एनल सेक्स कहानी में पढ़ें कि मैंने अपने चोदू यार की प्रमोशन के लिए उसके बॉस से चुदकर खुश करने का सोचा. उसने मुझे चोदा पर उसकी चुदाई में मुझे मजा नहीं आया.
दोस्तों मेरी सेक्स की कहानी के पिछले भाग
चूत के दम पर बॉयफ्रेंड का प्रमोशन कराया-1
में आपने पढ़ा कि
मैं वापस आकर योगेश सर की बगल में बैठ गई और मैंने अपना ड्रिंक फिर से उठा लिया। मैं कनखियों से देख रही थी कि मुझे नाइटी में देखकर योगेश का लंड पैन्ट के अंदर खड़ा हो गया है।
हम लोगों ने फिर से बातचीत शुरू की और इस बार योगेश ने अपना हाथ फिर से मेरी बाई जांघ पर रखा लेकिन इस बार मेरी जांघ अनावृत थी।
मेरी नंगी टांग पर हाथ फेरते हुए योगेश ने कहा- मिसेज रोहित आप बहुत हॉट हैं।
“सर आप मुझे मिसेज रोहित की जगह डॉली कहेंगे तो मुझे ज्यादा ठीक लगेगा।” मैंने अपनी आवाज में थोड़ी सी मादकता भरते हुए कहा।इस पर योगेश ने मुस्कुराकर मुझसे फिर से कहा- डॉली, तुम बहुत हॉट लग रही हो।
“सर बहुत बहुत धन्यवाद!” मैंने मुस्कुरा कर कहा।
अब आगे की फ़ास्ट सेक्स की कहानी:
“यार डॉली, तुम भी मुझे योगेश के नाम से ही बुलाओ तो ठीक रहेगा।” योगेश ने हल्के से मेरी जांघ को दबाते हुए कहा कहा।
“यह रोहित कब तक आएगा?” योगेश ने थोड़ा बेफिक्री से पूछा।
“मैं रोहित से पूछ लूं क्या?” मैंने दबी आवाज में योगेश से कहा।
योगेश ने खुद रोहित को फोन लगाकर पूछा कि वह कब तक आएगा.
दूसरी तरफ से रोहित ने योगेश को बोला कि उसे आने में बहुत देर हो जाएगी.
रोहित जल्दी घर नहीं आ रहा है यह जानकारी योगेश को निश्चित तौर पर प्रसन्नता हुई और उसने मेरी जांघ पर फिर से अपना हाथ रख दिया और मुझसे सट कर बैठ गया।
मैं अब समझ गई कि बहुत जल्दी योगेश मेरी चुदाई कर देगा।
मैंने अपना ड्रिंक उठाकर पूरा पैग एक झटके में खत्म कर दिया.
“डॉली, तुमने अपने आपको बहुत अच्छे से मेंटेन कर रखा है।” योगेश ने मेरी जांघ को दबाते हुए कहा।
“थैंक यू सर!” मैंने मुस्कुराकर योगेश को बोला और एक चुंबन उसके दाहिने गाल पर जड़ दिया।
“अरे सॉरी सर! आपके गाल पर लिपस्टिक लग गई है।” यह बोलकर मैंने टेबल से टिशू पेपर उठाया और योगेश सर के गाल को पौंछने के लिए मैं खड़ी हुई और उनकी तरफ झुक कर गाल को टिशू पेपर से पोंछ लिपस्टिक हटाने लगी।
इस दौरान मैंने चुपके से अपनी नाइटी की डोरी को हल्के खींच दिया।
अब तो जैसे ही मैं गाल को पोंछ कर खड़ी हुई, मेरी नाइटी सामने की तरफ से से खुल गई और अब मैं योगेश सर के सामने सिर्फ ब्रा और छोटी सी पारदर्शी थांग में।
“उईईईई ईई!” मैंने चिंहुक कर शर्माने का नाटक करते हुए नाइटी को अपने बदन से फिर से छुपाते हुए डोरी को गांठ लगाने लगी।
“अरे वाह!” योगेश सर के मुंह से निकला।
इस नज़ारे की तो उन्होंने भी कल्पना नहीं की थी।
उन्होंने खड़े होकर मुझे कमर से पकड़ लिया और एक झटके में नाइटी की डोरी खींच ली।
नाइटी खुलते ही उन्होंने उसे उतार कर जमीन पर गिरा दिया।
अब मैं सिर्फ सेक्सी ब्रा और पारदर्शी थांग के अंदर योगेश सर के सामने अर्धनग्न अवस्था में खड़ी थी।
मैंने शर्माने का अभिनय करते हुए अपनी आंखें बंद कर ली।
“बहुत सुंदर!” योगेश के मुंह से निकला।
मैंने आंखें खोली तो देखा योगेश मेरे अर्धनग्न शरीर को कामलोलुप नजरों से देख रहे थे।
उनकी पैन्ट से उनके लंड का उभार मुझे साफ दिखाई दे रहा था।
योगेश ने मुझे कमर से पकड़ कर अपनी गोद में बिठा लिया और मेरे अधरों पर अपने होंठ रख कर चूसने लगा।
“आहह हहह” मेरे मुंह से हल्का सा काम सीत्कार फूटा।
“डॉली, तू तो सर से पांव तक बढ़िया माल है।” योगेश ने कामातुर होकर कहा।
“ऐसा क्या खास है मुझमें?” मैंने थोड़ा इठलाकर योगेश से पूछा।
“तुझमें सब कुछ खास और हॉट है।” योगेश ने मेरी ब्रा के हुक को खोलते हुए कहा।
“सर मुझे नीचे कुछ चुभ सा रहा है।” मैंने इतरा कर बोला।
“पगली यह तो मेरा लंड है, जो तुझे देख कर खड़ा हो गया है।” यह बोलकर योगेश सर ने मुझे अपने गोद से उठाया और ज़िप खोल कर अपना लंड बाहर निकाल कर दिखाया।
मैंने ललचायी नजरों से योगेश के लंड पर नजर डाली। उसका लंड बेहद खूबसूरत लग रहा था।
लगभग 7-8 इंच लंबा! लेकिन अभी तक मेरे देखे हुए लंड के मुकाबले सबसे ज्यादा मोटाई लिये हुआ था। इसके सुपारे की मोटाई आगे से पीछे की ओर बढ़ती हुई प्रतीत हो रही थी।
“सर आपका हथियार तो बहुत मोटा लग रहा है। यह मेरे तंग सुराख में तो नहीं जा पाएगा।” मैंने अपने होंठों पर जीभ फेरते हुए कहा।
“चलो तुम्हारे बेडरूम में चल कर देखते हैं।” यह बोलकर योगेश ने मुझे खड़ा कर दिया और उसे मैं हाथ पकड़ कर अपने बेडरूम में ले आई।
बेडरूम में पहुंचते ही योगेश ने बड़ी फुर्ती से अपने सारे कपड़े उतार दिए।
अब योगेश मेरे सामने पूरा नंगा था और मैं सिर्फ एक पारदर्शी थांग से अपनी चूत छुपाए हुए थी।
योगेश ने बेड के पास रखी क्रीम को उठाकर अपने सुपारे पर लगा लिया और मुझे बिस्तर पर गिरा कर मेरी पैंटी को उतार दिया।
अब उसने मुझे जांघों से पकड़कर अपनी और खींचा और मेरी टांगों को फैला कर अपने सुपारे को मेरी चूत के छेद पर रखा और जोर से धक्का लगाया।
“सर अपने हथियार पर कंडोम तो लगा लीजिए!” योगेश से मैंने सीत्कार भरते हुए कहा.
लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। वह अपना लंड मेरी चूत में उतारना शुरू कर चुका था।
वैसे तो आज होने वाली चुदाई के रोमांच की वजह से मेरी चूत गीली हो रही थी लेकिन योगेश ने अपने लंड पर जो क्रीम लगा रखी थी उसकी वजह से उसका लंड एक ही धक्के ने मेरी चूत में काफी अंदर तक उतर गया।
“उईईईई!!” से हल्का सा सीत्कार निकला।
योगेश ने बिना रुके दो धक्के और जोर से लगाए औरत का पूरा साढ़े सात इंच का लंड मेरी बच्चेदानी तक घुसा दिया।
अब योगेश ने मुझसे कहा- घुस गया ना तेरी तंग चूत में मेरा पूरा लंड!
इतना बोल कर योगेश ने मेरे स्तनों को बहुत जोर से मसलते हुए लंड को अंदर बाहर करना चालू रखा।
मुझे उसके इस अचानक हुए हमले की बिल्कुल भी तैयारी नहीं थी, उसने बिना फोरप्ले के मुझे चोदना शुरू किया लेकिन मुझे भी मज़ा आने लगा।
लगभग 5 मिनट तक मेरी चूत में लंड अंदर बाहर करने के बाद योगेश में मुझे पलटने के लिए कहा।
मेरे कुतिया की तरह पोजीशन में सेट होने के बाद योगेश ने फिर से क्रीम उठाकर अपने सुपारे पर लगाई और थोड़ी क्रीम लेकर मेरी गांड के छेद में भी लगाने लगा।
मैं समझ गई कि उसका इरादा मेरी गांड में घुसाने का है।
“सर वहाँ नहीं!” मैंने लगभग चीख कर योगेश को मना किया.
लेकिन योगेश कहां सुनने को तैयार था … उसने मुझे कमर से कसकर पकड़ लिया और अपने मोटे सुपारे को मेरी गांड के छेद पर रख कर अंदर की तरफ दबाना शुरू कर दिया।
क्रीम की चिकनाहट के कारण से धीरे-धीरे उसका सुपारा मेरी गांड के छेद को फैलाते हुए अंदर घुसने लगा और मुझे बहुत दर्द महसूस होने लगा।
“सर निकालो ना इसको बाहर! मुझे बहुत दर्द हो रहा है।” मैं दर्द से कराहते हुए बोली.
लेकिन योगेश ने अंदर की तरफ दबाव देना चालू रखा।
थोड़ी देर में उसका लंड लगभग दो-तीन इंच मेरे गांड में घुस गया।
अब योगेश कुछ देर के लिए रुका और उसे मेरे कान में कहा- रानी अब तुम्हें दर्द नहीं होगा।
और धीरे-धीरे हल्के हल्के धक्के मार कर उसने लंड मेरी गांड में डालना जारी रखा।
जब योगेश का पूरा लंड मेरी गांड में घुस गया तो दर्द जरूर थोड़ा कम हो गया लेकिन मजा मुझे बिल्कुल नहीं आ रहा था।
मैं चाह रही थी कि इस मुसीबत से मुझे जल्द से जल्द छुटकारा मिल जाए।
योगेश ने मुझे लंड घुसाये हुए अवस्था में ही बिस्तर पर उल्टा लेटा रखा और खुद मेरे ऊपर लेट कर लंड को गांड में अंदर-बाहर करने लगा।
इस चुदाई में मुझे कुछ अटपटा सा लग रहा था। मेरी गांड में दर्द भी हो रहा था।
योगेश ने अब पीछे से मेरे स्तनों को पकड़ लिया और जोर जोर से मसलने लगा लेकिन साथ में वह मेरे पीछे से गांड मारे जा रहा था।
अब उसका लंड मेरी गांड में आसानी से अंदर बाहर हो रहा था।
लगभग पांच सात मिनट तक मेरी गांड मारने के बाद योगेश की स्पीड बहुत तेज हो गई।
उसने मेरे दोनों स्तनों को बहुत कस के पकड़ लिया और बहुत स्पीड से लंड मेरी गांड के अंदर बाहर करने लगा और बहुत जल्दी ही उसका गर्म वीर्य मेरी गांड में स्खलित होने लगा।
मैंने अब राहत की सांस ली।
अपने वीर्य की पिचकारी मेरी गांड में खाली कर योगेश लगभग एक मिनट तक मेरे ऊपर ही लेटा रहा।
उसके बाद उसने अपना लंड मेरी गांड से बाहर निकाला और वॉशरूम चला गया।
जब योगेश वॉशरूम से वापस आया, मैं खुद की सफाई के लिए वॉशरूम गई।
जैसे ही योगेश ने अपना लंड मेरी गांड से निकाला था, उसका वीर्य मेरे अंदर से बाहर निकल रहा था।
जैसे ही मैं खड़ी हुई, वीर्य मेरी जांघ के रास्ते बाहर बह निकला।
खैर, मैंने वॉशरूम में खुद को साफ किया और बाहर आ कर फर्श पर गिरे वीर्य को टिश्शू पेपर से साफ किया।
योगेश अब तक अपने कपड़े पहन चुका था।
मैंने ड्राइंग रूम जा कर अपनी नाईटी और ब्रा उठाई और खुद के जिस्म को कवर किया।
“कैसी रही चुदाई?” योगेश ने मुस्कुरा कर पूछा।
“बेहद घटिया!” मैंने अपने गुस्से पर काबू करते हुए कहा।
मुझे गुस्सा होते देखकर योगेश के चेहरे से से मुस्कुराहट काफूर हो गई।
उसने मेरे करीब आकर पूछा- क्यों ऐसा क्या हो गया ,जो तुम नाराज हो?”
मैंने बिना संकोच के बोला- देखिए … मैं ऐसी वैसी लड़की नहीं हूं। मैं सिर्फ रोहित के प्रमोशन को लेकर चिंतित थी। रोहित आपसे बात करने में कतरा रहा था, उसकी मदद करने के लिहाज से मैंने आपको यहां आमंत्रित किया। योगेश सर, रोहित की मदद करने के लिए मैंने आपको अपने साथ संबंध बनाने दिया। लेकिन मुझे बहुत खराब लगा जब आपने फोरप्ले किए बिना, मुझे मानसिक रूप से तैयार किए बिना अपने हथियार को मेरे सुराख में बेदर्दी से घुसा दिया। मैं आपसे कंडोम के इस्तेमाल का अनुरोध करती रही, लेकिन आपने उसको सुना ही नहीं। क्या मेरी सुरक्षा आपके लिए मायने नहीं रखती? और फिर बाद में आपने मेरे मना करने के बावजूद मेरे पीछे के छेद को भी सेक्स के लिए इस्तेमाल किया। मैंने सपने में भी नहीं सोचा था कि आप इतने स्वार्थी हैं।
मेरी बात सुनकर योगेश कुछ देर सोच कर बोले- मैं मानता हूं मुझसे गलती हुई। लेकिन मैं इतना स्वार्थी नहीं हूं। दरअसल जब से मैं तुम्हारे घर में आया, तुम्हारे प्रति मेरे मन में हवस घर कर गई और तुम्हारे द्वारा उकसाये जाने के बाद मैं अपने आप पर काबू नहीं रख सका। लेकिन मैं तुम्हें भरोसा दिलाता हूं कि अगली बार मैं तुम्हारी भावनाओं का पूरा पूरा ख्याल रखूंगा। अभी रोहित वापस ना आ जाए, इस वजह के कारण मैं तुम्हारे साथ संभोग जल्दी जल्दी निपटाने के चक्कर में थोड़ा स्वार्थी बन गया था। अगली बार मैं तुम्हारी भावनाओं का पूरा पूरा ख्याल रखना और तुम इस तरीके से चोदूंगा कि तुम्हें भी मजा आए।
मैंने योगेश के अनुरोध भरे स्वर में कहा- सर, कृपया आगे के लिए ऐसा मत सोचिए। मैं ऐसी लड़की कदापि नहीं हूं। और अगर रोहित को पता चल गया तो वह आपको और मुझे तो खत्म कर ही देगा, खुद को भी शायद खत्म कर देगा। इसलिए जो भी हमारे बीच में हुआ उसे कृपया मेरी भूल समझ कर माफ कर दो।
योगेश जब जाने को हुआ तब मैंने उससे रोहित के प्रमोशन के लिए फिर से आग्रह किया।
उसने मुझे अपनी ओर से हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया।
योगेश ने मुझे अपना मोबाइल नंबर देने का अनुरोध किया और मेरा मोबाइल नंबर लेकर चला गया।
तो दोस्तो, इस तरह रोहित के बॉस योगेश ने मेरी चुदाई की जो बिल्कुल ही अच्छी नहीं थी। लेकिन इसके बाद उसके बॉस ने मुझे पटाया और बहुत कुशलता के साथ चोदा।
लेकिन यह सब आपको मेरी अगली कहानी में पढ़ने को मिलेगा।
मेरी फ़ास्ट सेक्स की कहानी कैसी लगी? कृपया अपने बहुमूल्य सुझाव तथा कमैंट्स [email protected] पर जरूर दें।
फ़ास्ट सेक्स की कहानी जारी रहेगी।