हेलो दोस्तों में फिर हाज़िर हु एक नई फ्री इंडियन सेक्स स्टोरीज के साथ. यह स्टोरी मेरी बीवी निशा की आप बीती है जो की निशा ने लिखी है.. मेरा नाम निशा है. जैसे आप पिछली स्टोरीज में पढ़ चुके हो. में एक नार्मल हाउस वाइफ हु मेरे पति का नाम गौतम है. जो की बहुत अचे है जिन पर में अपनी जान चदकती.मेरे पति मुझे हमेशा खुश रखते है मेरी हर ख्वाहिश पूरी करते है. उन्होंने ही मुझे सेक्स के हर एंगल से इंट्रोडस करवाया.
मेरी उम्र २८ साल है. मेरे पति का कहना है मैं बहुत ही खूबसूरत हु. मेरा फिगर हर किसी लड़के को अट्रेकट करता है.चलो मैं अपनी कहानी पर आती हु. यह बात आज से १ ईयर बैक की है जब मेरी ननद सुमन घर आयी हुई थी. वो जब भी घर आती न जाने क्यों किसी न किसी बात पर गौतम और मेरी हमेशा लड़ाई होती. ऐसा ही उस टाइम भी हुआ.
मेरी आदत है की मैं घर पर मैक्सिमम लौर टीशर्ट डाल कर रखती हु. जो मेरी ननद को चुभने लगा. बिकॉज़ उसकी शादी विलेज में हुई थी सो उसे वहां सेहर जैसे फ्रीडम नहीं मिलती थी. सो वो इस लिए नैरो माइंडेड होने के कारण मेरी सास यानी अपनी मम्मी को भड़काने लगी. उन्हें बोलने लगी की निशा को आप कुछ बोलते क्यों नहीं यह कैसे कपडे डाल कर घूमती रहती है. या मैं मोहल्ले की किसी लेडीज से बात करू तो वो भी उसे न गवार गुजरता. वो मेरी सास को भड़काती रहती.
मेरी सास भी उनकी बातों में आ गयी और उन्होंने गौतम को कुछ कुछ कहने लग गए की तेरी बीवी तेरे कण्ट्रोल में नहीं है. उसको यह नहीं पता घर पर कैसे कपडे पहनाने चाहिए. निशा उनकी बात नहीं सुनती न ही कोई कहना मानती. वैसे गौतम बड़े ही ओपन माइंडेड थे उन्हें पता था की मैं कैसी हु. उनके कण्ट्रोल में हु की नहीं. घर वालो की सेवा करती हु की नहीं. वो सुब जानते थे की मैं एक आइडियल वाइफ हु और मेने हमेशा उनकी फॅमिली को अपनी प्रायोरिटी पर रखा था.
खैर कुछ दिन तो ऐसे ही चले गए गौतम ने मुझे कुछ न बोलै. पर जब हर रोज मेरी ननद एंड सास ने उनके कान भरने लग गए तो एक दिन वो उनकी बातों में आ गए और फ़्रस्ट्रेशन में उन्होंने मुझे बहुत उल्टा सीधा सुनाया. जिस से मुझे बड़ा दुःख लगा.अब यह डेली का काम हो गया डेली मेरी ननद सास गौतम के कान भर्ती और वो डेली मुझ से लड़ते. मैं घर पर अपने आप को बड़ा अकेला फील करने लगी बिकॉज़ मैं अपना दुःख किसी से शेयर नहीं कर सकती थी सुब मेरे खिलाफ थे.
एक दिन ऐसे ही मेरे एक फ्रेंड रमेश का व्हाट्सप्प मेसेज आया जो एक पैन फुल दिल टूटने वाली शायरी थी. “हम वफ़ा पर वफ़ा करते रहे. बस एक यही गुनाह करते रहे. हम उन्हें आबाद पर वो हमें बर्बाद करते रहे.”
तो मेने बड़े भी इमोशनल हो कर रिप्लाई कर दिया. सही से बोला आप ने जिस तुम जितना आबाद करो वो ही तुम्हे बर्बाद करता रहता है. मेरा मेसेज पढ कर वो समझ गया की में अपसेट हु. सो वो पूछने लगा क्या बात निशा आज बड़ी अपसेट लग रही हो?
मैं – हम्म्म्म.
रमेश – क्या हुआ??
मैं – कुछ नहीं.
रमेश – नहीं कुछ तो हुआ है.
मैं – यार मैं बहुत बुरी हु. मुझे कोई नहीं समझता.
रमेश – अरे नहीं नहीं यार. तुम बहुत अच्छी हो. क्या बात हुई?
मैं – यार अच्छी होती तो आज में अपसेट नहीं होती.
रमेश – अरे यार प्लीज अपसेट न हो. मुझे बताओ क्या बात हुई शायद में कोई हेल्प कर सकू.
मैं – नहीं मेरी कोई हेल्प नहीं कर सकता.
रमेश – अरे यार हेल्प न सही कोई न कोई तो एडवाइस दे ही दूंगा जिस से यह प्रॉब्लम दूर हो जाए.
मैं – नहीं रमेश कुछ नहीं. बाद में बात करती हु बाई. यह बोल कर मेने बात फिनिश कर दी.
पर नेक्स्ट डे सुबह अगेन गौतम और मेरी लड़ाई हो गयी. अब मैं बहुत अपसेट हो गयी थी. गौतम के काम पर जाने के कुछ घंटे बाद ही मैं भी घर से निकल गयी. बिकॉज़ अब मेरे लिए घर पर ननद एंड सास के साथ रहना मुश्किल हो गया था.मैं घर से तो निकल गयी पर समझ न आया कहाँ जाओ. अभी सोच ही रही थी की रमेश का व्हाट्सप्प मेसेज आया.
रमेश – हेलो निशा कैसी हो होप प्रॉब्लम सोल्वे हो गयी होगी.
मेसेज पढ़ कर मेने सोचा क्यों न रमेश से ही दुःख साँझा कर लिया जाए. मेरा टाइम भी पास हो जाएगा और दुःख साँझा कर के मेरा दर्द भी कम हो जाएगा.सो मेने रमेश को फ़ोन किया
हेलो रमेश कैसे हो?
रमेश – मैं ठीक हु आप बताओ एवरीथिंग थिंग फाइन?
मैं – नहीं यार बहुत दुखी हु.
रमेश – क्यों क्या हुआ??
मैं – क्या हम मिल कर बात कर सकते है?
रमेश – हाँ क्या नहीं बोलो खूब?
मैं – अभी मैं तुम्हारे घर आ रही हु.
रमेश – ओके ठीक है आ जाओ.
फिर मेने एक्टिवा रमेश के घर की तरफ घुमा दी अप्प्रोक्स हाफ ऑवर के बाद मैं उसके घर पहुँच गयी.मेने घर की बेल बजायी तो रमेश ने आ कर गेट ओपन किया और मुझे अंदर आने को बोलै.मैं घर के अंदर आ गयी. फिर उसने मुझे लिविंग रूम में सोफे पर बैठने को बोला और वो पानी लेने चला गया.
थोड़ी देर में वो पानी लाया.
मेने बोला – क्या बात दीदी नहीं है क्या??
सॉरी मैं बताना भूल गयी रमेश एक शादी शुदा लड़का है एंड घर पर वो अपनी वाइफ के साथ ही रहता है. इसके मदर फादर दोनों एक रोड एक्सीडेंट में डेथ हो गए थे. उसकी एक गुड़िया है एंड उसकी वाइफ का नाम सिमरन जो बहुत ही खूबसूरत है.
रमेश बोला नहीं वो अपने घर गयी हुई है.
मैं – फिर तो मैं गलत टाइम आ गयी.
रमेश – अरे नहीं नहीं कोई प्रॉब्लम नहीं है.
पानी पीने के बाद रमेश गिलास रखने किचन चला गया. फिर कुछ देर में आया और मेरे साथ में बैठ गया और बोला – अब बता निशा क्या बात हुई क्यों अपसेट है?
उसके इतना कहते ही मेरी आँखों से आंसू निकल आये और में रोने लगी. मुझे रोता देख रमेश ने मुझे बैठे बैठे ही गले लगाया और मेरा सर अपने काढ़े पर रख लिया.और बोला – नहीं निशा रो मत प्लीज!
मैं रट हुए बोली – मैं बहुत बुरी हु मुझे कोई नहीं समझता सुब हर बात के लिए मुझे ही गलत ठहराते है.
रमेश – नहीं निशा तुम बुरी नहीं हो सिर्फ वक़्त बुरा है. सुब तुम्हे अचे से समझते है.
मैं – नहीं मुझे कोई नहीं समझता.
रमेश – अच्छा कौन नहीं समझता.
फिर मेने रट रट रमेश को हुग किये किये ही अपनी साड़ी आप बीती सुनाई की कैसे मेरी ननद एंड सास ने गौतम को भड़काया और कैसे गौतम और मेरे बीच झगड़ा हो गया.मेरी बात सुनते सुनते रमेश मेरी कमर को सहलाये जा रहा था. हुग की वजह से मेरे बूब्स रमेश की चेस्ट के साथ पूरे दबे हुए थे.
रमेश का हाथ कॉन्टिनुएस मेरी कमर पर घूम रहा था जिस से मुझे बाड़ी शान्ति सी मिल रही थी. उसका एक रीज़न यह भी था की बात कर के मेरा मैं हल्का हो रहा था.
रमेश मुझे दिलासा दिए जा रहा था की नहीं मैं चिंता न करू यह बस कुछ दिनों की ही बात है जब मेरी ननद चली जायेगी तो सुब ठीक हो जाएगा. ऐसे ही बात करते करते एक वक़्त ऐसे आया की हम दोनों की बात ख़तम हो गयी. बस मैं चुप चाप उसको झप्पी पाए बैठी रही. और वो भी चुप चाप बैठा बिना रुके मेरी कमर सहलाता रहा.
इस तरह चिपके रहने से अब दोनों गरम होने लगे थे. गौतम के साथ लड़ाई की वजह से कई दिन हो गए थे सेक्स करे.
अब मेरे निप्पल कड़क होने लगे और रमेश की चेस्ट में चुभने लगे थे. जिस से रमेश को अनुमान लग गया की मैं गरम हो गयी हु.
कुछ देर और सहलाने के बाद वो मुझ से अलग हो कर सोफे पर से खड़ा हुआ और मेरी तरफ हाथ बढ़ा कर मुझे भी खड़े होने का इशारा दिया. मेने उसका हाथ पकड़ा और आँखे मिलाये बगैर ही खड़ी हो गयी. मेरा खड़े होने पर उसने मुझे अपनी बाहों में ले लिया और फिर से मेरी कमर को सहलाने लगा. इस बार उसका हाथ कमर के साथ साथ मेरी गांड पर भी घूमने लगा.
अब मुझ पर मदहोशी छा चुकी थी. सेक्स के नशे में मेरी आईज बंद होने लगी थी. फिर उसने दोनों हाथो से मेरा फेस पकड़ा और मेरे चेहरे को निहारने लगा. मेने सिर्फ एक सेकंड के लिए रमेश से आँख मिलाई और फिर आईज बंद कर ली. वो बस मुझे निहारे जा रहा था वो मेरे चेहरे के हर बाव को पद रहा था की कैसे में शर्मा रही हु. सेक्स के लिए गरम हो गयी हु वगेरह वगेरह.
उसके निहारने से मैं और गरम होने लगी थी मेरे रेड लिपस्टिक लगे होंठ कभी खुल रहे थे तो कभी बंद हो रहे थे. अब मैं स्मूच के लिए तड़प रही थी.
कुछ पल के बाद आखिर कार मेरी वो तड़प भी पूरी हुई जब रमेश ने अपने होंठ धीरे धीरे मेरे गरम होंठो पर रख दिए. रमेश ने मुझे इस कदर गरम कर दिया था की उसके होंठ मेरे होंठो को छूटे ही मेने स्मूच करना शूरा कर दिया. अब वो भी मुझे पागलो की तरह जोर जोर से स्मूच करने लगा और मेरे होंठो का रास चूसने लगा. और साथ ही साथ मेरे बॉडी पर साथ फेरता कहा कभी कमर पर कभी गांड पर तो कभी बूब्स पर.
कुछ देर स्मूच करने के बाद वो मुझ से अलग हुआ और उसने मेरे कपडे उतारने शुरू कर दिए. सबसे पहले मेरा सूट उतारा और सोफे पर रख दिया.
सूट निकलने की वजह से मैं उसके सामने आधी नागि खड़ी थी मेरी वाइट कलर की ब्रा मेरे बूब्स को छुपाये बैठी थी.
फिर वो झुक कर मेरे पेट पर किस करने लगा और साथ की साथ बूब्स दबाने लगा. फिर उसने मुझे उल्टा किया और कमर पर किस करने लगा. फिर मुझे पीछे से हुग करते हुए अपना हाथ आगे लाया और मेरी सलवार का नाडा खींच दिया जिस से नाडा तक करके खुल गया.
नाडा खुलते ही मेरी सलवार जमीन पर गिर गयी. अब मैं उसके सामने सिर्फ ब्रा पेंटी में थी. मुझे ऐसे देख वो पागल हुए जा रहा था. फिर वो मुझे हुग करता हुआ पास में खड़े ड्रेसिंग के मिरर के सामने ले गया. अब उस लॉन्ग मिरर में हम फुल नज़र आ रहे थे.
अपने आप को मिरर में सेमी न्यूड देख मुझे शर्म आने लगी और मैं घूम कर उलटी हो गयी. अब रमेश को मिरर में मेरी बैक नज़र आने लगी. अब उसने भी अपने कपडे उतारे और अंडररवेअर में आ गया.
फिर वो मुझे हुग कर के अगेन किस करने लगा. फिर उसने अपने हाथ घुमा कर मेरी ब्रा के हुक पर रख दिए. और मिरर में देखते हुए हुक को बड़े प्यार से खोला. हुक खुलने से मेरे बूब्स थोड़ा रिलीज़ फील करने लगे. फिर उसने अगेन मुझे घूमा दिया और मेरा फेस मिरर की साइड कर दिया. और मेरे ब्रा की तानी जो कंधो पर थी उन्हें धीरे धीरे खिंच कर निचे कर दिया जिस से मेरी ब्रा मेरे हाथों से निकलती हुई निचे गिर गयी और मेरे बूब्स दिखाई देने लगे.
मुझे शर्म आयी तो मैं अपने बूब्स को अपने हाथ से छुपाने लगी. तो उसने अपने हाथो से मेरे हाथ पकडे और मेरे हाथ से ही मेरे बूब्स मसलवाने लगा. रमेश मिरर में देख देख मेरे बूब्स मसलवा रहा था और मैं शर्म के मारे मिरर से आईज भी नहीं मिला पा रही थी.
फिर उसने मुझे आगे की और झुका दिया घोड़ी की तरह और फिर खुद निचे बैठ कर धीरे धीरे मेरी पेंटी भी उतार दी. घोड़ी बनी होने की वजह से पेंटी उतारते ही मेरी चूत के लिप्स उसके सामने आ गयी.
मेरी चूत के लिप्स देखते ही वो एकदम एक्ससाईंटेड हो गया. और झट से रमेश ने अपना मुँह मेरी चूत पर रख दिया और लिकिंग करने लगा. उसकी लिकिंग मेरी चूत में तूफ़ान लाने लगी. मुझे ऐसे लगने लगा की कुछ देर रमेश ऐसे ही लिकिंग करता रहा तो मेरा पानी लिकिंग में ही निकल जाएगा.
पर कुछ देर लिकिंग करते ही उसने मुझे चोर दिया और खड़ा हो गया. और फिर रमेश ने अपना अंडरवियर उतार दिया. उसका लंड एक दम सख्त हो गया था. मैं पीछे घूमी और बैठ कर उसके लंड को अपने हाथो में भरने लगी. कुछ देर हाथो का कमल दिखा कर मेने उसके लंड को अपने मुँह में भर लिया और उसे सकिंग करने लगी.
अब मैं बहुत गरम हो चुकी थी मुझे पता था अब मैं सिर्फ २ – ४ झटको की मार हु. २-४ झटको में ही मेरा पानी निकल जाएगा. सो मेने सकिंग में अपना फुल एक्सपीरियंस डाल दिया ताकि वो भी सिर्फ २-४ झटके मार सके और वो भी झड़ जाए.
मेने सकिंग में उसके लंड की हर एक नस को उत्तेजित कर दिया और ऊपर से मिरर व्यू ने काम कर दिया. मिरर में वो मेरे रेड लिपस्टिक लगे माउथ में उसका लंड अंदर बहार जाता देख वो और एक्साइटेड हो चला गया. जब मुझे लगा की अब फल पक गया है तो मैं खड़ी हुई और सोफे पर जा कर लेट गयी. रमेश भी मेरे पीछे पीछे आया और मेरी टाँगे फैला कर मुझ पर चढ़ गया.
मेरी चूत बिलकुल गीली थी जिस वजह से रमेश का लंड पच की आवाज़ कर के १ सेकंड में घुस गया. और वोही हुआ जो मुझे पता था गिनती के ५ पांच ही झटके मारे और वो खाली होने लगा. कहीं वो मेरी चूत में खाली न हो जाए इसलिए वो अपना लंड निकालने लगा. पर मेरा पानी निकालने के लिए एक झटके की और जरूरत थी.
इसलिए जैसे ही रमेश अपना लंड निकालने लगा तो मेने उसका लंड पकड़ कर अंदर घुसा दिया. जिस से रमेश एक जोरदार झटका मार कर अकड़ गया. और उस जोर दार हमले से मेरा भी पानी निकलने लगा.
रमेश के छुम की पिचकार मुझे साफ़ महसूस हो रही थी. फिर रमेश ने अपना लंड बहार निकला तो उसका छूटा हुआ बहुत सारा वीर्य मेरी चूत से बहने लगा..मैं कुछ देर ऐसे ही लेटी रही.
फिर जब कुछ देर में मुझे होश आया की सेक्स के नशे में यह क्या कर बैठी. और रमेश ने भी जो कन्धा मुझे रोने को दिया उन्ही कंधो पर मेरी टाँगे रख दी.
मेने अपने कपडे पहने और रमेश से बिना नज़र मिलाये बोली की.. यह जो भी हुआ बहुत गलत हुआ. मुझे अब चलना चाहीये.. और मैं वहाँ से निकल गयी.
रमेश मुझे गेट तक छोड़ने आया पर मेरी हिमत ही न हुई उस से नज़र मिलाने की. और फिर मेने एक्टिवा स्टार्ट की और घर आ गयी.
कुछ दिन घर में वोही चिक चिक चलती रही पर अब मैं रिलैक्स थी जिस वजह से मुझे ज्यादा बुरा फील नहीं हो रहा था. कुछ दिनों बाद जब ननद चली गयी तो सुब कुछ नार्मल हो गया.