मेरा नाम मधुर है मैं रायपुर का रहने वाला हूँ. मेरी अभी अभी 12 क्लास पास हुआ ही था और हमेशा की तरह इस बार भी मेरे पापा ने मुझे आर्मी में भर्ती होने के लिए टेस्ट देने को कहा. अब मै रोज सुबह पार्क जाना शुरू हो गया जिससे मेरी शरीर मजबूत हो जाये और मै आर्मी में भर्ती हो सकू.
पर मेरा पार्क जाना तब सफल हुआ जब मुझे वह एक लड़की का साथ मिल गया जिसका नाम खुशबू था. खुशबू बह मेरी तरह ही आर्मी की भर्ती के लिए तैयारी कर रही थी और रोज सुबह सुबह पार्क में दौड़ने के लिए आती थी.
वह पार्क भी बहुत अछा था जहा सुबह सुबह लोग योग और कई चीजे भी करते थे. एक दिन मेरी तबियत खराब होने के कारण मै पार्क में दौड़ के लिए नहीं जा पाया और उस इन मुझे खुशबू का मैसेज आया जिसमे उसने मुझसे पार्क ना आने की वजह पूछी.
अब मेने खुशबू को बताया की मेरी तबियत की वजह से के समय आराम करने लगा हु. अब खुशबू ने मुझे कहा की सुबह ना सही तो शाम के समय पार्क जाऊ जिससे हम दोनों साथ में दौड़ लगा पाए.
अब उसी दिन शाम के समय मै अपनी बाइक लेके पार्क की और चल दिआ. गेट पर ही मुझे खुशबू भी मिल गयी और थोड़ी सी बाते करने के बाद हम दोनों साथ में दौड़ पूरी करने लगे. शाम के समय पार्क कुछ अलग ही नजर आ रहा था. पार्क में ज्यादा लोग भी नहीं थे जिसे सब खाली सा लग रहा था.
कुछ देर दौड़ते हुए मेने देखा की शाम के समय हर तरह पार्क में जोड़े बैठते हुए थे जो एक दूसरे से प्यार कर रहे थे. मै उन्हें देखकर भी नजरअंदाज कर रहा था की इतने में खुशबू ने कह दिआ की देखो यहाँ ये भी काम होता है.
अब मेने खुशबू से कहा की वो तो बस जोड़े है जो प्यार करने यहाँ आये है और उन्हें हमे कुछ भी नहीं कहना चाहिए. अब खुशबू ने मुझे कहा की कभी कभी जोड़ो को देखकर उसे बहुत ही गुस्सा अत है क्युकी वह शुरू से ही किसी लड़के के साथ नहीं रही है.
खुशबू की बातो में मुझे दुःख सा दिखने लगा और खुशबू ने मुझे कहा की उसे आजतक किसी ने प्यार भी नहीं किआ जिससे उसने काफी अकेलापन भी झेला है. खुशबू का हाथ थामते हुए मेने कहा की कोई बात नहीं मै तुम्हारे साथ हु जो तुम्हे प्यार करता है.
खुशबू ने कहा की उन लोगो को देखो कैसे एक दूसरे में खोये हुए और काश वह भी किसी से बेइन्ताह प्यार कर पाती. मेने खुशबू से कहा की वह प्यार दुनिया को मंजूर नहीं होता इसलिए वह लोग यहाँ आके अपना प्यार एक दूसरे को दिखाते है.
खुशबू ने कहा के देखो हम तो बस यहाँ दौड़ने आते है और चले जाते है. अब मेने खुशबू से कहा की क्या उसे भी प्यार की चाहत हो रही है क्या. खुशबू ने कहा चाहत नहीं पर उन्हें देखकर उसे बस अकेलापन लगने लगता है क्युकी उसने कभी प्यार महसूस नहीं किआ है.
अब दौड़ते दौड़ते मेने खुशबू को एक खली जगह में रोक दिआ और उससे कहा की क्या वह अभी भी उदास है क्या. खुशबू ने मुझे धीरे से कहा नहीं वह अब पहले से ठीक है और अब मेने खुशबू को अपने गले से लगा लिआ और उसने भी मुझे अपनी बाहो में भर लिआ.
अब मेने खुशबू को आँखों में देखा तो वह एकदम प्यार से भरी हुई थी जिसमे बस प्यार की ही प्यास थी. अब रिने के माथे पर मेने एक चुम्बन कर दिआ और रिया मेरी बहो में घुल सी गयी.
अब खुशबू ने अपनी आंखे बंद कर ली थी जिसके बाद मेने अपने होठ खुशबू के होठो से मिला दिए और उसे किस करना शुरू कर दिआ. खुशबू भी मेरे होठो रसनपान करने लगी और हम दोनों एकदूसरे में खो गए.
अब मेने देखा की हम दोनों पार्क के बिच में ही खड़े थे. यु तो शाम के समय वहा कोई भी नहीं आता था पर फिर भी मै खुशबू को लेके एक कोने में चला गया जहा बहुत सी झाड़िआ भी थी.
झाड़िओ में जाकर मै और खुशबू वापस से एक दूसरे के होठो को चूसने लगे और अब कुछ देर बाद मेने खुशबू के बूब्स पर अपना हाथ रखते हुए उन्हें दबाना शरू कर दिआ. खुशबू एकदम ही गरम हो गयी और मेरे होठो को बड़े आराम से चूसने लग गयी.
खुशबू को अब मजा आ रहा था इसलिए मेने अपना हाथ उसके पाजामे में डालते हुए गांड को सहलाना शुरू कर दिआ. हम दोनों अपनी मस्ती में अचे से अब ओरल सेक्स कर रहे थे जिससे खुशबू पूरी तरह गरम हो गयी थी और मेरा लंड भी खड़ा हो गया था.
अब मै खुशबू से कुछ देर बाद दूर हो गया क्युकी पार्क जैसे खुल्ले इलाके में इससे ज्यादा प्यार करना सही नहीं था. पर खुशबू अब गरम हो गयी थी और उसने मुझे वापस अपनी तरफ खींचते हुए मेरे होठो को चूसना शुरू कर दिआ और मेरे लंड को पकड़कर हिलाने लगी.
खुशबू ने मेरे पजामे में हाथ डाल दिआ और मेरे लंड को रगड़ने लगी. खुशबू अब निचे बैठते हुए मेरे पजामे को खोलने लगी और थोड़ा सा पजामा निचे करते हुए खुशबू ने मेरा लंड बाहर निकाल लिआ और चूसने लग गयी.
खुशबू मेरा लंड बड़े ही मजे से चूस रही थी जैसे उसे लंड चूसने का शोक काफी दिन से हो. अब खुशबू ने मेरा पूरा लंड चूसकर खड़ा कर दिआ और अपना पजामा निचे सरकाकर मुझे देखने लग गयी.
मै भी समझ गया की खुशबू को आज चुदाई का पूरा मूड है इसलिए मेने अपना लंड उसकी चूत के मुह्ह पे रखते हुए अपने लंड को उसकी चूत में घुसा दिआ. आगे पीछे करते हुए खुशबू की चुदाई में बड़ी ही तेजी से कर रहा था.
अब खुशबू झुकते हुए मुझसे चुदने लगी और उसे चुदाई में काफी दिक्कत भी आ रही थी. मेने अब खुशबू को निचे ही लिटा दिआ और उसकी टाँगे ऊपर कर अपना लंड वापस चूत में डाल दिआ. खुशबू को चुदाई का पूरा मजा मिल रहा था इसलिए वह अपने बूब्स खुद ही मसल रही थी.
खुशबू की चूत थोड़ी ढीली थी जिससे उसे चुदाई में कोई दर्द नहीं हो रहा था. अब कुछ देर की पेलमपाल चुदाई के बाद मेरे लंड में से पानी निकलने ही वाला था. मेने खुशबू की चुदाई और भी तेज कर दी और खुशबू समझ गयी की मेरा लंड झड़ने वाला है.
खुशबू ने मेरा लंड तभी अपने मुह्ह में लेके चूसना शुरू कर दिआ और बुरी तरह से लंड को हिलाने लगी. थोड़ी सी ही लंड की चुसाई के बाद मेरा माल खुशबू के मुह्ह में ही गिर गया और खुशबू खुश हो गयी.