मेरी हवस की इस कहानी के पिछले भाग
कॉलेज की हॉट लड़की की हवस और चुदाई-1
में आपने पढ़ा होगा की मुझे मेरे बॉयफ्रेंड के साथ किस और बूब्स दबवाते हुए बहुत टाइम हो गया था. अब मेरी चूत उसके लंड के लिए प्यासी थी. मगर जब भी मैं चुदाई के लिए तैयार होती तो वह मुझे नजर अंदाज कर देता था. उसके बाद उसी के एक खास दोस्त कबीर ने बताया कि उसका स्टेमिना बहुत कम है और वो तुम्हें खुश नहीं कर सकता है.
ये बात जब मुझे पता लगी तो मैंने राज से ब्रेकअप कर लिया और कबीर व मेरे बीच में नजदीकियां बढ़ गईं. उसने कई बार मेरे चूचों को अन्जान बनकर कॉलेज के बाथरूम में चूसा था. यह बात उसने मुझे बाद में बताई थी. उसके बाद जब उसने मुझे प्रपोज किया तो बाद में हम दोनों बॉयफ्रेंड और गर्लफ्रेंड बन गये.
अब मुझे उम्मीद लगने लगी थी कि जो प्यास राज ने शांत नहीं की उस प्यास को कबीर जरूर शांत कर देगा. मैंने उसके अंडरवियर में हाथ डाल कर उसके लंड का माप ले लिया था. उसका लंड वाकई में ही बहुत बड़ा था जैसा कि मैंने बाकी लड़कियों से उसके बारे में सुन रखा था.
फिर एक दिन कबीर ने मुझे अपने रूम पर आने के लिए कहा. वो कह रहा था कि बहुत दिनों से हम दोनों कॉलेज के बाथरूम में ही मिल रहे हैं. अब मैं तुम्हें अच्छे तरीके से प्यार करना चाहता हूं जहां पर किसी का कोई डर न हो.
मैं उसकी बात सुनकर खुश हो गई. मेरी चूत की प्यास अब शांत होने की बारी आ गई थी. उस दिन जब उसने बुलाया तो मैं तैयार होकर उसके कमरे पर जाने के लिए निकल गई. उसके रूम के पास पहुंच कर वो मुझे लेने के लिए आ गया.
हम दोनों उसके रूम पर पहुंच गये. मगर मैं देख कर हैरान हो गई कि उसके रूम पर राज पहले से ही मौजूद था.
मैंने कबीर से पूछा कि यह क्या कर रहा है यहां पर?
इसके जवाब में कबीर ने कहा कि यह बस पार्टी को इंजॉय करने के लिए आया है. वैसे भी तुम दोनों तो अच्छे दोस्त हो. इसलिए मुझे नहीं लगता कि तुमको राज के यहां पर होने से कोई प्रॉब्लम होगी.
मैं बोली- वो सब तो ठीक है लेकिन दोस्त और बॉयफ्रेंड में काफी फर्क होता है.
वो बोला- अरे चिल करो यार चाहत … तुम इतना क्यों सोच रही हो! वैसे भी राज तुम्हारे साथ कुछ नहीं करेगा. वो तो बस हमें कंपनी देने के लिए आया हुआ है.
मैं कबीर की बात से सहमत हो गई.
कबीर और राज दोनों ने पहले से ही पार्टी की पूरी तैयारी कर रखी थी. वहां पर बीयर की पांच-छह बोतलें रखी हुई थीं. साथ में खाने-पीने का भी काफी सारा सामान था. जल्दी ही महफिल सज गई.
हम तीनों साथ में बैठ कर बातें करते हुए बीयर के पैग लगाने लगे. तीनों में खूब हंसी मजाक हो रहा था. बातों ही बातों में पता ही नहीं चला कि कब चार बोतलें खत्म हो गईं. अब मेरा सिर भारी होने लगा था.
इधर कबीर मेरे करीब आकर बैठ गया था और उसने मेरे टॉप में हाथ डाल दिया था. वो मेरे चूचों को दबाने लगा. यह देख कर राज का लंड भी उसके शॉर्ट्स में तन कर अलग से दिखाई देने लगा था. मगर वो एक तरफ बैठा हुआ बस देख रहा था.
उसके बाद फिर कबीर ने मेरे मुंह को अपनी तरफ घुमा कर मेरे होंठों को चूसना शुरू कर दिया. मैं भी अपनी मस्ती में आ गई और उसको बांहों में लेकर उसके होंठों का रस पीने लगी. हम दोनों एक दूसरे में खो से गये. मुझे नहीं पता कि राज के मन में क्या चल रहा था.
मैं तो बस कबीर के लाल और रसीले होंठों को चूस कर मजा लेने में लग गई थी. मैंने उसकी जीन्स पर हाथ रख कर उसके तने हुए लम्बे और मोटे लंड को ऊपर से ही मसलना शुरू कर दिया. वो मुझे लेकर नीचे लेट गया.
नीचे बिछे गद्दे पर लेट कर हम दोनों एक दूसरे के जिस्मों को चूसने और चाटने लगे. मेरे दिमाग में बीयर का हल्का सा सुरूर भी था इसलिए बहुत मजा आ रहा था. दूसरी ओर कबीर के मर्दाना जिस्म को चूसते हुए मेरा नशा और चूत की चुदास भी बढ़ने लगी थी.
कबीर ने मेरे टॉप को निकाल कर जल्दी से मेरी ब्रा को अलग कर दिया और मेरे गोरे चूचों को अपने हाथों से भींचते हुए उनको पीने लगा. मैं उसको अपने ऊपर लेकर लेट गई और अपने चूचों को चुसवाने लगी.
फिर उसने मेरी स्कर्ट को भी निकाल दिया. अगले ही पल मेरी चूत से मेरी पैंटी भी अलग हो चुकी थी. अब मैं बिल्कुल नंगी होकर कबीर के नीचे लेटी हुई थी. उसने कई मिनट तक मेरे चूचों को चूसा और फिर मेरी चूत में उंगली करने लगा.
अब मैंने भी कबीर को नंगा करना शुरू कर दिया. उसकी टी-शर्ट को निकाल कर उसकी छाती को नंगी किया. उसकी चौड़ी छाती पर किस करने लगी. उसके बाद उसके सिक्स पैक एब्स को चाटने लगी. उसकी जीन्स को खोल कर उसे नीचे किया और अन्डरवियर में तने हुए उसके लौड़े को भी चूम लिया.
जब मैंने उसके लंड को चूमा तो उसके मुंह से सिसकारी निकल गई. आह्ह … स्सस… चाहत डार्लिंग, तुम तो बहुत मजा दे रही हो. फिर मैंने उसके अंडरवियर को निकाल कर उसके आठ इंच के लंड को अपने हाथ में ले लिया और उसको मुंह में लेकर चूसने लगी.
कबीर के मुंह से अब लगातार सिसकारियां निकल रही थीं. उसके हाथ मेरे सिर पर आकर मेरे मुंह को उसके लंड में धकेल रहे थे. उसका जबरदस्त लौड़ा चूस कर मुझे सच में बहुत मजा आ रहा था. इतना दमदार लंड पाकर मैं मन ही मन खुश हो रही थी.
मगर फिर पीछे से राज नंगा होकर आ गया. उसने मेरी गांड को दबाना शुरू कर दिया. मैंने पलट कर एक बार उसकी तरफ देखा लेकिन फिर कबीर ने मेरा मुंह वापस अपनी तरफ करके इशारा किया कि इसको भी मजा ले लेने दो.
कबीर के कहने पर मैंने राज को नहीं रोका. वो मेरी गांड को दबाने लगा. लंड तो राज का भी काफी दमदार लग रहा था. मगर अभी मैं कबीर के साथ बिजी थी. पीछे से राज ने मेरे चूचों अपने हाथों में भर लिया. वो मेरे चूचों को दबाते हुए मेरी गांड पर अपने लंड को रगड़ने लगा.
अब मेरे मुंह में कबीर का लंड था और पीछे से मेरे एक्स बॉयफ्रेंड राज का लंड मेरी गांड पर रगड़ खा रहा था. मैं मदहोश होने लगी थी. शायद यह उन दोनों की सोची समझी प्लानिंग थी. लेकिन मैंने इस बारे में ज्यादा नहीं सोचा. मैं तो अपनी चूत की प्यास बुझाने आई थी.
फिर कबीर ने अपने लंड को मेरे मुंह से निकाल लिया. अब मैं उन दोनों के बीच में थी. आगे की तरफ से कबीर ने मेरी चूत को चाटना शुरू कर दिया. पीछे से राज मेरी पीठ पर किस करते हुए अपने लंड को मेरे चूतड़ों में घुसाने की कोशिश कर रहा था.
उसके बाद राज ने मेरी टांग को उठा दिया और कबीर ऊपर की तरफ आ गया. उसका मोटा लंड मेरी चूत पर जाकर सट गया. फिर कबीर ने मुझे पीठ के बल लेटा दिया और मेरी टांगों के बीच में आ गया.
अब राज उठ कर मेरे सिर की तरफ आ गया और ऊपर की तरफ से अपने लंड को मेरे मुंह में देने लगा. मैंने एक दो बार मना किया लेकिन नीचे से कबीर की जीभ मेरी चूत में घुस चुकी थी. मैं तड़प उठी और मैंने राज के लंड को मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया.
कबीर मेरे चूचों को दबाते हुए मेरी चूत में अपनी जीभ को तेजी से अंदर बाहर करने लगा. राज का लंड मेरे मुंह में था और उसके मुंह से कामुक सिसकारियां निकल रही थीं.
मगर मिनट भर के बाद ही राज ने मेरे मुंह में अपना माल गिरा दिया. हवस के जोश में मैं उसके माल को पी गयी. कबीर ने ठीक ही कहा था कि राज का स्टेमिना बहुत कम था. अब मैं जान गई थी कि वो मेरी चूत को क्यों नहीं चोदना चाह रहा था.
अपना माल मेरे मुंह में गिराने के बाद वो एक तरफ उठ कर बैठ गया. अब कबीर ने मोर्चा संभाला और मेरे चूचों को चूसते हुए मेरे होंठों तक आ गया. मेरे होंठों को जोर से चूसने लगा. फिर उसने अपने लंड को मेरी चूत पर लगा दिया.
अब मैं और नहीं रुक सकती थी. कबीर का लंड अपनी प्यासी चूत में लेने के लिए मरी जा रही थी. मैंने कबीर से कहा- अब किसलिये तड़पा रहे हो. मेरी चूत को चोदो ना जानू!
कबीर ने मेरी चूत पर लंड को रखा और एक धक्का दे दिया. उसका आधा लंड मेरी चूत में उतर गया. मुझे जैसे तृप्ति सी मिलने लगी. मैंने अपनी गांड को हिलाकर उसके लंड को अच्छी तरह से अपनी चूत में आने दिया.
उसने भी अपने लंड को हिलाते हुए मेरी चूत में अच्छी तरह फंसा लिया. अब उसने मेरे चूचों को पकड़ कर एक और धक्का मारा और उसका लंड और अंदर जाकर मेरी बच्चेदानी से टकरा गया. उसका लंड लेकर मुझे दर्द हो रहा था लेकिन मजा भी बहुत आ रहा था.
कबीर ने मेरी चूत में लंड को लगभग पूरा फंसा कर अब मेरी चूत को चोदना शुरू कर दिया. कुछ ही देर में मैं मजे से सिसकारियां लेने लगी. आह्ह … ऊह्ह … अम्म … करते हुए उसके गालों को काटने लगी. वो भी अपनी मर्दाना ताकत से मेरी चूत का बैंड बजाने लगा.
उसके लंड का धक्का बहुत तेज था जो मुझे अंदर तक सुख दे रहा था. जब उसका लंड मेरी चूत में आकर पूरा घुसने को हो रहा था तो मैं भी अपनी गांड को आगे की तरफ धकेल देती थी. इस तरह से हम दोनों ही चुदाई के मजे लेने लगे.
कुछ देर तक मेरे ऊपर लेट कर मेरी चूत को चोदने के बाद कबीर ने मुझे उठा कर घोड़ी बना लिया. अब उसने पीछे से मेरी चूत में लंड को डाल दिया और मेरे चूचों को दबाते हुए मेरी चूत को चोदने लगा.
अब उसके धक्कों के कारण मुझे इतना मजा आने लगा कि मैं दो मिनट बाद ही झड़ गई. उसके लंड को मेरी चूत के पानी ने गीला कर दिया. चिकना लंड मेरी चूत में तेजी से चुदाई कर रहा था. जिसके कारण रूम में पच-पच की आवाजें होने लगीं.
कबीर की स्पीड भी अब और ज्यादा तेज हो गई थी. उसने मेरी गांड को पकड़ कर मेरी चूत को जबरदस्त तरीके से चोदना शुरू कर दिया. उसकी जांघें मेरी गांड पर आकर फट-फट की आवाज करने लगीं. मुझे नहीं पता राज किस कोने में पड़ा हुआ था लेकिन कबीर का लंड अब मेरी चूत को फाड़ने लगा था.
उसके तेज धक्कों के कारण अब मुझे बहुत तेज दर्द होने लगा था. अगले दस मिनट तक उसने इसी रफ्तार से मेरी चुदाई की. इस बीच में मैं एक बार और झड़ी. फिर वो भी एकदम से पूरे लंड को मेरी चूत में घुसा कर शांत होता चला गया.
कबीर के लंड का माल मेरी चूत में भर गया. वो मेरे ऊपर ही गिर गया. मैं थक कर चूर हो गई थी. मैंने देखा तो राज एक तरफ बैठ कर अपने फोन में टाइम पास कर रहा था. उसके चेहरे पर शर्मिंदगी के भाव थे. इसलिए वो मेरी तरफ देख भी नहीं रहा था.
कबीर और मैं काफी देर तक एक दूसरे के साथ ऐसे ही नंगे लिपटे रहे.
उसके बाद राज ने कहा कि उसको जाना है. वो अभी तक अंडरवियर में ही बैठा हुआ था. उसने उठ कर अपने कपड़े पहन लिये.
मैं भी उठ कर वॉशरूम में चली गई और चूत को साफ करने लगी. तभी राज के जाने के बाद कबीर भी वॉशरूम में आ गया. हम दोनों साथ में शॉवर लेने लगे. उसके कसे हुए गठीले जिस्म को देख कर मेरी चूत में फिर से कामवासना जाग गई.
मैंने उसके भीगे हुए जिस्म को फिर से चूमना शुरू कर दिया. पांच मिनट में ही उसका मूसल लंड फिर से तन गया. उसने बाथरूम की दीवार के सहारे मेरी पीठ को लगा कर मेरी टांग उठा दी और वहीं पर मेरी चुदाई शुरू कर दी.
ऊपर से शॉवर का ठंडा पानी गिर रहा था और नीचे से कबीर का मोटा गर्म लंड मेरी चूत में जा रहा था. मैं थोड़ी ही देर में फिर से झड़ गई. तीन-चार मिनट की चूतफाड़ चुदाई के बाद कबीर भी फिर से मेरी चूत में झड़ गया. उसके बाद हम दोनों ने एक दूसरे को साफ किया और फिर बाहर आ गये.
बाहर आकर मैंने चूत को देखा तो वो सूज कर लाल हो गई थी. कबीर के लंड ने मेरी चूत की प्यास बुझाने के साथ ही उसको फाड़ कर रख दिया था. मेरी चूत जैसे कोई मोटा बैंगन लेने के बाद खुल गई थी. मगर कबीर के साथ चुदाई करवा कर मुझे असली संतुष्टि मिल गई थी. मेरी कामुकता कुछ शांत हो गयी थी.
उसके बाद तो कबीर और मेरा प्यार परवान चढ़ने लगा. हम दोनों एक दूसरे के जिस्मों की प्यास को शांत करने लगे. उस दिन के बाद राज ने कभी मेरे करीब आने की कोशिश नहीं की. मगर कबीर और राज अभी भी अच्छे दोस्त थे.
अब तो मैं और कबीर अक्सर साथ में मस्ती करते रहते थे. मेरे चूचे अब और मोटे हो गये थे. मेरी गांड भी फूलने लगी थी. यह सब कबीर के लम्बे और मोटे लंड का कमाल था. उसके मूसल लंड से चुदने में अब मुझे असली मजा आता था. अब मुझे उसके लंड की आदत हो गई थी. मेरी प्यास वही बुझा सकता था.
कॉलेज की लड़कियां भी जब कबीर को मेरे साथ देखती थीं तो उनकी गांड सुलग जाती थी. मुझे यह देख कर बहुत खुशी मिलती थी कि कॉलेज का सबसे हॉट लड़का सबसे हॉट कॉलेज गर्ल का बॉयफ्रेंड है और उसको देख कर बाकी सारी लड़कियां अपनी चूत मसल कर रह जाती थीं.
तो दोस्तो, मेरी हॉट कॉलेज गर्ल की कामुकता और सेक्स की यह स्टोरी आपको कैसी लगी मुझे अपने मैसेज के जरिये बताना. आप कहानी पर कमेंट करना भी न भूलें. मैं चाहत खन्ना जल्दी ही अपनी चूत चुदाई की किसी और कहानी को लेकर फिर से आऊंगी.
बाय दोस्तो।
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