मेरा नाम जिगनेश पारिख है. मैं अहमदाबाद में रहता हूँ. मुझे चिकनी लड़कियों की चिकनी चूत मारना बहुत अच्छा लगता है. ऐसी कौन सी लड़की होगी जिसे सेक्स करना अच्छा नही लगता होगा. मेरी मौसी का नाम कुहू है. वो कुछ कुछ दिन में मेरे घर आया करती थी. मेरी मम्मी की 2 छोटी बहने है- कुहू मौसी और रिया मौसी. कुहू मौसी अब पूरी तरह से जवान हो गयी. वो 24 साल की चुदने लायक मस्त सामान हो गयी थी. पहले मैं इतना बुरा लड़का नही था. पर मेरे दोस्त ने मुझे कई बार अपनी गर्लफ्रेंड्स की चूत दिलवा दी थी. उसके बाद से मैं हर लड़की को सेक्स और चुदाई की दृष्टी से देखने लगा था.
उस दिन भी कुहू मौसी हमारे घर आ गयी थी. मेरी नानी का घर यही अहमदाबाद में है इसलिए कभी नानी, कभी कुहू मौसी अक्सर हमारे घर आती रहती थी. मैं अब 19 साल का हो गया था. जैसे ही मौसी आई, मेरी नजर उनके जिस्म पर चिपक गयी. उन्होंने सफ़ेद टी शर्ट और लाल स्कर्ट पहन रखी थी. गले में एक छोटा सा सोने का लोकेट था. मेरी बुरी नजर उनकी चूची पर चली गयी. कुहू मौसी के दूध अभी बड़े होना शुरू ही हुए थे. इसलिए जादा बड़े नही थे. पर 30” के तो आराम से होंगे. वो मुझे बच्चा समझती थी. वो सोचती थी की मुझे कुछ मालूम नही है पर मैं कई लड़कियाँ चोद चूका था.
“तुम ऐसे क्या देख रहे हो जिगनेश??” वो पूछने लगी
“टी शर्ट में आपका बदन काफी अच्छा दिख रहा है” मैंने कहा
वो समझ गयी की मैं चुदाई वाली नजर से उनकी तरफ देख रहा था. नीचे उन्होंने लाल स्कर्ट पहन रखी थी. अब कुहू मौसी पूरी तरह से खिल गयी थी और अब उनको किसी मोटे लंड की जरूरत थी. वो हमारे घर रुक गयी. उनके कॉलेज की छुट्टियाँ हुई थी. मैंने उनके बेड के किनारे कुछ सेक्स पिक्स वाली किताबे रख दी थी. अब देखना था की वो उसे खोलती है की नही. एक रात मेरी तरकीब काम कर गयी. कुहू मौसी नंगी तस्वीरों वाली किताब खोलकर देखने लगी. धीरे धीरे उन्होंने अपनी स्कर्ट उतार डाली और चूत में ऊँगली शुरू कर दी. फिर काफी देर तक उगली कर करके उन्होंने अपनी चिकनी बुर का पानी छुड़ा दिया. इस तरह से रोज ही होने लगा.
अगले दिन भी ऐसा हुआ. रात के 11 बजे कुहू मौसी उस किताब की नंगी नंगी चुदाई वाली फोटो देखने लगी और अपनी पेंटी उतारकर 2 2 ऊँगली करने लगी. उनके कमरे की एक खिड़की खुली थी. मैं जल्दी से खिड़की से कमरे में कूद गया. वो मुझे देख नहीं पायी. अपने बेड पर लेटकर नंगी दोनों टांग खोलकर जल्दी जल्दी 2 ऊँगली अंदर बाहर कर रही थी. कुहू मौसी “…..ही ही ही……अ अ अ अ .अहह्ह्ह्हह उहह्ह्ह्हह….. उ उ उ…” किये जा रही थी. उनकी दोनों आँखे बंद थी. उनकी हालत बता रही थी की उनको परम आनन्द मिल रहा था. बिना कपड़ो के वो पूरी तरह से नंगी थी. उसका पूरा जिस्म मैंने कुछ देर देखा और मजा दिया.
“कैसी लगी मेरी किताब???” मैंने पूछा
वो अचानक से हडबडा गयी. आँख खोली तो सामने मैं खड़ा था.
“तुम इतनी रात में कैसे आ गये?? क्यों आ गये हो जिगनेश???” वो कहने लगी
“आपको चुदाई का मजा देने मौसी जी” मैंने कहा
वो डरकर घबराकर अपनी चूत को दोनों हाथ से ढँक ली. मैं अपनी पेंट खोलने लगा. फिर अपनी टी शर्ट उतारकर अपना लंड सहलाने लगा. मौसी की नजर मेरे लंड पर चली गयी. 5” का लम्बा और 2” मोटा रसीला लंड था. मैं उनके पास चला गया बेड पर.
“जिगनेश!! अगर तुम कुछ ऐसा वैसा करोगे तो मैं पुलिस को बुला दूंगी. मेरे पास मत आना” वो कहने लगी
मैंने उनका हाथ पकड़ा और उनकी चिकनी बुर से हटा दिया और जल्दी जल्दी चाटने लगा. वो “..अहहह्ह्ह्हह स्सीईईईइ….अअअअअ….आहा …हा हा सी सी सी” करने लगी. आपको बता दूँ की कुहू मौसी की चूत पूरी तरह से साफ थी. सभी बालो को अच्छे से साफ़ किये हुई थी वो. मैं जीभ निकाल निकालकर चाटने लगा. वो पुलिस बुलाने की धमकी देती रही. फिर समर्पण कर दी.
“तू इतना गंदा लड़का कबसे बन गया जिगनेश??” कुहू मौसी अब हंसकर पूछने लगी
“जिसकी मौसी इतनी सेक्सी और चुदासी लड़की होगी वो भांजा तो बिगड़ ही जायेगा” मैंने कहा और फिर से उनकी चूत पीने लगा
वो बेड पर लेटे हुए दोनों पैर खोल दी और चुस्वाने लगी. मैं उनकी चूत का दाना अच्छे से पीकर उनको जोश दिला दिया. कुहू मौसी “……अई…अई….अई…..इसस्स्स्स्…….उहह्ह्ह्ह…..ओह्ह्ह्हह्ह….” करने लगी. मेरी वासना बढती गयी. फिर मैंने अपनी 2 ऊँगली लेकर उनकी रस से भीगी फुद्दी में घुसा दी और अंदर बाहर तेज तेज करने लगा. वो कांपने लगी. मैंने 100 से अधिक बार ऊँगली अंदर डाली और बाहर निकाली. मौसी चुदने को मरने लगी.
“जिगनेश!! जल्दी से लंड अंदर डाल दे” वो बोली
मैंने ऐसा ही किया. अपने खड़े सख्त हो चुके लंड को पकड़ा और चूत में घुसा दिया. फिर कमर चला चलाकर चोदने लगा. कुहू मौसी की आवाजे और तेज होने लगी. मैं और जल्दी जल्दी कमर हिला हिलाकर उनकी चूत को भोगने लगा. फिर किस वाला सीन किया. मैं लेते लेते ही उनके ऊपर लेट गया. मौसी के हाथो में अपना हाथ देकर मैंने उपर किया और जल्दी जल्दी चूत मारते हुए उनके होठ पर होठ रखने लगा. पहले तो किस करने के मूड में नही थी.
“नही! जिगनेश!! किस नही” वो कहने लगी
पर मुझे तो कैसे भी उनके रसीले होठो का रस पीना था. मैंने उनकी बात नही मानी और आखिर में उनके होठ से अपने होठ जोड़ दिए और मुंह में लेकर चूस डाला. नीचे चुदाई की क्रिया चालू थी. कुहू मौसी की सांसो की खुशबु लेते हुए मैं कमर उठा उठाकर उनकी चूत मारने लगा. वो “अई…..अई….अई… अहह्ह्ह्हह…..सी सी सी सी….हा हा हा…” करती रही. फिर धीरे धीरे मुझसे सब शर्म दूर हो गयी. मुझे अपना बॉयफ्रेंड बनाकर सेक्स करने लगी.
“तुम बहुत स्वीट हो भांजे” वो कहने लगी और मुझे दोनों बाहों में भर ली. उसके बाद नंगी लेटे लेटे खूब चुदवाई वो.
“आप कहो तो बाहर माल निकाल दूँ” मैंने कुछ देर बाद कहा
“नही अंदर ही करो!! अच्छा लगता है” वो बोली और मुझे सीने से चिपका ली.
फिर मैंने 8 10 बड़े बड़े झटके उनकी चूत में मारे और अंत में झड़ गया. मौसी भी पसीना पसीना हो गयी. मुझसे चिपककर फिर से होठो पर किस करने लगी. इस तरह फ्रेंड्स मैंने अपनी सेक्सी मौसी को चोदा. उसके बाद हम दोनों के बीच में अश्लील जोक्स होने लगा. जब कुहू मौसी बैगन वगैराह काटती होती तो मैं कहता “ये वाला बैगन तो आपके लिए सही रहेगा” वो मुस्कुरा देंती. कुछ दिन बीत गये. चुदाई नही हो आई. फिर कुहू मौसी वापिस जाने वाली थी. मेरी नानी की तबियत कुछ ठीक नही थी. उनका फोन आ गया था.
“जिगनेश!! कल मैं जा रही हूँ” मौसी कहने लगी
मेरा तो चेहरा ही उतर गया.
“आज रात मेरे रूम में आयेगा??” वो पूछी
“जरुर” मैं सिर हिलाकर कह दिया
रात के 12 बजे तक सभी लोग सो गये थे. मैं धीरे से दबे पाँव कुहू मौसी के कमरे में चला गया. अंदर जाते ही वो मुझसे चिपक गयी जैसे मेरी गर्लफ्रेंड हों. उसके बाद किस शुरू हो गया. आज वो काली मैक्सी में और भी हॉट दिख रही थी. उन्होंने अपने बड़े बड़े बालो को खोल रखा था इस वजह से बहुत सेक्सी माल दिख रही थी. 10 मिनट से जादा देर तक हम दोनों ने एक दूसरे के होठ चूस डाले. फिर हम दोनों बेड पर जाकर एक दूसरे की बाहों में लेट गये.
“आप चली जाओगी तो कितना गंदा लगेगा” मैंने मुंह बनाकर कहा
“जाने से पहले मैं तेरे सभी अरमान पूरे कर जाउंगी जिगनेश” वो कहने लगी
उसके बाद हम लोगो का मौसम फिर बनने लगा. उनकी काली मैक्सी के उपर से मैंने उनके 30” के दूध को मसलना चालु किया. धीरे धीरे उनको नंगा कर दिया. ब्रा और पेंटी उतरवा दी. कुहू मौसी फुल नंगी हो गयी.
“तू लेट!! आज तेरा लंड चूसन करती हूँ!!” वो कहने लगी
मैं लेट गया. वो ही मेरा तिकोनी फ्रेंची वाली इनरवियर चड्डी उतारी. मैंने अपनी सभी झांट को अच्छे से बना रखा था. मेरी दोनों गोलियां भी पूरी तरह से चिकनी और साफ़ थी. जवान 24 साल की मौसी के हाथ के स्पर्श से लंड टनटना गया. किसी मिसाइल की तरह खड़ा हो गया. वो मेरा बम्बू पकड़ी और मुठ देने लगी. मैं “आऊ…..आऊ….हमममम अहह्ह्ह्हह…सी सी सी सी..हा हा हा…..”करने लगा. वो जल्दी जल्दी मुठ देने लगी. फिर झुककर मुंह में लेकर चूसने लगी. मैं पागल होने लगा. अब कुहू मौसी और तेज तेज चूसने लगी और फुल मजा दे दी. किसी तरह मैं खुद को झड़ने से रोके हुआ था. वो हाथ से बराबर मुठ देती रही.
“आज तेरे लंड की सवारी करूंगी” वो बोली
फिर वो आकर मेरे लंड पर सच मुच में बैठ गयी. और उछल उछलकर झटका मारने लगी. इस तरह से आज नये पोज में चुदाई होने लगी. मैंने उनकी पतली कमर को पकड़ा और चुदने में मदद करने लगा. वो उछल उछलकर सेक्स करने लगी. मेरा लंड अब पूरी गहराई तक उनकी चूत को फाड़ने लगा. आनन्द की कोई सीमा न रही. जब जब कुहू मौसी जम्प मारती उनके दूध उपर नीचे हिलते. मैंने उनके दूध को पकड़ लिया और दबा दबाकर उनकी अच्छी ठुकाई कर डाली. फिर वो लंड से नीचे उतर गयी.
“लेट जाओ मौसी” मैंने कहा
और उनकी चूत को मुंह में लेकर काफी देर चाटा. फिर लंड डालकर फिर से खूब चोदा. वो नीचे रही और मैंने उपर से मिशनरी स्टाइल में चोदा.
“अब आप घोड़ी बनो!! आपकी गांड चोदनी है” मैंने कहा
“नही नही गांड नही” वो इनकार करने लगी
“पर आप तो कह रही थी की आज मेरी हर इक्षा को पूरा कर देंगी” मैंने कहा
वो बेमन से राजी हुई. आजतक उन्होंने कभी गांड नही चुदाई थी. मैंने तेल लेकर उनकी गांड के छेद पर अच्छे से मल दिया और लंड को घुसाने लगा.
“दर्द हो रहा है जिगनेश!!….उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… हूँ..हमममम अहह्ह्ह्हह..अई…अई…अई…..” वो कहती रही
मैंने उनकी एक नही सुनी. ताकत लगाकर 3” लंड मैंने बहुत ही कसी गाड़ में घुसा दी. कुहू मौसी की ऐसी तैसी हो गयी. शायद उनकी आँखों में आंशु आ गये. मैंने गांड मारनी शुरू कर दी. धीरे धीरे 3” लंड में गांड मारी. उसके बाद खुद ही लंड अंदर घुसता चला गया और पूरा 5” अंदर पहुच गया. कुहू मौसी दर्द में मरती रही. घोड़ी बनी रही. पर मैंने भी उनकी गांड चुदाई का अपना सपना पूरा कर लिया. अगले दिन वो नानी के घर चली गयी.