बात आज से लगभग दो साल पहले की है. उस वक्त मैंने अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए दिल्ली में दाखिला लिया था. मुझे यहां पर रहकर आगे के दो साल की पढ़ाई करनी थी. चूंकि समय लम्बा था तो मेरे पास यहां दिल्ली शहर में रूम लेने के सिवाय कोई चारा भी नहीं था तो मैंने अपने लिए एक कमरा यहीं पर किराये पर ले लिया.
मैं इस शहर में नया था और किसी को जानता नहीं था. यहां की जगहों के बारे में भी कुछ मालूम नहीं था. जब कोई बाहर से किसी शहर में आकर रहता है तो थोड़ा डर लगता है. इसलिए मैं भी कहीं नहीं जा रहा था. मेरा काम बस इतना था कि मैं रोज कॉलेज जाता था और पढ़ाई करके वापस रूम पर लौट आता था. मुझे खाना बनाना नहीं आता था तो मैंने वहीं पर एक जगह अपना 2 टाइम का खाना खाने के लिए मेस लगा दी.
इस कहानी की नायिका रूपाली को मैंने पहली बार वहीं मेस में ही देखा था. वो भी वहां पर शायद खाना खाने ही आती थी. देखने में बहुत बोल्ड सी थी और उम्र उसकी 23 साल थी जो उसने मुझे बाद में बताया था.
उसका कद 5 फीट 3 इंच का था और रंग हल्का सांवला था. उसका साइज 34-30-36 था. वो दिखने में बहुत खूबसूरत थी लेकिन थोड़ी नखरीली थी. किसी से सीधे मुंह बात करना तो दूर किसी की ओर आसानी से देखती भी नहीं थी.
धीरे धीरे मैंने उसके बारे में पता करना शुरू किया. एक दो बार कुछ दूरी तक उसका पीछा भी किया तो पता चला कि वो लड़कियों के हॉस्टल में रह रही थी.
फिर मुझे पता चला कि वो कॉलेज में बी. कॉम. की पढ़ाई कर रही थी. वो अपने कॉलेज की दबंग लड़कियों में से एक थी. उसके बारे में मुझे काफी कुछ पता चला. उसने कई लड़कों को सबक सिखाया था. इसलिए ये सब जानकर मैंने उसको पाने का खयाल अपने दिल से निकाल ही दिया.
मैं शहर में नया था और अगर यहां पर कुछ ऊंच नीच हो जाती तो मेरे घर तक बात आ जाती. ऐसा भी हो सकता था कि मुझे कॉलेज से निकाल दिया जाता. इसलिए मैंने ऐसा कुछ न ही करने की सोची. मैं अपनी पढ़ाई पर ध्यान देने लगा. मगर किस्मत में कुछ और ही लिखा हुआ था.
एक रात की बात है कि मैं खाना खाने अपनी बाइक से जाने लगा. रास्ते में किसी ने मुझसे लिफ्ट मांगी. कोई लड़की थी. जिसने सिर पर कपड़ा बांधा हुआ था और मुझे उसका चेहरा दिख नहीं रहा था.
उसने मुझे आगे तक छोड़ने के लिए बोला.
मैंने भी लिफ्ट दे दी.
जब उसने बाइक रोकने को कहा तो हम वहीं पहुंच गये थे जहां पर हम लोग खाना खाते थे. वो भी वहीं पर जाने लगी. जब उसने मुंह से कपड़ा हटाया तो पता चला कि वो रूपाली ही थी. मगर उस दिन मैंने उससे कुछ नहीं कहा. बात ऐसे ही बीत गयी.
फिर एक दिन मैं शॉपिंग करने बाजार गया था. तब मैंने वहां रूपाली को देखा. तब मैंने सीधे जाकर उससे बात की तो उसने भी मुझसे बात की.
तब उसने मुझे उस दिन के लिए थैंक्स कहा और ऐसे पहली बार हमारी बात हुई. फिर कई बार मैं उसको रास्ते से लिफ्ट दे देता था.
एक दिन वो मेरे साथ ही खाने के लिए बैठ गयी. उस दिन हमारे बीच काफी सारी बातें हुई. उससे बात करने पर पता चला कि जैसी मैं समझ रहा था वो वैसी नहीं थी. वो प्यार से बात करने वाली लड़की थी लेकिन लोगों को ऐसा दिखाती थी कि वो बहुत खतरनाक है. उस दिन के बाद से अक्सर हम लोग बातें करने लगे और धीरे धीरे हमारी दोस्ती भी हो गयी.
अब मैं उसको चाहने लगा था. वो भी मुझे पसंद करती है या नहीं ये जानने के लिए कई बार मैं उसको इग्नोर कर देता था. फिर वो खुद से मुझसे बात करने की कोशिश किया करती थी. इससे मुझे पता लगा कि शायद वो भी मुझमें रूचि ले रही है.
फिर एक दिन मैंने उसका अच्छा मूड देखकर उसको प्रपोज कर दिया. हैरानी की बात रही कि उसने मेरा प्यार स्वीकार कर लिया. अब हम अक्सर बाहर घूमने जाने लगे. मैं उसको मूवी ले जाता था. हम लोग कैंडल लाइट डिनर पर जाते थे.
मैं उसके लिए हमेशा कुछ न कुछ गिफ्ट लेकर जाता था जिसे देख रूपाली बहुत खुश हो जाती थी. फिर ऐसे ही एक दिन की बात है कि जब हम मूवी देखने गए थे तो फिल्म में हीरो हीरोइन का रोमांटिक सीन चल रहा था. उसमें हीरो हीरोइन को अपनी तरफ बार बार खींच कर किस कर रहा था.
मेरा मन भी मचल रहा था. मैंने रूपाली के कंधे पर हाथ रखा तो वो भी मेरे हाथ को सहलाने लगी. मुझे उसका साथ मिल गया. फिर मैंने उसके गालों को सहलाना शुरू किया तो उसने भी मेरा हाथ चूम लिया. अब मैंने उसका चेहरा अपनी तरफ किया और हम दोनों किस करने लगे. वो भी मेरा साथ देने लगी. हम लोग उस दिन पहली बार किस कर रहे थे.
मैंने बहुत देर तक उसके होंठों को चूसा और वो भी मेरे होंठों को चूसती रही. मेरा मन आगे भी कुछ करने को हो रहा था लेकिन मैं डर रहा था कि कहीं रूपाली इस बात का बुरा न मान जाये. इसलिए मैंने उसकी चूचियों या चूत को छूने की कोशिश नहीं की.
उस दिन बस हमने किस ही की. फिर हम दोनों अब जब भी मिलते थे तो हमेशा ही किस करने लगते. धीरे धीरे मैंने उसकी चूचियों को भी छेड़ना शुरू कर दिया. अब मैं उसको किस करते हुए उसके बूब्स को भी दबा देता था. इस सब के दौरान अब रूपाली काफी गर्म हो जाती थी और मैं भी उसकी चुदाई करना चाह रहा था. मगर हम दोनों के पास ऐसी कोई जगह नहीं थी जहां हम अपने जिस्मों की प्यास को शांत कर सकें.
हम दोनों में सेक्स की आग लग चुकी थी जिसको जल्दी ही शांत करना जरूरी था. हमें सही वक्त भी नहीं मिल रहा था क्योंकि उस टाइम हम दोनों के एग्जाम थे तो हमने एग्जाम खत्म होने पर सेक्स करने का फैसला किया.
फिर हमने अपना अपना एग्जाम दिया और जिस दिन हमारा लास्ट एग्जाम था उसी शाम को मैंने एक होटल में रात के लिए कमरा बुक किया.
मैं रूपाली को अपने साथ होटल लेकर गया. उस दिन रूपाली ने टी शर्ट और फुल स्कर्ट पहना हुआ था. जैसे ही हम होटल पहुंचे, हम दोनों फ्रेश हुए और मैंने खाना ऑर्डर किया. हमने साथ में मिलकर खाना खाया जिसके बाद रूपाली बाथरूम में चली गयी.
मैं उसके पीछे ही चला गया. वो अपने हाथ धोने लगी और मैंने उसे पीछे से पकड़ लिया. मैंने उसकी चूचियां दबाई और फिर उसको अपनी तरफ घुमाकर उसे किस करने लगा. वो भी मेरा साथ देने लगी.
किस करते करते मैंने उसको ऊपर उठा लिया और उसके पैर उसने मेरी कमर पर कस लिये और वो मेरी गोदी में आ गयी. मैंने उसे बाथरूम की दीवार के साथ लगा दिया और लगातार उसको चूसने लगा.
किस करते करते मैंने उसका टॉप भी उतार दिया. अंदर उसने रेड कलर की ब्रा पहनी थी. मैं उसको लगातार किस करते करते उसके बूब्स को ब्रा के ऊपर से जोर जोर से दबा रहा था. नीचे मेरा लंड पैंट में बहुत दर्द कर रहा था.
रूपाली पूरी तरह हवा में थी और मुझे सेक्स की बहुत जल्दी थी. मैंने ऐसे ही मेरी पैंट नीचे से खोली और लंड बाहर निकाला. रूपाली ने स्कर्ट के अंदर सिर्फ पैंटी पहनी थी तो मैंने ऐसे ही उसकी पैंटी साइड में कर दी.
मैंने मेरा 6 इंच का लंड उसकी चूत पर टिका कर जोरदार धक्का मारा. रूपाली का पहली बार था इसलिए वो इस हमले को सह नहीं पाई और उसकी जोरदार चीख निकली जो बाथरूम में दब गई. उसकी आँखों से आंसू आने लगे और वो रोने लगी. मैं उसे समझाने लगा और चुप कराने लगा.
रूपाली को मैंने पूरा हवा में उठा लिया था इसलिए वो मुझसे छूटने के लिए बहुत हिलने लगी ताकि उसकी चूत से लंड बाहर आ जाये. मगर ऐसा कुछ नहीं हो रहा था बल्कि उसके उलट मेरा लंड उसकी चूत में और अंदर घुस जाता था. ऐसे ही करते करते मेरा पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में समा गया. रूपाली जितना हिलती उतना उसे दर्द होने लगा.
फिर मैंने उसे कस कर पकड़ लिया ताकि वो हिले नहीं. मैं उसको पकड़े रहा और किस करता रहा. थोड़ी देर बाद उसका दर्द कम होने लगा. फिर मैं उसको ऐसे ही बिना लंड को चूत में से बाहर निकाले उसे बेड पर ले आया.
मैंने उसको लिटा दिया और उसके दोनों हाथ अपने हाथ से कस कर पकड़ लिये. अब मैं धीरे धीरे लंड को उसकी चूत में अंदर बाहर करने लगा. उसकी चूत बहुत टाइट थी जिसकी वजह से मेरे लंड को चूत के अंदर एक सुकून भरी पकड़ मिल रही थी. मुझे बहुत अच्छा लग रहा था.
जैसे जैसे उसका दर्द कम हुआ वो भी अब चुदाई का मजा सा लेने लगी. वो अब मेरा साथ दे रही थी. मुझे किस कर रही थी और मेरी कमर पर हाथ फिरा रही थी. मुझे भी पता लग रहा था कि अब उसकी चूत को लंड से चुदने का मजा आ रहा है. रूपाली के 34 के बूब्स अब हर धक्के के साथ हिल रहे थे. मैंने पहली बार रूपाली की चूत देखी थी. सिर्फ देखी ही न थी बल्कि लंड भी डाल दिया था.
मैं ज्यादा देर खुद को रोकने की स्थिति में नहीं था. चूत का सुख सच में बहुत आनंद देने वाला होता है इसलिए मैं बीच बीच में धक्कों की स्पीड न के बराबर कर देता था ताकि चूत में लंड से चोदने का मजा मैं जितना हो सके उतने लम्बे समय तक ले सकूं.
धीरे धीरे करते हुए मुझे 15 मिनट हो गये थे और अब मुझसे रुकना लगभग नामुमकिन हो गया था. मैं अब तेजी से झटके मारने लगा जिससे रूपाली के 34 के बूब्स ऊपर नीचे हिलने लगे.
अब मेरा वीर्य निकलने वाला था इसलिए मेरे धक्कों की स्पीड बहुत ज्यादा हो गयी थी. एकदम से मेरा वीर्य निकल पड़ा और मैं रूपाली की चूत में झड़ गया. मैं उसके ऊपर ही गिर गया.
हम दोनों की सांसें बहुत तेजी से चल रही थीं. जब तक मेरी सांसें सामान्य नहीं हुई तब तक मैं उसकी चूत में लंड डाले पड़ा रहा. जब मैं उसके ऊपर से उठा तब देखा कि लंड और चूत के पानी से रूपाली की पैंटी भीग गई थी.
उसकी स्कर्ट भी खराब हो गयी थी. मैंने उसकी चूत को देखा तो वो सूज गयी थी.
फिर मैंने उसको पूरी नंगी किया और उसको बाथरूम में ले गया. मैंने उसकी चूत को साफ किया और फिर हम बेड पर आकर लेट गये.
वो काफी थकी सी लग रही थी और मैं भी थक सा गया था लेकिन फिर हम दोनों एक दूसरे के जिस्मों को सहलाने लगे और सारी थकान उतर गयी.
उसके बाद मैं उसकी चूचियों को दबाने लगा. वो भी मेरे लंड को सहला रही थी. ऐसे ही करते करते मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया. मैंने उसकी चूत को फिर से सहलाना शुरू कर दिया और उंगली देने लगा. मैं उसकी चूत में उंगली चलाने लगा और वो एक बार फिर से गर्म हो गयी. मैंने उसकी चूत पर लंड रखा और रगड़ने लगा.
थोड़ी देर बाद वो खुद ही अंदर डालने के लिए कहने लगी. मैं भी फिर से उसकी चूत चोदना चाह रहा था.
मगर मैं दूसरे राउंड में कोई जल्दबाजी नहीं करना चाह रहा था. मैंने उसकी चूत में जीभ दे दी और चूसने लगा. मैं उसकी चूत को 15 मिनट तक चूसता रहा जिसमें वो दो बार झड़ी.
फिर मैंने उससे लंड चूसने को कहा तो उसने मेरा भी चूसा. एक बार मैं उसके मुंह में झड़ा.
फिर से हम दोनों लेट गये और किस करते रहे. उसके बाद जब लंड खड़ा हुआ तो मैंने सीधा उसकी चूत में घुसा दिया और उसको चोदने लगा. अबकी बार मैंने आधे घंटे तक उसकी चुदाई की. इस तरह से उस रात को मैंने तीन बार उसकी चूत चोदी. हम दोनों ने उस रात का पूरा फायदा उठाया.
उसके बाद तो उसके साथ चुदाई का काम जारी रहा. कई बार मैं उसको अपने रूम पर भी बुला लेता था. वो आ जाती थी और कम से कम दो बार अपनी चूत चुदवाकर जाती थी. उसको भी मेरे लंड से चुदने की आदत सी हो गयी थी.
कई बार जब मैं उसको कई दिन तक चुदाई के लिए नहीं टोकता था तो वो खुद ही फोन कर देती थी और मिलने के लिए कहती थी. उसको तड़पाकर चोदने में मुझे और ज्यादा मजा आता था. इस तरह से मैंने रूपाली के साथ चुदाई के खूब मजे लिये.