यह कहानी एक सीरीज़ का हिस्सा है:
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मेरी प्यासी चूत की कहानी के पिछले भाग में आपने पढ़ा कि छुट्टियों में मैं पुणे से मुंबई आ गई. यहाँ मुझे अपने गांडू भाई के चोदू के लंड को अपनी चूत में लेने की तलब लग गयी.
अब आगे:
अब दूसरे दिन मेरा भाई आदी घर पर ही था, तब उसका दोस्त राहुल आया. मैंने ही गेट खोला. मैं बाहर जाने के लिए एक टी-शर्ट और जीन्स पहन कर रेडी थी.
वो अन्दर आया.
राहुल- हैलो … आदी कहां है?
मैं- वो अन्दर है … आ जाओ.
राहुल- आप कहीं जा रही हो क्या?
मैं- हां, मैं अपनी फ्रेंड के यहां जा रही हूँ. फिर वहां से हम दोनों शॉपिंग पर जाएंगे.
वो अन्दर चला गया और मैं भी उसी के साथ अन्दर चली गई.
मैं बोली- आदी चलो … मुझे मेरी फ्रेंड के यहां छोड़ कर आओ.
आदी- दीदी आप चली जाओ, मुझे होमवर्क करना है. अब तो राहुल भी आ गया है.
मैं- आदी में कैसे चली जाऊं. अब उठो और चलो.
आदी कुछ बोल पाता, उससे पहले राहुल ने बोल दिया- मैं छोड़ आता हूं … वैसे भी मैंने अभी पढ़ाई शुरू नहीं की है.
आदी- हां दीदी, आप राहुल के साथ चली जाओ.
मैं- अच्छा ठीक है, तुम बाहर चलो, मैं आती हूँ.
मैं अन्दर गई और थोड़ा और मेकअप किया. एक शार्ट वाली टी-शर्ट पहनी और एक शॉर्ट जीन्स पहन कर बाहर आ गई.
राहुल बाइक पर बैठ कर मेरी प्रतीक्षा कर रहा था. मैं करीब गई और बैठ गई. हम दोनों जाने लगे.
वो थोड़ी सी भी ब्रेक मारता, तो मैं उससे चिपक जाती और मेरे बड़े बड़े दूध उसकी पीठ से चिपक जाते. एक दो बार ऐसे हुआ, तो वो अब और ब्रेक मारने लगा. मैं और भी उससे रगड़ने का मजा लेने लगी.
कुछ ही देर में हम वहां पहुंच गए और वो वापस चला गया.
मैं थोड़ी देर वहीं खड़ी रही. फिर मैंने आदी को कॉल किया और बोला- राहुल को कॉल करके बोलो कि दीदी को जहां छोड़ा है, वहीं से जाकर वापस लेकर आ जाओ.
थोड़ी ही देर में राहुल वापस आ गया और बोला- क्या हुआ?
मैं- अरे वो मेरी फ्रेंड अपनी मम्मी को लेकर हॉस्पिटल चली गई है, तो अब मैं उसके साथ नहीं जा रही हूँ.
राहुल- अच्छा ठीक है.
मैं- हां चलो, तुम मुझे घर छोड़ दो.
मैं बैठ कर जाने लगी. रास्ते में राहुल बोला- आप क्या लेने के लिए जा रही थीं?
मैं- अरे मैं अभी हॉस्टल से आई हूं, तो मैं ज्यादा कपड़े नहीं लाई थी, इसलिए थोड़े कपड़े लेने थे.
राहुल- तो चलो चलते है न … आपको जो कपड़े लेना है … ले लो.
मैं- नहीं रहने दो, तुम्हें कहीं जाना होगा. मुझे शॉपिंग में बहुत टाइम लगता है.
राहुल- नहीं … मैं आज तो फ्री ही हूँ. आप बताओ कहां जाना है?
तब मैंने एक मॉल का नाम बताया और उसके साथ ही शॉपिंग पर चली गई. रास्ते में न जाने कितनी बार मैंने उससे चिपक कर उसे गर्म किया.
ऐसे ही शॉपिंग करके घूम फिर के, मैं घर वापस आ गई. अब राहुल मुझसे काफी खुल गया था.
उसने कहा- और कहीं चलना हो, तो मुझे बता देना, मैं आपको छोड़ दूंगा.
मैं बोली- हां ठीक है.
वो मुझे घर छोड़ कर चला गया. फिर 2-3 दिन बाद मैंने एक दिन सुबह आदी से बोला कि मुझे राहुल का नंबर दो और आज तुम बाहर जाकर घूम कर आओ.
आदी ने मुझे राहुल का नम्बर दे दिया.
मैंने राहुल को कॉल किया कि मुझे कहीं जाना है … तुम प्लीज़ मुझे ड्राप कर दो.
वो बोला- ठीक है … मैं थोड़ी देर में आता हूं.
मैं बाहर गई और आदी से बोली- तुम बाहर जाओ और अगर राहुल कॉल करे, तो बोल देना कि तुम बाहर हो.
वो चला गया.
अब मैंने जानबूझ कर बाहर का गेट और अपने रूम का गेट खुला छोड़ दिया.
मैं नहाने चली गई. नहा कर बाहर आई और ऐसे ही तौलिये में बाहर आकर बेड पर लेट गई और अपने ब्वॉयफ्रेंड से बातें करने लगी.
थोड़ी देर में मुझे बाइक की आवाज़ आई, तो मैंने खिड़की से देखा. बाहर राहुल ही आया था. मैंने झट से अपनी टॉवल हटाई और नंगी होकर आईने के पास खड़ी होकर अपने बाल सुखाने लगी. मैं स्पीकर पर मोबाइल करके बात करने लगी.
राहुल गेट खुला देख कर अन्दर आ गया और बिना कुछ बोले पहले आदी के रूम में गया. वहां कोई नहीं था, तो वो मेरे रूम से बात करने की आवाज़ सुनकर मेरे रूम की तरफ आ गया.
उसने मेरे रूम का गेट हल्का सा खोल कर देखा, तो मैं सामने ही नंगी खड़ी होकर अपने बाल सुखा रही थी और बात कर रही थी.
अब मैं नंगी होकर खड़ी थी, तो हम थोड़ी सेक्सी बातें कर रहे थे. मेरा बीएफ भी बोल रहा था कि बहुत दिन हो गए चुदाई किए, कब आ रही हो. मैं भी यही सब बोल रही थी.
ये देख कर वो मुझे देखने लगा. फिर उसने अपना मोबाइल निकाला और वीडियो बनाने लगा.
वो वैसे ही खड़े हो कर मुझे देखे जा रहा था. मैं कॉल काट कर ऐसे ही नंगी खड़ी होकर तैयार होने लगी.
तभी राहुल ने अन्दर आकर मुझे पीछे से पकड़ लिया. उसने अपने दोनों हाथ डाल कर मेरे दोनों दूध पकड़ लिए.
मैं उसे झट से हटा कर बोली- ये क्या कर रहे हो?
मैंने जाकर तौलिया उठाया और अपने ऊपर डाल लिया.
राहुल- तुम मुझे बहुत पसंद हो यार … आई लव यू.
मैं- तुम पागल हो गए हो, मैं तुम्हारी बहन जैसी हूँ.
तब वो कुछ नहीं बोला. उसने अपना मोबाइल निकाल कर मुझे वीडियो दिखाया, जिसमें मैं नंगी खड़ी हो कर अपने बाल सुखा रही थी और ब्वॉयफ्रेंड से बात कर रही थी.
ये देख कर मैं चुप हो गई.
उसी वक्त राहुल ने मुझे अपनी तरफ खींच लिया, जिस वजह से मेरा तौलिया नीचे गिर गया और मैं नंगी उससे चिपक गई.
राहुल- बस एक बार में तुम्हें चोदना चाहता हूँ … प्लीज़ मैं अभी ये वीडियो डिलीट कर दूंगा.
उसने मुझे मोबाइल देकर कहा- लो तुम खुद डिलीट कर दो.
मैंने मोबाइल लेकर वीडियो डिलीट करने लगी, तभी वो मेरे चूचे दबाने लगा. मैंने उसका हाथ हटा दिया.
राहुल- क्या हुआ … तुम भी तो अपने ब्वॉयफ्रेंड से चुदाना चाह रही थी न … अब क्या फर्क पड़ता है, ब्वॉयफ्रेंड हो या मैं..! उसने मुझे फिर से खींच कर अपने से चिपका लिया.
ये सब तो मेरा ही प्लान था … लेकिन मैंने थोड़ा और नाटक किया.
मैं- नहीं … मैं नहीं कर सकती. तुम प्लीज़ किसी को बताना मत.
राहुल- मैं किसी को नहीं बताऊंगा, बस एक बार चोदने दे दो.
ये बोल कर वो मुझे खींच कर किस करने लगा और एक हाथ से मेरे मम्मों को दबाने लगा. अब मैं भी उसे कुछ नहीं बोल रही थी. इससे उसकी हिम्मत और बढ़ गई. अब वो मेरी चुत पर हाथ फेरने लगा.
कुछ ही देर में मैं भी गर्म हो गई थी. वो मुझसे अलग हुआ और अपने कपड़े उतारने लगा. वो भी नंगा हो गया. उसका लंड और बॉडी देख कर मैं और गर्म हो गई.
वो मुझे नीचे बिठा कर अपना लंड मेरे चेहरे पर रगड़ने लगा और मुझसे बोला- लंड चूसो बेबी.
मैं उसका लंड मुँह में लेकर चूसने लगी. उसका लंड एकदम टाइट हो गया. उसने मुझे खड़ा किया. उसने मेरा एक पैर आईने के पास जो स्टूल था, उस पर रख दिया और पीछे से मेरी चुत पर अपना लंड रगड़ने लगा.
मैंने भी अपनी चुत को खोल दिया और उसका सुपारा अन्दर घुस गया. तभी उसने दबाव देकर लंड अन्दर डाल दिया. उसका लंड बड़े आराम से अन्दर चला गया. तब भी मैंने एक सिसकारी भर दी, ताकि उसे भी मजा आए.
वो अब मुझे चोदने लगा. थोड़ी ही देर में वो झड़ गया.
फिर मैं बोली- तुम जाओ … आदी आने वाला होगा.
राहुल- क्यों तुम्हें कहीं जाना था न … तो चलो मैं छोड़ देता हूँ.
मैं- नहीं … मुझे अब कहीं नहीं जाना, तुम जाओ.
वो चलने के लिए ज़िद करने लगा और थोड़ी देर हमारी ऐसे ही बहस हुई.
कुछ देर बाद वो चला गया.
अब मैंने खुश होकर उसके साथ हुई चुदाई को याद किया और बेड पर ऐसे ही नंगी लेट गई.
थोड़ी देर बाद आदी आ गया. वो सीधा मेरे रूम में आ गया. मुझे नंगी देख कर बोला- क्या हुआ दीदी?
मैं- बस वही जो तुम और राहुल करते हो, मैंने भी वही करवा लिया.
अपने भाई से मैं ऐसे ही नंगी लेट कर बातें करने लगी.
तब मैंने आदी को बोला- आदी संडे को हम मूवी देखने जाएंगे. ये बात राहुल को बता देना और उससे भी पूछ लेना कि वो भी चलेगा क्या. अगर वो बोले कि हां चलूंगा, तो फिर हम साथ में चलेंगे.
दो दिन बाद संडे आ गया और राहुल से बात हुई तो वो भला ऐसा मौका कहां छोड़ने वाला था. वो भी आ गया.
हम सब थिएटर पहुंच गए. तब राहुल बोला- मैं टिकट लेकर आता हूं.
फिर हम अन्दर चले गए. वहां जाकर पता चला कि हमारी टिकट 2 अलग जगह पर थीं, एक अलग थी.
राहुल ने अलग वाली टिकट आदी की दे दी और हम दोनों साथ वाली सीट पर बैठ गए. राहुल मेरा हाथ पकड़ कर बोला- क्या हुआ … उस दिन के बाद तुम बात नहीं कर रही हो … मज़ा नहीं आया था क्या?
मैं कुछ नहीं बोली.
थोड़ी देर बाद मूवी चालू हो गई और हम दोनों मूवी देखने लगे.
अब राहुल ने मेरे कंधे पर हाथ रख लिया थोड़ी देर बाद मेरे मम्मों को दबाने लगा. मैंने उसका हाथ हटा दिया. ऐसे ही उसने 2-3 बार किया और मैं हर बार उसका हाथ हटा देती रही. लेकिन वो नहीं माना और बार बार मेरे दूध दबाते रहा. अब मैं भी उसका हाथ नहीं हटा रही थी. अब वो पूरे मज़े से मेरे दूध दबाने लगा था. मैं भी मज़े लेने लगी थी.
थोड़ी देर बाद उसने अपनी सीट थोड़ी फ्लैट की और जल्दी से मेरा हाथ पकड़ कर अपनी पैंट के अन्दर डाल कर अपना लंड पकड़ा दिया. मैंने उसका लंड पकड़ लिया और सहलाने लगी. वो मेरे मम्मों को दबा रहा था.
हम दोनों ऐसे ही मज़े लेते रहे और मूवी खत्म हो गई. हम दोनों घर चले आए.
इसके बाद से मैंने राहुल को थोड़ी ढील देनी शुरू कर दी. अब राहुल से मैं हर 3-4 दिन बाद चुदाने लगी. जब भी मौका मिलता, मैं राहुल से चुद लेती. वो रात में भी मेरे घर आ जाया करता था.
एक दिन मैंने आदी को घर से बाहर भेज दिया और राहुल को कॉल करके बुला लिया. मैं उस समय नहा रही थी, तभी राहुल आ गया. मैंने उसके लिए गेट खुला रखा था. वो आदी आदि आवाज़ देने लगा.
मैंने आवाज़ दी- रुको मैं नहा रही हूँ, आती हूँ.
उसने पूछा- घर में और कोई नहीं है क्या?
मैं बोली- नहीं.
वो दरवाज़ा बंद करके मेरे रूम में आकर नंगा हो गया और उसने बाथरूम में आवाज़ दी. मैंने दरवाज़ा खोला, तो वो मुझे धक्का देकर अन्दर ही आ गया. मैंने देखा, वो पूरा नंगा था.
वो मेरे साथ ही नहाने लगा और हम दोनों एन्जॉय करने लगे. बाथरूम में ही उसने मुझे चोद लिया. मैं बाहर आ गई और वो नंगा ही मेरे बिस्तर पर लेट गया.
हम दोनों बातें करने लगे, तब उसने मुझे अपने ऊपर गिरा लिया और मेरे बालों से खेलने लगा.
वो बोला- तान्या मेरी एक बात मानोगी?
मैं- क्या?
राहुल मेरी गांड पर हाथ लगा कर दबाते हुए बोला- मैं बस एक बार तुम्हारी गांड मारना चाहता हूँ.
मैं- नहीं … उधर बहुत दर्द होता है.
राहुल- नहीं होगा, मैं आराम से करूंगा.
ये बोल कर वो दोनों हाथ से मेरी गांड फैला कर सहलाने लगा.
मैंने विक्की और कुमार के बाद किसी से गांड नहीं मराई थी. मैंने प्रीत से बहुत चुदाई की. … लेकिन उसने भी मुझे कभी गांड मारने के लिए नहीं कहा था. शायद उसे आदी की गांड मिल गई, इसलिए कभी नहीं बोला होगा.
अब मैं भी मूड में आ गई थी. तब राहुल ने मुझे लंड चूसने को कहा. मैं लंड चूसने लगी.
फिर वो उठा और बोला- यहां सोफे पर नहीं … चलो बाहर हॉल में चलते हैं.
उसने मेरे आईने के पास से वैसलीन की डिब्बी उठा ली.
हम दोनों नंगे ही बाहर आ गए थे. उसने मुझे सोफे के हैंडल पर एक तकिया रख कर पेट के बल लेटा दिया. मेरी गांड ऊपर उठ गई थी. उसने वैसलिन को अपने लंड पर लगा लिया और थोड़ी सी मेरी गांड के छेद पर लगा दी.
फिर उसने मेरे गांड के छेद पर लंड रखा और एक हाथ से मेरे बाल पकड़ लिए. एक हाथ से मेरे कंधे को थाम कर उसने एक जोर का धक्का दे दिया. उसका आधा लंड मेरी गांड में घुस गया.
मुझे बहुत दर्द हुआ और मैं चिल्ला दी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ लेकिन राहुल नहीं रुका. उसने एक और धक्का मार दिया. अब मेरी गांड में उसका 8 इंच का पूरा लंड चला गया था.
पूरा लंड गांड में घुसेड़ने के बाद वो रुक गया और मेरे ऊपर झुक कर पीछे से मेरे दूध दबाने लगा.
फिर उसने धीरे धीरे धक्के मारने चालू किए. मुझे भी मज़ा आने लगा था. उसने अपनी स्पीड तेज कर दी और 20 मिनट ऐसे ही जम कर मेरी गांड मारी. फिर वो गांड में ही झड़ गया.
दस मिनट तक यूं ही पड़े रहने के बाद मैं उठ कर रेडी हुई और राहुल के ही साथ घूमने चली गई.
मैं छुट्टी में जितने दिन घर पर रुकी, तब तक राहुल ने मुझे खूब चोदा. मेरी गांड और चुत दोनों तरफ से मुझे बजाया.
फिर मेरी छुट्टियां भी खत्म हो गई थीं, तो मैं वापस पुणे अपने कॉलेज में आ गई.
इसी तरह मेरी सेक्स लाइफ चलती रही.
मुझे उम्मीद है कि आपको मेरी इस सेक्स कहानी में मजा आया होगा. आपको मेरी ये गंदी कहानी कैसी लगी, मुझे मेल करके जरूर बताएं.
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