नमस्ते दोस्तों, मेरा नाम राज पांडेय है. मैं गोरखपुर के पास के एक शहर का रहने वाला हूं. मैं अन्तर्वासना का पिछले 4 सालों से नियमित पाठक हूँ और रोज सुबह उठ के पहले मैं अन्तर्वासना पढ़ता हूँ. मैं गोरखपुर यूनिवर्सिटी से पढ़ा हुआ हूं. मेरी हाइट 5 फुट 3 इंच है. मेरे लंड का साइज ज्यादा बड़ा नहीं है, औसतन 5 इंच लंबा और 3 इंच मोटा ही होगा … मैंने कभी इसे नापा नहीं है. लेकिन मेरा मानना है कि लंड की लंबाई से सेक्स के दौरान कोई फर्क नहीं पड़ता है.
अन्तर्वासना पे ये मेरी पहली कहानी है. मुझे नहीं पता कि आप सबका क्या रिएक्शन होगा … खैर जो भी हो, मेरा काम है कहानी लिख कर आप तक भेजना.
इसके एक साल पहले ही मैंने अन्तर्वासना पर सेक्स कहानी पढ़ना शुरू किया था. उस वक्त मैं ये सोचता था कि इस पर प्रकाशित होने वाली सारी कहानियां काल्पनिक हैं. लेकिन जो घटना मेरे साथ घटी, उसके बाद मुझे लगा कि नहीं ये गलत कहानियां नहीं होती हैं, सही घटनाएं ही होती हैं.
यह कहानी 3 साल पहले की है जब मैं सेकंड ईयर की पढ़ाई कर रहा था. तभी हमारे घर में एक सरकारी कर्मचारी किराये पे रहने के लिए आए. वो अकेले रहते थे, इसीलिए मेरी माँ पिता जी और मैं उनका ख्याल रखते थे. जैसे कभी-कभी चाय पानी या खाना खिलाना.
ऐसे ही चलता रहा, फिर उन्होंने मुझे अपने साथ अपने घर चलने का न्यौता दिया. मेरी भी छुट्टियां चल रही थीं, तो मैं भी तैयार हो कर उनके साथ लखनऊ चल दिया. दोस्तों जब मैं उनके घर पहुंचा, तो वहां उनकी पत्नी, दो बेटियाँ और उनके भाई एवं उनके भाई की पत्नी, जिनका नाम बबली (बदला हुआ) था … सभी साथ ही रहते थे.
उनके भाई जो दिन में तो सही रहते थे, लेकिन जैसे ही शाम होती, वो पीने चले जाते और रात को एक दो बजे तक वापस आते थे. तब तक सब लोग सो जाते थे, लेकिन मुझे मोबाइल चलाने की वजह से मैं जगा रहता था.
एक रात मैं लेट के मोबाइल चला रहा था, तभी मुझे किसी के रोने की आवाज़ सुनाई दी. मैं उठ के बाहर निकला, तो देखा कि बबली भाभी बैठ के रो रही थीं. मैंने मोबाइल की लाइट जलाई, तो देखा उनके गोरे-गोरे गालों पे आंसू मोतियों के जैसे चमक रहे थे.
मैं उनके पास जा बैठा और मैंने उनसे पूछा- क्या हुआ भाभी आप रो क्यों रही हैं?
भाभी कुछ नहीं बोलीं.
मैंने फिर पूछा तो उन्होंने बताया कि उनके पति किसी और के साथ चक्कर चल रहा है. वो वहीं उसी के साथ रात भर रहते हैं और शराब भी पीते हैं. मैं उनसे जब भी कुछ कहती हूं, तो मुझे मारते हैं गाली देते है, छोड़ने की धमकी देते हैं.
यह कह के वो और जोर से रोने लगीं. मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं कैसे भाभी को चुप कराऊं.
तभी भाभी बोलीं- राज़ भैया, आप जा के सो जाईये.
मैं- लेकिन आपको इस तरह से रोता हुआ छोड़ कर मैं कैसे सो जाऊं?
भाभी- तो क्या आप सारी रात ऐसे ही बैठे रहेंगे?
मैं- अगर आप बैठी रहेंगी, तो मैं भी बैठा रहूंगा.
फिर मैं हिम्मत कर के भाभी के गालों पे लगे आंसू पौंछने लगा, इस पे भाभी ने मेरा हाथ चूम लिया. मैंने उनकी तरफ हैरत से देखा, तो वो रोते रोते हल्की सी मुस्कुरा दीं.
मैंने कहा- भाभी, क्या आपको मेरे साथ अच्छा लग रहा है?
भाभी ने मेरे गाल पर हाथ फेर दिया और कहा- मैं इसी प्यार की तो भूखी हूँ.
उनकी इस बात पर मैंने मौका देख कर उन्हें एक किस किया.
लेकिन मेरे किस कर लेने से वो उठ के अपने कमरे में चली गईं. उनके इस कदम से मैं एक बार को तो डर गया. मुझे लगा कि अब तो मैं गया … भाभी तो सुबह सबको बता देंगी.
फिर मैं अपने कमरे में जाकर सोचता रहा कि ये मैंने क्या कर दिया. एक पल के लिए तो दिमाग में आया कि मैं अब रात में बिना किसी से बताये उनके घर से निकल कर अपने शहर के लिए ट्रेन पकड़ लूं. फिर मैंने सोचा चलो जो होगा देखा जाएगा.
सुबह मैंने देखा कि भाभी का बर्ताव बिल्कुल ठीक था. उन्होंने किसी से कुछ नहीं कहा था.
इससे मुझे थोड़ी राहत मिली. फिर मैं जाकर सो गया … क्योंकि मैं रात में सो नहीं पाया था. काफी देर बाद जब मेरी नींद खुली … तो सब लोग खाना खाने के लिए मुझे बुलाने लगे. मैं खाना खाने के बाद अपने कमरे में आ कर टीवी देखने लगा.
फिर रात हो गई और 12 बज गए. मैं रोज की तरह मोबाइल देखने लगा. तभी मेरे कमरे का दरवाजा खुला. मैंने देखा वो भाभी ही थीं.
वो मेरे पास आ के बैठ गईं और कहने लगीं- कल हमारे बीच जो कुछ भी हुआ, वो गलत था, तुम अभी छोटे हो.
मैं बोला- भाभी इतना भी छोटा नहीं हूँ कि ये सब मैं समझता नहीं हूँ. हां अगर आपको बुरा लगा हो तो मुझे माफ कर दीजियेगा.
भाभी- बुरा तो नहीं लगा, लेकिन तुम अभी छोटे हो, यही सोच कर मैं कल चली गयी थी.
मैंने देखा कि भाभी की निगाहें मेरे लंड पर टिकी थीं. मैंने उनकी मंशा समझ ली- अगर मैं आपको छोटा दिख रहा हूं तो एक बार आज़मा लीजिये न.
भाभी- ओके, तुम क्या क्या कर सकते हो बताओ तो जरा?
मैं- आप इजाजत तो दीजिये, मैं वादा करता हूँ, आपको शिकायत का मौका नहीं दूंगा.
भाभी- अच्छा तो चलो … इजाजत है, अब दिखाओ तुम क्या कर सकते हो?
फिर मैंने अपनी जगह से उठ कर उनको लिटा दिया. वो उस वक़्त नाइटी पहने हुई थीं. पहले मैंने उनको किस किया, फिर उनकी नाइटी को निकाल दिया. नाइटी निकालते ही मैंने उनको देखा, तो देखता ही रह गया. भाभी अन्दर ब्रा पेंटी कुछ नहीं पहने थीं. क्या रचा था भगवान ने उन्हें … बिल्कुल अप्सरा जैसी लग रही थीं. उनके आगे हीरोइन भी फेल दिख रही थी.
फिर मैंने उनकी चूचियों को दबाना और पीना शुरू किया. उनके मुँह से ‘आह … ऊह … आह..’ की आवाज़ निकलने लगी. मैं लगातार भाभी की चुचियों को पीता रहा और दूसरे को हाथ से दबाता रहा.
भाभी शायद अब तक गरमा गई थीं. उन्होंने मुझे अपने ऊपर खींच लिया. वो मुझे किस करने लगीं, मेरी जीभ को चूसने लगीं.
लगभग 5 मिनट बाद मैंने उठ कर सीधे उनकी चूत पे मुँह लगा दिया. भाभी ने अपनी चूत पर मेरा मुँह लगते ही एकदम से सिहर कर अपने शरीर को कंपकंपा दिया. साथ ही मैंने जीभ के टच से महसूस किया तो भाभी की चूत पर हाथ लगा दिया. मैंने देखा कि उनकी चूत पे एक बाल नहीं था, यानि कि भाभी चुदाई करने का आज पूरा मूड बना के आयी थीं. मैंने उनकी चूत करीब दस मिनट तक चूसी.
फिर उन्होंने मेरे पैंट की चैन खोल कर मेरा लंड बाहर निकाल लिया. भाभी लंड देख कर बोलीं- ये तो अभी बहुत छोटा सा है.
मैंने उनसे बोला- पहले इसे मुँह में लेकर चूसिये तो सही.
इस बात पर भाभी मेरा लंड मुँह में ले के चूसने लगीं. मेरा लंड अपना आकार बदल लिया. अब भाभी के मुँह में मेरा लंड एक मोटे और बड़े लंड में तब्दील हो गया था.
दोस्तो, यह मेरा पहला ओरल सेक्स था. मुझे ऐसा लग रहा था कि मैं आसमान में उड़ रहा हूं. भाभी ने पूरी मस्ती और दम लगा कर लंड चूसा, जिससे मेरा पानी उनके मुँह में ही छूट गया. भाभी मेरे लंड रस को दूध की मलाई समझ के खा गईं. भाभी ने लंड को चाट चाट कर पूरा साफ़ कर दिया. भाभी इस समय भूखी बिल्ली सी मेरे लंड को चाटने में लगी थीं. खैर मैं लंड झड़ जाने से शांत हो कर शिथिल पड़ गया था.
यह मेरा पहला सेक्स था, तो मुझसे झड़ने के बाद उठा ही नहीं जा रहा था. हम दोनों कुछ पल यूं ही पड़े रहे. फिर भाभी अपने कमरे में गईं और फ्रीज़ से एक किंगफ़िशर की बियर ले आईं.
भाभी ने मुझे बियर की बोतल दी और पीने को बोलीं. पहले तो मैं ऐसे ही बियर पीता रहा … लेकिन तभी मेरे दिमाग का शैतान जगा. मैंने भाभी को लिटा दिया और बियर उनकी चूत में डाल कर पीने लगा.
जब मैं ठंडी बियर उनके चूत में डाल कर चूसता, तो वो मदमस्त आवाज करते हुए चिल्ला उठतीं.
बियर पी कर मैंने पाया कि मेरा अब फिर खड़ा हो गया है. मैंने देर न करते हुए अपना लंड उनकी चूत की मुँह पे रखा.
उन्होंने कहा- मैं बहुत समय बाद सेक्स करने जा रही हूं, तो हो सकता है मुझे दर्द हो … इसीलिए पहले तुम मेरे मुँह से अपना मुँह फंसा लो, फिर लंड अन्दर डालना.
मैंने ऐसा ही किया मैंने पहले उनके मुँह से मुँह सटा लिया. फिर धक्का मार दिया. लेकिन अफसोस कि लंड फिसल गया. मुझे बहुत बुरा लगा, मैंने उनसे कहा- वो उठ के मेरे लंड पे बैठ जाएं, तभी ठीक से हो पाएगा.
फिर वो उठ कर मेरे लंड पे अपनी चूत टिका कर बैठ गईं. उनकी चूत में मेरा लंड धंसता चला गया.
अचानक से मुझे लगा कि मैं जैसे मर ही जाऊंगा. भाभी की चूत में घुसने से मुझे लंड में भारी दर्द होने लगा था, क्योंकि ये मेरा यह पहली बार था. भाभी की चूत भी काफी दिनों से चुदी ने होने के कारण काफी टाइट हुई पड़ी थी. मेरे लंड का टांका टूट गया था तो बहुत तेज दर्द होने लगा था. मुझे जलन भी बहुत हो रही थी.
खैर … किसी तरह से मैं उस जलन को झेल गया. मैंने उत्तेजना में भाभी के होंठों को चूसना बंद नहीं किया. चूंकि भाभी ने खुद भी पूरे 4 साल बाद सेक्स किया था, तो भाभी को भी बहुत तेज दर्द हो रहा था. भाभी की बहुत तेज ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ की आवाज़ निकल रही थी जो मेरे मुँह में उनकी तड़फती जीभ से साफ पता चल रहा था.
थोड़ी देर भाभी संग चुदाई करने के बाद भाभी झड़ गईं … मैं भी झड़ गया. हम दोनों थक कर एक दूसरे से लिपट कर आराम करने लगे. मेरा लंड अब सिकुड़ चुका था, लेकिन भाभी की चूत में ही था.
कुछ समय बाद मैं फिर से उठा और भाभी को किस करने लगा. इसी के साथ ही मैंने लंड भाभी की चूत में पेल दिया था और अन्दर बाहर भी करने लगा था. कुछ देर पहले ही भाभी मेरे साथ झड़ चुकी थीं तो उनकी चुत पूरी गीली हुई पड़ी थी. मैंने जब लंड घुसेड़ा, तब लंड बहुत आसानी से भाभी की टाईट बुर में आने जाने लगा.
तभी अचानक दरवाज़े पे किसी की आहट सुनाई दी, मैं तो डर के रुक भी गया. लेकिन भाभी बोलीं- रुक क्यों गए?
मैं बोला- शायद कोई आया है.
तो भाभी बोलीं- वही होगा भोसड़ी का … तुम रुको मत … क्योंकि वो तो मादरचोद पूरे नशे में धुत्त रहेगा … उसे कुछ भी पता नहीं चलेगा. तुम जल्दी जल्दी चोदो मुझे.
मैं भाभी की बात सुनकर पिल पड़ा और जल्दी जल्दी अपना लौड़ा भाभी की चूत में आगे पीछे करने लगा. इस बार भाभी भी मजे से चुदाई करवा रही थीं और मुझे ही मजा आ रहा था.
दोस्तो, इस दूसरी बार की चुदाई का मज़ा बयान नहीं कर सकता. ऐसा लगा, जैसे मेरी मानो सारी तकलीफ दूर हो गयी हो, सारे दर्द गायब हो गए हों.
भाभी भी अपनी गांड गजब उछाल उछाल के चुदवा रही थीं. वे चूत में लंड लिए बोल रही थीं- आह … राजा … और अन्दर डालो न प्लीज़ … और अन्दर तक पेल दो … आह आह.
धकापेल चुदाई चलने लगी कुछ देर बाद हम दोनों झड़ गए. भाभी ने मुझे चूमा और हम दोनों नंगे ही एक दूसरे से लिपट गए.
उस रात हमने 4 राउंड चुदाई की और सुबह के 4 बजे तक चुदाई का मजा करते रहे.
फिर भाभी बोलीं- अब छोड़ो मुझे जाने दो … क्योंकि 4 बज गए हैं. अब और लोगों के जागने का भी समय हो गया है.
मैं भाभी के दूध दबाते हुए बोला- ठीक है जाइये भाभी.
इसके बाद भाभी ने कपड़े उठाए और मुझे लिप किस करके ऐसे ही नंगी अपने कमरे में चली गईं. भाभी के जाते ही मैं सो गया.
सुबह मैं लगभग 11 बजे उठा, तो देखा सब जग गए थे और भाभी भी खाना बना रही थीं. भाभी कुछ ज्यादा ही खुश भी लग रही थीं. हों भी क्यों न, आखिर आज 4 साल बाद उनकी चुदाई जो हुई थी.
मैंने उनके फोन पर फोन करके पूछा- आज बड़ी खुश नज़र आ रही हैं भाभी जी, क्या बात है?
भाभी बोलीं- तुमने शिकायत का मौका जो नहीं दिया.
रात को फिर से मिलने का कह कर भाभी ने फोन काट दिया.
दोस्तो, उसके बाद मैं लगभग 25 दिन उनके घर रहा और रोज़ उनकी चुदाई सुबह 4 बजे तक की. फिर मैं अपने घर आ गया, लेकिन हम दोनों की बातें होती रहीं.
एक दिन उन्होंने मुझे बताया कि वो प्रेग्नेंट हो गई है. ये खबर सुन कर मेरे घर वाले भी बहुत खुश हैं सिवाय मेरे पति के.
इस तरह कुछ दिन मेरा मतलब 9 महीने बाद भाभी को लड़का हुआ, जो कि मेरा ही अंश था. लेकिन उस लड़के के प्यार में पड़के अब उनके पति भी उस औरत को छोड़ चुके थे, जिसके पास वो रात भर रहते थे और शराब पीना भी छोड़ दिया था.
दोस्तो, यह थी मेरी पहली चुदाई की कहानी. चूंकि यह मेरी पहली कहानी है, तो कुछ गलती हुई हो सकती है. उसके लिए मुझे माफ़ कीजियेगा और मुझे मेल करके जरूर बताइयेगा कि ये कहानी आपको कैसी लगी. धन्यवाद.
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