नमस्कार दोस्तों! आप सभी ने मेरी पिछली कहानी
रंगों की होली चूत में ले लोली
पढ़ी होगी कि कैसे होली के इस दिन पर हम ताश खेलते हुए मैं अपनी हॉट, मॉडर्न ख्यालात वाली बहन की घमासान चुदाई करता हूं. उसके साथ में अपनी हॉट साली की भी चुदाई करता हूं. आपको बता दूँ कि वो दोनों इतनी हॉट हैं कि कोई भी उनको एक बार देखकर चोदने का जरूर सोचेगा.
उस दिन मैंने अपनी वाइफ, बहन और साली को मजे से चोदा था जो मेरी जिंदगी का सबसे बेहतरीन दिन था. मेरी बीवी उन दोनों से भी ज्यादा सुंदर और हॉट है.
अब आगे:
शाम के 7 बजे के करीब मेरी नींद खुली, तब वहां बेड पर सिर्फ दिशा ही सो रही थी. शायद राधिका और सोनल उठकर रूम से बाहर चली गई थीं. दिशा को नग्न अवस्था में देखकर मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया. मैं दिशा के करीब होकर उसके मम्मे मसलने लगा, जिससे दिशा भी कुनमुनाती हुई उठ गई.
उसने मुझे दूध दबाते देखा, तो वो भी मुझसे लिपट गई. हम दोनों एक दूसरे को किस करने लगे, तभी मेरी हॉट बहन सोनल रूम में आ गई.
सोनल- भाई अब बस भी करो, अभी पूरी रात पड़ी है.
मैंने उसकी ओर देखा, सोनल ने कपड़े पहन लिये थे, लेकिन फिर भी उसका नग्न बदन दिख रहा था.
सोनल- चलिए उठिए आप दोनों फ्रेश हो जाइए.
इतना कहकर सोनल रूम से बाहर चली गई.
मैं- दिशा चल उठ, बाथरूम जाना है … तुम मेरे साथ नहाना पंसद करोगी?
दिशा- हां जीजू, चलिए.
फिर दिशा बेड से खड़ी होने कोशिश करने लगी, लेकिन घमासान चुदाई के वजह से वो एक पल के लिए लड़खड़ा गई. मैंने उसे सहारा दिया, तो वो खड़ी तो गई लेकिन वो ठीक से चल नहीं पा रही थी. ऐसी हालत सोनल की भी थी. फिर मैं दिशा को बाथरूम ले जा गया और हम उधर हम दोनों रोमांस करते हुए नहाने लगे. हम दोनों एक-दूसरे को किस कर रहे थे. मैं उसके पूरे बदन पर हाथ घुमा रहा था. अभी मुझे दिशा को चोदने का मन कर रहा था, लेकिन अभी दिशा चुदने की हालत में नहीं थी. सोनल ने भी मुझे याद दिला दिया था कि अभी मेरे पास पूरी रात पड़ी थी.
करीबन आधे घंटे तक हम नहाते रहे, फिर हम दोनों बाहर आ गए. दिशा अपने कपड़े पहनने के लिए अपने रूम में चली गई. मैं भी कपड़े पहनकर रूम से बाहर निकल आया.
हॉल में दिशा ओर राधिका दोनों सोफे पर बैठकर मूवी देख रही थीं. मैं राधिका के पास जाकर बैठ गया और सोनल तरफ देखकर हल्की स्माइल दे दी.
मैं राधिका से बोला- हनी, खाने का क्या प्लान है?
राधिका- बाहर से मंगवाया है, अभी आ जाएगा.
मैंने सोनल से पूछा- सोनल, मजा आया न?
सोनल- बहुत ज्यादा, लेकिन दर्द हो रहा है.
राधिका- अब दर्द की आदत डाल ले, आगे जाकर बहुत दर्द मिलेंगे.
राधिका बात सुनकर हम दोनों हंसने लगे. तभी दिशा भी शॉर्ट पहनकर लंगड़ाते हुए आ गई. उसकी लंगड़ी चाल देखकर हम तीनों हल्की स्माइल करने लगे.
राधिका- कैसी हो मेरी प्यारी बहना, ज्यादा दर्द तो नहीं हो रहा, कैसा लगा अपने जीजाजी का लंड?
दिशा सोनल के पास बैठकर बोली- जीजाजी का लंड बिल्कुल घोड़े जितना बड़ा है, ऐसे चोदकर हमारी बजा दी, मानो हम उसकी रखैल हों.
मैं- सच बोलूं तो … आज मैं बहुत खुश हूं कि अब मेरे पास तीन हॉट माल हैं. आज रात को फिर से चुदाई का खेल हो जाए.
सोनल- भाई, अब नहीं … फिर कभी, बहुत दर्द हो रहा है.
दिशा- सोनल ठीक बोल रही है, अगर अभी आपको चोदने का मन कर रहा है, तो आप मेरी बहना को चोद लेना.
मैं- लेकिन मुझे तो तुम दोनों को चोदने है.
सोनल- भाई कल चोद लेना, आज नहीं.
मैं- सिर्फ एक राउंड, प्लीज.
तभी डोरबेल बजी, तो राधिका खड़ी होकर दरवाजा खोलने चली गई.
दिशा- ठीक है, लेकिन सिर्फ एक ही राउंड होगा.
मैं- ओके.
सोनल- भाई आप वादा करो, धीमे चोदेंगे.
दिशा- हां सोनल ठीक बोल रही है … जीजाजी आपको वादा करना पड़ेगा.
मैं- मैं वादा करता हूं.
तभी राधिका खाना लेकर आ गई और डाइनिंग टेबल तरफ बढ़ गई. हम भी खाना खाने के लिए वहां आ गए. मेरे पास राधिका बैठी थी.
फिर राधिका ने खाना परोसना शुरू किया. हम चारों को बहुत भूख लगी थी, इसलिए खाना शुरू कर दिया.
राधिका ने सोनल तरफ देखकर कहा- हां तो तुम दोनों ने क्या डिसाइड किया, क्या रात को चुदने के लिए तैयार हो?
सोनल- सिर्फ एक राउंड की बात तय हुई है … वो भी स्लोली स्लोली …
तभी राधिका मेरी ओर देखकर मुस्कराने लगी, मैंने भी उसको स्माइल दे दी.
राधिका- राज, आज तुमको सबसे ज्यादा किसको चोदने में मजा आया?
यह सुन कर सोनल और दिशा दोनों ही मेरी ओर इस तरह देखने लगीं जैसे एग्जाम के बाद नम्बर मिलने का समय आ गया हो.
मैं- मुझे तुम तीनों को चोदने में मजा आया.
राधिका- नहीं … ऐसे नहीं … किसी एक नाम तो लेना ही पड़ेगा.
मैं- सबसे ज्यादा मुझे दिशा को चोदने में मजा आया.
तभी दिशा के चहरे पर थोड़ी मुस्कराहट दिखने लगी.
राधिका- दिशा को क्यों?
मैं- दिशा का फिगर इतना हॉट है कि क्या बताऊँ.
सोनल ने तुनक का कहा- भाई, क्या मैं इतनी हॉट नहीं हूँ?
मैं- तुम भी हॉट माल हो, लेकिन दिशा के मम्मे और उसकी लचकदार गांड को देखकर मैं अपने आपको कन्ट्रोल नहीं कर पाता हूँ. सच बताऊं तो आज मैं सबसे पहले दिशा को चोदना चाहता था.
राधिका- अब मुझे समझ में आया कि तुम तब क्यों सोनल को छोड़कर दिशा को चोदने लगे थे.
सोनल- वैसे भी भाई, सबसे पहले आपने दिशा की सील तोड़ी थी.
मैं- सोनल मुझे भी तुमको चोदने में बहुत मजा आया. मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मैं अपनी सुंदर हॉट बहन को चोद पाऊंगा.
राधिका- इसका क्रेडिट मुझे जाता है, मेरी वजह से आज तुम दो हॉट अप्सराएं चोदने को मिली हैं.
मैं- धन्यवाद डार्लिंग, इसके लिए अभी सबसे पहले मैं तुमको चोदूंगा.
फिर हम चारों मुस्कराते हुए खाना खाने लगे. चारों ने खाना खत्म किया और हाथ धोकर मैं राधिका को अपने साथ उठाकर अपने कमरे में ले गया.
हम दोनों फिर से एक-दूसरे से किस करने लगे, जिससे हमारे अन्दर की वासना जाग उठी. इस बीच राधिका ने पहले मेरी टी-शर्ट निकाल दी. मैंने भी उसके मम्मों पर हाथ घुमाकर उसकी टी-शर्ट निकाल दी. उसके बाद मैं राधिका को किस करते हुए उसकी लचकदार गांड पर हाथ से सहलाने लगा.
दो-तीन मिनट बाद मैंने राधिका को घुमा दिया और उसकी ब्रा का हुक खोलकर ब्रा को निकाल दिया. फिर उसके कातिलाना मम्मों को दबाने लगा, जिससे राधिका मदहोश होने लगी. मैं मजे से उसके मम्मे मसले जा रहा था.
राधिका के दोनों हाथ मेरे हाथ पर आ गए और वो अपने मम्मों को मसलवाने का मजा लेते हुए बीच-बीच में अपनी आंखों को बंद कर ले रही थी.
राधिका को बहुत ज्यादा मदहोशी की हालत में देखकर मेरा लंड उसकी गांड को छू रहा था. मैंने राधिका को घुमाकर घुटने के बल बैठने का इशारा किया. राधिका समझ गई और वो घुटने के बल बैठ कर मेरा लोअर निकालकर लंड हाथ में लेकर कर लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी.
इससे मेरे मुँह से आवाज निकलने लगी- ओह राधिका कम ऑन … आह और चूसो मेरी जान … आह ओह आह अह.
मैंने राधिका के बाल पकड़कर उसके मुँह को चोदना चालू कर दिया. करीबन पांच मिनट बाद जब मुझसे बर्दाश्त नहीं हुआ, तब मैंने राधिका को उठाकर बेड पर पटक दिया. फिर अपनी पेन्ट और उसकी पेन्टी निकाल फेंकी. इसके बाद मैं उसके ऊपर चढ़ गया और उसे किस करने लगा. मैं कभी उसके मम्मों को मसलता, कभी उसके होंठों को चूसता.
मैं राधिका के पूरे शरीर पर चूम रहा था, इस दौरान मैंने उसकी गर्दन पर लवबाइट भी किये. फिर नीचे को आते हुए मैं राधिका की गीली चुत को चाटने लगा. राधिका ने अपनी चूत पर मेरी जुबान पाते ही सीत्कार भरना शुरू कर दिया.
राधिका- ओह राज, आह कम ऑन फक मी … आह राज चोद डाल … लाल कर दे अपनी बीवी की चुत को … चोद डाल अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है.
यह सुनकर मैंने अपना लंड उसकी चूत पर सैट कर दिया. छेद से मिलन होते ही मैंने लंड को इजाजत दे दी और एक जोर सा झटका मारता हुआ राधिका की चूत में मेरा पूरा लंड पेवस्त हो गया. इससे राधिका के मुँह से हल्की चीख निकल गई.
फिर मैं राधिका की ताबड़तोड़ चुदाई करने लगा, जिससे वो भी मजा लेते हुए जोर जोर से सिस्कारियां भरने लगी. राधिका ने मेरी पीठ पकड़ ली थी और वो गांड उठा कर अपनी चूत में लंड लेने लगी थी.
तभी सोनल और दिशा भी कमरे में आ गईं. मैं राधिका को पेलते हुए उन दोनों से बोला- चलो कपड़े निकाल कर तैयार रहना … जल्द ही तुम दोनों का नंबर आएगा.
मेरी बात सुनकर उन दोनों ने अपने कपड़े निकाल दिए. मैं राधिका की तरफ देखकर उसे चोदने लगा. कुछ ही देर में हम दोनों एक साथ में ही झड़ गए. मैंने अपना गर्म लावा उसकी चुत में डाल दिया.
एक पल रुकने के बाद मैं नंगी खड़ी दिशा के पास आ गया. मैंने उसको घुटने के बल बैठकर अपना लंड चूसने को कहा. साथ ही सोनल को किस करते हुए उसके नग्न मम्मों को दबाने लगा.
दिशा मजे से मेरे लंड की चुसाई करने लगी थी. इससे मेरा लंड फिर से चुदाई के लिए तैयार हो उठा था.
अब मैंने दिशा को खड़ा करके बेड पर लेटा दिया. राधिका अपनी चूत सहलाते हुए कमरे से बाहर चली गई थी. मैं कामवासना को लम्बे समय तक चलाने वाली गोली लेकर दिशा के ऊपर चढ़ गया. मैं उसे किस करने लगा, सोनल कुर्सी पर बैठकर हमें देखते हुए अपने मम्मों को मसल रही थी.
तभी राधिका नंगी ही कमरे में आई. वो ठंडी बियर की बोतलें लेकर आई थी. उसने बियर की बोतलें सबको दीं. हम चारों एक साथ चियर्स करते हुए एक बियर के घूंट मारने लगे.
फिर मैंने दिशा को लेटाकर बिना देरी किये अपना लंड एक जोरदार धक्के के साथ घुसेड़ दिया … जिससे दिशा कराह उठी. मैंने तेज धक्कों के साथ उसे चोदना चालू कर दिया. उधर राधिका और सोनल दोनों लेस्बियन किस करने लगी थीं. सोनल के हाथ में सिगरेट फंसी थी, जिसे वो बड़े मजे से पीते हुए राधिका के मम्मों पर फूंक रही थी.
मैं इतने जोर के धक्के से मार रहा था कि दिशा मेरे लंड के नीचे दबे दबे बोल रही थी- जीजाजी धीमे चोदिए, दर्द हो रहा है … आह ओह जीजाजी, यू आर सो हार्ड.
दिशा के तड़पने से मैं और जोर से चोदने लगा. करीबन बीस मिनट बाद मैं थक गया और अपना लंड बाहर निकालकर दिशा के पास लेट गया.
तभी सोनल अपनी गांड मटकाते हुए मेरे पास आकर मेरा लंड चूसने लगी. जिससे मुझे बहुत अच्छा लग रहा था. मैंने उसके हाथ से सिगरेट लेकर दो कश खींचे और अपने लंड की चुसाई का मजा लेने लगा. उधर दिशा अपनी चुत में उंगली कर रही थी.
अब मैं फिर से चोदने के लिए तैयार था. मैंने सोनल को लेटा दिया और उसके ऊपर चढ़ गया. मैं उसे उत्तेजित करने लगा. मेरे किस करने पर सोनल मेरा पूरा साथ दे रही थी. फिर जब वो हल्की मोन कर रही थी, तभी मैंने अपना लंड सैट करके, एक जोरदार धक्का लगा दिया. एकदम से लंड घुस जाने से उसके मुँह से चीख निकल गई.
मैं बिना रुके अपनी स्पीड बढ़ाते हुए धक्के लगा रहा था और सोनल मेरा साथ देते हुए सिसकार रही थी. फिर कुछ मिनट बाद उसे भी मजा आने लगा था और वो अपनी गांड उठाते हुए मेरे लंड से कुश्ती लड़ने लगी थी.
सोनल- आह भाई … और जोर से … चोदो अपनी बहन को … फाड़ डालो मेरी चुत … ओह आह . … फक मी हार्ड.
मैं और उत्तेजित होकर अपनी स्पीड बढ़ाने लगा. इस वक्त मैं किसी इंजन के पिस्टन की तरफ लंड पेल रहा था. मुझे ऐसा लगता रहा था मानो मैं जन्नत की सैर कर रहा हूं.
करीबन पंद्रह मिनट बाद मैं झड़ने की कगार पर आ गया था, इसलिए मैंने अपना लंड बाहर निकाल लिया. लंड को हाथ से मुठिया कर मैंने सोनल की चुत के ऊपर ही अपने लंड को झड़ जाने दिया. वो भी झड़ चुकी थी.
फिर मैं वहीं सोनल के बगल में लेट गया. तभी राधिका अपने मुँह में सिगरेट दबाए हुई आई और मेरे पास आकर लेट गई. हम दोनों किस करने में मशगूल हो गए. मेरे एक ओर राधिका थी, तो दूसरी ओर सोनल थी. उसके बाद दिशा लेटी थी.
मैंने राधिका के हाथ से सिगरेट ले ली और सिगरेट का मजा लेने लगा. मेरे बाद सोनल ने मेरे हाथ से सिगरेट ले ली और वो कश खींचने लगी.
इधर मैं किस करते हुए राधिका के मम्मों को भी दबाने लगा था. फिर कुछ मिनट बाद हम दोनों एक-दूसरे से चिपककर सो गए. हम चारों ही थक गए थे. इसलिए चुदाई के मजे के बाद आराम से एक-दूसरे से चिपककर सो गए.
जब सुबह को राधिका की नींद खुली, तब वो हम दोनों भाई बहन की चुदाई होते हुए देखने लगी. मैं सुबह से उठकर सोनल को चोदने लगा था और सोनल भी अपनी गांड उठा कर मेरा साथ दे रही थी.
राधिका- इतनी सुबह तुम भाई-बहन ने चुदाई शुरू कर दी?
सोनल- ये सब भाई का काम है, मुझको उठाकर चोदने लगे.
मैं- अब तुम तीनों को नग्न अवस्था में देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया, इसलिए मैं सोनल को उठाकर चोदने लगा.
राधिका- मेरे प्यारे पतिदेव अब मेरी नंदरानी को छोड़ दो.
मैं सोनल को छोड़कर बेड पर लेट गया और वो दोनों फ्रेश होने के लिए चली गईं. मैं खड़े लंड के साथ दिशा से चिपककर लेट गया. दिशा अभी सो रही थी.
कुछ समय बाद राधिका रूम से बाहर निकल कर कपड़े पहनकर नाश्ता बनाने चली गई.
तभी दिशा की नींद खुल गई और वो उठ गई. उसी के साथ मैं भी उठ गया. उठते ही हम दोनों किस करने लगे.
मैं- चलो साली साहिबा साथ में नहाते हैं.
दिशा- इसके लिए आपको मुझे उठाकर बाथरूम ले जाना पड़ेगा.
मैं दिशा को गोद में उठाकर बाथरूम ले गया और हम दोनों रोमांस के साथ नहाने लगे. बाथरूम में ही मैंने दिशा के मम्मों को दबाते हुए उसे घुमाकर उसकी गांड में लंड डाल दिया … और उसकी गांड मारने लगा. दिशा भी मजे के साथ मोन करते हुए गांड मरा रही थी. मैं दिशा को धकापेल चोद रहा था, तभी बाथरूम के बाहर से सोनल की आवाज सुनाई दी.
सोनल- भाई अगर आप दोनों की चुदाई का खेल हो गया हो, तो नाश्ता तैयार है.
मैं- बस अभी आए.
मैंने पांच मिनट बाद अपना रस दिशा के चूतड़ों के ऊपर निकाला और खुद को साफ़ करके बाहर आ गया. फिर नहाकर दिशा भी अपने रूम में चली गई. मैं अपने कपड़े पहनकर रूम से बाहर आ गया, जहां डाइनिंग टेबल पर नाश्ता तैयार था. राधिका और सोनल वहां थीं. वो दोनों नाश्ता कर रही थीं. मैं राधिका के पास जाकर नाश्ता करने लगा. तभी दिशा भी आ गई और मेरे सामने देखकर मुस्कुराने लगी.
अब आपसे जल्द ही मिलूँगा एक नई कहानी के साथ. आपके मेल का इन्तजार रहेगा.
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