नमस्ते दोस्तों, क्या हाल चाल हैं आप सबके ? मैं कामना करता हूँ की आपकी जीवन सेक्स से भरपूर रहे. आप सब चुदाई का मज़ा तो ले ही रहे होंगे.
वैसे दोस्तो, लड़कों को ज्यादातर तो कुंवारी लड़की की चूत ही पसंद है … और लड़कियों को लड़कों का मोटा और लम्बा लंड अपनी चूत में लेना पसंद है. पर शायद आप लोगों को ये नहीं पता है कि शादीशुदा औरतों को भी मोटा और तगड़ा लंड लेना पसंद है. जब उनको चुदाई का पूरा मज़ा नहीं मिलता है, तो वो औरत दूसरे का लंड अपनी चूत में लेने के लिए तैयार हो जाती है.
ये बता तो ज्ञान की हो गयी. मगर इसके साथ ही आज मैं एक मदहोश कर देने वाली सेक्स कहानी को लेकर आप सबकी सेवा में हाजिर हूँ.
मैं अपनी कहानी शुरू करने से पहले अपने बारे में कुछ बता देता हूँ. मेरा नाम देव सिंह है और मेरी उम्र 24 साल है. मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ. मैं अभी पढ़ाई कर रहा हूँ. मेरी हाईट 5 फुट 11 इंच है.
मेरे लंड का इतना बड़ा साइज़ है कि मैं किसी की चूत को चोद कर उसकी चूत के छेद को भोसड़ा जैसी गुफा बना सकता हूँ. मैं दिखने में काफी गोरा हूँ और मेरी बॉडी भी ठीक ठाक है, जिससे मैं स्मार्ट दिखता हूँ.
मैं इतना स्मार्ट हूँ कि कोई भी लड़की मुझ पर फ़िदा हो जाए और अपनी चूत को चुदवाने पर मजबूर हो जाए. इसी आकर्षण के चलते मैं अभी तक बहुत लड़कियों की चुदाई कर चुका हूँ
आज मैं आप लोगों के सामने जो सेक्स कहानी लेकर आया हूँ, उससे मुझे उम्मीद है कि आप लोगों को बहुत अच्छी लगेगी और इस कहानी को पढ़ने से आप सभी के लंड का पानी निकल जाएगा.
ये कहानी उस समय की है, जब मैं 19 साल का था और 12वीं में पढ़ता था. उस टाइम कॉलेज में मेरी एक गर्लफ्रेंड भी थी. उसका नाम प्रियंका था और वो दिखने में मेरी तरह ही एकदम दूध जैसी गोरी थी. उसका मस्त सेक्सी फिगर था. उसके बड़े बड़े चूचे और बड़ी सी चौड़ी गांड थी … जो मुझे बहुत पसंद थी.
मैं शायद उसे दिल से पसंद करता था इसलिए मैंने उसे और लड़कियों की तरह अब तक नहीं चोदा था. मेरा मतलब ये कि मैं उसे उसकी तरफ से निमन्त्रण मिलने पर ही भग्न चाहता था. इससे पहले जिन लड़कियों को मैंने चोदा था उन सभी को मैंने अपनी तरफ से पटा कर चोदा था.
हम दोनों की मुहब्बत परवान चढ़ रही थी. सारे सारे दिन एक दूसरे से बात करने में ही निकल जाता था.
एक दिन की बात है, जब उसने मुझसे खुद ही चोदने के लिए कहा. मैंने जरा भी देर नहीं लगाई और हम दोनों ने जगह समय आदि सैट करके चुदाई का मुहूर्त निकाल लिया. मैंने उसके कहने पर उसके घर में ही जाकर उसे चोद डाला था. उस दिन मैंने अपने मोटे और लम्बे लंड से इस कदर चुदाई की थी कि उसकी चुत फट कर गड्डा बन गई थी.
उस दिन तो उसने अपनी चुत का दर्द सह लिया था, लेकिन दूसरे दिन जब उससे मेरी बात हुई, तो उसने मुझे बताया था कि उस रात वो दर्द की वजह से सो नहीं पाई थी.
मैंने उसे दवा लेने की सलाह दी और आराम करने का कहा.
इसी तरह हम दोनों की चुदाई का खेल चालू हो गया. अब तो मैं उसे बीसियों बार चोद चुका था.
फिर मैं एक दिन मेरे ही कॉलेज की लड़की से बात कर रहा था. वो लड़की भी मुझे पसंद करती थी, इसलिए उसने मुझे किस करने को कहा. मैं उसे किस कर ही रहा था कि प्रियंका ने मुझे किस करते देख लिया. वो उसी पल मुझे छोड़कर चली गयी.
जब ये बात उस लड़की तो पता चली कि प्रियंका मेरी गर्लफ्रेंड है, तो वो भी मुझे छोड़कर चली गयी.
अब वही कहावत हुई कि चौबे जी छब्बे बनने चले थे और दुबे बन कर रह गए. मैं अब अकेला ही रह गया मेरी दोनों जुगाड़ें मुझे छोड़ कर चली गई थीं.
कुछ दिन बाद मेरे बोर्ड के एग्जाम भी पास आ रहे थे, तो मैंने भी प्रियंका को मनाना छोड़ा और अपनी पढ़ाई पर ध्यान देने लगा.
कुछ ही दिन में एग्जाम भी आ गए और मैं एग्जाम देने लगा. कुछ दिन बाद एग्जाम भी खत्म हो गए. उसके बाद मैं एकदम फ्री था. एग्जाम के बाद दो महीने की छुट्टी होती हैं, उस टाइम लड़कों के पास अपनी जिन्दगी जीने का पूरा टाइम फ्री होता है.
अभी मेरे 12 वीं के रिजल्ट आने में पूरे दो महीने थे, तो मैंने भी अपने लिए एक इंग्लिश की कोचिंग लगा ली और मैं इंग्लिश की कोचिंग करने लगा.
मैं जहां कोचिंग पढ़ने जाता हूँ, वहां की मेरी टीचर एकदम पटाखा माल हैं. उनकी शादी हो चुकी है. मैं उनके बारे मैं बता देता हूँ. उन टीचर महोदया का नाम प्रणीता था … और वो दिखने में बड़ी अच्छी कांटा माल लगती थीं. उनका फिगर भी बड़ा मस्त था.
उनके बड़े बड़े चूचे और कसी हुई गांड किसी के भी लंड को खड़ा कर देने में पूरी तरह सक्षम थी. टीचर जी की गांड ज्यादा बड़ी नहीं थी, पर उनकी गांड एकदम गोल मटोल थी. जब वो चलती थीं, तो उनकी गांड इस कदर मटकती थी कि देखकर मेरा लंड लोहे के तरह खड़ा हो जाता था.
मैं उनके पास रोज इंग्लिश की कोचिंग के लिए जाता था. मेरे सिवा और भी लड़के आते थे पर वो इतने स्मार्ट नहीं थे कि प्रणीता मैडम को पटा सकें. हालांकि वो लड़के भी कोशिश करते तो मैडम को पटा सकते थे. क्योंकि उनके पति आर्मी में थे और वो अभी एक लड़की की उम्र की ही थीं. उनका भी मन लंड से चुदने का होता होगा.
मैं जब कोचिंग के लिए जाता था, तो मैं उन्हें लाइन मारा करता था क्योंकि मेरी इस टाइम कोई भी गर्लफ्रेंड नहीं थी … और मुझे अपनी छुट्टी का पूरा मज़ा भी लेना था. मैं ऐसे ही कभी कभी उनसे मजाक कर दिया करता था और वो भी मुझे बिना कुछ कहे ही मुस्करा देती थीं.
इस तरह से मुझे वहां पर एक महीना हो गया और अब वो मुझे कभी कभी चाय भी पिला दिया करती थीं. इसलिए मैं कोचिंग शुरू होने के कुछ पहले ही चला जाता था.
एक दिन की बात है जब मैं उनके घर कोचिंग करने के लिए कुछ जल्दी ही पहुंच गया था. उस दिन मैं आधा घंटे पहले ही पहुंच गया था. मैडम ने उस दिन काली साड़ी पहन रखी थी, वो उस साड़ी में पटका लग रही थीं.
मैडम ने मुझे देखा और कहा- अरे वाह … आज तो तुम बड़ी जल्दी आ गए हो. चलो आ गए हो, तो बैठो … मैं चाय लाती हूँ.
मैंने ओके कहा और उनके हॉल में ही बैठ गया.
टीचर मुझे चाय देने के लिए आईं और झुक कर चाय देने लगीं. मेरी कमीनी निगाहें तो इसी पल का इन्तजार कर रही थीं. उनके गहरे गले वाले ब्लाउज में से उनकी मदमस्त रसीली चूचियों की झलक मिलते ही मेरा लंड फड़क उठा.
मुझे उनके मस्त बड़े बड़े चूचे आज कुछ जरूरत से ज्यादा ही गहराई दिखा रहे थे. मैं उनके बड़े मस्त चूचों को घूर कर देखने लगा. शायद मैडम ने मुझे चूचियां देखते हुए पकड़ लिया था.
वो मुझसे बोलीं- क्या देख रहे हो?
मैं अचकचा कर बोला- क..कुछ नहीं मेम.
प्रणीता मैडम इठला कर बोलीं- डरते क्यों हो … वो तो मैं खुद ही तुम्हें दिखा ही रही थी. अगर ज्यादा अच्छे लगे हैं, तो पी लो न.
दोस्तो … यह बात सुनकर मेरा लंड पैंट में खड़ा हो गया और मैंने उनको अपने पास खींच लिया. मैडम मेरे सीने से सट गईं और मैं उनके मम्मों को ब्लाउज के ऊपर से रगड़ने लगा. एक पल बाद ही मैंने अपना मुँह मैडम के मम्मों के बीच में रख दिया और चूमने लगा. मैडम ने मुझे अपने सीने में किसी बच्चे की तरह समेट लिया.
मैंने अपने हाथ से उनकी टांगें खोलीं और उनकी साड़ी के ऊपर से ही उनकी चुत के इलाके को टटोलने लगा. मैडम ने अपनी टांगें फैला दीं. मैंने अगले ही पल अपना हाथ नीचे को किया और उनकी साड़ी को ऊपर उठाते हुए उनकी नंगी जांघों पर हाथ फेरने लगा. मैडम ने अपने हाथ से मेरे हाथ को पकड़ा और अपनी चुत पर रख दिया. मैडम ने अन्दर पैंटी नहीं पहनी थी.
अब मैंने उनकी चूत में अपनी उंगली घुसा दी … और उनकी चुत के दाने को अपनी दो उंगलियों में दबा कर मसलने लगा. मैडम की आहें निकलने लगीं.
अभी दो तीन मिनट ही ऐसा चला होगा कि बाहर से कुछ स्टूडेंट्स के आने की आहट मिली. मैडम ने मुझसे अपना साथ छुड़ाया और चाय के भरे कप उठा कर अन्दर चली गईं. मैंने भी अपने हाथ की उंगली को अपने मुँह में रख ली और मैडम की चुत के नमकीन अमृत का स्वाद लेने लगा.
कुछ पल बाद कोचिंग वाले लड़के अन्दर आ गए. मैं अपनी किताब खोल कर पढ़ने का नाटक करने लगा. मैडम भी अपने कपड़े बदल कर आ गईं और हम सबको पढ़ाने लगीं.
मैं सोच रहा था कि यदि आज ये हरामी लड़के न आ गए होते, तो मैं मैडम की चूत की आग को बुझा देता. खैर मैडम की आग तो बुझाने का काम मुझे मिल ही गया था और मैं पक्का कर लिया था कि मैडम की चुत को भोसड़ा बना कर ही दम लूंगा.
उसके दूसरे दिन जब मैं कोचिंग के लिए गया, तो उस दिन मैं डेढ़ घंटे पहले ही आ गया.
उस दिन वो मुझे देख कर आंख मारते हुए बोलीं- आज मुझे तुम्हारा ही इन्तजार था, मैं अभी अपने लिए चाय बनाई थी, मगर तुम चाय पियो, मैं अभी आती हूँ.
उनके जाते ही मैंने सबसे पहले गेट बंद किया और मैडम की चुत चुदाई करने का मन बना लिया.
वो कुछ देर बाद वापस आईं और अब उन्होंने वही ब्लैक साड़ी पहन ली थी. मैं उनको ब्लैक साड़ी में देख कर पागल सा हो गया … क्योंकि मुझे वो ब्लैक कपड़े में बहुत सेक्सी लगती थीं.
वो मेरे पास आकर बोलीं- मेरे राजा … कैसी लग रही हूँ?
मुझसे रहा नहीं गया और मैं उनको अपनी बाहों में भर कर बोला- जानलेवा लग रही हो.
मैं उनको पकड़ कर उनके गले में किस करने लगा और उनके गले में किस करते हुए मैंने उनकी साड़ी को निकाल दिया. मैडम ने भी बड़ी अदा से घूमते हुए अपनी साड़ी खुलवा ली. मैंने उनकी कमर को पकड़ते हुए उनको अपनी तरफ खींच लिया. मैडम मेरे करीब हो गईं.
मैं उनकी कमर में किस करने लगा, तो वो मेरे सर को पकड़ कर दबाने लगीं. जब मैं उनकी कमर में किस कर रहा था, तो वो गर्म हो गईं और मेरे सर को सहलाने लगीं. फिर मैंने उनके ब्लाउज को खोल दिया और जब मैंने उनके बड़े और चिकने मम्मों को एक जालीदार ब्रा में फंसा हुआ देखा, तो मुझे बहुत गुस्सा आया. मुझे लगा कि जैसे किसी बदमाश ने मेरे कबूतरों को जाल में फंसा रखा है. मैंने उनकी ब्रा भी खोल दी … और अपने कबूतरों को आजादी दे दी. मैडम के दूध खुली हवा में फुदकते हुए बड़े मनमोहक लग रहे थे.
मैंने एक पल उन मम्मों की खूबसूरती को निहारा और झट से एक दूध को मुँह में रख कर जोर जोर से चूसने लगा.
प्रणीता मैडम के मुँह से सेक्सी आवाज में ‘ऊऊइ उई उई उह उह … माँ उई माँ..’ की सिसकारियां निकलने लगीं.
मैं उनके एक दूध को मुँह में रख कर चूस रहा था और दूसरे दूध के निप्पल को अपनी उंगलियों से मसलते हुए दबा रहा था. वो मेरे सर के बालों को सहला रही थीं. मैं उनके दोनों दूधों को ऐसे ही कुछ देर तक चूसने का मजा लेता रहा. प्रणीता मैडम मेरे सर पर हाथ फेरते हुए अपनी चूचियों को चुसवाने का मजा ले रही थीं.
इसके बाद मैंने उनके और अपने सारे कपड़े निकाल दिए. हम दोनों ही बिना कपड़ों के एक दूसरे के गुप्तांगों को निहार रहे थे. मेरा लंड एकदम चिकना था. मैंने आज ही अपने लंड के जंगल को साफ़ किया था. बहुत दिनों के बाद चुत मिलने का मौका था, इसलिए मैदान साफ़ कर लिया था. ठीक वैसी ही स्थिति प्रणीता मैडम की चुत की थी. एकदम गुलाबी चुत साफ़ चकचका रही थी. शायद मैडम ने अपनी चुत का मेकअप भी किया था. उनकी चुत किसी सुगन्धित पावडर के कारण बड़ी महक रही थी.
दोस्तो, मुझे चूत या लंड को चूसना नहीं पसंद है … इसलिए मैं न तो चूत को चाटता हूँ … न ही अपने लंड को चुसवाता हूँ.
मैंने मैडम की तरफ देखा, तो मैडम ने अपनी बांहें पसार कर अपने आगोश में ले लिया. हम दोनों एक दूसरे के मुँह में मुँह डाल कर लम्बे चुम्बन का मजा लेने लगे.
मैडम ने मेरे लंड को पकड़ा और कहा- डोंट बी लेट हनी.
मैंने ये सुनते ही उनको बेड पर लेटा कर उनकी टांगों को फैला दिया. फिर प्रणीता मैडम की गुलाबी चूत के मुँह पर थोड़ा थूक लगा कर अपने लंड को उनकी चूत में पेल दिया. उनकी चूत गीली होने की वजह से उनकी चूत में मेरा लंड घुस गया और मैं उनको जोरदार धक्कों के साथ चोदने लगा.
वो ‘उओ उम्म्ह… अहह… हय… याह… आह … उई ..’ करती हुई चुदने लगीं.
मैं उनके मम्मों को पकड़ कर लंड को अन्दर बाहर करते हुए चोदने लगा. मैं उनकी चूत में पूरे लंड को जड़ तक पेलते हुए जोर जोर से अन्दर बाहर कर रहा था. कुछ देर मैं इसी तरह प्रणीता मैडम को चोदता रहा. फिर मैंने उनकी चुत से लंड खींच लिया. मैडम ने मेरी तरफ देखा, तो मैंने उनको कुतिया बना कर चोदना चालू कर दिया.
फिर 15 मिनट की मस्त चुदाई करने के बाद मैं मैडम की चुत में ही झड़ गया. मैंने उनकी मस्त चुदाई की … और वो भी मेरी चुदाई से बहुत खुश हुईं … क्योंकि मेरा लंड काफी बड़ा और मोटा है.
हालांकि दूसरे दिन जब मैं उनके घर गया तो मालूम हुआ कि आज की मैडम ने कोचिंग की छुट्टी कर दी है. मुझे लगा कि आज भी मैडम को लंड लेना होगा. मैंने उनसे पूछा, तो वो बिस्तर में पड़ी थीं और बुखार से तप रही थीं.
मुझे देख कर उन्होंने मुझसे रुकने का इशारा किया. मैंने उनसे दस मिनट बाद आने का कहा.
जब मैं बाद में मैडम से मिला, तो वो दर्द से मुस्कुराते हुए बोलीं- तूने तो मेरी जान ही ले ली … बड़ा दर्द हो रहा है.
मैंने उनको चूमा और कुछ देर उनके साथ बैठ कर वापस आ गया.
दोस्तों मैं अपने लंड की इसी खासियत को फिर से लिखना चाहता हूँ कि मैं जिसको भी पहली बार चोदता हूँ, वो लड़की रात में सो नहीं पाती है.
इसके बाद हम दोनों ने कई बार एक दूसरे की प्यास को बुझाया था. मैडम मेरे लंड से इस कदर खुश थीं कि कई बार तो उन्होंने मुझे अपने पास ही रात को रोका था और पूरी पूरी रात अपनी चुत की खुजली मेरे लंड से शांत करवाई थी.
ये थी मेरी टीचर की चुदाई कहानी … मुझे उम्मीद है कि आप सबके लंड का पानी तो निकल ही गया होगा और अगर नहीं निकला है तो जाकर निकाल जरूर दोगे.
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