नमस्कार मित्रों! क्या हालचाल हैं आपके? मैं कानपुर से गुल्लू हूँ. मेरा कद 5’7″ का है.. रंग सावला और सेक्स के लिए हमेशा तैयार रहता हूँ। लेकिन अपने लंड की इच्छा लड़कियों से कहने से हमेशा झिझकता रहा हूँ। मुझे हमेशा चुदाई ही पसंद है.. लेकिन मेरी लड़कियों से ना बोलने की वजह से कोई नहीं लौंडिया ना पट सकी।
यह कहानी एक साल पुरानी है.. तब मैं बी ए के तीसरे साल में था और उस वक्त 20 साल का था। चूँकि मैं एक सीधा-सादा लड़का था। सेक्स के लिए हमेशा से ही मैं लड़की के बारे में सोचता रहता था। कभी-कभी सोचता था कि मुझे एक प्ले बॉय भी बन जाना चाहिए।
मैं एग्जाम देने एक दूर के रिश्तेदार के यहाँ से दे रहा था। मैंने पहली बार वहाँ पर एक लड़की को देखा। उसका नाम रूबी(बदला हुआ नाम) था। वो 19 साल की थी.. थोड़ी मोटी थी। मैंने जब उसे देखा तो वो देखने में अच्छी चोदने लायक माल लगी।
मैं यहाँ एक बात बता दूँ कि वो भी कानपुर से ही थी। इस वजह से वो मुझसे थोड़ा ज्यादा घुल-मिल गई और मुझसे अच्छे से बातें भी करने लगी थी। धीरे-धीरे हम दोनों में अच्छी दोस्ती हो गई।
एक दिन बातों ही बातों में उसने बताया कि उसका कोई बॉयफ्रेंड नहीं है। तब मैंने उससे प्यार वाली दोस्ती करने को कहा तो उसने कहा कि सोच कर बताऊँगी।
मैंने कहा- ठीक है लेकिन थोड़ा जल्दी बताना।
वो उस वक्त वहाँ से चली गई।
उसकी एक ताई की लड़की वहीं रहती थी, उसका नाम रीना था। रीना रूबी से बड़ी थी, मेरी उससे भी अच्छी दोस्ती थी लेकिन मुझे उससे सेक्स के बारे में कभी ख्याल नहीं आया।
रूबी ने रीना से मेरे बारे में सब कुछ पूछा तो उसने बता दिया। ये बात मुझे रीना ने बता दी।
इसके बाद रूबी ने भी मुझसे कह दिया- मुझे तुम अच्छे लगते हो और मैं तुमसे प्यार भी करती हूँ।
मैंने झट से उसे अपने सीने से लगा लिया और उसे धीरे-धीरे किस करने लगा। लेकिन दिन होने की वजह से हम दोनों कुछ ज्यादा न कर सके।
हम दोनों ने रात को उसके ही घर पर मिलने का सोचा लेकिन एक दिक्कत थी उसकी मम्मी भी वहीं थीं।
तब मैंने रीना का सहारा लिया, उसको मैंने कहा- तुम आज उसके घर पर सो जाओ।
तो उसने कहा- ठीक है।
जब रूबी की मम्मी ऊपर सोने चली गईं। तब रूबी ने मुझे रात में काल करके घर पर आने को कहा.. उसने बताया कि रीना भी सो चुकी है।
अब हमारी कहानी शुरू हुई.. हम दोनों अन्दर कमरे में आ गए बिस्तर पर आने लगे। मैंने उसे अपनी गोद में उठाया तो वो मेरी गांड में उंगली करके मुझे छेड़ने लगी।
मैंने कहा- रुको बेड पर तो पहुँचने दो.. फिर तुम्हें बताता हूँ।
मैंने उसे बिस्तर पर लिटा दिया और खुद उसके ऊपर लेट कर उसके होंठों पर किस करने लगा। किस क्या.. मैं तो उसके ऊपर बिल्कुल टूट पड़ा.. एकदम कुत्ते की तरह उसे भंभोड़ने लगा।
उसने कहा- आराम से करो न!
उसके भी पैर चलने लगे। फिर मैंने धीरे-धीरे उसके कपड़े उतारने चालू किए.. पहले उसका टॉप ऊपर किया और उसके पेट पर किस करने लगा.. अपनी जीभ चलाने लगा।
वो आहें भरने लगी- आह आह..
वो कहने लगी- ओह.. गुल्लू ऐसे ही आह आह.. और जोर से करो.. आह आ हाय.. मजा रहा है।
मैं अपने हाथों को उसकी मोटी-मोटी टांगों पर चलाने लगा.. जिससे वो और उछलने लगी। फिर मैंने उसके टॉप को उतार दिया और उसके ब्रा के ऊपर से उसके मम्मों को दबाने लगा।
बहुत मजा आ रहा था।
साली मोटी होने की वजह से बहुत मजा दे रही थी। मैं पागलों की तरह उसके चूचों को दबाए जा रहा था। फिर मैं अपने हाथों को उसकी पैंटी में डाल कर उसकी चूत को सहलाने लगा। उसकी चूत काफी फूली हुई थी.. जिसे सहलाने में बहुत मजा आ रहा था।
अब मेरा लण्ड पेंट के अन्दर फटा जा रहा था। फिर मैंने उसके बाकी कपड़े निकालने शुरू किए। पहले उसकी ब्रा उतारी और उसके मम्मों को मुँह में लेकर चूसने लगा। उसके मम्मे एकदम रुई के जैसे थे। मैं अपने मुँह को धीरे-धीरे नीचे करता गया.. अपनी जीभ को उसके पेट पर चलाते हुए नीचे उसकी कमर पर आ पहुंचा। उसकी पैंटी को भी दांतों से खीच कर निकाल दिया। अब वो बिल्कुल नंगी हो चुकी थी और मैं उसकी चूत को अपनी जीभ से चाटने लगा।
चुत पर जीभ लगते ही वो एकदम से उछल गई और आहें भरने लगी ‘आह आह.. नहीं आह.. ओह.. गुल्लू आह ऑह.. इस्स आह..’
मैंने उससे पूछा- कभी पहले लंड लिया है?
उसने कहा- नहीं..
मैंने कहा- तुम्हें थोड़ा दर्द सहना पड़ेगा।
बोली- सब झेल लूँगी।
मैं उसके होंठों पर किस करने लगा और अब वो इतनी गर्म हो चुकी थी कि मेरे होंठों को काटने लगी, उसने कहा- गुल्लू अब बर्दाश्त नहीं होता है, जल्दी से कुछ करो।
मैंने कहा- रुको मेरी जान.. पहले तुम्हें थोड़ा और गर्म कर दूँ.. जिससे तुम लंड के दर्द को सह सको।
फिर मैं 69 की पोजीशन में आया.. जिससे मेरा लौड़ा चिकना होकर उसकी बुर में आराम से धीरे-धीरे अन्दर जाने लगे।
छोटी ही उम्र में पड़ोसन की लौंडिया को चोदने की वजह से मेरे लंड का टांका टूटा हुआ था। उस वक्त वो लौंडिया भी फूल की कली सी थी।
कुछ देर 69 में लंड चुत की चुसाई के बाद मैंने उसे सीधा लिटा कर फिर से उसकी अनचुदी चूत को बुरी तरह से चूसने लगा। वो बुरी तरह से आहें भरते हुए उछलने लगी ‘आह हय इस्स आह..’
उसी वक्त वो इठते हुए झड़ गई.. मैं उसकी कच्ची चूत का पानी मजे से पीने लगा। फिर मैं उसके होंठों को किस करने लगा.. जिससे उसे भी अपनी चूत का स्वाद मिल गया।
फिलहाल वो ढीली सी होकर लेट गई थी, लेकिन मुझे उसको अभी चोदना था.. तो मैंने उसे फिर से गर्म करना चालू किया, उसके मम्मों को दबाया.. उसकी चूत पर हाथ फिराना चालू किया और अपने लण्ड को उसकी कमर पर रगड़ने लगा।
उसने अपने हाथों से मेरे लंड को पकड़ कर हिलाना शुरू किया और कुछ ही पलों में वो फिर से गर्म हो गई। वो आहें भरते हुए चुत उछालने लगी। मैंने महसूस किया कि इस बार वो कुछ ज्यादा ही गर्म लग रही थी।
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मैं तो कब से चुत चोदने को पागल हुआ पड़ा था। फिर मैंने देर न करते हुए अपने लंड पर ढेर सारा थूक लगाया और उसकी चूत पर भी लगा दिया।
तभी रीना वहाँ पर आ गई।
वो मेरी दोस्त होने की वजह से बोली- अच्छा तो इसलिए मुझे यहाँ भेजा गया था.. गुल्लू तुमने मुझे नहीं बताया।
तो मैंने कहा- अब बता देता हूँ.. इसे यहाँ पर इसकी सील तोड़ने लाया था।
फिर उसने कहा- इसकी सील ऐसे नहीं टूटेगी.. तेरा लंड चुत में भी नहीं जा पाएगा.. मैं आऊं क्या?
मैंने कहा- हाँ जरूर..
वो हम दोनों के पास आ गई।
मैंने उससे पूछा- तुम तो सो रही थीं?
उसने कहा- रूबी ने मुझे बता दिया था.. कि आज उसकी दुकान का फीता कटना है.. चलो अब मजा दोगुना आएगा।
मैं समझ गया कि ये दोनों मेरे लंड से चुदना चाहती हैं।
फिर रीना ने अपने कपड़े भी निकाल दिए और वो रूबी के मम्मों को दबाने लगी। रीना खेली खाई थी.. तो उसे सब पता था। वो रूबी की चूत के दाने को मसलने लगी.. जिससे रूबी को मजा आने लगा और वो कमर उठाने लगी।
फिर रीना ने एकदम से मेरे लण्ड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी। मुझे एकदम से ऐसा झटका सा लगा जिसे बता नहीं सकता।
रीना एक चुदी-चुदाई लड़की थी.. तो वो मेरे लंड को पागलों की तरह चूसने लगी। वो रूबी की चूत भी सहलाती रही.. रूबी को भी मजा आ रहा था.. जोकि उसकी आहों से पता चल रहा था।
रीना ने कहा- अब तुम्हारी चूत की बारी है। रीना ने मेरे लण्ड पे थूक लगाया और रूबी की चूत में भी लगा दिया। फिर उसने रूबी की चुत में लंड से धक्का लगाने को कहा। मैंने जैसे ही लण्ड डाला रूबी चिल्ला पड़ी।
मैंने तुरंत अपने होंठ उसके होंठों से लगा कर उसे किस करने लगा और धीरे-धीरे अपने लण्ड को अन्दर डालते हुए उसके मम्मों को दबाने लगा।
दर्द के कारण रूबी के आंसू आने लगे। फिर रीना ने उसकी जांघों को सहलाया और साथ ही रीना ने रूबी की चूत और मेरे लण्ड के बीच में हाथ लगा कर चुत सहलाने लगी.. जिससे रूबी का दर्द कम हो गया। इसी बीच मैंने अपने लंड का एक जोर का धक्का लगा दिया। लण्ड थोड़ा ही अन्दर गया था लेकिन रूबी कराहने लगी।
वो दर्द से अपने पैर हिलाने लगी। लेकिन रीना ने उसके पैरों को दबा लिया और मुझे अपना काम करने को कहा। लेकिन इतनी टाइट चूत होने की वजह से लण्ड जा नहीं रहा था। फिर मैंने एक जोरदार धक्का मारा और रूबी की सील टूट गई। इससे मेरे लण्ड में भी दर्द होने लगा लेकिन चूत के जोश की वजह से धक्के देता गया और पूरा लण्ड अन्दर पेल कर उसके ऊपर लेट कर उसके होंठों को किस करने लगा।
अब मैं रूबी के शांत होने का इन्तजार करने लगा.. लेकिन रीना कहाँ मानने वाली थी। उसने मुझे चुदाई करने को कहा क्योंकि इसके बाद उसे भी तो चुदवाना था। साली की चुदी-चुदाई चुत कुलबुला रही थी.. उसे बहुत दिनों से किसी का लण्ड नहीं मिला था तो वो जल्दी से रूबी को चुदवाकर खुद चुदना चाहती थी।
मैंने फिर चुदाई शुरू की.. रूबी को थोड़ा दर्द और चुदाई का मजा आना शुरू हो रहा था।
रूबी- आह उई.. ऊ.. उम्म.. मर गई
इस बीच रीना उसकी मोटी-मोटी जांघें सहलाए जा रही थी।
मैंने उसके मम्मों को दबाते हुए चुदाई शुरू कर दी.. अब उसे भी मजा आने लगा था। कुछ ही पलों में वो अपने चूतड़ उचका-उचका कर मस्ती से चुदवा रही थी और आहें भी भर रही थी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह… आह..’
वो चुदास में मेरी पीठ पर नोचे जा रही थी।
फिर तभी रीना ने मेरा लण्ड बाहर निकाला और चूसने लगी। साथ ही वो रूबी की चूत में उंगली डाल कर उसकी चूत चोदने लगी। मैंने फिर से लण्ड को रूबी की चुत में ठेला और चूत चोदने लगा। रूबी भी अपने पैरों को मेरी कमर में लपेट कर चुदने लगी और अपने चूतड़ उचकाने लगी.. वो बड़ी मस्ती से उछल-उछल कर चुदते हुए आहें भरती रही।
कुछ ही धक्कों के बाद रूबी अकड़ने लगी और शायद उसकी चुत ने पानी छोड़ दिया था तभी मैं भी 2-4 धक्कों के बाद निकल गया। हम दोनों वहीं एक-दूसरे से चिपककर ढेर हो गए.. मैं रूबी के ऊपर ही लेट गया।
रूबी की चुत अब कुँवारी नहीं रही थी उसने मेरे लंड से सील खुलवा ली थी।
इसके बाद रीना की चुत चुदने का नम्बर आ गया था, उसकी चुदाई की कहानी को फिर कभी लिखूंगा। अभी आपके मेल का इन्तजार है।
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