दोस्तो, मेरा नाम समीर खान है. मैं नोएडा से हूँ. मैं आज आपको अपनी गर्लफ्रेंड की बहन की चुदाई की कहानी बताने जा रहा हूँ.
ये गर्लफ्रेंड सिस्टर Xxx कहानी तब की है जब मैं अक्सर 10 या 15 दिन के बाद अपनी गर्लफ्रेंड से मिलने जाता रहता था.
मेरी गर्लफ्रेंड की उम्र 21 साल की थी और उसकी छोटी बहन की उम्र 19 साल की थी.
मैं और मेरी गर्लफ्रेंड फौजिया, हम दोनों एक दूसरे से बहुत मोहब्बत करते थे. हम दोनों की मुहब्बत की बात किसी को नहीं मालूम थी.
बाद में मेरी गर्लफ्रेंड ने अपनी छोटी बहन अर्शी को भी बता दिया कि मेरी सैटिंग समीर से चल रही है और वो मुझसे मिलने आता है.
दरअसल मैं अपनी गर्लफ्रेंड फौजिया के परिवार से काफी पहले से जुड़ा हुआ हूँ और उसकी अम्मी मुझे काफी पसंद करती थीं.
फौजिया के अब्बू बाहर नौकरी करते थे इसलिए घर में कोई भी कम होता था तो फौजिया की अम्मी मुझे ही काम करने की कह देती थीं.
फौजिया की एक बड़ी आपा, जिनकी शादी हो चुकी थी, वो भी मुझसे परिचित थीं.
एक दिन मैं अपनी गर्लफ्रेंड का फोन आने पर उससे मिलने उसके घर गया, तो गर्लफ्रेंड ने मुझसे कहा- तुम मेरा एक काम करोगे?
मैंने बोला- हां क्यों नहीं, तुम जो कहोगी … वो मैं करूंगा.
मेरी गर्लफ्रेंड ने कहा- मेरी बहन को तुम मेरी आपा के यहां छोड़ आओ. वो प्रेग्नेंट हैं, तो ये उनके यहां काम में मदद कर देगी.
मैंने हामी भर दी और उससे अम्मी व अर्शी के बारे में पूछा.
तो फौजिया मुस्कुराने लगी.
मैं समझ गया कि आज ये घर में अकेली है. मैं अपनी गर्लफ्रेंड फौजिया के साथ चुदाई में लग गया.
बीस मिनट की धकापेल चुदाई के बाद मैंने फौजिया को ठंडी कर दिया.
दूसरे दिन मैं उसकी छोटी बहन को लेकर चल दिया.
जब मैं उसके घर से निकल कर ऑटो में बैठ कर जाने लगा तो मेरी गर्लफ्रेंड की बहन बोली- मुझे तुम्हारे और आपा के बारे में सब पता है.
मैं डर गया और बोला- तुम किसी को बताना नहीं. तुम जो बोलोगी, वो मैं करूंगा.
वो बोली- मैं किसी को नहीं बताऊंगी, पर तुम मुझे जैसे लेकर जा रहे हो, वैसे ही कुछ दिन के बाद लेने आ जाना और आज वापस मत जाना, कल जाना.
मैंने बोला- ठीक है. मगर मेरे रुकने को लेकर तुम अपनी बड़ी आपा से क्या कहोगी?
वो बोली- वो सब मैं देख लूंगी.
मैंने कुछ नहीं कहा.
अगले दिन उसकी आपा के यहां मेरी तबियत खराब हो गयी तो मुझे वहां और 2 दिन के लिए रुकना पड़ गया.
इसी बीच तीसरे दिन मेरी गर्लफ्रेंड की बहन अर्शी के सीने पर एक फुन्सी का दाना निकल आया था जो उसे बहुत दर्द कर रहा था.
उसने मुझे बताया तो मैंने मजाक में कहा दिया- मुझे दिखाओ, तो पता चले कि कैसा है?
उसने शर्माते हुए अपने टॉप के ऊपर से ही मेरे हाथ से दाने को छूकर दिखा दिया.
उसके दूध को छूते ही मेरा लंड, जो 6 इंच का था, एकदम से खड़ा हो गया और उफान मारने लगा.
मैंने हिम्मत करते हुए उससे दोबारा दिखाने के लिए कहा- ऐसे समझ नहीं आ रहा है. तुम कपड़े हटा कर दिखाओ.
वो शर्माती हुई बोली- ये गलत बात है, तुम मेरे जीजू हो, लेकिन मेरा दिल ये मानने को तैयार नहीं हो रहा है.
मैंने कहा- ओके मत दिखाओ … मुझे थोड़े ही दर्द है.
वो कुछ नहीं बोली.
कुछ समय के बाद वो और उसकी आपा बेड पर सो गयी और मैं चारपाई पर.
सोने के कुछ समय बाद मैंने उसको जैसे ही किस की, वो जाग गयी और हल्के स्वर में कहने लगी- ये क्या कर रहे हो?
मैं बोला- अब मुझसे नहीं रहा जा रहा है. अब आज तुम वो करोगी, जो तुम्हारी बहन मेरे साथ करती है.
वो बोली- क्या करोगे?
मैं बोला- पहले आंखें बन्द करो.
उसने आंख बन्द की तो मैंने उसके टॉप में हाथ डाल कर उसके नुकीले दूध पकड़ लिए.
उसने दर्द से एकदम से आंख खोल दीं और मेरा हाथ हटाने लगी.
लेकिन मैं भी पूरे जोश में था; मैंने हाथ नहीं हटाया.
मैं उससे कहने लगा कि कितना भी जोर लगा लो, तुम्हारा दूध उखड़ जाएगा लेकिन हाथ ना हटा पाओगी.
वो भी चुपचाप लेटी रही और मैं उसके दूध दबाता रहा.
ऐसे ही हमने दो दिन तक रोमांस किया.
मैं उससे बोला- अब मुझे चूत चाहिए वरना मैं तुमसे बात नहीं करूंगा. यहां से चला जाऊंगा.
वो भी मुझसे प्यार करने लगी थी तो वो मान गयी और उसने कहा- कल आपा जीजू के साथ बाहर दवा लेने जाएंगी, तब मैं तुमको प्यार करूंगी.
अगले दिन जब उसकी आपा और जीजू जाने लगे, तो वो मुझसे कहने लगे- इसका ख्याल रखना. हम शाम तक वापस आएंगे. अस्पताल जा रहे हैं, उधर समय लगेगा.
मैंने कहा- हां ठीक है आप जाओ, मैं घर पर हूँ.
वो दोनों चले गए.
उनके जाने के बाद मैंने अपनी गर्लफ्रेंड की बहन से कहा- अब मुझे तेरे साथ खेलना है. अपने कपड़े उतारो.
उसने कहा- तुमको खेलना है, तो तुम खुद ही उतार लो.
मैंने पहले उसका टॉप उतारा, फिर उसकी पजामी उतारी.
वो सिर्फ अब ब्रा और पैंटी में थी, बहुत ही सुन्दर लग रही थी.
उसके नुकीले दूध मुझसे मानो कह रहे थे कि मैं उनको चूस लूं और दबा कर मसल दूँ.
इसके बाद मैंने उसकी ब्रा और पैंटी भी उतार दी और अपने कपड़े भी उतार दिए.
वो बोली- दरवाजे तो बंद कर लो.
मैंने घर के दरवाजे बन्द कर दिए.
फिर मैंने उसको अपनी बांहों में भर लिया और चूमने लगा.
वो भी मेरे साथ चूमाचाटी करने लगी.
मैंने उसे बेड पर लिटाया और उसके होंठों को चूसने लगा.
वो मेरा लंड सहलाने लगी.
मैंने उसके दोनों मम्मों को खूब देर तक चूसा.
उसके बाद मैंने अपने लंड को उसके मम्मों की नाली में रगड़ना चालू कर दिया.
वो हल्के स्वर में सिसकारियां लेने लगी.
अब मैंने अपने लंड को उसकी बुर में रखा तो वो गांड हिलाने लगी और अन्दर पेलने को कहने लगी.
मैंने धक्का मारा तो लंड बुर में घुस गया.
वो चीखने लगी- आह … मर गई! आह … निकालो बाहर … आह मेरी फट गई.
मैंने उसके चीखते ही उसके होंठों पर अपने होंठों रख दिए और उसको शान्त कर दिया.
फिर धीरे धीरे मैं उसकी बुर में अपने लंड को घुसाता चला गया और धीरे धीरे धक्के मारने लगा.
कुछ देर के दर्द के बाद उसको भी बुर चुदाई में मजा आने लगा.
छह सात मिनट बाद उसकी बुर से पानी निकलने लगा.
इससे मेरा लंड गीला हो गया और लंड सटासट अन्दर बाहर चलने लगा.
वो फिर से गर्म हो गयी और उसने अपनी टांगों को पूरी तरह खोल दिया. वो कहने लगी- आह मजा आ रहा है … और जोर से पेलो … आह और जोर से करो.
मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी.
जब मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी तो उसने अपना हाथ अपनी बुर पर लगा लिया.
उसे गीला सा लगा तो उसने हाथ को देखा. उसकी बुर में से खून निकला था वो उसने देख लिया.
खून देख कर वो डर गयी.
मुझसे कहने लगी- मेरी बुर फट गई है.
मैंने कहा- कुछ नहीं हुआ है जान, तुम पहली बार चुद रही हो इसलिए खून निकल रहा है. डरो मत, कुछ नहीं हुआ.
मगर वो रोने लगी, लंड बाहर निकालने की कहने लगी.
मैंने उसको बहुत समझाया.
मगर जब वो नहीं मानी तो मैंने अपने लंड को बुर से बाहर निकाल लिया.
वो अपनी बुर को हाथ से सहला कर देखने लगी.
मैंने उससे कहा- तुम टॉयलेट हो आओ.
वो टॉयलेट गयी और बुर को पानी से धो लिया.
फिर उसने अपनी बुर को कपड़े से साफ किया. वो कपड़ा भी मेरी शर्ट थी, जिससे उसने अपनी बुर को साफ किया था.
इधर मैं अभी शान्त नहीं हुआ था.
मैंने उससे कहा- अब कुछ नहीं होगा. आ जाओ जल्दी से मजा लेते हैं.
उसने कहा- अब अभी नहीं, बाद में करेंगे.
मैं उससे नाराज होकर लेट गया.
उसने कहा- यार, अभी मेरे नीचे दर्द हो रहा है. आपा और जीजू शाम तक आएंगे. उनके आने से पहले तुम कर लेना.
मैं मान गया और हम दोनों एक दूसरे की बांहों में बांहें डाल कर सो गए.
लगभग 3 बजे किसी ने गेट बजाया, तो मैं डर गया और सोचने लगा कि अब कौन आ गया. आज इसके साथ मेरा काम नहीं हो पाएगा.
तभी दोबारा घंटी बजी.
मैंने सोचा कि कहीं इसके आपा और जीजू तो वापस नहीं आ गए.
जब गेट खोला तो उसके जीजू से कोई मिलने आया था. मैंने बोल दिया कि वो दवा लेने गए हैं.
वो वापस चला गया.
फिर मैंने गर्लफ्रेंड की बहन को उठाया और कहा- चलो अब सेक्स करते हैं.
उसने कहा- पहले फोन करके पता करो कि आपा और जीजू कहां हैं.
मैंने फोन किया तो उसके जीजा जी बोले- हम दोनों अभी अस्पताल में ही हैं. हमको आते आते 5 या 6 बज जाएंगे.
यह सुनते ही मेरा दिल खुश हो गया और मैंने फिर से उसके कपड़े उतार कर उसे नंगी कर दिया.
मैंने कुछ देर चूम चाट कर उसको गर्म किया और उसकी बुर में लंड टिका दिया.
वो भी लंड लेने के लिए रेडी हो गई.
मैंने एक ही झटके में अन्दर तक अपना मोटा लंड पेल दिया.
वो बोली- हाय अम्मी … मैं तो मर गयी. समीर भाई आराम से करो!
मैं बोला- ये दर्द बर्दाश्त करो. बाद में मज़ा आने लगेगा.
मैं अपने लंड को उसकी बुर में अन्दर बाहर करने लगा. उसकी बुर से पटा पट पटा पट की आवाजें आने लगीं.
फिर मैंने उसकी घोड़ी बनाकर चुदाई की. मैं उसको घोड़ी बना कर 15 मिनट तक चोदता रहा और वो उह आह की सिसकारियां भरती रही.
उसकी बुर से पानी निकलने लगा था और वो पानी उसके पैरों से होकर चादर पर गिर रहा था.
उसका पानी चमक रहा था.
मैंने उसके पानी में अपनी उंगली को भिगोया और जब उसको चटाया तो वो कहने लगी- समीर भाई ये कैसा रस है, बड़ा मजेदार है.
मैंने उसको बताया- ये तेरा और मेरा मिक्स माल है, जो तेरे पैरों से होकर चादर पर गिर रहा है.
वो बोली- भाई, तुमने आज मेरी जवानी और मेरी कुंवारी बुर को जवान होने का अहसास कराया है. मुझे आज बहुत मज़ा आ रहा है.
उस दिन मैंने उसकी 3 बार चुदाई की और अगले दिन मैं वहां से अपने घर चला आया.
ये मेरी बात मेरी गर्लफ्रेंड भी नहीं जानती कि मैंने उसको और उसकी बहन दोनों को चोद रखा है. अब जब भी मैं अपनी गर्लफ्रेंड से मिलने जाता हूँ तो गर्लफ्रेंड को भी चोदता हूँ और मौक़ा मिले उसकी बहन को भी.