नमस्कार दोस्तो, फ्री सेक्स स्टोरी पढ़कर अब मैं खुद एक चोदू बन चुका हूं और चुदाई का कोई भी मौका नहीं छोड़ता हूं.
मेरा दोस्त रोमिल म.प्र.के इंदौर में रहता है. वो शादीशुदा है और अपनी शादीशुदा बहन को भी चोदता है.
उसने मुझसे अपनी बहन भी चुदायी थी.
जब मैं उसकी बहन चोद रहा था तो वो मेरे बगल में अपनी बीवी को चोद रहा था. उसकी बीवी के बूब्स और गांड देखकर मेरा लौड़ा उसकी चुदाई मांगने लगा पर मैंने अपने पर काबू रखा और सिर्फ दोस्त की बहन की चूत गांड मार कर काम चलाया.
मैंने कई बार रोमिल से पिंकी भाभी की तारीफ की.
एक बार मुझे किसी काम से भोपाल जाना पड़ा.
मैंने रोमिल को बताया तो वो और पिंकी भाभी बोली- राज, तुम इंदौर आ जाओ!
तो मैंने भी सोचा जब यहां तक आया हूं और काम भी हो गया तो मिल भी लूं!
मैं रात को 9 बजे इंदौर पहुंच गया और रोमिल मुझे घर पर ले आया.
रोमिल के रूम में दोनों ने अंग्रेजी का हाफ खत्म कर दिया; फिर खाना खाने को बैठे.
तभी पिंकी नाइटी में एक बला की खूबसूरत औरत आई और थाली रखकर बोली- देवर जी, खाना खाओ!
उसे देख मेरा मन तो किया कि इस पिंकी को यहीं पटक कर चोदने लगूं.
खाना खाने के बाद दोनों रोमिल के रूम में आ गए.
थोड़ी देर बाद पिंकी भाभी भी आ गई और बोली- राज तुम तो बहुत स्मार्ट हो.
मैंने कहा- भाभी, आप भी तो क़यामत लगती हो. मेरा दोस्त क़िस्मत वाला है जो आपके साथ रोज सोता है.
तभी रोमिल बोला- भाई, ये तेरी भी भाभी है, तू भी सो सकता है.
इतना बोलकर वो साइड में लेट गया और पिंकी भाभी ने लाइट बंद कर दी.
मैंने कपड़े उतार दिए और बनियान अंडरवियर में लेट गया.
थोड़ी देर बाद पिंकी भाभी मेरे पास आकर लेट गई और बोली- राज, आज लो मैं तुम्हारे साथ लेट गई. अब तो खुश हो?
मैंने कहा- हां भाभी लेकिन मेरा दोस्त क्या सोचेगा. मैंने उसकी बीवी ले ली.
रोमिल बोला- नहीं भाई, पिंकी तेरी भी तो भाभी है.
“हां.” मैंने कहा- ठीक है लेकिन मैं तो बस साथ लेट सकता हूं
तभी पिंकी भाभी बोली- अरे तुम ऐसा क्यों बोल रहे हो?
अब रोमिल को नशा चढ़ने लगा और वो बोला- राज भाई, पिंकी आज की रात तुम्हारी है. कुछ भी करो!
मैंने भाभी की तरफ देखा. वो मुस्कुरा कर शायद इशारा कर रही थी वो तैयार है.
तो मैंने पिंकी भाभी को इशारा किया और भाभी ने अपनी नाइटी उतार दी.
अब वो ब्रा पैन्टी में थी.
मैंने देखा तो रोमिल भी नशे में था और उसकी आंखें बंद होने लगी थी.
ब्रा के ऊपर से मैंने बूब्स दबाने शुरू कर दिया और पिंकी भाभी की जांघों को सहलाने लगा.
वो मेरे होंठों को चूसने लगी और किस करने लगी.
मैं भी जोश में आ गया और पैंटी के अन्दर हाथ डालकर भाभी की चूत सहलाने लगा.
अब धीरे धीरे दोनों ने एक दूसरे को नंगा कर दिया और 69 की पोजीशन में आ गए और दोनों चूत और लंड चूसने लगे थे.
थोड़ी देर बाद मैंने पिंकी भाभी को बोला- भाभी, कैसे चोदूं?
वो बोली- राज, तुम मुझे पिंकी बोलो, भाभी नहीं!
मैंने पिंकी को बिस्तर पर लिटा दिया और उसके ऊपर आ गया. लंड को चूत की दरार में घुसाकर एक झटके से घुसा दिया और भाभी को चोदने लगा.
पिंकी आह उम्मह ऊह हह हाँहह करके लंड लेने लगी.
मैंने उसकी चूचियों को मसलना शुरू कर दिया और होंठों को चूसने लगा और झटके मारने लगा.
अब पिंकी भी ज्यादा उत्तेजित हो गई थी और हहह आहह हहह करके अपनी गांड चलाने लगी.
मैंने पीठ के बल लेट कर पिंकी को इशारा किया तो वो मेरे लंड पर बैठ गई और उछलने लगी.
मेरा लंड सट्ट सटृ अंदर बाहर होने लगा. पिंकी लंड पर उछल उछल कर गांड पटकने लगी और मस्ती से चुदवाने लगी.
अब दोनों तरफ से बराबर झटके लगने लगे और ऐसा लगने लगा जैसे दोनों एक-दूसरे को चोद रहे हों.
पिंकी ने बताया कि रोमिल के लंड में इंफैक्शन हो गया है, जिस कारण उसने 5 दिनों से नहीं चोदा.
अब पिंकी जल्दी जल्दी उछलने लगी और आहह हाँह उहह हह करके चूत से पानी छोड़ दिया.
लंड गीला हो गया और फच्च फच्च फच्च की आवाज करने लगा.
मैंने उसे अपने ऊपर से उतार दिया और घोड़ी बना दिया. उसके उठे हुए कूल्हों के बीच चूत को खोल करके लंड घुसा दिया और तेज़ी से चोदने लगा.
मैं अपना लंड गपागप गपागप अंदर बाहर करने लगा.
अब पिंकी भी अपनी गांड आगे पीछे करने लगी और लंड लेने लगी.
हाँह उहह ओहह करके वो अपनी गांड आगे पीछे करती … मैं और तेज़ तेज़ झटके लगाने लगा.
थोड़ी देर बाद मैंने उसे बिस्तर पर लिटा दिया और चोदने लगा, गपागप गपागप अंदर बाहर होने लगा.
“आहह … ओह राज … और तेज़ तेज़ चोदो मुझे … आह आहह … और तेज़ तेज़!” पिंकी की आवाज से मेरा जोश और बढ़ गया और मैंने अपने लौड़े की रफ्तार बढ़ा दी.
अब थप थप थप थप की आवाज़ से कमरा गूंजने लगा.
पिंकी ने मुझे कसकर पकड़ लिया और झटके के साथ दोबारा पानी छोड़ दिया.
अब मैंने भी अपनी रफ़्तार और बढ़ा दी … और तेज़ी से अंदर-बाहर करने लगा.
थोड़ी देर बाद मेरा शरीर अकड़ने लगा और मेरे लौड़े ने वीर्य छोड़ दिया.
मैं पिंकी के ऊपर चिपक कर लेट गया और उसके होठों को चूसने लगा, उसकी चूचियां दबाने लगा.
थोड़ी देर बाद मैंने अपना लन्ड बाहर निकाल लिया.
कुछ देर बाद हम दोनों बाथरूम में गए और मैं पिंकी को गोद में लेकर आ गया और बिस्तर पर लिटा दिया.
पिंकी ने मेरा हाथ पकड़ कर अपनी चूचियों पर रख दिया और मेरे लौड़े को सहलाने लगी.
मैंने उसे उठाकर बैठा दिया और उसके होठों पर लंड फिराने लगा.
वो गप्प से अंदर ले कर चूसने लगी, मैं उसके बूब्स मसलने लगा और झटके मारने लगा.
थोड़ी देर बाद मैंने उसे उठाकर घोड़ी बना दिया और उसकी चूत में लन्ड घुसा कर गपागप गपागप झटके लगाने लगा.
अब वो आह हहह करके तेज़ी से गांड आगे पीछे करने लगी और बोली- राज, तुम आज मुझे जमकर चोदो. आज फ़ाड़ दे मेरी, और तेज़ तेज़!
मैं भी जोश में आ गया और क़मर पकड़कर तेजी से झटके पे झटके लगाने लगा.
थप थप थप थप की आवाज़ इतनी तेज हो गई कि रोमिल जाग गया.
मैं रूक गया.
तभी हंसते हुए रोमिल बोला- राज भाई, आज तुम अपनी भाभी को खुश कर दो.
मैंने फिर से झटके मारना शुरू कर दिया और बोला- रोमिल भाई, आप सो जाओ मैं भाभी को बिल्कुल खुश करके ही रूकने वाला हूं आज!
अब मेरी शर्म जा चुकी थी, मैं बोला- पिंकी, अब तू जल्दी से लेट जा!
और मैं उसके ऊपर आ गया और चोदने लगा.
पिंकी बोलने लगी- आहह आहहह ऊहह मेरे राजा … चोद अपनी भाभी को … बना दे आज मुझे रंडी!
मैंने उसकी दोनों टांगों को चौड़ा कर दिया. अब लंड सट्ट सटृ अंदर तक जाने लगा और उसकी बच्चेदानी में टकराने लगा.
उसकी चीख निकल पड़ी- आहह हहह आहह ऊईईई ऊईई ईईई!
और उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया.
अब मैंने लंड निकाल लिया और उसके होठों पर फेरने लगा वो लंड को चूसने लगी.
फिर मैंने उसे उठाकर बिस्तर पर झुका दिया और उसकी गान्ड में थूक लगा दिया और लंड को झटके से घुसा दिया.
वो ऊईई ईईई ऊईई ईईई करने लगी.
मैं उसकी चूचियों को मसलने लगा और धीरे धीरे झटके लगाने लगा.
अब पिंकी भी अपनी गांड आगे पीछे करके मज़े से लंड लेने लगी थी.
शायद उसकी आवाज अंकल आंटी के रूम पहुंच गई थी.
दरवाजे के बाहर से आवाज आई- बहू आराम से … नींद टूट रही है.
भाभी बोली- जी माँ जी!
मैं अब भी तेजी से अंदर-बाहर कर रहा था पर पिंकी अब चिल्ला भी नहीं सकती थी.
वो धीरे धीरे आहह आह करके मस्ती से लंड लेने लगी. अब उसकी गान्ड से लंड की दोस्ती हो गई थी और थप थप थप थप की आवाज़ फैलने लगी थी.
मेरा लौड़ा आटोमेटिक चुदाई करने लगा, उसकी चूचियां टाइट होने लगी और मैं दबाने लगा.
अब मेरा शरीर भी अकड़ने लगा और गरम लावा मैंने पिंकी की गांड में भर दिया और उसके ऊपर लेट गया.
थोड़ी देर बाद मैंने लंड निकाल लिया और उसने चूस कर साफ़ कर दिया.
हम दोनों चिपक कर लेट गए और नींद आ गई.
सुबह 6 बजे रोमिल ने दोनों को जगाया और बोला- उठ जाओ, सुबह हो गई है.
हम दोनों नंगे बदन एक दूसरे से चिपक कर लेटे हुए थे जैसे हम दोनों ही पति पत्नी हों.
रोमिल बोला- कपड़े पहन लो!
और वो संडास चला गया.
सुबह के उजाले में पिंकी को देखते ही लंड खड़ा हो गया और पिंकी मुस्कराहट के साथ ही लंड चूसने लगी.
थोड़ी देर बाद दोनों चुदाई के मूड में आ गए और मैंने उसे बिस्तर पर लिटा कर चोदना शुरू कर दिया.
वो सिसकारियां भरने लगी और बोली- राज चोदो … चोदो मुझे … और चोदो!
मैंने उसकी चूचियों को मसलना चालू कर दिया और झटकों पे झटके लगाने लगा.
अब उसे मैंने लंड पर बैठा दिया और उसकी क़मर पकड़कर चोदने लगा.
वो लंड पर उछल उछल कर गांड पटकने लगी.
अब दोनों ही एक-दूसरे को पागलों की तरह चोदने लगे थे.
पिंकी की गांड में कसावट बढ़ी और उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया. गीला लंड फच्च फच्च करके अंदर बाहर करने लगा.
मैंने उसे उठाकर घोड़ी बनाया और गांड़ में घुसा दिया और गपागप गपागप चोदने लगा.
वो सिसकारियां भरने लगी और अपनी गांड आगे पीछे करने लगी.
तभी रोमिल आ गया और हंसने लगा, बोला- तुम दोनों नहीं सुधरोगे. रात में मन नहीं भरा … लगता है.
अब दोनों की चुदाई की थप थप थप बढ़ने लगी.
रोमिल बोला- मेरी बीवी मेरे सामने मेरे दोस्त का लन्ड लेकर कितनी खुश है.
मैंने कहा- भाभी देवर का प्यार है भाई!
और मैं जोर जोर से झटके लगाने लगा और उसकी गान्ड में फिर से लावा निकाल दिया.
लंड निकाल कर मुंह में डाल दिया वो गपागप गपागप चूसने लगी और साफ कर दिया.
हम एक-दूसरे से लिपटकर किस करने लगे.
थोड़ी देर बाद अलग होकर अपने कपड़े पहने.
फिर पिंकी बाहर चली गई और मैं बाथरूम चला गया.
इस तरह मैंने अपने दोस्त की मदद से उसके सामने उसकी बीवी को जमकर चोदा.