नमस्कार दोस्तों! यह कहानी तब की है जब मैं अपने गाँव गया हुआ था, वहां मुझे मेरी हमउम्र एक देसी लड़की मिली, मैंने उसकी कामवासना जगा कर उसे चुत चुदाई के लिए तैयार किया, फिर गाँव के पास के किले के खंडहरों में उसे ले जा कर चोदा. फिर चाची को हमारे बारे में पता चला और किसी तरह चाची को मना कर उनकी भी चूत की प्यास बुझाई।
शाम को चुदाई के बाद कंचन अपने घर पर चली गयी। फिर मुझे याद आया कि चाची से पैसे लेकर नेट का रिचार्ज कराना है ताकि मैं चाची और कंचन को दूसरे सैक्स वीडियो दिखा सकूँ. फिर मैंने चाची से पैसे लिए और रिचार्ज करवाने दुकान पर गया। रिचार्ज करवा के मैंने मेरे दोस्त को फोन किया जिससे मैंने वो सैक्स वीडियो क्लिप ली थी। उसने मुझे काफी सारे वेबसाइट के बारे में बताया. वो सब मैंने एक कागज पर लिख लिए। फिर उसे धन्यवाद किया और फोन काट दिया।
फिर मैंने उस वेबसाइट पर जाकर काफी वीडियो डाउनलोड किये जिनमें अलग अलग पोज़ से चुदाई चल रही थी। और कुछ लेस्बियन वीडियो डाउनलोड किये जो चाची को पसंद आएंगे, और कुछ देसी वीडियो भी।
दूसरे दिन मैंने घर में कोई नहीं देख कर चाची को सारे वीडियो दिखाये जो चाची को बहुत ज्यादा पसंद आये.
तो चाची ने कहा- जा अपनी दोस्त कंचन को भी दिखा।
फिर मैं कंचन को सेक्स वीडियो दिखाने उसके घर गया। मैंने देखा कि कंचन और ताईजी टीवी देख रही थी।
कुछ देर बाद ताई जब रसोई घर में गई, तब मैंने उसके कान में कहा- तुम्हारे लिए कुछ और सैक्स वीडियो लाये हैं।
फिर उसने कहा- यहाँ नहीं … तुम्हारे घर चल कर ही देखते हैं।
फिर उसने ताईजी से कहा- हम मयूर के घर जा रहे हैं।
रास्ते में मैंने उसे आवाज बंद करके कुछ वीडियो दिखाये।
उसने कहा- मुझे इन वीडियो की आवाज सुननी है।
मैंने उसे कहा- फिर जल्दी चलो!
मैंने घर पहुंचते ही चाची से कहा- हम ऊपर कमरे में जा रहे हैं वीडियो देखने … किसी को भी ऊपर आने मत देना! नहीं तो हमारी पोल खुल जाएगी।
चाची ने कहा- चिंता मत करो, मैं किसी को भी नहीं आने दूंगी. आखिर मुझे भी तो मज़े लूटने हैं।
चाची के हामी भरते ही हम सीधा कमरे में चले गए। मैंने दरवाजा बंद करके कुंडी लगा दी। फिर वीडियो की आवाज बढ़ाई लेकिन थोड़ी कम ही रखी ताकि वो नीचे तक ना सुनाई दे सके। कंचन को कुछ वीडियो दिखाये, उसे भी वीडियो पसंद आये।
फिर मैंने देखा कि कंचन की पैंटी गीली हो रही है। मैंने उसे अपने पास जोर से खींचा और उससे कहा- चलो अब मुझे वैसे ही मज़ा दो जैसे चल रहे वीडियो में वो औरत उसके साथी को दे रही है.
मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रखकर जोरदार किस किया ऐसा लगा कि मैं स्वर्ग में हूँ। फिर मैंने उसे किस करते हुए उसके पैंट में हाथ डाल दिया.
उसने कहा- अब बर्दाश्त नहीं होता, जल्दी से मेरी पैंटी उतारकर मेरी चुत को संतुष्ट कर दो.
मैंने उसका कुर्ता और जीन्स के साथ उसकी पैंटी और स्लिप उतारकर उसे पूरी नंगी करके उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया और सारा योनि रस पी गया। फिर उसने मोबाइल में लंड चूसने वाली वीडियो लगाकर उसे खिड़की में रख दिया और मेरी पैंट उतारने लगी।
मेरा लंड तना हुआ था। उसने उसे निकाल कर सीधा अपने मुंह में ले लिया और चूसने लगी. मेरा लंड चूसते वक्त उसने मुझसे कहा- तुम अगर यहाँ न होते तो मेरा क्या होता? मैं तो यहाँ बोर हो जाती। लगता है कि किस्मत ने इस बात को जान लिया था इसलिए तुम्हें मेरे लिये यहाँ भेजा।
फिर मैंने एक शेर कहा
ए जानेमन … मुझे इतना ना तरसा,
अब मेरे लंड पे … थोड़ा तरस खा!
वो हँसने लगी और कहा- ठीक है कवि महाशय, मैं तो आपकी दासी हूँ. कुछ भी करिये मेरे साथ!
मैंने उसे थोड़ा परेशान करने के लिए उसे घोड़ी बनाकर कहा- चिल्लाना मत!
और मैंने अपने लंड को सीधा उसके दूसरे छेद यानी गांड में जोर के धक्के से आधा अंदर घुसा दिया. वो जोर से चिल्लाने लगी और कहा- हरामखोर दासी बनी तो क्या मेरी गांड फाड़ेगा?
मैंने कहा- थोड़ा धीरे … कोई ऊपर आ जायेगा।
फिर मैं धीरे धीरे लंड को अंदर बाहर करने लगा. उसे थोड़ा दर्द हो रहा था। लेकिन मुझे बडा मज़ा आ रहा था। वो भी मुझे सहयोग कर रही थी। फिर मैं उसकी गांड में झड़ने ही वाला था कि चाची ऊपर आयीं और दरवाजा खटखटाया.
मैंने पूछा- कौन है?
चाची की आवाज आयी- मैं हूँ।
मैंने दरवाजा खोला तो चाची सीधा अंदर आयी और बोली- वाह रे मेरे नंगे नौजवान!
कंचन ने शर्मा कर चादर लपेट ली थी। चाची कंचन से बोली- शर्मा मत, लगता है मेरा सेवक तुम्हारी अच्छी खातिरदारी कर रहा है जो इतना शोर मचा रही हो।
मैंने कहा- नीचे किसी ने सुना तो नहीं?
तब चाची ने कहा- तेरे चाचा और दादाजी दोनों खाने का डिब्बा लेकर खेत में कब के चले गए. अगर घर होते तो इस कांची की आवाज सुनकर ऊपर आ जाते। मैंने तेरे चाचा से कहा कि घर के काम बाकी हैं तो आज मैं खेत नहीं आ पाऊंगी। अब वे शाम को ही घर लौटेंगे। मैंने ही जानबूझ कर उन्हें मना किया क्योंकि मुझे आज का दिन तुम्हारे साथ बिताना था। मैंने मेरे बचे हुए सारे काम निपटा लिए और इसकी आवाज आना शुरू हुई तो मैं दरवाजे को कुंडी लगाकर ऊपर आ गई। और डर मत … जमकर चुदाई कर इसकी … चीखने चिल्लाने दे इसे! गांव के सभी लोग अपने अपने खेत गये हैं। पूरा गांव सूना है।
इसी बीच मेरा भी खड़ा हो गया था। फिर हमारे पास अब काफी समय था। मैंने कंचन की चादर हटाई और लंड फिर उसके गांड में घुसा दिया और जोरदार चुदाई शुरू कर दी। वो जोर से चिल्लाने लगी लेकिन मुझे डर नहीं था।
तभी एक तरफ चाची अपनी साड़ी उतार कर नंगी हो गई. तो मैंने अपने लंड कंचन की गांड से निकाल कर उसके ही मुंह में दे दिया और चाची को मेरे मुंह पर चुत रखने को कहा. वो मेरे मुंह पर बैठ गई, मैं चाची की चूत चाट रहा था और कंचन मेरा लंड।
फिर मैंने वीडियो में देखी हुई वाटरफॉल पोजीशन ट्राय की जिसमें मेरे पैर बेड पर और सर जमीन पर … मेरे लंड पर कंचन बैठ गई और चाची ने मुंह से अपनी चुत चटाई। इस पोजीशन में हम करीब 15 मिनट तक थे। फिर हमने नई पोज़ बनाई जिसमें कंचन की चूत में लंड डाल कर वो मेरी गोद में बैठ गई। और चाची ने उसकी चुत चटाई की.
ये पोज ज्यादा अच्छा नहीं था तो हमने जल्द ही बदल दिया. फिर मैं बेड पर लेट गया और चाची मेरे लंड पर बैठ गई और उछल उछल कर अपनी चुदाई करने लगी. इस बीच मैं कंचन की चुत चाटने लगा. हम इस पोज में करीब 20 मिनट तक चुदते रहे, फिर मैं झड़ गया और हमने ब्रेक लेकर थोड़ा खाना खाया।
खाना खाने के बाद चाची बेड पर लेट गई, मैं भी चाची के पीछे लेट गया। मैंने चाची की पैंटी उतारकर लंड चाची की चुत में डाल दिया और कंचन चाची के सामने लेट कर उनकी चूचियाँ चूसने लगी. कभी वो एक दूसरे को चूमने लगती. मैं भी चुदाई करते हुए कभी एक हाठ से चाची की चूचियों को दबाता था।
अब मैंने नई पोज़ बनाई जिसमें चाची को लेटे हुए ही रहने दिया और मैं चाची का एक पैर उठाकर दोनों पैरों के बीच बैठकर चुदाई करने लगा.
लेकिन थोड़ी देर बाद कंचन ने कहा- सारा मज़ा अपनी चाची को ही दोगे?
तो मैंने चाची से कहा- अब इसकी हवस ही मिटा ही देता हूँ।
फिर मैंने कंचन के ऊपर उल्टा लेटा जैसे मेरा मुँह उसके पैरों की तरफ हो जाये. इस पोज़ में लेटकर लंड सीधा कंचन की चुत में डाल दिया। और चाची जो कंचन के पैरों की तरफ टांगें फैला कर बैठी हुई थी, उनकी चुत चाटने लगा. मैं कंचन की चुदाई जोर से कर रहा था। मैंने कंचन को पूर्ण रूप से संतुष्ट कर दिया और मैं भी अब चौथी बार झड़ चुका था।
अब लंड जल्दी खड़ा भी नहीं हो पा रहा था। फिर मैंने सोचा क्यों ना इन दोनों शेरनियों को आपस में भिड़ा दूँ.
मैंने मोबाइल उठा कर उसमें लेस्बियन वीडियो चला दी. फिर मैंने चाची और कंचन से कहा- मेरा खड़ा हो तब तक तुम दोनों आपस में ही सेक्स का मज़ा लो।
मैंने कहा- जो भी जल्दी झड़ेगी, उसे ही अब लंड खड़े होते ही आखिर बार चोदूँगा.
वे दोनों भिड़ गई 69 पोज में … एक दूसरी की योनि चाटने लगी जैसे कभी किसी की चाटी न हो।
फिर मैंने एक वीडियो लगाई जिसमें दो लड़कियां जुड़े हुए दो रबर के लंड से चुद रही थी.
तभी मेरे मन में ख्याल आया और मैं दौड़ के नीचे गया और एक फ्रिज में से एक लौकी निकाली जो उन दोनों की चुत में फिट बैठे. उसे लेकर मैं तेजी से ऊपर वाले कमरे में गया, उनसे कहा- देखो मैं आपके लिए कुछ लाया हूँ।
फिर लौकी उन्हें दिखाई.
उन्होंने कहा- ये किस लिए?
मैंने कहा- देखती जाओ!
मैंने उन्हें ऊपर नीचे लिटाया और आधी लौकी चाची के और आधी कंचन के चुत में घुसा दी। फिर उनसे कहा- अब चुदाई करो!
दोनों अपने चूतड़ ऊपर नीचे करने लगी.
उन्होंने कहा- वाह … सचमुच ऐसा महसूस होता है कि किसी लंड से ही चुदाई हो रही हो।
फिर चाची झड़ गई.
मैंने कहा- चाची लंड तो आपके ही नसीब में था. लेकिन एक बदलाव ये है कि लंड चुत में नहीं, आपकी गांड में जायेगा क्योंकि लौकी आपकी चुत में है.
मेरी बात सुनकर कंचन हंस पड़ी और कहने लगी- मैं तो बच गई और चाची अब आपकी गांड ठुकाई होगी।
फिर मैंने मेरा लंड कंचन के मुंह में घुसा के कहा- तेरी भी मुख ठुकाई होगी.
जैसे ही लंड खड़ा हुआ उसे मुँह से निकाल कर उनको उल्टा लिटाकर मैं चाची के पीछे पीठ पर लेटा और लंड चाची की गांड पर रख दिया.
चाची ने कहा- रुक … लंड पर कंडोम चढ़ा ले, उससे ये आसानी से मेरी गांड में जायेगा।
फिर मैंने नीचे से कंडोम लाकर लंड पर चढ़ा लिया और फिर चाची की पीठ पर लेटकर लंड गांड में रख कर धक्के से आधा घुसा दिया.
तब भी चाची जोर से चिल्लाई और कहा- धीरे कमबख्त … मेरी गांड फाड़ेगा क्या?
मैं भी कहाँ सुनने वाला था, मैंने वैसे ही गांड चुदाई चालू रखी.
चाची चिल्लाने लगी तो मैंने उनका मुंह बंद करने के लिए उनके होंठों पर चुम्बक की तरह अपने होंठ चिपका दिये. अब वो चिल्ला भी नहीं पा रही थी। मैंने मेरा किस जोर से चालू रखा। मैं अपनी जीभ से उनकी जीभ को सहला रहा था और हाठों से उनकी चूचियाँ दबा रहा था। नीचे उनकी गांड और चुत ठुकाई भी चालू थी।
चाची पूरी पागल की तरह झटपटा रही थी।
फिर चाची ने लौकी अपनी चुत से निकाल फेंकी और मुझे भी धक्का देकर गिरा दिया और कहा- क्या अब मेरी जान लोगे? इस कांची को तो बड़ा मजा आ रहा है। अब इसकी जान निकाल!
चाची ने कंचन के मुंह पर उनकी चुत रख दी और कंचन की चूत वो चाटने लगी.
मुझे चाची ने कहा- अब इसकी भी ठुकाई कर!
मैंने अपना लंड कंचन की गांड के छेद डाल दिया, वो हटने लगी तो चाची ने उसे कस कर पकड़ लिया, मैंने उसे पेलना चालू कर दिया। वो आवाज करने लगी तो चाची ने अपनी चुत उसके मुंह में घुसा दी।
फिर मैं झड़ गया.
अब हम थक चुके थे तो वे दोनों मेरे सामने लेट गई और मुझे उनकी चुत चाटने को कहा। मैंने दोनों की चुत चाट कर साफ कर दी।
इसके बाद सबने अपने अपने अंग धोकर साफ कर अपने कपड़े पहन लिये। तब करीब शाम के 4 बज चुके थे, मैंने कंचन को घर छोड़ दिया।
ऐसे ही हमने करीब 12 दिन तक चुदाई की। फिर कंचन को भी उसके पापा लेने आ गये, वो अपने घर चली गई। जाते समय मैंने उसे अपना फोन नम्बर दे दिया और कहा- जब खाली हो तो फोन जरूर करना।
फिर खेती के काम भी बढ़ गए थे तो चाची भी घर पर कम और खेत में ज्यादा रहती थी। मुझे घर पर अकेला महसूस होता था तो मैं भी अपने गांव चला आया. गांव आने के बाद कई बार कंचन के फोन आये. फोन पर ही हमने सेक्स की बातें की।
और जब भी छुट्टियाँ शुरू होती थी तो हम साथ आकर अपनी सेक्स की प्यास बुझाते थे।
तो दोस्तो, कैसी लगी मेरी चाची और गर्लफ्रेंड के साथ सेक्स की कहानी? मुझे जरूर बताएं।
और मुझसे गलती से कोई भूल चूक हुई है तो माफ करना। मेरी कहानी जरूर पढ़ते रहना। और अगर आपको सेक्स स्टोरी पोस्ट करने में कोई परेशानी या झिझक हो रही हो तो मेरे मेल पर बात करें, मैं आपकी मदद जरूर करूँगा. मेरी कहानी के बारे में कमेंट करना न भूलना।
मेरा मेल आईडी नीचे दिया है।
धन्यवाद।
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