मेरा नाम अंजलि है. मेरी उम्र 20 साल है. मैं बी एस सी के पहले साल में पढ़ रही हूँ. फिगर 32-30-34 का है और दिखने में गोरी हूँ.
मुझे स्विमिंग का शौक होने के कारण मेरा फिगर किसी का भी लंड खड़ा करने के लिए काफी है.
बात लगभग जून 2020 की है. मैं इंस्टाग्राम पर मैसेज रिक्वेस्ट देख रही थी.
मुझे एक लड़के का मैसेज अच्छा लगा तो मैंने रिक्वेस्ट एक्सेप्ट कर ली.
उस समय लॉकडाउन था. मेरा कॉलेज भी बंद था.
उससे बात होना शुरू हुई.
मुझे उसमें ज्यादा दिलचस्पी नहीं थी फिर भी उससे टाइम पास करने के लिए बात कर लिया करती थी.
उसने मुझे अपने बारे में बताया.
उसने अपना नाम जुनैद बताया.
वो हैदराबाद से था.
उम्र तो उसने 30 बतायी लेकिन बाद में जब ज्यादा बात होने लगी तो अपनी सही उम्र बताई जो कि 38 साल थी.
धीरे धीरे हमारी रोज रोज बात होने लगी.
मुझे भी अब उससे बात करना अच्छा लगने लगा था.
मैं उसे अंकल कहती थी.
एक दिन मैंने अंकल को अपनी नार्मल फ़ोटो दिखायी तो उसने मेरी बहुत तारीफ की.
अंकल ने बताया वो शादीशुदा है लेकिन उसकी सेक्स लाइफ अच्छी नहीं चल रही है.
अगस्त में जब लोकडाउन खत्म हुआ तो अंकल ने मजाक में कहा- अगर मैं वहाँ आऊं तो मुझसे मिलोगी?
मुझे पता था कि वो 1500 किलोमीटर दूर से मिलने तो नहीं आयेगा.
इसलिए मैंने कह दिया- मिलने में क्या है!
और वैसा ही हुआ.
उसने कहा- बस जानना था कि क्या कहती हो आप! अच्छा लगा जानकर कि मिल लोगी.
फिर ऐसे ही धीरे धीरे बात होने लगी.
एक रात अंकल ने मुझसे पूछा- आपने चुदाई का मजा तो ले लिया होगा.
मैंने जीजू से किया वो बता दिया.
उसके बाद अंकल ने पूरी कहानी पूछ ली.
उस रात लगभग 1 बज गया था.
मेरी कहानी सुन कर अंकल का लंड खड़ा हो गया था.
पहली बार अंकल ने मुझे अपना लंड दिखाया.
अगले दिन बात हुई तो अंकल ने बताया कि रात को मुझे फील करके मुठ मारी थी.
उसके बाद हमारी सेक्सी चैट होने लगी.
अंकल ने बताया कि वो पहले किसी से चुदाई कर लेता था लेकिन पिछले 6-7 साल से चूत का स्वाद नहीं चख सका.
अंकल मुझे रोजाना रात को मैसेज करने लगा.
मैं जब तक उसके लंड का रस नहीं बहा देती थी वो सोता नहीं था.
नवंबर में उसने मुझे बताया कि उसने एक कहानी पढ़ी जो बिल्कुल मेरी और जीजू की चुदाई की कहानी जैसी थी जैसी कहानी मैंने उसको बतायी थी.
उसने कहा- उस लड़की का नाम भी अंजलि ही था. ऐसा लग रहा था जैसे वो तुम ही हो.
मैंने पूछा- खेल खेल में जीजू ने सील तोड़ी?
अंकल- हाँ, यही नाम था कहानी का … तुमने ही लिखी क्या वो?
मैं- हाँ, मैंने ही लिखी लॉकडाउन में! कैसी लगी कहानी?
अंकल- यार, मैं तो पागल हो गया पढ़ कर! अब तो और ज्यादा मन करने लगा है तुमसे मिलने का!
मैं- आ जाओ तो मिलने!
अंकल- मिलने का बहुत मन है लेकिन अभी आ नहीं सकता यार! आप कहो तो वीडियो कॉल पर बात करें?
तब मैं रजाई में नंगी थी.
वो भी अलग रूम में सो रहा था इसलिए वो भी नंगा था.
उसने मुझे वीडियो कॉल की बोली लेकिन मैंने मना कर दिया क्योंकि प्राइवेसी ज्यादा जरूरी है.
अंकल मान गया उसके बाद हमारी बात होने लगी.
मैंने उसको फ़ोटो भेज कर मेरी चूत और बूब्स दिखाये.
फिर अंकल ने सेक्स चैट में मेरी चुदाई की.
उस रात हम 3 बजे सोये.
कुछ दिनों बाद नवंबर में ही मेरी, भाई और उसके दोस्त के साथ की चुदाई की कहानी पोस्ट हो गयी थी.
अंकल ने वो कहानी पढ़ ली.
उसी दिन अंकल का मैसेज आया- आपने जीजू के अलावा किसी और के लंड का मजा लिया है?
मैं समझ गयी कि अंकल ने कहानी पढ़ ली.
मैंने कहा- आपने पढ़ ली फिर क्यों पूछ रहे हो?
अंकल- आपने तो कहा था कि जीजू से चुदवाया है बस! मुझे लगा ये कहानी ऐसे ही लिखी. तुमने भाई को मना नहीं किया चोदने के लिए?
मैं- मना करने का क्या फायदा होता यार … जब उसका भी मन था और मेरा भी!
अंकल- सच में आपका मन था भाई से चुदने का?
मैं- हाँ.
अंकल- आप तो सच में मिलने लायक हो.
और मुझसे दोबारा मिलने की पूछी तो मैंने कह दिया- मिल लूंगी.
अंकल- दिसम्बर में आ जाऊं मिलने?
मैं समझ गयी वो मुझे चोदने के लिए सच में आ सकता है.
वो मेरे बारे में अब काफी जान चुका था.
इसलिए मैंने कहा- मिल तो लूंगी लेकिन चुदाई नहीं करेंगे यार!
वो मान गया.
उससे बात किये हुए 6-7 महीने हो गए थे इसलिए उसका व्यवहार भी पता था.
फिर मैं और मना नहीं कर सकती थी इसलिए मैं मिलने को मान गयी.
24 दिसंबर को अंकल मेरे शहर आया.
वो एक होटल में रुका हुआ था.
हमारा अगले दिन 25 दिसंबर को मिलना तय था.
जगह फिक्स नहीं थी कहा मिलना है इसलिए अंकल ने कहा- होटल में मिल लेते हैं.
मैं मान गयी.
फिर मैं 11 बजे होटल में अंकल के रूम में पहुँच गयी.
अंकल नहा कर तैयार हुआ बैठा था.
जब मैं घर से निकली, तब शायद उसने नहाना शुरू किया था.
वो मेरे सामने बैठ गया.
उसने कहा- मुझे भरोसा नहीं हो रहगा कि तुम सामने हो.
फिर अंकल ने पिज़्ज़ा आर्डर किया.
हमारी काफी देर बात हुई.
फिर पिज्जा आ गया तो हमने साथ में पिज़्ज़ा खाया.
करीब 12:30 का समय था.
मैंने अंकल से कहा- कब तक रुकना है बता दो, घर बोल दूंगी. फ्रेंड के घर जाने की बोल कर आई हूं.
अंकल- मुझे रात को जाना है, शाम तक रुक जाओ.
मैं मान गयी क्योंकि वो बहुत दूर से आया था.
बैठे हुए काफी देर हो गयी थी, बात करने को कोई टॉपिक भी नहीं था.
फिर हम लूडो खेलने लग गए.
लेकिन बिना शर्त के लूडो खेलने का क्या मजा!
अंकल ने कहा- जो हारेगा उसको जीतने वाले की बात माननी पड़ेगी.
मैं- चुदाई के लिए नहीं बोलोगे.
अंकल- ठीक है.
फिर मैं मान गयी.
हमने 1st राउंड खेला तो अंकल जीत गया.
उसने मुझे डांस करने को बोला तो मैंने कर दिया.
अंकल ने कहा- तुमको तो डांस भी मस्त आता है.
अंकल- अंजलि, चुदाई मत करवाना लेकिन उसके अलावा तो सब कुछ कर सकते हैं ना यार!
मैं- क्या बताओ?
अंकल- गेम खेलते हैं, तुम हारोगी तब बताऊंगा.
फिर हम 2nd राउंड खेलने लगे.
मैं दोबारा हार गयी.
अंकल- अब बताओ क्या करोगी?
मैं- आप बताओ, आप जीते हो.
अंकल- तुमने सेक्स के लिए मना किया है वो नहीं करूँगा. लेकिन तुम्हें नंगी तो देख सकता हूँ ना!
मैं मान गयी.
फिर अंकल मेरे कपड़े उतारने लग गया.
मैं ब्रा पैंटी में बची तो बोली- इनको तो रहने दो.
अंकल- नहीं यार … आपने बोल दिया था नंगी करने के लिए!
फिर अंकल ने मेरी ब्रा पैंटी भी उतार दी थी.
अंकल- आपकी चूत तो बिल्कुल साफ है. आज ही करी थी क्या साफ?
मैं- मेरी ऐसी ही रहती है आपको फ़ोटो में दिखायी तो थी.
मैंने एक दिन पहले ही साफ की थी लेकिन मैंने उसको ये बात नहीं बतायी.
उसका लंड खड़ा होने लग गया था.
मैंने कहा- गेम शुरू करो.
फिर अंकल ने गेम शुरू किया.
पता नहीं क्या चक्कर था, मैं फिर हार गई.
मैं- अब क्या करना है?
अंकल- किस दे दो.
मैंने किस किया 5 सेकंड.
उसने कहा- बस इतना सा?
मैं- आपने किस की बोली मैंने कर दिया. मुझे बोलने की जगह आप कर लेते अच्छे से करना था तो … आप तो जीते भी थे.
अंकल- अब कर लूं?
मैं- अब तो गया मौक़ा!
अंकल- अबकी बार जीतूंगा तो कर सकता हूँ ना?
मैं- कर सकते हो लेकिन जीतोगे तब ना!
अंकल- आपको नहीं आता खेलना … आराम से हार जाती हो.
फिर अंकल ने 4th राउंड शुरू किया.
उसको लगा मुझे बिल्कुल नहीं आता.
और मैंने थोड़ी चीटिंग भी कर ली जिससे मैं जीत गयी.
अंकल- बोलो क्या करना है. किस करूं?
मैं- फिर मेरे जीतने का क्या फायदा?
अंकल- बताओ क्या करूँ?
मैं- तुमने मुझे नंगी किया अब तुम नंगे हो जाओ.
अंकल- आप ही कर दो.
मैं- मैं जीती हूँ इसलिए आप मेरी बात मानो.
मैंने भी अंकल को नंगा करवा दिया.
उसका लंड रॉड की तरह खड़ा था.
अंकल का लंड का साइज 7 इंच का था.
उसका लंड जीजू और भाई से बड़ा था.
मेरा तो अंकल से चुदने का मन भी हो गया था लेकिन उसको बोली नहीं.
अंकल- ये तो अच्छा हुआ हार कर!
मैं- अब खेलना है क्या? बहुत देर हो गयी.
मैं सोच रही थी वो मना कर देगा और चोदने की पूछेगा.
अंकल- एक बार बस … इस बार जीत कर आपको किस करूँगा.
मैं मान गयी.
फिर मैं जानबूझ कर हार गयी.
वो काफी दूर से आया तो उसके लिए इतना तो करना चाहिए था ना!
अंकल जीत गया तो उसने मुझे किस के लिए पूछा.
मैंने हाँ कर दी.
फिर मैंने मोबाइल रख दिया.
वो मेरे होंठों के पास आया और धीरे धीरे मेरे होंठ चूसने लगा.
अंकल काफी देर तक मेरे होंठों को चूसता रहा.
मैं भी उसको किस करने लग गयी.
अब उसका हाथ मेरे बूब्स पर आ गया था, वो धीरे धीरे मेरे बूब्स दबाने लगा.
मेरी गर्दन पर किस करते करते अंकल ने मुझे बिस्तर पर लिटा दिया.
अंकल मेरे ऊपर आकर किस करने लगा.
हम दोनों बिल्कुल नंगे थे.
मेरा तभी मूड बन गया था जब अंकल का लंड देखा था.
अंकल ने मेरे बूब्स को मुँह में भरा और चूसने लगा.
वो मेरी एक एक करके चुच्ची चूसने लगा … एकदम दुधमुंहे बच्चे के जैसे निप्पल चूसने में लगा था.
मैं भी खुशी खुशी अपना दूध चुसवा रही थी.
काफी देर तक अंकल ऐसे ही मेरे बूब्स और होंठों को चूसता रहा.
अंकल मुझसे दुगनी उम्र का था इसलिए उनको काफी अनुभव था.
मेरा भी पहली बार अनुभव था अपने से दुगनी उम्र के व्यक्ति के साथ चुदवाने का!
वो मेरी चूचियों को चूसते चूसते आहें भरने लगा. वो 6-7 साल बाद किसी के जिस्म के साथ खेल रहा था और वो भी कच्ची कली.
उसका लंड मेरी चूत के किनारों पर बार बार टच हो रहा था.
अंकल मेरे होंठों को चूसता रहा.
उसने मेरे बूब्स को दोनों हाथों से मसलना शुरू कर दिया.
अंकल- ओह मेरी जानेमन, क्या मम्मे हैं तेरे! ऐसा लगता है कि ऐसे ही इनको हाथों से, होंठों से मसलता रहूं … तेरी ये जवानी को ऐसे ही नोचूँ!
मैं- हा अंकल आआ आहह हहम्म … आआ आह हह!
थोड़ी देर बाद मैं अंकल से बोली- यार 2 बज गए. चूसते रहोगे या और कुछ करोगे भी?
अंकल- मैं यही चाहता था तुम एक बार बोल दो. तुमने मना किया था. अब तुम चुदने के लिए तैयार हो?
मैंने कहा- अब मूड बना कर पूछ रहे हो.
अंकल मेरे बूब्स को चूसते हुये मेरे पेट से होते हुए मेरी चूत तक पहुँच गया.
वो मेरी दोनों टाँगों को चौड़ा कर मेरी चूत चूसने लगा.
मैं उसकी जीभ को अपनी चूत में लेकर पागल जैसी होने लगी.
अंकल चूत के लिए इतना भूखा था कि वो जीभ को अंदर तक मेरी चूत में डाल रहा था जिससे मेरा पेशाब निकाल गया.
वो खड़ा हो गया और मुझे नीचे बिठा लिया.
अंकल ने अपना लंड मेरे मुंह में डाल दिया.
मैं अंकल का लंड चूसने लगी.
उसका लंड टाइट होने लगा.
5 मिनट की चुसायी से अंकल पागल होने लगा.
अंकल ने मुझे बिस्तर पर लिटा दिया. अंकल ने मेरी दोनों टांगो को पकड़ कर अपनी तरफ खींचा.
उसने अपना लंड मेरी चूत पर रख दिया.
मुझे अंकल का लंड काफी बड़ा सा लग रहा था.
अंकल ने मेरी चूत के ऊपर लंड रगड़ना शुरू कर दिया.
वो कहने लगा- ऐसी चूत मिलेगी … कभी सोचा नहीं था.
फिर अंकल ने एक झटके में अपना लंड मेरी चूत में डालने की कोशिश की.
उसका आधा लंड मेरी घुस की दीवारों की फैलाता हुआ घुस गया.
मुझे सच में काफी दर्द हुआ, मैं उम्म अह आह हाय आह करके चिल्लाई.
अंकल ने तुरंत दूसरा झटका मार दिया.
उसका पूरा का पूरा लंड मेरी चूत में समा गया.
आहऽऽ … माँ … ओहह … आम्म आ … धीरे …धीररे से … ओहह … मर गई ईई धीरे अंकल!
दर्द से मेरी हालत खराब हो गयी थी, ऐसा लग रहा था जैसे आज ही सील टूट रही हो.
“आहऽ ओह हहह … कितनी टाइट है तेरी चूत अंजलि … देख मेरा लंड कैसे मचल रहा है तेरी चूत में! आह हह मेरा लंड पूरा छिल गया है तुझे चोदते हुए! ओह हहह आआ!”
मैंने कहा- आराम से करो यार, घर चल कर जाना है.
उसका पूरा लंड मैं अपनी चूत में गड़प गई.
अब वो लगातार मेरी चूत में लंड पेल रहा था.
मेरे मुँह से अहह हाय आंह निकल रही थी.
मैंने अपने पैरों से उनकी कमर को भींच लिया.
उसी समय मेरे घर से कॉल आ गया.
मेरी मम्मी का कॉल था और मैं अंकल में नीचे लेटी हुई थी.
मैंने कॉल उठाया.
मम्मी ने पूछा- कब तक आयेगी?
मैंने मम्मी को बोल दिया- फ्रेंड से कुछ नया सीख रही हूँ इसलिए 5-6 बजे तक आ जाऊंगी.
मैं मम्मी से बात कर रही थी तब अंकल मुझे धीरे धीरे चोद रहा था और मेरी तरफ देख कर मुस्कुरा रहा था.
फिर मैंने कॉल काट दिया तो अंकल ने वापस स्पीड बढ़ा दी.
अंकल की बेहिसाब चुत चुदाई से मैं एक बार झड़ गयी.
मैंने अपनी टाँगों की पकड़ से अंकल को आजाद कर दिया और सीधी लेट गयी.
लेकिन अंकल मुझे पेले ही जा रहे थे- अहह आह ह हम्मह अंजलि मेरी जान … ओह्ह … इतना मजा पहले किसी ने नहीं दिया. तेरा ये गोरा जिस्म … मैं तेरा दीवाना हो गया … मैं झड़ रहा हूँ… मेरी जान … मैं तेरी चूत को अपने रस से भर दूंगा!
अंकल अब झड़ने के करीब आ गया था.
अंकल ने मेरी कमर को कस कर पकड़ लिया और एक जोर का धक्का मारकर अपना लोहे सा लंड मेरी कमसिन चूत की पूरी गहराई तक घुसेड़ दिया.
उस धक्के से मेरा तन बदन हिल गया.
उनका लंड मेरी चूत में रस भरने लगा.
मैं उनके लंड से मेरी चूत में गिरने वाली पिचकारियाँ महसूस कर रही थी.
उसी वक्त मेरी चूत ने भी अपना झरना छोड़ दिया और मैं भी अपनी कमर और चूतड़ उछल कर अपना ओर्गास्म एन्जॉय कर रही थी.
तभीअंकल ने पूरा लंड बाहर खींच कर फिर से एक जोर से धक्का मारा.
मैं इसके झटके लिए तैयार नहीं थी तो मैं उसके इस धक्के से दर्द से चिल्ला पड़ी.
इस धक्के से उसने अपने लंड के अंदर बचा सारा माल मेरी चूत में डाल दिया.
थोड़ी देर बाद उसने अपना लंड ‘प्लक’ की आवाज करते हुए बाहर निकाला और मेरी चूत में इकट्ठा हुआ हम दोनों का रस मेरी जाँघों पर बहने लगा.
फिर हम एक दूसरे को बांहों में लेकर लेट गए.
अंकल- यार, तुमने चुदाई को मना किया इसलिए कंडोम नहीं लाया था. तुम्हारी चूत में माल भी डाल दिया.
मैं- टेबलेट ले लूंगी. आपका काफी गाढ़ा माल था. ऐसे लग रहा था जैसे काफी सालों का भंडार हो. मुझे कोई अफसोस नहीं आपका माल अंदर डलवाने का!
कुछ देर बाद अंकल का वापस मूड बन गया था.
वो मुझे होंठों पर किस करने लगा तो मैं समझ गयी.
मैं भी चुदाने को तैयार थी.
इस बार किस के बाद सीधी मेरी चुदाई शुरू हो गयी. इस बार मेरी अंधाधुंध चुदाई हो रही थी.
अंकल पूरी ताकत से मुझे रंडी समझ कर चोद रहा था.
दस मिनट की चुदाई के बाद मैं झड़ गयी.
फिर अंकल ने जो जोरदार चुदाई चालू की तो समझो पूरा रूम में मेरी ‘आह आअह आओह..’ की आवाज के साथ लंड चूत की ‘पच पच..’ की आवाजें गूंजने लगी थीं.
दस बारह धक्के देने के बाद उन्होंने अपना लंड मेरी चूत में पूरी गहरे में ठोक दिया और मेरी बच्चेदानी को अपने बीज से सींचने लगे.
गर्म गर्म पिचकारियाँ मेरी योनि में पड़ते ही मेरी चूत भी बह गयी, उनके लंड को भिगोने लगी.
हम दोनों एक साथ झड़ कर साथ में लेट गए. मेरी Xxx क्यूट चूत से लिंग रस टपक रहा था.
फिर हम इकट्ठे बाथरूम में नहाने चले गए.
उसके बाद मेरा कॉल आया, मुझे लगा मम्मी का है.
लेकिन मेरी सहेली का कॉल था.
उसने कहा- तेरी मम्मी का फोन आया था मैंने बोल दिया कि अंजलि सो रही है, वो 6 बजे तक आ जायेगी. आराम से एन्जॉय कर … कोई टेंशन नहीं, अभी डेढ़ घंटा है.
मैं बोली- तू है फिर क्या टेंशन!
यह मेरी बेस्ट फ्रेंड है. इसका भाई मेरे भाई का दोस्त है. उसने मुझे चोद रखा है ये सब पता है इसको!
अंकल- घर से था क्या कॉल?
मैं- नहीं, मेरी सहेली का था. अभी डेढ़ घंटे रुक सकती हूं.
अंकल- रुक सकती हो तो एक लास्ट बार और कर लें? काफी समय है.
मुझे उससे बहुत मजा आया था तो मैं मान गयी.
उसके बाद अंकल ने मेरी एक बार फिर मस्त चुदाई की. मुझे उनका गाढ़ा माल चूत में डलवाने में बहुत मजा आ रहा था.
इस तरह अंकल ने उस दिन मेरी 3 बार चुदाई की.
जाते समय अंकल ने मुझे कहा- अंजलि, तुमको सिर्फ खेल खेल में ही चोदा जा सकता है.
मैं हँस दी.
फिर मैं घर आ गयी और रात को अंकल भी हैदराबाद लौट गये.
उनसे चुदाई का अनुभव काफी अलग था.