दोस्तो… मेरा नाम अजय है. मेरी इस सेक्सी स्टोरी में पढ़ें कि कैसे मैंने अपनी किरायेदार नवविवाहिता देसी प्यासी भाभी की चूत की चुदाई का आनन्द लिया.
मैं उत्तर प्रदेश के आगरा में रहता हूँ. मैंने इस अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज साइट के बारे में अपने कई दोस्तों से सुन रखा था. तो मैंने भी इस साईट पर सेक्सी कहानी पढ़नी शुरू कर दी थी. यहाँ की कामुक कहानी मुझे वाकयी बहुत अच्छा लगती हैं और इसलिए मैं भी आप सभी को अपनी ज़िंदगी की एक सच्ची घटना के बारे में बताना चाहता हूँ.
यह बात जब की है… जब मैं अपने स्नातक के पहले साल में था. हमारा घर बहुत बड़ा है. इसलिए हम अपने घर के छत वाला कमरा किराए पर दे देते हैं. हमारे घर के कमरे में एक किरायेदार आया था. उसका नाम मनोज था… वो एक मल्टिपलेक्स में काम करता था. इसलिए वो रोज़ रात को लगभग 12 या 12:30 घर आ पाता था. कुछ दिनों बाद मुझे पता चला कि उसकी शादी होने वाली है और वो अपनी शादी के लिए अपने घर, जो कि भिंड में था… चला गया था.
हालांकि उसने मुझको निमंत्रित किया था, पर मैं उसकी शादी में नहीं जा पाया था क्योंकि उस टाइम मेरे एग्जाम आने वाले थे.
उसकी शादी को लगभग 15 दिन हो चुके थे. मैं रोज़ सुबह में पढ़ने जाता था. एक दिन जब मैं कॉलेज से लौट रहा था. तब मैंने देखा कि मेरे कमरे में एक बहुत ही सुंदर देसी सी लड़की जो नवविवाहिता भाभी लग रही थी, बैठी हुई है और वो मेरी मम्मी से बात कर रही है. मैं तो बस उसे देखता ही रह गया था… वो बहुत ही सुंदर थी.
तब मम्मी ने मुझे बताया- ये अपने किरायेदार मनोज की वाइफ है… इसकी अभी शादी होकर आई है… इसका नाम प्रीति है.
मैंने उनसे ‘नमस्ते भाभी’ कहा और फिर दूसरे कमरे में चला गया. लेकिन उसका देसी चेहरा तो मेरी आँखों में घूम रहा था.
फिर धीरे धीरे हमारे बीच बात होने लगी थी. कुछ दिनों में हमारे बीच अच्छी दोस्ती हो गई. लेकिन एक बात तो थी कि जब भी मैं भाभी को देखता था तो उसकी आँखें नीचे नहीं होती थीं. वो बहुत ही प्यारी नजरों से मेरी तरफ देखती रहती थी; उसकी नज़र एक भी पल की लिए झुकती नहीं थी.
एक दिन सुबह जब भाभी छत पर कपड़े धो रही थी… तब मैं भी वहीं अपनी कुर्सी डाल कर बैठ गया और उससे बात करने लगा.
मैं- भाभी, तुमसे एक बात कहूँ… अगर बुरा ना मानो तो…!
प्रीति- हाँ हाँ… कहो ना… तुम्हारी बात का क्या बुरा मानना.
मैं- भाभी, आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो.
प्रीति- अच्छा… ऐसा क्या है मुझमें?
मैं- कुछ तो होगा… इसलिए तो आपसे कह रहा हूँ.
मेरी ऐसी बात सुनकर वो थोड़ी इमोशनल हो गई… उससे बात होने लगी.
इसी दौरान उसने मुझे बताया- अजय, मैं अपनी इस शादी से खुश नहीं हूँ.
मैंने कहा- मैं आपका मतलब नहीं समझा?
तब उसने मुझे बताया- मेरे पति यानि कि मनोज के घर वालों ने हमारे घर वालों से झूठ बोल कर ये शादी की है.
जब पूरी प्रीति ने पूरी बात बताई तो मालूम हुआ कि प्रीति भाभी तो पढ़ी लिखी थी और मनोज बहुत कम पढ़ा लिखा था. इस बात को लेकर वो बहुत परेशान थी.
तब मैंने उसे समझाया- अब भाभी… जो हो गया उसे जाने दो… अब आगे के बारे में सोचो.
उसने कहा- मुझे तुमसे कुछ बात करनी है… इसलिए जब मनोज अपने ड्यूटी पर चला जाए… तब तुम मेरे कमरे में आकर मुझसे मिल लेना.
मैंने समय पूछा तो उसने बताया- आज से मनोज की नाइट शिफ्ट में ड्यूटी है.
मैं सोच रहा था कि न जाने वो मुझसे क्या बात करेगी. फिर भी इस बारे में ज्यादा नहीं सोचा.
जब रात हो गई तब मैंने देखा कि मनोज अपनी ड्यूटी पर निकल गया है तो मैं लगभग दस बजे उसके कमरे में पहुँच गया. मैंने उसके कमरे के दरवाजा को धक्का दिया… तो वो अन्दर से खुला हुआ था.
भाभी ने मुझे अन्दर बुला लिया. मैंने देखा कि वो अपने बिस्तर पर लेटी हुई है. उस कमरे में लाल रंग का बल्ब जल रहा था और उसकी लाल रोशनी में वो एकदम मस्त और बहुत खूबसूरत लग रही थी.
मैं उसके पास जा कर बैठ गया. प्रीति ने उठ कर कमरे की कुण्डी अन्दर से बंद कर दी. मैं समझ नहीं पा रहा था कि क्या करूँ.
फिर भी मैं बैठा रहा.
मैंने उससे कहा- अब बताओ भाभी, मुझसे क्या बात करना चाहती थी आप?
प्रीति- क्या बताऊँ तुमको… मैं बहुत परेशान हूँ.
मैं- आप बताओ तो सही… क्या बात है?
प्रीति- समझ में नहीं आ रहा है कि कैसे कहूँ तुमसे?
मैं- सोचो मत… जो भी कहना है… खुल कर कह दो बस.
प्रीति- मैं मनोज से खुश नहीं हूँ… समझ में नहीं आता कि मैं क्या करूँ?
मैं- बात तो बताओ… क्या बात है, अगर आपको मेरी कोई मदद चाहिए तो बताओ. मैं जितना हो सकेगा आपकी मदद करूँगा.
प्रीति- मैं कहूँ तो क्या तुम मेरी मदद करोगे?
मैं- हाँ हाँ क्यों नहीं भाभी, आप एक बार कह कर तो देखिये!
प्रीति- मनोज मेरे साथ कुछ नहीं कर पाते हैं… मैं तब से परेशान हूँ… जब से शादी हुई है, इसलिए मैं चाहती हूँ कि तुम मेरे साथ सेक्स करो.
मैं भाभी की ये बात सुनकर तो बिल्कुल चौंक गया. मुझे नहीं पता था कि वो इतना साफ साफ कह देगी.
मैं तो खुद ही बहुत दिन से ये सोच रहा था कि कब मेरे लंड को प्रीति भाभी की चूत में प्रवेश मिलेगा और शायद अब मुझे लग रहा था कि आज वो दिन भी आ ही गया. मैंने भाभी से सेक्स के लिए फ़ौरन ‘हाँ’ कह दिया.
बस फिर क्या था… मैंने इतना ही कहा था कि वो प्यासी भाभी तो जैसे चूत खोलने के लिए रेडी ही थी.
वो खड़ी हुई और फिर उसने अपनी साड़ी उतार दी और पेटीकोट भी उतार दिया. अब वो सिर्फ़ ब्रा और पैन्टी में थी. उसका गोरा बदन लाल रोशनी में चमक रहा था.
वो मेरे पास आई और फिर मेरे कपड़े उतारने लगी, मैं सिर्फ़ अंडरवियर में ही था.
अब मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए और बस एक दूसरे में खो गए. फिर धीरे-धीरे मैंने उसकी ब्रा उतार दी और उसके गोल-गोल चूचों को चूसने लगा. वो बहुत उत्तेजित हो रही थी और मुझे भी बहुत ही मज़ा आ रहा था.
इसके कुछ देर बाद उसने मेरा अंडरवियर उतार दिया और मेरे लंड को अपने हाथ से पकड़ लिया. कुछ देर लौड़े को हिलाने के बाद उसने मेरे लंड को मुँह में ले लिया और चूसने लगी.
मैंने पहले कभी भी सेक्स नहीं किया था. मुझे बहुत अच्छा लग रहा था और बहुत मज़ा आ रहा था. मैंने उसकी पैन्टी को उतार दिया… अब वो मेरे सामने पूरी नंगी थी. उसने अपनी चूत शेव कर रखी थी. चूत एकदम गुलाबी रंग की थी. मैंने अपनी लाइफ में पहली बार किसी चूत को देखा था. मेरी पहली बार थी, मैं उसकी चूत पर टूट पड़ा. मैंने अपनी जीभ उसकी चूत में घुसा दी और उसे जीभ से चोदने लगा. वो कामवासना से बहुत उत्तेजित हुए जा रही थी.
कुछ ही देर में हम दोनों 69 की पोज़िशन में आ गए थे. थोड़ी देर बाद चूसने के बाद उसने कहा- बस बहुत हो गया… अब मुझे चोदो… मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा है.
वो इतना बोल कर बिस्तर पर अपनी टाँगें फैला कर लेट गई और अपनी चूत को खोल लिया.
उसकी चूत अलग ही लग रही थी. मैं उसके ऊपर आ गया और मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रखा और चूत की दरार में लौड़े के सुपारे को सैट करते हुए एक ज़ोर से धक्का लगा दिया.
एक ही झटके में मेरा लगभग आधा लंड भाभी की चुत में घुसता चला गया.
क्योंकि लंड मोटा था… इसलिए उसके मुँह से एक हल्की सी चीख निकल गई, उसने कहा- ऊई… आह… धीरे-धीरे करो… दर्द हो रहा है… क्योंकि तुम्हारा लंड मनोज के लंड से बहुत मोटा है.
अब मैं धीरे-धीरे अपने लंड को चूत में अन्दर-बाहर करने लगा. उसको मज़ा आने लगा था.
थोड़ी देर बाद उसने कहा- अब ज़ोर-ज़ोर से करो… बहुत मज़ा आ रहा है… आहह… आहह… उम्म्ह…
मैं अब पूरी ताकत से उसे चोदने लगा था. मेरा लंड बहुत जल्दी-जल्दी उसकी चूत के अन्दर-बाहर हो रहा था. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.
अब तो वो भी अपने चूतड़ों को उछाल-उछाल कर चुत चुदवा रही थी… उसको भी इस चुदाई का बहुत मज़ा आ रहा था.
थोड़ी देर बाद मैंने देखा कि उसकी चूत से कुछ निकल रहा है, मैं समझ गया कि वो झड़ रही है. मैंने अपना लंड चूत से बाहर निकाला और एक कपड़े से साफ करके फिर से उसकी चूत में डाल दिया और ज़ोर-ज़ोर से उसे चोदने लगा.
लम्बी चुदाई के बाद मुझे लगा कि मैं भी झड़ने वाला हूँ. अब वो भी फिर से झड़ने वाली थी.
मैंने उससे कहा- मैं झड़ने वाला हूँ.
तो उसने कहा- तुम्हारा पूरा वीर्य मेरी चूत के अन्दर जाना चाहिए… एक भी बूँद बाहर नहीं गिरनी चाहिए.
मुझे लगा कि भाभी के दिल में गर्भवती होने की इच्छा भी जन्म ले रही है.
यह सोच के मेरे अंदर एक नया जोश भर गया और मेरी स्पीड बहुत तेज हो गई थी. उसके मुँह से ‘अहह… उम्म्ह… अहह… हय… याह… आआहह…’ की आवाज़ निकल रही थी. मैं अपना लंड बहुत तेज गति से अन्दर-बाहर कर रहा था. फिर एक तेज दबाव के साथ मेरा सारा वीर्य उसकी चूत में निकल गया. मुझे इतना मज़ा आ रहा था कि मैं उसको शब्दों में नहीं लिख सकता. सच में ये एक वंडरफुल चुदाई का अनुभव था.
फिर थोड़ी देर बाद मैंने अपना लंड उसकी देसी चूत से बाहर निकाल लिया. मैंने देखा कि उसकी पूरी चूत मेरे वीर्य से भर गई है और वीर्य उसकी चूत से बाहर निकल रहा है.
कुछ देर हम दोनों साथ साथ लेटे रहे, हमने बात की, भाभी बहुत खुश दिख रही थी.
थोड़ी देर बाद मैं अपने रूम में आ गया. अब तो ये सिलसिला रोज़ रोज़ का हो गया. मैं हर रात भाभी को चोदता था और ये सब लगभग 15 दिन तक चला.
फिर एक दिन पता चला कि मनोज की मम्मी जो कि गाँव में रहती थीं… वो गुजर गईं. क्योंकि वो गाँव में अकेली थीं… इसलिए मनोज को अपनी जॉब छोड़कर गाँव में ही शिफ्ट होना पड़ा. तब से लेकर आज तक मैंने सेक्स नहीं किया है… बस प्रीति भाभी से कभी-कभी फोन पर बात हो जाती है.
आपको मेरी ये सच्ची सेक्स स्टोरी प्यासी भाभी की वासना की… आपको कैसी लगी. मुझे ज़रूर मेल करके बताना.