दोस्तो, मेरा नाम राकेश है. मेरी हाइट 5.8 फीट है. मेरा शरीर एथलेटिक है. मेरे लिंग का साइज भी ठीक है जो एक चूत को संतुष्ट करने के लिए काफी है.
जहां मैं काम करता हूं वहां पर एक रजनीश नाम का लड़का था. वो काफी अच्छा था और उसने ही पहली बार मुझे एक लड़की से मिलवाया. उस लड़की का नाम था मीनाक्षी.
उसके शरीर की बनावट एकदम किसी हीरोइन की तरह थी. जब मैंने पहली बार उसको देखा तो देखता ही रह गया. उसका फिगर 36-28-36 का था.
मेरे दोस्त ने जब उसको मेरे से मिलवाया तो मुझे यकीन ही नहीं हुआ कि ये लड़की मेरे साथ सेक्स करने वाली है. उसको देखते ही मेरा तो लंड खड़ा होने लगा था. उसकी हंसी भी बहुत मादक सी थी.
उस वक्त तो हमने नॉर्मल बातचीत ही की. इस दौरान वह काफी खुल गयी. मुझे पता चला कि वह काफी खुले विचारों वाली लड़की है. उसके दो बच्चे भी थे.
ऐसे ही उससे बात होने लगी. हम कई महीनों तक तो बातें ही करते रहे. इस दौरान हम सेक्स चैट और फोन सेक्स भी करने लगे थे.
अब दोनों तरफ ही पूरी आग लगी हुई थी. हम दोनों सेक्स करना चाहते थे.
इसके लिए हमने अपना प्रोग्राम सेट किया.
मैंने फैसला किया कि दोस्त के रूम पर चुदाई करेंगे. मैंने दोस्त को बोल दिया कि एक दिन के लिए मुझे उसका रूम चाहिए है.
दोस्त ने पूछा कि क्यों चाहिए तो मैंने बहाना बना दिया.
मैंने उसको ये नहीं बताया कि मैं उसी भाभी को उसके रूम पर चोदने वाला हूं.
अब मैं इंतजार करने लगा कि कब मेरा दोस्त एक दिन के लिए कहीं बाहर जायेगा और मुझे भाभी की चुदाई का मौका मिलेगा.
फिर एक दिन दोस्त का फोन आया कि रूम अगले दिन फ्री रहेगा. ये सुनकर मेरा तो लंड ही खड़ा हो गया. भाभी की चुदाई के सीन अपने आप ही ख्यालों में आने लगे.
मैंने तुरंत मीनाक्षी को फोन किया और कहा कि कल किसी भी तरह से तुम्हें दिन में फ्री रहना है.
वो चुदने के लिए तरस सी रही थी इसलिए उसने तुरंत हां कर दी.
अगले दिन फिर मैं उसे लेने के लिए बताई हुई जगह पर गया.
प्लान के मुताबिक हमने ऐसा समय तय किया था जब उसके बच्चे स्कूल चले जाते थे और उसका पति काम पर चला जाता था. उस वक्त वो घर को लॉक करके कहीं भी आ सकती थी.
उसने हल्के गुलाबी रंग की एक साड़ी पहनी हुई थी. उसमें वो ऐसी लग रही थी जैसे बगीचे में कोई गुलाब खिला हो.
उसके होंठों पर गहरी लाली थी और चेहरे पर कमाल की चमक थी. लग रहा था जैसे दूध में नहाकर आई हो.
फिर मैं उसे लेकर दोस्त के रूम पर गया. जाते ही दरवाजा बंद किया और हमने एक दूसरे को बांहों में भर लिया.
वह मुझे मेरे होंठों पर किस करने लगी और अपना हाथ नीचे ले जाकर मेरे लन्ड पर फेरने लगी.
ऐसा करने से मुझे काफी मजा आ रहा था.
थोड़ी देर तक हम दोनों एक दूसरे को चूसते रहे. वो भी मेरा साथ देती रही.
उसके होंठों की सारी लाली मेरे मुंह में जा चुकी थी. दोनों के होंठ लाल हो गये थे.
उसके बाद मैंने उसे अपने से अलग किया.
फिर मैंने रूम में देखा और सोचा कि थोड़ी बियर और पी लेते हैं.
मैंने अपने दोस्त के फ्रिज से बियर की बोतल निकाली. मुझे पता था कि वो कमीना हर वक्त बियर तो फ्रिज में जरूर रखता है.
मैंने उससे पूछा- तुम लोगी?
उसने कहा- हां, क्यों नहीं! मैं तो कई बार पीती हूं अपनी सहेली के साथ.
इस पर मैं मुस्करा दिया.
मीनाक्षी भी पूरी ऐश करने वाली लड़की थी.
फिर हमने साथ में बियर पी. उसके बाद जब हमें नशा होने लगा तो हमने फिर से किस करना शुरू कर दिया.
वह मुझे पागलों की तरह चूमे जा रही थी.
चूमते हुए वो मेरे होंठों को काटने लगी थी.
मुझे दर्द हुआ तो मैंने उसको रोका.
मैं तो हैरान था कि उसके अंदर कितनी आग थी मर्द के लिए.
एक तो चुदक्कड़ रंडी होती है जिसको केवल चूत में लंड चाहिए होता है.
मगर मीनाक्षी को लंड के साथ साथ रोमांस करने का भी बहुत शौक था.
उसे रोकते हुए मैंने कहा- बहुत टाइम है हमारे पास! आराम से कर लो.
वो बोली- बहुत टाइम कहां है, 2 बजे तो मेरे बच्चे स्कूल से आ जाते हैं. मुझे दोपहर एक बजे तक घर पहुंचना ही होगा.
मैं बोला- कोई बात नहीं, अभी 10.30 का समय हुआ है. अगर लेट हुआ तो मैं छोड़कर आ जाऊंगा.
वो बोली- नहीं, तुम वहां मत आना. किसी ने देख लिया तो मुसीबत हो जायेगी.
फिर मैंने उसको अपनी बांहों में कसते हुए कहा- ठीक है मेरी जान, तो चलो फिर पूरा मजा लेते हैं.
इतना बोलकर हम दोनों एक दूसरे को फिर से किस करने लगे.
अब मेरे हाथ उसके चूचों पर पहुंच गये थे. मैं उसके स्तनों को दोनों हाथों में लेकर भींचने लगा और वो मेरे लंड पर हाथ फिराती हुई मेरे होंठों को चूस रही थी.
उसके हाथ कभी मेरी कमर तो कभी मेरे चूतड़ों पर जा रहे थे.
मैंने उसे बोला कि तुम सबसे पहले मेरा लन्ड चूसो.
उसने तुरंत ही मेरी पैंट को खोला और चड्डी समेत उसे नीचे उतारा.
मेरा लौड़ा एकदम से उछल कर उसकी नाक के सामने आ गया.
वो मेरे लन्ड को हाथ में लेकर आगे पीछे करने लगी.
फिर बोली- यह तो काफी अच्छा है.
मैंने कहा- यह अब तुम्हारा ही है. जितना चाहे इसको प्यार कर लो.
फिर उसने नीचे बैठ कर अपने होंठों को मेरे लंड के टोपे पर कस दिया.
उसने एक मस्त सी किस ली मेरे लंड की और फिर उसको मुंह में अंदर लेते हुए चूसने लगी.
वो मेरे लौड़े को ऐसे चूस रही थी जैसे किसी छोटे बच्चे को लॉलीपोप मिल गया हो.
मैं चुसाई में एकदम खो सा गया.
उसके गर्म मुंह के अंदर मेरे लंड के टोपे पर लगती गर्म जीभ से मैं ज्यादा देर खुद को कंट्रोल नहीं कर पाया.
वह बहुत वाइल्ड होकर मेरे लंड को चूस रही थी.
जब मेरा छूटने को हुआ तो मैं बोला- आह्ह … मीनाक्षी, मेरा निकलने वाला है … आह्ह … धीरे करो ना … आह्ह … मेरी जान।
उसने मेरी बात जैसे अनसुनी ही कर दी और उसी स्पीड से मेरे लंड को चूसती रही.
अब उसके हाथ मेरी गांड पर आकर टिक गये और वो खुद ही मेरे लंड के धक्के अपने मुंह में लगवाने लगी.
2 या 3 मिनट और हुए थे कि मेरा सारा माल उसके मुंह में छूटने लगा.
उसने बड़े ही प्यार से मेरे माल को अपने मुंह में ही छुड़वा लिया.
उसके बाद वो उठकर वॉशरूम में गयी और कुल्ला करके आ गयी.
इसके बाद हम दोनों बेड पर गये और एक दूसरे को किस करने लगे.
वो बोली- अब सब्र नहीं होता, कुछ करो।
मैंने कहा- ठीक है, चलो करते हैं अब कुछ.
उसके बाद मैंने सबसे पहले उसकी साड़ी को उतारा. फिर मैंने उसके ब्लाउज को उतारा.
उसके ब्लाउज उतारते ही उसकी ब्रा को भी उतार दिया. उसके दो रसीले आम बाहर निकल कर आए.
मैंने भी बिना देर किए एक चूचे को मुंह में भर लिया और दूसरे को हाथ से दबाने लगा.
दोस्तो, काफी बार मैंने सेक्स किया था लेकिन आज जो मजा आ रहा था अलग ही था.
शायद मीनाक्षी का आगे बढ़कर साथ देना इसका कारण था.
जो आज मजा आ रहा था वह पहले कभी नहीं मिला.
मैं उसके निप्पल को दांतों से हल्के हल्के काट कर रहा था.
उसके मुंह से सिसकारियां निकल रही थीं- आह्ह … आईई … स्स्स … उफ्फ … आह्ह पी लो इनको।
कुछ देर तक मैं चूसता रही रहा उसके बूब्स।
वो बोली- बस करो अब, मेरी चूत में आग लगी हुई है. एक बार उसकी प्यास को बुझा दो. मुझसे रहा नहीं जा रहा है. जल्दी से मेरी चूत में अपना लंड डाल दो.
मगर मैं अभी कहां डालने वाला था. मैंने उसकी बात को सुनकर अनसुनी कर दिया.
फिर मैं उसके पेट को चूमता हुआ नीचे आने लगा.
मैंने उसका पेटीकोट खोला और उसे अलग कर दिया.
उसकी काले कलर की पैंटी जो कि चूत की जगह से गीली हो गई थी उसको ऊपर से सूंघ कर मैं उसकी खुशबू लेने लगा. मुझे चूत की खुशबू बहुत मादक लगती है और मुझे इसमें बहुत मजा आता है.
दोस्तो, एक बात कहना चाहता हूं कि अगर आप किसी भी महिला के साथ सेक्स कर रहे हो और आपने उसकी चूत को नहीं चाटा या पीया तो सेक्स में कोई मजा नहीं.
इसलिए चूत को मुंह का मजा देना बहुत जरूरी होता है.
फिर मैंने उसकी पैंटी को चूत के दोनों तरफ से पकड़ कर उसकी चूत में जीभ डाल दी.
मैं अपनी जीभ को अंदर बाहर करने लगा.
मीनाक्षी बुरी तरह से तड़पने लगी.
सेक्सी भाभी के हाथ मेरे सिर पर आ गये और उसके बदन में जैसे सैकड़ों मछलियां तिलमिलाने लगीं.
वो एकदम से पागल सी होने लगी.
मेरे सिर को वो अपनी चूत पर दबाते हुए तड़पने लगी और बोली- कुछ करो … आह्ह … नहीं रुका जा रहा … ऊईई मां … हाय … स्स … मेरी चूत को लंड चाहिए … आह्ह … प्लीज मुझे चोद दो.
मैं उसकी चूत को चाटता ही रहा और दो मिनट के बाद वो झड़ गयी.
उसकी चूत से ढेर सारा पानी निकला और मैंने वो पानी सारा का सारा चाट लिया.
कसम से दोस्तो, बहुत मजा आया.
इसके बाद उसने मुझे अपने ऊपर खींच लिया. मेरे होंठों पर लगा उसकी चूत का पानी वो भी चाटने लगी. वो मेरे होंठों को कई मिनट तक चूसती रही. लगभग दस मिनट तक चूसने के बाद मेरे लंड में अब फिर से तनाव आने लगा था.
मेरा लंड खड़ा होता देख वो उठी और उसने मुझे नीचे लिटा कर मेरे लंड को चूसना शुरू कर दिया. कुछ ही देर में मेरा पप्पू एकदम से पूरा टाइट हो गया.
अब मैं भी मीनाक्षी को किस करने लगा. उसके पूरे बदन को किस करने के बाद मैंने उसको नीचे लिटाया और फिर उसकी टांगों को अपने कंधों पर रखवा लिया.
मैंने लंड को चुदासी भाभी की चूत पर रखा और एक हल्का सा धक्का लगाया.
पहले धक्के में ही आधा लंड उसकी चूत में घुस गया.
वह थोड़ी सी चीखी तो मैंने पूछा- क्या हुआ?
वो बोली- कुछ नहीं, बहुत दिनों के बाद चुद रही हूं. इसलिए दर्द हो रहा है.
फिर मैंने धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू किया.
मुझे सेक्स को प्यार से करने में मजा आता है. जो मजा धीरे धीरे धक्के लगाकर चोदने में है वो जल्दबाजी में नहीं है.
मैं ऐसे ही धीरे-धीरे करके करता रहा और साथ साथ उसके होंठों को चूमता रहा.
सेक्सी भाभी मुझे किस करती रही. मेरे हाथ कभी उसकी गांड को दबा देते थे तो कभी फिर से ऊपर उसके चूचों पर आ जाते थे. मुझे इसमें इतना मजा आ रहा था कि पूछो मत.
उसके बाद वह नीचे से अपनी गांड को उठाकर तेज तेज धक्के लगाने लगी.
मैंने भी ऊपर से तेज तेज धक्के लगाने शुरू कर दिए.
करीब 10 मिनट के बाद ही वो फिर से झड़ गई.
मगर मेरा अभी हुआ नहीं था. मैं धक्के पर धक्के लगाए जा रहा था.
वो झड़ने के बाद भी मेरा साथ देती रही और चुदती रही. कमरे में अब पच पच की आवाज गूंज रही थी.
थोड़ी देर बाद मेरा भी निकलने को हो गया तो मैंने पूछा- कहां निकालूं माल को?
वो बोली- अंदर ही निकाल दो. बहुत दिनों से मेरी चूत ने लंड का पानी नहीं पीया है.
फिर मैंने अपना सारा माल उसकी चूत में निकाल दिया.
उसके बाद 5 मिनट तक हम ऐसे ही एक दूसरे को देखते रहे और किस करते रहे. उसको काफी अच्छा फील हो रहा था.
अब मैंने लंड को उसकी चूत से बाहर निकाल लिया. फिर हम थोड़ी देर बाद फ्रेश होने के लिए गए. सेक्सी भाभी चुदाई करके मैं भी आनंदित हो गया था और वो भी खुश हो गयी थी.
तो दोस्तो, यह मेरी थी मेरी सेक्सी भाभी चुदाई स्टोरी. आपको भाभी की चुदाई की ये कहानी कैसी लगी आप मुझे जरूर बताएं. अगर कोई गलती हुई हो तो उसके लिए माफ करें.