इंडिया हॉट गर्ल्स सेक्स स्टोरी में पढ़ें कि अपनी सहेली को उसके प्रेमी के साथ 69 ओरल सेक्स करते देखा तो मेरी चूत लंड मांगने लगी. मैंने अपने बॉयफ्रेंड के साथ चुदाई कैसे की?
दोस्तो, मैं रमित हूं और मैं आपको अर्पित और अदिति के रोमांस की कहानी बात रहा हूं. इंडिया हॉट गर्ल्स सेक्स स्टोरी के पिछले भाग
जैसेलमेर में सेक्स सफारी मस्ती-1
में आपने पढ़ा था कि कैसे वो चारों दोस्त मिल कर जैसेलमेर गये और रास्ते में कार में ही उन्होंने मस्ती शुरू कर दी.
अदिति ने बताया कि वो निशांत और और नीला के टैंट में गयी तो वो दोनों एक दूसरे चूसने में लगे हुए थे. वहां से अदिति गर्म हुई और वापस आकर निशांत के साथ ये सब करने की सोचने लगी.
उसके बाद वो दोनों कैमल सफारी पर गये और फिर वापस आकर एक दूसरे के साथ शैम्पेन पीने लगे और किस करते हुए मजा लेने लगे.
अब आगे की इंडिया हॉट गर्ल्स सेक्स स्टोरी अदिति की जुबानी सुनिये.
हाय दोस्तो, मैं कहानी के पिछले भाग से ही कहानी को आगे बढ़ा रही हूं.
मैंने मुँह घुमा कर अर्पित के लिप्स पर किस किया और फिर एक ही घूँट में मैंने अपनी ग्लास की शैम्पेन ख़त्म कर दी. मैं उठी और घूम कर अर्पित पर झुक कर उसके लिप्स पर किस करने लगी.
अर्पित कभी मेरे निचले होंठ को अपने होंठों में लेकर चूसता तो कभी ऊपर वाले होंठ को चूसने लगता. मैंने अर्पित को धक्का देकर बेंच पर अधलेटा सा लिटा दिया और उसके ऊपर आकर बेहताशा उसको चूमने लगी.
मैं कभी उसकी गर्दन पर चूमती तो कभी उसके होंठों पर. एक दो बार तो मैंने उसके होंठ काट भी लिए. मैंने अर्पित की टी शर्ट ऊपर कर दी और उसकी छाती पर चूमने लगी.
अर्पित के मुँह से आह्ह … स्स्स … करके कामुक आवाजें निकल रही थीं.
वो कहने लगा- अदिति रुक जाओ, मैं कंट्रोल नहीं कर पा रहा हूं.
मैंने बोला- कंट्रोल करना भी कौन चाहता है!
अर्पित बोला- कोई आ गया तो?
मैं बोली- कोई नहीं है इधर, सब उधर नाच-गाने में लगे हैं.
मैंने उसकी टी शर्ट उसकी बांहों से अलग कर दी और उसके निप्पल्स को अपने नाखून से छेड़ने लगी. अर्पित पूरी तरह से गर्म हो रहा था. तभी मैंने उसके निप्पल्स पर अपनी जीभ फिरानी चालू कर दी तो वो वासना में पागल सा होने लगा.
अब हम दोनों ही वासना की आग में जल रहे थे. हमें कोई ख़बर नहीं थी कि हम ये सब खुले आसमान के नीचे कर रहे हैं. तभी अर्पित ने मेरा टॉप ऊपर खींचा और मेरी बांहों से उतारते हुए उसको मेरे जिस्म से अलग कर दिया.
फिर उसने मेरी ब्रा के हुक भी खोल दिए और वो भी नीचे आ गिरी. अब मैं ऊपर से बिल्कुल नंगी थी और अर्पित के निप्पल्स को पर जीभ गोल गोल घुमा रही थी. अर्पित ने अपने दोनों हाथों से मेरे बूब्स को मसलना शुरू कर दिया था.
मेरे निप्पल्स सख्त हो चुके थे. मैं थोड़ी सी ऊपर उठी और मैंने अपने बूब्स अर्पित के मुँह के आगे कर दिए. अर्पित ने भी एक चूची को मुँह में डाला और दूसरी को दूसरे हाथ से मसलने लगा.
कभी तो वो सिर्फ निप्पल चूसता तो कभी मेरा पूरा स्तन मुंह में डाल लेता था. वो मेरे निप्पल को फिर जीभ से रगड़ने लगता. फिर ऐसे ही उसने दूसरी चूची के साथ भी किया.
मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.
मेरे मुँह से खुद ही निकलने लगा- ओह अर्पित … प्लीज और चूसो .. आह्ह और जोर से चूसो डार्लिंग … आह्ह।
वो और ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा.
फिर मैंने अपने बूब्स उसके मुँह से निकाल लिए. फिर से मैं उसकी चेस्ट पर किस करने लगी. मैंने भी उसके निप्पल चूसे और उसके निप्पलों पर काट लिया. उसके बाद मैं उसके पेट पर चूमते हुए उसके शॉर्ट्स तक पहुंची.
मैंने उसके पेट पर चूमते हुए उसके शार्ट की हुक खोल दी और नीचे खिसका दी. नीचे से उसने जो ब्रीफ पहना हुआ था. वो भी शार्ट के साथ ही नीचे खिंच कर उतर गया था. मैंने देखा कि उसका लंड पूरी तरह से अकड़ा हुआ था.
जैसे ही उसका लंड आजाद हुआ वो सीधा उछल कर मेरे गाल पर आ लगा.
मैंने मुस्करा कर कहा- बदमाश, मारता है मेरे को? रुक तुझे मैं अभी मजा चखाती हूं.
ये बोल कर मैं उसके लंड को हाथ से मसलने लगी. फिर मैंने झुक कर उसके झांटों पर किस करना शुरू कर दिया. किस करती करती मैं लंड के नीचे की तरफ किस करने लगी. फिर मैंने उसके नीचे उसकी गोलियों पर किस की और उनको मुँह में भर लिया.
अब मैं पहले लंड की जड़ में चूमने लगी. फिर मैंने लंड के ऊपरी भाग को चूमा और और लंड को अपने मुँह में ले लिया. मुँह में लेकर मैं लंड को चूसते हुए मुंह ऊपर नीचे करने लगी.
पहले थोड़ा सा अजीब सा टेस्ट आया. थोड़ी देर में मुझे अर्पित का लंड चूसने में मज़ा आने लगा. अर्पित तो किसी और ही दुनिया में गोते लगा रहा था. मैंने लंड मुँह में लिए ही अर्पित की तरफ देखा तो उसकी आँखें बंद थीं और वो बोल रहा था- ओह्ह … अदिति लव यू यार … बहुत मज़ा आ रहा है.
फिर मैंने हाथ बढ़ा कर शैम्पेन की बोतल उठाई और थोड़ी सी शैम्पेन उसके लंड पर डाल दी. उसके बाद मैं फिर से लंड चूसने लगी. कभी मैं उसके आंड को मुँह में लेती तो कभी लंड के ऊपरी हिस्से पर जीभ घुमाती.
उसके लंड पर कामरस की कुछ बूंदें आ गयी थीं. मैंने वो भी चाट लीं. इससे पहले मैंने अर्पित के साथ कई बार सेक्स किया था लेकिन मैं कभी उसका लंड नहीं चूस पाई थी.
लंड चूसने का ये मेरा पहला चांस था. फिर भी मैं पूरे तरीके से लंड चूस रही थी और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. अब मेरा मुँह दुखने लगा तो मैंने लंड को मुँह से बाहर निकाल दिया और सांस लेने लगी.
अर्पित ने अपनी आँखें खोलीं और मुझे ऊपर बेंच पर बैठने को कहा. मैं ऊपर बैठ गयी तो अर्पित ने फिर से लंड मेरे मुँह के आगे कर दिया.
मैंने बोला- यार, मेरा मुँह दुखने लगा है.
वो बोला- बस तुम इसे मुँह में ले लो, चूसना मत।
मैंने लंड फिर से मुँह में ले लिया. अब अर्पित मेरे मुँह में लंड आगे पीछे करने लगा. वो मेरे मुँह को चोद रहा था. थोड़ी देर बाद उसने लंड निकाल लिया और मुझे पीछे की तरफ लिटा दिया. खुद नीचे अपने घुटनों के ऊपर बैठ कर उसने मेरी शॉर्ट्स के बटन खोल दिए.
बटन खोल कर उसने शार्ट्स को मेरी टांगों से अलग कर दिया. फिर अर्पित मेरी चूत को मेरी पैंटी के ऊपर से ही चूमने लगा. फिर पैंटी की लाइन से किस करता हुआ वो मेरी जांघों के अंदर चूमने लगा. मेरी पैंटी मेरी चूत के रस से भीग चुकी थी.
फिर अर्पित मेरी वेस्ट लाइन पर चूमने लगा और चूमते हुए दांतों से पैंटी नीचे सरकाने लगा. जैसे ही पैंटी थोड़ी सी नीचे हुई, उसने चूत के ऊपरी भाग को चूमा. पैंटी उसने और नीचे सरका दी.
घुटनों से नीचे पैंटी अब मेरे पैरो में फंसी हुई थी. अर्पित मेरी जांघों के अंदर चूमता हुआ मेरी चूत के इर्द गिर्द चूम रहा था. उसने मेरे झांटों वाले हिस्से पर बेहताशा चूमा.
फिर उसने जैसे ही मेरी चूत के ऊपर चूमा तो मेरी सारी बॉडी में सरसरहाट दौड़ गयी. फिर उसने अपने होंठों से मेरी चूत का एक होंठ खोला और अपने मुँह में चूसने लगा. उसके बाद उसने ऐसा ही दूसरी तरफ भी किया.
मेरी तो बस आहें ही निकल रही थीं. मैं बड़बड़ाने लगी- ओह्ह … आह … अर्पित … चूसो … चाटो … मेरी चूत को … ओह्ह।
फिर उसने मेरी चूत की दरार में जीभ फिराई. वो अपनी जीभ को ऊपर से नीचे की तरफ फिराने लगा.
हर बार वो अपनी जीभ मेरी चूत के और अंदर डाल देता था. मेरी तो जान निकली जा रही थी. फिर उसने जितनी हो सकती थी अपनी जीभ मेरी चूत के अंदर घुसा दी. कभी वो चाट रहा था तो कभी मेरी चूत में जीभ को अंदर घुमा रहा था.
मैं मज़े में पागल हुए जा रही थी.
मैं सिसकराते हुए बोल रही थी- आह्ह … ऊईई मां … खा जाओ मेरी चूत को … ओह्हह … और चूसो … पूरी चूस डालो इसको.
अब मैं झड़ने के करीब ही आ गयी थी. मगर तभी उसने अपना मुँह मेरी चूत से हटा लिया और मेरे बूब्स चूसने लगा.
मैंने बोला- अर्पित क्या करते हो? मैं झड़ने ही वाली थी.
वो बोला- रुक मेरी जान … झड़ेंगे तो साथ में ही.
फिर उसने अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया और धीरे धीरे चोदने लगा. मैंने बोला- चोदो मुझे अर्पित … तेज़ी से … आह्ह चोदो डार्लिंग।
उसने थोड़ी स्पीड बढ़ा दी. मेरे चूतड़ बेंच से रगड़ खाने लगे और मुझे चूतड़ों में दर्द होने लगा.
मैंने अर्पित को इस बारे में बोला तो उसने लंड निकाल लिया.
वो बोला- तू अपने घुटने नीचे ज़मीन पर लगा कर घोड़ी बन जा और हाथों से बेंच का सहारा ले ले.
मैंने ऐसे ही किया तो मेरे पीछे से आकर उसने लंड फिर से मेरी चूत में डाल दिया.
फिर से हमारी चुदाई शुरू हो गयी. उसकी जांघें जब मेरे चूतड़ों से टकराती तो मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. अर्पित की स्पीड बढ़ गयी. मैं भी अपने आप को पीछे की तरफ धकेलने लगी. इस तरह दोनों तरफ से धक्के लग रहे थे.
मैं बोली- अर्पित मेरा होने वाला है.
अर्पित बोला- बस अदिति मैं भी आया. मैं तेरे अंदर ही अपना माल छोडूंगा.
मैंने बोला- हाँ अर्पित … प्लीज मेरी चूत को अपने माल से भर दो.
तभी अर्पित आह … आह .. करते हुए जोर से सिसकारने लगा और फिर मेरे ऊपर गिर गया. अर्पित के लंड का गर्म लावा मेरी चूत के अंदर निकल रहा था. मुझे भी मज़ा आ रहा था. थोड़ी देर तक हम ऐसे ही रहे.
फिर अलग हुए तो अर्पित नीचे ही ज़मीन पर बेंच से टेक लगा कर बैठ गया. मैं उसकी गोद में बैठ गयी. फिर मैंने अर्पित के लिप्स पर किस किया. उसने भी पूरा साथ दिया. फिर उसने शैम्पेन की बोतल उठाई और बची हुई शैम्पेन दोनों गिलास में डाली. हमने वो गिलास खत्म किये.
मैं बोली- कैसा लगा मेरा सरप्राइज?
वो बोला- बहुत अच्छा।
मैंने बोला- ये मैंने पहले ही तय कर लिया था कि मैं तुमसे इसी तरह रेगिस्तान में खुले में चुदवाऊंगी. मज़ा आया न?
अर्पित बोला- बहुत मज़ा आया.
फिर हमने कपड़े पहने और वापस रेस्टोरेंट की तरफ चल दिए. हमें वहां कोई दिखाई नहीं दिया तो हमने चैन की सांस ली.
चलते चलते मैंने अर्पित को नीला की चुदाई वाली बात बताई.
मैंने अर्पित को बताया कि नीला को तुम्हारा चूत चाटने का अंदाज बहुत पसंद है. वो तुम्हारी बहुत तारीफ कर रही थी.
ये सुनकर अर्पित खुश हो गया और उसने मेरे गाल पर चूम लिया.
थोड़ा आगे जाकर हमने देखा कि नीला जा रही थी. मुझे शक हुआ कि उसने शायद हमारी पूरी चुदाई देख ली है.
जब हम नीला से मिले तो वो बोली- अदिति ये क्या? तुम्हारी टांगों पर रेत क्यों लगी है?
फिर वो हंसते हुए बोली- लगता है कि तुम्हारा खुले में रोमांस चल रहा था.
अब मुझे यकीन था कि नीला ने सच में हमें सेक्स करते हुए देख लिया था.
दोस्तो अब आगे की कहानी अर्पित बतायेगा.
मैं और अदिति अपने टैंट में आ गए. हमने आते हुए खाने का और एक बोतल शैम्पेन का आर्डर कर दिया था. हम टैंट में आते ही हम बाथरूम में घुस गए. हम दोनों ही बिल्कुल नंगे होकर शावर के नीचे खड़े थे.
मैंने अदिति को चूमा और उसने भी मेरा साथ दिया. फिर हमने एक दूसरे को साबुन से रगड़ कर नहलाया. फिर हम बाहर आ गये. अदिति ने सफ़ेद रंग की फ्रॉक पहन ली जो सिर्फ उसकी जांघों तक थी. हमने फिर से शैम्पेन पी और फिर खाना खाया.
उसके बाद हम फिर से बेड पर आ गये और एक दूसरे की बांहों में समा गये.
अदिति- थैंक्स अर्पित, मुझे इतना मजा देने के लिए और मुझे इस तरह से प्यार करने के लिए.
मैंने बोला- वैसे तुम्हारा प्लान खुले आसमान के नीचे रोमांस का लाजवाब था. मुझे बहुत अच्छा लगा कि तुमने मुझे इतना अच्छा सरप्राइज दिया.
अदिति बोली- अर्पित, हम शादी के बाद गोवा चलेंगे और ऐसे ही एक शाम किसी बीच पर करेंगे.
उसकी बात पर मैंने बोला- हां जरूर. तुम्हारी हर ख्वाहिश पूरी करूंगा मैं.
इतना बोलकर मैंने अदिति को बांहों में भर लिया और हम दोनों लिपट कर सोने लगे.
रात को दो बजे में अचानक मेरी नींद खुली तो मैंने देखा कि अदिति ने मेरी शॉर्ट्स नीचे खिसका दी थी और लंड चूस रही थी. मैं थोड़ा होश में आया और उस दृश्य का मजा लेने लगा.
फिर मैं अदिति के बालों में उंगलियों से सहलाने लगा और फिर उसका सर पकड़ कर अपने लण्ड पर दबाने लगा. फिर मैंने अपना लंड उसके मुँह से निकाला.
मैंने अदिति की फ्रॉक उतारी तो उसने नीचे कुछ नहीं पहना हुआ था. मैं उसके बूब्स चूसने लगा. फिर अदिति ने 69 में आने को कहा और हम दोनों 69 में हो लिये.
अदिति ऊपर आ गयी. उसने अपनी चूत मेरे मुँह पर लगा दी और फिर से मेरा लंड चूसने लगी. फिर मैंने अदिति को उठाया और उसके ऊपर आकर चुसाई शुरू कर दी. काफी देर चुसाई करने के बाद मैंने उसे उठाया और उसकी चुदाई शुरू कर दी.
20 मिनट तक उसकी चूत मारी और फिर हम दोनों साथ में ही झड़ गये. हम फिर एक दूसरे की बांहों में लिपट कर सो गये. सुबह तक हम दोनों एक दूसरे के साथ नंगे चिपक कर सो रहे थे. तभी अचानक आंख खुली और पाया कि नीला हमारे टैंट में आ गयी थी.
रात में शायद हम टैंट को अंदर से लॉक करना भूल गए थे.
नीला ने अदिति को आवाज़ लगाई.
तो अदिति एकदम से उठी और बोली- बेशर्म तू अंदर क्यों आ गयी?
नीला बोली- तुम दोनों को देखना जो था बिन कपड़ों के.
इतना बोल कर वो जोर जोर से हँसने लगी. हम दोनों ने अपनी चादर अपने बदन पर ऊपर तक खींच ली.
अदिति बोली- चल तू बाहर जा अभी. हम दोनों भी आते हैं और साथ में चाय पीयेंगे.
वो बोली- नहीं, अगर तुम दोनों फिर से स्टार्ट हो गये तो? अब तो मैं चाय पीकर ही जाऊंगी. और तू इतना क्यों शरमा रही है? तुझे तो मैंने कई बार इस तरह से नंगी देखा हुआ है.
अदिति बोली- अब अर्पित भी तो है.
नीला बोली- रात में बाहर मैंने तुम दोनों की पूरी फिल्म देख ली थी. ये बात जानने के बाद शायद अब अर्पित को भी शर्माने की जरूरत नहीं है.
इतना बोल कर वो फिर से हंसने लगी.
फिर नीला ने अदिति के अंडरगार्मेंट्स हमारी ओर उछाल दिये.
वो बोली- इनको चादर के अंदर ही पहन लो.
उसने वो कपड़े पहन लिये. अब मैं भी टीशर्ट पहन कर बाहर आ गया और बाथरूम में घुस गया.
जब मैं बाहर आया तो अदिति अपने फ्रॉक को पहन चुकी थी. उसके बाद वो अपने बाल बांध कर फ्रेश होने चली गयी. मैं वहीं पर था. मैंने देखा कि नीला मुझे देख कर मंद मंद मुस्करा रही थी. मगर वो कुछ बोली नहीं.
उसके बाद अदिति बाहर आयी और हम लॉन में चले गये और चाय पीने. नीला ने बताया कि निशांत को शायद जाना पड़ सकता है. उसके घर से फ़ोन आया है, कुछ प्रॉब्लम हो गयी है. वो फ्लाइट चेक कर रहा है जोधपुर से दिल्ली की।
अदिति बोली- अरे ऐसे जाने से तो अपना टूर खराब हो जायेगा.
नीला बोली- क्यों? हम रुकेंगे यार, एन्जॉय करेंगे.
मुझे नीला की बातों पर शक हो रहा था. उसके दिमाग में शायद कुछ चल रहा था. वो क्या सोच रही थी और क्या प्लान कर रही थी वो सब मैं आपको अपनी आने वाली कहानियों में बताऊंगा. अभी के लिये बस इतना ही। थैंक्स दोस्तो.
तो दोस्तो, ये थी अर्पित और अदिति के रोमांस की कहानी. आपको इंडिया हॉट गर्ल्स सेक्स स्टोरी कैसी लगी, अपने कमेंट्स में जरूर बताना. आप नीचे दी गयी ईमेल पर भी अपने मैसेज भेज सकते हैं.
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