डर लग रहा था मुझे ऐसा भी लग रहा था जैसे वह सेक्स की भूखी हैं.
उन्होंने मुझे सोफे पर बैठा दिया और मुझे थोड़ा असहज सा महसूस हो रहा था. वह मेरे सामने बैठी तो मैने अपने दोनों पैर चौडे कर लिए वह अपनी योनि को मुझे दिखा रही थी उन्होंने अंदर से कुछ भी नहीं पहना था और एक छोटी सी फ्रॉक टाइप का कुछ पहना हुआ था.
मुझे उनकी योनि को देखकर बिल्कुल भी नहीं रहा गया मैं उनसे चिपक गया और मैंने उन्हें अपनी बाहों में ले लिया. उन्होंने भी मेरे होठों को किस कर लिया और कहा कि आओ हम बेडरूम में जाकर सेक्स करते हैं.
वह मुझे अपने बेडरूम में ले गई और मै उनके बेडरूम में गया तो मैंने अपने लंड को बाहर निकाल लिया और उन्होंने मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर ले लिया और बड़े अच्छे से सकिंग किया. काफी समय तक उन्होंने ऐसा किया उसके बाद मैंने उनके सारे कपड़े उतार दिए और उनकी योनि के अंदर अपनी जीभ को टच करना शुरू कर दिया.
उनकी योनि से बड़ी तेज पानी निकल रहा था और वह पूरे मूड में आ गई. मैंने जब उनकी चूत के अंदर अपने लंड को डाला तो उन्हें बड़ा अच्छा महसूस होने लगा और वह चिल्लाने लगी. मैंने भी उनकी दोनों जांघो को कसकर पकड़ लिया और बड़ी तेज गति से झटके देने लगा.
मैंने उन्हें इतनी तेज धक्के मारे कि उनका पूरा बदन हिल रहा था और मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रहा था. मैंने काफी समय तक ऐसे ही उन्हें चोदा उसके बाद मैंने उनके मुंह के अंदर अपने लंड को डाल दिया और उन्होंने मेरे लंड को अपने गले तक ले लिया था.
मैं भी उनकी योनि को बड़े अच्छे से चाटे जा रहा था मैंने उन्हें 69 पोज में बना रखा था और मैं उनके मुंह के अंदर तक अपने लंड को धक्का मार रहा था. उन्होंने भी मेरे पूरे लंड को अपने गले तक उतार लिया था और मेरे अंडकोष उनके मुंह से टकरा रहे थे.
मैं भी उनकी योनि को अच्छे से चाट रहा था जिससे कि उनकी योनि से चिपचिपा पदार्थ बाहर आने लगा और उन्होंने मेरे लंड को इतने अच्छे से चुसा की मेरा वीर्य उनके मुंह के अंदर ही गिर गया. उसके बाद मैंने उनके मुंह से अपने लंड को बाहर निकाला दिया.
उन्होंने मुझे कुछ पैसे दिए और कहा कि मेरा जब मन होगा तो तुम मुझे चोदने आ जाया करना मैं तुम्हें फोन कर दिया करूंगी. मैं उनके घर से कपड़े ले गया और जब मैं उनके घर कपड़े लेने के लिए जाता हू तो मैं उन्हें बहुत अच्छे से चोदा करता हू.