यह कहानी एक सीरीज़ का हिस्सा है:
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बेडरूम सेक्स स्टोरी में पढ़ें कि कैसे पड़ोसन भाभी बहाने से मुझे अपने बेडरूम में ले गयी. मेंसिस के बाद उनकी चूत की गर्मी बढ़ी हुई थी. मैंने उनको कैसे चोदा.
सायं को मेरे कमरे में सरोज भाभी आई और मुझे उठाते हुए बोली- राज, तबियत ठीक है?
मैंने कहा- हाँ ठीक है, बस यूँ ही लेटा था तो आंख लग गई थी.
भाभी की चूची पकड़ कर दबा दी मैंने! सरोज तड़प कर रह गई. अगले दिन की चुदाई के लिए खुद को और अपने लौड़े को रेस्ट देने के लिए कमरा बंद करके सो गया.
अब आगे की हॉट बेडरूम सेक्स स्टोरी:
अगले रोज सुबह मैं यूनिवर्सिटी चला गया और सायं 5 बजे वापिस आया. सभी नीचे ड्राइंगरूम में ही बैठे थे. मेरे लिए चाय बनाई.
बिन्दू को सरोज ने अपने कमरे में पढ़ने भेज दिया. नेहा भी उठकर अपने कमरे में चली गई. सरोज मेरे साथ चाय पीने लगी.
मैंने देखा उस रोज सरोज भाभी का चेहरा खिला हुआ था. उसने बहुत ही सुंदर मेकअप किया था और सेक्सी कपड़े पहन रखे थे.
तब मैंने सरोज भाभी से उनकी चूत की ओर इशारा करके पूछा- सब ठीक है?
सरोज- सब कुछ ओ.के. है, रात को खाने के बाद ऊपर मत जाना और यहीं दीवान पर लेटकर सोने का बहाना करना. मैं लड़कियों को बोल दूंगी कि इसे अब मत जगाओ, यहीं सोने दो, जब उठेगा तो अपने आप ऊपर जाना चाहेगा तो चला जाएगा और फिर हम अंदर से बंद कर लेंगे.
मैं ऊपर अपने कमरे में गया तो छत पर बिन्दू मिल गई. उसने बताया कि उसकी मंथली आ गई है.
मैंने कहा- फिर तो तीन दिन के लिए तुम्हारी छुट्टी?
बिन्दू- मुझे तो चार पांच दिन लगते हैं ठीक होने में.
मैंने कहा- ठीक है, पढ़ाई और रेस्ट करो.
स्कीम के मुताबिक मैं रात को खाने के बाद ड्राइंगरूम में दीवान पर लेट गया और सोने का बहाना करने लगा.
नेहा ने जब मुझसे पूछा कि ऊपर सोने नहीं जाना है तो सरोज ने वही बात कह कर नेहा को जगाने से मना कर दिया.
दोनों अपने कमरों में सोने चली गई.
उनके जाते ही थोड़ी देर बाद सरोज ने ड्राइंगरूम का दरवाजा बंद किया. सरोज जब दरवाजा बन्द कर रही थी तो मैंने उठकर उसे पीछे से बांहों में भर लिया और उसके चूतड़ों में उसकी लांग स्कर्ट के ऊपर से लौड़ा अड़ा दिया.
सरोज ने उल्टी पोजीशन में ही अपनी गर्दन और गाल मेरी गर्दन पर लगा दिए.
मैं सरोज भाभी की दोनों चुचियों को पकड़कर मसलने लगा. हमने खड़े खड़े ही बेसब्री से अपना काम शुरू कर दिया. मैं सरोज को लेकर दीवान पर बैठ गया और सरोज को अपनी गोदी में बैठा लिया. मेरा लम्बा मोटा लौड़ा उसके भारी चूतड़ों में धंस गया.
सरोज बोली- चलो, बेडरूम में चलते हैं.
हम भाभी के बेडरूम में आ गए. सरोज ने अंदर आते ही मेरे लोअर को नीचा करके मेरा लंड पकड़ लिया और उसे हाथ से आगे पीछे करने लगी. मैंने सरोज को बेड पर बैठा दिया और खड़े खड़े लंड को उसके होंठों पर लगा दिया.
सरोज ने गप्प से मेरा सुपारा अपने मुंह में ले लिया और प्यार से उसके ऊपर जीभ फिरा फिरा कर चूसने लगी. मैंने अपना लोअर और टॉप निकाल दिया और बिल्कुल नंगा हो गया. मैंने सरोज के दोनों गालों को अपने हाथों में लिया और उसके मुंह की चुदाई करने लगा.
कुछ देर में सरोज के मुंह से लार टपकने लगी. मैंने लंड को निकाला और सरोज को भी नंगी कर लिया.
अब हम दोनों कमरे में नंगे खड़े थे सरोज की बड़ी बड़ी चुचियाँ, चिकना पेट, सुडौल जांघें, बड़े बड़े चूतड़ और जांघों के बीच पाव रोटी सी फूली चूत देखकर कोई भी आदमी अपने होश गवां सकता था.
कामरस की एक बून्द सरोज की चूत से बाहर निकलकर नीच तक आ गई थी. मैंने उस बून्द को एक उंगली से उठाने की कोशिश की तो बून्द का लेसदार धागा बन गया.
मैंने सरोज की टांगों को थोड़ा चौड़ा किया और खड़े खड़े उसकी चूत की दरार में अपने लौड़े के फूले हुए सुपारे को टिका दिया. सरोज ने एकदम आंखें बंद करके अपनी बांहें मेरी कमर पर कस ली.
मैंने भी अपने दोनों हाथ सरोज के भारी चिकने चूतड़ों पर रख लिए और सुपारे को चूत की दरार और क्लिटोरियस पर रगड़ने लगा. सरोज सी … सी … की आवाजें निकालने लगी.
थोड़ी देर के घर्षण के बाद सरोज ने अपना एक हाथ नीचे किया और लंड के चिकने हुए सुपारे को अपने हाथों की उंगलियों से चूत के छेद पर दबा लिया, पक की आवाज के साथ सुपारा चूत के अंदर चला गया.
मैंने कमर को थोड़ा झटका दे कर लंड को चूत के अन्तिम भाग तक पहुंचा दिया. सरोज ने अपनी टांगों को थोड़ा और फैला लिया जिससे मैं उसकी दोनों जाँघों के बीच खड़ा हो कर लंड को चूत में चलाने लगा.
चूँकि सरोज का कद मुझसे काफी छोटा था इसलिए लण्ड चूत के क्लिटोरियस को बुरी तरह से रगड़ रहा था. सरोज ने अपना एक हाथ मेरे गले में डाल लिया और दूसरे से मुझे अपनी और खींचती रही. खड़े खड़े चुदाई करने से सरोज के चूतरस से मेरे दोनों टट्टे गीले हो गए.
मैं फचा फच चूत में लण्ड पेल रहा था. सरोज की चूत का क्लिटोरियस तेजी से रगड़े जाने से लाल हो कर एकदम छोटे अंगूर जैसा हो गया था, चूत बराबर पानी छोड़े जा रही थी.
सरोज खड़े खड़े कई चर्मोत्कर्ष ले चुकी थी. जैसे ही मैं चूत में लण्ड घुसाता वह भी अपने चूतड़ों को झटका दे कर चूत को लण्ड पर पटकती. साथ ही सरोज के मुंह से तरह तरह की सी … सी … आह … आह … की आवाजें निकल रही थी.
थोड़ी ही देर में सरोज ने पीछे होकर अपने चूतड़ों को दीवार से लगा लिया. मैंने सरोज की एक टांग को अपनी बाजू में लिया और चूत में लण्ड पेलने लगा. हर झटके पर सरोज की दोनों बड़ी बड़ी चूचियाँ इधर उधर हिलती थी.
कुछ ही घस्सों के बाद सरोज ने आ … आ … ई … ई … ई … ई … ईईई ईईईई … करते हुए अपनी चूत से पानी छोड़ दिया और सरोज मुझसे चिपक कर मेरे ऊपर निढाल होकर लटक गई.
मैंने देखा फर्श पर चूतरस की कई बूंदें गिर गई थीं. मैंने चुदाई रोक दी. सरोज मेरी बांहों से निकल कर बेड पर अपनी जांघों को फैला कर लेट गई. मैं भी सरोज के साथ लेट गया. उसकी चूत और जांघें चुदाई के पानी से गीली हो गई थीं.
सरोज भाभी के चेहरे पर पूर्ण संतुष्टि के भाव थे.
मैंने करवट ली और अपनी एक टांग सरोज की सुडौल चिकनी जांघ पर रख ली और एक हाथ उसके मम्मे पर फिराने लगा. सरोज आंखें बंद किये लेटी रही.
थोड़ी देर में भाभी उठी और बाथरूम चली गई. बाथरूम से निकल कर नंगी ही रसोई में चली गई और मेरे लिए गर्म दूध और डॉयफ्रूइट लेकर आई.
भाभी नंगी ही बेड पर लेट गई. कुछ देर बाद भाभी ने मेरी ओर करवट ली और बोली- राज, तुमने तो मेरी सारी जिन्दगी की कसर निकाल दी. अच्छी तरह से चुदने का बड़ा अरमान था, ये इच्छा तुमने पूरी कर दी.
मैंने भी कहा- भाभी, आप भी बहुत मज़ा देती हो, आपका शरीर इतना सेक्सी है कि चोदने के बाद भी दिल नहीं भरता.
भाभी बोली- फिर सोच क्या रहे हो, चढ़ जाओ मेरे ऊपर.
मैंने दूध खत्म किया और भाभी की टांगों की तरफ आ गया. मैंने अपने दोनों घुटने मोड़े, भाभी की टांगों को चौड़ा किया, उनके घुटनों को आधा मोड़ा और अपने लंड के सुपारे को भाभी की चूत के छेद पर लगा दिया. जैसे ही सुपारा छेद पर लगा, भाभी ने आंखें बंद करके अपने मुंह से सी … सी … की आवाज निकाली.
मैंने भाभी की दोनों चुचियों को पकड़ लिया और नीचे झुक कर उनके निप्पलों को चूसने लगा. सुपारा अभी छेद के ऊपर टिका हुआ था. भाभी ने मेरी गर्दन में अपनी बांहें डाली और मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए.
मैं भाभी के नीचे वाले होंठ को चूसने लगा.
भाभी ने अपनी जीभ निकाली और मेरे मुंह के अंदर डाल दी. मैं भाभी की जीभ को चूसने लगा. भाभी दोबारा चुदास से भर चुकी थी. उन्होंने नीचे से अपने चूतड़ों को एकदम ऊपर उठाकर चूत को लंड के ऊपर मारा, आधा लंड भाभी की चूत में गप से चला गया.
मैंने अपनी दोनों हाथों की कोहनियों को भाभी के साइडों में बेड पर रखा और उनके होंठों को अपने होंठों में लेते हुए कस कर चूत के अंदर ठोक लगाई.
भाभी के मुंह से आह … निकल गई. भाभी की चूत में तुरंत सरसराहट होने लगी. उन्होंने मुझसे कहा- राज, जोर- जोर से करो।
मैंने भाभी के दोनों घुटनों को मोड़कर उनके पांव को अपने कंधों पर रखा और अपने दोनों घुटनों को बेड पर टिका कर उनकी जबरदस्त तरीके से चुदाई शुरू की।
बेड चुदाई के झटकों से जबरदस्त चर चर की आवाज कर रहा था.
तभी भाभी कहने लगी- राज, तुम नीचे आओ, मैं ऊपर आती हूँ.
मैं ऊपर से उतर कर बेड पर पीठ के बल लेट गया, मेरा मोटा और तगड़ा लंड छत की ओर अपना फन फनाता हुआ सुपारा निकाल कर खड़ा था.
भाभी मेरे ऊपर चढ़ी, अपने दोनों घुटनों को मेरे आस पास किया और अपनी भारी मोटी गांड को उठाकर मेरे लण्ड के सुपारे को पकड़कर अपनी चूत के छेद पर सेट किया और धीरे धीरे नीचे बैठ गई. उनके आधे पेट तक मेरा लौड़ा घुस गया।
वो कुछ देर तक बैठी रही. मैंने भाभी की चूचियां मसलनी शुरु की. तभी भाभी ने अपने चूतड़ों को उठा उठा कर जबरदस्त तरीके से मेरी जाँघों पर मारना शुरू किया.
पूरा कमरा उनके थप थप की आवाज से गूंज रहा था. भाभी जोर जोर से आहा … आई … आई … आई … बस हो गया … बस … हो गया … मेरा … आ गया … हाय … राज … हाय राज … मैं … आ गई … हाय … राज … मेरा काम … हो गया. हाय राज मेरी चूत … से पानी … निकल गया!
और कुछ झटकों के बाद भाभी की चूत ने फिर पानी छोड़ दिया.
चूत बिल्कुल लिसलिसी हो चुकी थी.
मैंने झट से भाभी को नीचे बेड पर गिराया और उनकी टांगों को मोड़ कर जबरदस्त तरीके से उनकी चूत में 10- 15 झटके मारे और भाभी की चूत को मैंने अपने लंड से निकले गर्म वीर्य की पिचकारियों से भर दिया. भाभी की गांड के ऊपर से होता हुआ वीर्य और उनकी चूत का रस बेड पर गिरने लगा. हम दोनों ही हाँफ रहे थे.
मैं भाभी के ऊपर बहुत देर तक लंड उनकी चूत में डाले लेटा रहा. भाभी बार बार मेरे गालों और मेरे होंठों को चूम रही थी.
भाभी बोली- वाह मेरे शेर … तुमने तो जीवन सफल बना दिया।
मैं और भाभी ऐसे ही बेड पर नंगे सो गए. सुबह 4:00 बजे जब मेरी आंख खुली तो मैंने भाभी के ऊपर चादर डाली, बाथरूम गया और कपड़े पहन कर ड्राइंग रूम में आ गया. मैंने ड्राइंग रूम के दरवाजे की कुंडी खोली और दीवान पर फिर सो गया.
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