मेरा नाम आर्यन है, मैं 22 साल का हूँ और दिल्ली में रहता हूँ. मैं बहुत दिनों से इस साईट का पाठक हूँ तो मैंने सोचा कि मैं भी अपनी सच्ची कहानी आप लोगों के लिए लिखूँ.
मेरे पड़ोस में एक आंटी हैं जो जॉब करती हैं, उनकी उम्र लगभग 35 की होगी, उनका तलाक हो चुका है, वो आंटी ऐसी हैं कि उनको देखकर ही किसी के मुँह से पानी निकलने लगे. भरा हुआ जिस्म है उनका, एकदम माल लगती हैं वो, उनका फ़ीगर 40-35-44 का होगा, उनको देखते ही किसी का भी मन डोल जाये और खड़ा हो जाये.
वो अक्सर अपने जॉब के सिलसिले में बाहर जाती हैं तो मैं उनको देखता हूँ, क्या लगती हैं वो !
ब्लाऊज़ के बाहर उनकी रसभरी चूचियाँ उभरी हुई दिखाई देती हैं और जब वो चलती हैं तो उनकी चूचियाँ हिलती है, मैं उन्हें हमेशा सेक्सी निगाहों से देखता हूँ, उनकी गांड बहुत प्यारी है एकदम भरी हुई. मैं उनको देखकर रोज ही मुठ मारा करता था और बस उन्हें अपना बनाने के बारे में सोचता रहता था कि काश एक बार उनके साथ सम्भोग करने को मिल जाये.
मैंने उनसे दोस्ती करनी शुरु कर दी, उनके लिए बाज़ार से सामान लाने लगा, उनके छोटे मोटे काम करने लगा.
एक दिन जब मैं उनके घर उन्हें कुछ सामान देने गया और मैंने उनकी बेल बजाई तो उन्होंने दरवाजा खोला.
उन्होंने पीली साड़ी पहनी हुई थी जिसमें वो एकदम माल लग रही थी, विशाल वक्ष, कसा हुआ बदन और सेक्सी चेहरा!
उनकी चूचियाँ जैसे पहाड़ जैसी लग रही थी जिनके बीच में काफी गहराई थी.
उन्होंने मुझे चाय के लिए पूछा तो मैंने हाँ कर दी.
वो चाय लेने के लिए अन्दर गई तो मैं उनके घर में बैठ गया और टीवी देखने लगा.
टीवी पर मर्डर फिल्म का भीगे होंठ तेरे वाला गाना आ रहा था, मैं वही देखने लगा और उसकी आवाज उन्हें भी सुनाई दे रही होगी.
जब वो चाय लेकर ड्राइंग रूम में आई तो मैंने चैनल बदल दिया, पर उन्होंने कहा- कोई बात नहीं, लगे रहने दो, हटाओ मत ! इसमें शरमाने की क्या बात है?
यह कह कर उन्होंने वही गाना फिर लगा दिया, मैं फिर वही गाना देखने लग गया और वो भी टीवी देखने लगी.
मैं बहुत गर्म हो गया क्यूँकि वो इतनी सेक्सी हैं कि कोई रह भी नहीं सकता उनके बगल में बैठ कर !
उन्होंने मेरे लिए चाय निकाली और मुझे दी, इतने में मैंने एक शरारत कर दी और जैसे ही उन्होंने मुझे चाय की प्लेट पकड़ाई, मैंने जानबूझ कर उसे छोड़ दिया, जो सीधे मेरे जांघों पर गिरी.
वो घबरा गई और सीधे भाग कर पानी ले आई और मेरे जांघों पर डाल दिया. जल्दीबाजी में अपनी साड़ी के पल्लू से ही मेरे पैंट को सुखाने लगी. जैसे ही उन्होंने अपने सारी का पल्लू हटाया उनकी चूचियाँ साफ़ दिखने लगी, वो ऐसी लगने लगी कि नानो कह रही हो कि पकड़ लो मुझे और दबाओ.
वो मेरे पैंट को पोंछने लगी और मेरा सारा ध्यान उनकी चूचियों पर लग गया, इतने में उन्होंने ऊपर मेरा मुंह देखा कि कहीं मुझे चाय गिरने से दर्द तो नहीं हो रहा.
पर मेरा ध्यान तो उनकी चूचियों में था, यह उन्होंने भी देख लिया कि मेरा ध्यान उनके वक्ष पर है, तो न जाने क्यों वो भी गर्म सी होने लगी और पूरी सारी का पल्लू ही हटा कर मेरा पैंट साफ़ करने लगी.
मेरे से रहा न गया और मैंने उनकी चूचियाँ पकड़ ली और उनको जोर से चूमने लगा.
पहले तो उन्होंने मुझे थोड़ा धक्का देने की कोशिश की पर थोड़ी देर बाद वो चुपचाप मुझे किस करने देने लगी, मैंने 8-10 मिनट उनको किस किया, मेरे होंठ उनके होठों से मिले हुए थे. इतने में मेरा लण्ड एकदम सख्त और लम्बा हो चुका था. उन्होंने मेरा लण्ड अपने हाथ में पकड़ लिया और उसे सहलाने लगी.
अब हम दोनों गर्म हो चुके थे, अब रहा न गया और मैंने उन्हें कहा- मैं आपको बहुत प्यार करता हूँ और आज मुझे मत रोकना कुछ करने से !
तो उन्होंने कहा- मैं भी कब से प्यासी हूँ, आज मेरी प्यास बुझा दो.
फिर हम दोनों उनके बेडरूम में चले गए और मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए और फिर एक एक करके उनके सारे कपड़े उतार दिए.
उनको देखकर मैं पागल सा हो रहा था, मैंने उनकी चूचियों को चूसना शुरु कर दिया और चूसता रहा 10-12 मिनट तक. वो अहह अहह करती रही.
फिर मैंने उन्हें बेड पर लेटा दिया और उनकी चूत को चूसने लगा. क्या मस्त सुगंध आ रही थी उनकी चूत में से, मेरी पूरी जीभ उनकी चूत के अन्दर जा चुकी थी.
वो अहह अह जैसी सिसकारियाँ भर रही थी और मैं पागलों की तरह उनकी चूत को चाट रहा था.
अब हम दोनों एकदम पागल से हो गए थे, मुझसे रहा नहीं जा रहा था, मैंने झट से अपना लम्बा लण्ड उनकी चूत में घुसा दिया झटके से, उनकी एकदम आवाज निकल गई- अहह ! निकालो इसे ! निकालो इसे ! करने लगी वो !
मैंने डर कर निकाल लिया कि पता नहीं क्या हो गया.
उन्होंने कहा- तुम्हारा लण्ड बहुत बड़ा है, और बहुत मोटा है. मुझे बहुत दर्द हुआ.
मैंने सोचा कि कहीं वो मना न कर दे, मैंने उन्हें चुप कराया और फिर से धीरे से अपना लण्ड उनकी चूत में डाल दिया.
उन्होंने फिर आवाज की- अहह अहह अहह !
पर इस बार उन्होंने रोका नहीं मुझे और मैं धीरे धीरे उनको चोदने लगा. फिर वो सिसकारियाँ लेने लगी, अहह अहह करने लगी.
फिर मैंने जोर जोर से अन्दर-बाहर करना शुरु कर दिया, झटके के साथ एकदम जोर जोर से, वो रोने जैसी हो गई- अहह अहह अहह अहह करने लगी और बिस्तर पर तड़पने लगी, अपने हाथो से चादर को पकड़ने लगी और वो खूब अहह अहह करने लगी.
मैं चोदता रहा उनको, वो कहने लगी- बस करो ! मैं मर जाऊँगी. बस करो !
पर वो सिर्फ चिल्ला रही थी, उन्हें खूब मज़ा आ रहा था, वो मुझे बीच बीच में देख रही थी और मुस्कुरा कर अहह अहह कर रही थी.
मुझे तो एकदम पागल सा लग रही थी वो !
मैं अन्दर-बाहर करता रहा, करता रहा.
मैंने करीब 10 मिनट तक उनको ऐसी ही चोदा और बहुत मज़ा आया मुझे.
फिर उन्होंने अचानक कहा- मैं तुम पर चढ़ कर सवारी करुंगी.
मैं बिस्तर पर लेट गया और वो मेरे ऊपर आ गई और घोड़े जैसे सवारी करने लगी, क्या मस्त सवारी कर रही थी वो ! मेरा पूरा लम्बा लण्ड उनकी चूत में जा रहा था और उनकी चूचियाँ मेरे मुँह में थी, मेरे तो कुछ दूसरा दिमाग में था ही नहीं, बस उनकी चूचियाँ और मैं ! ऐसे वो मुझ पर डोलती रही काफी देर तक, इतने में वो झड़ गई और शांत सी हो गई पर मैं नहीं रुका और मैंने और उन्हें 10 मिनट तक चोदा, फिर मैं भी झड़ने जैसा हो गया तो मैंने कहा- अब मेरा पानी निकलने वाला है.
तो उन्होंने कहा कि पानी को वो पीना पसंद करेंगी. मैं उनके चेहरे पर झड़ने लगा जिसे उन्होंने अपने जीभ से पूरा चाट लिया और पी गई.
उसके बाद वह मेरा लण्ड चूसने लगी और दस मिनट तक मेरा पूरा लण्ड उन्होंने चूसा और एकदम साफ़ कर दिया.
उसके बाद उन्होंने कहा- तुम मुझसे ही शादी कर लो ! और हंस दी.
दोस्तो, उस दिन से वो आंटी मेरी बीवी जैसी हैं और मैं अकसर उन्हें चोदता हूँ और मज़ा करता हूँ. आपको मेरी सच्ची कहानी कैसी लगी मुझे ईमेल करके बताएँ.