नमस्ते मित्रो, आज मैं आपको अपनी मेरी पहली चुदाई की कहानी बता रहा हूँ. मुझसे जैसा बन पड़ा, सो लिखा है. प्लीज़ एन्जॉय करके मेल जरूर करना.
मेरा नाम आदित्य है. मैं एक छोटे से गांव का लड़का हूं. मैंने उस लड़की को चोदा था, जो मेरी क्लासमेट थी. जब उसे मैंने चोदा था, उस वक्त उसके लिए मेरी कोई लव जैसी फीलिंग नहीं थी. मुझे तो उससे कोई मतलब ही नहीं था.
मेरी फीलिंग उसके प्रति न होने का कारण ये था कि उसके बोलने रहन सहन मुझे पसंद नहीं था. वो एकदम सीधी साधी टाइप की लड़की थी, जबकि उसके शरीर में कोई कमी नहीं थी. बल्कि उसके शरीर में तो जबरदस्त आकर्षण था. लेकिन उसके सीधे स्वभाव और कम बोलने के कारण मैं उसके बारे में ऐसे सोच ही नहीं बना पाया था. वो मुझे एकदम टुल्ली टाइप की लगती थी.
पर मेरी किस्मत मेहरबान थी. बिना कोशिश के मुझे उसकी चूत मिल गई और बड़े प्यार से उसने चुदाई भी करवा ली. उसको चोदने के बाद मुझे कई लड़कियां चोदने को मिलीं … उनको खूब चोदा भी, पर इतना मजा किसी में भी नहीं आया, जितना इसकी चुदाई में आया था.
मैंने कभी भी उसे चुदाई की नजर से देखा ही नहीं था और कभी उसके नाम की मुठ भी नहीं मारी थी. वैसे भी इससे पहले मैंने किसी अन्य लड़की को चोदा भी नहीं था, हां मुठ बहुत बार मारी थी.
मैंने उसका नाम जानू रखा है. ये नाम मैंने उसको चोदने के बाद ही रखा है. उसके दूध छोटे छोटे समोसे जैसे नोकदार थे. उसका रंग एकदम दूध सा सफेद था और उभरा हुआ फिगर था. पर उसका नेचर एकदम टुल्लू टाइप का था. उसमें ना कोई स्टाइल … न ही उसकी कोई अदा … न ज्यादा नखरे. वो एक बहनजी टाइप की लड़की थी. उसके साथ रहने वाला कोई भी नहीं सोच सकता था कि इसने किसी से अब चुदाई करवा ली होगी, या ये किसी की गर्लफ्रेंड बनेगी.
हम दोनों ने बीएससी साथ में की है, तो मेरा उसके घर जाना कॉलेज के टाइम शुरू हुआ था. वो मेरे घर में आती थी, मैं उसके घर आता जाता रहता था. हम दोनों की फैमिली भी काफी क्लोज थी.
चूंकि मैं उसके घर काफी पहले से आते जाते रहता था. उसके साथ खेल कूद करता रहता था, पर वो कुछ भी ज्यादा नहीं करती थी.
फिर एक दिन मैं उसके घर गया. मैंने पीछे से एकदम से जानू की आंखों को बंद किया, तो वो घबरा कर खड़ी हो गई.
उसकी मुझसे छूटने की जद्दोजहद में उसका हाथ पीछे मेरे लंड पर लगा और मेरे दोनों हाथ उसके चूचों में लग गए. उसके चूचे एकदम से दब गए. उसी कारण से मेरा लंड भी उसके हाथ से दब गया. मेरा लंड टच हुआ, तो एकदम से सख्त हो गया था.
आज पहली बार किसी लड़की ने लंड को छुआ था. कुछ देर बाद सब सामान्य हुआ. मैंने इस बात पर कोई ख़ास ध्यान नहीं दिया … उसने भी नोटिस नहीं किया.
मैं घर वापस आ गया. हमारी बातें हमेशा की तरह सामान्य होने लगीं. पर पता नहीं मुझे क्या हुआ … उससे बात करते करते मेरा लंड एकदम से खड़ा हो गया.
आज पहली बार मैंने उसको सपने में किस किया, उसको नंगी किया और उसको चोदा. मुझे कल्पना में उसे चोदने से मजा आ गया. मैंने कभी सोचा ही नहीं था कि इस ठुल्ली लड़की मतलब जानू के नाम की मुठ मारूंगा और मुठ मारने में इतना मजा आएगा.
एक दिन उसके घर पर सब कहीं जा रहे थे. वो अकेली थी, तो उसकी मम्मी ने घर में मेरी मम्मी कॉल करके कहा- आदी को भेज दो, आज वो जानू अकेली. है. आदि यहीं खाना खा लेगा और साथ में रहेगा … तो दोनों पढ़ भी लेंगे.
मेरी मम्मी ने हां कर दी. उन्होंने मुझे ये सब बताया और जानू के घर मुझे जाने का कह दिया.
मैं उसके घर गया, तो वो कुछ कर रही थी. मैंने फिर उसे पीछे पकड़ा, इस बार वो घबराई नहीं और उसने जानबूझ कर मेरे लंड में हाथ रखा और खड़ी हो गई. मैंने भी उसके एक दूध को हाथ से पकड़ कर निचोड़ दिया. उसके दूध को दम से निचोड़ने के कारण उसने मेरे लंड को मसल दिया. मैं दर्द से हल्का बक्का रह गया. हालांकि मुझे एकदम से लंड मसले जाने से मजा गया था. मैंने अपने लंड को उसकी गांड में दबाकर एकदम से रगड़ दिया. साला इस रगड़ाई में ही ऐसा मजा आ रहा था कि क्या कहूँ. मेरा मन कर रहा था कि उसके छोटे छोटे चीकुओं का रस पी लूं. पर अभी उसकी मम्मी जाने की तैयारी कर रही थीं.
उनकी आवाज आई- आदी, बेटा जरा मेरी हेल्प कर दो.
मैं जानू से अलग हुआ और उसकी मम्मी का सामान कार में रखवाने लगा. मैंने उनकी कार में सब सामान रखवा दिया और वो चल दीं.
अब मैं टीवी देख रहा था, तो वो मेरे पास आई और बोली- क्यों तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है क्या? जो अपनी फ्रेंड से ही मजे लेने लगे?
मैंने भी कह दिया- जिसकी फ्रेंड ही इतने मस्त मजे वाली हो, तो गर्लफ्रेंड की क्या ज़रूरत.
उसने इठला कर कहा- अच्छा जी … फ्रेंड में मजा दिखता है.
मैंने कहा- हां जी.
उसने कहा- कैसा मजा … मस्त वाली फ्रेंड है क्या?
मैंने कहा- वो तो समय आने पर ही बताऊंगा. लेकिन तुम एक मस्त माल हो, एक नंबर की आइटम हो.
उसने कहा- ओहो क्या बात है आज तो तारीफ पर तारीफ़ … और वो भी गजब अंदाज में … लगता है आज शायद शराफत बेच आए हो.
मैंने कहां- हां बेच ही दिया, कुछ जरूरत पूरी करनी थी … तो देखो शायद पूरी हो जाए.
वो हंस दी और मेरे करीब को हुई. मैं भी उसके पास को हो गया.
मैं बोला- इन शरबती होंठों को आंखों का जाम पीना है.
तो उसने मदहोशी से कहा- पी लो रोका किसने है.
बस मैं भूखे भेड़िये की तरह उस पर टूट पड़ा.
तभी उसने कहा- रुको पहले रूम लॉक कर के आने दो.
वो पूरे घर के दरवाजे लॉक कर आई और अपनी कमर पर हाथ रख कर बोली- बताओ अब क्या पीना है … और कैसे पीना है?
उसकी ये अदा देख कर मैं एकदम से विस्मृत रह गया. मुझे उसके इस रूप की आशा ही नहीं थी. बस फिर क्या था मैं उस पर गिद्ध सा टूट पड़ा और कुत्तों की तरह उसके होंठों को चाटने लगा. पहली बार उसके होंठों से होंठों को लगाया था, तो वो भी मुझे खाने को मानो बेकरार थी. वो भी मेरे को अपनी बांहों में भींच कर कभी इधर मुँह करके मुझे चूसे और कभी उधर मुँह करके मेरी जीभ से जीभ लड़ाने में लग गई. हम दोनों में ही एक दूसरे को चाटने खाने की कोशिश में लगे थे.
कुछ पल उसके होंठों का रस पीने के बाद मैंने अपना हाथ उसके एक दूध पर रख दिया और बड़े प्यार से उसे दबाने में लग गया. वो भी मेरे हाथ पर अपना एक हाथ रख कर अपना दूध मसलवाने लगी. वो खुद अपने दूसरे हाथ से अपना दूसरा दूध दबाए जा रही थी. हम एक दूसरे के होंठों को भी चूस रहे थे.
दोस्तो, मैं समझ ही नहीं पा रहा था कि उस समय मेरी क्या हालत थी. उससे पहले कभी इतना उत्तेजित नहीं हुआ था. मैंने उसकी कुर्ती को निकाल दिया और उसकी ब्रा को भी निकाल दिया. उसने मेरे लंड पर हाथ फेरा तो मैंने उसकी जींस के बटन खोल कर उसे भी उतार दिया.
अब उसके नंगे दूध मेरे सामने फुदक रहे थे. उसकी चुत एक जरा सी पेंटी में फंसी थी. हम दोनों पूरा मजा आराम से लेना चाहते थे, हमें कोई जल्दी नहीं थी. दोनों आराम से एक दूसरे से मजे कर रहे थे.
उसको सिर्फ पेंटी में ले आने के बाद मैं उसके एक दूध को अपने मुँह में रख कर उसके निप्पल के साथ खेल रहा था, निप्पल चाट रहा था. दूसरा हाथ उसकी पेंटी में फंसी रस से भीगी हुई उसकी चूत के ऊपर फिराए जा रहा था.
करीब दो मिनट तक उसके साथ रगड़ सुख लेने के बाद मैंने खड़े होकर अपने कपड़े उतारे और अपने लंड को आजाद कर दिया. मेरा लंड एकदम टाईट खड़ा होकर उसकी आँखों के सामने लहरा रहा था.
मैंने उसको इशारा करके अपना लंड चूसने का कहा. उसने घुटनों के बल बैठ कर तुरन्त ही मेरे लम्बे लंड को मुँह में भर लिया. अब वो बड़े मजे से लॉलीपॉप की तरह लंड चूस रही थी. लंड चुसाई से मेरी आवाज ‘अहह यूआई … आह..’ निकल रही थी. मैं कुछ ही पलों में अपनी चरम पर आ गया था. कोई दो मिनट में ही मैं उसके मुँह में झड़ गया. इतनी जल्दी झड़ जाने का सबब ये था कि शायद मैं बहुत एक्साइटेड था.
कुछ देर तक वो मेरे ढीले लंड को चूसती रही और मेरे लंड रस का स्वाद लेती रही. फिर हम दोनों 69 वाली पोजीशन में हो गए. मैंने अपने पूरे लंड को उसे चूसते रहने दिया. मैं खुद उसकी चुत को बड़े मज़े से चाटने लगा था.
ऐसा अनुभव पहली बार था, मुझे बड़ा मस्त लग रहा था. मेरा लंड उसके मुँह में था, तो मजा ही अलग आ रहा था.
मैं भी मज़े से चूत चाटने लगा. कुछ ही पल बाद वो एकदम से अकड़ गई और झड़ गई. मैं उसका पूरा माल पी गया. उधर अब तक उसने भी मेरे लंड को चूस चूस कर खड़ा कर दिया था. मैंने भी उसकी चूत के रस को पूरी तरह से चाट चुकने के बाद लगातार चाटता रहा, जिससे वो फिर से गरम हो गई.
चूंकि ये मेरा पहली बार का अनुभव होने जा रहा था. अभी तक मैंने जो पोर्न वीडियो में देखा था और अन्तर्वासना पर पढ़ा था, उसी के हिसाब से मैंने आगे बढ़ने का तय किया. मैंने आज से पहले कभी सेक्स कभी किया ही नहीं था.
मैं अपनी जानकारी के हिसाब से खुद को सैट करने लगा. पहले मैं सीधा हुआ और उसकी दोनों टांगों के बीच में खुद को बैठाया उसने भी अपनी टांगें पूरी तरह से खोल दी थीं. मैंने लंड का सुपारा उसकी चूत की फांकों में घिसा और उसके दोनों दूध को पकड़ कर लंड उसकी चूत में रगड़ने लगा था.
चूत की फांकों ने लंड के सुपारे की गर्मी पाकर अपने होंठ गीले कर लिए थे. उधर वो भी लंड का अहसास पाकर बोल रही थी- जल्दी से अन्दर डाल दे … मुझे कुछ खुजली जैसी हो रही है … जल्दी से अन्दर डाल दे.
पर मुझे अपने लंड का सुपारा उसकी चूत की फांकों में वैसे ही रगड़ने में ही मजा आ रहा था.
वो बोली- लंड बाद में रगड़ लियो … आज पहले डाल के चोद दे … इसके बाद सारा दिन पड़ा है बाद में मजा ले लियो.
वो ऐसा बोली तो मैंने उसकी चूत पे लंड रखा और एकदम जोर से झटका मार दिया. झटके से मुझे लग रहा था कि इसी को दर्द होगा. क्योंकि मैंने अभी तक यही पढ़ा था कि नई चूत में लंड जाता है तो लड़की चीखती चिल्लाती है. लेकिन इधर मेरे लंड में भी बहुत दर्द हुआ. मुझे समझ ही नहीं आया कि मुझे क्यों दर्द हुआ.
उधर उसकी चूत से खून जैसा कुछ निकलने लगा. वो दर्द से अलग बिलबिला रही थी. मैंने इसके आगे कुछ देर रुके रहने का तय किया और लंड को ना अन्दर किया न बाहर निकाला … बस पूरी ताकत से उसको पकड़े रहा.
कुछ पल बाद लंड में कुछ सुरसुरी सी हुई तो मैंने लंड अन्दर बाहर करना चालू किया. वो काफी दर्द के मारे तड़फ रही थी. उसने बहुत कोशिश की कि मैं लंड बाहर निकाल लूँ, लेकिन मेरी पकड़ मजबूत थी, सो मैंने लंड को बाहर निकलने ही नहीं दिया. मेरी कामनाओं को मैंने पूरा होने दिया.
धीरे धीरे मैं उसे पूरी ताकत और बेरहमी से चोदने लगा.
कुछ 5 मिनट बाद वो भी मेरा साथ देने लगी. बड़े जोर जोर से पूरे जोश में वो गांड हिलाने लगी. करीब 15 मिनट तक की धकापेल चुदाई के बाद मैं उसकी चूत में ही झड़ गया. मुझसे पहले वो झड़ चुकी थी. हम दोनों निढाल होकर एक दूसरे के ऊपर पड़े थे और किस किए जा रहे थे.
इसके बाद मैंने खुद को उससे अलग किया. हम दोनों ने बाथरूम में जाकर एक दूसरे को साफ़ किया. इसके बाद हम दोनों ने दो बार और चुदाई का मजा लिया. उसके बाद मैं सुबह अपने घर आ गया.
दोस्तो, यह सेक्स स्टोरी थी मेरी पहली बार चुदाई क्लासमेट के साथ की. मैं आज भी उसकी मस्त चुदाई करता हूं, मुझे तसल्ली है कि पहली चुदाई में मैंने किसी की सील तोड़ी थी.
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