नमस्कार दोस्तों, मैं रोज इस साइट में प्रकाशित कहानियां पढ़ता हूँ. तो मैंने सोचा आज अपनी भी जीवन की सच्चाई लिख डालूं. कहानी लिखने का ये मेरा पहली बार का अवसर है … अगर कुछ गलती हो जाए, तो मुझे क्षमा कीजिएगा.
मेरा नाम राज है, ये मेरा बदला हुआ नाम है. मैं बिलासपुर छत्तीसगढ़ का रहने वाला हूं शादीशुदा हूँ. मेरी उम्र 28 साल है, मैं एक मिडल क्लास फैमिली से बिलोंग करता हूँ और अपनी फैमिली के साथ ही रहता हूं. मेरा लंड एक औसत लंड से कुछ ज्यादा ही अलग है और ये किसी को भी संतुष्ट कर सकता है.
मैं एक कंपनी में कार्य करता हूँ. मेरा काम गाड़ियों की क़िश्त की उगाही करना है … और किश्त न पटाने पर गाड़ियों को सीज कर लेना है.
यह कहानी मेरी और मेरे कस्टमर की बीवी की है, जिसका नाम रेखा (बदला हुआ नाम) है.
रेखा के बारे में आपको बता दूं कि उसका चेहरा, उसका फिगर देख कर किसी का भी लंड खड़ा हो जाएगा. उसका फिगर 38-30-40 का है, वो एकदम मस्त माल है. उसका एक 8 साल का लड़का भी है. रेखा की उम्र 38 साल है.
मुझे लड़कियों से ज्यादा शादी शुदा औरतें चोदना ही पसंद हैं. भाभी आंटी मुझे अपने लंड के लिए बहुत ही ज्यादा पसंद आती हैं … क्योंकि वे खुल कर बेझिझक चुदवाने का मजा लेती और देती हैं.
यह बात आज से 3 महीने पहले की है. एक कस्टमर, जिसका नाम बिरजू (बदला हुआ नाम) है, उसने मेरी कंपनी से एक 1109 ट्रक फाइनेंस करवाया था. वो उसकी किश्त पटाने में नाटक किया करता था. मेरे दोस्त, जो मेरे साथ में किश्त वसूली का काम करते थे. उन्होंने एक दिन मेरे को बताया कि ये बिरजू बहुत परेशान कर रहा है. वो घर में तो मिलता ही नहीं है … और कॉल भी नहीं उठाता है, इसका क्या किया जाए?
उन्होंने मुझे अपना दोस्त समझ कर मुझे बताया क्योंकि मेरा काम 3 किश्त ऊपर होने के बाद आता है … और उसकी तीसरी किश्त आने वाली थी.
मैं अपने दोस्त से बोला- कोई बात नहीं भाई देखते हैं, एक बार मुलाकात हो जाएगी तो वो समझ जाएगा कि अब केस मेरे पास आ गया है.
मैंने अपने दोस्त, जिसका नाम रॉकी था. मैंने उससे बोला कि चल भाई, बस तू मुझे उसका घर दिखा दे. फिर मैं अपने हिसाब से देखता हूँ.
हम दोनों उसके घर की ओर निकल पड़े. उसका घर मेरे ऑफिस से कुछ ही दूरी में था. रॉकी ने उनके दरवाजे के पास गाड़ी खड़ी की और आवाज लगाई.
उधर से एक लेडी आई. उसने दरवाजा खोला.
रॉकी ने उससे बात की और मुझसे कहा कि कस्टमर घर पर नहीं है.
मैंने तब तक उस लेडी की तरफ देखा ही नहीं था. उस लेडी ने, जिसका नाम रेखा था, उसने रॉकी से मेरे बारे में पूछा. रॉकी ने उन्हें बताया कि ये राज है, आज से यही आपका केस देखेंगे.
तब मैंने पहली बार उसकी तरफ देखा तो मेरे होश ही उड़ गए. मैंने उसे नमस्ते बोला. उसने भी मुझे स्माइल करते हुए नमस्ते बोला. मैं तो एक मिनट उसे देखते ही रह गया. उस समय सुबह के 10 बजे थे, वो नाइटी में थी. नाइटी में रेखा क्या गजब माल लग रही थी. मैं आप लोगों को बता नहीं सकता.
बस फिर मैंने रॉकी से कहा- कस्टमर का फोन नंबर क्या है, फोन लगा जरा.
उसने कॉल किया तो कस्टमर (बिरजू) का फोन मोबाइल बंद आ रहा था.
रॉकी ने मुझसे कहा कि भाभी का नंबर ले ले, जब आएंगे … तो बता देंगी.
मैंने बोला- उनको मेरा नंबर दे दे.
उसने वैसा ही किया. अब हम लोग वहां से निकल आए.
मैं बाइक के पीछे बैठा था, जैसे ही निकले … मैंने पीछे मुड़कर देखा तो वो अन्दर जा चुकी थी.
अब मैंने रॉकी से बोला कि भाई ये कस्टमर बिरजू करता क्या है?
तो उसने बताया कि वो ड्राइवर है. गाड़ी ख़ुद ही चलाता है और बहुत कम घर आता है.
तो मैं बोला- यार, इसकी बीवी तो एकदम बम माल है.
उसने बताया- मैंने भी चांस मारा था, पर उसने कोई रिस्पॉन्स नहीं किया.
मैंने उससे पूछा- यार, इसका नाम क्या है.
तब मुझे रॉकी ने बताया इसका नाम रेखा है.
मैंने रेखा की डिटेल जाननी चाही, तो उसने ये भी बताया कि फेसबुक भी चलाती है, क्योंकि घर में अकेले ही रहती है. इसका बच्चा शाम को 4 बजे आता है … और बिरजू तो पता नहीं कब आता है, कब जाता है.
अब हम दोनों बात करते करते चकरभाठा आ गए थे. ये जगह बिलासपुर से 12 किलोमीटर की दूरी पर है. वहां रॉकी का कस्टमर था, उससे किश्त लेना था. इसलिए मैं भी उसके साथ में चला गया था.
करीब 30 मिनट बाद मेरे मोबाइल पर एक अननोन नंबर से कॉल आया. मैंने रिसीव किया. उधर से आवाज़ आई- हैलो, राज जी बोल रहे हो?
मैंने बोला- हां जी बोल रहा हूँ. आप कौन?
तो उसने बताया कि जी मैं रेखा बोल रही हूं.
मैंने बोला- कौन रेखा?
तो बोली- अभी आप आए थे न … मैं बिरजू जी के घर से बोल रही हूँ.
मैं बोला- जी जी … बोलिये?
तो उसने बताया कि उसने अपने पति से बात की है और वो आज शाम को पैसा मेरे पास भिजवा देंगे … तो मैं आपको कॉल करके बुला कर पैसा दे दूंगी.
मैं बोला- ठीक है … ये किसका नंबर है?
तो उसने बड़ी सहजता से कहा- ये मेरा ही नंबर है.
मैंने बोला- ठीक है.
मैंने कॉल काट दिया. फिर मैंने उसका नंबर सेव किया. सेव करने के बाद मैंने व्हाटसएप में उसका नाम देखा तो दिख गया. उधर बड़ी मस्त डीपी लगी हुई थी. पहले तो मैंने इग्नोर किया … फिर मैं और रॉकी बिलासपुर की तरफ वापस आ गए.
वापसी के रास्ते में आते आते ही मैं उसे फेसबुक में सर्च करने लगा और वो मिल गई. मैंने उसे रिक्वेट भेजी, फिर मोबाइल जेब में रख लिया. उतने में हम लोग ऑफिस आ गए.
मैंने रॉकी से बोला- मैं घर जा रहा हूँ … शाम को मिलता हूँ.
उसने बोला- ठीक है.
मैंने अपनी गाड़ी उठाई और घर आ गया. घर आकर मैंने खाना खाया, उसके बाद में लेट गया. लेटते ही मैंने फेसबुक खोला तो देखा उसने रेखा ने रिक्वेस्ट ले ली थी और इस वक्त ऑनलाइन थी.
मैंने मैसेज किया- हैलो.
उसने रिप्लाय किया- हाय.
मैंने बोला- पहचाना?
तो उसने बोला- जी पहचान लिया.
बस फिर क्या था, ऐसे ही उससे बातचीत हुई.
मैं शाम को 6 बजे आफिस पहुँच गया. चूंकि मेरा काम लोगों से कलेक्शन का है तो कोई साहब लोग ज्यादा पूछताछ नहीं करते हैं कि तुम कहां थे, क्या किया … बस यही पूछते थे कि किसका पैसा आया, किसका कब आएगा.
तभी रॉकी भी आ गया. मैं उससे बोला- चल रॉकी … वो बिरजू के घर से होकर आते हैं.
तो उसने बोला कि भाई पहले उसकी बीवी को कॉल कर ले. वो बता देगी कि क्या हुआ?
मैंने बोला- ठीक है.
मैंने कॉल किया, उसने कॉल उठाया.
मैंने कहा- हैलो?
रेखा- हाँ राज जी.
मैं- भाभी, पैसा भिजवाया क्या बिरजू भाई ने?
रेखा- नहीं भिजवाए हैं … कल के लिए बोल रहे थे.
जैसे ही उन्होंने कल का बोला … मेरे को गुस्सा आ गया- भाभी, उनसे बोलना पैसा नहीं पटा सकते … तो गाड़ी को कंपनी को दे दें.
इतना बोल कर मैंने कॉल काट दिया. फिर मैं घर आ गया.
फिर रात को फेसबुक में उसका मैसेज आया- आपने तो मेरे से बहुत गुस्से बात की.
मैं बोला- मेरा काम ही ऐसा है.
वो बोली- मैं समझ सकती हूं.
उसने रोने वाला स्टिकर भेज दिया.
मैं बोला- आप क्यों रो रही हो?
उसने बोला- उनका यही काम है … घर पर आते हैं … दस मिनट रुकते हैं और चले जाते हैं. बच्चे की फीस का पैसा भी अब तक नहीं दिया है … स्कूल से भी रोज कॉल आ रही है.
मैं बोला- कोई बात नहीं, सब ठीक हो जाएगा.
इतना कह कर वो ऑफ हो गई.
दूसरे दिन सुबह व्हाटसअप में गुड मॉर्निंग का मैसेज आया. मैंने भी रिप्लाई किया. फिर ऐसा हुआ कि दोपहर 2:30 बजे उसकी कॉल आई.
मैं- जी?
रेखा- कहाँ हो?
मैं- नेहरू चौक में.
रेखा- कुछ काम में बिजी हो क्या?
मैं- नहीं … बताओ क्या कोई काम था क्या?
रेखा- मेरे घर आ सकते हो क्या?
मैं- अभी आता हूं … दस मिनट में.
मैंने कॉल काट दिया और निकल पड़ा उसके घर के लिए. उसके घर पहुंचते ही उसने मेरा स्वागत सा किया.
रेखा- आइये … मैं आपका ही इन्तजार कर रही थी.
वो मुझे बैठने को बोल के अन्दर पानी लेने चली गई. जैसे ही पानी लेके आई और पानी देने के लिए झुकी, मैं उसके दूध देखते ही रह गया. उसने मुझे ऐसा करते देख लिया, लेकिन वो कुछ नहीं बोली.
मैंने पानी पिया फिर बात की- जी कहिये … क्या हुआ?
अभी तक मेरे और रेखा के बीच में कोई ऐसी बात नहीं हुई थी कि मुझे या उसे कुछ गलत लगे.
रेखा- उन्होंने 10000 भिजवाया है, बाकी 2 से 3 दिन में देंगे.
मैं- भाभी आपकी किश्त 35000 की है आप 10000 दे रही हैं, 25000 के लिए आप 2 से 3 दिन का बोल रही हो और पहले की 3 किश्त बकाया हैं. मतलब 1 लाख 5 हजार रुपये पुराना बाकी है. अब आप ही बताओ ऐसे में कैसे चलेगा?
उसने बोला- बाकी का तो मैं 2 से 3 दिन में करवा दूंगी और पिछला आप उन्हीं से बात कर लेना.
मैं कुछ नहीं बोला. मैंने अपने साहब से बात की. उनको सब कहानी बताई. उन्होंने कहा कि दस हजार तो ले ही ले … फिर उनकी गाड़ी सीज कर देते हैं. तब उनको समझ में आएगा.
मैंने 10000 लिए … रसीद बनाई और चला गया.
करीब 4:15 बजे फेसबुक में उसका मैसेज आया. उसने सीधे लिखा कि मैं कुछ पूछूँ?
तो मैंने बोला- हां पूछिये.
उसने बोला- आज आप क्या देख रहे थे?
मैंने झिझकते हुए मैसेज किया- कब?
तो बोली- ज्यादा भोले मत बनो.
मैं बोला- क्या और कब?
वो बोली- जब घर आये थे तब?
मैंने कहा- मैं तो आपको देख रहा था.
वो बोली- आपकी कोई गर्लफ्रेंड है?
मैं उसके एकदम से दागे गए इस सवाल से थोड़ा शॉक्ड हुआ. मैंने सोचा ये मुझसे ऐसे क्यों पूछ रही है.
मैंने बोला- नहीं है … मेरी शादी हो चुकी है.
उसने बोला- तब तो और भी अच्छा है.
पर मैं कुछ समझ नहीं पा रहा था. मैंने सोचा ये ऐसे ही बातचीत कर रही होगी. फिर मैं अपने काम में लग गया. उसके बाद करीब रात को 8 बजे उसका मैसेज आया.
वो बोली- कहाँ हो?
मैंने बोला- दोस्तों के साथ मॉल में घूम रहा हूँ.
तो बोली- अरे मैं भी मॉल में हूँ.
मैं बोला- कहाँ?
तो उसने बताया कि सेंकेंड फ्लोर में सीढ़ी के पास खड़ी हूँ.
मैं बोला- आता हूँ.
मैं उसके पास पहुंचा, जब मैंने उसको देखा तो देखते ही रह गया. मेरा लंड खड़ा होने लगा. मैंने अपने आपको कन्ट्रोल किया.
उसने बोला- आओ बैठते हैं.
मैंने ओके बोला और वहीं गेम जोन के पास जाकर कुर्सी में बैठ गया. थोड़ी देर उससे इधर उधर की बात करने के बाद उसने बताया कि जब मन नहीं लगता तो बच्चे के साथ मॉल आ जाती हूँ. उसका बच्चा अपने गेम खेलने में मगन था.
मैंने नॉर्मली पूछ लिया- बिरजू भाई कब आएंगे?
तो उसने बताया कि वो 3 से चार दिन बाद आने का कह रहे थे.
मैंने बोला- अच्छा.
फिर सोचा कि आज इसको पटा ही लूं …
मैंने बोला- एक बात बोलूं?
तो बोली- हां बोलो.
मैंने बोला- चलो … पहले कॉफी पीते हैं.
तो बोली- ओके.
मैं कॉफी लेने गया, कॉफी लाया. कॉफी पीते पीते उसने बोला- हम्म … तुम कुछ बोल रहे थे?
मैंने हिचकिचाते हुए बोला- हाँ आज आप बहुत सुंदर दिख रही हो.
तो वो मुस्कुरा कर बोली- थैंक्स … पर क्या मतलब सुंदर दिखने का?
मैंने तुरंत बोला- मतलब?
शायद वो भी मुझसे प्रभावित हो रही थी, बोली- कुछ नहीं.
फिर मैं उसके दूध को देखे जा रहा था. वो भी नोटिस कर रही थी.
इतने में दोस्त का कॉल आया, तो मैं उसे बाय बोल के जाने लगा.
उसने कहा- हां, बस मैं भी घर निकलूंगी.
मैंने बोला- ओके.
मैं आने लगा.
करीब रात 9 बजे उसका व्हाटसएप में मैसेज आया कि आज आप भी बहुत हैंडसम दिख रहे थे.
मैंने बोला- मैं तो हूँ ही हैंडसम.
उसने हम्म का रिप्लाई दिया.
अब इधर उधर की बात करते करते मैंने बोला- आप भी बहुत सेक्सी दिख रही थीं.
उसने बोला- अच्छा मतलब आप मुझ पर लाइन मार रहे हो.
इतना सुनते ही मैं सन्न रह गया.
वो बोली- कल आप सुबह 12 बजे घर आना.
मैं बोला- ओके.
अब मैंने कल का इंतजार किया.
अगले दिन 12 बजे मैं उसके घर पहुंच गया. उसको देखा तो मेरे होश ही उड़ गए. वो एक लो कट ब्लाउज और पिंक कलर की साड़ी में थी. मैं दो मिनट तो उसे देखते ही रह गया. उसने ये बात नोटिस कर ली थी.
उसने बोला- अन्दर आ जाओ.
मैं अपने आप को सम्हालते हुए अन्दर आ गया. उसने मुझे बैठने को बोला. मैं बैठा, वो पानी लेके आई.
मैंने पानी पिया, उससे उसके बच्चे के बारे में पूछा, तो उसने बताया कि वो 4 बजे स्कूल से आएगा.
मैं बोला- हां क्यों बुलाया है?
वो बोली- ऐसे ही बुलाया है … क्यों आपको अच्छा नहीं लगा लगा क्या?
मैं बोला- नहीं ऐसी बात नहीं है.
तो वो मेरे पास आई और बोली- मैं आपसे प्यार करने लगी हूँ.
यह कह कर उसने मेरे बाजू में बैठते हुए अपना एक हाथ मेरी जांघ पर रख दिया. मेरा लंड खड़ा होने गया.
उसने मेरे लंड को टच किया और मुझे आँख मारी तो मैं भी उसको बांहों में भर कर किस करने लगा.
‘उम्म्म …’ वो भी मेरा साथ दे रही थी. मैं बता नहीं सकता कि मेरी किस्मत में क्या लिखा था. मैं तो सातवें आसमान में था. पूरे 3 से 4 मिनट के बाद हम दोनों अलग हुए.
उसने कहा- तुम बेडरूम में चलो … मैं आती हूँ.
मैं चला गया. वो दरवाजा बंद करके आई. अन्दर आते ही उसने पहले अपनी साड़ी, फिर ब्लाउज … फिर ब्रा … फिर पेटीकोट और पैन्टी सब उतार दिया और मेरे सामने एकदम नंगी खड़ी हो गई.
मैं उसको देखते ही रह गया.
उसने बोला- बस देखोगे कि कुछ करोगे भी?
मैंने बोला- अब आप ही सब कर दो.
इधर मेरा लंड पैन्ट में ही खड़ा हो गया था. उसने तुरंत मेरा पैन्ट खोला और चड्डी नीचे करके मेरे लंड से खेलने लगी … लंड हाथ में लेकर ऊपर नीचे करने लगी. मुझे बहुत मजा आ रहा था. मैंने उसके मम्मों को दबाया और उसके गाल सहलाए.
वो खड़ी हुई तो मैंने उसे बिस्तर पर लिटाया और ऊपर आके उसके दूध दबाने लगा. उसके मम्मे एकदम मस्त और बड़े टाइट थे. मैं एक चूची को मुँह में लेके चूसने लगा.
वो उत्तेजित होकर बोली- अहह … मस्त मजा आ रहा है
वो चुदासी सी आवाज निकाल रही थी. मैंने एक हाथ उसकी चूत पर रखा … क्या बताऊं भाई आप लोगों को … बिल्कुल साफ मखमली चूत थी. सफाचट तो पहले ही देख ली थी कि उसकी चूत एक भी बाल नहीं था. शायद उसने आज ही मेरे लिए ही चूत साफ की थी.
मेरे हाथ फेरते ही वो एकदम से सिहर गई. कुछ देर चूत पर हाथ फेरा, तो उसने मुझसे बोला- चोद दो.
मैंने बोला- पहले मैं चूत चाटूँगा.
उसने मना किया और बोली- वो सब फिर कभी कर लेना … आज सिर्फ अपना लंड मेरी चूत में पेल दो, मुझे बड़ी प्यास लगी है.
यह कह कर उसने अपने पैर फैला दिए.
मैंने अपने लंड को उसकी चूत में सैट करके एक करारा धक्का दे मारा.
वो चिल्ला दी- उम्म्ह… अहह… हय… याह…
मैं रुक गया क्योंकि उसकी चूत टाइट थी और करीब 3-4 महीने से वो चुदी नहीं थी.
मैंने धीरे धीरे लंड अन्दर किया. मेरा लंड अन्दर चला गया. अब मैं धीरे धीरे अन्दर बाहर कर रहा था. रेखा भाभी भी मेरा साथ दे रही थी. वो नीचे से कमर उठा कर लंड ले रही थी और बोले जा रही थी- यसस्स कम ऑन … जोर से चोदो अहहह अहह … अहहह … बड़ा मजा रहा है.
मैं- हाँ भाभी लो लो … और लो … आज आपकी चूत को मन भर के चोदना है.
रेख भाभी की चूत में मैं ज़ोर ज़ोर से झटके मारने लगा. उधर भाभी अहह … अहह … अहह … अहह … की आवाज निकाल रही थी.
भाभी ने गांड उठाते हुए बोला- ज़ोर ज़ोर से करो … मेरा होने वाला है.
मैं भी जोर ज़ोर से चोदता रहा. वो अहह … अहह … कर करके एकदम शांत हो गई.
मैं समझ गया कि भाभी का काम हो गया. पर मैं अभी भी नहीं झड़ा था. मैं उसको चोदे जा रहा था. करीब 4 से 5 मिनट बाद मेरा माल भी निकलने वाला था.
मैंने पूछा- भाभी कहाँ निकलूं?
भाभी बोली- अन्दर ही निकालो … मेरी चूत में ही भर दो.
मैं भी अहह … अहह … करते करते उसकी चूत में झड़ गया और एक मिनट तक उसके ऊपर ही लेटा रहा. उसने बड़े प्यार से मुझे उठाया, मेरा लंड कपड़े से साफ किया … फिर मुझे जोरदार किस किया.
हम दोनों ने साथ में कपड़े पहने और 5 मिनट बाद बाहर सोफे में आकर बैठ गए.
भाभी बोली- आज मुझे बहुत अच्छा लगा … लेकिन ये बात किसी को बताना मत.
मैं बोला- आप चिंता मत करो और आज के बाद आपका जब भी मन करे, मुझे कॉल कर देना.
वो बोली- हाँ.
फिर मैं जाने लगा तो उसने मुझे गले से लगा कर एक किस दी … और मैं आ गया.
उसके बाद आज तक मेरी भाभी से बात होती है और सेक्स सम्बन्ध भी हैं.
कैसी लगी आपको मेरी सच्ची कहानी. अगर आपको अच्छी लगी तो मेल जरूर करना. मेरी मेल आईडी है [email protected]
इस कहानी के बाद आप लोगों को बताऊंगा कि भाभी और उसकी सिस्टर को भी मैंने कैसे कैसे, किस किस स्टाइल में चोदा. तब तक के लिये नमस्कार!