हैलो दोस्तो, यह मेरी दीदी की दो लड़कों के साथ छोड़ने की कहानी है. यह एक सच्ची कहानी है इसलिए सुरक्षा की दृष्टि से नाम बदल दिए गए हैं.
छाया दीदी की बॉडी बहुत आकर्षित करने वाली है। गान्ड बड़ी और बूब्स चलते समय छलछलाते हैं जिससे सभी लड़के उसको देखते रहते हैं।
मेरी उम्र 22 साल थी जब मैंने काफी दिनों तक उन लड़कों से दीदी की चुदाई देखी थी। मुझे कभी भी छाया दीदी के बॉयफ्रेंड से कोई प्रॉब्लम नहीं थी। लेकिन मैं हमेशा चाहता था कि उनका किसी एक लड़के से ईमानदारी से रिश्ता निभे। लेकिन छाया दीदी को ब्रांडेड कपड़े और घूमने का बहुत शौक होने के कारण 2 या 3 बॉयफ्रेंड के साथ अलग अलग डेट करती थी।
मेरी भी एक गर्लफ्रेंड थी। मैं अपनी गर्लफ्रेंड के साथ बहुत खुश था और छाया को भी एक बॉयफ्रेंड के साथ रिलेशन में कहता था. लेकिन वो मेरी कभी नहीं सुनती थी।
दीदी की एम. बी. ए. करने के दौरान उनकी मुलाकात हर्ष भैया से हुई जो एक बार दीदी के कॉलेज में गेस्ट के रूप में किसी फंक्शन के दौरान आये थे। हर्ष भैया का अपना व्यवसाय था। उनको दीदी के कॉलेज में स्पीच देने के लिए आमंत्रित किया गया था।
हर्ष भैया लगभग 35 साल के आस पास थे। दीदी से लगभग 10 साल बड़े थे। हर्ष भैया से दीदी की काफी अच्छी दोस्ती हो गयी। हर्ष भैया ने दीदी को अपना ऑफिस दिखाने के लिए आमंत्रित किया।
इस तरह कुछ ही महीनों में हर्ष भैया ने दीदी को प्रोपोज़ किया। वो दोनों एक दूसरे से प्यार भी करने लगे।
छाया दीदी ने हर्ष भैया के बारे में मुझे बताया और मुझसे मिलवाया। हर्ष भैया और मैं भी अच्छे दोस्त बन गए। हर्ष भैया और दीदी कभी रात को पार्टी में जाने के कारण दीदी को काफी लेट छोड़ने आते थे।
एक गर्लफ्रेंड और बॉयफ्रेंड में शारीरिक सम्बन्ध बनना आम बात होती है इसलिए मुझे इससे कोई प्रॉब्लम नहीं थी। दीदी कभी कभी हर्ष भैया के साथ फ्लैट में मेरे बगल वाले कमरे में रहते थे।
एक दिन मेरे कमरे का बाथरूम काम नहीं कर रहा था तो मैं छाया दीदी का बाथरूम इस्तेमाल करने के लिए गया। उस समय रात के लगभग 1 बज रहा होगा। मैं अभी बाथरूम में ही था कि छाया दीदी ने अपनी वाली चाभी से गेट खोला और हर्ष भैया के साथ कमरे में आई. आते ही भैया ने दीदी को किस करते हुए बेड पर गिरा दिया और अपनी पैंट खोलकर अपना लण्ड बाहर निकाल दिया।
मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि अगर मैं बाहर आया तो दोनों लोगो को शर्मिंदगी होगी। मैंने सोचा कि कुछ ही घण्टों में सुबह हो जायेगी और हर्ष भैया जब जाएंगे तो दीदी भी उनको नीचे तक छोड़ने जाएगी तो चुपके से बाहर निकल जाऊंगा। तब तक यही छुपा रहता हूं।
हर्ष भैया ने अपना लण्ड दीदी के मुँह में डाल दिया था। दीदी धीरे धीरे लण्ड चूस रही थी और हर्ष भैया से बात भी कर रही थी। हर्ष भैया का लण्ड थोड़ा काला और मोटा था। मेरी दीदी लम्बी और चौड़ी थी, वो पूरा लण्ड अंदर तक चूस रही थी।
दीदी ने अपने सारे कपड़े निकाल कर सोफे पर रख दिए। हर्ष भैया ने दीदी की ब्रा खोल दी। वे उनके दोनों दूधों को अपने हाथों से कसकर दबा रहे रहे थे लेकिन उनके दूध हर्ष भैया के हाथों में नहीं आ रहे थे। हर्ष दूधों को कभी हाथों से दबाता तो कभी अपने मुँह से दूधों को दबाता।
दीदी के दोनों उरोज हर्ष भैया की मुँह की लार से गीले हो चुके थे। दीदी बस हल्की हल्की सिसकारियाँ ले रही थी ‘अअअ … उम … उम्म’
हर्ष भैया दीदी चूत को बहुत देर तक चाटते रहे। फिर कुछ तेल सा दीदी की चूत पर रगड़ दिया हर्ष ने और उल्टा लिटा दिया. फिर दीदी के पेट के नीचे तकिया रख कर की टांगों को पूरा खोल दिया। हर्ष भैया पीछे से दीदी के ऊपर चढ़ने लगे और पीछे से अपना लण्ड चूत में फंसाने लगे।
दीदी ने उनकी मदद की और चूत में लण्ड जाते ही दीदी की हल्की सी चीख निकल गई। हर्ष भैया बहुत धीरे धीरे लण्ड डाल रहे थे। हर्ष भैया दीदी के ऊपर पूरा ऊपर से लेटे चोद रहे थे।
हर्ष भैया दीदी को दस मिनट तक चोद पाए होंगे कि उनका सारा माल बाहर आ गया, उन्होंने दीदी के ऊपर सब गिरा दिया.
लेकिन दीदी का अभी पूरा नहीं हुआ था। हर्ष भैया यह बात जानते थे, वे अपनी उंगलियों को दीदी की चूत में डाल कर जोर जोर से हिलाने लगे जिससे दीदी का माल भी बेड पर गिर गया।
दीदी हर्ष से बोली- अब तुम में वो पहली जैसी बात नहीं है, बहुत जल्दी थक जाते हो।
हर्ष भैया बोले- रोज़ वियाग्रा नहीं खा सकता; नुकसान कर सकती है।
मुझे यकीन नहीं हो रहा था कि हर्ष भैया को वियाग्रा इस्तेमाल करनी पड़ती है।
दीदी उसके बाद हर्ष भैया का लण्ड चूसने लगी। फिर दोनों नंगे ही सो गए। दीदी हर्ष भैया की बांहों में थी।
अगले दिन हर्ष भैया अपने घर चले गए।
एक दिन मैंने हर्ष भैया का मोबाइल देखा जिसमें दीदी की चुदाई की बहुत से मस्त मस्त वीडियो पड़ी थी। हर्ष भैया दीदी की चुदाई वीडियो को भी बनाते थे। कुछ वीडियो में दीदी ने अपना मुँह दुपट्टे से ढका था जिसमें दीदी की शक्ल नहीं दिख रही थी, वो वीडियो उन्होंने अपने व्हाट्सएप ग्रुप में भी शेयर कर रखे थे।
उनके सभी दोस्त जानते थे कि ये छाया है।
हर्ष भैया जानते थे कि अगर छाया मुँह पर दुपट्टा नहीं बंधेगी तो कोई फोटो का गलत इस्तेमाल भी कर सकता था इसलिए वो वही फोटो और वीडियो डालते थे जिसमें शक्ल नहीं दिख रही हो।
सभी ग्रुप में मेरी दीदी की फोटो और वीडियो देख कर गंदे कमैंट्स कर रहे थे।
मुझे थोड़ी हँसी आ रही थी.
किसी ने लिखा था- हर्ष क्या खा रहे हो? छाया की गान्ड बहुत चौड़ी हो गयी है। मज़े करो।
मैं भी कभी कभी अपनी गर्लफ्रेंड की पिक्चर दोस्तों से शेयर करता था। ये सब कॉमन बात हो गयी है। मैंने दीदी की चुदाई के कुछ वीडियो और फोटो (जिसमे मुंह कपड़े से ढका था) । अपने मोबाइल में सेव करके हर्ष भैया का मोबाइल रख दिया।
मुँह ढका होने के कारण चुदाई के वीडियो और फोटो में छाया दीदी पहचान में नहीं आ रही थी। मैंने सारे वीडियो और फोटो अपने एक दोस्त को भेजे जिसका नाम सुमित है।
वो वीडियो देख कर बोला- कहाँ से डाउनलोड किया है, मुझे साइट का नाम बता?
मुझे हँसी आ रही थी; मैंने कहा- मुझे किसी ने भेजी है।
सुमित बोला- यार क्या चौड़ी गांड है इस लड़की की … और दूध कितने मस्त है। मैं 2 बार मूठ मार चुका हूँ।
कुछ दिनों बाद सुमित मेरे घर आया। दीदी ने दरवाज़ा खोला; सुमित ने छाया दीदी को हाय बोला और सीधा मेरे कमरे में आ गया।
दीदी मेरे कमरे में आयी और बोली कि वो कहीं बाहर जा रही है।
अब घर में केवल मैं और मेरा दोस्त था। मेरे दोस्त ने दीदी की चुदाई की वीडियो टीवी पर लगा दी और देखने लगा। मैंने अपने दोस्त को आज तक नहीं बताया वो वीडियो छाया दीदी का था। मुझे उस दिन बहुत अजीब लग रहा था क्योंकि सुमित वीडियो देखकर उल्टी सीधी बातें बोल रहा था और मैं मजबूरी में कुछ नहीं बोल पा रहा था।
सुमित चिल्लाकर बोल रहा था- क्या गान्ड है … यार मिल जाये तो इसकी जबरदस्त ठुकाई करूँ।
हर्ष भैया को देखकर सुमित बोलता- इस लौंडे में बिलकुल दम नहीं है। साला चोद ही नहीं पा रहा है। बार बार अपना लण्ड लौंडिया के मुँह में डालकर खड़ा कर रहा है।
सुमित मुठ मारता रहा।
शाम के 6 बज चुके थे और छाया दीदी घर आ गयी थी।
सुमित बोला- भाई अब मैं चलता हूँ। आज का वीडियो देख मज़ा आ गया। अगर इस माल के और वीडियो हो तो भेज देना।
मैंने बोला- और वीडियो अभी तो नहीं है। अगर मुझे मिलेगी तो भेज दूंगा।
सुमित छाया दीदी को बाय बोल कर जाने लगा। मैं मन में सोच रहा था कि सुमित ने छाया दीदी को चुदवाते देखा लेकिन कभी पहचान ना सका।
दीदी हर्ष भैया से एक साल तक सेक्स करती रही। इसी बीच हर्ष भैया के घर वालों ने हर्ष भैया की शादी फिक्स करा दी। दीदी और हर्ष भैया में कभी कभी इस बात को लेकर लड़ाई भी होती। हर्ष भैया ने अब आना कम कर दिया लेकिन गिफ्ट और कपड़े दीदी को भेजते रहते।
हर्ष भैया की शादी के बाद महीने दो महीने में एक दो बार फ्लैट पर आते और दीदी के साथ सम्भोग जरूर करते थे।
अब मुझे उनका घर आना अच्छा नहीं लगता था क्योंकि वो शादी कर चुके थे। लेकिन दीदी की बहुत हेल्प करते थे। हर्ष भैया ने एक कार भी दीदी को दे रखी थी। मुझे भी पैसे दिया करते थे इसलिए उनके व्यवहार की वजह से दीदी हर्ष भैया को अभी भी पसंद करती थी।
दीदी अब नौकरी भी करती थी। वो चाहती थी कि जॉब के बाद एक दो ट्यूशन घर पर पढ़ा दें।
एक दिन पड़ोस में रहने वाले अंकल ने मुझे अपने बेटे से मिलाया और बोले- ये आशुतोष है, इसका इंटर है.
तभी आशुतोष बोला- भैया कोई मैथ्स की ट्यूशन ढूंढ रहा हूँ अगर आप किसी को जानते हो?
मैंने बोला- ठीक है कोई मिलेगा तो बताऊंगा।
मैंने छाया को ट्यूशन के बारे में बताया तो वो मान गयी।
आशुतोष पतला सा लड़का था। उसकी उम्र लगभग 18 साल के आस पास होगी। उसकी शक्ल देखकर लग रहा था कि उसने अभी अभी मुठ मारना शुरू किया होगा।
अगले दिन वो पढ़ने आया; मैंने गेट खोला। वो सोफे पर बैठ गया।
छाया दीदी नार्मल घर वाले कपड़े पहने हुए थी। शायद कुछ लड़कों से इतने साल सम्भोग के बाद उनके अंदर के शर्म थोड़ी कम हो गयी थी। छाया दीदी ने एक खुले सीने वाला टॉप पहना था।
छाया दीदी के हल्का सा झुकते उनके दोनों दूध दिखाई देने लगते थे। पढ़ाते समय जैसे दीदी झुकती, आशुतोष की नज़र सीने पर चली जाती और वो मेरी दीदी की चूचियों को देखता रहता।
6 महीनों तक यही चलता रहा। दिवाली आने वाली थी। आशुतोष सोफे पर बैठा था। मैं और छाया दीदी घर की सफाई कर रहे थे। तभी छाया दीदी सीढ़ी पर चढ़ कर पंखों की सफाई करने लगी। उसने सीढ़ी पकड़ने के लिये मुझे आवाज़ दी।
मैंने आशुतोष से सीढ़ी पकड़ने को कह दिया। मैंने नहीं देखा के दीदी ने स्कर्ट पहनी थी।
आशुतोष जैसे सीढ़ी पकड़ने आया वैसे ऊपर देखते ही उसने एकदम से नीचे पलकें कर ली। लेकिन थोड़ी देर बाद उसने देखा कि कोई नहीं देख रहा है तो वो फिर से फटी आँखों से स्कर्ट के अंदर देख रहा था।
मैं उसको देख रहा था।
एक दिन हर्ष भैया दोपहर में आये और दीदी को कमरे में ले जाकर चोदने लगे।
हर्ष भैया को आये 15 मिनट ही हुए होंगें कि आशुतोष ट्यूशन पढ़ने आ गया। मैंने गेट खोला और उसे गेस्टरूम में बैठा दिया जो दीदी के कमरे के बगल वाला कमरा था।
तभी दीदी की चीख आशुतोष ने सुनी। मैं दूसरे कमरे से आशुतोष को देख रहा था। आशुतोष समझ गया था कि छाया दीदी की ठुकाई चल रही है।
कुछ देर बाद हर्ष भैया चले गए और छाया दीदी कपड़ों को ठीक करते हुए बाहर निकली।
उसने आशुतोष को देखा तो थोड़ा शॉक हो गयी, उसने पूछा- तुम कब आये?
आशुतोष दीदी को बहुत गौर से देख रहा था और बोला- 1 घण्टा हो गया है।
दीदी समझ गयी कि आशुतोष ने हॉट चुदाई के समय चीखों को भी सुना होगा।
आशुतोष के प्री टेस्ट स्कूल में होने थे तो वो कभी कभी देर तक पढ़ता था।
एक दिन वो सवाल लगा रहा था।
दीदी- आज यहीं पढ़ते रहो और अपने घर पर बता देना कि आज यहीं रूकोगे।
आशुतोष दीदी के कमरे में चला गया और दीदी के बेड पर पढ़ने लगा। मैंने दो कैमरे कमरे में लगाये थे कि वीडियो में शक्ल धुन्धली कर अपने दोस्त को भेजूंगा।
कुछ देर बाद दीदी सो गई। दीदी ने स्कर्ट पहनी थी जो करवट बदलने पर ऊपर उठ जाती। आशुतोष बहुत गौर से छाया दीदी की जांघों को घूरने लगा। उसका लण्ड पूरा टाइट था, उसको देख ऐसा लग रहा था जैसे छाया दीदी थोड़ा सा इशारा करे तो आशुतोष दीदी को चोद दे।
अगले दिन वो एग्जाम तैयारी के लिए कुछ दिन हमारे घर रुकने की इज़ाज़त लेकर आया। आशुतोष दिन भर अब घर पर रुकता।
एक दिन दीदी कपड़े बदलने कमरे में गयी। वो अपनी ब्रा से अपने स्तन बंद कर रही थी तभी आशुतोष आ गया। उसने दीदी के एक स्तन को देख लिया और बिना कुछ बोले बाहर आया।
दीदी समझ गयी थी कि आशुतोष उसको बहुत पसंद करता है।
रात को पढ़ते समय दीदी ने आशुतोष से कहा- सर्दी बहुत है, कमरे में हीटर चला दो।
छाया दीदी ने थोड़ा गर्म तेल सर पर लगाने के लिए निकाला और अपने कुछ पुराने कपड़े देखने लगी।
आशुतोष बोला- दीदी ये कपड़े बहुत अच्छे हैं लेकिन आपको कभी इन कपड़ों में देखा नहीं।
दीदी बोली- बहुत पुराने हैं, चलो आज पहनकर देखती हूँ कि अभी भी फिट हो रहे है या नहीं।
उनमें से ज्यादतर कपड़े हर्ष भैया ने दिये थे।
एक ड्रेस दीदी ने सबसे लास्ट में ट्राई की। वो ड्रेस स्विमिंग कॉस्ट्यूम थी। उस ड्रेस में उसकी गान्ड साफ़ दिख रही थी। दीदी को देख कर लग रहा था कि वो आशुतोष से चुदना चाहती हो।
मेरी दीदी उसी ड्रेस को पहनकर बेड पर बैठ गयी। उसकी दूध थोड़े थोड़े बाहर थे। उसने थोड़ा तेल अपने सर पर लगाया और आशुतोष से थोड़ा तेल पीठ पर रगड़ने को कहा।
शुरू में आशुतोष के हाथ काँपने लगे।
दीदी उल्टा लेटी थी। दीदी के बॉयफ्रेंड थे तो उसे पता था क्या करना है। दीदी ने पैंटी की डोरी खींच दी। आशुतोष ने हाथ से पैंटी को हटा दिया। आशुतोष शायद पहली बार किसी लड़की को नंगी देख रहा था।
वो दीदी को पागलों की तरह चूमने लगा, दीदी की गान्ड को कसके दबाने लगा।
दीदी के दूध उस 18 साल के लड़के के लिए काफी बड़े थे। आशुतोष अपने मुंह को दीदी के दूधों पर रख चाटने लगा। दीदी ने जैसे उसका लण्ड मुँह में लिया उसने अपना सारा माल दीदी के मुँह छोड़ दिया।
आशुतोष से दीदी ने कहा- कोई बात नहीं, पहली बार ऐसा ही होता है।
दीदी उसका लण्ड साफ़ करके फिर से चूसने लगी। आशुतोष का लण्ड फिर से खड़ा हो गया। दीदी ने उसे कंडोम पहनाया। आशुतोष दीदी के दूध चूसने लगा और अपना लण्ड दीदी की चूत में डाल दिया और दीदी को चोदने लगा।
हर्ष भैया दीदी को धीरे धीरे चोद पाते थे लेकिन आशुतोष सिर्फ 18 साल का लड़का था उसका लण्ड बिल्कुल मशीन की तरह चल रहा था। आशुतोष ने दीदी की टाँगों को अपने हाथों से पकड़ रखा था और दीदी की चूत पर कूद रहा था।
दीदी की चूत से खच खच खच खच… की आवाज़ साफ़ सुनाई दे रही थी।
दीदी को थोड़ी देर में दर्द होने लगा; वो दर्द भरी सिसकारियाँ लेने लगी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’
उसने दो बार बोला- आशुतोष बस करो!
लेकिन वो अपने मुँह से दीदी के दूधों को चूस रहा था। वो केवल चोदने में मस्त था।
कुछ देर में आशुतोष झड़ गया।
दीदी भी आशुतोष के साथ नंगी सो गयी। आशुतोष की यह पहली चुदाई थी। रात को दीदी को आशुतोष ने 4 बार चोदा। दीदी आशुतोष से मना करती लेकिन आशुतोष सोते में ही लण्ड डालने लगता।
आशुतोष पूरे साल दीदी को चोदता रहा। मैंने आशुतोष और दीदी की चुदाई के वीडियो को शक्लों को धुन्धला कर अपने दोस्त को भेजे थे।
मैं जानता था कि इंटरनेट पर बहुत से लोग अपनी चुदाई के वीडियो शक्ल छुपा कर डालते हैं और उनको कोई नहीं पहचान पाता।
हर्ष भैया कभी कभी दीदी को चोदने आते हैं। हर्ष भैया ने एक बार दीदी को सीधे खड़े होकर अपनी गोद में उठा कर चोदा था। उस सीन को मेरा दोस्त बहुत पसंद करता है। छाया दीदी की चुदाई के वीडियो कई लड़कों के पास आ गए थे।
आशुतोष के बहुत कहने पर दीदी ने अपनी शक्ल छुपा कर नंगे फोटो लेने दिए। आशुतोष दीदी के गान्ड में अपना लण्ड डालते और दीदी के दूधों को अपने मुँह से दबाते उसने कुछ पिक्चर लिए।
शायद आशुतोष अपने दोस्तों को अपनी चुदाई के पिक्चर दिखाना चाहता होगा।
एक दिन मैं अपने दोस्त के साथ क्रिकेट खेल रहा था। केवल दो लोग दोपहर में मैदान में थे। मेरा दोस्त बॉलिंग कर रहा था और मैं बैटिंग कर रहा था।
तभी एक लड़का वहाँ आया, मेरा दोस्त उसको जनता था।
मेरे दोस्त ने कहा- रिज़वान क्रिकेट खेलेगा?
उसने बोला- खेलूंगा।
रिज़वान विकेट कीपर की जगह खड़ा था। मैंने सोचा मोबाइल ना टूट जाये तो रिज़वान को मोबाइल दे दिया। रिज़वान के पास कीपैड वाला फोन था।
रिज़वान मुझे और छाया दीदी को नहीं जानता था।
मैं मोबाइल लॉक लगाना भूल गया था। रिज़वान वीडियो फोल्डर को खोलने लगा और छाया दीदी की उन वीडियो को देखने लगा जिनमें उनकी शक्ल साफ़ साफ़ दिख रही थी। वो छाया दीदी को पहचानता नहीं था तो उसने सोचा होगा मैंने वीडियो कहीं से डाउनलोड किये है।
जैसे मुझे लगा कि वो वीडियो देख रहा है, मैं बन्द कराने के लिए दौड़ा।
मेरा दोस्त चिल्लाकर बोला- यार, रिज़वान के पास स्मार्टफोन नहीं है। देखने दे उसको, तू बैटिंग कर ले।
मैंने देखा कि रिज़वान जिस वीडियो को देख रहा है उसमें हर्ष भैया का लण्ड दीदी चूस रही है।
रिज़वान बोला- यार मेरा लण्ड खड़ा कर दिया इस माल ने। ऐसा माल मिल जाये तो मज़ा आ जाये।
रिज़वान दीदी की सारी शक्ल वाले वीडियो देखता रहा लेकिन वो यही सोचता रहा कि ये वीडियो मैंने डाउनलोड किये हैं।
मैंने सोचा ‘कोई और ना देख ले’ इसलिये सारे वीडियो हर जगह से डिलीट करने से पहले आखरी बार किसी को सारे शक्ल वाले वीडियो दिखा कर उस आदमी का रिएक्शन देखता हूँ।
मैंने हाई वे के पास खड़े ट्रक वाले के पास गया और बोला- कड़क माल देखना है?
उनको मोबाइल पर छाया दीदी के हॉट सेक्स वीडियो दिखाये।
ट्रक वाला- इसके दूधों को तो मैं रगड़ रगड़ कर रबड़ बना दूँ। गान्ड कितनी चौड़ी है। रोज़ ठुकवाती है।
मेरा लण्ड तुरंत खड़ा हो गया।
ट्रक वाले ने सोचा कि मैं दलाल हूँ, बोला – इस लौंडिया का 2 घण्टे के लिए जुगाड़ करो।
उसका रिएक्शन देख कर मुझे बहुत हँसी आ रही थी। ये तो छाया दीदी को चोदने के लिए तैयार हो गया।
उसके बाद मैंने सारे वीडियो डिलीट कर दिए।
मैं कई बार अपनी गर्लफ्रेंड की हॉट चुदाई की वीडियो भी कभी कभी अजनबियों को दिखा कर उनके कमेंट सुनकर मज़े लेता हूँ।
यह हॉट सेक्स स्टोरी एक सच्ची घटना पर आधारित है, सारे पात्रों के नाम बदले गये हैं।
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