ग्रुप सेक्स स्टोरी में पढ़ें कि एक 60 साल के मैच्योर मर्द से मेरी दोस्ती हुई. वो अपने एक दोस्त के साथ मेरी चुदाई करना चाहता था. मैंने उनसे कैसे मजे लिये?
हाई फ्रेंड्स, मैं आपकी सेक्सी जान रश्मि है। मेरा जिस्म एकदम मस्त है। मेरे जिस्म को देखकर बहुत से लौड़े खड़े हो जाते हैं और वह मुझे चोदने के लिए मचलने लगते हैं। मेरे बूब्स 32 के हैं और मेरे हिप्स का साइज 36 है जबकि मेरी कमर 30 के साइज की है।
जिन्होंने मेरी इससे पहले वाली कहानी नहीं पढ़ी है, उनके लिये बता दूं कि मैं एक हाउस वाइफ हूं. मेरे फिगर के बारे में भी आप जान ही गये हैं. मैं आपको बता दूं कि मैं घर में अकेली ही रहती हूं क्योंकि मेरे पति का काम ऐसा है कि वो कई बार महीनों तक बाहर ही रहते हैं.
अपने अकेलेपन को दूर करने के लिए मैं अंतर्वासना का सहारा लेती हूं. मुझे अन्तर्वासना की सेक्स कहानियां पढ़ना बहुत अच्छा लगता है। तो अब मैं आप लोगों को अपनी एक थ्रीसम सेक्स हॉट स्टोरी बताती हूं.
यह मेरी सच्ची थ्रीसम सेक्स हॉट स्टोरी है. जब मैंने अंतर्वासना पर अपनी पहली कहानी लिखी थी तो मुझे बहुत सारे ईमेल आए थे. तभी मुझे एक 60 साल के व्यक्ति का ई-मेल भी आया था. वह बहुत ही मैच्योर व्यक्ति थे। उनका नाम रमेश था. यह नाम मैंने बदल दिया है.
उनसे मेरी बातें शुरू हुईं तो मैं उनके बारे में जानने लगी. धीरे धीरे उनसे काफी बातें होने लगीं. मुझे वह एक अच्छे इंसान लगे। मुझे उन पर पूरा भरोसा हो गया था.
धीरे-धीर हम एक दूसरे के करीब आने लगे। एक दिन उन्होंने अपनी एक इच्छा जताई. वो कहने लगी कि वो मेरे साथ थ्रीसम करना चाहते हैं.
मैंने पूछा- मगर थ्रीसम किसके साथ होगा? हम तो दो ही हैं.
वो बोले- मैंने तुम्हारे बारे में अपने एक दोस्त को बताया था. वह और मैं एक साथ मिलकर तुम्हें चोदना चाहते हैं.
मैं- ठीक है, वैसे मेरा भी मन कर रहा था कि मैं थ्रीसम करूं.
रमेश बोले- बहुत अच्छे, अब ये बताओ कि हमारे पास कब आ रही हो? हम दोनों ही तुम्हें टूट कर प्यार करना चाह रहे हैं.
मैं- बहुत जल्द आऊंगी.
फिर उसने मेरी बात अपने दोस्त से करवानी भी शुरू कर दी. उनके दोस्त का नाम कमलनाथ था. रमेश 60 के थे और कमल 55 के करीब थे. कमल अभी भी जवान लगते थे. जो फोटो उन्होंने भेजी थी उसमें वो काफी फिट भी लग रहे थे.
उसके बाद धीरे धीरे उन दोनों से मेरी बातें होती रहीं. कमल मेरी चूत मारने के लिए बुरी तरह से तड़प रहा था. रोज मुझे व्हाट्सएप पर अपने खड़े लंड की फोटो भेजता था. कभी अपने लंड से निकल रहे वीर्य का वीडियो बना कर मुझे भेज देता था.
जल्दी ही वो समय भी आ गया जब मैं अपने उन दोस्तों से मिलने गई. हमने एक होटल में रूम बुक किया हुआ था। उस दिन मैंने एक ब्लैक कलर की साड़ी पहनी हुई थी और उस पर रेड कलर का ब्लाउज था.
काली साड़ी पर लाल ब्लाउज मेरे गोरे बदन पर एकदम जंच रहा था. नाखूनों पर लाल रंग की नेल पोलिश मेरे पहनावे के साथ मैच करके कहर बरपा रही थी. खुले चमकीले बाल और पैरों में हाई हील. देखने में मैं एकदम से चोदू माल लग रही थी.
मुझे देखते ही उन दोनों के मन में तो जैसे लड्डू फूटने लगे. आज उनको एकदम मस्त माल चोदने के लिए मिलने वाला था। हम रूम में गये और थोड़ा रिलेक्स हो गये.
उसके बाद हमने ड्रिंक करना स्टार्ट किया. कमल को मैंने जैसा फोटो में देखा था वो बिल्कुल वैसे ही थे. जबकि रमेश फोटो से अलग थोड़े ज्यादा उम्र के लग रहे थे. मगर मैं रमेश को भी बहुत पसंद करती थी.
तो ड्रिंक करते हुए हमें थोड़ा थोड़ा सुरूर होने लगा. कमल से रुका नहीं जा रहा था और उसने मेरे पास आकर मेरी जांघ को सहलाना शुरू कर दिया. फिर दूसरी ओर से रमेश भी आ गये और मेरी दूसरी जांघ को सहलाने लगे.
कमल ने अपने गिलास को नीचे रखा और एक हाथ से मेरी पीठ और दूसरे से जांघ को सहलाने लगा. वो बीच बीच में मेरी गर्दन पर हल्के चुम्बन भी दे रहा था. जिससे मुझे दारू का नशा और ज्यादा चढ़ता हुआ लग रहा था.
फिर उन दोनों ने मुझे दोनों ओर से बांहों के घेरे में कैद कर लिया और मुझे दोनों ओर से चूमने लगे. मेरे बदन में मदहोशी छाने लगी. दो दो मर्द मुझे अपने आगोश में समाने के लिए बेताब हो रहे थे.
दोनों ने मुझे अपनी बांहों में भर लिया और मुझे किस करने लगे. एक मेरे गाल को चूम रहा था और दूसरा मेरी गर्दन और मेरे लिप्स को अपने मुंह में लेकर चूसने की कोशिश कर रहा था। मैं उन दोनों के बीच में जैसे छटपटा रही थी।
आज एक भारतीय नारी एक कमरे में दो मर्दों के बीच में मजा करने वाली थी। इस तरह की इच्छाएं हर किसी के मन में होती हैं. कई लोग चोरी छुपे कर भी लेते हैं लेकिन कोई खुलकर सामने नहीं आता. होता भारत में भी सब है मगर हर कोई अपनी फीलिंग्स यहां शेयर करना नहीं चाहता।
खैर छोड़ो, मैं सीधे कहानी पर आती हूं। अब रमेश मेरी चूचियों को छेड़ने लगा और उसकी देखा देखी कमल भी दूसरी ओर से मेरे बूब्स को दबाने लगा. उन्होंने मेरी साड़ी के पल्लू को गिरा दिया और मेरे लाल ब्लाउज में कैद मेरे गोरे चूचे जैसे उन दोनों को पागल करने लगे.
वो जोर जोर से मेरे स्तनों को दबाने लगे. कमल तो ब्लाउज के ऊपर से ही मेरी वक्षरेखा को चाटने लगा, उसमें जीभ फिराने लगा. मैंने उसके सिर को अपनी चूचियों में दबा लिया और उसको प्यार देने लगी. उसके बालों में हाथ फिराने लगी. वो मेरी चूचियों को मुंह में भरने के लिए बेताब हो रहा था.
उसके बाद रमेश ने पीछे से मेरे ब्लाउज का हुक खोल दिया. उन्होंने फिर मेरी साड़ी को मेरे पेटीकोट से निकाल दिया. फिर मुझे उठा कर मेरी साड़ी खोल दी और अलग कर दी. अब मैं खुले ब्लाउज के साथ उनके साथ सोफे पर बैठी थी.
फिर कमल ने मेरे ब्लाउज को उतार दिया और मेरी मोटी मोटी गोरी चूचियां उन दोनों मर्दों के सामने नंगी हो गयीं. वो दोनों मेरी चूचियों पर दोनों ही तरफ से टूट पड़े. एक चूची को रमेश ने तो दूसरी को कमल ने अपने मुंह में भर लिया.
वो दोनों जोर जोर से मेरे बूब्स को चूसने लगे और मेरे निप्पलों को काटने लगे. दो दो मर्दों की जीभ का स्पर्श अपने निप्पलों पर पाकर मैं तो मदहोश होने लगी. मैं उन दोनों के सिर को अपने बूब्स में दबाने लगी.
तभी कमल ने मेरे पेटीकोट को घुटनों तक उठा कर अपना हाथ मेरी जांघों में दे दिया और मेरी जांघों पर हाथ फेरते हुए मेरी चूत को टटोलने लगा. जैसे ही उसका हाथ मेरी पैंटी पर लगा उसने मेरी पैंटी को पूरी की पूरी अपने हथेली से कवर करते हुए मेरी चूत को पकड़ कर अपने हाथ में भींच दिया.
मैं एकदम से सिहर गयी और उचक कर मैंने कमल को एक तमाचा मार दिया. मैं बोली- आराम से करो, मैं कहीं भाग नहीं रही.
फिर कमल ने मेरी पैंटी में हाथ दे दिया और मेरी चूत को सहलाने लगा. इधर रमेश भी मेरी चूची से बच्चे की तरह खेल रहे थे.
मेरे बूब्स से खेलने के बाद कमल ने मेरे पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया और उसे नीचे सरका कर मेरी टांगों से अलग करवा दिया. अब मैं केवल पैंटी में उनके बीच में बैठी थी.
फिर कमल नीचे उठ कर घुटनों के बल बैठ गया. उसने मेरी पीठ को सोफे से सटा दिया और फिर मेरी जांघों को फैलाते हुए मेरी दोनों टांगों को खोल दिया. मेरी सफेद पैंटी में छुपी हुई मेरी चूत उसके सामने उभर कर आ गयी.
कमल मेरी पैंटी के ऊपर से मेरी चूत को चाट चाट कर जैसे खाने लगा. अब रमेश के दोनों हाथों में मेरे दोनों भारी भारी चूचे थे. वो उनको दबा दबा कर पी रहे थे. मेरी चूत ने अब मेरी पैंटी को गीली करना शुरू कर दिया था.
शायद कमल को मेरी चूत के रस का स्वाद मिलने लगा था इसलिए वो मेरी पैंटी को ही खाये जा रहा था. मेरी चूत पानी छोड़ रही थी. फिर उन दोनों ने मुझे खड़ी किया और दोनों मुझे पर ऐसे टूट पड़े जैसे गिद्ध किसी मांस के टुकड़े को नोंचने लगते हैं.
वो दोनों मेरे बदन को ऊपर नीचे और आगे पीछे से चूमने, चूसने और चाटने लगे. मेरे कानों से लेकर गांड के छेद तक और मेरी चूत से लेकर मेरे पंजों तक मेरे शरीर का कोई अंग उन्होंने चाटे बिना नहीं छोड़ा.
फिर वो मुझे बेड पर ले गये और फिर से चूमने लगे. फिर कमल ने मेरी पैंटी को उतारा और मेरी चूत को सूंघने लगा. सूंघने के बाद उसने मेरी चूत को जीभ से सहलाना शुरू कर दिया.
मेरे मुंह से जोर जोर की सिसकारियां निकलने लगीं- आह्ह … स्सस … आई … ओह्ह … उफ्फ … ओह्ह माय गॉड … कमल … सो गुड … आह्ह … ऐसे ही … आई … आह्ह।
दो मिनट मुझे तड़पाने के बाद फिर उन दोनों ने अपने अपने कपड़े भी निकाल दिये और दोनों पूरे के पूरे नंगे हो गये. कमल और रमेश दोनों का ही लंड लगभग एक जैसा ही था. दोनों का ही काला लंड था. रमेश का थोड़ा मोटा था जबकि कमल का कुछ लम्बा था.
मैं खुश हो गयी कि मैं दो दो मस्त लौड़ों से चुदने वाली हूं. मेरी चूत में भी लौड़े के लिए बहुत तेज प्यास लगी थी. एक बार फिर से वो दोनों मेरे ऊपर टूट पड़े. रमेश ने मेरे मुंह में लंड दे दिया और कमल मेरी चूत को चूसने लगा.
अब मैं रमेश के लंड को जीभ फिरा फिरा कर चूसने लगी और वो मेरे मुंह में धक्के देने लगा. साथ ही साथ वो मेरी मोटी मोटी चूचियों को जोर से भींच रहा था. अब मेरी हालत देखिये.
एक ओर नीचे कमल मेरी चूत में जीभ चला चला कर मुझे पागल कर रहा था. दूसरी ओर ऊपर की तरफ रमेश मेरे मुंह में लंड का मजा दे रहा था और साथ ही मेरी चूचियों का मर्दन भी हो रहा था. मैं तो मदहोशी की हालत में जाने लगी.
वो मुझे इतना चूस रहे थे कि मैं उनके बीच में मछली की तरह तड़प रही थी. मुझे सांस भी नहीं आ रही थी लेकिन मजा बहुत आ रहा था. फिर कमल ने मेरी टांगों को ऊपर उठाकर अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया और मुझे चोदने लगा.
मेरे मुंह में अभी भी रमेश का लंड था और वो लगातार अपने लंड को धक्के लगा लगा कर मेरे मुंह में घुसाये जा रहा था. उन दोनों ने मेरे जिस्म को अपने हाथों और अपने पैरों में दबा रखा था।
कमल की स्पीड बढ़ती ही जा रही थी और मैं जैसे चुद चुद कर सातवें आसमान की सैर करने लगी थी. कमरे में तेज तेज धक्कों की पट पट … फट फट की आवाजें गूंज रही थीं।
इतने में ही रमेश के लंड ने मेरे मुंह में वीर्य की पिचकारी मार दी और अपने लंड को मेरे मुंह में दबा दिया. उसने मेरे गले तक लंड को फंसा दिया और सारा वीर्य मुझे अंदर ही पिला दिया.
कमल के धक्के मेरी चूत में बराबर लग रहे थे. अब रमेश ने मेरे हाथों को छोड़ दिया था और मैंने कमलनाथ को अपने ऊपर खींच कर उसको जोर से अपनी बांहों में जकड़ लिया और उसके चूतड़ों पर अपनी टांगें लपेट कर चुदने लगी.
मुझे स्वर्ग सा मजा मिल रहा था. बहुत दिनों के बाद चूत चुदवाने में इतना मस्त मजा आ रहा था. मैं कमल को गर्दन पर चूम चाट रही थी और उसकी सांसें भारी होकर उसके बदन में पसीना आने लगा था मगर वो लगातार मेरी चूत में धक्कमपेल कर रहा था.
मैं उसकी कमर पर हाथ फिराने लगी. अपने चूड़ी वाले हाथ उनके चूतड़ों तक ले जाकर उनकी कमर पर फिर आ रही थी। इस बीच में मुझे इतना मजा आ गया कि मैंने अपने होंठ उसके मुंह में दे दिए और उनसे तेज तेज धक्के मारने के लिए कहने लगी.
कमल ने और तेज धक्के लगाने शुरू कर दिए और इस बीच में मेरा पानी निकल गया।
मुझे ऐसे तड़पता और झड़ता देख कर कमल से भी रहा न गया और उसने मेरी चूत में अपना वीर्य छोड़ दिया और झटके मारते हुए मुझ पर गिर गया. उसने अपने वीर्य से मेरी चूत को भर दिया.
कुछ देर के विराम के बाद हम एक बार फिर से तैयार हो गये. हम फिर से सेक्स करने लगे। अबकी बार हमने पोजीशन बदल ली। अब कमल ने मेरे मुंह में लंड दे दिया और चुसवाने लगा जबकि रमेश ने मेरी चूत की पोजीशन संभाल ली.
रमेश मेरी चूत को चाटने लगा और मैं एक बार फिर से चुदने के लिए तैयार हो गयी. रमेश का लंड भी एक बार फिर से तन कर मेरी चूत में जाने के लिए तैयार दिख रहा था. उसने मेरी चूत में अपना लंड लगाया और अंदर पेल दिया.
लंड अंदर गच्च से चला गया और रमेश बड़े ही रिदम के साथ मेरी चुदाई करने लगा. कुछ देर चोदने के बाद उसने मुझे उठने को कहा. मैंने कमल का लंड मुंह से निकाला और रमेश नीचे आकर लेट गया.
मैं उसके ऊपर आ गयी और उसकी जांघों के बीच में बैठते हुए मैंने अपनी चूत में उसका लंड ले लिया और कूद कूद कर चुदने लगी. कमल ने मेरे पास एक बार फिर मेरे मुंह में लंड दे दिया और मैं चुदते हुए लौड़ा भी चूसने लगी.
कुछ देर लंड चुसवा कर कमल ने मुझे रमेश के ऊपर झुका कर उसकी छाती पर लिटा दिया. रमेश का लंड मेरी चूत में ही था. फिर कमल ने मेरी गांड पर थूक लगाया और अपने लंड का सुपारा मेरी गांड पर रगड़ने लगा. मैं जान गयी कि मेरी गांड चुदाई होने वाली है.
अब कमल ने धक्का लगाया और मेरी चीख निकल गयी. मगर रमेश मेरे होंठों को अपने होंठों से लॉक कर लिया और इतने में ही कमल ने जोर लगा कर पूरा लंड मेरी गांड में घुसा दिया. दो मिनट का विराम देकर एक बार से दोनों लौड़े मेरे छेदों को खोलने लगे.
कमल का लंड मेरी गांड चोद रहा था और रमेश का लंड मेरी चूत। वह दोनों मुझे बहुत देर तक ऐसे ही चोदते रहे। फिर उन्होंने मुझे घोड़ी बना लिया। एक-एक करके मुझे चोदने लगे और मैं बारी बारी से ही करके उनके लंड के सामने आती गई।
वो अपना लंड कभी मेरी चूत में तो कभी मेरी गांड में अंदर बाहर करते गये. कुछ देर तक वह मुझे ऐसे ही चोदने के बाद वो दोनों चरम सीमा के करीब पहुंच गये थे. मैं भी दो बार और झड़ गयी थी. फिर कमल ने मेरी मेरी गांड में अपना वीर्य निकाला और रमेश ने मेरी चूत में अपना माल भर दिया.
फिर सब के सब ढेर हो गये. उन्होंने मुझे बहुत थका दिया था। मैं एकदम थक कर साइड में लेट गई। हम लोग बहुत ज्यादा पसीने में और गंदे भी हो गए थे तो हम साथ में नहाने चले गए. हम तीनों साथ में नहाये। वहां जाकर भी उन दोनों ने अपना लंड मुझे चूसने को कहा. मैं अपने घुटनों पर बैठ कर उनके लौड़ों को बारी बारी से चूसने लगी।
कभी एक के लंड को चूसती और कभी दूसरे के लंड को। मैं दोनों के लंड को चूस रही थी और वो दोनों आंखें बंद करके अपने लंड को चुसवाने का मजा ले रहे थे. उन दोनों ने अपने-अपने हाथों में मेरे दोनों बूब्स को पकड़ रखा था और मेरे बूब्स को दबाने का मजा ले रहे थे.
फिर उन दोनों ने मुझे बाथरूम में भी चोदा।
हमारे ऊपर पानी चल रहा था. हमारे तीनों के जिस्म भीगे हुए थे। मेरे भीगे हुए जिस्म पर पानी एकदम मोती की तरह चमक रहा था। इस बीच में वह दोनों मुझे जमकर चोद रहे थे. उन्होंने मुझे घोड़ी बना रखा था. एक ने मेरे मुंह में अपना लंड दे रखा था व दूसरे ने मेरी चूत में अपना लंड घुसा रखा था।
चुदते हुए अब मेरे मुंह से चीखें निकलने लगी थीं क्योंकि मैं बहुत थक गई थी. अब मुझे दर्द भी हो रहा था. मुझे ऐसे चिल्लाती देख दोनों जोर से मुझे चोदने लगे. फिर रमेश मेरे मुंह में झड़ गया और कमल ने एक बार फिर मेरी गांड में लंड पेल दिया.
मैं दर्द से बिलखती रही और कमल मेरी गांड चुदाई करता रहा. उसके बाद उसका वीर्य भी मेरी गांड में ही निकल गया. फिर हम तीनों अलग-अलग हो गए. हम काफी देर तक वहां पर नहाते रहे और एक दूसरे के जिस्मों से खेलते रहे.
उन्होंने एक बार फिर मुझसे अपने लंडों को चुसवाया.
उसके बाद वो बोले- बेबी मजा आ गया … तुम तो बहुत गर्म माल हो यार … मैं तो एकदम से फ्रेश हो गया तेरी चूत मार कर। तुमसे मिल कर सारी प्यास मिट गयी.
उसके बाद उन्होंने मुझे वापस भेज दिया और वो अपने अपने रास्ते चले गये. इस तरह से मुझे उन दोनों ने जम कर चोदा और मैंने भी थ्रीसम का पूरा मजा लिया.
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