यह कहानी एक सीरीज़ का हिस्सा है:
नमस्कार दोस्तों! कहानी जारी रखते हैं. मैं 12 मार्च शुक्रवार को शाम की स्लीपर बस पकड़ कर आबू रोड आ गया। मैं 9.30 पर आबू रोड पहुंचा फिर नजदीक के सुलभ शौचालय में फ्रेश होकर नहाकर वापस बस स्टैंड आकर पहले हिम्मत को फोन किया.
हिम्मत- हेलो, हाँ कहाँ पहुंचे?
राजेश- मैं आबू रोड पहुंच गया हूँ, आप लोग कहाँ हो?
हिम्मत- यार, अभी ससुराल में हूँ दोनों बच्चे आये थे साथ में तो बेटी को ससुराल में छोड़ कर आ रहा हूँ, बस 10 मिनट में निकलने वाले हैं, और एक बात अब तुम बिमलेश के मोबाइल पर ही फोन करना, नहीं तो गड़बड़ हो सकती है।
राजेश- ठीक है भाई, जैसे ही निकलो मुझे मिस कॉल करना।
हिम्मत ने मेहसाणा से निकलते समय मिसकॉल दे दी।
मैंने बिमलेश के नम्बर पर फोन किया।
बिमलेश- हेलो, कैसे हो यार, कहाँ पहुंचे?
राजेश- डारलिंग मस्त हूँ, बस आबू रोड बस स्टैंड पर तुम लोगों का इंतज़ार कर रहा हूँ। कहाँ हो आप लोग?
बिमलेश- हम अभी मेहसाणा से निकले हैं तो एक घण्टा तो लगेगा पहुंचने में!
राजेश- ठीक है, आ जाओ, मैं इंतज़ार कर रहा हूँ।
बिमलेश शायराना अंदाज में- थोड़े इंतज़ार का मजा लीजिये… मजा लीजिये… मजा लीजिये… बाय!
लगभग 11.30 बज गए मैंने फिर फोन किया तो वो बोले- हम आबू रोड बाई पास आ गए, वापस आ रहे हैं, तुम बस स्टैंड से माउंट आबू की तरफ वाले रोड पर आ जाओ हम लाल रंग की मर्सडीज गाड़ी से आ रहे हैं।
मैं माउंट आबू वाले रोड पर 400 मीटर चला की लाल मर्सडीज दिखाई दी तो मैंने फोन किया तो बिमलेश बोली- बस पहुंच गए.
तो मैंने रुकने का इशारा किया।
तो गाड़ी रुक गई, मैंने देखा बिमलेश डारलिंग लाल साड़ी में बहुत सेक्सी लग रही है, ऊपर से आँखों पर काला चश्मा बिमलेश को और सेक्सी बना रहा था।
हिम्मत ने पिछला दरवाजा खोला और मैं अंदर बैठ गया.
गाड़ी माउंट आबू की तरफ चल दी.
मैंने बिमलेश और हिम्मत को नमस्ते किया। दोनों ने मेरे सफर के बारे में पूछा- सफर कैसा रहा?
तो मैं बोला- सफर मस्त था और आने वाला सफर भी मस्त होगा।
हम 1 बजे तक माउंट आबू पहुंच गए और अब बढ़िया सा होटल देखने लगे जिसमें आमने सामने 2 रूम हों। हम 4-5 होटल घूमे पर किसी में रूम मिला तो रूम की कंडीशन खराब थी.
2-3 घण्टे बाद हम एक होटल में पहुंचे जिसमे हमको दो रूम मिले पर एक रूम में दो बैडरूम थे जिनके बीच में पर्दा था और दूसरे बैडरूम में एक ही डबल बेड था। तो हिम्मत ने दोनों रूम बुक कर लिए मेरे लिए दो बैडरूम वाला रूम दे दिया और हिम्मत छोटे वाले रूम में शिफ्ट हो गया।
10-15 मिनट बाद हिम्मत मेरे रूम में आया और बोला- यार, मैं बेटे को लेकर बाहर जा रहा हूँ एक घण्टे के लिए, तब तक तुम एक राउंड चुदाई का कर लो।
और अपना एप्पल मोबाइल देकर बोला- इसका लॉक ऐसे खुलेगा… तुम साइड में रख देना ऑन करके और फिर चुदाई शुरू करना, जो भी बातें करते हो, बाद में आकर देखना चाहूँगा कि कैसे चोदा तुमने! और जब मैं आऊंगा तो आने से पहले बिमलेश के फोन पर कॉल करूँगा। तब समझ जाना कि मैं आने वाला हूँ।
तो मैं बोला- आप फोन रूम में छोड़ जाओ और दूसरा मोबाइल ले जाओ।
हिम्मत जैसे ही बाहर निकला तो मुझे इशारा कर गया. मैं धीरे से रूम में घुसा तो देखा कि बिमलेश लाल साड़ी में ही बेड पर लेटी थी।
मुझे देख कर बिमलेश मुस्कुराई और मुझे नमस्ते बोला और पेट के बल लेट गई.
मैं भी बेड पर जाकर बिमलेश को बांहों में भर कर लेट गया और बोला- डारलिंग कैसी हो? देखो मैं आ गया, अब शर्माना छोड़ो और बात करो!
और मैंने बिमलेश की गर्दन पर किस किया, उसको सीधा किया और उसके गाल और होठों को चूमने लगा। फिर उसको होठों को मुंह में लेकर चूसने लगा।
बिमलेश- आप तो काफी जवान हो, मुझे भी बहुत तमन्ना थी तुमसे मिलने की… अभी वो बाहर गए हैं एक घण्टे के लिए और मुझे कह गए थे कि अपने दोस्त से मिल लो, हाल चाल पूछ लो और मस्ती कर लो उसके साथ… और तुम एच आई वी रिपोर्ट लाये हो?
राजेश- हाँ लाया हूँ!
और पैंट की जेब से निकाल कर दी, जिसको बिमलेश ने साइड टेबल पर रख दी।
‘पर पहले मुझे तुमको अच्छे से देखने दो। कैसी है मेरी डारलिंग की रसीली मुनिया?’
बिमलेश- देख लेना, पर दरवाजा की कुण्डी लगा दो।
मैंने हिम्मत का मोबाइल लिया और उसका कैमरा ऑन करके साइड टेबल पर रख दिया जहाँ से बेड का क्लोज व्यू आ रहा था और बिमलेश को बाँहों में भरते हुए- डार्लिंग, दरवाजा भी बंद है और कुण्डी भी… हम दोनों के पास समय कम है इसलिए डार्लिंग मुनिया से मिलने दो पहले।
और एक हाथ से बिमलेश के पेटीकोट को साड़ी के साथ ही ऊपर खिसका कर बिमलेश की मुनिया पर किस किया तो बहुत ही सेक्सी सेंट की महक आई। शायद बिमलेश ने 2-3 मिनट पहले ही अपनी पेंटी पर स्प्रे मारी थी।
मुझे उसकी चूत की गंध और स्प्रे की मिली जुली गन्ध ने मदहोश कर दिया।
मैंने अपने दोनों हाथों से बिमलेश का ब्लाउज खोल दिया, वो वही गुलाबी ब्रा पैंटी पहन कर आई थी जिनमें उसने मुझे फोटो भेजा था।
मैं दोनों हाथों से बिमलेश के मम्मों को दबाते हुए उसकी रसीली चूत को चाटने लगा तो बिमलेश के हाथ मेरे सिर के बालों से खेलने लगे- आह मेरे राजा, कब से तड़प रही हूँ मैं और मेरी मुनिया, तेरी इस चटाई और चुसाई के लिए… अब ज्यादा मत तड़पाओ।
मैंने पैंटी को बिमलेश के पैरों से उतार कर सूंघा और फिर उसको अपने पेंट की जेब में डालते हुए बोला- ये मेरे लिये गिफ्ट है।
बिमलेश- डार्लिंग, कल जाते समय ले लेना, अभी तो मेरे पास दूसरी नहीं है… और तुम समय बर्बाद मत करो, जो चाटना चूसना है करके चुदाई करो।
मेरी पेंट उतार कर मेरे जॉकी के ऊपर से ही योगीराज को पकड़ कर बोली बिमलेश- कितना तड़पाया है कमीने योगीराज तुमने… आज तेरी खैर नहीं।
और फिर जॉकी उतार कर 69 में होकर एक दूसरे को चाटने लगे. बिमलेश मेरे योगीराज और गोलियों को चाट रही थी तो मैं बिमलेश की चूत को!
10 मिनट की चुसाई के बाद मैंने मिशनरी में ही चुदाई के लिए बिमलेश की टांगों को खोला और कंधों पर रख कर बिमलेश की चूत के मुँह पर योगीराज का टोपा रख कर जैसे ही अंदर धक्का मारा तो लण्ड का टोपा चूत में घुस गया, बिमलेश हल्की सी चीखी और धीरे से बोली- उम्म्ह… अहह… हय… याह… डार्लिंग जरा आराम से डालो अंदर अपना योगीराज… अभी मेरी रसीली मुनिया को बड़ा लण्ड लेने की आदत नहीं है।
फिर मैंने बिमलेश की चूचियों को चूसा, होंठ चूसे और चूची सहलाते हुए धीरे धीरे आगे पीछे करने लगा. अब धीरे धीरे बिमलेश की सिसकारियां आनन्द वाली सिसकारियों में बदलने लगी- उम्म्ह… अहह… हय… आह्ह… बहुत मजा आ रहा है! और जोर से चोदो… आज मेरी मुनिया की पूरी खुजली मिटा दो, बहुत परेशान किया है इस निगोड़ी चूत ने मुझे अहह… हय… याह… आह्ह…
फिर मैंने भी जोर जोर से चुदाई शुरू कर दी और 8-10 मिनट की चुदाई के बाद बिमलेश को बेड पर ही घोड़ी बनाकर चोदने लगा।
15 मिनट में बिमलेश झड़ गई और मैं 20 मिनट में झड़ा।
फिर हम दोनों एक दूसरे को बांहों में लेकर बात करने लगे।
बिमलेश- तुम तो चुदाई में जान ही निकाल देते हो, एक तो मोटा और लम्बा योगीराज है तुम्हारा, मुझे तो विश्वास ही नहीं हो रहा कि तुम मेरे साथ हो! मैंने कभी कल्पना भी नहीं की थी कि मैं ऐसे मिल भी सकूंगी तुमसे और हम ऐसे चुदाई का मजा भी लेंगे।
राजेश- विश्वास तो मुझे भी नहीं हो रहा कि जिससे बस फोन पर बात होती थी उसको मैं ऐसे चोद भी पाऊँगा। पर ये सच है मेरी जान कि हम मिले भी और चुदाई का आनन्द भी लिया।
तभी बिमलेश के फोन की घण्टी बजी, बिमलेश ने देखा कि हिम्मत का फोन है तो बोली- डारलिंग, अब वो आने वाले हैं, तुम अपने रूम में जाओ।
मैंने एक बार अच्छे से बिमलेश को बाँहों में भरकर किस किया और बिमलेश ने अपनी साड़ी ठीक की और मैं कपड़े पहन कर वापस आ गया और रूम में आकर बाथरूम में घुस गया, नहा कर बाहर आया तो मैंने टॉवल लपेट रखा था और मालिश कर रहा था।
4.30 बज गए थे।
हिम्मत मेरे रूम में आया, उसके हाथ में मोबाइल भी था जिसमें मेरी और बिमलेश की चुदाई रिकॉर्ड थी, मुझे दिखाते हुए बोला- गुड़ यार, बहुत मस्त चुदाई की है… देखो चूत से कितना पानी निकला है! आज बिमलेश भी खुश है और मैं भी, चलो तैयार हो जाओ शाम होने को है 5.30 बजे हम घूमने चलेंगे और बाहर ही खाना खाकर आ जायेंगे! और एक बात और मैं बिमलेश को रात में तेरे रूम में भेजूंगा तुम अंदर वाले बेड पर उसको चोदना और मैं इस पर्दे के पीछे से तुम लोगों की लाइव चुदाई देखूँगा। और हाँ, मैं अपना लेपटोप और कुछ पोर्न मूवी की सीडी लाया हूँ, तुम बिमलेश को दिखाओगे तो वो ज्यादा जोश में आएगी और फिर खुल कर चुदवायेगी।
मैं 5.30 बजे तैयार हो गया।
अब बिमलेश सलवार सूट में थी, उनका बेटा भी साथ में था। हम सभी पैदल ही घूमने निकले, हम बातें करते हुए चल रहे थे.
हम एक झील के किनारे गए, थोड़ी देर वहाँ बैठे, फिर एक वीडियो गेम कैफ़े में गये जहाँ हिम्मत ने अपने बेटे को बाइक राइडिंग गेम खिलाया, फिर हमने एक रेस्टोरेंट में खाना खाया और 8.30 बजे तक वापस आ गए।
हिम्मत अपना लैपटॉप और पोर्न मूवी की 3-4 सीडी लेकर मेरे रूम में आया।
मेरे रूम में पहले पोर्शन में टीवी और बेड था और दूसरे और पहले पोर्शन के बीच में दीवार नहीं थी, केवल पर्दे लगे थे, उस साइड में ही बाथरूम था और ए सी लगा हुआ था.
हिम्मत बोला- ये लो यार, आज रात खूब मस्ती करो यार… टीवी ऑन रखना और दरवाजा अंदर से लॉक मत करना, बिमलेश के पीछे से ही मैं आ जाऊंगा और टीवी की वजह से दरवाजा खुलने और बन्द होने का पता नहीं चलेगा। मैं पर्दे के पीछे से तुम लोगों की चुदाई देखूँगा, मैं पांच मिनट में भेजता हूँ बिमलेश को रूम में!
वो लैपटॉप और पोर्न मूवी की सीडी रख कर चला गया।
कहानी जारी रहेगी.
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