आज मैं आपको अपनी सेक्स कहानी सुनाने जा रही हूँ. ये मेरी पहली कहानी ये कहानी होली के दिन की है. आप इस सेक्स कहानी में पढ़ेंगे की कैसे मेरे पापा ने मेरी चुदाई कर दी. उनको लगा की मम्मी है और मुझे चोद दिया. पर अब हम दोनों करते क्या ? जो हो गया सो हो गया. कब और कैसे ये सब हुआ वो अब आपको बताने जा रही हूँ.
मेरा नाम दिव्या है मैं अभी 20 साल की हूँ. मेरे पापा की उम्र ४५ साल है और मेरी मम्मी की उम्र चालीस साल है. मेरे पापा बहुत सेक्सी हैं और पापा से भी ज्यादा सेक्सी मेरी मम्मी है. मेरी मम्मी अभी ऐसे लगती है जैसे मानो कोई मॉडल हो. तो पापा भी कभी कम नहीं रहते हैं. जब भी समय मिलता है दरवाजा बंद कर मम्मी की चुदाई करने लगते हैं. मैं अकेली संतान हूँ. घर में और कोई नहीं रहता है. तो जब पापा मम्मी कमरे के अंदर दरवाजा लगा कर होते हैं. और मम्मी अंदर आह आह अहा ओह्ह्ह जी और जोर जोर से और जोर से ओह्ह्ह, ऐसे बोलती है और सेक्सी आवाज निकालती है तो मैं भी दरवाजे के बाहर पानी पानी हो जाती हूँ.
ऐसे में लगता है पापा ही चोद दे मुझे शांत कर दे पर ये संभव नहीं था की मैं पापा से चुदुँ. पर दोस्तों मेरा ये सपना हकीकत में बदल गया होली के दिन. जब सब लोग रंग खेल रहे थे तब मैं चुद रही थी.
हुआ यूँ की होली के दिन मैं सुबह सुबह ही दोस्तों के साथ खूब होली खेली. मैं रंग से तरबतर थी. मेरा चेहरा पहचानने लायक नहीं था. मेरा चेहरा और मम्मी का चेहरा एक जैसा है. कद काठी भी सेम है और देखने में ऐसी हूँ जैसे की जुड़वाँ हु दोनों मैं माँ बेटी.
तो दिन के करीब २ बजे थे. मैं रंग खेल कर आ गयी थी और थककर चूर हो गयी थी. मैं जैसे ही लेटी बेड पर ना जाने इतनी जोर से नींद आ गयी और मैं सो गयी. मैं अपने मुँह पर बेडसीट डाल रखी थी और सो गयी. और मम्मी पिंटू भैया के घर होली खेलने चली गयी थी तो मैं सिर्फ घर पर थी.
तभी पापा आये और दरवाजा बंद कर दिए. वो बहुत ही ज्यादा नशे में थे. वो आये और पलंग पर चढ़कर मेरे दोनों पैरों के बिच में बैठ गए. मैं मम्मी की नाईटी पहनी थी. उन्होंने तुरंत ही नाईटी को ऊपर किया और मेरे दोनों हाथो को कस कर पकड़ा और मुँह दबाया मैं ढकी थी बेडशीट से मुँह. उनकी पकड़ जोर की थी. मैं कुछ नहीं कर पाई. और मेरे टांगो को अलग अलग किया और मेरी चूत पर लंड रखा और जोर से घुसा दिया.
मेरी चूत पहले से ही गीली थी क्यों की मैं इसी वेबसाइट पर ही कहानियां पढ़ रही थी. तो पहले से ही कामुक थी और मेरी चूत गीली थी. तो ज्यादा देर नहीं लगी लंड को अंदर जाने में. पर पापा तुरंत ही बोल उठे. क्या बात है आज तो तेरी चूत किसी लड़की की तरह लग रही है.
मैं कुछ बोल पाती की उन्होंने दो तीन धक्के में ही अपना पूरा लंड मेरी चूत के अंदर डाल दिया. मैं झट से खड़ी भी हो सकती थी पर इसलिए नहीं हुई ना कुछ बोली मुझे लगा की वो तीन चार झटके देंगे और तुरंत चले जायेंगे. वो नशे में थे तो पता भी नहीं चलेगा की वो अपनी बेटी को ही चोद दिए है.
पर दोस्तों उनकी पकड़ इतनी मजबूत थी और लंड इतना मोटा और टाइट और ताकत जैसे की घोड़ा हो. जोर जोर से धक्के देने लगे. अब मैं भी सेक्सी होने लगी. मुझे भी उनका चोदना अच्छा लगने लगा. मैं भी हौले हौले निचे से गांड को गोल गोल घुमाने लगी और उनका लंड अपनी चुत के अंदर लेने लगी.
मैं भी निचे से धक्के देती और वो ऊपर से देते. मुझे भी मजा आने लगा. वो कहने लगे क्या बात है आज की बात ही कुछ और है मेरी जान. तू तो जवान हो गयी है और आज जैसे तो चुदवा रही है वैसा तो कभी नहीं चुदवाई और तेरी जिस्म तो गदराया हुया लग रहा है. वो जोर जोर से धक्के दे रहे थे और बड़बड़ा रहे थे.
वो इतना ज्यादा नशे में थे की चुदाई के अलावा उनका कोई होशहवाश नहीं था. अपनी बेटी को चोद रहे थे और उनको लग रहा था की उनकी बीवी चुद रही रही है.
वो अब मेरी चूचियों को मसलने लगे. मेरी चूचियां मम्मी की जितनी है पर टाइट है. वो कह रहे थे आज होली के दिन तो तू जवान हो गयी है आज तेरी चूचियां तो बहुत ज्यादा टाइट लग रही है. और वो जोर जोर से धक्के देने लगा. मैं भी जोर जोर से धक्के देने लगी हम दोनों ही आवेश में आ गए.
वो चोद रहे थे और मैं चुद रही है. बाप अपनी बेटी को चोद रहा था और बेटी आराम से चुद रही यही. तभी वो आह आह आह ओह्ह ओह्ह्ह करते हुए अपना सारा माल निकला दिया पर गनीमत ये थे की वो सारा माल मेरी चूत के बाहर निकाला. और फिर उठकर लड़खड़ाते हुए घर से निकल गए.
उसके बाद तो उनको खुद ही पता नहीं की वो अपनी बेटी को चोद चुके है. उस दिन शाम को आये टल्ली होकर और सो गए. दूसरेन उठे उनके लिए सब कुछ नार्मल. पर मेरे लिए नार्मल नहीं था. मैं होली के दिन को याद करती हु तो अभी भी चुदने का मन करने लगता है.