चूत के दम पर बॉयफ्रेंड का प्रमोशन कराया-4

सेक्सी पंजाबन की सेक्स स्टोरी में पढ़ें कि मेरे बॉयफ्रेंड के बॉस ने दूसरी बार के सेक्स में मेरी चूत चाट कर, मेरी गांड में उंगली घुसा कर लंड चुसवा कर जोरदार फोरप्ले किया.

पंजाबी गर्ल सेक्स स्टोरी के पिछले भाग
चूत के दम पर बॉयफ्रेंड का प्रमोशन कराया-3
में आपने पढ़ा कि

मेरी चूत की चटाई के दौरान मैं एक बार बहुत अच्छे से योगेश के मुंह पर ही झड़ गई।
योगेश ने स्वाद ले लेकर मेरी चूत से निकले नमकीन पानी को चाट चाट कर चूत को साफ कर दिया।

अब आगे की पंजाबी गर्ल सेक्स स्टोरी:

मेरा मन अब योगेश के लंड को चूसने का हो रहा था इसलिए मैंने योगेश से उसके लंड को चूसने की इच्छा जाहिर की।

योगेश के निर्देशानुसार मैंने ऊपर से ही अपनी चूत उसके मुंह पर रखकर अपना मुंह उसके लंड पर टिका दिया.

अब वह मेरी चूत नीचे से चाटे जा रहा था और मैं उसके गधे जैसे सख्त लंड को लॉलीपॉप की तरह चूस रही थी।

यह योगेश की जुबान का करिश्मा था कि बहुत जल्दी ही मेरी चूत फिर से गर्म हो गई और अब मैं बुरी तरह से चुदवाना चाहती थी।

आखिर वह क्षण भी आ गया जिसका मेरी चूत बहुत देर से इंतजार कर रही थी।

योगेश ने मेरी चूत से मुंह हटा कर कंडोम मुझ से मांगा।
मैं इतनी कामोत्तेजित हो चुकी थी कि मैंने कांपती हुई आवाज में योगेश से बोला- योगेश मैं चाहती हूं कि तुम बिना कंडोम के मेरी चूत को आज अपने सख्त लंड से अंदर तक फाड़ डालो।

यह सुनकर योगेश ने मुझसे कहा- फिर तो तुरंत मेरे लंड पर बैठ जाओ रानी!

मैं योगेश की तरफ मुंह करके ऊपर से उसके लंड पर अपने चूत के छेद पर रख ही रही थी कि नीचे से योगेश ने एक भरपूर धक्का लगाया और उसका पूरा लंड मेरी चूत को फैलाते हुए अंदर तक घुस गया।

“उईई ईईई … फट गईई … मेरीईईई!!”

मेरे मुंह से सीत्कार की चीख सुन कर योगेश ने मुझे देख कर आंख मारी और पूछा- आज कैसा लग रहा है डार्लिंग?
जवाब में मैंने भी योगेश को आंख मारी और कहा- डार्लिंग, मुझे लग रहा है कि मेरी चूत का तुम भोसड़ा बना दोगे आज।

योगेश ने मुझे नितंबों से पकड़ लिया और नीचे से धक्के लगाते हुए बोला- कुछ दिन मेरे साथ सो ले। तेरी चूत का भोसड़ा बहुत अच्छे से बना दूंगा। फिर तेरी चूत मेरे लंड के अलावा और किसी का लंड नहीं चाहेगी।

अब योगेश ने मुझे नीचे से धक्के देना शुरू किया और मैंने ऊपर से अपनी चूत को योगेश के लंड पर ऊपर नीचे तेजी से करना शुरू किया जिससे उसका पूरा पूरा लंड मेरी चूत खा सके।

योगेश की चुदाई से मेरे मुंह से अब ज्यादा जोर से सीत्कार निकल रहे थे।
आज चुदाई का भूत मुझ पर इस कदर सवार हुआ था कि मैं उछल उछल कर योगेश का लंड अपने अंदर तक ले रही थे।

मैं थोड़ा आगे की तरफ झुक गई जिससे मेरे बड़े बड़े स्तन योगेश अपने मुंह में ले सके.
और योगेश ने ऐसा ही किया।

उसने मेरे नितंबों को मसलना शुरू किस और धक्के लगाते हुए मेरे दांये स्तन को को मुंह से पकड़कर चूसने लगा।

मैं तो मानो स्वर्ग के सातवें आसमान पर थी। मुझे इतना मजा आ रहा था कि मैं बहुत जल्दी से दो बार झड़ गई।

लेकिन योगेश पर इसका कोई असर नहीं हुआ और वह मुझे पहले की तरह चोदता ही रहा।

मैंने योगेश से पूछा- और कितनी देर तक चोदोगे मुझे? मैं तो बहुत अच्छा से झड़ चुकी हूं।
तब योगेश ने कहा- अभी तो यह शुरुआत है डार्लिंग! अगर मेरी बात मानो तो मुझे तुम्हारी गांड भी मारने दो। कसम से चूत से ज्यादा मजा तुम्हें गांड मरवाने में आएगा। आज बस शुरुआती तौर पर हल्का सा दर्द होगा। बाद में तुम्हें चूत से ज्यादा गांड मरवाने में मजा आएगा।

मैं आज योगेश के लंड की इतनी दीवानी हो गई थी कि उसकी किसी भी बात को मना करने की स्थिति में नहीं थी।

उसकी बात मान कर मैं उसके लंड से उतर गई।

अब योगेश ने मुझे बाई करवट से लिटा दिया और खुद मेरे पीछे सेट कर लेट गया उसने मुझे मेरी गर्दन उसकी तरफ मोड़ने के लिए कहा.

और जैसे ही मैंने गर्दन उसकी तरफ मुड़ी उसने मेरे अधरों को चूसना शुरू किया और एक हाथ मेरी कमर के नीचे से लेकर मेरे स्तन तक ले आया और स्तन की चूची को मसलने लगा।

उसका दूसरा हाथ मेरी गांड के छेद में दो उंगली पर चूत का रस लपेट कर उसे अंदर से थोड़ा चिकना कर रहा था।

अब योगेश ने मेरे कान में धीरे से बोला- डार्लिंग, अब तुम्हारी गांड में इंजेक्शन लगाने वाला हूं।
मेरी आंखें बंद थी और मैंने अपनी गर्दन को हिला कर उसे अपनी सहमति प्रदान की.

अब योगेश ने अपना सुपारा मेरी गांड के छेद पर रखा और मुझे कमर से पकड़ कर उसने धीरे से अपने लंड को मेरी गांड में दबाना शुरू किया।

उसका चिकना सुपारा मेरे चिकने गांड छेद को फैलाते हुए धीरे धीरे अंदर घुसने लगा।
मुझे दर्द जरूर होने लगा लेकिन आज दर्द बहुत कम था।

जब योगेश का लंड लगभग दो इंच अंदर घुस गया तब उसने हल्के हल्के धक्के मारने शुरू किए.
साथ में उसने मेरे चूचक को मसलना और अधरों को चूसना भी जारी रखा।

योगेश के धक्कों की वजह से उसका लंड मेरी गांड में पूरी तरह समा गया।

लंड घुसाने के बाद योगेश ने मुझसे धीरे से पूछा- डॉली, आज तो गांड में दर्द नहीं हो रहा है?
मैंने अपना सर हिला कर बताया- नहीं!

अब योगेश ने धीरे से मेरे कान में कहा- डार्लिंग मैं चाहता हूं कि तुम आंख बंद करके ऐसा इमेजिन करो कि तुम्हें सामने की तरफ से रोहित और पीछे की तरफ से मैं चोद रहा हूं।
मैंने सर हिला कर अपनी सहमति जतायी।

सब योगेश अपना दाहिना हाथ मेरी चूत पर ले आया और उसने तर्जनी और अंगूठे के बीच मेरे भगांकुर को पकड़ लिया और मिडल तथा रिंग फिंगर मेरी चूत में घुसा दिया।

मैं अचानक हुए इस कृत्य के लिए तैयार नहीं थी।

मेरे मेरी भगांकुर को जैसे ही योगेश ने हल्का सा मसलना शुरू किया. मैं योगेश की मैं गिरफ्त से छूटने लिए छटपटाने लगी।
योगेश ने मुझे कुशलता पूर्वक इस तरह जकड़ रखा था कि मैं उसकी गिरफ्त से छूट नहीं सकी।

अब चूत में होने वाली गुदगुदी की वजह से मेरी चूत स्वत: आगे पीछे होने लगी।
जब मेरी चूत आगे की तरफ जाए तो योगेश की उंगलियां अंदर तक घुस जाती थी और जब मेरी चूत पीछे की तरफ आती तो उसका लंड पूरा मेरी गांड में घुसने लगता था।

मैं तुरंत पूरी तरह काम उत्तेजित हो गई और इस तरह योगेश की उंगली और लंड दोनों से चुदाई करवाने लगी।

अब तो मुझे भी अपने दोनों छेद की एक साथ चुदाई में बहुत आनंद मिलने लगा और मैं वाकई में अपने जेहन में यह इमेजिन करने लगी कि मुझे रोहित और योगेश दोनों एक साथ चोदे जा रहे हैं।
मेरे मुंह से ‘उईईईई … उम्म … आह हहहह …’ इस तरह सीत्कार फूटने लगे।

योगेश को भी शायद मेरे बढ़े हुए उत्तेजना स्तर का अंदाजा हो गया था और उसने इसीलिए अपने लंड को तेजी से मेरी गांड में अंदर बाहर करना शुरू कर दिया।
साथ में उसका बांया हाथ मेरे स्तन की घुंडी को मसल रहा था और उसके होंठ मेरे अधरों को चूस भी रहे थे।

कमरे में अब लंड अंदर बाहर होने की फच फच की आवाज और मेरे सीत्कार गूंजने लगे थे, जिससे वातावरण पूरी तरह काममय हो गया था।

योगेश वाकई में जुदाई में सिद्धहस्त था और अब आसानी से उसका लंड मेरी गांड में तेजी से इस तरह अंदर बाहर हो रहा था जैसे तेज चलती हुई गाड़ी का पिस्टन सिलेंडर में अंदर बाहर होता है। और उसके दाहिने हाथ की उंगलियां भी इसी तर्ज पर मेरी चूत को चोदे जा रही थी।

मेरी उत्तेजना इतनी बढ़ चुकी थी कि मैं फिर से दो बार झड़ गई और पूरी तरह से पसीने से लथपथ हो गई थी लेकिन योगेश का लंड अभी भी थका नहीं था।

अचानक योगेश ने अपनी उंगलियां मेरी चूत से निकालकर मेरे मुंह में घुसा दी और तेजी से गांड मारने लगा।
मैं बड़ी रुचि के साथ मेरे अपने काम रस में लिपटी हुई योगेश की उंगलियां चूसने लगी।

योगेश ने अपना लंड फंसाए रखा लेकिन मुझे स्तन के बल लेटा दिया।
मैं समझ गई कि अब योगेश का स्खलन भी होने वाला है।

और वाकई जोरों से आवाज करते हुए योगेश ने अपना गर्म गर्म वीर्य मेरी गांड में स्खलन करना शुरू किया।
मैं उसके वीर्य की पिचकारी को मेरी गांड में गिरते हुए महसूस कर रही थी।

वीर्य स्खलन के वक्त योगेश ने मुझे कसकर अपने आगोश में रखा और स्खलन के बाद भी योगेश ने अपने लंड को मेरी गांड में फंसाए रखा।

कुछ समय पश्चात जब योगेश कर लंड नर्म होकर स्वत: मेरी गांड से बाहर निकला.
तब योगेश ने मेरी गांड से बह रहे वीर्य को अपनी उंगलियों से इकट्ठा कर मेरे स्तनों की मालिश की।
योगेश का ऐसा मानना है कि वीर्य मालिश से स्तन और भी पुष्ट हो जाते हैं।

कुछ समय पश्चात योगेश वॉशरूम गया और उसके इस्तेमाल के बाद मैंने वॉशरूम जाकर अपना ब्लैडर खाली किया।

मैं वॉशरूम से बाहर जब आई तो योगेश ने मुझे पुनः अपनी बांहों में भर लिया और मेरे गाल पर चूम कर पूछा- डॉली, आज की चुदाई तुम्हें कैसी लगी?
योगेश के प्रश्न के जवाब में मैंने प्रसन्न मन से कहा- डार्लिंग, तुम तो काम कला मैं पूरी तरह प्रवीण हो। तुमने आज मेरी चूत की आग को अंदर तक शांत कर दिया है। मुझे यह स्वीकार करने में कोई संकोच नहीं कि आज की चुदाई मेरे जीवन की अभी तक सर्वश्रेष्ठ चुदाई रही है। और योगेश तुम चोदने में किसी सांड से कम नहीं हो। मुझे वाकई बहुत मजा आया तुमसे अपनी चुदाई करवा कर! इस चुदाई में मुझे सचमुच ऐसा महसूस हो रहा था जैसे मुझे आगे की तरफ से रोहित और पीछे से तुम एक साथ चोद रहे हो।

योगेश ने भी स्वीकारते हुए कहा- मुझे भी तुम्हें चोदने में बहुत ही ज्यादा आनंद प्राप्ति हुई है। तुम्हारी चूत और गांड दोनों ही का स्वाद निराला है। क्या हम भविष्य में भी इसी तरह चुदाई करते रहेंगे?

इस पर मैंने गंभीर होकर योगेश से कहा- यार, मैं अपने पति को बहुत प्यार करती हूं और मैं भी नहीं चाहूंगी कि उसे हम दोनों के संबंध के बारे में पता चले। इसलिए आज के बाद अगर हम लोग चुदाई ना करें तो बहुत बेहतर होगा। अगर रोहित का ट्रांसफर हमारे मूल निवास के आसपास हो सके तो आपकी बहुत मेहरबानी होगी।

मेरे इस जवाब से सहमत होकर योगेश ने मुझे आश्वस्त किया कि रोहित का प्रमोशन और ट्रांसफर दोनों वह शीघ्र करवा देंगे।
लेकिन योगेश ने यह इच्छा अवश्य प्रकट की कि मैं रोहित के साथ शहर छोड़ने के पहले योगेश के साथ एक सप्ताह हनीमून पर चली जाऊं।
मैंने योगेश को मना करते हुए बोला- यार, एक सप्ताह रोहित से अलग बिना उसकी जानकारी के जाना कैसे संभव होगा?

इस पर योगेश ने मुझे बोला- अगर तुम चाहो तो सब कुछ संभव हो सकता है. मैं रोहित को बुलाकर अगली प्रमोशन लिस्ट में उसका प्रमोशन और ट्रांसफर दोनों बिहार की तरफ करने के लिए उसकी सहमति मौखिक रूप से मांग लूंगा।
फिर उसे मैं 8-10 दिनों का टूर बिहार का प्रमोशन से पहले स्वीकृत कर दूंगा जिससे कि वह प्रमोशन के बाद के लिए उस जगह जाकर अपनी तैयारियां कर ले।
बस तुम उसे इतना समझा देना कि फिलहाल वह अकेले जाकर कुछ सामान अपने साथ ले जाए वह प्रमोशन के बाद में तुम्हें अपने साथ लेकर जाए।
जब हर टूर पर चला जाएगा तब तुम मेरे साथ लोनावाला और गोवा के टूर पर मस्ती के लिए चलना।
मुझे लगता है हम दोनों को एक दूसरे से इस दौरान सेक्स में नये नये प्रयोग करने का मौका मिलेगा।

योगेश की बात सुनकर मैंने सोच विचार के लिए उससे कुछ समय मांगा.
जिसे योगेश ने सहर्ष स्वीकार कर लिया।

रात्रि के 12:00 बजे से भी ज्यादा हो चुके थे इसलिए योगेश अब अपने घर चला गया।

योगेश के जाने के बाद मैंने गर्म पानी से अपने शरीर को रगड़ रगड़ कर साफ किया।
गर्म पानी के स्नान से मेरी चुदाई की थकान काफी हद तक दूर हो गई।

रात्रि को बिस्तर पर सोते हुए मैंने फिर से योगेश के प्रस्ताव के बारे में सोचा।
मुझे लगा एक हफ्ता मस्ती का यह सही वक्त है और इसमें रोहित का भी भला है.

और मेरी चूत को भी एक आउटिंग की जरूरत है। मैंने मन ही मन फैसला कर लिया कि मैं योगेश के प्रस्ताव को स्वीकार कर लूंगी।

धुआंधार चुदाई की संतुष्टि के बाद बहुत अच्छी नींद आती है।
मैं बिस्तर पर लेट कर कुछ सोचते सोचते सो गई और गहरी नींद के बाद सुबह ही मेरी आंख खुली।

मैंने उठकर अपने कपड़े पहने और बिस्तर ठीक करके रोहित के फ्लैट में ताला लगाकर खुद के फ्लैट में आ गई।

तो दोस्तो, यह थी मेरी रोहित के पास योगेश से चुदाई की दास्तान।

इसके बाद योगेश के साथ मेरा हनीमून कैसा रहा यह मैं आपको आगे कभी अलग कहानियों में बताऊंगी।

फिलहाल आप मेरी इस पंजाबी गर्ल सेक्स स्टोरी पे कमैंट्स मुझे जरूर जरूर से मेरे मेल आईडी [email protected] पर ज़रूर भेजिएगा।
धन्यवाद।