राजकुमारी की पहली चुदाई

प्यारे दोस्तों, मैं आपकी सेक्सी तनु चौधरी है, मैं दिल्ली की रहने वाली हूँ. मेरी लम्बाई 5’5″, मेरे फिगर का साइज 32 28 34 है! मेरा रंग बिल्कुल दूध की तरह सफेद है, मेरे होंठ लाल और मेरे बाल बिल्कुल काले हैं और उनकी लम्बाई मेरी कमर तक आती है. मैं देखने में बहुत ही सुन्दर हूँ, जो मुझे एक बार देख ले, बस देखता ही रह जाये!
मेरी सहेलियां मुझसे कहती हैं कि तुम्हें तो मॉडलिंग करनी चाहिए!

मैं अन्तर्वासना की प्रशंसक हूँ, अन्तर्वासना पर कहानी पढ़ती रहती हूँ… तो मेरा भी मन किया क्यों ना मैं भी अपनी कहानी अन्तर्वासना को भेज दूँ!
यह अन्तर्वासना पर मेरी पहली कहानी है और मैं अपनी पहली चुदाई की कहानी लिखने जा रही हूँ कि कैसे मेरी पहली बार चुदाई हुई और कैसे मेरी चूत की सील टूटी!

मेरी कहानी शुरू होती है जब मैंने अपनी जवानी में कदम रखा तब से!
जवानी का खुमार चढ़ने लगा और मन किसी से चुदाई का करने लगा था! और उसमें मैं जितनी सुन्दर थी, उतनी ही नखरे वाली थी कि चुदूँगी तो किसी सुन्दर लड़के से!
वैसे जब से मैं जवान हुई, तब से गली के बूढ़े, जवान सभी मुझे खा जाने वाली नजरों से देखते हैं लेकिन मैं किसी को भाव नहीं देती थी. ये सब ऐसे ही चलता रहा!

जब मैं कॉलेज में एंट्री करती थी तब ऐसा कोई नहीं था जिसकी नजर मुझ पर न पड़ती हो और जो मुझे न देखता हो!
कॉलेज के सभी लड़के मुझ पर मरते थे, मेरी एक झलक पाने को लालायित रहते थे. उनमें एक लड़का था अक्षय चौधरी… जो मुझे पसंद था!
वो देखने में सुन्दर था और जिम भी करता था तो उसका शरीर कसा हुआ था. उसकी लम्बाई 6 फ़ीट थी.

वो कॉलेज अपनी बाइक से आता था! उसका बातचीत करने का तरीका बड़ा ही अच्छा था जो मुझे अच्छा लगा!

कुछ लड़कियाँ उसे लाइन मारती थी तो मुझे जलन होती थी कि मुझे पूरे कॉलेज में एक ही लड़का पसंद आया… उसे भी ये साली रांड ले जायेंगी!
मैं उसे पसंद तो करती थी पर अपनी तरफ से ये जाहिर नहीं होने दिया!

लेकिन ऐसा कैसे हो सकता है कि जिस कॉलेज में मुझ जैसी परी हो, उस पर किसी की नजर न जाये! वो भी और लड़कों की तरह मुझसे बात करने की कोशिश करने लगा.
हालाँकि उसका पास आना, बात करना मुझे अच्छा लगता था लेकिन शुरू में मैंने उसको इगनोर किया.
फिर धीरे धीरे बातें होने लगी, एक दूसरे को जानने पहचानने लगे!

फिर एक दिन वो बोला- क्या हम दोस्त बन सकते हैं? सिर्फ दोस्त! ओनली दोस्त… और कुछ नहीं!

मैंने उसको हाँ कर दी!

तो मेरी उससे लव स्टोरी शुरू होती है! जब मैं कॉलेज से घर जाने के लिए निकलती हूँ तो मेरे पास आकर कहता है कि क्या मैं आपको ऑटो स्टैंड तक छोड़ सकता हूँ!
मैंने कहा कि मैं चली जाऊँगी!
पर वो बहुत ही ज्यादा कहता है तो मैं मान जाती हूँ, मैं उसके पीछे बाइक पर बैठ जाती हूँ और वो मुझे ऑटो स्टैंड तक छोड़ देता है.
हम वहाँ खड़े होकर बातें करने लगते हैं फिर वो मेरा नंबर मांगता है तो मैं उसे अपना नम्बर दे देती हूँ! फिर हमारी फोन पर बातें होने लगती है! और हम फिर कॉलेज में भी एक दूसरे के साथ समय बिताने लगते हैं. और यह बात पूरे कॉलेज में आग की तरह फैल जाती है कि तनु चौधरी और अक्षय चौधरी में दोस्ती हो गई है!

कुछ लड़कियों का दिल टूट जाता है जो अक्षय को पसंद करती थी लेकिन सारे कॉलेज के लड़के दुखी हो जाते है कि उनकी पसंदीदा माल की अब दोस्ती हो गई है, अब तो कोई चांस ही नहीं है.

अब हम दोनों की फ़ोन पर बात होना मिलना जुलना आम सी बात हो गई थी! पर अब तक बन्दे ने न तो फोन पर कोई अश्लील बातें की और न ही पार्क में छुआ!

फिर एक दिन उसने मुझे एक पार्क में प्रपोज़ किया- तनु I LOVE YOU… मैं तुमसे प्यार करता हूँ और शादी करना चाहता हूँ!
और मैंने भी उसका प्रपोज़ल स्वीकार कर लिया लेकिन एक शर्त रखी कि शादी से पहले हम कुछ नहीं करेंगे, KISS तक भी नहीं!
उसने कहा- ठीक है!
उसने मेरी बात मान ली और उस दिन हम दिल्ली घूमे, खाया पिया और शॉपिंग की!

फिर हम दोनों को यहां वहां घूमना, खाना पीना, बड़ा अच्छा लगने लगा, मैं अलग ही दुनिया में रहने लगी. सच कहूँ दोस्तो, प्यार के बाद दुनिया ही बदल जाती है! मुझे मेरा सच्चा वाला प्यार जो मिल गया था! मैं अब अपनी दुनिया में बहुत ही ख़ुश थी! अब मैं उस पर खुद से भी ज्यादा भरोसा उस पर करने लगी थी! इतना प्यार करती थी उसे!

फिर एक दिन अक्षय मुझसे बोला कि मैंने अपना सेपरेट रूम ले लिया है, तुम चलकर रूम देख लो कि कैसा है!
अब ना का तो कोई सवाल था ही नहीं!
उससे पहले अक्षय अपने दोस्तों के साथ रहता था.
मैंने कहा- ठीक है, चल कर देखती हूँ! पर आज नहीं कल!

मैं अपने घर पर आ गई!

आने के बाद मैं ब्यूटी पार्लर चली गई और वहाँ मैंने अपने हाथ पैरों की वेक्सिंग करवाई और फिर घर आकर अपनी चूत के बाल साफ किये!
फिर दूसरे दिन मैं अपने कॉलेज को निकल गई!

अक्षय ने मुझे ऑटो स्टैंड से रिसीव कर लिया! मैं कॉलेज न जाकर सीधे अक्षय के रूम पर गई.
उसने अपने रूम के सामने बाइक खड़ी कर दी.

अक्षय ने सबसे नीचे का रूम लिया था, उसने इंटर लॉक खोला, फिर मुझसे बोला- राजकुमारी साहिबा, इस गरीबखाने में आपका स्वागत है, चलिए!
जैसे ही में रूम में घुसी तो एकदम दंग रह गई! उसने मेरे स्वागत में रूम में गुलाब के फूल बिछा रखे थे! पूरे रूम को सज्जा रखा था! फूलों से! रूम देखने में बहुत अच्छा लग रहा था!
फिर मुझसे बोला- राजकुमारी साहिबा, खड़ी रहोगी या बैठोगी भी?
और उसने कुर्सी तरफ बैठने का इशारा किया!

उसका रूम अभी नया बना था, सब कुछ नया था रूम के अंदर!
फिर वो दरवाजे की तरफ मुड़ता है और दरवाजे को लॉक कर देता है!
मेरे दिल की धड़कन तेज होने लगती है!

फिर मेरे पास आकर बोलता- डरने की जरुरत नहीं है, लॉक करना जरुरी था!
मैं हाँ में सर हिला देती हूँ!
फिर भी अंदर एक अजीब सी खुशी, रोमांच और डर का सा माहौल बना हुआ था!

‘कैसा लगा रूम?’
मैंने कहा- मेरे सपनों के जैसा रूम बना दिया इसे आपने! बहुत ही प्यारा और सुन्दर लग रहा है!
वो बोला- तुमसे प्यारा और सुन्दर थोड़े ही हो सकता है!
मैंने शर्मा कर नीचे नजर झुका ली!

‘आपको मेरा गिफ्ट कैसा लगा?’
मैंने कहा- बहुत ही अच्छा और प्यारा लगा! अपने तो मेरा स्वागत बिल्कुल राजकुमारियों की तरह किया है, इसके लिए आपको थैंक्स!
वो बोला- थैंक्स से काम नहीं चलेगा!
मैं बोली- तो?
‘मुझे भी मेरा गिफ्ट चाहिए!’
मैंने पूछा- कैसा गिफ्ट?

इससे पहले वो कुछ बोलता, मैंने ही बोल दिया- शादी के बाद!
उसने कहा- मुझे मेरी शर्त याद है, मैं ऐसा कुछ नहीं करने वाला हूँ और न ही तुम्हें मैं इसलिए लाया हूँ!

मैंने राहत की साँस ली और उसे थैंक्स कहा!
‘तो फिर क्या चाहिये आपको जनाब?’
‘मुझे सिर्फ एक किस चाहिए!’ वो बोला.

मैंने कहा- ठीक है, कर लो, फिर मैं चलती हूँ!
फिर मैंने खड़े होकर उसके माथे पर एक किस कर दिया!
वो बोला- ऐसे नहीं!
‘तो फिर कैसे?’
उसने कहा- मैंने आपको आपके मन माफिक गिफ्ट दिया है!
मैंने कहा- हां!
‘तो फिर आप भी मुझको मेरे मन माफिक गिफ्ट दीजिये! मैं आपको सिर्फ एक किस करूँगा! लेकिन अपनी मर्जी और अपने तरीके से!’

मैंने कहा- लेकिन!
उसने कहा- हां, मुझे याद है!
मैंने कहा- तो फिर ठीक है, जैसा तुम ठीक समझो!

उस वक़्त मैंने जींस और टीशर्ट पहन रखी थी, उसने भी जीन्स और टीशर्ट पहन रखी थी.
उसने कहा- क्या तुम मेरे पास बैठ सकती हो?
मैंने कहा- बैठी तो हूँ!
उसने कहा- बिस्तर पर!
मैंने कहा- ठीक है!

फिर हम बिस्तर पर बैठकर बातें करने लगे! उसके पास बैठते ही मेरी शरीर में एक अजीब सी झनझनाहट होने लगी, उसके शरीर से आने वाली गंध मुझे उत्तेजित करने लगी, मेरा शरीर अकड़ने लगा, मेरी चूत गर्म होने लगी!

उसने अपना एक हाथ मेरे कंधे पर रख दिया और मेरे शरीर को सहलाने लगा और बीच बीच में मेरे शरीर पर किस करने लगा!
सबसे पहला किस उसने मेरे माथे पर किया… फिर मेरी पलकों पर!
अब हमारी बातचीत बंद हो गई और मैं उसकी बाजुओं में समाने लगी!

फिर उसने मेरी नाक पर किस किया! फिर मेरे गालों पर किस किया! फिर मेरी ठोड़ी पर! फिर मेरी गर्दन पर!

इस तरह वो मेरे पूरे बदन पर किस करने लगा और अपना हाथ मेरे शरीर पर घुमाने लगा, उसका हाथ मेरी पीठ पर घूम रहा था जो मेरी ब्रा से बार बार टकरा रहा था.
मैंने उसे कहा- अब बस… आपने एक किस का कहा था! अब तक आपने न जाने कितने किस ले लिए हैं!
उसने कहा- जान, ये ट्रेलर है! पिक्चर तो अभी बाकी है! जब तक मैं तेरे होंठों को अपने होंठों में लेकर आम की तरह ठीक से न चूस लूँ, तब तक किस नहीं माना जायेगा!
मैंने कहा- अच्छा जी? ये तो आपने नहीं कहा था!
वो बोला- हर बात कही थोड़ी ही जाती है जान!

जब हम लोगों में यह बात हो रही थी तो उसका हाथ निरंतर मेरे शरीर पर घूम रहा था और मुझे उत्तेजित कर रहा था.

अब उसने मेरे होंठों पर एक किस कर दिया! मैंने शर्म से अपनी आँखें नीचे झुका ली.
मेरी तरफ से कोई विरोध न होते देख कर उसका हौसला बढ़ गया. इससे उसका मेरे शरीर पर फिर से हाथ घूमने लगा और और उसके होठ निरंतर मुझे चूमने लगे!

अब मैं फिर से गर्म होने लगी, मेरी सांसें तेज चलने लगी, मेरी चूत में खुजली होने लगी.

उसने मेरे होंठों को अपने होंठों में लेकर चूसना शुरू कर दिया और अपने दाहिने हाथ से मेरी दाहिनी चुची को दबाने लगा! और बायें हाथ को मेरी कमर पर फेरने लगा.

अब मैं भी उसका साथ देने लगी, अब मेरा शरीर गर्म होने लगा, मेरी चूत पानी छोड़ने लगी, उसमें खुजली होनी शुरू हो गई! अब मैं तड़पने लगी!

उसने मुझसे पूछा- क्या मैं तुम्हारी टीशर्ट उतार कर बूब्स देख सकता हूँ?
मैंने उसे मौन स्वीकृति दे दी!

उसने मेरी टी-शर्ट उतार दी और फिर मेरे बदन को चूमने लगा! फिर अपना हाथ नीचे जीन्स की तरफ बढ़ाने लगा तो मैंने खुद ही जीन्स की बटन खोल दिया.
फिर उसने मेरी जीन्स उतारी और मेरी जांघों को चूमने लगा!
अब इस वक़्त में सिर्फ ब्रा और पेंटी में थी, मुझसे अपनी चूत में होने वाली खुजली बर्दाश्त नहीं हो रही थी, अब मुझे लंड चाहिए था!

वो बहुत ही स्लो मोशन में चल रहा था!
अब मुझसे बोला- क्या मैं ब्रा और पेंटी उतार कर तुम्हें नंगी देख सकता हूँ?
मैं बोली- तुम्हें जो कुछ भी करना है, करो पर प्लीज मेरी खुजली शांत कर दो!

अब वो मेरी ब्रा उतार कर मेरे बायें निप्पल को मुँह में लेकर चूसने लगा और दायें निप्पल को अपने दाहिने हाथ के अंगूठे और उंगली से मसलने लगा!
अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था, मैं अपने पैरों को उसके बिस्तर पर रगड़ने लगी!

अब उसने एक और प्रहार किया, अब उसने दाहिने हाथ को मेरी निप्पल से हटाकर मेरे पेट से होते हुए धीरे धीरे नीचे लाने लगा और बाईं निप्पल को छोड़कर अब दाई निप्पल को चूसने लगा!
और अपने हाथ को मेरी चूत की भगनासा पर लाकर उसे मसलने लगा!

हे भगवान! ये तो आज मारकर ही छोड़ेगा मुझे!

अब वो अपने हाथ को भगनासा से नीचे मेरी चूत की तरफ अपने हाथ को बढ़ाने लगा!
मेरी चूत पानी पानी हो रही थी तो उसकी उंगलियाँ उस कामरस से भीग गई.

उसने अपने हाथ की उंगलियों पर लगे मेरे रस को सूंघा और चाटने लगा!
‘बड़ा स्वादिष्ट है तुम्हारा रस तो!’

फिर उसने मेरी पेंटी उतारने का इशारा किया तो मैंने अपनी कमर थोड़ी ऊपर कर दी और उसने मेरी पेंटी उतार दी.

अब उसने मुझसे अपने कपड़े उतरने कहा तो मैंने उसकी टीशर्ट और बनियान उतार दी! फिर उसने इशारा अपने पेंट को उतारने के लिए किया तो मैंने उसकी पैंट उतार दी!
अब वो सिर्फ अंडरवियर में था!

फिर उसने अपना अंडरवियर उतारने का इशारा किया!
जैसे ही मैंने अंडरवियर को थोड़ा सा उतारा, वैसे ही मेरी आँखों के सामने उसका बड़ा लम्बा मोटा लंड आ गया, मैं उसे एकटक देखती रही!
हे भगवान, इतना लम्बा मोटा लंड मेरी चूत में कैसे जायेगा?

फिर उसने अपना अंडरवियर खुद पूरा उतार दिया!
‘क्या देखती हो रानी? इससे पहले कभी नहीं देखा क्या?’
मैंने कहा- नहीं!
‘तो इसे अब हाथ में लेकर देखो!’

मैंने हाथ में पकड़कर देखा, ऐसा लगा जैसे मैंने कोई लोहे की गर्म रॉड पकड़ ली हो! उसका लंड काफी लम्बा और मोटा था.

उसने अपने लंड को मेरे मुँह में लेने का इशारा किया तो मैंने मना कर दिया तो फिर भी उसने मेरे मुँह में ठूँस दिया और अंदर बाहर करने लगा.
उसका स्वाद मुझे बड़ा अजीब लगा… नमकीन, खारा सा, मुझे उबकाई आनी लगी तो उसने निकल लिया और बोला- पहली बार ले रही हो, तभी ऐसा लग रहा है!

अब हम दोनों पूर्णतः नंगे थे!

अब एक बार फिर उसने मेरे होंठों को अपने होंठों में लेकर चूसना शुरू कर दिया और अपने हाथों से मेरे बूब्स दबाने लगा! अब उसके हाथ मेरे पूरे नंगे बदन पर घूमने लगे, मेरी पीठ से होते हुए मेरे नितम्बों तक आ गए!
वो मेरे नितम्बों को दबाने लगा!

फिर से कमरे में सिसकारियाँ गूँजने लगी!

उसने मुझे बिस्तर पर लेट जाने का इशारा किया तो मैं बिस्तर पर लेट गई, उसने मेरी दोनों टाँगों को चौड़ा कर अलग किया और अपन मुँह मेरी चूत पर लगा कर चाटने लगा!
उसके ऐसा करने से मैं उसके सर को अपनी चूत में दबाये जा रही थी!

मेरी चूत पानी छोड़ने लगी, मैंने उससे कहा- अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है, अब डाल दो!
वो खड़ा होकर अपनी एक उंगली को मेरी चूत में डालने लगा और उसे अंदर बाहर करने लगा! उसकी एक उंगली ही मुझे इतना दर्द दे रही है तो इसका लंड क्या करेगा?

फिर उसने थोड़ी देर बाद दो उंगली एक साथ डाली!
मुझे दर्द हो रहा था और मजा भी आ रहा था, मैंने कहा- अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है!

फिर वो अपने लंड को मेरी चूत पे सटाने लगा तो मैंने उसे कहा- मेरा पहली बार है, आराम से करना!
उसने हां में गर्दन हिलाई और बोला- थोड़ा तो दर्द होगा!
मैंने कहा- मुझे पता है! पर आराम से!
उसने कहा- ठीक है!

उसने अपने लंड को मेरी चूत पे लगा दिया, अब मेरी धड़कनें तेज होने लगी!
उसने मेरे होंठों को अपने होंठों में दबा लिया और अपने लंड को अंदर डालने का प्रयास करने लगा!
लेकिन मेरी चूत इतनी टाइट थी कि उसका लंड अंदर जा नहीं पा रहा था!

फिर उसने अपने लंड पर थोड़ा सा तेल लगाया और एक ही झटके में अपना लंड मेरी चूत में पेल दिया.
मेरे मुँह से एक चीख निकली… उसने हाथ रखकर उस चीख को दबा दिया!

मैं उससे लंड को बाहर निकालने के लिए कहने लगी लेकिन उसने मेरी एक न सुनी!
इतनी ही देर में उसने दूसरा झटका दे दिया!
मेरी आँखों में आँसू आ गय,! मुझे ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने कोई गर्म रॉड मेरे अंदर डाल दी हो!

थोड़ी देर वो ऐसे ही रुका रहा! जब मेरा दर्द कुछ कम हुआ तो उसने अपनी कमर को हिलाना शुरू किया! फिर मुझे भी मजा आने लगा! अब मुझे इतना मजा आ रहा था कि मैं अपनी कमर हिला हिला कर मजा ले रही थी!
कुछ देर बाद मेरा शरीर अकड़ने लगा उम्म्ह… अहह… हय… याह… ऐसा लगा जैसे अंदर से कोई लावा छूटने वाला हो!

उधर उसने भी अपनी स्पीड तेज कर दी और बोला- कहाँ निकालूँ?
मैंने कहा- अंदर ही छोड़ दो, मेरा फर्स्ट बार है इसलिए मैं अपने अंदर इसे महसूस करना चाहती हूँ!

और थोड़ी देर बाद हम दोनों एक साथ निढाल हो गए! दोनों के चेहरे पर एक खुशी थी!

मुझे खुशी और दर्द दोनों एक साथ हो रहे थे, वो अब भी मेरे ऊपर पड़ा हुआ था, मैंने उसको हटने को बोला, तब हटा.
मैं कुछ देर तक बिस्तर पर ऐसे ही पड़ी रही, मेरे से खड़ा हुआ नहीं जा रहा था, उसने मुझे सहारा देकर उठाया!

मेरी जांघों पर से खून और वीर्य की बूंदें गिरी हुई थी, बिस्तर पर खून और वीर्य पड़ा हुआ था.

हे भगवान! खैर मैं आज चुद ही गई! आज मेरी सील टूट ही गई!
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अपनी चुदाई की मुझे खुशी थी कि मैं अपने मनपसंद आशिक़ से चुदी हूँ! आज मैं बहुत ख़ुश थी, मेरी खुशी अक्षय को मेरे चेहरे पर दिख रही थी!
और मुझे चोद कर वो भी बहुत खुश था कि कॉलेज सबसे सुन्दर लड़की को उसने चोद दिया!

फिर वो मुझे सहारा देकर बाथरूम लेकर गया और मुझे अपने हाथों से नहलाया!
मुझे पेशाब लगी तो मैंने उसे बाहर जाने को बोला तो वो चला गया!

मुझे पेशाब करने में तकलीफ हो रही थी!
मैं पेशाब करके दुबारा नहा कर बाहर आई तो देखा अक्षय बेड शीट बदल रहा था और बिस्तर सेट कर रहा था!

मैंने पूछा- इस बेड शीट का क्या करोगे>
तो बोला- ये हमारे प्यार की निशानी है, इसे संभाल कर रखूँगा!
मैं उसके गले से लग गई और उसे थैंक्स कहा!

अब भी हम दोनों नंगे खड़े थे!

फिर मैं अपने कपड़े पहनने के लिए मुड़ी, जैसे ही मैंने अपने कपड़े उठाए, वैसे ही अक्षय ने मुझे कपड़े पहनने से रोक दिया- मत पहनो, ऐसे ही अच्छी लग रही हो!
‘नंगी?’
उसने हाँ में सिर हिलाया.
‘तो फिर ठीक है, जैसा जनाब को पसंद!’ मैंने कहा- मैं ब्रा और पेंटी पहन लेती हूँ, आप अंडरवियर और बनियान डाल लो! क्योंकि मुझे ऐसे अजीब सा लग रहा है!
उसने कहा- ओके! जो हुक्म राजकुमारी साहिबा!

फिर मैंने अपनी ब्रा और पेंटी पहन ली और उसने अपना अंडरवियर और बनियान पहन लिया.

‘अब कुछ खाने की व्यवस्था है भी या नहीं?’
‘क्यों नहीं राजकुमारी साहिबा! किचन में सब कुछ रखा है!’
मैं किचन से दो कप कॉफी बना कर लाई और दोनों एक साथ बैठकर कॉफी पीने लगे.

वो अब भी कॉफी पीते पीते मेरे बदन से खिलवाड़ कर रहा था, मैंने पूछा- अभी जी नहीं भरा?
बोला- तुमसे तो जी भरने का सवाल ही पैदा नहीं होता!
मैंने कहा- अच्छा जी?

मैं बोली- मुझे अब घर जाना है!
वो बोला- अभी नहीं!
‘क्यों?’
‘एक बार और!’
‘न बाबा! पहली बार की तो अभी दुःख रही है! अब दुबारा की हिम्मत नहीं है!’

तभी मुझे ध्यान आया- ऐ! एक बात बताओ… तुम तो मुझसे बोले थे कि सिर्फ एक किस करना है फिर ये सब क्या?
‘क्या क्या? तुम्हीं तो बोल रही थी कि प्लीज कुछ भी करो पर मेरी खुजली मिटा दो तो मैंने खुजली मिटा दी! और क्या!’

मैं हंसकर बोली- साले कुत्ते कमीने अब तक कितनों की खुजली मिटाई है तूने! बता?
अक्षय चौधरी बोला- यह बात मैं तुम्हें फिर कभी बताऊंगा कि मैंने कितनों की खुजली मिटाई है! या नहीं!
लेकिन मैं जानना चाहती थी तो अपनी जिद पर अड़ गई- अभी बताओ!

तो उसने बताया- यह मेरा पहली बार है!
तो मैं खुश होकर उसके गले से लग गई- यानि हम दोनों का पहली बार है!
तो उसने हाँ में सर हिलाया!

मेरी खुशी अब और दुगनी हो गई, इसी खुशी में मैं अब उसे किस करने लगी और वो भी!
हम दोनों की चूमाचाटी में मैं फिर एक बार गर्म होने लगी!

उसने मेरी चुच को कसकर दबा दिया और मेरे मुँह से एक हल्की सी चीख निकल गई!
वो एक बार फिर से मेरे बदन से खेलने लगा!

इस बार मैंने पहल करते हुए उसकी बनियान और अंडरवियर उतार दिया, उसे नंगा कर दिया और उसके बदन को चूमने लगी!

वो गर्म होने लगा और उसका लंड तन कर खड़ा हो गया!

मैंने उसके लंड को हाथ में पकड़ा तो वो फुंफकार मारने लगा! उसका लंड गर्म था और काफी लम्बा और मोटा था! इतना कड़क था कि झुकने का नाम ही नहीं ले रहा था!
अब मैं बिना कहे खुद ही उसके लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी, वो सीत्कार भरने लगा!
वो बोला- तुम तो बड़ी जल्दी एक्सपर्ट हो गई!
मैं हल्की सी मुस्कराई!

अब उसने मुझे बिस्तर पर लेटने का इशारा किया, मैं लेट गई!
उसने फिर से मेरे बदन को चूमना शुरू कर दिया और मेरी ब्रा उतार कर मेरी चुची चूसने लगा! इससे मुझे बड़ा ही मजा आने लगा और मेरी चूत पानी छोड़ने लगी, मैं फिर से सिसकारी लेने लगी!
फिर उसने मेरी पेंटी उतार दी और मेरी चूत में उंगली करने लगा!

अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था, मैंने उसको अब अपने अंदर डालने को कहा तो वो मान गया और अपना लंड मेरी चूत पर रखने ही जा रहा था कि मैंने उसको मना कर दिया- ऐसे नहीं!
वो बोला- तो फिर कैसे?
मैं बोली- पीछे से!
वो हल्का सा मुस्कराया- वाह! बड़ी जल्दी!
मैंने भी हाँ में गर्दन हिलाई!

वो बोला- तो फिर चल बन घोड़ी!
और मैं घोड़ी बन गई, मैं बोली- आराम से!
वो बोला- चिंता मत कर!

और फिर उसने अपने लंड का टोपा मेरी चूत पर रख दिया और एक ही झटके में अंदर डाल दिया!
और मेरी एक हल्की सी चीख निकल गई- ओह माँ मर गई!

फिर वो मुझे दनादन चोदने लगा, पूरे कमरे में मेरी सीत्कार गूंजने लगी! फिर थोड़ी देर बाद मैं झड़ गई, झड़ने के बाद ऐसा लगा कि जैसे मेरे पैरों से जान निकल गई हो और मैं खड़े होने में अपने आपको असमर्थ पाने लगी!
लेकिन अक्षय ने मुझे सभांल लिया!
वो अब भी मुझे चोदे जा रहा था! उसके झटके मुझे अब तेज लग रहे थे!

वो बोला- मेरा होने वाला है, कहाँ निकालूँ!
मैंने अंदर निकलने को कहा!

और इतनी ही देर में उसके लंड ने एक तेज गर्म पिचकारी मेरे अंदर मार दी और वो झड़ गया!
हम बिस्तर पर थोड़ी देर ऐसे ही लेटे रहे!
फिर हमने अपने अपने कपड़े पहने!

कुछ देर बाद उसने अपनी बाइक उठाई और मुझे मेरे घर से थोड़ी दूर पहले उसने मुझे छोड़ दिया!
वहाँ से मैं लंगड़ा कर अपने घर पहुंची!

तो दोस्तो… यह थी मेरी पहली बार चूत चुदाई की सेक्सी स्टोरी!
आपको कैसी लगी, मुझे बताना जरूर!
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राजकुमारी की दूसरी चुदाई