नमस्कार दोस्तो, मैं राकेश एक बार फिर अपनी एक कामुक कहानी आपके सामने पेश कर रहा हूँ.
मेरी पहली कहानियां
महिला मित्र की दोबारा सुहागरात में चुदाई की कामना
व
दो बहनों के साथ थ्रीसम
को आप लोगों ने बहुत सराहा. उसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद!
मेरी कुछ महिला पाठकों के भी मेसेज आये, उन्होंने भी मेरी कहानियों की बहुत तारीफ की. एक दो ने तो जो मेरे शहर के नज़दीक रहती हैं, मुझसे चुदने की इच्छा भी जाहिर की जो शायद बहुत जल्दी पूरी भी हो जाएगी.
तब मैं उनके नाम पहचान गुप्त रख कर उनकी कहानी भी आप को बताऊंगा.
खैर अब कहानी की तरफ बढ़ते हैं.
जिन लोगों ने मेरी कहानी दो बहनों के साथ थ्रीसम पढ़ी है, वो वन्दना के बारे में जरूर जानते होंगे. जिन्हें नहीं पता, उन्हें बता देता हूं कि वन्दना मेरी माशूक नीरू की छोटी बहन है. उसकी उम्र कोई 30 साल के आसपास है, उसकी शक्ल बिल्कुल सिंगर नेहा कक्कड़ से मिलती है. उसका फिगर भी नेहा कक्कड़ जैसा ही है.
तो हुआ यूं कि जब मैं, नीरू और वन्दना सोलन से वापिस आ गए तो कोई हफ्ते दस दिन बाद मुझे वन्दना का व्हाट्सएप पर मैसेज आया ‘कॉल मी व्हेन यू फ्री’
यानि जब तुम फ्री हो तो मुझसे बात करना!
मैंने अंगूठे का निशान बना कर ओके लिख दिया.
शाम को घर आकर मैंने वन्दना को फ़ोन लगाया तो फ़ोन किसी और लेडी ने उठाया. वो बोली- हाँ जी, आपको किस से बात करनी है?
तो मैं बोला- जी नमस्कार, मुझे वन्दना से बात करनी है, मैं उनका जानकार बोल रहा हूँ.
वो बोली- भाभी तो अभी डुक्कू (वन्दना की बेटी) को लेने स्कूल गयी है. अगर कोई मैसेज हो तो बता दो.
तो मैंने कहा- कहना कि संजू (मेरा निक नेम) का चंडीगढ़ से फ़ोन आया था.
उसने ओके कहा और फ़ोन काट दिया.
आधे घण्टे बाद मुझे वन्दना का फ़ोन आया. उसने बताया कि उसका पति साहिल और सास अमृतसर किसी रिश्तेदार के यहां 5 दिन लिए गए हैं. अब घर में मैं और नीतू (वन्दना की ननद) ही हैं. ये भी कहा उसने कि वो ये चार दिन मस्त गुजारने वाली है.
उसने मुझ से पूछा- क्या आप आ सकते हो?
तो मैंने कहा- अभी कुछ दिन पहले ही छुट्टी लेकर हम सोलन गए थे. अब तो शायद छुट्टी ना मिले! फिर भी मैं कोशिश करूंगा.
यह सुनकर वन्दना थोड़ा उदास हो गयी. फिर बोली- जीजू प्लीज, कुछ भी करके छुट्टी लो.
मैंने ओके कहा और फ़ोन रख दिया.
अगले दिन मैं आफिस गया तो बॉस के पास छुट्टी का बोलने जा ही रहा था तो मेरे केबिन में चपड़ासी आया और बोला- आपको बॉस ने बुलाया है.
वो कहते हैं ना कि जहां चाह वहां राह!
मैं बॉस के केबिन में गया, गुड मॉर्निंग बोली.
बॉस ने मुझे बैठने को बोला और फिर बताया- परसों तुम्हें एक एड शूट करने एक हफ्ते के लिए लुधियाना जाना है.
यह सुन कर मैं तो खुश हो गया. सोचा कि चलो छुट्टी बच गयी. अब काम के साथ साथ मस्ती भी हो जाएगी.
सबसे पहले मैंने वन्दना को फ़ोन करके बताया कि मैं आ रहा हूँ.
यह सुन कर वन्दना भी खुश हो गयी. उसने मुझे अपना घर का पता व्हाट्सएप किया.
मैंने ओके कह कर फ़ोन रख दिया और जाने की तैयारी करने लगा. दूसरे दिन के बाद मैं अपनी कार से लुधियाना के लिए निकला और रास्ते से हमेशा की तरह दो बोतल व्हिस्की ली और सीधा लोकेशन, जहां फ़ोटोशूट होना था, पहुंच गया.
वहां मेरा हेल्पर पहले से मौजूद था. उसने मुझे मेरा कमरा दिखाया और बोला- सर अगर आप नहाना चाहते हो तो नहा लो. तब तक मैं आपके लिए कुछ खाने पीने का इंतज़ाम करता हूँ.
तो मैं बोला- अभी मैंने कुछ भी नहीं खाना, बस तुम एक चिल्ड सी बियर मंगवाओ और उन मॉडल्स को भी बुलाओ जिनका फ़ोटो शूट करना है.
वो ‘ओके सर’ कह कर चला गया और मैं भी नहाने चला गया.
मैंने नहा कर एक टीशर्ट और कैपरी पहनी और अपने कैमरे का किट बैग ले कर स्टूडियो में चला गया. थोड़ी देर बाद केशव (मेरा हेल्पर) बियर ले कर स्टूडियो में आ गया.
मैंने सिगरेट जलाते हुए उसे मॉडल्स के बारे में पूछा तो वो बोला- सर पाँचों लड़कियाँ बाहर खड़ी हैं.
मैंने गिलास में बियर डाली और सिगरेट का कश लगाते हुए केशव से लड़कियों को बुलाने के लिए कहा.
दो मिनट बाद सभी लड़कियां स्टूडियो में आ गयी.
उन पाँचो लड़कियों में चार ने मिनी स्कर्ट और टॉप पहना हुआ था पर पांचवी लड़की ने जीन्स और टॉप पहना था.
मैंने बियर का घूंट भरते हुए चार लड़कियों को एक तरफ किया और जीन्स वाली लड़की को साइड में बिठा दिया.
फिर मैंने चारों लड़कियों को बिकनी पहनने को दी और जीन्स वाली लड़की की तरफ देखा.
वो कुछ असमंजस में थी.
चारों लड़कियां बिकनी पहन कर आ गयी. उनकी चिकनी टांगें और बिकनी के ऊपर से उभरी उनकी चूत साफ साफ दिख रही थी.
केशव ने तब तक स्टूडियो तैयार कर दिया था क्योंकि एड एक व्यस्क उत्पादन का था तो लाज़मी है कि मॉडल्स को आधी नंगी होना था.
वो चारों मेरे पास आई और मैं अपने हिसाब से उनकी फोटो खींचने लगा.
उनकी फोटो खींचते हुए मेरा लन्ड एकदम कड़क हो गया.
जब फ़ोटो खींच कर मैं फ्री हुआ तो चारों लड़कियाँ भी कपड़े बदल कर अपने अपने घर चली गयी.
फिर वो जीन्स वाली लड़की मेरे पास आयी और मुझे बोली- सर, आपने मेरा फ़ोटोशूट क्यों नहीं किया?
तो मैं उससे बोला- मैडम, ऐसे शूट में अपने जिस्म को फोटोग्राफर की नजरों में उतारना होता है. और तुम तो अपने जिस्म को पूरा ढक कर आई हो.
तो वो अपनी कमीज के बटन खोलते हुए बोली- तो मैं भी अपने जिस्म को आपकी नज़रों में उतारने को तैयार हूं.
मैंने उसके बटन बन्द करते हुए कहा- अब टाइम ओवर हो गया है, तुम कल आना! फिर देखता हूं कि तुम अपने जिस्म की कितनी नुमाइश करती हो.
यह कह कर मैंने उसे भेज दिया.
फिर मैंने केशव से खाना मंगवा कर खाया और थोड़ा आराम करने के लिए सो गया.
शाम को पांच बजे उठ कर मैं नहाया, कपड़े बदल कर वन्दना के घर चला गया.
मैंने डोर बेल बजायी तो जिसने दरवाज़ा खोला तो मैं और वो दोनों एक दूसरे को देख कर हैरान हो गए.
जी हां … आपने ठीक समझा, दरवाजा खोलने वाली लड़की कोई और नहीं, वो जीन्स वाली मॉडल थी.
मुझे देख कर वो बोली- सर आप यहां?
तो मैंने कहा- मैं यहां वन्दना से मिलने आया हूँ.
तो वो बोली- अच्छा तो आप हैं भाभी के जीजू! अंदर आईये प्लीज!
घर बहुत बड़ा था जिसमें ऐशोआराम की हर चीज मौजूद थी. वो मुझे ड्राइंगरूम में बिठा कर वन्दना को बुलाने चली गयी.
वन्दना के बारे तो आप सब जानते ही हो. अब मैं आपको नीतू के बारे बताता हूँ.
नीतू कोई 20-22 साल की लड़की है, जिसका रंग बिल्कुल दूध जैसा गोरा है, आंखों का रंग भूरा व बालों का रंग सुनहरा है, कोई भी उसे देख कर ये नहीं कह सकता कि वो भारतीय है. वो दिखने में बिल्कुल अंग्रेजन लगती है. उसके चुचे 32″, कमर 28″ और गांड का साइज 36 इंच है.
वन्दना मुझे देख कर खुश हो गयी और मुझे गले लगा कर अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिये. हमने कुछ देर तक एक दूसरे के होंठों को चूसा, फिर अलग हो कर बैठ गए.
तब तक नीतू भी अपने कपड़े बदल कर नीचे आ गयी. उसने अब एक मिनी स्कर्ट टाइप फ्रॉक पहनी थी जिसमें उसकी चिकनी जांघें लिशकारे मार रही थी.
वो भी आकर वन्दना के साथ अपनी टांग पर टांग रख कर सामने वाले सोफे पर बैठ गयी.
फिर उसने वन्दना को हम दोनों की स्टूडियो वाली मुलाकात के बारे में बताया. पर जो बात हमारे बीच हुई थी, वो कुछ नहीं बताई.
तो वन्दना खुश होते हुए बोली- चलो तुम कल जीजू के साथ ही स्टूडियो चली जाना, इस बहाने तुम इन्हें जल्दी ले भी आओगी.
इतने में एक नौकरानी चाय कुछ स्नैक्स लेकर आयी तो नीतू उठ कर चाय डालने लगी.
उसने उठते हुए जानबूझ कर अपनी टांगों को ऐसे खोला कि मेरी नज़र सीधा उसकी काली कच्छी पर गयी.
वो मेरी तरफ देख कर मुस्कुराई और मुझे और वन्दना को चाय देकर बैठ गई.
मैंने नीतू से पूछा- तुम चाय नहीं लोगी?
तो वो बोली- मैं चाय नहीं पीती.
तो मैं मजाक करते हुए बोला- तभी इतनी गोरी हो.
सब हँसने लगे.
चाय के बाद नीतू उठी और वन्दना से बोली- भाभी, मैं मार्किट जा रही हूं, कुछ कपड़े लेने हैं.
और फ़ोन पर कुछ करने लगी.
तो वन्दना बोली- क्या कर रही हो?
वो बोली- कैब बुक कर रही हूं.
तो मैं बोला- कैब की क्या जरूरत है? अगर तुम्हें गाड़ी चलानी आती है तो मेरी गाड़ी ले जाओ.
उसने मुझसे गाड़ी की चाबी ली और ‘थैंक यू’ बोल कर जाने लगी.
तो वन्दना नीतू से बोली- वापिस कब तक आओगी?
वो बोली- 8-9 बजे तक आ जाऊंगी.
कह कर वो चली गयी.
फिर वन्दना ने अपने बेटे को नौकरानी के साथ पार्क में भेज दिया और 8 बजे वापिस आने का बोल दिया.
नौकरानी उसके बेटे को ले कर चली गयी.
वन्दना ने दरवाजा अंदर से लॉक कर दिया और आकर मेरी गोद में बैठ गयी और फिर से मुझे चूमने लगी.
उसने इस वक्त सिल्क का लाल गाउन पहना हुआ था. मैं नीचे से उसके गाउन में हाथ डाल कर उसकी टांगों और जांघों पर फेरने लगा.
कुछ देर ऐसा करने के बाद वन्दना मुझ से अलग हुई और किचन से एक ट्रे में सोडा पानी व्हिस्की की बोटल और कुछ स्नैक्स ले कर आई.
फिर अपने हाथों से मुझे एक बना कर देते हुए बोली- डार्लिंग, मैं नहा कर आती हूँ. फिर 8 बजे तक ढेर सारा लव करेंगे. तब तक आप ड्रिंक का मजा लो!
ऐसा बोल कर वो जाने लगी तो मैंने उसे कहा- तब तक तुमने जो कच्छी पहनी है, वो ही दे जाओ! इतनी देर मैं ड्रिंक के साथ इससे ही तुम्हारी चूत की महक ले लूंगा.
यह सुन कर वो मेरी तरफ देख कर मुस्कुराई और गाउन की डोरी खोल कर उसे अपने जिस्म से अलग कर दिया उसने गाउन के साथ की लाल कच्छी और ब्रा पहनी थी जो उसके गोरे जिस्म पर चार चांद लगा रही थी.
फिर उसने अपनी कच्छी उतारी और अपनी चूत पर रगड़ कर मेरी ओर फेंक दी. फिर उसने अपनी ब्रा भी उतार कर मेरी और फेंक दी- अब आप दोनों की महक लो!
कहानी जारी रहेगी.
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