हाई फ्रेंड्स, मेरा नाम रोहन है, मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ. मेरी उम्र 22 साल की है और हाइट भी ठीक ठाक है. मेरे लंड का साइज़ 8 इंच लंबा और गोलाई में नापा जाए तो 5 इंच की परिधि का मोटा है.
यह कहानी मेरी और मेरी भाभी की है. भाभी का नाम मुनारा है. उनकी उम्र 30 साल है. उनके 2 बच्चे भी हैं. पर उनको देख कर ऐसा लगता ही नहीं है कि वे दो बच्चों की माँ हैं. उन्होंने अपने फिगर को काफी संवार कर रखा हुआ है. उनकी फिगर 38-28-38 की बड़ी ही मदमस्त है.
अन्तर्वासना पर यह मेरी पहली कहानी है, इसलिए आप सभी से निवेदन है कि अगर कहानी लिखने में मुझसे कुछ ग़लती हो जाए, तो मुझे माफ़ कर दीजियेगा. कहानी पढ़ कर मुझे ईमेल करके ज़रूर बताईयेगा ताकि अगली बार मैं उस गलती को ठीक कर सकूँ.
यह बात कुछ दिन पहले की है, मैं रोज की तरह अपने ऑफिस जा रहा था कि मेरी कार खराब होने की वजह से मुझे आज ऑफिस स्कूटी से जाना पड़ गया था. मुझे स्कूटी ड्राइव करे हुए बहुत टाइम हो गया था. साथ ही काफी दिनों से स्कूटी न चलाने के कारण उसकी सर्विस भी नहीं हुई थी.
मैं ऑफिस जाने के लिए घर से निकला तो मुझे जानकारी हुई कि स्कूटी की ब्रेक काम नहीं कर रहे हैं. मैं धीरे धीरे चलाते हुए जैसे तैसे अपने ऑफिस पहुंचा, तो मुझे देर हो गई थी.
फिर शाम को ऑफिस का काम खत्म करके मैं जब ऑफिस से घर के लिए निकला, तो रात हो गयी थी. अँधेरा होने लगा था. मेरे घर से थोड़ी दूर पहले मैं स्कूटी के ब्रेक नहीं लगा पाया और मेरी एक सामने से आ रही कार की टक्कर हो गयी. जिस वजह से मेरे एक पैर में चोट आ गई. कार वाला ही मुझे घर तक छोड़ कर गया. घर वालों ने मेरी पट्टी कराई.
इस दुर्घटना के चलते मेरे 4-5 दिन बेड रेस्ट पर ही निकल गए. मुझे चलने में, उठने में बहुत दिक्कत होती थी. मम्मी और छोटा भाई सब मेरी देखभाल कर रहे थे.
मेरी भाभी, हमारे सामने वाले घर में रहती थीं, उनका हमारे यहां आना जाना लगा रहता था.
करीब 25 दिन बाद मम्मी पापा को छोटे भाई की पढ़ाई के लिए पुणे छोड़ने जाना था. वो उसको लेकर चले गए और भाभी को बोल कर चले गए कि रोहन का ध्यान रखना. हम लोग 2 दिन में आ जाएंगे.
जब सब घर वाले चले गए, तो मैं खाली बैठा था. अब मेरा पैर पहले से काफी ठीक हो गया था, पर अभी भी हल्का दर्द होता था.
भाभी आईं, तो वो खाना बनाने रसोई में गईं. मैं उठा और अपने रूम के साथ, जो वॉशरूम था, वहां गया. पैर पर पट्टी बंधी होने की वजह से मैं जीन्स नहीं पहन पा रहा था, इसलिए घर पर में बॉक्सर पहन कर ही रहता था.
अब मैं जैसे ही फ्रेश होकर उठा, तो मेरे पैर पर नस के ऊपर नस चढ़ गयी और मैं एकदम से तेज दर्द के कारण बाथरूम में ही गिर गया. मेरी चीख निकल गई.
जैसे ही मैं गिरा और चीखा, मुनारा भाभी की आवाज़ आई- अरे रोहन क्या हुआ?
मैं बोला- भाभी आकर मेरी हेल्प करो … मैं गिर गया हूँ.
भाभी आईं, मैंने कैसे तैसे करके वाशरूम का गेट खोला. भाभी ने मुझे सहारा दिया और मेरे एक हाथ को अपने गले में डाल कर मुझे बेड तक लेकर आईं.
भाभी ने जैसे ही मेरा हाथ गले में डाला, मेरा हाथ उनके चूचों पर चला गया. उनके नर्म चूचों के स्पर्श से एकदम से मेरा लंड खड़ा हो गया, पर मैंने अपने आप पर कंट्रोल किया और बेड तक आया.
भाभी ने मुझे बिठा कर पूछा- क्या हुआ था?
मैंने बोला- कुछ नहीं, वो बहुत दिनों से वर्काउट नहीं हुआ है, तो नस पर नस चढ़ गयी थी.
उन्होंने बोला- अच्छा तुम आराम करो, मैं तुम्हारे लिए खाना बना कर आती हूँ.
अब मेरे भेजे में सिर्फ़ अब वो ही सीन आ रहा था. भाभी खाना ले कर आईं और साथ में बैठ गईं.
मैं खाना खा रहा था, तभी मेरे दिमाग में एक आईडिया आया, मैं बोला- काश अभी भाई होता तो मेरे पैरों की मालिश कर देता, तो मेरा दर्द थोड़ा कम हो जाता.
तभी भाभी बोली- रोहन कोई बात नहीं, मैं हूँ न … मैं कर दूंगी.
मैं तो मतलब इतना खुश था कि पूछो ही मत. मैंने प्रत्यक्षतः पूछा- सच में आप कर दोगी?
उन्होंने कहा कि हां … तुम खाना खा लो, मैं जब तक तेल गर्म करके लाती हूँ.
भाभी इतना कह कर किचन में चली गईं. मुझे अब भूख कहां लगने वाली थी. मैंने जल्दी से खाना खाया और बर्तन अलग रख कर लेट गया.
तब तक भाभी भी आ गईं. वे एक कटोरी में तेल ले आई थीं. भाभी ने जैसे ही तेल लगा कर मेरी मालिश शुरू की, मुझे बड़ा मज़ा आने लगा. देखते ही देखते मेरा लंड बॉक्सर में ही खड़ा हो गया और साफ साफ दिखने लगा.
जैसे जैसे भाभी मालिश करते हुए ऊपर को आईं, तो भाभी ने भी मेरा खड़ा लंड देख लिया. मैं आंख बंद करके चुपचाप लेटा हुआ था और मजे ले रहा था. भाभी भी शायद मजा लेने लगी थीं. वे मेरे बॉक्सर तक मेरे पैर को मालिश करने लगी थीं. इससे ये तो तय था कि उनको मेरा खड़ा लंड साफ़ समझ आ रहा था.
तभी भाभी ने धीरे से कहा- रोहन अपना बॉक्सर उतार दो, ये गंदा हो जाएगा.
मैं कुछ बोला नहीं और बस हल्का सा ऊपर उठा. भाभी ने मेरा बॉक्सर निकाल दिया. मैं शर्ट और फ्रेंची में लेटा था. अब भाभी जी को मेरे लंड का साइज़ और अच्छे से दिख रहा था.
मैं इतना मदहोश था कि भाभी ने जैसे ही मेरे लंड पर हाथ रखा, मेरे सारे जिस्म में करेंट सा दौड़ गया. भाभी ने शायद सब समझ लिया था, इसलिए उन्होंने बेख़ौफ़ मेरा फ्रेंची भी उतार दिया.
भाभी मेरा खड़ा लंड देख कर बोलीं- रोहन इतनी उम्र में तुम्हारा ये इतना बड़ा कैसे है? तुम्हारे भैया का तो इससे काफी छोटा है … अगर तुम कहो तो इसकी भी मसाज कर दूँ?
मैंने हां में सर हिला दिया.
भाभी ने मेरे लंड को हाथ से पकड़ लिया और मजे से सहलाने लगीं. फिर देखते ही देखते गप से मेरे खड़े लंड को भाभी ने अपने मुँह में ले लिया और लंड चूसने लगीं.
वाओ … भाभी जी से लंड चुसवाने में क्या मज़ा आ रहा था.
मैंने भाभी से कहा- भाभी, ये तो ग़लत है, अपने मुझे नंगा कर दिया और आप कपड़ों में बैठी हो.
मेरा इतना बोलते ही उन्होंने अपनी साड़ी उतार दी. मैंने इशारा किया तो भाभी ने अपना ब्लाउज पेटीकोट ब्रा सब उतार दिया.
बस अब भाभी अपने देवर के सामने पेंटी में मेरे साथ बैठी थीं. मैंने अपनी शर्ट उतारी और भाभी को अपने ऊपर खींच कर होंठों से होंठ लगा दिए. भाभी भी मुझे चूसने लगीं. करीब 15 मिनट तक हम दोनों ऐसे ही एक दूसरे के होंठों को चूसते रहे.
भाभी मेरे लंड पर हाथ ले जाकर उसे हिला रही थीं और दूसरा हाथ सर पर घुमा रही थीं. मैं भी एक हाथ से उनके चुचे दबा रहा था और दूसरे हाथ से उनकी पेंटी में हाथ डाल कर भाभी की चूत को मसल रहा था.
भाभी जी के मुँह से आहा ऊंह ऊम्हा आहा की मादक सिसकारियां निकलने लगीं.
तभी मैं बोला- भाभी, अपनी पेंटी निकाल दो.
भाभी ने चड्डी निकाली, तो मैं बोला- अब आप औंधी होकर अपनी चूत मेरे मुँह पर रख कर हो जाओ.
भाभी 69 की पोजीशन में हो गईं. उनकी चूत मेरे मुँह पर लगी थी और मेरा लंड उनके मुँह में घुसा हुआ था. हम दोनों एक दूसरे के आइटम चूस रहे थे.
सच में इतना मज़ा आ रहा था दोस्तो … मैं आपको बता नहीं सकता.
दो मिनट में ही गर्म भाभी ने अपना सारा लावा मेरे मुँह में निकाल दिया. मैंने उनकी चूत को चाट चाट कर पूरा साफ कर दिया. इससे हुआ ये कि भाभी दुबारा से गर्म होने लगीं. भाभी भी मेरा लंड गपागप चूस रही थीं. अब भाभी मेरे लंड के नीचे लटक रहे मेरी गोटियों को मुँह में लेने लगीं और फिर लंड चूसने लगीं.
मुझे इतना मज़ा आ रहा था कि बस यूं समझो कि जन्नत का मजा आ रहा था. करीब दस मिनट बाद मेरा भी काम तमाम होने को हो गया था. मेरा भी सारा लावा निकल गया. भाभी भी सारा दही पी गईं और लंड को चाट कर साफ़ कर दिया. फिर भाभी मेरे पास आ कर लेट गईं.
उन्होंने कहा- देवर जी, अभी इतना मज़ा आया है, तो आगे चुदाई में कितना मजा आएगा.
मैं बोला- हां भाभी, आगे आगे देखो क्या मस्त मजा आने वाला है.
भाभी ने कहा- पर रोहन अभी मुझे घर जाना होगा क्योंकि देर हो जाने से किसी को शक ना हो जाए. रात को मैं पूरी प्लानिंग से आऊंगी. मैं घर पर बोल दूंगी कि रोहन की वाशरूम में नस पर नस चढ़ जाने से उसको दिक्कत हो रही है. वो अकेला है, उसको कोई परेशानी ना हो, इसलिए में उसके पास रुक जाऊंगी. फिर रात को पूरा खेल खेलेंगे.
मैंने कहा- ठीक है भाभी जी मुझे आपका इन्तजार रहेगा.
रात को तय प्लानिंग के साथ भाभी जी मेरे पास आ गईं, वे अपने साथ बियर की दो बोतल भी लाई थीं.
हम दोनों ने खाना आदि खा कर बियर का मजा लेते हुए चुदाई की तैयारी शुरू कर दी. भाभी ने अपने कपड़े उतारे और वे सिर्फ ब्रा पेंटी में मेरे साथ मेरे बिस्तर में आ गईं.
हम दोनों ने 69 का मजा लेने का तय किया. फिर भाभी जी अपनी पेंटी उतारी. अभी भाभी अपनी चूत शेव करके आई थीं. उनकी चिकनी सांवली सी चूत एकदम मस्त फूली हुई थी. मैंने भाभी की चिकनी चूत को खूब चूस कर गर्म किया और इस बार उनको झड़ने से पहले ही एक बार चोदना तय किया.
भाभी की टांगें खोल कर मैंने उनकी चूत की फांकों में लंड का सुपारा टिकाया और धचाक से लंड पेल दिया. भाभी कराह उठीं उम्म्ह… अहह… हय… याह… और उन्होंने मीठे दर्द के साथ मेरे लंड को सहन कर लिया. मैंने भाभी की धकापेल चुदाई चालू कर दी. कुछ ही देर भाभी जी भी गांड उठा उठा कर लंड लेने लगीं.
दस मिनट बाद मैं भाभी की चूत में ही झड़ गया.
इसके बाद भाभी ने मुझसे कहा- अभी मुझे और मजा लेना है.
मैंने कहा- हां मुझे भी अभी पूरा मजा लेना है.
इस पूरे मजे के लिए आप सभी दोस्तों को मेरी कहानी के अगले भाग का इन्तजार करना होगा, जो मैं आप सभी के मेल आने के बाद लिखूँगा. मैं अगली सेक्स स्टोरी में आपको बताऊंगा कि कैसे भाभी को मैंने 2 दिन तक लगातार चोदा. दुनिया रात में सोती है और हम पूरी रात चुदाई का खेल खेलते थे.
दोस्तो, कैसी लगी मेरी भाभी की चुदाई कहानी, मैं उम्मीद करता हूँ कि आप सभी को अच्छी लगी होगी. मुझे ईमेल करके ज़रूर बताएं.
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