दोस्तो, मेरा नाम राज है (बदला हुआ नाम) मैं सूरत गुजरात का रहने वाला हूँ.
मेरी देसी गर्लफ्रेंड की चुदाई कहानी एक साल पहले की है.
एक मेरा दोस्त था, उससे मेरी दोस्ती मेरी एक दोस्त के जरिए हुई थी.
वो मुझे काफी मानने लगा था.
हम दोनों काफी समय बिताने लगे थे.
वो मुझसे अपने घर आने की बात कहता था तो मैं भी कह देता था कि हां जरूर आऊंगा.
एक दिन उसके घर में पूजा थी तो उसने मुझे अपने घर बुलाया था.
इससे पहले मैं कभी उसके घर नहीं गया था.
मैंने उससे कहा- ठीक है, मैं जरूर आऊंगा.
वो रविवार का दिन था.
मैं उठा, फ्रेश हुआ और अपने दोस्त के यहां जाने के लिए तैयार हो गया.
अपनी कार लेकर मैं उसके घर पहुंच गया.
वहां काफी लोग थे.
मैं अपने दोस्त से मिला. उसने मुझसे हाथ मिलाया और बैठाया.
फिर उसने किसी रिंकी को आवाज देकर बुलाया और चाय पानी देने के लिए बोला.
जब वो रिंकी नाम की लड़की मेरे लिए चाय पानी लेकर आई तो मैंने उसे ध्यान से देखा.
दिखने में वो कोई खास नहीं थी, पर उसका फिगर बहुत ही मस्त था.
मैं उसके तने हुए मम्मों को देखता रहा.
वो भी मेरी तरफ देख कर मुस्करा रही थी.
तभी मेरा दोस्त आ गया और उसने बताया= ये मेरी बहन रिंकी है.
तब मुझे पता चला कि ये माल इसकी बहन है.
कुछ देर बाद पूजा शुरू हो गई और 2 घंटे तक पूजा चली.
उस बीच रिंकी मुझे बार बार देख रही थी और मैं भी उसकी जवानी देख कर गर्म हो रहा था.
उसके बाद आरती हुई और सबने प्रसाद खाया.
अब मैंने अपने दोस्त से कहा- यार, मैं घर जा रहा हूं.
उसने कहा- खाना खाकर जाना.
मैंने कहा- नहीं, रहने दो … मुझे कुछ काम है.
पर वो नहीं मान रहा था.
फिर उसके मम्मी पापा आए और वो सब भी बोलने लगे.
लेकिन मैंने मना कर दिया और मैं वहां से निकलने लगा.
उसकी बहन मुझे गेट तक छोड़ने आई और मुस्कुरा कर बोली- घर आते रहिएगा.
रिंकी की मुस्कान देखकर मैंने कहा- ठीक है.
वहां से मैं निकल गया लेकिन उस टाइम से मेरे दिमाग़ में उसका फिगर घूमता रहा.
मैं घर आ गया और उसके नाम की मुठ मारी.
मैंने सोच लिया कि मैं कैसे भी करके रिंकी को सेट करके जरूर चोदूंगा.
मैं अब अपने इस दोस्त से कुछ ज्यादा मिलने लगा और इसके लिए उसके घर बार बार जाने लगा.
मैं कई बार उस दोस्त के घर गया मगर मुझे उसकी बहन से बात करने का मौका ही नहीं मिल रहा था क्यूंकि उसके घर में कोई ना कोई होता ही था.
मैं उससे एक बार अपने दिल की बात करने की कोशिश करता रहा.
ऐसे ही एक दिन जब मैं उसके घर गया और दरवाजा खटखटाया तो रिंकी ने दरवाजा खोला.
उसने मुझे देखा और मुस्कुरा कर मुझे अन्दर आने के लिए बोली.
मैं अन्दर आया, तो उसने दरवाजा बंद कर दिया.
मैंने रिंकी से पूछा- कोई दिख नहीं रहा है … सब लोग कहां हैं?
मेरा मतलब उसकी फैमिली से था.
उसने बताया कि सब लोग बाहर गए हुए हैं.
मैंने पूछा- तो तुम क्यों नहीं गई?
उसने कहा- मेरा मन नहीं था.
मैंने सोचा कि आज रिंकी से बात करने का अच्छा मौका है.
पर मेरी गांड फट रही थी कि इससे अपने दिल कि बात कैसे करूं.
मैं अभी यही सोच रहा था कि वो मेरे लिए पानी लेकर आई और उसने गिलास मेरी ओर बढ़ा दिया.
मैंने खड़े होकर उसके हाथ को टच करते हुए पानी का गिलास उसके हाथ से लिया.
वो मेरे हाथ का स्पर्श पाकर कुछ शर्मा गई और बोली- आप बैठिए, मैं आपके चाय लेकर आती हूं.
मैं वहीं बैठ गया और वो जब किचन की और जाने लगी तो उसकी मटकती हुई गांड को देख कर मेरा लंड खड़ा होने लगा.
फिर कुछ मिनट बाद वो 2 कप चाय लेकर आई.
उसने एक कप मुझे दिया और एक खुद लेकर पीने लगी.
मैं सोचने में लगा हुआ था कि इससे कैसे बात शुरू करूं.
मैं अभी सोच ही रहा था कि उसने मुझसे कहा- आप चाय क्यों नहीं पी रहे हो, क्या हुआ … कोई टेंशन है क्या?
मैंने बोला- नहीं.
वो बोली- तो चाय पीजिए न!
मैं चाय पीने लगा और मैंने सोचा कि जो होगा देखा जाएगा; आज इससे अपने दिल की बात करके ही रहूँगा.
मैंने उसके बारे में पूछा- तुम अभी क्या कर रही हो?
उसने मुझे अपने बारे में बताया कि वो अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रही है.
फिर मैंने उससे कहा- रिंकी मुझे तुमसे एक बात करनी थी.
उसने आंखें मटका कर पूछा- क्या बात करनी थी?
मैंने कहा- तुम बुरा तो नहीं मानोगी?
तो उसने कहा- नहीं, आप बिंदास कहें.
मैंने कहा- मैंने जिस दिन से तुम्हें देखा है, मैं तुम्हारे लिए पागल हो गया हूं. मैं तुमसे प्यार करने लगा हूं. इसी लिए उस दिन से मैं बार बार तुम्हारे घर आता हूँ.
मेरी बात सुनकर उसने हल्के से मुस्कान दी और बोली- मैं भी आप से प्यार करती हूँ, पर मैं आपसे कह नहीं पाई.
उसका जवाब सुन कर मैं तो समझो पागल ही हो गया.
अब मैं उठा और उसके पास जाकर बैठ गया.
वो मेरी तरफ देखने लगी.
मैंने अपने होंठ उसकी तरफ बढ़ा दिए तो उसने आंखें बंद कर लीं.
मैं समझ गया कि ये राजी है.
मैंने उसके होंठों पर किस कर दिया तो उसने भी मुझे किस किया.
फिर मैंने उसको उठाया और अपनी गोद में अपनी तरफ मुँह कर बिठा लिया.
मैं उसे किस करने लगा. वो भी मुझे किस करने लगी.
किस करते करते मैं उसकी चूचियों को धीरे धीरे दबाने लगा और वो गर्म होने लगी.
हम दोनों उसके घर में थे तो मैंने उससे कहा- घर के बाकी के लोग कितनी देर में आएंगे?
उसने कहा- शायद आने वाले ही होंगे. अब आप मुझे छोड़ दीजिए, वर्ना कोई आ जाएगा.
मैंने उससे कहा- मैं छोड़ने नहीं आया हूँ तुम्हें पाने आया हूँ.
वो मेरी बात सुनकर खुश हो गई और बोली- हां मैं भी आपको छोड़ना नहीं चाहती हूँ. मगर अभी सभी के वापस आने का समय हो गया है.
मैंने रिंकी को छोड़ दिया और हम दोनों ने एक दूसरे का मोबाइल नम्बर एक्सचेंज कर लिया.
फिर मैं वहां से चल दिया और रात में उसे फ़ोन करने लगा.
हम दोनों प्यार की बातें करने लगे और सेक्स की बातें भी करने लगे.
ऐसे ही एक रात हम दोनों सेक्सी बात कर रहे थे तो मैंने उससे कहा- रिंकी मुझे तुमसे अकेले में मिलना है.
वो भी कहने लगी- हां मुझे भी आपसे मिलना है.
हम दोनों ने मिलने का प्लान बनाया.
वो शुक्रवार का दिन था.
मैंने सिटी से बाहर एक होटल में रूम बुक किया और तय समय पर हम दोनों उस होटल में आ गए.
होटल के कमरे के अन्दर आकर हम दोनों बेड पर बैठ गए.
थोड़ी देर तक हम दोनों ने इधर उधर की बातें की.
फिर मैंने उसे अपनी तरफ खींचा और किस करने लगा.
वो भी मुझे किस करने लगी.
मैं उसकी चूचियों को कपड़े के ऊपर से दबाने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी.
अब मैं आपको उसकी फिगर का साइज बता देता हूं. रिंकी की चूचियां 32 इंच की थीं, कमर 30 की और गांड का साइज 34 था.
मैंने रिंकी से कहा- रिंकी आज मैं तुम्हें जन्नत का मजा दूंगा.
उसने कहा- मैं भी आज आपको खुश कर दूंगी.
अब मैंने उसका टॉप उतारा.
उसने सफ़ेद कलर की ब्रा पहनी थी.
मैं ब्रा के ऊपर से ही उसकी चूचियां दबाने लगा और अपना एक हाथ उसकी बुर पर रख कर उसकी बुर को रगड़ने लगा.
वो गनगना उठी.
मैंने उससे पूछा- पहले कभी ये सब किया है?
तो उसने कहा- नहीं, आज पहली बार आपने ही मुझे छुआ है.
मैंने उसकी जींस को उतार दिया.
उसने लाल रंग की पैंटी पहनी हुई थी. मैंने भी अब अपने सारे कपड़े निकाल दिए और नंगा हो गया.
मैंने अपना लंड उसके हाथ में दे दिया और वो लंड को सहलाने लगी.
मेरा लंड टाइट होकर अपनी औकात में आ गया.
मेरा लंड करीब 6.5 इंच हो गया था.
वो मेरे लंड को देख कर बोली- ये मेरी पिक्की में कैसे जाएगा?
मैंने कहा- तुम बस देखती जाओ कि कैसे ये तुम्हारी बुर में जाता है.
मैंने उसकी ब्रा और पैंटी दोनों को उतार दिया और उसकी बुर को देखा.
वाह क्या मस्त बुर लग रही थी, वो अपनी चुत को एकदम क्लीन शेव करके आई थी.
फिर मैंने कहा- रिंकी मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूसो.
वो मना करने लगी तो मैंने कहा- ठीक है … नहीं चूसना है तो अपने कपड़े पहन लो. मुझे कुछ नहीं करना है.
फिर उसने मेरा लंड अपने हाथों में ले लिया और अपने मुँह में लेकर चूसने लगी.
हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए और मैं उसकी बुर चाटने लगा, वो मेरा लंड चूसने लगी.
दस मिनट तक एक दूसरे का आइटम चूसने के बाद मैंने उसे सीधा किया और उसके दोनों पैर फैला कर अपना लंड उसकी बुर पर सैट कर दिया.
वो बेहद गर्मा गई थी और लंड के लिए मचलने लगी थी.
मैंने उसके होंठों को अपने होंठों से दबाया और एक जोर का धक्का दे दिया.
पहले शॉट में ही मेरा आधा लंड उसकी बुर में घुस गया.
रिंकी को दर्द होने लगा और वो छटपटाने लगी.
वो मुझसे छूटने की कोशिश करने लगी लेकिन मैंने उसे छोड़ा नहीं और दूसरा धक्का दे दिया.
अब वो रोने लगी और छूटने की कोशिश करने लगी.
मगर मैंने उसे कस कर पकड़े रखा और धीरे धीरे अपना लंड अन्दर बाहर करने लगा.
थोड़ी देर ऐसा करने पर उसे अच्छा लगने लगा.
जब उसका दर्द कम हो गया तो उसने कहा- हां, अब मजा आ रहा है.
मैंने स्पीड बढ़ा दी और उसे दनादन चोदने लगा.
उसके मुँह से सेक्सी आवाजें आने लगीं.
मैं उसके ऊपर चढ़ कर करीब दस मिनट तक उसे चोदता रहा.
फिर मैंने उसे डॉगी स्टायल में किया और उसकी चुत में अपना लंड एक ही बार में डाल दिया.
वो आंह कह कर मेरा लंड खा गई.
मैं उसे हचक कर चोदने लगा, डॉगी स्टायल में मैं उसे 15 मिनट तक चोदता रहा.
अब हम दोनों अपनी चरम सीमा पर पहुंच गए थे. मैंने अपना वीर्य उसकी चुत में ही छोड़ दिया.
जब हम दोनों अलग हुए तो बेड पर खून लगा हुआ था.
खून देख कर रिंकी घबरा कर बोली- ये क्या हुआ?
मैंने उसे समझाया और बताया- पहली बार चूत की सील टूटने से खून निकलता है और दर्द होता है. पहली बार के बाद मजा ही मजा आता है.
वो हंस दी.
फिर हम दोनों ने अपने आपको साफ किया और वहां से निकल गए.
उसके बाद तो मैं महीने में दो तीन बार अपनी देसी गर्लफ्रेंड की चुदाई करने लगा था.
मैंने उसकी गांड भी मारी, उसकी गांड चुदाई की कहानी मैं बाद में बताऊंगा.