दोस्तो, मेरा नाम अंकुश कुमार है. मेरी उम्र 25 साल है. मैं पुणे महाराष्ट्र का रहने वाला हूँ और आपकी तरह मुझे भी चुदाई की कहानियां पढ़ना बहुत पसंद हैं.
यह मेरी पहली चुदाई कहानी है.
बिग ऐस सेक्स स्टोरी पिछले साल की उस समय की है जब मुझे अपनी जॉब के चक्कर में बहुत घूमना पड़ता था.
वैसे तो मुझे ट्रेन या फ्लाइट से ही ट्रैवल करना होता है पर पिछले साल कोरोना के कारण मुझे अपनी कार से आना जाना करना पड़ रहा था.
मैं ऐसे ही काम से पुणे से गोवा जा रहा था.
सफर अच्छा चल रहा था कि बीच में मेरी गाड़ी कुछ हिचकोले खाने लगी.
मैंने उतर कर देखा तो गाड़ी के टायर में हवा ही नहीं थी.
आसपास देखा मैंने … तो मेरी मदद के लिए कोई भी नहीं था क्योंकि लॉकडाउन का समय चल रहा था.
मैंने गूगलमैप में देखा तो पास में ही एक गैराज था.
किसी तरह मैंने वहां तक गाड़ी चलाई और उधर पहुंच गया.
मैंने देखा तो वो एक पति-पत्नी थे और मिलकर काम कर रहे थे.
मैं उनके पास को गया और उनको आवाज दी.
वो औरत मेरे पास आई.
दोस्तो, क्या बताऊं … वो औरत कितनी सुन्दर माल लग रही थी.
उसने जींस टॉप पहना हुआ था.
उस समय सुबह के 9 बजे थे तो शायद वो नहाकर आई थी जिस वजह से उसके बाल गीले थे और खुले थे.
खुले बाल उसकी गांड तक लंबे थे.
उसके चूचे तो टी-शर्ट से एकदम चिपके और लिपटे हुए थे.
वो थोड़ी मोटी भी थी. मुझे बचपन से ही मोटी औरतें बहुत पसंद हैं.
मैं उसकी सुंदरता में खो गया.
उसने मुझे हाथ लगाया और बोली- भाईसाहब आपको क्या चाहिए. आपने आवाज क्यों लगाई थी?
मैं थोड़ा संभला और उससे कहा- मेरी गाड़ी के टायर में प्रॉब्लम है.
तभी उसका पति आकर चैक करने लगा.
उसका पति टायर में घुसा था और मैं उसकी बीवी को ही देखे जा रहा था.
कुछ पल बाद वो आदमी बोला- इसके टायर की टोंटी लीक कर रही है. इसे बदलना होगा. ये मेरे पास नहीं है, मुझे बाजार जाकर लाना पड़ेगा.
उधर से बाजार दूर था.
मैंने ओके कह दिया और उसे कुछ पैसे दे दिए.
उसने अपनी बाइक उठाई ली और वो सामान लाने जाने लगा.
तो उसकी वाइफ ने उसे एक लिस्ट भी पकड़ा दी और कहा- ये सब भी लेते आना.
मैं उससे ये कहना चाहता था कि पहले मेरी कार का सामान ले आओ … मुझे जल्दी जाना है.
मगर वो औरत मुझे चुप कराती हुई मुझसे बात करने लगी.
मैं समझ नहीं पाया कि क्या मामला है.
खैर … अब हम दोनों में बातचीत शुरू हुई.
उसने पूछा- आप कहां के हो, क्या करते हो?
मैंने उसे बताया और उससे बातें करते हुए उसकी मादक गांड और चूचों को ताड़े जा रहा था.
सच में क्या मस्त मोटी उभरी हुई गांड थी उसकी … और तने हुए मम्मे मेरे कलेजे को चाक कर रहे थे.
वो कुछ देर बाद अन्दर चली गई और कुछ काम करने लगी.
मैं भी अन्दर आ गया और वहीं उसके पीछे कुर्सी पर बैठ गया. मैं उसकी ठुमकती हुई गांड को देख रहा था.
मैंने उससे पूछा- आप महिला होकर गैराज में कैसे काम कर लेती हैं?
वो झुक कर अपने मम्मों का दीदार कराती हुई बोली- मेरे पति बीमार रहते हैं, तो वो कभी कभी ही काम के लिए आते हैं. मैं ही गैराज चलाती हूँ. कुछ मिस्त्री भी हैं, पर आजकल कोरोना के चलते सब कुछ ढीला ढाला चल रहा है.
मैंने इस बात पर उसकी भरपूर तारीफ की, तो वो हंसने लगी.
जैसे ही वो हंसी, मेरे अरमानों को मानो पंख लग गए.
मैंने सोचा ऐसा माल मुझे कहीं और नहीं मिल सकता.
कुछ देर सोचने के बाद मैंने तय किया कि इसकी तो मैं मार के ही रहूँगा.
मैंने उसकी हेल्प करने की कोशिश की तो वो भी मान गई.
मैं उसके पास बैठ कर उसकी हेल्प करने लगा.
उसी दौरान उसकी गांड को मैंने बहुत बार छुआ पर वो कुछ नहीं बोली.
फिर वो बोली- मुझे एक गाड़ी धोनी है तो मैं जाती हूँ.
वो पाइप लेकर चली गई.
मैं भी उसके पीछे पीछे आ गया.
गैराज के पीछे उनका वाशिंग सेंटर था.
मैंने देखा तो उसने अपनी ऊपर की टी-शर्ट निकाल दी थी और बस एक स्पोर्ट ब्रा में ही गाड़ी धोने में लगी थी.
आह्ह दोस्तो … क्या सीन था.
मेरा लंड बेकाबू हुए जा रहा था.
उसके गोल मोटे मम्मे मस्त हिल रहे थे.
मैं वही खड़े-खड़े अपना लंड मसलने लगा.
मेरा मन कर रहा था अभी जाकर उसको पीछे से पकड़ कर उसकी गांड मार लूं.
उसने धीरे-धीरे अपनी टाइट जींस को भी नीचे करना शुरू किया.
शायद वो चुदासी हो रही थी.
अब मुझे कुछ कुछ समझ आने लगा था कि ये भी चुदासी है.
कुछ ही देर में वो बस अपनी पैंटी और ब्रा में थी.
मेरा लंड का बुरा हाल हो रहा था.
मुझसे रहा नहीं गया और मैं जल्दी से उसके करीब गया और उसको पीछे से दबोच लिया.
वो पहले चिहुंकी, फिर बोलने लगी- अरे साहब, यह क्या कर रहे हो मैं शादीशुदा हूं … मेरा पति कभी भी आ सकता है.
मैंने कहा- यार तुझको देखकर मुझसे रहा नहीं जा रहा है. बस मेरा साथ देगी तुझे जन्नत दिखाऊंगा.
ये बोलते हुए मैंने उसको खींच कर उसके मोटे मोटे चूचों को मसलना शुरू कर दिया.
जब मैं जोर जोर से उसके चूचे दबाने लगा तो उसके मुँह से आह निकलने लगी.
मेरा खड़ा लंड उसकी पैंटी के ऊपर से उसके चूतड़ों की घाटी में रगड़ मार रहा था.
मुझे ऐसा अनुभव पहले कभी नहीं हुआ था.
मैंने एक हाथ से उसकी चूचियां दबाना शुरू की और दूससे हाथ का अंगूठा उसके मुँह में दिया और वह अच्छे से चूसने लगी.
उसके लंबे गांड तक लहराते बाल, उसकी बाहर को निकली हुई गांड, उसका गोरा रंग, उसके शरीर की कामुक खुशबू मुझे पागल बना रही थी.
मैंने उसको पलटाया और उसका मुँह अपने सामने कर लिया.
एक पल उसकी नशीली हो रही आंखों में झांका और अगले ही पल उसके एक मम्मे को अपने मुँह में दबा कर जोर जोर से चूसने लगा.
वह भी मेरा अच्छे से साथ दे रही थी. वह बोली- साहब इतने साल हो गए, बच्चे होने के बाद मेरे पति ने कभी मुझे नहीं छुआ. वह हमेशा बीमार ही बना रहता है. मैं बहुत तड़प रही हूं साहब, आज मेरी तड़प मिटा दो.
मैंने कहा- तुम चिंता मत करो, मैं हूं ना आज मैं तेरी पूरी तड़प मिटा दूंगा.
फिर हम दोनों ने लिप किस करना शुरू किया.
क्या बताऊं यार … उसकी जीभ का स्वाद … आह किसी चोकोबार जैसी थी.
उसकी जीभ को चूसने में बहुत मजा आ रहा था.
वो भी पैन्ट के ऊपर से मेरे लंड को सहला रही थी.
तभी मैंने उसकी ब्रा को जोर से खींचा और फाड़ दिया.
वह बोली- आह साहब धीरे करो.
मैं बोला- आज धीरे नहीं, आज तो तू मेरी रंडी है और रंडी को जोर से ही चोदना पड़ता है.
मैं अब नीचे आ गया और उसकी चूत को जोर जोर से सहलाते हुए मसल रहा था.
उसके मुँह से मदभरी सिसकारियां निकल रही थीं- आह ह साहब मजा आ गया और करो … और मसलो मेरी चूत को … आह साली बहुत दिनों से प्यासी है … साहब आह्ह बड़ा मजा आ रहा है.
ऐसा करते करते उसने मेरे कपड़े खोलना शुरू कर दिए, मेरी पैन्ट निकाल कर अलग कर दी, अंडरवियर को नीचे कर दिया.
मैंने उसे झट से नीचे झुकाया और वो मेरे लंड के सामने आ गई.
उसने मेरा लंड पकड़ा और जोर जोर से हिलाने लगी.
वो मेरा लंड देख कर बड़ी खुश थी. वो बोली- आपका तो बहुत बड़ा है साहब … मेरे मर्द का इतना बड़ा नहीं है.
तभी मैंने उसके मुँह में अपना पूरा का पूरा लंड पेल दिया.
उसकी सांस अटक गई.
मुझसे रहा नहीं गया.
मैं उसको देख कर पागल हुए जा रहा था.
मैंने अपने लंड को उसके मुँह में भी आगे पीछे करना शुरू किया और जोर जोर से उसके मुँह को चोदने लगा.
मैंने उसके बाल पकड़े हुए थे.
उसे भी बहुत मजा आ रहा था.
अब वो खुद से मेरा लंड चूस रही थी, चाट रही थी.
मैं उसके बालों को सूंघ रहा था और वह मेरा लंड चाट रही थी.
क्या बताऊं दोस्तो, मुझे न जाने कितना मजा आ रहा था, ऐसा लग रहा था कि बस जिन्दगी के ये पल यहीं ठहर जाएं.
कुछ देर बाद मैंने उसको उठा कर खड़ी किया और उसको गाड़ी के बोनट पर ले जाकर पलट दिया.
मैं नीचे को झुका और उसकी पैंटी के ऊपर से ही उसकी गांड सूंघने लगा.
आह उसकी गांड की क्या खुशबू थी.
कुछ देर बाद मैंने अपना पूरा मुँह उसकी पैंटी के ऊपर से ही गांड की दरार में घुसा दिया और उसकी पैंटी में लुकलुकाती गांड को चूमने लगा.
उसके मुँह से मादक सिसकारियां निकल रही थीं- आह आह ऊउफ … ऊहह मजा आ गया साहब! आपके मुँह से मेरी गांड में गुदगुदी हो रही है … आह!
उसकी गांड बहुत मोटी थी और मुझे मोटी गांड वाली औरतें बहुत ज्यादा पसंद आती हैं.
मैं उनकी गांड मारने से पहले गांड को अच्छे से चाटता हूं और चूसता हूं.
आज तक जितनी औरतों को मैंने चोदा था, यह तो उन सबमें मोटी और मस्त गांड वाली माल थी.
फिर मैंने उसकी पैंटी नीचे करके उतार दी और अपने हाथ में पैंटी लेकर उसके मुँह में घुसा दी.
वो शायद समझ गई थी कि मेरी आवाज न निकले इसलिए मैंने ऐसा किया है.
मगर उसने मुँह से पैंटी निकाल दी और बोली- इधर सुनने वाला कोई नहीं है. मेरा मरियल मर्द भो दो घंटा से पहले नहीं आने वाला है. उसको मैंने सामान की लिस्ट जो पकड़ा दी है.
अब मैं बेफिक्र था.
मैंने उसे नीचे झुकाया और उसकी गांड अपने दोनों हाथों से चौड़ी करके फैला दी.
मैंने अपनी जीभ निकाल कर उसकी चूत पर लगा दी और जोर से उसकी चूत को चाटने लगा.
वह हद से ज्यादा पागल हो रही थी और जोर जोर से चिल्ला रही थी.
उसको बहुत मजा आ रहा था और मैं भी खुले आसमान के नीचे किसी पराई औरत की चूत को मजे से चाट रहा था.
मैं अपने होंठ उसकी चूत में रगड़ रहा था और उसकी चूत को काट रहा था.
वह अपने मम्मों को बहुत जोरों से दबा रही थी, उसको मेरे साथ चुसाई में बहुत मजा आ रहा था.
मैंने उसकी गांड पर दो चाटें मारे.
वह कराह कर बोली- आहह साहब … बहुत मजा आ रहा है आह्ह् मारो मेरी गांड को मुझे शांत कर दो साहब.
अब मैंने वहां पड़ा हुआ वो पाइप उठाया जिससे से वह गाड़ी धो रही थी और उस पाइप से पानी उसकी गांड पर डालना शुरू कर दिया.
उसकी गांड पूरी भीग गई थी.
अब उसकी पूरी चूत और गांड को मैंने पानी से साफ कर दी.
फिर मैंने उसकी गांड में जीभ चलानी शुरू कर दी.
जैसा कि मैंने ऊपर लिखा है कि मुझे औरतों की गांड चाटना और चूसना बहुत पसंद है.
अपने उसी शौक के चलते मैंने उसकी गांड में अन्दर तक जीभ डाली और पूरा अन्दर तक चाट कर उसकी गांड का स्वाद लेने लगा.
सच में याद क्या बताऊं … उसकी गांड का स्वाद कितना मस्त था!
जैसे उसकी गांड का अन्दर का माल मेरे लिए ही बना हो. बहुत मजा आ रहा था.
मैंने उसकी गांड में अपना पूरा थूक डाल दिया और उसकी गांड को अपने मुँह से और नाक से रगड़ने लगा था.
अब मैंने उससे कहा- खड़ी हो जाओ.
वह खड़ी हो गई और मैं बोनट पर बैठ गया.
मैंने उससे कहा- झुक कर मेरा लंड चूसो.
वो झुक कर मेरा लंड मजे से चूसने लगी.
मुझे बहुत मजा आ रहा था और मेरा लंड उसके मुँह में पूरा अन्दर बाहर हो रहा था.
मैं अब उसे चोदने के मूड में आ गया था.
मैंने उससे कहा कि मेरे लंड पर बैठ जाओ.
वह बोनट पर चढ़ गई और मेरे लंड के निशाने पर पोजीशन बना कर बैठ गई.
चूत में लंड फंसा कर उसने ऊपर नीचे करना शुरू कर दिया.
वह चुदते समय बहुत चिल्ला रही थी क्योंकि मेरा लंड उसकी टाइट चूत में फंसता सा आ जा रहा था.
फिर भी मैंने उस पर दया नहीं दिखाई क्योंकि मैं भी पागल हो रहा था.
वो खुद से अपनी चूत को चोद रही थी और मैं उसके मम्मों को अपने दोनों हाथों से दबा रहा था.
ऊपर खुला आसमान था और मैं नीचे किसी पराई औरत की चूत को उसके गैराज की गाड़ी पर चोद रहा था.
मेरे लिए यह किसी सपने से कम नहीं था.
अब वो थक गई और मैंने नीचे से धक्के मारना शुरू कर दिया.
मैं नीचे से बहुत जोरों से उसको चोद रहा था.
वह मस्ती से बोल रही थी- आह साहब … चोदो और तेज चोदो मुझे … आंह और जोर से चोदो … बहुत मजा आ रहा है साहब … मैं आपकी रंडी आंह साहब मुझको कुतिया बना दो साहब … आह मेरी चूत फाड़ दो.
मैंने भी उसके साथ धकापेल लगा हुआ था.
मैंने उससे पूछा- पति के अलावा कोई और लंड नहीं लिया अपनी चूत में?
वो बताने लगी- आंह साहब … किसी परिचित से चुदने में डर लगता है.
मैंने कहा- फिर क्या उंगली से काम चलाती हो?
वो- हां साहब … मैंने बहुत बार खीरा भी मेरी चूत में डाला था, मैंने बहुत कुछ किया है अपनी चूत को शांत करने के लिए … मगर बिना लंड के इसे चैन कहां मिलता साहब. आज आप शांत कर दो मेरी चूत को.
यह सब सुनकर मेरा और भी जोश बढ़ गया और मैं जोर जोर से उसे चोदता रहा.
कुछ देर बाद मैंने उसे नीचे खींचा और उसके रस भरे होंठ चूसने लगा.
उसके रसीले होंठ चूस कर मुझे लग रहा था जैसे मैं स्ट्रॉबेरी चूस रहा हूं.
मैं मुँह से होंठ चूसते हुए उसकी चूत में लंड पेल रहा था. इस तरह से चुदाई करने में बड़ा मजा आता है.
कुछ देर बाद वो नीचे झुक गई और मैं पीछे आ गया.
मैंने उसके बाल खींचे और उसकी चूत चोदने लगा.
उसे घोड़ी बना कर चोदने में बहुत मजा आ रहा था.
मैं जोर जोर से उसके चूतड़ों पर चमाट भी मार रहा था.
इस पोजीशन में उसके चूचे नीचे लटक रहे थे.
करीब 15 मिनट तक मैंने उसकी चूत मारी.
वो झड़ गई थी.
फिर मैंने उससे कहा- अब मैं तुम्हारी गांड मारूंगा.
वो बोली- नहीं साहब, मुझे बहुत दर्द होगा.
मैंने कहा- मोटी गांड वाली औरतों को दर्द नहीं होता बल्कि गांड मरवाने में मजा आता है.
ये बोल कर मैंने उसकी गांड पर जोर से चमाट मारी और झुक कर उसकी गांड चाटने लगा.
मैं उसकी गांड के छेद को किसी भूखे कुत्ते की तरह चाटने लगा था.
मुझे बहुत मजा आ रहा था.
उसकी गांड का स्वाद बहुत स्वीट था.
उसे भी अपनी गांड चटवाने में मजा आ रहा था.
मैंने ऐस सेक्स करने के लिए उससे कहा- गाड़ी के बोनट पर चढ़कर घोड़ी जाओ.
मैं भी बोनट पर चढ़ गया और खड़े होकर उसकी गांड फैला दी. मैं अपना लंड उसकी गांड में डालने लगा.
वह बहुत जोर जोर से चिल्लाने लगी- आंह मुझे बहुत दर्द हो रहा है साहब, मेरी गांड बहुत टाइट है … और आपका लंड बहुत मोटा है.
मैंने कहा- तभी तो मजा आएगा मेरी जान कुछ देर दर्द सहन कर ले मेरी रंडी … फिर तुझे जन्नत का सुख मिलेगा.
मैं धीरे-धीरे उसकी गांड में लंड अन्दर करने लगा.
कुछ देर की ऊंह आह के बाद मामला सैट हो गया और अब उसको मजा आने लगा था.
मैंने स्पीड बढ़ा दी.
मेरा लंड मस्ती से उसकी गांड मार रहा था और उसकी मोटी गांड मुझे पागल बना रही थी.
मैं बहुत जोर जोर से उसकी गांड में लंड अन्दर बाहर करने लगा था.
वो आगे से झुकी हुई थी तो उसके मम्मे नीचे बोनट पर लग गए थे.
वह नीचे से अपने हाथ से अपनी चूत को मसल रही थी.
सच में कितना हसीन पल था.
अब मैं गाड़ी के टॉप पर आ गया और उससे कहा- मेरे ऊपर आकर अपनी गांड मेरे मुँह पर रखकर बैठ जाओ.
वो आ गई.
मैं गाड़ी के टॉप पर उसकी मोटी गांड के नीचे दब चुका था.
मुझे सांस लेना नहीं आ रहा था. वहां उसकी गांड और चूत का मिला हुआ स्वाद और सुगंध मेरी नाक और मुँह में जा रहा था.
मैं अपनी जीभ से जोर जोर से किसी पागल कुत्ते की तरह उसकी गांड चाट रहा था.
उधर वह भी पूरी रांड बन गई थी और मुझे गालियां दे रही थी- आह मादरचोद साहब … चूसो मेरी गांड भोसड़ी के बहुत मजा आ रहा है … आह ऐसा मजा मुझे कभी किसी ने नहीं दिया.
कुछ पल बाद मैंने उससे कहा- अब मुँह से हट जा रंडी और मेरे लंड पर अपनी गांड टिका कर बैठ जा.
वो मेरे लंड पर गांड लगा कर बैठ गई. मैंने लंड अन्दर किया और जोर जोर से उसकी गांड मारने लगा.
मैं बहुत जोर जोर से शॉट लगाने लगा था और उसके चूतड़ों पर थप्पड़ मारने लगा था.
वो बहुत जोर से चिल्ला रही थी और तड़प रही थी. उसकी बॉडी एकदम से कांपने लगी.
मैं जान चुका था कि वो फिर से झड़ने वाली है. मैं उसकी गांड नीचे से थपाथप मारे जा रहा था.
तभी वह अपनी चूत से एक तेज पिचकारी मारती हुई मेरे मुँह पर झड़ गई.
उसकी पेशाब भी साथ में ही छूट गई थी.
पूरा पानी मेरे मुँह पर फैल गया.
मैंने उसकी गांड मारते हुए उसे अपनी तरफ खींचा और उससे मेरे मुँह का पानी अपनी जीभ से साफ करने को बोला.
वो मेरा पूरा मुँह अपनी जीभ से चाटने लगी थी और मैं उसकी गांड मार रहा था.
इस पोजीशन में मैंने उसकी काफी देर तक गांड मारी.
फिर मैं उसको नीचे जमीन पर लेकर आ गया और पूरी जमीन की मिट्टी उसके उसके बॉडी पर लगा दी.
मैं बहुत अच्छे से उससे लिपटा हुआ था और उसको किस किए जा रहा था.
फिर मैंने उसको बिठाया और अपना लंड मुँह में दे दिया.
वो लंड चूसने लगी.
उसके मुँह में मैं जोर से धक्के मारने लगा, मैं अब झड़ने वाला था.
मैं जोर-जोर से उसका मुँह चोदने लगा और ऐसे करीब एक मिनट बाद में उसके मुँह में झड़ गया.
मेरा गाढ़ा वीर्य उसके मुँह पर भी फैल गया.
आज मेरा बहुत वीर्य निकला था, मैंने एक मस्त गांड वाली औरत की चुदाई की थी.
उस वक्त वह पूरी मिट्टी से सनी हुई थी और उसके मुँह पर मेरा पूरा वीर्य छप गया था.
मैंने पाइप उठाया और उस पाइप से उसको पूरा नहला दिया.
फिर उससे चिपक कर हम दोनों एक साथ उस पाइप से नहाने लगे.
हम दोनों किस कर रहे थे.
नहाने के बाद हम दोनों गैराज में गए और एक कपड़े से एक-दूसरे को साफ करके अपने अपने कपड़े पहन लिए.
अब मुझे उसके पति के आने का इन्तजार था.
जब तक उसका पति नहीं आया, हम दोनों एक दूसरे के जिस्म से खेलते रहे और चूमाचाटी करते रहे.
फिर उसका पति आ गया तो हम दोनों एक दूसरे से दूर हो गए.
उसके पति ने मेरी गाड़ी ठीक कर दी और मैंने उसको पैसे दे दिए.
उसी समय मैंने मौका पाकर उसकी पत्नी को जोर से किस किया और उसकी ब्रा में कुछ रूपए डाल दिए.
वो मेरे साथ चुदकर बहुत खुश हो गई थी.
वह बोली- वापस आते हुए यहां आना मत भूलना. ये मेरा फोन नम्बर ले लो.
मैं अपनी गाड़ी में बैठकर अपनी आगे की यात्रा पर निकल पड़ा.
तो दोस्तो ये थी बिग ऐस सेक्स कहानी. आगे मेरी इस कामुक यात्रा में क्या क्या हुआ, मैं बताता रहूँगा.