दोस्तो, मेरी यह सेक्स कहानी मेरे जीवन की वास्तविक घटना है और बड़ी ही मजेदार टाइट चूत फक़ स्टोरी है.
मेरे पड़ोस में एक भाभी रहती थी, इसी साल जनवरी में उसकी नई नई शादी हुई थी.
हम दोनों की छत आपस में लगी हुई थी. भाभी की उम्र उन्नीस बीस साल के लगभग रही होगी.
उसके घर में उसके पति के अलावा उसकी सासु और उसकी ननद रहती थीं.
भाभी का ससुर पहले से ही बाहर नौकरी करता था.
शादी के कुछ दिन बाद उस भाभी का पति भी नौकरी पर बाहर चला गया था.
मैं एक दिन अपनी छत पर बन्दर को भगाने चढ़ा तो उसकी छत तक चला गया.
बन्दर भाग गया तो मैं कुछ देर वहीं रुक गया.
भाभी की छत पर लोहे का जाल लगा था.
उस जाल पर बारिश की वजह से पन्नी पड़ी थी जो कि थोड़ी से हटी हुई थी.
पन्नी के जरा से खुले होने से मेरी नजर उसके घर पर पड़ी, तो नजारा देख कर मजा आ गया.
जो नजारा मैंने देखा, मेरी तो आंखें खुली की खुली रह गईं.
उसके घर के अन्दर नया कमरा बना था तो उसमें अभी दरवाजा नहीं लगा था, बस पर्दा लगाया हुआ था.
उस वक्त पर्दा भी खुला था.
जब मेरी नजर पड़ी तो देखा कि भाभी अपनी टांगें खोल कर अपनी चूत से झांटों के बाल साफ कर रही है.
मैं उसे देखता रहा.
फिर उसने अपना पूरा पेटीकोट बिल्कुल अपनी कमर तक कर लिया.
अब ये तो बड़ा मस्त सीन हो गया था.
उसकी चूत इतनी चिकनी दिख रही थी कि मैं एकदम से बौरा गया.
इतनी कोमल चूत मैंने आज तक नहीं देखी थी.
उसके शरीर की बनावट ही ऐसी मस्त थी कि कोई फिल्म की हीरोइन भी उसके आगे कुछ नहीं थी. उसके गोरे गाल, पतली कमर, सेक्सी लुक … आह बड़ा ही दिलकश नजारा था.
मुझसे रहा नहीं गया और मैंने अपने मोबाइल में वो सब कैद करना शुरू कर दिया.
मस्त वीडियो बनने लगा था.
कुछ देर बाद जब उसने रेजर से अपनी चूत के बाल साफ कर लिए तो उसने अपनी चूत को अपने हाथों से मसलना शुरू कर दिया.
वो अपनी गीली चूत में हाथ से थपथपाने लगी.
कुछ देर तक चूत से ऊपर ऊपर से खेलने के बाद उसने अपनी चूत में एक उंगली डाल ली और धीरे धीरे अन्दर बाहर करने लगी.
थोड़ी देर बाद उसने अपनी गांड जमीन पर सही से टिका ली और दोनों टांगें पूरी खोल दीं.
मेरा लंड अपनी उफान पर मचल रहा था और कह रहा था कि चला जा भोसड़ी के … इतनी सुंदर चूत मार ले जाके.
लेकिन मैं मन मार कर रह गया; बस अपने मोबाइल में वो सब सेव करता जा रहा था.
वो अपनी चूत में लगातार उंगली डाल निकाल रही थी.
उसके मुँह से कामुक आवाजें निकल रही थीं- आह आह आह … साला लंड मिल जाता चूत को … तो मजा आ जाता … आह उह.
उसकी आवाजें इतनी तेज आ रही थीं जिससे साफ समझ आ रहा था कि भाभी घर में अकेली है.
यह सुनकर मुझे फिर से लगा कि किसी तरह से नीचे जाकर भाभी को चोद लूं.
भाभी अपनी चूत में अब अपनी उंगली को जोर जोर से अन्दर बाहर करने लगी थी.
शायद वो झड़ने वाली हो गई थी.
उसकी कामुक सिस्कारियां और तेज तेज निकलने लगी थीं- आह आह मम्मी आह मेरी चूत फ़टी जा रही है … उह उह!
बस यही सब कहती हुई वो ढीली पड़ गई और उसकी चूत झड़ गईं.
उसकी चूत से सफेद दही जैसा पानी निकलने लगा.
अब मैं सोचने लगा कि ये अपनी चूत में उंगली करे भी क्यों नहीं, उसकी शादी को अभी कुछ ही महीने हुए थे और उसके बाद उसका पति नौकरी पर गुजरात चला गया था. वो अभी तक नहीं आया था.
कुछ देर के बाद भाभी सही होकर बैठ गई और उसके घर में उसकी ननद के आने की आवाज आई.
भाभी ने जल्दी से अपनी चूत के बाल इकट्ठे किए और नहाने चली गई.
मैं भी अपने घर आ गया.
अब तो मेरी आंखों के सामने उसकी चूत ही नजर आ रही थी.
दिमाग में बस यही सब चल रहा था कि क्या करूं, कैसे इसे चोद दूँ.
मैं उस भाभी के साथ कभी कभार मजाक कर लेता था.
उसकी ननद भी काफी सुंदर थी. वो भाभी से एक साल बड़ी रही होगी.
ननद बी एस सी कर रही थी. वो साली गांव में किसी से सैट नहीं थी मगर उसकी चाल से लगता था कि लंड खा चुकी होगी.
पता नहीं, साली कहां चुदवाती थी.
कहीं तो चुदती ही होगी मगर वो गांव के लड़कों के झांसे में नहीं आती थी.
एक दिन मेरी टीवी सही नहीं चल रही थी. मैं उसके घर रिमोट लेने गया, तो उस समय उसके घर में वो भाभी अकेली थी, उसकी ननद बाजार गई थी.
उसकी सासु अपने रिश्तेदारी में शादी में गई थी.
भाभी घर में अकेली थी.
मैंने कहा- भाभी, अपना रिमोट दे दो, मेरी टीवी सही नहीं चल रही है.
वो मजाक में कहने लगी- तुम्हारे पास रिमोट नहीं है क्या … कहां गया?
मैंने कहा- काम नहीं कर रहा है.
भाभी कहने लगी- लो, तुम्हारा अभी से काम नहीं कर रहा, तो आगे क्या करोगे?
मैं समझ गया कि भाभी मूड में है.
मैंने कहा- नहीं भाभी, वो वाला तो बहुत ताकतवर है.
भाभी इठला कर बोली- कितनी ताकत वाला है?
मैंने कहा- आपकी जो लाल पैंटी है न, उसे भी फाड़ देगा, वो इतना मजबूत है.
भाभी तुरन्त अपनी चूत की तरफ देखती हुई बोली- अरे तुमने कहां से देख ली मेरी लाल पैंटी?
उस समय वो मैक्सी में थी और नहा कर आई थी. भाभी के बाल खुले थे.
मैंने कहा- अरे नीचे क्या देख रही हो भाभी … आपको देखना है क्या?
वो असमंजस में मेरी तरफ देख कर बोली- हां दिखाओ कहां है?
मैंने कहा- देख लेना, मगर किसी को बताना नहीं. कसम खाओ.
भाभी कहने लगी- तुम्हारी कसम, किसी को नहीं बताऊंगी.
मैंने कहा- पहले अपना गेट बंद करो.
भाभी ने एक पल सोचा, फिर गई और गेट बंद कर आई.
वो इतनी सुंदर थी कि उसे देखकर अस्सी साल का बुड्डा भी ज़वान हो जाए.
उसकी गांड चुचियां देखकर मेरा लंड तो पहले से ही खड़ा हो गया था.
मैंने वीडियो चालू करके मोबाइल उसके हाथों में दे दिया.
मैंने वीडियो वहां से चालू किया, जहां से वो अपनी चूत में उंगली डाल रही थी.
वीडियो देखते ही भाभी की गांड फट गई- अरे ये वीडियो तुमने कहां से और कैसे बना लिया?
मैंने कहा- पहले पूरा देखो, बाद में सब बता दूंगा भाभी जी.
मैं उसी के पास सोफे के नीचे बैठ गया.
वो वीडियो देखने में मस्त थी.
इधर मैंने उसकी मैक्सी उठा कर उसकी टांगें खोल दीं.
उसकी संगमरमर सी चिकनी कोमल टांगें इतनी मस्त थीं कि क्या बताऊं दोस्तो!
मैं उसकी टांगों पर हाथ फेर रहा था.
वो बोली- कोई आ जाएगा.
मैंने कहा- बताओ कौन आ जाएगा.
तेरी ननद बाजार गई है, सास शादी में गई है … और कौन है जो आ जाएगा.
इतना बोल कर मैं उसकी जांघों को बिंदास सहलाने लगा.
वो भी कुछ नहीं बोली, बस मोबाइल देखने में लगी रही.
मैंने हाथ ऊपर ले जाकर उसकी चड्डी को किनारे किया और उसकी चूत में उंगली करने लगा.
उसकी चूत इतनी मस्त थी कि क्या बताऊं.
मेरी समझ में यही आया कि शादी से पहले ये एक बार भी नहीं चुदी होगी; उसका कोई बॉयफ्रेंड भी नहीं रहा होगा.
वो सोफे पर सर टिका कर बैठ गई और अपनी चूत पर मेरा हाथ फिरवाने का मजा लेने लगीं.
फिर मैं उसकी चूचियां दबाने लगा.
उसके बाद मैंने उसकी मैक्सी उतार दी.
अगले ही पल उसकी ब्रा पैंटी को अलग कर दिया था और उसे पूरी नंगी कर दिया था.
मुझे इतना सुंदर बदन पहली बार देखने को मिल रहा था.
उसकी चूचियों की टोनियां बिल्कुल सतर्क सीधी खड़ी थीं.
उसके दूध दिखने में सख्त और दबाने में बिल्कुल नर्म थे.
मैंने उसे गोद में उठाया और अन्दर कमरे में ले जाकर बेड पर लिटा दिया.
भाभी कहने लगी- अभी रहने दो, कोई जान जाएगा तो क्या कहेगा. मैंने आज तक ऐसा काम नहीं किया है.
मैंने कहा- देख भाभी, मुझे पता है तूने ये काम नहीं किया है, नहीं तो उस समय अपने पुराने आशिक को कॉल कर सकती थी.
वो बोली- हां मेरा बाप फौजी था. मेरा भाई घर पर मेडिकल स्टोर खोले था. मुझे इतनी इजाजत थी ही नहीं कि घर से बाहर जाऊं.
वह अपनी बकती रही.
इधर मैंने उसे सीधा लिटा दिया.
मैंने कहा- तू उस दिन लंड मांग रही थी न … आज तेरी चूत को लंड मिलेगा.
ये कह कर मैंने भाभी की चूत चाटनी शुरू कर दी.
वो मस्त होकर कह रही थी- आंह क्या कर रहे हो … मेरे पति ने कभी ऐसे नहीं किया.
मैंने कहा- आज तुझे असली मजा आएगा.
मैं उसकी दोनों टांगें ऊपर करके चूत चाटने लगा.
उसके मुँह से आह आह उई उई निकलने लगी.
वो अपने दोनों हाथों से मेरा सिर अपनी चूत पर दबाने लगी और ऐसे दबाने लगी कि मानो मेरा सर अपनी चूत में ही घुसेड़ना चाह रही हो.
अब मुझे उसके होंठ और गाल खाने थे.
मैंने उसे अपना लंड दिखाया और उसके कोमल हाथों में लंड दे दिया.
भाभी- ओ माई गॉड … इतना बड़ा लंड … मेरी तो फट ही जाएगी.
मैंने कहा- साली, लंड से चूत फट रही होती तो औरतें बच्चों को कैसे पैदा करतीं. तुझे कुछ नहीं होगा, न तेरी चूत को कुछ होगा.
मैंने अब तक जितनी भी लड़कियों की चूत चोदी, सब यही बोली थीं कि मेरा लंड काफी मोटा और बड़ा है.
मैंने कभी नापा तो नहीं था पर उस वक्त भाभी के हाथ में नहीं आ रहा था.
मैंने भाभी से लंड मुँह में लेने को बोला.
उसने मना कर दिया. वो बोली- अभी नहीं, अभी मैंने नहा लिया है. मुँह में नहीं, जहां इसे पेलने की जगह हो, वहां करो.
मैंने सोचा कि अभी नई नई है, बाद में सब कुछ सीख जाएगी.
तो मैंने उसे बेड पर लिटा दिया और उसकी चूत बेड के किनारे पर लाकर फैला दी.
मैं जमीन पर खड़ा हो गया.
उसकी चूत का छेद बिल्कुल मेरे लंड के सामने था.
वो बोली- इस मूसल को धीरे धीरे डालना.
मैंने झुक कर उसकी गर्दन पकड़ ली और कहा- तेरे पति का क्या इतना बड़ा मूसल नहीं है.
भाभी कहने लगी- उनका इससे आधा है.
मैंने कहा- सब ऐसे ही बोलती हैं, जिससे चुदती हैं, उसका ही मोटा बताने लगती हैं.
वो बोली- नहीं यार, मैं सच बता रही हूँ.
मैंने उसकी चूत साफ की और उसकी टाइट चूत पर लंड दबाने लगा.
धीरे धीरे भाभी की चूत के अन्दर लंड डालने लगा.
भाभी की दत्ती बंध गई थी और मेरा लंड बड़ा टाइट जा रहा था.
मैंने उसकी चूत पौंछ कर साफ कर दी थी, गीली होती तो आराम से चला जाता.
मुझे पता था कि ये चिल्लाएगी जरूर … इसलिए मैंने चुत फक़ से पहले उसकी दोनों चूचियाँ पकड़ीं और मुँह पर मुँह के करीब लगा कर लंड का जोरदार धक्का लगा दिया.
जैसे ही उसके मुँह से आवाज निकलने को हुई.
मैंने उसकी गर्दन पकड़ कर उसके होंठ अपने मुँह में दबा लिए.
उसी वक्त फुल स्पीड से उसकी चूत में धक्का लगाने लगा.
वो बेहद छटपटाने लगी.
मैं बिना कोई ध्यान दिए लंड पेलता चला गया.
मैं जितनी स्पीड से उसे चोद रहा था, उतनी ही स्पीड से उसके होंठों को चूस रहा था.
उसकी आवाज न निकल पाए इसलिए मैंने उसके होंठ चूस चूस कर लाल कर दिए.
फिर मैंने मुँह हटाया तो वो लम्बी सांस लेकर आह आह करने लगी.
अब मैंने भाभी की एक टांग पकड़ कर अपने कंधे पर रखी और उसकी कमर पकड़ कर उसे चोदना शुरू कर दिया.
उसके मुँह से ‘आह आह उई उई ई मम्मी चूत फाड़ दी … धीरे धीरे चोदो भोसड़ी के … आज ही पूरी फाड़ दोगे क्या … उई उई मम्मी … बहुत दर्द हो रहा … रहने दो अब रहने दो … फिर कभी कर लेना … अब तो तुम मेरे दोस्त हो गए आह साले तुमने मेरी मां चोद दी.’
उसकी गालियों से मुझे जोश चढ़ता जा रहा था.
मैं भी उसे गाली देते हुए चोदने लगा- साली रांड … खा ले भैन की लौड़ी … लंड नहीं मिलता तो चूत में उंगली करती है मादरचोद … अब लंड मिल रहा है तो नखरे कर रही है. आह ले साली कुतिया लंड खा.
मैं दस मिनट तक टाइट चूत फक़ करता रहा और अब मैं झड़ने वाला हो गया था.
उसने भी मेरी कमर कसकर पकड़ ली और खुद ही गांड उठा उठा कर चुदने लगी.
मैंने स्पीड बढ़ा दी और कहा- जल्दी बता … किधर निकालूं बहन चोदी साली चुदक्कड़.
भाभी बोली- साले बहनचोद तुमने ही तो मुझे चुदक्कड़ बनाया. अब जहां तेरी मर्जी हो, उधर निकाल दे … नहाना तो फिर से पड़ेगा ही.
फिर मैंने पूरा वीर्य उसकी टाइट चूत में भर दिया और उसके ऊपर लेट गया.
हम दोनों लंबी लंबी सांस लेने लगे.
मैंने कहा- अब जाने दे.
भाभी कहने लगी- क्या हुआ … चूत मेरी चुदी … गांड तुम्हारी फ़ट रही है.
मैंने कहा- साली तेरी वजह से ही जाने की कह रहा हूँ. मुझे क्या है … मैं तो सारी सारी रात तुझे चोदने को राजी हूँ.
वो हंस दी और मुझे चूमती हुई बोली- सच में राजा, मेरी प्यास बुझा दी तूने!
इसके बाद क्या हुआ, मैं अगली सेक्स कहानी में लिखूँगा.