मेरे प्यारे दोस्तों को मेरे यानि मुन्ना की तरफ से मेरे खड़े लंड का सलाम. मुझे उम्मीद है कि आप सब एकदम मस्त और ठीक होंगे. आपका लंड हर रोज चुत की गहराइयों को नापता ही होगा.
साथ ही मेरी सभी प्यारी फीमेल फ्रेंड्स भी अपनी चुत को खूब टांगें उठवा कर चुदवा रही होंगी. मैं भगवान से ये ही दुआ करता हूँ कि हर लंड को इतना दम दे कि वो जिस चूत में भी जाए, उसकी इच्छा पूरी करके ही बाहर आए.
अन्तर्वासना सेक्स स्टोरी के माध्यम से आप सभी को अपनी गर्म स्टोरी सुना रहा हूँ. मुझे यकीन है कि मेरी सेक्सी और कामुक स्टोरी पढ़कर सभी लड़कों के लंड खड़े हो जाएंगे और सभी चूतवालियों की गुलाबी चूत अपना रस जरूर ही छोड़ देगी.
मैं मुन्ना राज हूँ. मैं मोतिहारी, पटना, बिहार से हूँ. मैं आप लोगों को अपनी एक सच्ची घटना बताने जा रहा हूँ. शायद आप लोगों को अच्छी लगे. ये मेरी पहली सेक्स स्टोरी है, तो थोड़ी बहुत ग़लती हो सकती है. कहानी आपको कैसी लगी, ये आप सभी अपनी प्रतिक्रिया ज़रूर देना.
मैं मोतिहारी में एक रिप्यूटेड फ़ार्मा कंपनी में काम करता हूँ. मेरे एक फ्रेंड की 19 वर्षीया सिस्टर है, उसने अभी 12 वीं का एग्जाम दिया है.
उसने मुझे कॉल किया कि उसे मुझे कुछ काम है. उस समय मैं बिज़ी था, तो उससे ठीक से बात नहीं कर पाया. कुछ देर बाद काम से फ्री होकर मैंने उसे वापस कॉल किया.
उसने बोला- प्लीज़ किसी को कुछ बताना नहीं, तो मैं अपनी बात कहूँ.
मैंने उसे आश्वस्त किया, तो उसने बोला कि मुझे कुछ मेडीसिन चाहिए थी. ये दवाएं कुछ ऐसे हैं, जिन्हें मैं खुद किसी फार्मेसी स्टोर में जाकर नहीं माँग नहीं सकती हूँ. मुझे अच्छा नहीं लग रहा है.
मैंने फिर भी उससे कहा- ठीक है तुम बताओ, कौन सी दवा लेनी है?
दोस्त की सिस्टर ने मुझसे बहुत रिक्वेस्ट करके बोला- मुझे बच्चा गिराने वाली मेडीसिन चाहिए.
उसकी इस मांग से मुझे सारी बात समझ आ गई.
मैंने सीधे पूछा- जिसके साथ किया है … उससे माँग लो न.
उसने बोला- वो अब बात ही नहीं कर रहा है … उसने फोन भी ऑफ कर दिया है.
मैंने डाइरेक्टली कहा- मुझे क्या मिलेगा?
उसने भी बेहिचक बोल दिया- जो आप चाहो … लेकिन किसी को कुछ बोलना मत.
मैंने ओके बोल दिया.
दूसरे दिन मैंने उसे मेडिसिन दे दी, लेकिन उससे कुछ माँगा नहीं. रात में उसने पूछा- मेडिसिन लेनी कैसे है?
मैंने बोला- पहले अपनी पिक सेंड करो … तो बताऊंगा.
दोस्त की सिस्टर ने अपनी एक पिक सेंड कर दी.
मैंने बोला- ये नहीं न्यूड पिक.
उसने पहले कुछ आना-कानी की, लेकिन बाद में दे दी.
फिर मैंने बोला- मैं जो बोलूँगा, वो करना पड़ेगा.
उसने पूछा- क्या … बताओ तो?
तो मैंने बोला- बाद में बता दूँगा … और उसे मेडिसिन कैसे लेनी है, वो बता दिया.
अब मैंने सोच लिया था कि मुझे इसके साथ अपनी फंतासी पूरी करनी है, जिसके लिए जल्दी जीएफ़ भी रेडी नहीं होती है. कुछ इस तरह का सेक्स करना था जिसमें आम लड़कियों को घिन आती थी. जैसे लंड से मुँह चोदना, उसके ऊपर पेशाब करना और गांड मारना.
फिर कुछ दिनों तक उसने मुझे कोई कॉल या मैसेज नहीं किया. मैं भी बिज़ी था. कोई 15 दिनों बाद दोस्त की सिस्टर का कॉल आया. उसने मुझे हेल्प के लिए बहुत थैंक्स बोला. फिर बताया कि 2 दिन पहले ही पीरियड्स बंद हुए. पहले दिन तो बहुत पेन हुआ और उसके बाद 10-12 दिनों तक रुक रुक के ब्लीडिंग हो रही थी. अब तो नॉर्मल हो गया.
फिर मैंने पूछा- अब मुझे क्या मिलेगा?
उसने बोला- जो आप बोलो … मैंने तो पहले भी बोला था. आप बताओ आपको क्या चाहिए?
मैंने बोला- सोच लो … बाद में मना मत कर देना.
उसने बोला- आप बोलो तो सही आपको चाहिए क्या है.
तब मैंने पहले बोला- ठीक है कल 2-3 घंटे के लिए मुझसे मिलो. हम दोनों किसी होटल में चलेंगे.
दोस्त की सिस्टर मान गई और 2 दिन बाद का मिलना तय हुआ. दो दिन बाद मैं उसे लेकर एक होटल में गया. इस होटल में मैंने एक कमरा बुक कर लिया था. उसे मैं कमरे में ले गया और उसे अपनी बांहों में लेकर अच्छे से किस करने लगा. उसने भी कोई विरोध नहीं किया. शायद उसे समझ आ गया था कि मैं उसके जिस्म को भोगना चाहता हूँ. उसे इससे कोई ऐतराज भी नहीं था.
वो भी मुझसे चिपक गई. उसने भी बहुत दिनों से चुदाई नहीं कराई थी, तो वो भी बहुत उत्तेजित थी. वो मुझे मस्त स्मूच कर रही थी. अपनी पूरी जीभ मेरे मुँह में डाल कर मुझे चूसे जा रही थी. वो कभी ऊपर वाले होंठों को चूसती … कभी नीचे वाले को चूसती.
फिर धीरे धीरे मैंने उसके सारे कपड़े उतार दिए और बेड पर लिटा दिया.
क्या मस्त बॉडी थी उसकी. उसकी हाइट अच्छी है … यही कोई साढ़े पांच फिट की है. एकदम से पतली है. उसके चूचे तो ज़्यादा बड़े नहीं हैं … अभी 32 इंच साइज़ के ही हैं. बाद में मसलवाने से साइज़ बढ़ जाएगा. उसके पिंक कलर के निप्पल हैं. कमर भी पतली थी, बिना कपड़ों के बड़ी मस्त लग रही थी.
पहले कुछ देर तक तो मैं उसे ऐसे ही देखता रहा. फिर धीरे से उसके चूचे मसलने लगा. वो मर्द का साथ पाकर पागल होती जा रही थी. मैं उसके एक चूचे को प्रेस कर रहा था और दूसरे को मुँह में लेकर चूसने में लग गया.
मेरे दोस्त की सिस्टर चुपचाप मम्मे चुसवाने के मज़े ले रही थी और अपने हाथों से मेरे बालों को सहला रही थी. उसे दूध चुसवाने में बहुत मज़ा आ रहा था.
फिर मैंने उसके एक हाथ को उठा कर उसकी बगल को सक करने लगा. उधर से मस्त महक आ रही थी, उसकी बगलें साफ़ नहीं थीं … थोड़े से छोटे छोटे बाल थे.
मैं दोनों बगलों को चूसने और अच्छे से सूंघने के बाद थोड़ा नीचे आया और उसके पेट पर किस करने लगा. पेट पर किस करते करते मैं उसकी नाभि में जीभ डाल कर उसे चूसने चूमने लगा.
वो मेरी इन हरकतों से पागल होती जा रही थी और मेरे बालों को पकड़ कर कभी कभी खींच दे रही थी. मैं बस उसकी नाभि को चूस रहा था और हाथों से उसके मम्मों को मसल रहा था.
फिर मैं थोड़ा नीचे बढ़ा और उसकी बुर के ऊपर के बालों से खेलने लगा. उसकी बुर पूरी गीली हो गई थी और पानी भी छूटने लगा था.
मैंने दो उंगलियों से उसके बुर की फांकों को अलग किया. अन्दर मस्त गुलाबी गुलाबी सा मांस दिखा और छोटा सा छेद भी मुझे ललचाने लगा.
वो अभी तक ज़्यादा चुदी नहीं थी. मेरे पूछने पर उसने बताया बस बीएफ के साथ 4 बार किया था.
मैंने एक उंगली उसकी बुर में डाली, उसे बहुत अच्छा फील हुआ. उसकी पूरी चुत एकदम अन्दर तक रसीली थी और उससे मस्त महक आ रही थी. मैंने जैसे ही उसके बुर पर अपनी जीभ फिराई, वो ऊपर से नीचे तक वो उछल गई. मैंने उसकी आंखों में आंखें डाल कर उसकी तरफ वासना से देखा.
उसने भी नशीली आंखों से मुझे देख कर कहा- आज तक मेरे बीएफ ने भी कभी मेरी बुर को नहीं चूसा था. वो बस थोड़ी देर बूब्स चूस कर लंड अन्दर डाल देता था.
मैंने बोला- बस मज़े करो … अभी और अच्छा लगेगा.
मैं उसकी बुर को मस्ती से चूसने लगा और उसकी चूत के दाने को उंगली से कभी जीभ से टच करने लगा. वो मचलती रही और मेरे सर को अपनी चूत पर दबा दबा कर मुझे उत्तेजित करती रही. मैं भी कभी उसकी बुर के छेद में जीभ डालता, तो कभी ऊपर से नीचे तक पूरा चाटते हुए चूत चूसता रहा.
फिर उसके पैरों को ऊपर करके मैंने उसकी गांड के छेद को चाटना चूमना शुरू किया. उसकी चूत के अगल बगल वाले पार्ट को चूसा.
कोई 10 मिनट की चुसाई के बाद वो एकदम शांत हो गई थी. मुझे समझ आ गया कि उसका रस निकल गया होगा.
फिर मैं उठा और अपने सारे कपड़े उतार कर उसके बगल में लेट गया. वो उठी और सीधे मेरे लंड को हाथों में पकड़ कर मुँह में लेने लगी.
मैंने उससे कहा- पहले पैरों से स्टार्ट करो और जीभ से पूरा गीला करके चाटो … फिर लंड चूसना.
वो मान गई और अपने जीभ से मारते पैरों को गीला करते हुए ऊपर बढ़ने लगी. मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था.
फिर वो मेरी जांघों तक पहुंच गई और धीरे धीरे उधर चाटने लगी. फिर वो लंड पर आई और उसने पहले लंड के टोपे को मुँह में लेकर चूसना शुरू किया. उसने हाथों से लंड पकड़ा हुआ था.
मैंने उसके हाथ हटाए और कहा- अब चूसो … और जितना अन्दर जा सके, ले कर चूसा करो.
वो वैसे ही करने लगी. वो पूरा लंड अपने मुँह में घुसाना चाह रही थी, लेकिन लंड लम्बा था, तो उसके गले तक पहुंच कर रुक जा रहा था.
लंड चूसने में वो मुझे काफी अनुभवी लगी. पूरा गीला कर करके मस्त लंड चूस रही थी. लंड अन्दर मुँह में लेकर उस पर जीभ भी चला रही थी.
अब मैं उठा और बेड से नीचे आ गया उसके दोनों पैरों को अपने कंधे पर रख कर लंड को उसकी बुर में सैट करके एक झटका लगाया. मेरा लंड एक ही बार में अन्दर चला गया. वो मोटे लंड से हुए दर्द से एकदम से चिल्ला उठी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ उसे ज्यादा पेन हो रहा था, लेकिन बुर पूरी तरह से चिकनी हो गई थी, तो आराम से अन्दर जा रहा था.
मैं उसी पोज़िशन में पूरा लंड अन्दर डाल कर उसे चोदने लगा.
मेरे दोस्त की सिस्टर बोलती रही कि प्लीज़ पैर नीचे कर दो … मुझे दर्द हो रहा है.
मैंने उसकी बात नहीं सुनी.
कुछ देर करने के बाद मैं भी बेड पर आ गया और फिर लंड अन्दर बाहर करने लगा. वो पागलों की तरह ‘आअह्ह … आह्ह्ह्ह..’ कर रही थी. अब उसका भी दर्द ख़त्म हो गया था.
फिर थोड़ी देर करने के बाद मैं बेड पर लेट गया और उसे लंड के ऊपर बैठा लिया. लंड को चूत में फिट करने के बाद मैंने उससे ऊपर नीचे करते हुए चुदाई करने को कहा.
वो कोशिश कर रही थी, लेकिन कर नहीं पा रही थी. फिर मैंने दोनों हाथों को उसके चूतड़ों पर रख कर उसे उठाने लगा और अन्दर बाहर करने लगा.
वो बोलने लगी- आह … पूरा अन्दर जा रहा है … मुझे हल्का सा दर्द भी हो रहा है.
मैंने पूछा- मज़ा आ रहा है?
वो बोली- बहुत … लेकिन अन्दर जाने पर थोड़ा थोड़ा दर्द करता है.
दस मिनट तक धकापेल चुदाई हुई. अब मेरा निकलने वाला था. मैंने उससे पूछा, तो वो बोलने लगी कि प्लीज़ बाहर निकालना … अब मेडीसिन नहीं लेनी है … बहुत दर्द करता है.
मैंने उसे लिटा दिया और उसके ऊपर चढ़ गया. अब मैं ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा और माल निकालते समय उसके चेहरे पर आ कर लंड हिलाने लगा.
उसने मुँह बंद कर लिया, वो समझ गयी थी कि मैं मुँह में निकालने वाला हूँ.
मैंने मुँह खोलने के लिए बोला भी, लेकिन उसने नहीं खोला. मैंने अपना सारा वीर्य उसके चेहरे पर निकाल दिया. कुछ उसके बालों पर भी लग गया.
थोड़ी देर हम वैसे ही लेटे रहे.
वो बोली- उस साले कुत्ते मेरे बीएफ ने मुझे इतनी देर कभी नहीं चोदा और मुझे इतना मज़ा भी कभी नहीं आया था.
मेरे दोस्त की सिस्टर मुझसे चुदने के बाद पूरी तरह संतुष्ट लग रही थी.
फिर वो उठ कर बाथरूम में जाने लगी. मैंने पूछा तो बोली- जोरों से सूसू आई है.
मैंने बोला- मैं चलूँगा.
वो मना करने लगी.
फिर मैंने बोला कि तुमने ही बोला था कि जो मैं बोलूंगा, तुम वो करोगी.
वो मान गई और हम दोनों बाथरूम में आ गए. वो सूसू करने फर्श पर बैठ गई. लेकिन उससे हो नहीं रही थी.
वो बोलने लगी- आप बाहर जाओ, तो होगी.
मैंने बोला- कोशिश तो करो.
कुछ पल बाद उसकी बुर से थोड़ी पेशाब निकली … फिर ज़ोर से निकलने लगी.
मैं उसको पेशाब करते हुए उसकी बुर को टच कर रहा था. कभी ऊपर नीचे … कभी उंगली अन्दर … कभी जहां से पेशाब निकलती है, वहां उंगली लगा रहा था.
उसके पेशाब होने के बाद वो उठने लगी. मैंने बोला- बैठी रहो … मैं भी कर लेता हूँ.
मैंने पूछा- मुँह में करूं तुम्हारे?
वो बोलने लगी- नहीं प्लीज़.
मेरे बहुत बोलने पर बोली- मुँह में नहीं लेकिन बॉडी पर कर लो.
मैंने उसके नंगे जिस्म पर मूतना शुरू कर दिया. थोड़ी देर खड़े रह कर ट्राई करने के बाद मेरा भी पेशाब निकलना शुरू हुआ और सीधे उसकी बॉडी पर जाने लगा. कभी उसके बूब्स, पेट … फिर लंड ऊपर करके उसके चेहरे पर भी कर लिया.
उसको शुरू में तो अच्छा नहीं लग रहा था, पर एकाएक उसे मजा आने लगा … और वो अपने चेहरे पर भी मेरी पेशाब की धार मजे से लेने लगी.
ये सब करने के बाद वो बोली- आप बहुत गंदे हैं.
मैंने उसकी तरफ देखा, तो वो हंस दी
फिर हम दोनों वहीं पर नहाये और कमरे के अन्दर आ गए. हम दोनों कपड़े पहन कर रेडी हुए और एक बार फिर स्मूच किया.
इस तरह मैंने अपने दोस्त के सिस्टर की चुदाई की. मैंने उसके साथ अपनी मर्जी चला ली थी. उसको भी मेरे साथ बहुत मजा आया था. मैंने वापस चलते वक्त उससे पूछा- तुमको मेरे कैसा लगा?
तो उसने कहा- बार बार आने को मन करेगा, ऐसा लगा.
मैंने उसे अपनी बांहों में भर लिया और चुम्मी ले ली.
रास्ते में उसने मुझे बताया कि मुझे आज से पहले सेक्स करने में कभी इतना मज़ा नहीं आया था.
मैंने उसे एक गोली दे दी और बोला- इसे ले लेना, पेन नहीं होगा.
वो खुश हो गई.
ऐसी मजबूरी में शुरू हुई थी सिस्टर की चुदाई … जो लड़की को बार बार चुदाई करवाने की चाहत में बदल गया था.
मेरे दोस्त की सिस्टर की चुदाई कहानी पर मुझे अपना फीडबैक देने के लिए कृपया ईमेल ज़रूर करें, ताकि कहानियों का ये दौर, अन्तर्वासना की चुदाई की कहानी वाले पोर्टल पर … आपके लिए यूँ ही चलता रहे.
[email protected]