दोस्तो, मेरा नाम निहारिका कुमारी है. मैं रांची की रहने वाली हूं. मैं 24 साल की हूं. मेरी हाइट 5 फीट 2 इंच है और मेरी फिगर का साइज 34-32-34 है. मेरी शादी लॉकडाउन से 4 दिन पहले मेरी शादी 18 मार्च को हुई थी. मेरे पति का नाम रविश है जो एक दूसरे शहर हजारीबाग़ में एक कंपनी में काम करते हैं. मेरे हस्बैंड भी दिखने में अच्छे खासे हैं.
शादी के बाद 20 मार्च को मैं अपने ससुराल आई. जैसे ही ससुराल आई तो मेरे पीरियड शुरू हो गए.
मेरे सारे अरमानों पर पानी फिरने लगा क्योंकि मैं अपनी पहली चुदाई को लेकर बहुत उत्साहित थी. मुझे सेक्स का बहुत क्रेव था.
रात को रिसेप्शन हुआ. उसके बाद सबने खाना खाया और फिर रात में मेरी ननद मुझे मेरे पति के कमरे में ले गई. मैं सोच रही थी कि मैं अपने पीरियड्स के बारे में अपने पति को क्या बोलूंगी.
कुछ देर के बाद पति रूम में आ गए और ननद बाहर चली गई. पति मेरे पास बेड पर आए और मुझे एक गुलाब और एक रिंग देकर मुझे ‘आई लव यू’ कहा.
मैं सोच में थी.
फिर उन्होंने मेरा घूंघट उठा दिया.
वो बोले- क्या बात है, तुम कुछ परेशान दिख रही हो?
मैं- हां … थोड़ी सी.
वो बोले- क्या बात है?
मैंने कहा- मेरे पीरियड्स शुरू हो गए हैं.
वो बोले- बस इसी को लेकर परेशान हो क्या?
मैंने कहा- हां.
वो बोले- कोई बात नहीं, जब ये खत्म हो जाएंगे तो तब हम सेक्स कर लेंगे. परेशान होने की जरूरत नहीं है. अब सो जाते हैं, सुबह से फिर बहुत सारे काम करने हैं.
इस तरह से मैं और मेरे हस्बैंड पहली रात को ऐसे ही सो गए. नई नवेली दुल्हन की चुदाई होने से रह गयी.
रिवाज के हिसाब से अगले दिन मुझे मायके जाना था तो वो मुझे लेकर मायके गए.
उसके बाद वहां से आने के बाद उनको ऑफिस से कॉल आ गया और जल्दी से जाने की बात करने लगे.
सासू मां ने पूछा तो बोले- ऑफिस जाना होगा, बहुत जरूरी है.
सासू मां बोली- तो फिर बहू को भी ले जाओ.
वो बोले- ठीक है, जैसा आप कहो.
फिर मैं भी तैयार हो गई और सारी पैकिंग कर ली.
हम लोग हजारीबाग पहुंच गए.
हजारीबाग में मेरे पति ने घर शादी से पहले से ही जमा लिया था.
वहां पहुँचते ही मेरे पति तुरंत अपने ऑफिस चले गए.
फिर वो 7:00 बजे शाम को वापस आए.
मैंने उनके लिए खाना बनाया और हमने खाना खाया.
अगले दिन भी वैसा ही रहा.
फिर तीसरे उनको ऑफिस के काम से चेन्नई भेजा जाना था.
वो बोले कि तीन दिन का काम है.
मैंने पूछा कि मैं अकेली कैसे रहूंगी?
वो कुछ सोचने लगे और फिर किसी को कॉल किया.
10 मिनट के बाद घर की बेल बजी और एक लड़का अंदर आया.
पति ने बताया कि ये दिनू है, मेरा ऑफिस का दोस्त है, और हमारे ऊपर वाले फ्लोर पर रहता है.
मेरे पति ने दिनू से कहा- ये तुम्हारी भाभी है, मैं तीन दिन के लिए चेन्नई जा रहा हूं. तुम इनका ख्याल रखना. कुछ सामान चाहिए तो लाकर दे देना.
फिर उन्होंने दिनू से मुझे मिलवाया और फिर पैकिंग करके जाने लगे.
दिनू ने मेरा नम्बर लिया और वापस चला गया.
मेरे हस्बैंड ने मुंबई पहुंचकर फोन किया.
उनकी फ्लाइट सुबह की थी तो वो मुंबई घूमने चले गए. फिर शाम को अचानक टीवी में न्यूज आई कि पूरे देश में लॉकडाउन लग गया है. हस्बैंड का फोन आया तो मैं रोने लगी और बोली- मुझे यहां फंसाकर चले गए आप!
वो बोले- तुम टेंशन मत लो. मैं आ जाऊंगा. तब तक दिनू तुम्हारे साथ रहेगा, वो ऊपर अकेला ही रहता है.
मैं बोली- मैं उसे अपने रूम में नहीं रखूंगी.
वो बोले- नहीं, अपने रूम में नहीं बोल रहा हूं, उसको दूसरे रूम में रहने देना.
उसके बाद हमने कुछ प्यार भरी बातें कीं और फिर फोन रख दिया.
अगले दिन फिर शाम को मैंने दिनू को फोन किया. बाजार से कुछ सब्जी लानी थी. वो मुझे सब्जी लाकर दे गया. मगर जाते हुए अपना लंड बार बार सहला रहा था. मैंने उसको देखा लेकिन इग्नोर कर दिया. मैं काम करने लगी.
फिर शाम को वो नीचे ही शिफ्ट हो गया. मैंने उसको रूम दिखा दिया और उसको खाना बनाकर दिया. अब रात को मैं देर तक टीवी देखती रही और फिर सो गई. इस तरह से तीन दिन निकल गए.
अगले दिन जब मैं बाथरूम से कपड़े धोकर निकल रही थी तो मेरा पैर फिसल गया और मैं गिर गई. मेरी कमर में दर्द हो गया और मैं मुश्किल से उठकर रूम तक गई. मैंने दिनू को बुलाया और उसको बताया कि मैं गिर गई हूं.
वो दवा लेकर आया, मैंने दर्द की दवाई ली और सो गई.
जब मैं उठी तो दर्द वैसा ही था. फिर वो बाम लेकर आया और बोला कि ये बाम लगा लो. मैं बाम लगाने लगी मगर मेरा हाथ पीछे नहीं जा रहा था. मैंने फिर से दिनू को ही बुलाया. वो बाम लगाने के लिए तैयार हो गया.
मैं पेट के बल लेट गई और वो बाम लगाने लगा.
अपना शर्ट मैंने ऊपर कर दिया था और नीच से ब्रा भी नहीं पहनी थी. मेरी पीठ नंगी थी. वो बाम लगाते हुए अपने हाथ मेरी चूचियों तक लाने लगा जिससे मुझे मजा आने लगा. जब मुझसे रुका नहीं गया तो मैंने उसको मना कर दिया.
फिर वो हट गया.
मैं बोली- मैं खाना नहीं बना सकती दिनू!
वो बोला- कोई बात नहीं भाभी, मैं सारा काम कर दूंगा. आप परेशान मत हो.
फिर वो खाना बनाने चला गया.
मैंने हस्बैंड को फोन किया और सारी बात बताई.
फिर ऐसे ही हम लोग रोमांटिक बातें करने लगे और फिर हस्बैंड मुझे वीडियो कॉल पर लंड दिखाने लगे. मैं गर्म हो गई और फिर कॉल खत्म हो जाने के बाद अपनी पजामी को नीचे करके अपनी चूत में उंगली से सहलाने लगी. मेरी चूत में गीलापन हो गया था.
तभी मैंने दरवाजे की तरफ देखा तो गेट थोड़ा सा खुला हुआ था. मुझे लगा कि शायद दिनू सब कुछ देखकर गया है. कुछ देर बाद वो खाना लेकर आ गया और हमने खाना खाया. मैंने उसको वहीं मेरे रूम में सोने के लिए ही बोल दिया.
वो सोने लगा और मैं भी सो गई.
रात को मुझे मेरे पेट पर किसी का हाथ फिरता हुआ महसूस हुआ. मैंने देखा तो दिनू मेरे पेट पर हाथ फिरा रहा था. मैं लेटी रही और कुछ नहीं बोली. वो धीरे धीरे अपने हाथों से मेरे बूब्स भी दबाने लगा. मुझे अच्छा लगने लगा और मजा आने लगा. पर फिर मैंने एकदम से आंखें खोल दीं और उसको बोली- ये क्या कर रहे थे तुम?
ये सुनकर वो डर गया और माफी मांगने लगा. वो बोला- भाभी मैं कंट्रोल नहीं कर पाया. आप भैया को कुछ मत बताना.
मैं बोली- नहीं बताऊंगी लेकिन तुम्हें मेरी बॉडी की अच्छे से मालिश करनी होगी.
वो बोला- हां, मैं कर दूंगा.
फिर वो मालिश करने लगा और मेरी चूचियों तक हाथ लाने लगा.
मुझे बहुत मजा आने लगा और मैं हल्की हल्की आहें भरने लगी. उसने पूछा तो मैं बोली- देख दिनू, तू जो करना चाहता है कर ले लेकिन ये बात किसी को नहीं बताना! उसने कहा- नहीं बताऊंगा भाभी. फिर उसने मेरी कुर्ती को निकलवा दिया और मेरे बूब्स को नंगा कर दिया.
वो मेरे बूब्स दबाने लगा और फिर हम दोनों एक दूसरे के होंठों पर किस करने लगे. कुछ देर होंठों को चूसने के बाद वो मेरे बूब्स को पीने लगा और पीते पीते उसने मेरी पजामी को खोलकर नीचे कर दिया. अब मेरी चूत भी नंगी हो गई थी. वो मेरी चूत को सहलाने लगा, चूत में उंगली करने लगा और उसको चूमने चाटने लगा.
फिर उसने मेरी चूत में जीभ देकर चूसना शुरू कर दिया. मैं बहुत चुदासी हो गई. अब मेरी चूत में लंड की प्यास लग गई थी. वो तेजी से मेरी चूत में जीभ को चला रहा था और मैं आह्ह … आह्ह … करके उसके मुंह में चूत को धकेल रही थी.
अब उसने अपनी ट्राउजर और टीशर्ट खोलकर साइड में कर दिया और मेरी चूत को फिर से चूसने लगा. मेरे मुंह से आह्ह … आह्ह … की सिसकारियां निकल रही थीं. उसने मेरे दोनों पैरों को फैलाकर अपने लंड का सुपारा मेरी चूत के बीच रख दिया. उसके बाद उसने मेरे दोनों मम्मों को मसलते हुए अपने लंड के सुपारे को मेरी चूत पर रगड़ना शुरू कर दिया.
मेरे सारे बदन में गुदगुदी सी होने लगी और जोश में आकर मैं सिसकारियां भरने लगी. अब दर्द के मारे मेरे मुँह से एकदम से चीख निकल गई क्योंकि उसने एकदम से लंड का सुपारा मेरी चूत में घुसा दिया था.
मुझे लग रहा था कि किसी ने गर्म लोहे का भाला मेरी चूत में घुसेड़ दिया हो. मगर मैंने दिनू को बिल्कुल भी मना नहीं किया क्योंकि मैं पूरे जोश में आ चुकी थी और दिनू का पूरा लंड अपनी चूत के अन्दर लेना चाहती थी.
तभी उसने एक जोर का धक्का और लगा दिया. दर्द के मारे मेरे मुँह से जोर की चीख निकली और मेरी आँखों में आंसू आ गए. मुझे लग रहा था कि जैसे कोई गर्म लोहा मेरी चूत को चीरते हुए अन्दर घुस गया हो.
मैंने दर्द से तड़पते हुए कहा- बाहर निकाल लो अपना लंड, बहुत दर्द हो रहा है.
उसने कहा- थोड़ा बर्दाश्त करो भाभी, फिर खूब मजा आएगा.
उसका लंड मेरी चूत में 3 इंच तक घुस चुका था. तभी उसने एक धक्का और लगाया. मैं दर्द से तड़प उठी. ऐसा लग रहा था कि कोई मेरी चूत को बुरी तरह से फैला रहा हो. मेरी चूत उसकी सीमा से बहुत ज्यादा फैल चुकी थी. उसका लंड 4 इंच तक मेरी चूत में घुस चुका था.
मैंने कहा- दिनू, अब रहने दो, बहुत दर्द हो रहा है. तुम इतना लंड ही डाल कर मुझे चोद दो. बाक़ी का लंड बाद में घुसा देना!
वो बोला- बाद में क्यों, क्या तुम मेरा पूरा लंड अपनी चूत में नहीं लेना चाहती हो?
मैंने कहा- लेना चाहती हूँ.
वो बोला- तो फिर पूरा अन्दर लो.
इतना कहने के बाद उसने पूरी ताकत से एक जोर का धक्का और दे मारा. दर्द के मारे मैं तड़प उठी और मेरी आँखों के सामने अंधेरा छाने लगा. उसका लंड मेरी चूत में 5 इंच तक घुस गया था. मैं रोने लगी.
वो बोला- रो क्यों रही हो?
मैंने कहा- बहुत दर्द हो रहा है. मुझसे ये दर्द बर्दाश्त नहीं हो रहा है. मेरी चूत फट जाएगी.
वो बोला- बस थोड़ा सा सहन करो, कुछ देर में बहुत मजा आएगा.
मैंने कहा- बहुत दर्द हो रहा है! थोड़ी देर ऐसे ही रहना.
वो बोला- ठीक है.
उसके बाद वो मुझे होंठों पर किस करने लगा और मेरे दूधों को दबाने लगा.
कुछ देर बाद जब उसको लगा कि मेरा दर्द थोड़ा कम हुआ तो उसने मेरी कमर को पकड़ लिया और धीरे धीरे मेरी चुदाई करने लगा.
मैं दर्द के मारे तड़प रही थी और मेरा सारा बदन पसीने से नहा गया था. मेरे पैर थर-थर कांप रहे थे. मेरा दिल बहुत तेजी के साथ धड़कने लगा था और मेरी साँसें भी बहुत तेज चलने लगी थीं. मुझे लग रहा था कि मेरा दिल अभी मेरे मुँह के रास्ते बाहर आ जायेगा.
जरा सा रुकने के बाद दिनू ने एक झटके से अपना पूरा का पूरा लंड बाहर खींच लिया.
मुझे लगा कि मेरी चूत भी उसके लंड के साथ ही बाहर आ जाएगी.
पक्क … की आवाज के साथ उसका लंड मेरी चूत से बाहर आ गया.
उसने मुझे अपना लंड दिखाते हुए कहा- देखो भाभी, तुम्हारी कुंवारी चूत की निशानी मेरे लंड पर लगी हुई है.
मैंने देखा कि उसके लंड पर ढेर सारा खून लगा हुआ था.
तभी उसने अपने लंड के सुपारे को फिर से मेरी चूत के मुँह पर रखा और पूरी ताकत के साथ जोर का धक्का लगाते हुए अपना पूरा लंड मेरी चूत में घुसाने की कोशिश की. मैं दर्द से तड़पते हुए चीखने लगी लेकिन नहीं रुक रहा था. पूरा लंड घुसा देने के बाद उसने फिर से एक ही झटके में अपना लंड बाहर निकाल लिया. फिर से लंड मेरी चूत के मुँह पर रखा और पूरी ताकत के साथ जोर का धक्का लगाते हुए अपना पूरा लंड मेरी चूत में घुसा दिया. मुझे पहले से दर्द थोड़ा कम हो रहा था.
तो दिनू ने फिर से धक्के लगाते हुए चोदना चालू कर दिया. अब मैं आहा … ऊउंह … ऊम्मंह … करते हुए आहें भरने लगी.
फिर उसने अपनी चुदाई की स्पीड को बढ़ा दिया और जोर जोर से धक्के मारते हुए चोदने लगा.
मैं भी मस्ती में गांड उछाल कर- आह … दिनू … चोद दो मुझे … ऊउंह ऊम्मंह … बड़ा सुख दे रहे हो … आह … करते हुए चुदाई में उसका साथ देने लगी.
अब वो मुझे बेतहाशा गंदी-गंदी गालियां भी देने लगा था- ले साली रंडी … चुद मेरे लौड़े से … साली मादरचोद.
दिनू के मुँह से इन गालियों को सुनकर मैं और गर्म हो गई और चुदाई के मजे लेने लगी.
फिर उसने मुझे वहीं घोड़ी बनाया और मेरी चूत में पीछे से लंड डाल कर चोदने लगा.
मैं फिर से मस्त आहें और कराहें लेने लगी. मैं ऊम्म्ह … आह … करते हुए अपनी गांड आगे पीछे करते हुए चुदवा रही थी.
करीब बीस मिनट तक उसने मुझे चोदा, फिर ढे़र सारा माल मेरी चूत में ही भर दिया.
हम दोनों अब बुरी तरह थक चुके थे, तो हम दोनों बेड पर ही सो गए.
सुबह उठी तो दिनू ने मेरे लिए चाय बना दी थी.
मैंने उठकर उसको अपनी तरफ खींचा और उसके होंठों पर एक किस दी. मैंने उसको आई लव यू बोला.
उसके बाद मैंने चाय पी और मैं नहाने के लिए चली गई. नहाने के बाद मैंने और दिनू दोनों ने मिलकर नाश्ता बनाया. हमने साथ में नाश्ता किया.
अब उसके बाद हम दोनों टीवी देखने लगे.
फिर दिनू मुझे किस करने लगा. मैं भी उसका साथ देने लगी. फिर दिनू उठा और अपने मोबाइल को टीवी में कनेक्ट किया और अपने फोन में ब्लू फिल्म लगा दी.
हम दोनों पोर्न फिल्म देखने लगे.
दिनू ने बोला कि जैसे-जैसे इस वीडियो में ये लोग कर रहे हैं वैसे ही हम लोग करेंगे.
फिर हम भी वैसा ही करने लगे.
करते करते हम दोनों बहुत गर्म हो गए और दिनू ने दो बार मेरी चूत को चोदा. चोदने के बाद वो बोला- भैया के आ जाने के बाद तो आप मुझे नहीं चोदने देंगी.
मैंने कहा- चोदने दूंगी, चिंता मत करो.
फिर वो बोला- ठीक है, भैया के आने तक मैं आपको घर में नंगी ही रखा करूंगा.
मैं बोली- ठीक है.
उसके बाद दिनू मुझे नंगी ही रखने लगा. जब उसका मन करता वो मुझे चोदने लग जाता था. मैं भी उसके लंड की प्यासी रहने लगी थी और मुझे उससे चुदने में बहुत मजा आता था. इतने दिनों में एक दिनू ने मुझे बहुत चोदा. दिनू ने पूरे लॉकडाउन मुझे चोदा. उसके बाद मेरे हस्बैंड आ गए. पति के आने के बाद उन्होंने सुहागरात मनाने को बोला. जब वो मुझे चोदने लगे तो मैं चूत को भींचकर चुदाई करवाती थी ताकि उनको पता न लगे कि मैं अब कुंवारी नहीं हूं.
मेरे हस्बैंड ने मुझे खूब चोदा. मैं रात को हस्बैंड से चुदती थी और दिन में दिनू से चुदवाती थी. दिनू ने ही मुझे प्रेग्नेंट किया. मैंने उसको ही ये बात सबसे पहले बतायी. दिनू बहुत खुश हो गया.
उसके बाद मैंने अपने हस्बैंड को यह बात बतायी. वे भी खुश हो गए.
इस तरह से मैं पहली बार हस्बैंड के दोस्त से चुदी और मेरी चूत की सील टूटी और मैं उसके बच्चे की मां बनी.