नमस्कार दोस्तों! गर्लफ्रेंड की चुदाई का मजा आप में से काफी लोगों ने लिया होगा, मैंने भी लिया. सिनेमा हाल में एक लड़की मेरी दोस्त बनी, गर्लफ्रेंड बनी.
मेरा नाम सागर है, मैं गुजरात के जामनगर शहर के छोटे से गांव का हूँ.
मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ। इधर प्रकाशित अनेकों चुदाई की कहानी पढ़ने के बाद मुझे लगा कि मैं भी अपनी कहानी आप लोगों के साथ साझा करूँ।
मैं एक शानदार लंड का मालिक हूँ। मेरे लंड की लंबाई 7″ और मोटाई 2.5″ की है। मैं अभी 23 साल का हूँ और दिखने में ऐवरेज हूँ.. लेकिन हां मुझमें कामोत्तेजना बहुत है। मैं किसी भी लड़की, भाभी, आंटी को अपने लंड से खुश कर सकता हूँ।
दोस्तो, आप लोग सोच रहे होंगे कि कहां ये अपने बारे में बता रहा है और बोर कर रहा है तो चलो अब मैं आपको अपनी चुदाई की कहानी पर ले चलता हूँ।
यह तब की बात है जब मैंने इंजीनियरिंग में एडमिशन लिया और वो भी राजकोट में, क्योंकि वो शहर जामनगर से नजदीक है और उस वक्त गाँव में कोई कालेज भी नहीं था। जब भी वीकेंड आता था तो मैं अपने गांव आ जाता और यहां सब दोस्त मिल कर एन्जॉय करते।
एक बार सबने कहा कि चलो फिल्म देखने चलते हैं और वो भी रात का शो देखा जाए।
हम सब अपनी-अपनी बाइक लेकर निकल गए, वहां जा कर टिकट लिए और अन्दर लाउंज में आ गए.. अभी शो शुरू होने में काफी वक्त था।
तभी मेरी नजर एक लड़कियों के झुण्ड पर गई.. उनमें एक लड़की दिखने में ठीक-ठाक थी, लेकिन उसकी साइज तकरीबन 32डी-28-30 की रही होगी, जिससे वो बड़ी आकर्षक लग रही थी।
तभी थिएटर में जाने का दरवाजा खुल गया और हम सब अन्दर चले आए। मेरी तकदीर को कुछ और ही मंजूर था क्योंकि उस लड़की को मेरी बाजू वाली सीट ही मिली थी। वो वहां आकर बैठ गई और फिल्म शुरू हो गई। थोड़ी देर बाद फिल्म में कुछ रोमांटिक सीन आए तो वो बेचैन हो कर इधर-उधर देखने लगी। थोड़ी देर ऐसे ही सीन आए और मुझे लगा कि वो मुझे देख रही हो। तभी मैंने फट से उसकी ओर देखा और पाया कि वो मुझे निहार रही थी और मंद-मंद मुस्कुरा रही थी।
जब मैंने उसकी ओर देखा तो वो स्माइल देकर फिल्म देखने लगी। फिर इंटरवल हुआ और वे सब लड़कियाँ बाहर चली गईं। कुछ देर बाद वो आई और अपनी जगह पर बैठ गई।
अभी फिल्म दोबारा शुरू नहीं हुई थी, थोड़ी देर बाद मैंने उससे उसका नाम पूछा तो उसने अपना नाम जानवी (नाम बदला हुआ है) बताया। फिर मैंने अपना नाम बताया और मैं धीरे-धीरे उससे बातें करने लगा। इसके बाद पता ही नहीं चला कि कब फिल्म खत्म हो गई। फिल्म खत्म होते ही वो अपने बारे में ज्यादा कुछ बताने से पहले ही चल दी।
लेकिन बाद में उसने मुझे सोशल मीडिया के जरिए ढूँढ लिया।
फिर हमारे बीच बातें होने लगीं.. और थोड़े दिनों बाद हमने अपने फोन नंबर एक्सचेंज कर लिए और फोन पर बातें होने लगीं।
फिर अच्छा मौका देख कर मैंने उसको प्रपोज कर दिया और उसने भी ‘हां’ बोल दी।
फिर हम दोनों ने जाकर फिर से वही फिल्म वापस देखी.. लेकिन फिल्म देखने का तो एक बहाना था। वहां जाकर हम दोनों थिएटर में घुस गए और फिल्म शुरू हो गई। यहां पहले तो हम बातें कर रहे थे.. लेकिन पता नहीं उसको क्या हुआ कि उसने अपने होंठ मेरे होंठ पर रख दिए और तकरीबन हमने दस मिनट तक किस किया। बाद में वो अलग हो गई और फिर से हम बातें करने लगे लेकिन आग उस तरफ जल चुकी थी।
थोड़ी ही देर में हम दोनों ने एक और किस किया.. लेकिन इस बार मेरा एक हाथ उसकी चूची पर चला गया और उसकी ड्रेस के ऊपर से ही उसके मम्मे को दबाने लगा। उसने पहले तो मेरा हाथ पकड़ लिया लेकिन बाद में उसको मजा आने लगा तो उसने हाथ को छोड़ दिया कुछ देर बाद हम दोनों अलग हुए लेकिन अब भी मेरे हाथ तो उसके चूचों पर ही थे और मस्ती से दबा रहे थे।
अब वो गरम हो रही थी.. तो मैंने अपना हाथ उसकी ड्रेस के अन्दर डाल दिया और उसकी पहनी हुई ब्रा भी खोल दी और नंगे हो चुके मम्मों पर हाथ रख कर जोरों से दबाने लगा।
वो और भी गर्म होने लगी।
फिर हमने कई बार किस की.. लेकिन जब मेरा हाथ उसके ड्रेस में था तो इंटरवल हो गया और मुझे अपना हाथ निकालना पड़ा।
हॉल में रोशनी हुई तो हम दोनों ठीक से बैठ गए लेकिन जैसे ही अँधेरा हुआ तो फिर हम अपनी उसी पोजीशन में आ गए। ऐसे ही फिल्म पूरी हो गई.. बाद में हम दोनों ने CCD में कोल्ड कॉफ़ी पी। इसके बाद वो अपने घर चली गई और मैं अपने घर।
बाद में रात को जब उसका कॉल आया तो उसने बताया कि आज बहुत मजा आया और ये सब उसने पहली बार ही किया।
वो अब तक गर्म थी और हम फोन सेक्स चैट करने लगे तो वो और भी गरमा गई। फिर ऐसे ही बातें करते रहे और मुठ मार कर खुद को शांत कर लिया, शायद उसने भी उंगली की होगी।
फिर मेरी छुट्टियाँ खत्म हो गई तो मैं वापस राजकोट आ गया। हम फोन पर ही बातें करते और फोन सेक्स ही करते रहे।
थोड़े दिन बाद उसने फोन पर कहा- तुम्हारी बहुत याद आती है।
तो मैंने उसे राजकोट ही बुला लिया और हम घूमने निकल गए। एक गार्डन में जाकर एक कोने में बैठ गए और हम किस करने लगे। जोश बढ़ने लगा तो मैं उसके चूचों को मसलने लगा।
अब मैंने भी ठान लिया कि आज तो उसके दूध का स्वाद चखना ही है। तो मैंने उससे कहा- मुझे दूध पीना है।
पहले तो उसने ना-नुकुर किया, लेकिन उसकी चुत में आग थी तो बाद में वो मान गई।
फिर धीरे-धीरे मैंने उसके चूचों को चूसना शुरू किया। कभी मैं दांया हाथ में लेता और बांए को चूसता.. कभी दाएं को चूसता।
ऐसे बारी-बारी से दोनों चूचों को खूब चूसा। फिर हम दोनों वहां से खड़े हुऐ और उसने अपनी ड्रेस को ठीक किया और हम बाहर आ गए।
फिर उसको मैंने जामनगर आने वाली बस में बिठा दिया और मैं अपने रूम पर आ गया। बाद में उसका कॉल आया और हम बातें करने लगे।
ऐसे ही देखते-देखते मेरे इम्तिहान आ गए और उसने कहा- अगर अच्छे नंबर से पास होओगे तो जो मांगोगे वो मिलेगा।
फिर क्या था.. मैं लग गया तैयारी में और अच्छे नंबर से पास भी हो गया।
मैं अपने घर वापिस आ गया था और जानवी से मिलने का प्लान बना लिया था। मैंने उसको मेरे एक दोस्त के रूम पर बुलाया क्योंकि वहां पर कोई नहीं था। उसका कॉल आया और उसे ले कर मैं अपने दोस्त के रूम पर आ गया। वहां जाकर मैंने उसको पहले जम कर किस किया, उसने सफेद रंग का टॉप पहना हुआ था, उसको ऊपर करके उसकी चूचियाँ नंगी करके चूचियों का दूध पिया।
फिर धीरे-धीरे हम किस करते रहे और अपने एक हाथ से चुचे दबाता रहा। मेरा दूसरा हाथ मैंने उसकी लेगी के अंदर पैंटी में डाल रखा था और बड़ी वाली उंगली से उसकी चुत चोद रहा था।
उसने सरगोशी से कहा- अह.. क्या कर रहे हो?
मैं- तुमसे प्यार कर रहा हूँ।
वो- ऐसे थोड़ी न होता है।
मैंने थोड़ा चुत को सहला कर कहा- हां और कैसे होता है?
वो बोली- नहीं नहीं ये गलत है..
मैं- अरे यार डर मत.. मैं कुछ नहीं करूँगा बस उंगली तक ही रहेगा।
लेकिन मैं कहां हार मानने वाला था तो मैंने अपने दोनों हाथों की स्पीड तेज कर दी और वो बहुत ज्यादा गर्म हो गई। मैंने उसको किस करके इतना गर्म कर दिया था कि अब वो मेरा लंड खाकर ही मानने वाली थी।
तभी मेरे दोस्त का कॉल आया और बोला- किसी सेफ चीज की जरूरत हो तो अलमारी में है।
तो मैंने जाकर देखा.. वहां कंडोम और ब्लूफिल्म की सीडी पड़ी हुई थी, साथ में उसका लैपटॉप भी था। मेरा दोस्त मेरे लिए पूरी तैयारी करके गया था.
तो मैंने लैपटॉप निकाला और चला दिया और फिर वो सीडी चालू कर दी, नंगी फिल्म चालू हो गई। मैं इसे बंद करने ही जा रहा था कि पीछे से मुझे जानवी ने आवाज लगाई कि मुझे ये देखनी है।
तो मैंने उसे चलती रहने दी और हम दोनों चुदाई की फिल्म देखने लगे।
वो गर्म होने लगी.. वो जैसे-जैसे गर्म होती गई हम गहरी किस करने लगे। मैंने उसका टॉप और ब्रा पूरी उतार कर उसके बदन से अलग कर दी. हम दोनों वासना में पागलों की तरह किस करते-करते एक दूसरे में खोने लगे।
धीरे-धीरे मैं नीचे आता गया, मैंने उसकी लैगीज को उतार दिया।
अब वो मेरे सामने केवल पेंटी में बैठी हुई चुदाई की फिल्म देखने लगी।
उसने मुझसे बोला- तुम भी अपने कपड़े उतार दो।
तो मैंने कहा- तुम खुद ही उतार दो।
यह कह कर मैं खड़ा हो गया और वो मेरी शर्ट का बटन खोलने लगी और उसके बाद मेरी पैंट खोल कर उतार दी। अब मेरे शरीर पर कच्छे के अलावा कुछ नहीं था और वो पेंटी में थी।
तभी मुझे प्यास लगी और मैं पानी पीने किचन की ओर गया.. वहां मैंने फ्रीज में कैडबरी देखी तो मुझे शरारत करने का मन हुआ। मैं वो लेकर बाहर आ गया और आधी कैडबरी मैंने उसकी चूचों पर लगा कर चाटने लगा.. तो वो ज्यादा गर्म होने लगी।
उसने अपनी पैंटी भी निकाल दी.. मैंने भी अपना कच्छा निकाल कर फेंक दिया। बाकी बची कैडबरी मैंने अपने लंड के आसपास लगा कर मैंने जानवी को बोला- ये तुम्हें खानी है।
यह गर्लफ्रेंड की चुदाई की कहानी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!
मैं अपनी बात पूरी करूँ कि उससे पहले ही वो मेरे लंड पर ऐसे टूट पड़ी कि जैसे कोई बच्चा लॉलीपॉप खा रहा हो.. वैसे चूसने लगी थी।
फिर मैंने भी अपने मुँह से उसकी चुत को चोदना चालू कर दिया और देखते ही देखते हम 69 की पोजीशन में आ गए। कुछ ही पलों में वो सिसकारियां और आहें भरने लगी। थोड़ी देर ऐसे ही चुत चूसने के बाद उसका पानी निकल गया और उसके लंड चूसने से मैं भी बस 5 मिनट ही टिक पाया।
झड़ने की बाद मेरा लंड सिकुड़ गया और उसने अपने चुसे हुए मेरे लंड को अपने मुँह से बाहर निकाला।
तभी सामने चल रही फिल्म में सीन आया कि झड़े हुए लंड को फिर से कैसे खड़ा करें, वो इसे देख कर वापिस लंड चचोरने में लग गई। अब तक वो बहुत ही ज्यादा गर्म हो चुकी थी।
वो चुदास के स्वर में बड़बड़ाते हुए कहने लगी- अब तो चखा दो अपने लंड का स्वाद.. मेरी चुत को…!
अब मेरा लंड भी तन कर लोहे की रॉड जैसा हो गया था। उसने लंड चाट कर खूब गीला कर दिया था।
तभी वीडियो में लड़की की चुदाई बड़े ही वायलेंट होकर हो रही थी। वो उस सीन को देख कर और ज्यादा गर्म हो गई और कहने लगी- डाल भी दो अपना लंड मेरी चुत में.. और मिटा दो इसकी खुजली को..
ये बोलकर वो सीधी टांगें फैला कर लेट गई। फिर क्या था.. मैं उसके ऊपर चढ़ गया और अपने लंड को उसकी चुत पर सैट करके पेलने की कोशिश करने लगा। लेकिन उसकी चुत टाइट होने के कारण मेरा लंड घुस नहीं रहा था और बाहर निकल गया।
वो चुदास से तड़फती.. ऐसे कहां मानने वाली थी, उसने मेरा लंड पकड़ कर अपनी चुत पर रखा और मुझे जोर का झटका मारने को बोला।
तो मैंने ना आव देखा ना ताव.. बस एक जोर का झटका मार दिया और मेरा 2″ लंड उसकी चुत में घुस गया।
लंड घुसते ही वो चिल्लाने लगी तो मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए। साथ ही अपने एक हाथ से उसके मम्मों को दबाने लगा और दूसरे से उसको सही तरह से पकड़ कर रखा था।
थोड़ी देर बाद जब वो सामान्य हुई तो मैंने एक और झटका मार दिया। अब की बार उसकी सील को चीरते हुए मेरा पूरा लंड अन्दर घुस चुका था।
वो दर्द से चिल्लाते हुए बोल रही थी- उम्म्ह… अहह… हय… याह… मर गई.. अपना लंड बाहर निकालो।
लेकिन मैं फिर उसके मम्मों को दबाने लगा और उसे किस करता रहा। इसके साथ ही मैं अपने लंड को थोड़ा अन्दर-बाहर करने लगा।
वो ‘उईईईई मर गई..’ बोलने लगी।
बाद में वो ठीक हो गई और उसका दर्द खत्म सा होने लगा। अब मैंने खुल कर झटके देने शुरू किए तो वो बोलने लगी कि और जोर से झटके मारो।
मैंने दे दनादन चुदाई चालू कर दी.. तो वो सिहर उठी और ‘उईईईई.. सीह्ह्हह्ह..’ करने लगी।
ऐसे ही कुछ देर की चुदाई में वो झड़ने को हो गई और मेरे कुछ तगड़े झटकों में ही उसकी चुत ने पानी छोड़ दिया।
लेकिन मेरा तो अभी बाकी था तो मैंने थोड़ी स्पीड बढ़ा दी.. और तकरीबन 5 मिनट के बाद वो ‘आआ..हह..’ करके फिर से पानी छोड़ने लगी। मैं अभी भी लगा हुआ था और मैंने धकापेल बढ़ाते हुए जमकर उसकी चुत चोदने लगा।
वो आह्ह आह्ह करती रही और मैं जब झड़ने वाला था तो मैंने चुदाई रोक कर उससे पूछा- अपना माल कहां निकालूँ?
उसने मुस्कुरा कर कहा- मेरे मुँह में निकालो, जैसे उस सीडी में उस आदमी ने उस औरत के मुँह में अपना माल निकाला था.. उस तरह ही निकालो.. वो मैं पी जाउंगी और उसका स्वाद भी चख लूँगी।
तो मैंने वैसा ही किया और उसके मुँह में झड़ गया और अपने वीर्य से उसका पूरा मुँह भर दिया, वो स्वाद लेते हुए सारा वीर्य पी गई।
इसके बाद हम दोनों साथ में बाथरूम में जा कर नहाने लगे.. लेकिन मेरे लंड महाराज फिर से खड़े हो गए तो मैंने उसको एक बार और वहां घोड़ी बना कर चोदा।
फिर हम नहा कर बाहर आ गए और नंगे ही सब कपड़े आदि समेटने लगे। अचानक हमारी नजर वहां पड़ी चादर पर गई जिस पर खून के धब्बे लग गए थे।
जानवी ने पूछा- ये खून कहां से आया?
तो मैंने उसकी चुत में उंगली डाल कर बोला- ये खून यहां से आया है।
वो पूछने लगी.. तो मैंने उसे सब ठीक तरह से समझा दिया और फिर हमने सब सामान ठीक किया, कपड़े पहने और किस करके वहां से निकल आए।
लेकिन मैंने देखा कि जानवी ठीक से चल नहीं पा रही थी। मैंने पूछा- क्या दर्द अभी भी हो रहा है?
तो वो बोली- हां दर्द तो हो रहा है लेकिन उस वक्त मजा भी बहुत आ रहा था।
तब तक 5 बज चुके थे.. सो वो अपनी एक फ्रेंड के घर चली गई। मैंने पूछा कि अपने घर क्यों नहीं जा रही हो?
‘वहां से मैं अपने घर चली जाऊंगी।’
यह बोलकर और किस करके वो निकल गई और मैं अपने गांव की ओर चला आया।
रास्ते में ही उसका मैसेज आया कि आज जो हुआ उससे मुझको बहुत मजा आया।
फिर ये कहानी दो साल तक यूं ही चलती रही और फिर उसकी शादी किसी दूसरे के साथ हो गई इसलिए हम दोनों को ये सब छोड़ना पड़ा।
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