हॉट कज़िन सिस्टर पोर्न कहानी 2 साल पहले की है जब मैं, मेरी बड़ी अम्मी (ताई) और उनकी बेटी सना भिवंडी एक शादी में गए थे.
सना के बारे में बता दूँ.
वो उस समय 19 साल की थी. वो एक पटाखा माल है. उसकी हाइट कम है लेकिन उसकी गांड बहुत ही सेक्सी है, चूचियां छोटी छोटी सी एकदम टाईट हैं.
मैं उसे चोरी छिपे देखता था पर वो मुझे भाव नहीं देती थी.
भिवंडी जाते समय ट्रेन में कुछ ऐसा हुआ कि मैंने उसकी गांड को टच कर लिया.
वो कुछ नहीं बोली.
हम सब भिवंडी पहुंच गए.
वहां पर बहुत सारे लोग आए थे.
हमने नाश्ता पानी किया और बाहर घूमने निकल गए.
बस में बहुत भीड़ थी. मैं, मेरी बड़ी अम्मी और सना भी भीड़ में चढ़ गए.
मैंने सोचा कि सना के पीछे मैं हो जाऊं लेकिन ऐसा नहीं हो सका.
उसके पीछे एक 40 साल का आदमी हो गया.
मैं बड़ी अम्मी के पीछे हो गया.
मैंने देखा कि वो आदमी सना की गांड में अपना लंड रगड़ रहा है.
उसे देख कर मेरा लंड भी खड़ा होने लगा और बड़ी अम्मी की गांड को छूने लगा.
मैं कुछ पीछे को होकर बचने लगा कि बड़ी अम्मी जान ना जाएं कि मेरा लंड उनकी गांड से चिपक कर कड़ा हो रहा है.
उधर वो आदमी मेरी दीदी सना की गांड में धीरे धीरे अपना लंड रगड़ने लगा.
वो कुछ नहीं बोल रही थी.
अचानक से आगे खराब सड़क आ गई थी, इस वजह से बस झटका देने लगी.
मेरा भी लंड बड़ी अम्मी की गांड से रगड़ने लगा.
उधर लंड रगड़ने से उस आदमी की हिम्मत बढ़ गई.
वो सना के चूतड़ों को सहलाने लगा.
मुझे वो सब देख कर बुरा लगा लेकिन मैं कुछ नहीं कर पाया.
मेरी बड़ी अम्मी जस्मीन भी जान गई थीं कि मेरा लंड खड़ा हो गया है लेकिन बस में इतनी अधिक भीड़ थी कि वो कुछ नहीं कर पा रही थीं इसलिए वो कुछ नहीं बोलीं.
कुछ देर बाद हमारा स्टॉप आ गया.
हम तीनों उतर गए.
वो आदमी सना को मुस्कान देने लगा.
सना ने भी उसे स्माइल दे दी.
मैंने सोचा कि साली रंडी मुझसे भागती है और इस 40 साल के आदमी से मजा ले रही थी.
मैं उसकी गांड के बारे में सोच कर बहुत मुठ मारता था, उसकी गांड ही ऐसी थी कि कोई भी देख कर रह ना पाए.
बाहर घूम फिर कर हम तीनों वापस घर पर आ गए.
खाना खाया और शाम को हमारा सोने इंतज़ाम एक ही कमरे में था.
हम सब कमरे में आ गए.
उधर एक डबलबेड था, उसी पर हम तीनों को लेटना था.
सना किनारे में लेटी थी. एक किनारे बड़ी अम्मी, बीच में मैं था.
मैं आज पहली बार बड़ी अम्मी और सना के साथ सो रहा था.
रात में एक बजे मेरी आंख खुली.
मैंने देखा बड़ी अम्मी गांड मेरी तरफ करके लेटी हैं, सना मेरी तरफ गांड करके लेटी थी.
ये देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया.
मैं सोच रहा था कि इस रंडी साली को चोद ही दूँ.
मैंने उसकी गांड पर अपना हाथ हल्के से रख दिया.
मैं सना की गांड सहलाने लगा.
इधर आगे से मेरा लंड बड़ी अम्मी की गांड से लड़ने लगा. कुछ ही देर में मैं पूरा गर्म हो चुका था.
मेरा लंड फड़फड़ाने लगा था, मुझसे रहा नहीं जा रहा था, बस ऐसा लग रहा था कि साली को अभी तुरंत ही लंड पेल कर चोद दूँ.
मैं सोते समय लुंगी पहनता हूँ.
मैंने लुंगी ऊपर कर ली और धीरे से चड्डी नीचे सरका दी.
अब मेरा लंड मस्त हिल रहा था. मैंने उसे हाथ में पकड़ लिया और बड़ी अम्मी की गांड को देखकर मुठ मारने लगा.
मैंने सोचा कि आज बड़ी अम्मी की गांड से मजा ले लेता हूँ.
लेकिन बहुत सोचने के बाद भी मेरी हिम्मत नहीं हुई.
मैं लंड को बड़ी अम्मी की गांड पर रगड़ने लगा और कुछ ही देर में मेरा माल उनकी गांड की गर्मी पाकर टपक गया.
तो मैं भी निढाल होकर अपनी चड्डी पहन कर सो गया.
अगली रात को हम तीनों फिर ऐसे ही सोए थे.
आज बड़ी अम्मी नाइटी में थीं. सना हरे रंग के सलवार सूट में थी.
मैं कल के जैसे दोनों के बीच में था.
मुझे नींद नहीं आ रही थी. मेरा लंड एकदम कड़क था. सना की गांड को देख कर मैं मचला जा रहा था.
लगभग 11 बजे मैंने देखा कि वो गहरी नींद में सो गई थी.
मैं आज बड़ी अम्मी को भूल गया और सना की जवानी का रस लेने के मूड में आ गया था.
मैं सना के पास को सरक गया.
वो मेरी तरफ मुँह करके लेटी थी, उसके गहरे गले वाले सूट में से उसकी गोरी गोरी चूचियां मस्त लग रही थीं.
मैं उसकी चूचियों को देख कर गर्म होने लगा और उससे चिपक गया.
उसकी गर्म गर्म सांसों को महसूस करने लगा.
तभी उसने करवट ली और अपनी गांड मेरी तरफ करके पलट गई.
उसकी गांड पर हाथ रख कर मैं सहलाने लगा.
वो हल्के से हिली और मैं उसकी गांड में लंड सटा कर उसके मम्मों को दबाने लगा.
वो एकदम से जाग गई और बोली- भइया, आप क्या कर रहे हैं?
मैं बोला- चुपचाप मजा ले ले, नहीं तो बड़ी अम्मी जाग जाएंगी.
वो बोली- मैं अम्मी को बताने जा रही हूँ कि आप ये क्या कर रहे हैं. हटिए यहां से!
मैं बोला- चुप रह रंडी साली … बस में उस चालीस साल के आदमी से क्या करवा रही थी, तब कुछ नहीं हो रहा था तुझे … मैं तभी से सोच रहा हूँ कि मेरी बहन जवान हो गई है उसे भी लंड चाहिए.
अब वो हंस गई और बोली- भैया, आपने वो सब देख लिया था क्या?
मैं- हां रंडी साली, मैं तुझे लाइन देता था और तू उस बात को जानती भी थी. है ना?
“हां भैया, पर मैं डरती थी कि कहीं अम्मी न देख लें. आपने ट्रेन में मेरी गांड दबाई थी न, मैं तभी समझ गई थी कि मुझे आपसे ही चुद जाना चाहिए, पर डर लगता था.”
मैं उसके दूध मसलता हुआ बोला- अब मत डर मेरी बहना!
वो बोली- आह भैया, धीरे करो न … लगती है, फिर मेरी आवाज से अम्मी ना जाग जाएं?
मैं बोला- वो गहरी नींद में हैं, तू मत डर.
अब मैं उसे किस करने लगा.
वो भी साथ देने लगी.
मैं जन्नत में विचरने लगा था; मेरे सपनों की रानी सना आज मुझसे चुदने वाली थी.
हम दोनों नंगे हो गए और चादर ओढ़ कर मस्ती करने लगे.
काफी देर तक किस करने के बाद मैं उसके मम्मों को चूसने लगा.
वो भी मस्त होती जा रही थी और अपने हाथ से अपने दूध पकड़ कर मुझसे चुसवा रही थी.
धीरे धीरे मैं उसकी चूत पर आ गया. मैं उसकी चूत चाटने लगा.
पांच मिनट तक चूत चाटने के बाद मैंने उससे अपना लंड चूसने को कहा.
वो लंड देख कर आह करके बोली- भैया इतना बड़ा … मैं कैसे अन्दर ले पाऊंगी?
मैंने कहा- मैं आराम से करूंगा … तू बस इसे चूस कर गीला कर दे. तेरे छेद में आराम से चला जाएगा.
वो लंड चूसने लगी. वो बड़ी मस्ती से लंड का सुपारा चूस रही थी और आंड चाट रही थी.
मैंने कहा- गले तक लेकर चूस!
वो आधा लंड मुँह में लेकर चूसने लगी.
मेरा लंड बिल्कुल कड़क हो गया था और झड़ने के करीब आ गया था.
मैंने कहा- बस कर रांड … झड़ जाएगा.
वो हंसने लगी और बोली- हां तो झड़ जा साले रांड के दल्ले. मैं भी तेरे माल का स्वाद चख लूंगी.
मैंने कहा- नहीं, चूत चोदने के बाद रस पिला दूँगा.
अब मैं लंड डालने के लिए तैयार हो गया.
वो टांगें पसारती हुई बोली- आराम से पेलना भैया.
मैं एक बाद फिर से उसकी चूत को चाटने लगा.
चूत को चूस कर अच्छी तरह से गीला किया, लंड को सैट करके अपना लंड बहन की चूत में डालने लगा.
सुपारा ही अन्दर गया था कि वो दर्द से तड़फ उठी- आई आई आई … धीरे भैया लग रही है.
मैं आराम आराम से लंड पेलने लगा.
कुछ ही देर में मैंने पूरा लौड़ा पेल दिया और बहन की चूत चोदने लगा.
अचानक बड़ी अम्मी ने करवट ली.
सना फुसफुसा कर बोली- भैया, अम्मी हिली हैं.
मैं बोला- वो नींद में हैं और करवट भर ली है.
तब मैं आराम आराम से धीरे धीरे चूत पेलने लगा.
सना भी मस्ती से गांड उठा कर लंड लेने लगी.
करीब 15 मिनट बाद मैं उसकी चूत में ही झड़ गया.
वो बोली- तुम तो मुझे रस पिलाने वाले थे?
मैंने कहा- दूसरी बार में पिला दूँगा.
वो हंस दी.
करीब 10 मिनट हम दोनों वैसे ही चिपके लेटे रहे.
वो बोली- भैया अब हटो, मुझे कपड़े पहनने दो.
मैं बोला- मेरी रंडी बहन, अभी कैसे चला जाऊं. मैं जिसप र फिदा था, उसे सोचकर मुठ मारता था, अभी उसे तो देखा भी नहीं है.
वो बोली- क्या नहीं देखा है तुमने? पूरा पानी तो निकाल दिया … अब क्या रह गया?
‘तेरे जिस्म की सबसे हॉट चीज को तो मैंने अभी देखा भी नहीं है. जिसे मैंने ट्रेन में दबाया था और कल रात में मसला था.’
वो समझ गई कि मैं उसकी गांड की बात कर रहा हूँ. वो घबरा कर बोली- नहीं भैया, मैं गांड नहीं मारने दूँगी. मैं मर जाऊंगी … मैं पीछे से नहीं लूँगी. उधर बहुत दर्द होगा.
मैं- देख मेरी जान, जैसे मैंने तेरी चूत को चोदा है, उतने ही आराम से तेरी गांड भी मार लूँगा.
वो बोली- वो तो ठीक है भैया, पर मुझे डर लग रहा है.
मैं बोला- सब आराम से होगा. तू बस मेरा लंड चूस कर गीला कर दे!
वो लंड चूसने लगी.
दस मिनट तक लंड चूसने के बाद वो गर्म हो गई.
मैंने उसे औंधा लिटा दिया और एक तकिया लगा दिया.
उसकी गांड खुली देख कर मेरा लंड कड़क हो चुका था.
मैं उसकी गांड को चाटने लगा, एक उंगली में थूक लगा कर उसके होल को थोड़ा सा खोल दिया. अन्दर तक थूक कर गांड को लिसलिसा कर दिया.
फिर मैंने उसके छेद में लंड लगा कर एक धक्का दे दिया.
मेरा लंड फिसल गया.
मैंने लंड को अच्छे से सैट करके पेलने की कोशिश कि मगर फिर से फिसल गया.
वो बोली- आराम से पेलो भैया, जल्दी क्या है.
मैंने लंड को थूक लगा कर गीला किया और फिर से छेद पर सैट करके एक शॉट मारा.
इस बार एक ही झटके में पूरा लंड उसकी गांड में चला गया.
वो ज़ोर से चिल्ला दी.
मैं डर गया कि मां चुद गई.
मैंने उसका मुँह दबाया.
वो रोने लगी- आह भैया निकालो … मैं मर जाऊंगी.
मैंने उसके मुँह को दबाए रखा और लंड पेलने लगा.
तभी मेरी बड़ी अम्मी उठीं और इधर उधर देखने लगीं.
मैं दम साधे रुक गया.
कमरे में एक नाइट बल्ब जल रहा था.
तभी बड़ी अम्मी बड़ा बल्ब जला कर बोलीं- साले हरामी, मुझे शक था लेकिन मैं ये नहीं जानती थी कि ये रंडी भी राज़ी है. किसी को मालूम पड़ेगा तो क्या सोचेगा?
मैं बोला- बड़ी अम्मी, मैं सना से प्यार करता हूँ.
उस वक्त भी मेरा लंड उसकी गांड में घुसा हुआ था.
बड़ी अम्मी बोलीं- लंड निकाल साले, मेरे सामने भी ये सब करेगा क्या?
ये कह कर बड़ी अम्मी हंसती हुई बाथरूम में चली गईं.
बड़ी अम्मी की हंसी से मैं समझ गया कि उनकी तरफ से हरी झंडी है.
मेरा लंड सना की गांड में था पर मेरी नज़र बड़ी अम्मी की गांड पर लगी थी.
वो गांड मटका कर जा रही थीं
बाथरूम में घुसने से पहले उन्होंने मेरी तरफ देख कर मुस्कुरा दिया और अन्दर चली गईं.
मैं बोला- सना, तेरी अम्मी की भी गांड मस्त है.
वो बोली- देखो क्या होता है. वो लौट कर क्या कहती हैं?
“कुछ नहीं होगा जान, अब तो तुम मेरी दुल्हन भी बन जाओगी और तुम्हारी अम्मी मेरी रंडी बन कर चुदेगी.”
वो बोली- कैसे?
मैंने कहा- बस देखती जाओ. मैं जैसा कहूँ, तुम बस वैसा करोगी ना?
वो बोली- तेरे लिए सब कुछ करूंगी भाई.
मैं अब धक्का देने लगा.
वो ‘आ उ उ उ …’ करने लगी.
कुछ ही झटकों में मैं उसकी गांड में ही झड़ गया.
हम उस समय भिवंडी में दस दिन तक रहे थे.
उसी दौरान मैंने अपनी बड़ी अम्मी को सना के सामने कैसे चोदा था, वो मैं अगली कहानी में लिखूंगा.
आज मैं और सना शौहर बीवी हो गए थे और मेरी बड़ी अम्मी यानि मेरी सास मेरी रंडी बन चुकी थीं.
हमारे समाज में यह सब चलता है.
मेरा सना से एक बच्चा भी हो गया है.
अब सना से ज़्यादा में अपनी अपनी बड़ी अम्मी यानि अपनी सास को चोदता हूँ.
सना को ये बुरा लगने लगा है.