नमस्कार मित्रों, मेरा नाम संजय सिंह है. मेरी उम्र 32 साल, लुधियाना पंजाब का रहना वाला हूँ. मैंने इस साईट पर बहुत सी सेक्स स्टोरीज पढ़ी हैं. सेक्स स्टोरी पढ़ कर मुझे लगा कि मुझे भी अपना एक्सपीरियेन्स शेयर करना चाहिए. सो फ्रेंड्स अन्तर्वासना पर ये मेरी पहली सेक्स स्टोरी है. अगर कोई भूल हो जाए हो तो प्लीज़ माफ़ कर देना.
वैसे तो मेरी शादी हो चुकी है और मेरी वाइफ भी मुझसे बहुत खुश है. हमारी सेक्स लाइफ भी अच्छी है. हम तकरीबन एक या दो दिन बाद सेक्स कर लेते हैं. हम दोनों एक दूसरे से सॅटिस्फाइड हैं. पर न जाने क्यों अब भी मुझे एक अलग सी चाहत रहती है … मेरी वो चाहत है लंड की चाहत … जी हां फ्रेंड्स, मुझे लंड लेने की बड़ी चाहत रहती है.
शादी से पहले मैंने अपने एक फ्रेंड के साथ गे सेक्स किया था. लेकिन शादी के बाद मैंने कभी ऐसा नहीं किया. मेरी इच्छा तो बहुत होती है, लेकिन बदनामी के डर से मैं किसी का भी लंड नहीं ले सकता. बस जब भी चाहत होती है, टॉयलेट में जाकर फिंगर्स से काम चला लेता हूँ. लेकिन अभी कुछ दिन पहले मेरी लंड लेने की इच्छा अनायास ही पूरी हो गई.
एक दिन मुझे ऑफिस के काम की वजह से न्यू देल्ही जाना था. वहां पर मुझे 11 बजे तक पहुंचना था. इसलिए मैंने सुबह 3:30 वाली गाड़ी से जाना बेहतर समझा. ठीक वक़्त पर मैं स्टेशन पहुंच गया. गाड़ी आई और मैं जनरल डिब्बे में चढ़ गया. डिब्बे में बिल्कुल भी भीड़ नहीं थी. और लगभग सारे यात्री अपनी अपनी सीट पर बैठे या अधलेटे सो रहे थे.
मैंने सोचा कि चलो क्यों इनको डिस्टर्ब किया जाए. उस दिन गर्मी भी बहुत थी. इसलिए मैं गेट के पास ही खड़ा हो गया. थोड़ी देर में गाड़ी चल पड़ी. गाड़ी ने थोड़ा मोशन पकड़ा ही था कि मैंने देखा एक लड़का ट्रेन की ओर भागा आ रहा था. उसके पास एक भारी बैग भी था. डिब्बे के पास आकर उसने अपना बैग मेरी ओर कर दिया. मैंने देर ना करते हुए उसका बैग पकड़ कर अन्दर रखा और जल्दी से उसका हाथ पकड़ने के लिए अपना हाथ बाहर निकाला. उसने मेरा हाथ पकड़ा और जंप करके गाड़ी में आ गया. अन्दर आकर वो मुझे थैंक्स बोलने लगा.
मैंने कहा- अरे ठीक है ये तो मेरा फर्ज था … इट’स ओके.
वो अपनी सांसें सयंमित करने लगा.
मैंने उससे पूछा- तुमको कहां जाना है?
तो वो बोला- मुझे आगरा जाना है.
फिर हम दोनों इधर उधर की बातें करने लगे. वो एक बड़ा ही हैंडसम लड़का था. उसकी हाइट तकरीबन 5 फुट 7 इंच रही होगी. उसे देख कर लगता था कि वो जिम करता होगा. क्योंकि उसकी बॉडी देखने में पूरी फिट लग रही थी. लेकिन वो एक ग़रीब परिवार का लड़का था. मैंने ये अंदाज ऐसे लगाया क्योंकि उसके पास कोई एंड्राय्ड फोन नहीं था. मेरा अंदाज सही भी निकला.
कुछ देर उसे देखने के बाद मेरी दबी हुई अभिलाषा फिर से जागृत हो गई और उसे देख कर मेरी चाहत मुझे काण्ड कर देने पर आतुर कर देने लगी. लेकिन मुझे ये चिंता थी कि इसके साथ अगर करवाने की कोशिश भी करूँ तो कहां काम उठवाऊं. एक ही जगह थी टॉयलेट … टॉयलेट की सोचते ही मेरी गांड में कीड़ा कुलबुलाने लगा. मेरे दिमाग़ की बत्ती जलने बुझने लगी.
मैंने उससे बात करनी शुरू कर दी. पहले तो मैं उससे नॉर्मल बातें करने लगा. लेकिन बाद में अपनी चालाकी से उसे सेक्सी बातों पे ले आया. बात करते करते मैं उसे उसकी सेक्स लाइफ के बारे में पूछने लग गया. साथ ही अपनी भी बता दी. अभी सुबह के 4:15 हुए थे. सारे यात्री सोए हुए थे.
मैंने मौका हाथ से निकल जाने देना ठीक नहीं समझा और बातों बातों में उसे अपने मन की इच्छा बता दी. वो तो जैसे भूखा ही था. उसने झट से मेरी गांड को पकड़ कर दबा दिया. उसकी इस हरकत से मुझे बहुत उत्तेजना महसूस हुआ.
वो बोला- मैं तैयार हूँ, पर हम सेक्स कहां करें.
मैंने कहा कि मेरे पास एक आइडिया हैं.
वो बोला- क्या?
मैं बोला कि मैं अभी टॉयलेट में जा रहा हूँ, तुम थोड़ी देर बाद टॉयलेट में आ जाना. क्योंकि अभी सभी लोग सो रहे थे इसीलिए किसी को पता भी नहीं चलेगा.
वो मेरी इस बात से खुश हो गया. मैं इधर उधर देख कर टॉयलेट में घुस गया. थोड़ी देर बाद वो भी टॉयलेट में आ गया.
मैंने उससे पूछा कि उसको किसी ने देखा तो नहीं?
तो वो बोला कि अभी किसी को पता नहीं चला.
अन्दर आते ही उसने मुझे अपने साथ जकड़ लिया. मैं भी उसकी बांहों में आकर खुश हो गया. पहले तो उसने मेरे लिप्स को चूसना शुरू कर दिया. मैं भी एग्ज़ाइटेड हो कर उसका साथ देने लगा. वाइफ के साथ लिप किस बहुत बार की थी. लेकिन ये फर्स्ट टाइम था जब मैं किसी लड़के के साथ लिप किस कर रहा था. मुझे ये बहुत अच्छा लग रहा था. वो लिप किस करने के साथ साथ मेरी गांड को मसल रहा था.
करीब 10 मिनट लिप किस के बाद हम अलग हो गए. मैं अपने घुटनों के बल उसके सामने बैठ गया. उसने अपनी पेंट को खोल कर नीचे किया. फिर अंडरवियर को नीचे करते ही उसका 7 इंच का फनफनाता हुआ लंड मेरे सामने आ गया.
मेरा तो जैसे रोम रोम ही खिल गया. मैंने उसके लंड को पकड़ा और उसके सुपारे को किस किया. उसने लंड मेरे मुँह में देने का इशारा किया, तो मैंने उसके लंड को मुँह में भर लिया.
क्या बताऊं. … उसके लंड का स्वाद तो मुझे जैसे पागल ही कर रहा था. मैं कभी उसके गुलाबी सुपारे को जीभ से चाटता और कभी उसका पूरा लंड अपने मुँह में उतार लेता.
वो भी आंख बंद करके लंड चुसवाने का पूरा मजा ले रहा था. मैंने करीब दस मिनट तक उसका लंड पूरी तबियत से चूसा. मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे मैं सातवें आसमान पर पहुंच गया हूँ. फिर उसने मुझे खड़ा किया और मेरी पैन्ट खोल दी. मेरे लंड को थोड़ा हिलाने के बाद उसने मुझे घुमा दिया और झुकने को बोला.
मैं उसके सामने झुक कर खड़ा हो गया. और मैंने खिड़की का सहारा ले लिया. उसने मेरे चूतड़ों को फैलाया और मेरी गांड को चाटने लगा. कुछ देर गांड चाटने के बाद उसने अपने लंड का सुपारा मेरी गांड के फूल पर टिका कर एक हल्का सा शॉट दे मारा.
लंड की चाहत होने के कारण मैं अपनी गांड में दो या तीन तीन उंगली डाल लेता था … जिस वजह से मेरी गांड खुल चुकी थी. जैसे ही उसने हल्का शॉट मारा, उसका सुपारा मेरी गांड में घुस गया. एक तो उंगली डालने वजह से मेरी गांड थोड़ी खुली हुई थी और दूसरा उसने चाट के उससे गीला कर दिया था. इसीलिए उसके लंड के अन्दर जाने की मुझे कोई ख़ास तकलीफ़ ना हुई. साथ ही मज़ा भी बहुत आया. ऐसा लगा कि खुजली मिटाने की यंत्र अन्दर घुस गया हो.
फिर उसने एक और शॉट लगाया और अपना पूरा लंड मेरे अन्दर कर दिया. मैं तो मजे के कारण मरा जा रहा था. फिर उसने अपने लंड को आगे पीछे करना शुरू कर दिया. मुझे इतना मजा आ रहा था कि मैं उसे बयान नहीं कर सकता.
करीब 15 मिनट तक उसने मेरी चुदाई की और बाद में वो मेरी गांड में ही झड़ गया. उसके साथ मेरा भी पानी निकल गया. आज मेरी लंड लेने की चाहत पूरी हो गई थी. इसीलिए मैं बहुत खुश था.
गांड मराने के चक्कर में काफी समय हो गया था. मैंने टाइम देखा तो 5 बज गए थे. मैं धीरे धीरे टॉयलेट से बाहर निकला. थोड़ी देर बाद वो भी बाहर आ गया. इतने में स्टेशन आया, तो मैं बदनामी के डर से उस डिब्बे से उतर गया और उस लड़के से आंख बचा कर दूसरे डिब्बे में चढ़ गया. इस तरह मेरी लंड की चाहत भी पूरी हो गई और खुद लंड देने वाले को मेरे बारे में पता नहीं चला.
तो फ्रेंड्स मेरी ये सच्ची घटना आपको कैसी लगी, प्लीज़ मुझे कमेंट करके जरूर बताना. यह मेरी पहली गे सेक्स स्टोरी है, इसलिए इसमें मुझसे ग़लतियां भी बहुत हुई होंगी. सो प्लीज़ मुझे माफ़ कर देना. धन्यवाद.
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