यह कहानी एक सीरीज़ का हिस्सा है:
दोस्तो, कॉलेज गर्ल की सेक्सी स्टोरी का तीसरा भाग लेकर मैं मुस्कान फिर से आप लोगों के सामने हाज़िर हूँ। यह स्टोरी मेरी एक सहेली सुरेखा और उसकी सहेली यास्मीन की काल गर्ल बनने की है.
दोस्तो चुदाई का पहला दौर खत्म होने के बाद मैं वैसी ही नंगी बिस्तर पर लेटी हुई थी। वो अरबी बाहर चला गया था।
मुझे सच में बहुत दर्द हो रहा था मैं तो सोच रही थी कि बस वो अब न चोदे।
मैं बस यही बात सोच रही थी कि वो कमरे में आ गया, उसके हाथों में एक विहस्की की बोतल भी थी, वो उसी बोतल से विहस्की पी रहा था।
उसको पास आता देख मैं बिस्तर में थोड़ा खिसक गई, वो बिस्तर पर आया और टिक कर लेट गया।
उसने मुझे अपनी गोद में लेटा लिया और मेरे मुंह में वो बोतल लगा कर मुझे विहस्की पिलाने लगा।
न चाहते हुए भी मुझे वो पीनी पड़ी. थोड़ी थोड़ी करते हुए उसने मुझे लगभग आधी बोतल विहस्की पिला दी और बाकी की विहस्की खुद पी गया।
इतनी विहस्की मेरे लिए बहुत ही ज्यादा थी, मैं अपने आप को अब एक भी सम्हाल नहीं पा रही थी।
मगर उसने मुझे अपने से चिपकाए रखा और मुझे अपने ऊपर लेटा के रखा. मेरी पीठ उसकी तरफ थी. वो मेरी पीठ पर अपने दांतों से काट रहा था और अपने दोनों हाथों से मेरे दोनों चूचों को बहुत जोर जोर से दबा रहा था।
कुछ देर में मेरे दूध एकदम लाल हो गए और बहुत जलन होने लगी।
फिर उसने अपना एक हाथ मेरे चूत में लगा दिया, अपनी दो उंगलियां मेरी चूत में घुसेड़ दी और जोर से अंदर बाहर निकालने लगा। फिर उसने अपनी एक और उंगली मेरे गांड में पेल दी.
दोस्तो, आज तक मेरी गांड चुदी नहीं थी तो मैं दर्द से छटपटाने लगी। अचानक से ही उसने ऐसा किया.
उसने मेरे चेहरे को एक हाथ से लेकर मेरे होंठ को बुरी तरह चूसने लगा और मेरी जांघ पर जोर जोर से थप्पड़ मारने लगा।
उसके हाथों के थप्पड़ से मेरी जांघ लाल हो गई।
अब विहस्की ने अपना असली नशा दिखाया, मेरा सर एकदम से चकराने लगा।
वो उठा और बिस्तर से बाहर निकल कर मुझे भी खींच लिया।
और फर्श पर मुझे खड़े करके अपनी बांहों में ले लिया। मुझसे अब खड़े होते भी नहीं बन रहा था, अगर वो मुझे छोड़ देता तो मैं वहीं गिर जाती।
उसने जोर जोर से मेरी गांड की गोलाइयों पर मारना शुरू कर दिया।
मेरे दोनों पैर बुरी तरह काम्प रहे थे। मैं अपना होश खो चुकी थी।
उसने मुझे दोनों हाथों से उठा लिया और बिस्तर पर फेंक दिया।
दोस्तो, बस इतना ही मुझे याद रहा फिर नशे की वजह से मैं बेहोश सी हो गई।
और जब मुझे होश आया और मैं उठी तो सुबह के 9 बज रहे थे। वो वहाँ पर नहीं था बिस्तर पर मैं अकेली नंगी लेटी हुई थी। मेरे पेट में जोर का दर्द हो रहा था।
मैंने अपनी चूत को देखा वो किसी फुल्के की तरह फूल गई थी और गांड के छेद में बहुत जलन हो रही थी।
मैं समझ गई कि उसने मेरी गांड भी चोद दी है मेरे पूरे दूध और पेट में उसका वीर्य चिपचिपा रहा था।
मेरे निप्पल्स पर काटने के निशान पड़ गए थे।
मैं समझ गई कि उसने एक बार नहीं कई बार मुझे बेरहमी से चोदा होगा।
किसी तरह से मैं उठी और बाथरुम गई और काफी देर तक नहाती रही।
जब मुझे कुछ अच्छा लगा तब बाहर आकर अपने कपड़े पहने।
फिर बाहर निकल कर मैं अपनी सहेली सुरेखा को देखने लगी। तब वहाँ कोई नजर नहीं आ रहा था।
वहाँ जितने कमरे थे उनमें मैं देखने लगी तो एक कमरे में वो मुझे दिख गई। वो भी वहाँ अकेली थी।
मैं उसके पास गई और हम दोनों ने एक दूसरे की हालत को देखा।
तब उसने बताया कि हम दोनों रात भर चुदती रही थी।
मेरे बेहोश होने के बाद वो अरबी आदमी सुरेखा के कमरे में भी आया था और उन दोनों ने एक साथ उसकी चुदाई की थी।
मेरे पूछने पर कि अभी वो दोनों कहाँ गए हैं तो उसने बताया कि वो दोनों शाम तक आएंगे किसी मीटिंग में गए हैं।
फिर सुरेखा ने वहाँ के नौकर को बुलाया और कुछ खाने के लिए मंगाया।
उसी नौकर ने हमें बताया कि हमारे मालिक एक बहुत बड़े आदमी है उनके कई बिजनेस है। और हम लोगों की तरह कई लड़कियां यहाँ आती रहती हैं। यह उनका फार्म हाउस था।
वहाँ दिन भर हम दोनों का अच्छे से खाना पीना होता रहा। दोपहर में हम दोनों ने आराम किया और शाम को 8 बजे वो दोनों वापस लौट आए।
उनके साथ एक और आदमी भी साथ में था उसके हाथ में एक बैग था जिससे लग रहा था कि वो भी यहीं रुकने वाला था।
नौकर ने उसका समान अलग कमरे में रखा।
वो तीनों नहा धोकर विहस्की पीने अलग रूम में चले गए।
तभी एक कार आई हम दोनों उस कार को देख रहे थे।
उसमें से एक लड़की उतरी. उसे हम देखते ही पहचान गयी. वो हमारे पास के कॉलेज की ही थी।
हम दोनों ही जल्दी से अपने कमरे में चले गए।
और नौकर उसे लेकर उन लोगों के पास गया जहाँ वो लोग शराब पी रहे थे।
हम दोनों सहेलियां समझ गयी कि जो तीसरा आदमी आया है उसके लिए ही उसे बुलाया गया था।
कुछ समय बाद नौकर उसे लेकर हम दोनों के पास आ गया और छोड़ कर चला गया।
वो हम दोनों को देखते ही पहचान गई और पूछने लगी कि तुम लोग भी शामिल हो क्या?
फिर हम सबने सब कुछ आपस में बताया और इस बात को गुप्त रखने के लिए प्रोमिस भी किया।
उसका नाम अंकिता था वो भी अभी 19 साल की ही थी। वो एक बार पहले भी वहाँ आ चुकी थी।
हम तीनों बात ही कर रही थी कि वो नौकर वहाँ आया और हमें चलने के लिए बोला। हम तीनों उस कमरे में गयी जहां वो तीनों आदमी शराब पी रहे थे।
उन तीनों ने हम लोगों को देखा, वो अरबी फिर से मुझे ही घूर रहा था, मुझे लगा कि आज फिर ये मुझे ही चोदेगा।
इतने में उसने अंकिता को इशारा किया और अपनी गोद में बिठा लिया।
मैं खुश हुई कि चलो आज ये उसकी बैंड बजायेगा।
फिर वो आदमी जो आज आया था उसने मुझे बुलाया. वो हिंदी जनता था शायद वो इंडियन ही था। उसने मुझे अपनी जांघ पर बैठा लिया।
और यास्मीन फिर से उसी आदमी के साथ हो गई जिससे पिछली रात चुदी थीं।
मैं जिसकी गोद में बैठी थी उसने अपने हाथ से मुझे विहस्की पिलानी शुरू की।
ऐसा ही सब कर रहे थे।
बीच बीच में वो मेरे गालों को चूमता और कभी मेरी जांघों को दबाता।
यह दौर चलता रहा और हम सब ही शराब के नशे में चूर हो गए।
फिर वो अरबी उठा और म्यूजिक चालू कर दिया। अब हम सब जोड़ी में डांस करने लगे। अब तो वहीं पर हमारे कपड़े भी उतरने शुरू हो गए।
बहुत जल्द ही हम सभी लोग बिना कपड़ों के डांस कर रहे थे।
मुझे डर लग रहा था कहीं ये लोग ग्रुप सेक्स न करने लगें।
अगर ऐसा होता तो हमारी गांड चूत में एक साथ लंड जाता और उन सभी के लंड काफी बड़े थे।
मगर ऐसा नहीं हुआ उस अरबी ने सब से पहले अंकिता को उठाया और अपने कमरे में चला गया।
उसके बाद यास्मीन भी चली गई।
अब वहाँ मैं और वो आदमी ही बचे थे। वो मुझे अपने से चिपकाए हुए था। उसका एक हाथ मेरी कमर में और दूसरा मेरी पीठ पर था। उसका लंबा सा लंड मेरे चूत के पास ही घूम रहा था।
अब उसने मुझसे पूछना शुरू किया कि मैं कौन हूं, कहाँ की हूँ, क्या करती हूं.
मैंने सभी कुछ उसको सच सच बताया।
उसने भी अपना परिचय दिया वो केरल का एक बड़ा बिजनेसमैन था। उसने बताया कि उसकी पत्नी की मौत हो चुकी हैं और वो हमेशा ऐसे ही कॉल गर्ल के साथ सेक्स करता है।
उसने मेरे गाल को चूमते हुए कहा- तुम्हारी जैसी कॉलेज की लड़की मुझे बहुत पसंद है. और तुम तो अभी नई माल हो।
उसने कहा कि वो 49 साल का है और उसे कम उम्र की लड़कियां बहुत पसन्द हैं।
वो बोला- आज बहुत दिनों के बाद तेरी जैसी खूबसूरत लड़की मिली है. मुझे आज तुझे जी भर के चोदना है।
फिर वो भी मुझे कमरे में ले गया।
वहाँ पहुंच कर वो बिस्तर पर लेट गया और मुझे लंड की तरफ इशारा करते हुए बोला- चल दिखा दे अपना जलवा आज! इसको ऐसा चूस कि दिल खुश हो जाये।
मैं उसके लंड के पास बैठ गई उसका मोटा काला लंड उस समय ज्यादा टाइट नहीं था।
पहले मैंने उसे हाथ में थाम कर आगे पीछे करना शुरू किया और उसको चूमना शुरू किया। उसके लंड से गंदी महक आ रही थी।
मगर मुझे तो चूसना ही था इस काम के तो पैसे ले रही थी मैं!
मैंने अपने मन को शांत किया और उसके सुपारे को अपने मुंह भर लिया और जीभ से उसको चाटने लगी। फिर पूरा लंड मुँह में भर कर बड़े प्यार से चूसने लगी।
जैसा मैंने फ़िल्म में देखा था बिल्कुल वैसा करने की कोशिश कर रही थी मैं!
कुछ ही देर में उसका लंड पूरा टाइट हो चुका था।
वो बोला- बस तू चूसती रहना, छोड़ना मत जब तक मैं न बोलूं.
मैं भी अब गर्म हो गई थी और पूरे मन से चूस रही थी।
वो लेटे लेटे मेरे बाल सहला रहा था।
कुछ देर में उसने दोनों हाथ से मेरे सिर को पकड़ लिया, मैं जान गई कि ये झड़ने वाला है मैं उसका वीर्य मुँह में लेना नहीं चाहती थी मगर उसने मेरे सिर को नहीं छोड़ा और उसका पूरा माल मेरे मुँह में भर गया।
मजबूरी में मुझे वो गटकना पड़ा।
फिर भी वो मुझसे लंड चटवाता रहा जब तक मैंने उसके लंड को साफ नहीं कर दिया।
इसके बाद उसने मुझे छोड़ा और मैं बाथरूम गई और मुँह को साफ किया।
दोस्तो, इसके आगे की मेरी रंडी बनने की सेक्सी स्टोरी अगले भाग में पढ़िए।
कॉलेज गर्ल के कालगर्ल बनने की यह सेक्सी स्टोरी आपको कैसी लग रही है? मुझे मेल करके बताइएगा।
[email protected]