यह स्टोरी मेरी और छोटी (बदला हुआ नाम) के बीच हुए सेक्स की है. यह कहानी जुलाई 2019 की है. छोटी की उम्र 25 साल, रंग गोरा, कद पांच फीट और पांच इंच है. वो शरीर से थोड़ी भारी है.
उसके मम्में बड़े बड़े हैं. उसकी ब्रा का साइज़ 38 है.
नाम से वो छोटी है लेकिन गांड बहुत बड़ी है जो पीछे की तरफ निकली हुई है.
उसकी शादी को 6 महीने ही हुए थे.
छोटी सावन के महीने में कुछ दिनों के लिए अपने मायके में आई हुई थी.
पंजाब में यह रिवाज़ है कि हर लडक़ी का शादी के बाद जो पहला सावन का महीना आता है उसमें वह अपने मायके में रहने के लिए आती है. मेरे से छोटी की भेंट उसी के मायके में हुई थी.
छोटी के घर में छोटी और उसके माता पिता ही रहते थे. उसके पिता जी ज्यादा टाइम खेत पर ही रहते थे. उसकी माता भी दिन में दो से तीन घंटे तक घर से बाहर रहती थी.
मैं उसके मायके में कंस्ट्रक्शन का काम कर रहा था. उनके घर में तीसरी मंजिल पर काम चल रहा था. काम चलते हुए लगभग बीस दिन हो चुके थे.
रोज की तरह रुटीन से मैं काम पर पहुंचा तो देखा कि एक बहुत ही सुंदर नवविवाहिता लड़की घर पर आई हुई थी. जब मैं उनके घर पर पहुंचा तो छोटी झुककर पौंछा लगा रही थी.
उसने ढीली सी बड़े गले की टी-शर्ट पहनी हुई थी. उसने टी-शर्ट के अंदर ब्रा नहीं पहनी हुई थी. उसके चूचे लगभग आधे से ज्यादा दिखाई दे रहे थे.
मैं उसके कबूतरों को एकटक देखने लगा.
उसके मम्मों का रंग दूध सा सफेद था. उसके ऊपर हल्के भूरे रंग के छोटे छोटे मकई के दाने जितने बड़े उसके निप्पल देखकर मेरा लन्ड सलामी देने लगा था.
मैं उसके कबूतरों को देखने में इतना मस्त हो गया था कि मुझे यह भी पता नहीं लगा कि छोटी मेरी तरफ देख रही है.
मेरी तंद्रा तब टूटी जब छोटी ने मुझसे कहा- क्या देख रहे हो?
मैं सकपका गया और बोला- कुछ नहीं देख रहा था.
इतना बोलकर मैं ऊपर चला गया.
दूसरे दिन मैंने छोटी के पिताजी को पेमेन्ट के लिए बोला.
वो बोले- शाम को ले जाना.
चार बजे के करीब छोटी के पिताजी और मां बाइक लेकर कहीं चले गए.
मैंने सोचा कि कहीं नज़दीक ही गये होंगे और शाम तक वापस आ जाएंगे.
काम में लगे मजदूर साढ़े पांच बजे चले गये.
मैं वहीं रुक गया और छोटी के माता-पिता के लौटने का इंतजार करने लगा.
उनका मैंने साढ़े 6 बजे तक इंतजार किया मगर वो नहीं आये.
साढ़े छह बजे मैं नीचे गया और छोटी को आवाज़ लगाई.
वो बाथरूम के अंदर से बोली- आप पांच मिनट बैठो, मैं नहा रही हूं.
मैं वहीं दरवाजे के पास रुककर उसका इंतजार करने लगा.
पांच मिनट बाद वो दरवाजे के पास आई और मुझे अंदर आने को बोला.
मैं उसके पीछे पीछे चलने लगा और उसकी मटकती हुई गांड देखने लगा.
कमरे में जाने पर उसने मुझे कुर्सी दी और खुद भी एक कुर्सी लेकर मेरे सामने बैठ गई.
मैंने उससे उसके पिता के बारे में पूछा तो उसने बताया कि उसकी बहन की तबियत अचानक खराब हो गई है और वो वहां गये हैं और सुबह तक ही वापस आएंगे.
यह सुनकर मैंने छोटी को कहा- तो फिर कोई बात नहीं, मेरा यहां इंतजार करने का कोई फायदा नहीं है, फिर मैं चलता हूं.
तभी वो बोली- पिताजी मुझे आपके काम के बारे में बोल गए थे.
वो उठी और उसने अलमारी से निकाल कर मुझे पेमेंट दे दी.
मैं पेमेंट लेकर उठने लगा और तभी वो बोली- बैठो मैं चाय बनाकर ले आती हूं.
मैंने छोटी को बोला- मैं शाम को चाय नहीं पीता हूं.
फिर वो बोली- मैं दूध ले आती हूं. आप थोड़ी देर बैठो.
वो उठकर रसोई में चली गयी.
वहीं बैठकर मैं मोबाइल में सेक्स स्टोरी पढ़ने लगा. स्टोरी पढ़ते हुए ही मेरा लण्ड मेरी पैंट में तम्बू बना चुका था.
इतने में वो आई और एक छोटे मेज पर उसने दूध रखा.
जब वो झुक कर दूध रख रही थी तभी उसका ध्यान मेरी पैंट में बने उभार की तरफ चला गया और मेरा ध्यान उसकी छाती पर चला गया.
वो मेरे सामने कुर्सी पर बैठ गई. अभी मैं बार बार चोर नज़रों से उसको देखने लगा.
वो भी मुझसे नज़रें मिला रही थी. मैंने उससे बात करना शुरू किया.
मैंने पूछा- आपकी शादी को कितना टाइम हो गया है?
वो बोली- 6 महीने.
फिर मैंने पूछा कि उसके पति क्या करते हैं.
तो उसने बताया कि उसके पति एक कंपनी में जॉब करते हैं.
फिर वो मुझसे मेरी फैमिली के बारे में पूछने लगी.
इतने टाइम में मैंने पूरा दूध पी लिया था; मैंने छोटी को बोला कि अभी मैं चलता हूं.
तभी वो बोली- आप थोड़ी देर और रुक जाओ, मुझको अकेले में बोरियत महसूस होती है.
मैं उसके बोलने और देखने के तरीके से समझ चुका था कि उसकी चूत लन्ड मांग रही है.
उसके बोलने से मैं वहीं रुक गया और हम दोनों एक दूसरे की तरफ देखकर बातें करने लगे.
फिर मैंने मुद्दे को बदल दिया. मैं उससे उसकी शादीशुदा जिन्दगी के बारे में पूछने लगा.
उसने बताया कि उसकी मैरिड लाइफ बहुत अच्छी चल रही है.
फिर मैंने उसके हस्बैंड के काम के बारे में पूछा तब उसने बताया कि वो दुबई गए हुए हैं.
मैंने पूछा- वो शादी के बाद कितने टाइम तक तुम्हारे साथ रहे?
उसने बताया- वो शादी के बाद डेढ़ महीने तक मेरे साथ में रहे.
मैंने उसको बोला- तुम्हारी अभी अभी शादी हुई है और तुम इतने दिनों से पति से दूर हो, क्या तुम्हें उनकी याद नहीं आती?
यह मैंने उसकी आँखों मे देखते हुए पूछा था.
उसने कहा- याद तो बहुत आती है लेकिन कुछ कर नहीं सकती मैं!
जब छोटी ने अपने पति के दुबई में होने की बात कही थी मैं तभी समझ गया था. एक बार लड़की की चूत को जब लंड खाने की आदत पड़ जाती है तो ज्यादा दिन फिर रुक नहीं पाती.
मैं अपनी कुर्सी उसकी कुर्सी के बिल्कुल साथ सटाकर उसके पास बैठ गया.
वो अब नज़रें नीचे करके बैठी थी.
मैंने अपना हाथ उसकी जांघ पर रखा और उसके हाव-भाव देखने लगा.
वो मैरिड लड़की कुछ नहीं बोली और ना ही उसने मेरा हाथ हटाने की कोशिश की.
मैं धीरे धीरे अपने हाथ से उसकी जांघों को सहलाने लगा. उसके गाल टमाटर की तरह लाल हो गये और उसकी सांसें तेज़ तेज़ चलने लगीं.
मेरा लन्ड भी पैंट में ही पूरी तरह तन चुका था.
छोटी की नज़रें भी मेरी पैंट की ज़िप पर टिकी हुई थीं.
मैंने छोटी के गाल पर अपने होंठ ले जाकर उसको किस किया और उसके कान के पास अपना मुंह ले जाकर मैंने उसको आई लव यू बोल दिया.
उसने भी इसे स्वीकार किया और वो खड़ी हो गई. फिर अपनी बांहों को फैलाकर मेरी तरफ देखने लगी.
मैं भी उसका इशारा समझ कर खड़ा हो गया और हम दोनों एक दूसरे को बांहों में भरकर एक दूसरे के जिस्म की गर्मी को महसूस करने लगे.
छोटी ने मेरी गर्दन पर अपने होंठ रखे और पागलों की तरह चूमने लगी. मैं भी उसको यहां वहां चूमने लगा और अपने हाथों से उसके जिस्म के उभारों का मुआयना करने लगा.
दस मिनट बाद मैंने उसको बेडरूम में चलने को बोला.
हम दोनों कमरे में चले गए.
कमरे में जाते ही मैंने अपनी शर्ट उतार दी; उसने भी अपनी टी शर्ट उतार दी.
उसके 36 के मम्में देखकर मेरे सब्र का बांध टूट गया और मैंने उसको बेड पर लेटा दिया और खुद उसके ऊपर लेट गया.
मैंने उसके होंठों से अपने होंठ सटाये और आंखें बंद करके पूरे मज़े के साथ उसके होंठों का रसपान करने लगा.
वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी.
दस मिनट तक उसके होंठों का रसपान करने के बाद मैं उसकी गर्दन पर चूमने लगा.
वो बिन पानी की मछली की तरह मचलने लगी.
मैंने एक हाथ में उसका दाहिना चूचा पकड़ा और उससे खेलने लगा. वो पागलों की तरह अपना सिर दाएं बाएं मारने लगी.
अब वो बहुत ज्यादा गर्म हो चुकी थी, उसकी सांसें तेज़ चल रही थीं.
उसने मुझे उठने को बोला तो मैं खड़ा हो गया.
वो उठी और उसने मेरी बनियान उतार दी.
अब वो घुटनों के बल बैठ गई और उसने मेरी पैंट का हुक खोल दिया और मेरी पैंट नीचे कर दी.
अपने होंठ उसने मेरी जांघ पर रख दिये और चूमने लगी.
मेरे लिए यह पहली बार था कि कोई मेरी जांघों पर चूम रहा था.
उसने अंडरवियर भी नीचे कर दिया और अपने नर्म हाथ में मेरा लन्ड पकड़ लिया.
लन्ड भी उसके नर्म हाथों का स्पर्श पाकर सलामी ठोकने लगा.
वो हाथ आगे पीछे चलाने लगी. पांच मिनट बाद मैंने उसको उठाया और अपनी पैंट और अंडरवियर पूरी तरह से निकाल दी.
अभी छोटी प्लाज़ो पहने हुए थी.
मैंने नीचे झुककर उसका प्लाज़ो नीचे खींचा और निकालकर साइड में रख दिया.
उसने नीचे अंडरवियर नहीं पहनी हुई थी.
उसकी चूत पावरोटी की तरह फूली हुई थी. उसकी चूत पूरी तरह साफ थी. उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था.
मैंने भी उसी की तरह उसकी जांघों पर किस किया.
अपनी जीभ निकाल कर मैं उसके घुटनों से लेकर उसकी चूत के नज़दीक तक जीभ फिराने लगा. मेरे इस तरह करने से वो कामुक आवाज़ें निकालने लगी.
उसने अपने हाथों से मेरे सिर को पकड़ा और चूत की तरफ खींचने लगी.
मैं जानबूझकर उसको सता रहा था.
छोटी अब कंट्रोल से बाहर हो चुकी थी. उसने मुझे बेड पर लेटने को बोला.
मैं बैड पर लेट गया.
वो अपनी चूत मेरे मुंह के पास रख कर 69 की पोजीशन में मेरा लन्ड मुंह में भरकर चूसने लगी.
मैंने उसकी चूत के द्वार को हाथ की उंगली से खोला और अपनी जीभ से उसकी चूत को चोदने लगा.
छोटी मेरी जीभ का स्पर्श अपनी चूत पर पाते ही मेरे लन्ड को गले तक मुंह में भरकर चूसने लगी.
वो मेरे अंडकोषों को हाथ से हल्के हल्के मसलने लगी.
मैं उसकी चूत की क्लिट को जीभ से कुरेदने लगा.
छोटी ने लन्ड मुंह से निकाल लिया और मेरी गोलियों को मुंह में भरकर चूसने लगी.
मुझे बहुत ज्यादा आनंद आ रहा था.
उसकी चूत को मैंने अपनी जीभ से तब तक चाटा जब तक कि उसकी चूत का लावा बह नहीं गया.
उसने मेरा लन्ड चूसना जारी रखा.
उसके झड़ने के पांच मिनट बाद मेरे लन्ड ने भी उसके मुंह को वीर्य से भर दिया. कुछ वीर्य वो निगल गई और कुछ उसके होंठों के बाहर बहने लगा.
वो उठी और उसने मेरा लन्ड और अपनी चूत को अच्छे से साफ किया.
मैं बेड पर लेट गया. वो भी मेरे साथ चिपककर लेट गयी.
पांच मिनट बाद उसने लन्ड को हाथ में पकड़ा और सहलाने लगी. उसके जिस्म की गर्मी और नर्म हाथों के स्पर्श से लन्ड कुछ सेकेंड्स में ही तन गया.
छोटी उठी और मेरे दोनों तरफ टाँगें करके बैठ गई. उसने लन्ड को हाथ से पकड़कर चूत पर सेट किया और एक झटके के साथ नीचे बैठ गई.
लन्ड उसकी चूत की गहराई में उतर गया.
छोटी ने आंखे बंद कीं और लन्ड की गर्मी को अपनी चूत में महसूस करने लगी.
मैं भी उसकी चूत की गर्माहट का आंखें बंद करके आनंद लेने लगा.
उसकी चूत ज्यादा न चुदी होने के कारण अभी भी टाइट थी.
उसने धीरे-धीरे ऊपर-नीचे होना चालू किया. पांच मिनट तक वो बहुत धीरे-धीरे ऊपर-नीचे होती रही.
उसके बाद उसने मेट्रो रेल की तरह स्पीड पकड़ी.
अब वो तेजी से ऊपर नीचे हो रही थी.
हम पसीने से बुरी तरह भीग चुके थे.
उसकी सांसें भी बहुत तेज़ चलने लगीं. वो हर झटके के साथ आह … आह … की आवाज़ें निकाल रही थी.
लगभग पंद्रह मिनट की गर्मागर्म चुदाई के बाद उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया और वो मेरी छाती पर लेटकर झड़ने लगी.
वो मेरी छाती पर इधर उधर चूमने लगी.
पांच मिनट बाद मैंने उसको डॉगी स्टाइल में आने को बोला.
वो उठी और कुतिया की तरह झुक गई.
मैं उसके पीछे गया और लन्ड को उसकी चूत के छेद पर टिका दिया और उसकी चूत के द्वार पर घिसने लगा.
सिसकारते हुए वो मुझसे बोली- प्लीज़ जल्दी डाल दो.
मैंने एक झटका लगाया और लन्ड उसकी चूत में चला गया. मैंने बिना देरी के झटके लगाने चालू कर दिये.
छोटी भी हर झटके के साथ अपनी गांड पीछे धकेलने लगी.
मैं भी पूरे ज़ोर से लन्ड पूरा बाहर निकाल कर फिर अंदर धकेल रहा था. उसके चूचे हर झटके के साथ आगे पीछे हिल रहे थे.
वो पूरी मस्ती से चुदवा रही थी.
मेरा ध्यान उसकी गांड के छेद की तरफ चला गया.
मैंने मन में सोच लिया कि इसकी गांड जरूर मारूँगा.
हमारी चुदाई को चलते हुए लगभग आधा घंटा हो चुका था.
अब मेरे लन्ड से वीर्य निकलने वाला था. मैंने छोटी से पूछा कि मेरा होने वाला है कहाँ गिराऊं?
छोटी बोली- मेरी चूत में नहीं गिराना, मेरे मुंह में गिराओ.
मैंने लन्ड उसकी चूत से बाहर निकाला और खड़ा हो गया.
वो जल्दी से घूमकर घुटनों के बल बैठ गई और मेरा लन्ड उसने मुंह में भर लिया.
मैंने उसका सिर पकड़ा और लन्ड आगे पीछे करने लगा.
लगभग 6-7 झटकों के बाद लन्ड ने वीर्य की बारिश छोटी के मुंह में कर दी. वीर्य की चार पांच पिचकारियों से छोटी का मुंह भर गया.
उसने पूरा वीर्य निगल लिया और लन्ड को चाटकर पूरी तरह से साफ कर दिया.
मैं और छोटी दोनों बेड पर लेट गए.
पंद्रह मिनट बाद वो उठी और किचन में चली गई.
वो केले का शेक बनाकर ले आई.
मैंने थोड़ा सा बनाना शेक उसके चूचों पर गिराया और जीभ से चाट कर पूरा बनाना शेक पी गया.
ऐसे ही थोड़ा थोड़ा शेक उसके चूचों पर गिराकर पीते हुए मैंने पूरा बनाना शेक खत्म कर दिया.
उसने भी अपना बनाना शेक पी लिया.
फिर वो मुझसे लेटने के लिए बोली.
मैं बेड पर लेट गया. वो भी मेरे साथ लेट गई.
थोड़ी देर बाद वो मेरे लन्ड को हाथ में लेकर सहलाने लगी. मेरे लन्ड में तनाव आ गया.
वो उठी और लन्ड को मुंह में लेकर चूसने लगी.
उसने पांच मिनट तक लन्ड को चूसा. लन्ड पूरी तरह टाइट हो गया था.
वो मेरे बगल में लेट गई और मुझे ऊपर आने को बोला.
मैं उसके ऊपर आ गया. उसने अपनी टाँगें मोड़ कर पकड़ लीं.
मैंने लन्ड उसकी चूत पर रखा और एक जोरदार झटके के साथ उसकी चूत में उतार दिया.
मैं बिना रुके लन्ड को छोटी की चूत में पूरी स्पीड से अंदर बाहर करने लगा.
अभी वो पूरी मस्ती में आ चुकी थी.
वो अनाप शनाप बड़बड़ाने लगी- आह्ह … और जोर से … आह्ह … बहुत मजा आ रहा है … मैं तुम्हारी रंडी हूं … अपनी रखैल बना लो मुझे … फाड़ दो मेरी चूत को.
उसका इस तरह बोलना मुझे और ज्यादा उत्साहित कर रहा था. मैं और जोर जोर से उसको चोदने लगा.
उसकी चूत ज्यादा समय तक तेज़ झटकों को बर्दाश्त नहीं कर पाई. दस मिनट में ही उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया.
वो बिल्कुल निढाल सी हो गई.
मैंने भी झटके लगाने बंद कर दिए.
सांसें नार्मल होने के बाद मैंने लन्ड उसकी चूत से निकाला और उसको डॉगी स्टाइल में आने के लिए बोला.
वो फिर से कुतिया की तरह हो गई.
मैंने उसको बोला- मुझे तेरी गांड मारनी है.
उसने गांड चुदाई करवाने से साफ मना कर दिया.
मैंने पूछा- क्यों?
वो बोली- एक बार पति ने मेरी गांड चुदाई की थी. मुझे बहुत ज्यादा दर्द हुआ था.
मैंने कहा- एक बार कोशिश करने में क्या जाता है? अगर ज्यादा दर्द हुआ तो मैं निकाल लूँगा.
मैंने लन्ड उसकी गांड पर सेट कर दिया. मैंने उसकी कमर को पकड़ा और कमर को अपनी तरफ खींचकर पीछे से धक्का लगा दिया. लन्ड उसकी चूत रस से भीगा होने के कारण उसकी गांड में पूरा घुस गया.
छोटी के मुंह से एक चीख निकल गई और उसकी आँखों में पानी भर गया.
वो मुझसे बोली- प्लीज बाहर निकालो, बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है.
मैंने उसकी बात नहीं सुनी और मैं धीरे धीरे लन्ड आगे पीछे चलाने लगा.
छोटी अभी भी दर्द से कराह रही थी. उसकी गांड पूरी तरह से टाइट थी.
मेरा लन्ड पूरा उसकी गांड में टाइट चल रहा था. कुछ समय बाद छोटी की गांड में मेरे लन्ड ने अपनी जगह बना ली. अभी लन्ड आराम से अंदर बाहर हो रहा था.
छोटी भी अब गांड चुदाई का मज़ा ले रही थी.
मैंने स्पीड तेज़ की और उसकी गांड की चुदाई करने लगा.
वो भी हर झटके का जवाब गांड पीछे धकेल कर दे रही थी.
पंद्रह मिनट के बाद मेरे लन्ड ने उसकी गांड में ही वीर्य छोड़ दिया जिससे कि छोटी की गांड की अंदर से अच्छे से सिकाई हो गई.
मैंने दो मिनट बाद लन्ड उसकी गांड से निकाल लिया.
वो इतनी ज्यादा थक चुकी थी कि बेड पर उल्टी ही लेट गई. मैं भी उसको बांहों में भरकर उसके साथ लेट गया.
पंद्रह मिनट बाद मैंने टाइम देखा तो नौ बज चुके थे.
मैंने उसको बोला- अब मुझे चलना होगा.
उसने मुझसे बोला- ठीक है जाओ, मगर सुबह लेबर को छुट्टी दे देना और तुम अकेले ही आना.
इस पर मैंने पूछा- मगर क्यों?
वो बोली- मम्मी-पापा कल शाम को आएंगे. तब तक हम दोनों चुदाई करेंगे.
मैंने उसको बोला- अगर मैं लेबर की छुट्टी कर दूंगा तो मेरी कमाई कैसे होगी?
वो बोली- तुम उसकी चिंता न करो.
वो उठी और अलमारी में से पांच हजार रुपये निकाल कर मुझे देने लगी.
इस पर मैंने पूछा- ये रुपये किसलिए?
वो बोली- ये रुपये तुम रखो.
मैंने फिर पूछा- मगर क्यों?
वो बोली- मैं तुम्हें प्रतिमाह दस हजार रुपये दूंगी, इसके बदले तुम्हें हर इतवार को मेरी चुदाई करनी पड़ेगी.
मुझे और क्या चाहिए था? एक तो गर्म माल की चूत और ऊपर से दस हज़ार हर महीने की कमाई भी.
मैंने बिना देरी किये उसका प्रस्ताव स्वीकार कर लिया.
अगले दिन मैंने लेबर की छुट्टी की और अकेले जाकर छोटी की चुदाई की. उस दिन मैंने छोटी को तीन बार चोदा.
उसके बाद हर इतवार को छोटी और मैं मिलते हैं और चुदाई का खेल खेलते हैं. इसके लिए छोटी ने रोपड़ में ही एक मकान किराये पर ले रखा है.